Prehistoric Sites in India PDF

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This document lists important prehistoric sites in India, categorized by region and period. It details key findings like the use of tools and the development of early settlements. The document also mentions the existence of early human civilizations and their development.

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सोन/ सोहन - पंजाब गुफा/ चट्टान का आश्रय बेलन घाटी - उत्तर प्रदेश दिदवाना - राजस्थान खाद्य उत्पादक बन गये नेवासा -...

सोन/ सोहन - पंजाब गुफा/ चट्टान का आश्रय बेलन घाटी - उत्तर प्रदेश दिदवाना - राजस्थान खाद्य उत्पादक बन गये नेवासा - महाराष्ट्र निम्न/ प्रारं भिक पाषाण काल लोगों के पास संपति होने लगी हुनसगी/ हुसंगी - कर्नाटक कला भीमबेटका - (MP भोपाल से 45Km ) पहलगाम - कश्मीर मिट्टी के बर्त्तन काला एवं लाल रं ग में पहली बार शतुरमुर्ग के साक्ष्य पटने - महाराष्ट्र मेहरगढ़ ( ब्लूचिस्तान ) धन एवं फसलों के साक्ष्य FLAKE तकनीक मध्य पाषाण काल पाषाण काल (Paleolithic ) हड्डियों के हथियार शिकार एवं भोजन एकत्र करना समाधि कश्मीर घाटी बुर्जहोम - श्रीनगर से 16 Km पश्चिम Pleistocene का अंतिम चरण नवपाषाण काल (Neolithic ) घरे लू कु त्ते को उनके मालिक के साथ दफनाया जाता था । मानव झील के किनारे रहते थे Homosapiens की उपस्थिति गुफकराल - श्रीनगर से 41 Km दक्षिण पश्चिम means Cave of potter चकमक पत्थर का उपयोग उच्चपाषाण काल बिहार - चिरांद हड्डियो के हथियार इनामगांव - महाराष्ट्र सनगनकल्लु नेवेदा - महाराष्ट्र क्षेत्र बहगिरी दिदवाना - राजस्थान कर्नाटक मस्की बाजरे की खेती गुफा/ चट्टान का आश्रय भीमबेटका - मध्य प्रदेश उत्तर पाषाण युग/ माइक्रोलिथिक युग पिकलिहल गर्म जलवायु : वनस्पति एवं जीव में वृद्धि पाषाण युग स्थलें हल्लूर उत्तर प्रदेश - इलाहाबाद आग एवं छोटे पत्थरो के औजारों का उपयोग बुदिहाल लाँघनाज - मेहसाना गुजरात Mesolithic मध्य पाषाण युग उतनूर भीमबेटका - भोपाल मध्य प्रदेश आंध्र प्रदेश नागार्जुनकोंडा चौपानी मंडो - इलाहाबाद उत्तर प्रदेश भीमा, कृ ष्णा, तुंगभद्रा नदी के आसपास वीरभानपुर - बर्दवान पश्चिम बंगाल तमिलनाडु - पल्यमपल्ली और कावेरी क्षेत्र पशुओं को पालतु बनाने का प्रारं भिक साक्ष्य बागोर - राजस्थान बेलन घाटी - कोल्डिहवा और महगरा संगनकल्लु - कर्नाटक मेघालय - गारी पहाड़ियाँ तूतीकोरीन - दक्षिणी तमिलनाडु डोआजली हेडिंग - असम Jedeite पत्थर अदमगढ़ - मध्य प्रदेश तुर्कि ये में कै टल हुयुक प्रथम मानव प्रोटे शहर मानव द्वारा खोजी गई प्रथम धातु - तांबा जोरवे रूरल समुदाय नेवासा तथ्य देइमाबाद दफन होता था घोड़ा एवं पके ईटों की जानकारी नही पश्चिमी महाराष्ट्र Jorwe सभ्यता चंदौली इनामगांव नासिक नावदाटोली आहाड़ शुरुवाती स्थलें दक्षिण - पूर्व राजस्थान बनास घाटी गिलुंड मालवा पश्चिमी मध्य प्रदेश क्याथा ताम्र युग इरान (eran ) ताम्रपाषाण युग चिरांद बिहार पूर्वी भारत बर्दवान लाल एवं काला रं ग में पश्चिम बंगाल मिट्टी के बर्तन Midnapore मिदनापुर रं गीन ohre प्रत्येक पंक्ति में 6 अन्न भंडार 1921 पंजाब हड़प्पा ताबूत दफन दयाराम साहनी रावी सिन्धु नदी के पास गोपाल मजुमदार सिंध नामकरण - ASI के निदेशक John Marshall द्वारा चहुनदड़ो भारत - पंजाब , हरियाणा , राजस्थान , और पश्चिमी UP शहरी सभ्यता फै ला हुआ दुर्ग के बिना शहर सिंधु पकिस्तान - पंजाब , सिंध एवं बलूचिस्तान देवी माँ की मिट्टी की मूर्ति कांस्य की नृत्य करने वाली लड़की त्रिभंग मुद्रा (नृत्य रूप ) R.D. Banerjee सिंध North - Manda (J&K) उत्तर - मांडा ( J&K ) मोहनजोदड़ो पूर्व - आलमगिरपुर (UP) विस्तार पश्चिमी - सुत्कागेंडोर ( बलूचिस्तान ) महान स्नानागार एवं अन्नागार - Steatite दाढ़ी वाला आदमी सबसे बड़ा शहर सिंधु दुर्ग (Citadel / Acropolis ) दक्षिण - दैमाबाद (महाराष्ट्र ) नगर दो भाग मे संयुक्त/ युग्मित समाधि टेराकोटा जहाज प्राचीन बंदरगाह गुजरात निचला शहर लोथल ग्रिड प्रणाली अग्नि वेदी जहाज बनाने का स्थान भोगवा नगर नियोजन जल निकासी व्यवस्था - 7 अग्नि वेदी जोते हुए खेत काली चूड़ियाँ राजस्थान गबरबंद/ नाला - बलूचिस्तान में जल संचयन के लिए काली बँगा कपास/ सिंडन का उत्पादन करने वाली प्रथम सभ्यता सभी घरों में अपना कुँ ए हल घगगर इसमें जानवर - भैंस, हाथी, बाघ , हिरण और राइनो/ Pashupati Seal यूनिकॉन एक सिंग वाला जानवर तटीय क्षेत्र सुरकागेंडोर/सिरकोटदा प्रौद्योगिकी एवं शिल्प घोड़े की एक हड्डी स्थलें कांस्य उपकरण मिला विशाल जलाशय गुजरात स्टीटराइट एवं टेराकोटा से बना मुहरों के साक्ष्य के माधयम सें धोलावीरा सिंधुघाटी सभ्यता मेसोपोटामिया ( इराक) के साथ व्यापार लोहे से अनभिज्ञ पेशा - कपड़ा, ईंट बनाना , नाव बनाना, मनका/ आभूषण 3 भाग में विभाजित साक्ष्य - हड़प्पा की मोहरें वहाँ मिली बनाना भारत में सबसे बड़ा स्थल हरियाणा व्यापार उन्होंने हड़प्पा सभ्यता कहा - मेलुहा जेडाइट पत्थर - दाओजली हेडिंग (असम) राखीगढ़ी वजन मापना - 16 के गुणज में सोने के आभूषण - कर्नाटक से लाया हुआ टेराकोटा पहिए एवं खिलोने घग्गर वस्तु विनिमय प्रणाली का प्रयोग मिट्टी के बर्तन एवं बर्तन का पहिया मिला हरियाणा Lapis Lazuli (blue stone) का व्यापार भिड़ाना लिंग (Phallus ) - पुरुष जननांग अंग सबसे पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता क्षेत्र लिपि (Script ) योनी (Yoni ) - महिला जननांग अंग R.S. Bisht हरियाणा धार्मिक परं पराएँ पशुपति , पेड़ , जानवर एवं धरती माता लिपी चित्रात्मक थी ( चित्र के रूप में) बनावली भूतों पर विश्वास बास्ट्रोफे डन (Baustrophedon ) लिपि ग्रिड पैटर्न का अभाव घग्गर भैस ,बकरी , भेड़, बैल , सूअर कु त्ते की समाधि राजनीति गधे एवं ऊँ ट - वाहको के लिए रोपड़ जानवरों को पालना कोई मंदिर नही गाय एवं घोड़े से अनजान अंडाकार दफन का गड्डा व्यापारी समुदाय का प्रभुत्व शायद व्यापारी वर्ग द्वारा शासित हाथी से पहचान उत्तर प्रदेश सनौली विस्तारित समाधि प्राचीनतम लेख आर्यों ने पंजाब से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बिहार तक विस्तार किया यह भगवान द्वारा प्रदत् अपोरूषेय हैं। विस्तार संभवतः हुआ - लोहे के हथियार एवं घोड़े के कारण संहिता - भजनो/ ऋचाओं का समूह ; पैरा में श्लोक आजीविका का मुख्य साधन बाह्मण - वेदों का अंत - बलिदान और अनुष्ठात हिमवंत - हिमालय विरही - चावल कृ षि उपशाखा अरण्यक - साधु (जंगल में निवास ) अमुंजवत - हिंदुकु श लकड़ी के हल (rular) उपनिषद/ वेदांत - ज्ञान का ग्रहण , ( कु ल - 108 ; मुख्य - Indus - सिंधु 10 ) के न्द्रीकरण की शुरुवात झेलम - विस्तता सबसे पुराना एवं बड़ा सभा - महिलाओं को अनुमति नहीं थी चिनाब - अस्किनी पुराना नाम 10 मंडल ' दू सरा - 7वाँ मूल रूप से बनाये गये। समिति राजनीति रावी - पोरुषिनी 1028 भजन ( होत्री द्वारा गाये गये ) 10600 श्लोक Vidatha - Ended उत्तर वैदिक देवता - इंद्र , विष्णु , वरुण व्यास - विपाशा बलि - राजा को स्वेच्छिक भेंट सतलुज - शुतुद्रि ऋगवेद गायत्री मंत्र - 3rd मंडल में बाह्मण - प्रभुत्वशाली Saraswati - Saraswati भगवान सोम - 9th मंडल में (ग्रहों के देवता ) क्षत्रिय - शासन एवं रक्षा करना वेद वर्ण व्यवस्था 4 वर्ण - बाह्मण , क्षत्रिय , वेश्य , और शुद्र बाह्मण मुँह से वैश्य - व्यापार क्षत्रिय - भुजाओं सें पेशा पर आधारित शुद्र - सेवक पुरुष सुकता - 10 वें मंडल में वैश्य - जाँघों से बाल - विवाह नही महिलाओं की स्थिति ठीक नही समाज शुद्र - पैरो से विधवा विवाह - नियोगी समाज गोत्र ( वंश ) प्रणाली का उदय मंत्रोच्चार की धुनें शामिल पितृसत्तात्मक समाज आश्रम , बाह्मचर्य , गृहस्थ, वाणप्रस्थ , सन्यास वैदिक युग सामवेद चंडोज्ञ (Chandogya ) गाय (अधन्या) - धन का निर्णायक भूरे रं ग के मिट्टी के बर्तन मिट्टी के बर्तन उपनिषद् के ना (Kena ) गायों का युद्ध - गविष्टि शुकल - शतपत् शम्मिल द्वितीय खंड में ऐच्छिक राजशाही - वंशानुगत प्रारं भिक वैदिक/ ऋगवैदिक युग कृ ष्ण - बाह्मण (सबसे बड़ा ) यजुर्वेद सभा - कु छ विशेषाधिकारप्राप्त लोगों का समुदाय बृहदारण्यक - प्राचीनतम उपनिषद् उपनिषद समिति - सामान्य लोगों का समुदाय राजनीति कथा - नचिके ता की कहानी विधाता (Vidatha ) धार्मिक लोगों का समुदाय जादुई सूत्रों का वेद समाख्या - कल्पना पुरोहित अर्थर्वेद 20 खंड न्याय - गौतम ( वैज्ञानिक दृष्टिकोण ) सेनानी - सेना प्रमुख अधिकारियों की रै किं ग मण्डू क - सत्यमेव जयते लिया गया वैशेषिक - कन्नड़ ( परमाणु ) उपनिषद ग्रामणी - ग्राम प्रधान महा उपनिषद - वसुदेव कु टुंबकम ( पूरा विश्व एक परिवार दर्शनशास्त्र शिक्षा - स्वर विज्ञान का अध्ययन है। ) योग - पंतजलि पूजा - प्रकृ ति , पृथ्वी , इंद्र, अग्नि , सोम , वायु कल्प - अभ्यास का अध्ययन (रीटा) उत्तर मीमांसा - बदरायण रूद्र - जीवों की पूजा व्याकरण - व्याकरण का अध्ययन अदिति - देवताओं की माताएँ धर्म पूर्व मीमांसा - जैमिनी वेदांग (Vedangas ) निरुक्त - व्युपत्ति शास्त्र का अध्ययन सावित्री - गायत्री मंत्र रसे समर्पित है ज्योति - प्रकाश का अध्ययन कोई पशु पूजा नही छं द - काव्यात्मक विषयों का अध्ययन गेरुआ रं ग के मिट्टी के बर्तन मिट्टी के बर्तनों Total - 24 चंद्रगुप्त मौर्य जैन धर्म के संस्थापक बिंदुसार साहित्य - प्राकृ त भाषा में जन्म - अयोध्या संरक्षक 1st - रिषभदेव बिंबिसार प्रतीक - बेल सम्यक ज्ञान अजातशत्रु वेदों में वर्णित मोक्ष - 3 सिद्धांत सम्यक दर्शन वेदों में उल्लेख 22nd - अरिष्टनेवी जैन दर्शन सम्यक चरित्र जन्म - वाराणसी अहिंसा - हिंसा नही 23rd - पाशर्वनाथ प्रतीक - सर्प सत्य - सत्य बोले मुख्य संस्थापक प्रतिज्ञा/ जीवन जीने के सिद्धांत अस्तेय - चोरी नहीं करें वस्त्र धारण नही प्रतीक - सिंह बह्र यौन रूप से एक निष्ठ दिगांबर चंद्रगुप्त मौर्य एवं भद्रबाहु श्रवणबेलगोला कर्नाटक गये जन्म 540 BC कुं डग्राम, वैशाली , बिहार अपरिग्रह - भौतिक वस्तुओं , लोगों और स्थान सल्लेखाना - उपवास से मृत्यु से अलग हो जाना मृत्य/ मोक्ष - 468BC पावापुरी, बिहारशरीफ , बिहार तीर्थंकर भाग सफे द कपड़ा पहनाना पिता - सिद्धार्थ जनतक्रिय वंश ( क्षत्रिय ) श्वेताम्बर स्थूलभद्र माँ - त्रिशाला कारण - मगध में अकाल पत्नी - यशोदा 24th - वर्द्धमान महावीर 12 अंग संकलित 1st - 298 BC, बेटी - अनोजा प्रियदर्शनी बिंदुसार द्वारा आयोजित स्थूलभद्र - अध्यक्षता की प्रथम शिष्य जमाली ( दामाद ) परिषद/ संगीति 2nd - वल्लमी गुजरात में गृहत्याग - 30 साल की उम्र में आत्मज्ञान/ कै वल्य - 42 की उम्र में साल वृक्ष के नीचे जैन धर्म जम्बिका ग्राम रिज्जुपालिका नदी गोमतेश्वर/ बाहुबली की मूर्ति , श्रवणबेलगोला कर्नाटक प्रथम उपदेश - पावा हाथीगुम्फा गुफा खारवेला उड़ीसा जैन वास्तुकला इसे जितेंप्रिय और के वलिन ( पूर्ण विद्वान ) भी कहा जाता है। उदयागरी एवं खानदिगिरी - उड़ीसा Rock cut गुफा मंदिर बसादी - जैन मठ दिलवारा जैन मंदिर - माउंट आबू राजस्थान वस्तुपाल भाइयों द्वारा निर्मित जन्म - 623 BC नालंदा - कु मार गुप्ता 1 ( बिहार) लुंबिनी , नेपाल के सरिया - बिहार (सबसे बड़ा) विश्वविद्यालय विक्रमशिला - धर्मपाल ( बिहार) मृत्यु - 483 BC धमेक - सारनाथ UP कु शीनगर उदांतपुरी - गोपाल रामभर - कु शीनगर UP स्तूप पिता शुद्धोधन ( शाक्य वंश ) सांची मध्यप्रदेश माता - महामाया चैव्य - प्रार्थना स्थल महाप्रजापति (सौतेली माँ ) ( पहली भिक्षुणी ) गौतिमी बोरोबुदुर - इंडोनेशिया विहार - निवास स्थान पत्नी - यशोधरा शर्ते Dhamma धम्म बेटा - राहुल स्तूप बुद्धचरित - अश्वघोष गौतम बुद्ध गृह त्याग - 29 वर्ष की अवस्था में संस्कृ त में पाठ जातक कहानी - बुद्ध का पिछला जन्म 1st - अलारा कमारा सुत्त पिटक - शिक्षणगत कथाएँ गुरु 2nd - उद्रक रामपुत्र त्रिपिटक विनय पिटक - अद्वैतवादी एवं संहिता पाली भाषा में पाठ आत्मज्ञान - उरुबेला , बोध गया बोधी वृक्ष के नीचे, निरं जना अभिधाम पिटक - सूत्तपिटक का व्याख्या नदी मिलिड पन्हो - मिलिंड और नागसेना पहली उपदेश - सारनाथ मूर्ति पूजा नही हिनयान कमल - जन्म पाली भाषा का प्रयोग घोड़ा - गृह त्याग/ महाभिनिष्क्रमण मूर्ति पूजा 480BC प्रतीक बोधी वृक्ष - आत्मज्ञान/निर्वाण संंस्कृ त भाषा का प्रयोग महायान संप्रदायों अजातशत्रु 1st - राजगृह पहिया - प्रथम उपदेश/ धर्मचक्रपरिवर्तन बोधिसत्व दुःख का सत्यः संसार दुःखो से भरा हैं। महाकश्यप Stupa - Death तौत्रिक बौद्ध धर्म वज्रयान दुःख का सत्य कारण - इच्छा बौध धर्म 383BC कालासोक 2nd - वैशाली सम्यक दृष्टि सबाकमी सम्यक संकल्प सम्यक वचन 250BC संगीति (Council ) अशोक 3rd - पाटलीपुत्रा ससम्यक कर्म दर्शन दुःख के सत्य का अंत - 8 अष्टांगिक मार्ग मोगलीपुत्र तिस्सा सम्यक आजीविका 72AD सम्यक व्यायाम कनिष्क सम्यक स्मृति वसुमित्र 4th - कश्मीर सम्यक समाधि बोद्ध धर्म 2 भाग में बँट गया दुःख के अंत की ओर ले जाने वाले मार्ग की सच्चाई - महायान एवं हीनयान अनुसरण करें मुंगेर एवं भागलपुर चंपा अंग राजगीर/ पाटलीपुत्र गया और पटना मगध या तो राजशाही या गणतंत्र (बहुविकल्पीय निर्णय निर्माता ) बनारस वाराणसी काशी कु ल - 16 गणतंत्र जनपद - कु रू , कं बिजा, वज्जी , मल्ला , असाका इलाहाबाद कौशाम्बी वत्स पूर्वी उत्तर प्रदेश सरस्वती/ अयोध्या कौशाला महतुरा मथुरा सूरसेना संस्कृ त पश्चिमी उत्तर प्रदेश अहिच्छत्र एवं काम्पिल्य पंचाल महाजनपद अष्टाधायी - पाणिनी द्वारा 40 जनपदों का उल्लेख मेरठ एवं दक्षिण-पूर्व हरियाणा इंद्रप्रस्थ कु रु अंगुतरनिकाय 116 (महाजनपद ) जनपद उल्लेख बौद्ध साहित्य जयपुर विराटनगर मतस्य दीघनिकाय ( 12 महाजनपद ) बुंदेलखंड सोठीवाटी/ बांदा चेदि/ चेतिया जैन साहित्य भगवती सूत्र मध्य प्रदेश एवं मालवा उज्जैन/ महिष्मती अवंति रावलपिंडी तक्षशिला गंधार अंग - कर्ण (अंगराज ) राजोरी एवं हाजरा (कश्मीर) पुंछा कं बोज वाराणसी - वरुण + अस्सी (नदी) गोदावरी के किनारे प्रतिष्ठा/ पैठन/ पोताना अस्माक तथ्य उज्जैन - क्षिप्रा नही वैशाली वैशाली वज्जी वज्जी - 8 वेशों का संयोजन (जैसे - जनत्रिका, विदेह , लिच्छवि ) देवरिया एवं उत्तर प्रदेश कु शीनरा मल्ला अंग को हराया लाभप्रद स्थिति प्रसेनजित की बहन (कौशल राजा का पुत्र) राजगृह (5 पहाड़ियों से घिरा हुआ) बिंबिसार राजधानी विस्तार के कारण (544-492 BC) कू टनीतिक रूप से - 3 पत्नियाँ चेलाना (लिच्छवि ) पाटलिपुत्र (गंगा और सोन के संगम पर स्थित ) मदरा वंश (पंजाब) बड़ी संख्या में हाथी की उपलब्धता अपने चिकित्सक जीवक को (पीलिया से पीड़ित) उज्जैन भेजा। महान् नेताएँ लिच्छिवि को हराया हर्यक वंश कोशल को पराजित किया (राजा की बेटी से विवाह किया) उत्तरी ब्लैक पॉलिश्ड-वेयर मिट्टी के बर्त्तन अजातशत्रु (चेलाना का बेटा ) अपने पिता को मारा पंचचिह्नित चांदी का सिक्का - निश्क/सतमना प्रथम बौद्ध परिषद को संरक्षण दिया मगध साम्राज्य युद्ध इंजन का उपयोग करके वैशाली को हराया कारीगर और व्यापारी - गिल्ड/श्रेनिस (Shrenis ) शिल्पकला वंशानुगत थी उदयिन अपनी राजधानी को पाटलिपुत्र स्थानांतरित किया वंश शिशुनाग अवंती को हराया और मगध में विलय कर लिया लोहे का हल- कृ षि आधिक्य (surplus ) समाज शिशुनाग वंश बली - भगवान को अनिवार्य अर्पण कालासोक द्वितीय बौद्ध संगीति का संरक्षण किया धनी किसान गृहपति महापद्मनंद एकराथ टिटेल (Ekrath titel ) (अर्थ - साम्राज्य निर्माता) नंद वंश किसान अपनी उपज का 1/6 भाग कर अदा करते हैं धनानंद सिकं दर ने भारत पर आक्रमण किया (326 ईसा पूर्व) पद गाँव प्रधान - भोजका/ ग्रामीणी मौर्य वंश चंद्रगुप्त मौर्य सीमा शुल्क कर संग्रहकर्ता शैलिका/शुलकाध्यक्ष कौटिल्य की मदद से धनानंद को हराया 322 BC चंद्रगुप्त मौर्य ( संस्थापक ) सेल्युकस निके टर को हराया बेटी - हेलेना चंद्रगुप्त मौर्य का संबंध - मुद्राराक्षस - वृषल/ कु लहिना (निम्न वंश ) यूनानियों द्वारा अमित्रोचेट्स (Amitrochates ) king - राजा उत्पत्ति पुराण - शुद्र बिंदुसार जूनागढ़ शिलालेख - वैश्य संरक्षण आजीविका सचिव - अमात्या अर्थशास्त्र - कौटिल्य/ चाणक्य/ विष्णुगुप्त 12 साल शासन क्षेत्र - जनपद मुद्रा राक्षस - विशाखदत्त (गुप्त वंश ) शासक किला - दुर्ग सप्तांग सिद्धांत - शासन के लिए 7 तत्व (कौटिल्य द्वारा ) स्रोत कलिंग पर कब्जा (261BC) इंडिका - मेगास्थिनिज ( यूनानी यात्री ) अशोक बौद्ध धर्म अपनाया खजाना - कोष बौद्ध साहित्य - जातक ,दीपवंश / महावंश, दिव्यदम बेरिघोष ( भौतिक विजय) के स्थान पर धम्मघोष ( सांस्कृ तिक Army - सेना विजय ) दोस्त - मित्र अंतिम शासक - बृहद्रथ ( पुष्यमित्र सुंगा द्वारा हराया गया ) दीवानी ( civil) - जेम्स प्रिंसेप - सबसे पहले समझने वाले धर्मस्थीय न्यायालय - (व्यवहारिका) 2 प्रकार के कोर्ट प्राकृ त भाषा - ब्राहणी एवं खारोष्ठी लिपि आपराधिक - कं टकशोधन न्यायालय - (प्रदेष्ठा ) प्रमुख ( Major) - 14 3 भाषा एवं 4 लिपियाँ ग्रीक भाषा - ग्रीक लिपि 4 वर्ण प्रशासन अरामिक (Aramaic ) भाषा - अरामिक लिपि इंडिका - 7 वर्ग , गुलामी नही था समाज मौर्य साम्राज्य चट्टान देवानामि पियादशी - अशोक ( देवों का प्रिय ) सेना में महिलाएँ ऊँ चे पदों पर सन्निधाता - मुख्य कोषाधिकारी मस्की कर्नाटक कर - 1/4th - 1/6th गुर्जर - मध्य प्रदेश समाहर्त्ता - राजस्व के कलेक्टर जनरल बाली - लुम्बनी के लोगों के लिए नही आर्थिक स्थिति लघु (Minor ) - 15 अशोक के बारे में उल्लेख ब्रह्मगिरि गोप - लेखा/ खाता के लिए जिम्मेवार भोग - कृ षि कर नित्तुर अक्षपटला - महालेखाकार पश्चिम - भरूच, सुपारा कु ल - 7 बंदरगाह नगरका - नगर प्रभासन के लिए पूर्व - ताम्रलिप्ति प्राकृ त भाषा - ब्राह्णी लिपि सीतादक्ष - कृ षि के लिए जिम्मेवार अधिकारी समष्ठाध्यक्ष - बाजार के लिए जिम्मेदार स्तंभ दिल्ली तोपरा पिलर शिलालेख - सिर्फ 7 शिलालेख के साथ अशोक के स्तंभ लौरिया अरे राज (बिहार) नवाध्यक्ष - जहाजों के लिए जिम्मेदार शुल्काध्यक्ष - टोल टैक्स के लिए जिम्मेदार लौरिया नंदराढ़ (बिहार) धम्म महामेत्र - यह जाँचने के लिए कि धम्म का पालन हो रहा साँड - संसद है या नहीं (अशोक द्वारा) राजधानी हाथी नगर पालिका प्रशासन - 6 समिति - 5 सदस्य प्रत्येक में मेगास्थिनिज के अनुसार शेर - वैशाली सेना - ( 6 कमिटी - 5 सदस्य प्रत्येक में ) बाराबार चोटी गुफा - बिहार ( बौद्धों के लिए अशोक द्वारा ) लोमास ऋषि गुफा - बिहार नागार्जुनी गुफा - बिहार ( दशरथ मौर्य द्वारा ) इन्हें युएझिस/ टोचरियन (Yuezhis / Tocharians ) कहा पुष्यमित्र शुंग ( संस्थापक ) जाता हैं। राजधानी विदिशा (मध्य प्रदेश) राजधानी - पेशावर तब मथुरा हिंदू धर्म का पालन देवताओं के पुत्र , राजाओं के राजा बौद्ध धर्म का संरक्षण - बारहुत स्तूप ( मध्य प्रदेश ) कडफिसेस (Kadphises )- प्रथम राजवंश शुंग राज?