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These class notes provide a summary of the Mahajanapadas of ancient India, covering topics like their rise, factors, features and the growth and decline of Magadha. They also discuss the shifting of political centers in the region.
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अध्याय 5 :- प्राचीन भारत के महाजननद "महाजनपद कुलीनतंत्रीय गणराज्यों के 16 राज्य थे जो 6ठी से 4थी शताब्दी ईसा पूर्व दूसरे शहरीकरण युग के दौरान प्राचीन भारत में रहते थे।" 1) जननद का उ य...
अध्याय 5 :- प्राचीन भारत के महाजननद "महाजनपद कुलीनतंत्रीय गणराज्यों के 16 राज्य थे जो 6ठी से 4थी शताब्दी ईसा पूर्व दूसरे शहरीकरण युग के दौरान प्राचीन भारत में रहते थे।" 1) जननद का उ य 4) सोलह महाजननद 5) मगध का विकास और दतन 2) महाजननद ों के उ य के कारक (684 ईसा दूिव - 320 ईसा दूिव) 3) महाजननद ों की विशेषताएं 6) वि ेशी आक्रमण Chapter 5 :- The Mahajanapadas of Ancient India “The Mahjanapadas were 16 kingdoms or oligarchic republics that lived in ancient India during the 6th to 4th centuries BCE during the second urbanization era.” 1) RISE OF 4) SIXTEEN JANAPAD MAHAJANAPADAS 2) FACTORS FOR THE 5) GROWTH AND DECLINE RISE OF MAHAJANAPAD OF MAGADHA (684 BCE - 320 BCE) 3) FEATURES OF 6) FOREIGN INVASION MAHAJANAPADAS 3) गणतंत्र के उ य के दीछे उ य है :- 5.1) जननद का उ य कृवि और युद्ध में लोहे का व्यापक उपयोग :- इससे क्षेत्र में बडी बस्तियााँ बसीं। 1) जनपद, का अर्थ है "लोग" और "पैर"। नई कृवि अर्थव्यवस्था का उदय 2) जनपद वैददक भारत के प्रमुख राज्य र्े। बडी बस्तियों (शहरों) का ववकास 3) छठी शताब्दी ईसा पूवथ तक, संभवतः 22 अलग-अलग जनपद र्े अचधशेि उत्पादन उदाहरण - पंचाल, कोशल, काशी, सुरसेन, ववदेह (शासकों युद्ध कला का ववकास नकया के नाम पर)। 4) समय के सार्, कुछ जनपद महान क्षेत्रीय ननयंत्रण प्राप्त करने के कुछ जनपद जैसे पांचाल, कंबोज, कुरु, मल्ल, वज्जि आदद बाद महाजनपद के रूप में उभरे। वे अपने प्रभुत्व या ननयंत्रण के गणराज्य या गणसंघ र्े। क्षेत्र को बढाने के ललए लगातार एक-दूसरे से लड रहे र्े। गणतंत्र एक ऐसा क्षेत्र है जो एक ननवाथचचत मुखखया के अधीन लोगों के समूह द्वारा शाचसत होता है। 3) Rise behind the rise of republic :- 5.1) Rise of Janapad Widespread use of iron in agriculture and warfare :- This led to the large settlements 1) Janapada, means "people" and "foot". in the region. 2) The Janapadas were the main kingdoms of Emergence of new agrarian economy Vedic India. Development of large settlements (cities) 3) By the sixth century BCE, there were possibly Surplus production 22 distinct Janapadas. Developed art of warfare Examples - Panchala, Kosala, Kashi, 4) Over the period of time, some Janapadas Surasena, Videha (Named after the rulers). emerged as Mahajanapadas after gaining great Few Janapadas such as Panchala, Kamboj, territorial control. They were constantly Kuru, Malla, Vajji etc. were republics or fighting with one another in order to extend Ganasangha. their area of dominance or control. Republic is an area governed by a group of people under one elected head. NOTE इस अवचध के दौरान ननम्नललखखत कारणों से राजनीवतक केंद्र भारत-गंगा के मैदानों के पश्चिम से पूवथ की ओर स्थानांतररत हो गया :- उच्च भूवम उवथरता विाथ में वृलद्ध नददयां यह क्षेत्र लौह उत्पादक क्षेत्रों के भी नजदीक र्ा। NOTE The political centre shifted from the west to the east of the Indo-Gangetic plains during this period due to following reasons :- Higher land fertility Increased rainfall Rivers This area was also closer to iron-producing areas. 5.2) महाजननद ों के उ य के कारक महाजनपद 16 राज्य या कुलीन गणराज्य र्े जो 6ठी से 4र्ी शताब्दी ईसा पूवथ दूसरे शहरीकरण युग के दौरान प्राचीन भारत में रहते र्े। अं गुत्तर ननकाय जैसे प्राचीन बौद्ध ग्रंर्ों में सोलह महाजनपदों का बार-बार उल्लेख वमलता है, जो उत्तर पश्चिम में गांधार से लेकर भारतीय उपमहाद्वीप के पूवी भाग में अं गा तक फैली एक बेल्ट में ववकचसत हुए र्े। ननम्नललखखत कारकों के कारण जनपद का महाजनपद में पररवतथन हुआ लोहे से बने नए कृवि उपकरणों के उपयोग से, नकसान जंगलों को साफ़ करने और अपने कृवि उत्पादन का वविार करने में सक्षम हुए कृवि के उदय ने जनसंख्या वृलद्ध और सामाचजक समृलद्ध में भी योगदान ददया शहरी केन्द्रों के उद्भव से ननयवमत व्यापार सुननश्चित होता है लोगों की कई श्रेलणयों का उदय हुआ, जैसे गहपवत, व्यापारी, बसने वाले, आदद, जो ववदभन्न गवतववचधयों और व्यवसायों में लगे हुए र्े। 5.2) Factors for the rise of Mahajanapad The Mahjanapadas were 16 kingdoms or oligarchic republics that lived in ancient India during the 6th to 4th centuries BCE during the second urbanization era. Ancient Buddhist Texts like the Anguttara Nikaya make frequent reference to sixteen Mahajanapad which had flourished in a belt stretching from Gandhara in the northwest to Anga in the eastern part of the Indian subcontinent. Following factors lead to the transformation of Janapad into Mahajanapad With the use of new iron made agricultural equipment, the peasants were able to clear the forests, expand their agricultural production The rise of agriculture also contributed to population growth and social prosperity The emergence of urban centers ensures the regular trade The rise of several categories of people, such as gahapati, merchants, settlers, etc., who engaged in a variety of activities and occupations. 5.3) महाजननद ों की विशेषताएँ 1) गढवाली राजधानी. ❑ चशल्पकार भी करों के अधीन र्े। 2) यह भी संभव है नक कुछ राजाओ ं ने अपने नगरों के चारों ओर ❑ चरवाहों को जानवरों और पशु विुओ ं के रूप में भी कर अववश्वसनीय रूप से ऊं ची, भव्य दीवारें बनाई हों। चुकाना पडता र्ा। 3) शासक चारदीवारी वाले शहर के अं दर के क्षेत्र और ननवाचसयों पर अचधक आसानी से अचधकार बनाए रख सकता र्ा। 4) राजा सेनाएाँ रखने लगे। 5) वे ननयवमत कर एकत्र करने लगे ❑ सबसे महत्वपूणथ कर कृवि पर लगने वाले कर र्े। ❑ इसे भाग या शेयर कहा जाता र्ा। 5.3) Features of Mahajanapadas 1) Fortified capital city. ❑ Craftspeople were subject to taxes as well. 2) It’s also possible that some kings constructed ❑ Herders were also obliged to pay taxes in incredibly tall, imposing walls around their the form of animals and animal goods. towns. 3) The ruler could more readily maintain authority over the territory and inhabitants inside the walled city. 4) The rajas started keeping armies. 5) They began collecting regular taxes. ❑ The most significant taxes were those on agriculture. ❑ This was referred to as bhaga or share. 5.4) सोलह महाजननद महाजननद दूंजनी आधुननक स्थान महत्वदूणव तथ्य 1) अं ग चंपा मुंगेर और भागलपुर महाभारत और अर्वथवेद में संदभथ मगध साम्राज्य वबस्तिसार पर कब्जा 2) मगध वगररव्रज और गया और पटना मगध का उल्लेख अर्वथवेद में वमलता है। राजगृह यह चंपा नदी द्वारा ववभाचजत र्ा। बाद में मगध जैन धमथ का केंद्र बन गया प्रर्म बौद्ध संगीवत राजगृह में हुई र्ी। 3) काशी काशी बनारस वरुणा और अचस नददयों के नाम - मत्स्य पुराण। एक शचिशाली महाजनपद कपडा और घोडों के बाजार के ललए प्रचसद्ध 4) कोशल श्राविी पूवी उत्तर प्रदेश (अवध) राजा प्रसेनचजत बुद्ध के समकालीन र्े प्रसेनचजत की बहन का वववाह वबस्तिसार से हुआ र्ा। 5.4) Sixteen Mahajanapadas Mahajanapadas Capital Modern Location Significance Facts 1) Anga Champa Munger and Reference in the Mahabharata and Atharva Veda Bhagalpur Magadha Empire Bimbisara annexed 2) Magadha Girivraja & Gaya and Patna Magadha finds mention in the Atharva Veda. Rajagriha It was divided by river Champa. Later, Magadha became a centre of Jainism First Buddhist Council was held in Rajagriha. 3) Kashi Kashi Banaras Name from rivers Varuna and Asi - Matsya Purana. A powerful mahajanapada Famous for textile and market of horses 4) Kosala Shravasti Eastern Uttar King Prasenjit was contemporary of Buddha Pradesh (Awadh) Prasenjit's sister was married to Bimbisara. 1. कंबोज - हाटक (पाककस्तान) 2. गांधार – तक्षकिला 3. कुरु - इद्रं प्रस्थ (पाककस्तान) 4. पांचाल - अकहच्छत्र (बरे ली, UP) (किल्ली हररयाणा) 5. कौिल - श्रावस्ती (फैजाबाि, UP) 14. िूरसेन - मथुरा 6. मल्ल - कुिीनगर (UP) 7. कािी - बनारस (UP) 8. वकजज - वैिाली (कबहार) 13. मत्सस्य - कवराटनगर (जयपरु राजस्थान) 9. अंग - चंपा (कबहार) 15. अवंती – माकहष्मती/ 16. चेकि - िकिमती 10. मगध - राजगृह (पटना, कबहार) उजजैन (मध्य प्रिेि) (MP) 11. वत्सस - कौिाम्बी (इलाहाबाि यूपी) 12. अश्मक – पोटली (गोिावरी क्षेत्र) 1. Kamboj - Hatak (Pakistan) 2. Gandhara – Taxila 3. Kuru – Indraprastha (Pakistan) 4. Panchal – Ahichchhatra (Bareilly, UP) (Delhi Haryana) 5. Kaushal – Shravasti (Faizabad, UP) 14. Shursen - Mathura 6. Malla - Kushinagar (UP) 7. Kashi - Banaras (UP) 8. Vajji – Vaishali (Bihar) 13. Matsya – Viratnagar (Jaipur Rajasthan) 9. Ang – Champa (Bihar) 15. Avanti – Mahishmati/ 16. Chedi – 10. Magadha - Rajgriha (Patna, Bihar) Ujjain (Madhya Pradesh) Shaktimati (MP) 11. Vatsa – Kaushambi (Allahabad UP) 12. Ashmak – Potli (Godavari region) 5) वत्स या वंश कौशांबी इलाहाबाद शासन का राजतंत्रीय स्वरूप। वहााँ एक समृद्ध व्यापार और व्यावसाचयक पररदृश्य र्ा राजा उदयन ने बौद्ध धमथ को राजकीय धमथ बनाया 6) सौरसेना मर्ुरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश यह स्थान कृष्ण उपासना का केन्द्र र्ा इसमें सरकार का ररपब्लिकन स्वरूप र्ा अवंतीपुत्र सुरसेन के राजा और बुद्ध के प्रमुख चशष्य र्े। उन्होंने मर्ुरा में बौद्ध धमथ को बढावा देने में मदद की। 7) पांचाल अदहच्छत्र और पश्चिमी उत्तर प्रदेश उत्तरी पंचाल के ललए इसकी राजधानी अदहच्छत्र और इसके दलक्षणी क्षेत्रों के ललए काम्पललया काम्पम्पलय र्ी। शासन का स्वरूप राजशाही से गणतंत्र की ओर स्थानांतररत हो गया। 8) मत्स्य ववराटनगर जयपुर पांचालों के पश्चिम और कौरवों के दलक्षण में। 9) कुरु इं द्रप्रस्थ और मेरठ और कुरूक्षेत्र के आसपास का क्षेत्र हस्तिनापुर हररयाणा यह शासन के गणतांदत्रक स्वरूप में चला गया। 10) अश्मका प्रवतष्ठान महाराष्ट्र यह गोदावरी के तट पर स्थस्थत र्ा। 11) छे दी सूिमवत बुंदेलखंड इसका उल्लेख ऋग्वेद में नकया गया है 5) Vatsa or Kausambi Allahabad Monarchical form of governance. Vamsa There was a prosperous trade and business scenario King Udayana made Buddhism a state religion. 6) Saurasena Mathura Western UP This place was a centre of Krishna worship It had Republican form of government Avantiputra was king of Surasena and a chief disciple of Buddha. He helped Buddhism gain ground in Mathura. 7) Panchala Ahichchatra Western UP Its capital for northern Panchala was Ahichchatra and and Kampliya Kampilaya for its southern regions. The nature of governance shifted from monarchy to republic. 8) Matsya Viratnagar Jaipur West of the Panchalas and south of the Kurus. 9) Kuru Indraprastha Meerut and Area around Kurukshetra & Hastinapur Haryana It moved to a republic form of governance. 10) Ashmaka Pratisthan Maharashtra It was located on the bank of Godavari. 11) Chedi Suktamati Bundelkhand This was cited in the Rigveda महाजननद राजनधानी जनगह महत्वदूणव तथ्य 12) अवंती उिचयनी या मालवा बौद्ध धमथ के उदय के संबंध में अवंती महत्वपूणथ र्ी। मदहष्मवत चण्ड-प्रद्योत शचिशाली शासक र्ा 13) गांधार तक्षचशला रावलदपिं डी गांधार का उल्लेख अर्वथवेद में नकया गया है (पानकिान) वैयाकरण पालणनन, वैद्य चरक और कौनटल्य तक्षचशला ववश्वववद्यालय के छात्र र्े 14) किोज पुंछा राजोरी और हाजरा किोज की राजधानी पुंछ है। यह वतथमान कश्मीर और दहिं दक ू ु श में स्थस्थत है। कई सादहस्तिक स्रोतों में उल्लेख है नक किोज एक गणतंत्र र्ा। 15) वज्जि वैशाली वबहार आधुननक वबहार में एक गणतांदत्रक महाजनपद मुख्य गठबंधन:- ललच्छवव, वेदेहंस, ज्ञादत्रक और वज्जि 16) मल्ला कुशीनारा देवररया और उत्तर इसका उल्लेख बौद्ध और जैन ग्रंर्ों तर्ा महाभारत में वमलता है। प्रदेश मल्ल एक गणतंत्र र्ा Mahajanapadas Capital Location Significance Facts 12) Avanti Ujjaini or Malwa and Avanti was significant in relation to the rise of Buddhism. Mahismati Chand-Pradyota was the poweful ruler 13) Gandhara Taxila Rawalpindi Gandhara is cited in the Atharva Veda (Pakistan) The grammarian Panini, vaidya Charaka and Kautilya was students of Takshashila University. 14) Kamboja Pooncha Rajori and The capital of Kamboj is Poonch. Hajra It is situated in present-day Kashmir and Hindukush. Several literary sources mention that Kamboja was a republic. 15) Vajji Vaishali Bihar A republican Mahajanapada in modern-day Bihar The main alliance :- Licchavis, Vedehans, Jnatrikas and Vajjis 16) Malla Kusinara Deoria and It finds a reference in Buddhist and Jain texts and Uttar Pradesh Mahabharata. Malla was a republic 5.5) मगध का विकास और दतन (684 ईसा दूिव - 320 ईसा दूिव) A) मगध - दररचय 1) जरासंध और बृहद्रर् द्वारा स्थादपत 2) मगध साम्राज्य का गठन 4 महाजनपदों के रूप में हुआ - मगध, कोसल, वत्स और अवंती - सत्ता के ललए लडे गए 3) मगध साम्राज्य पर तीन राजवंशों का शासन र्ा: हयथक, चशशुनाग और नंद राजवंश। हयंक चशशुनाग नंद मौयथ 5.5) Growth and Decline of Magadha (684 BCE - 320 BCE) A) Magadha - Introduction 1) Founded by Jarasandha and Brihadratha 2) Magadha Empire was formed as 4 Mahajanapada - Magadha, Kosala, Vatsa, and Avanti - fought for power 3) The Magadha Empire was ruled by three dynasties : Haryanka, Shishunaga and Nanda Dynasty. Haryanka Shishunaga Nanda Maurya प्रथम र्ंश हयवक र्ंश शशशुनाग र्ंश नंद र्ंश मौयव र्ंश बृहद्धथ गबम्बबसार शशशुनाग महापद्मनंद चंद्रगुप्त मौयव गगररब्रज (राजगृह) राजगृह र्ैशाली पाटललपुत्र पाटललपुत्र First Haryanka Shishunag Shishu Maurya Dynasty dynasty dynasty naga dynasty Brihaddhath Bimbisara Shishunag Mahapadma Chandra Gupta nand Mourya Giribraj Rajgrah Vaishali Patliputra Patliputra (Rajagriha) B) मगध के उ य के कारण मगध की प्रमुखता में वृलद्ध के ललए ववदभन्न कारक चजम्मेदार र्े। इनमें से कुछ र्े : 1) महत्वाकांक्षी शासक : मगध पर वबस्तिसार, अजातशत्रु, अशोक आदद जैसे कई महत्वाकांक्षी शासकों का शासन र्ा। 2) स्थान : राजगृह और पाटललपुत्र दोनों रणनीवतक रूप से स्थस्थत र्े। पररणामस्वरूप, मगध उत्तर पर् को मध्य और पूवी भागों के ननकट ननयंदत्रत कर सकता है। 3) उदजनाऊ ममट्टी : गंगा के मैदान की जलोढ वमट्टी ने मगध प्रांत में अचधशेि उत्पादन में मदद की। 4) प्राकृवतक संसाधन : लोहे जैसे प्राकृवतक संसाधनों की प्रचुरता ने मगध को नई कृवि अर्थव्यवस्था ववकचसत करने के ललए बेहतर हचर्यारों और उपकरणों से लैस करने में सक्षम बनाया। 5) नगरों का उ य : धातु मुद्रा के उपयोग से व्यापार और वालणज्य में वृलद्ध हुई चजसके पररणामस्वरूप मगध की समृलद्ध में वृलद्ध हुई और कई नगर ववकचसत हुए। 6) हाथियों का उदयोग : मगध क्षेत्र में पाए जाने वाले हाचर्यों का युद्ध में उपयोग करने से भी मगध के उ्ान में मदद वमली। B) Causes of the Rise of Magadha Various factors were responsible for Magadha's rise into prominence. Some of these were : 1) Ambitious Rulers : Magadha was ruled by numerous ambitious rulers like, Bimbisara, Ajatashatru, Ashoka, etc. 2) Location Both : Rajgriha and Pataliputra were located strategically. As a result, Magadha can control Uttar Patha as near as Central and Eastern parts. 3) Fertile : Soil Alluvial soil of Gangetic plain helped in producing surplus in Magadha Province. 4) Natural Resource : Abundance of natural resources like iron enabled Magadha to equip with better weapons and tools to develop new agrarian economy. 5) Rise of Towns : Use of metallic money led to growth of trade and commerce which resulted in increase of prosperity of Magadha and developed many towns. 6) Use of Elephants : Using elephants in war which were found in Magadha region also helped in Magadha's rise. C) हयवक िंश / मदतृहंता िंश गबम्बबसार अजातशत्रु/कुगिक उदागयन नागदशक C.1) विम्बिसार ❑ अवंती के राजा प्रद्योत की सहायता हेतु राजनिैद्य जनीिक को भेजा 1) हयथक वंश के संस्थापक :- विम्बिसार (544 BC) ❑ िैिामहक संिंधों द्वारा सशचिकरण : 2) राजधानी :- राजनगृह कौशल नरेश प्रसनजीत की बहन महाकौशला 3) बौद्ध धमथ का अनुयायी :- महात्मा बुद्ध की सेवा हेतु राजवैद्य वैशाली के चेटक की पुत्री चेल्लना जीवक को भेजा मद्र देश की राजकुमारी क्षेमा 4) कायव :- 5) वबिं वबसार की हिा :- दुत्र अजनातशत्रु द्वारा ❑ कुशल प्रशासननक व्यवस्था और ववदेश नीवत ❑ अं ग राज्य को हराकर मगध में वमलाया C) Haryanka dynasty of Magadha Bimbisara Ajatashatru/Kus Udayin Nāgadāsaka hika C.1) Bimbisara ❑ After defeating the Anga state and merged with Magadha 1) Founder of the Harayak dynasty :- Bimbisara (544 ❑ Sent Rajavadya Jeevak to assist Pradyot king of BC) Avanti. 2) Capital :- Rajgriha ❑ Empowerment by Marital Relations : 3) Buddhist follower :- Sent Rajavadya Jeevak to serve Mahakaushala, sister of Kaushal Naresh Mahatma Buddha Prasanjeet 4) Work :- Chellana, daughter of Chetak of Vaishali ❑ Efficient administrative system and foreign Princess Kshema of Madra Desh policy 5) Assassination of bimbisara :- By son Ajatashatru C.2) अजनातशत्रु / कुवषक 1) 493 BC :- दपता वबिं वबसार की हिा करके मगध का शासक बना 2) प्रारंभ में जनैन तिा िा में िौद्ध धमव का अनुयायी 3) मंत्री, विथकार (वरस्कार) की सहायता से वैशाली पर ववजय 4) 461 BC :- पुत्र उदाचयन द्वारा हिा 5) प्रिम िौद्ध संमगवत (राजनगृह) :- महाकश्यप (अध्यक्ष) C.3) उ ावयन 1) 461 ईसा पूवथ में अपने दपता की हिा कर उदाचयन मगध की ग्ी पर बैठा 2) दानिलग्राम की स्थापना 3) जनैन धमव का अनुयायी 4) अं वतम शासक :- उदाचयन का पुत्र नागदशक C.2) Ajatashatru / Kushik C.3) Udayin 1) 493 BC :- Became ruler of Magadha after killing 1) Udayin ascended the throne of Magadha father Bimbisara by killing his father in 461 BC 2) Initially a follower of Jainism and later Buddhism 2) Establishment of Patilagram 3) Victory over Vaishali with the help of Minister 3) Follower of jainism Varshakar (Varshak) 4) Last ruler :- Udayin's son Nagadashak 4) 461 BC :- Assassination by son Udayin 5) First Buddhist Sangiti Rajgriha Mahakashyap D) नाग िंश (Nag Dynasty) 1) संस्थापक | Founder :- कििुनाग | Shishunaga यह नागििक का अमात्सय था 2) वैिाली को राजधानी बनाया 3) इसी वंि के िासक | The ruler of this dynasty :- कालािोक | Kalashoka I. वैिाली पुनः पाटकलपुत्र को राजधानी कितीय बौद्ध संगीकत II. सबाकामी 4) अंकतम िासक :- नंिीवधधन D) Nag Dynasty 1) Founder :- Shishunaga (This was the Amatya of Nagadashaka) 2) Made Vaishali the capital 3) The ruler of this dynasty :- Kalashoka ◆ Vaishali Re-Pataliputra Capital Second Buddhist Council ◆ Sabakaami 4) Last ruler :- Nandivardhan E) नं िंश (Nanda Dynasty) उग्रसेन - पाली ग्रंथ 1) संस्थापक | Founder :- महापद्मनंि एकछत्र - पुराण एकराट - पुराण 1) कसकंिर का समकालीन 2) अंकतम िासक | Last ruler :- घनानंि | Ghananand 2) चंद्रगुप्त मौयध ने पराकजत ककया और मौयध वंि कस स्थापना कस E) Nanda Dynasty 1) Founder :- Mahapadmananda ❑ Ugrasen - Pali Granth ❑ Ekchatra - Purana ❑ Ekrat - Purana 2) Last ruler :- Ghananand ❑ Alexander's contemporary ❑ Chandragupta Maurya defeated and established the Maurya dynasty.