भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन PDF
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ज्ञान बिन्दु जी. एस. एकेडमी
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यह दस्तावेज भारत में यूरोपीय कंपनियों के आगमन और प्रारंभिक वर्षों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिसमें उनके व्यापार संबंधी प्रयासों और प्रभावों का विवरण शामिल है। इसमें भारत में यूरोपीय कंपनियों के आगमन से संबंधित विभिन्न पहलुओं, जैसे समुद्री मार्गों की खोज और उनके द्वारा सामना की गई चुनौतियों का विवरण दिया गया है।
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# ज्ञान बिन्दु जी. एस. एकेडमी For: - संघ लोक सेवा आयोग - राज्य लोक सेवा आयोग - कर्मचारी चयन आयोग - रेलवे भर्ती बोर्ड - जी.एस. आधारित सभी परीक्षा हेतु Address: Kishan Cold Storage, Near Sai Mandir, Musallahpur Hatt, Patna-6 Mob: 8540063639, 9304006502 ## भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन - मुगलवं...
# ज्ञान बिन्दु जी. एस. एकेडमी For: - संघ लोक सेवा आयोग - राज्य लोक सेवा आयोग - कर्मचारी चयन आयोग - रेलवे भर्ती बोर्ड - जी.एस. आधारित सभी परीक्षा हेतु Address: Kishan Cold Storage, Near Sai Mandir, Musallahpur Hatt, Patna-6 Mob: 8540063639, 9304006502 ## भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन - मुगलवंश की स्थापना से पूर्व एकमात्र यूरोपीय कंपनी भारत आई है उसका नाम पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी है। इस कंपनी का भारत में आगमन 1498 ई. में हो गया था। - भारत आने वाली प्रथम यूरोपीय कंपनी पुर्तगाली है तथा सबसे अंतिम में भारत से जाने वाली यूरोपीय कंपनी पुर्तगाली है। अर्थात् हम यह कह सकते हैं कि भारत में सबसे अधिक वर्षों तक रहने वाली यूरोपीय कंपनी पुर्तगाली है। - 15वीं शताब्दी में यूरोप महादेश के दो देश स्पेन और पुर्तगाली ने भौगोलिक खोज में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। - पुर्तगाली यात्री बार्थोलोम्यो डियाज 1487 ई. में Cafe of Good Hope अर्थात् आशा अंतरीप द्वीप की खोज की। - स्पेनिश यात्री कोलम्बस 1492 ई. में अमेरिका की खोज किया तथा उसे नई दुनिया कहकर पुकारा और वहाँ के लोगों को रेड इंडियन कहा। - पुर्तगाली यात्री वास्को डी गामा 1498 ई. में गुजराती पथ प्रदर्शक अब्दुल मुनीद की सहायता से भारत के लिए समुद्री मार्ग को खोजने में सफलता प्राप्त की। अर्थात् हम ये कह सकते हैं कि भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज वास्को-डी-गामा ने किया। - वास्को डी गामा सर्वप्रथम केरल के मालाबार तट पर अर्थात् भारत के पश्चिमी तट पर पहुँचा। - वास्को डी गामा का स्वागत केरल के राजा जैमोरिन ने किया। इसका विरोध अरबी मूल के व्यापारियों ने किया। - भारत आने वाला द्वितीय पुर्तगाली यात्री अल्ब्रेज कैब्राल था। जो 1500 ई. में भारत आया था। इन्होंने ही ब्राजील की खोज की है। - वास्को डी गामा 1498 ई. में भारत से लौटने के क्रम में कुछ मसाला भारत से खरीदा और वह उस मसाला को लेकर पुर्तगाल वापस गया। - वास्को डी गामा पुर्तगाली बाजार में जब मसाला को बेचा तो उसे 60 गुणा अधिक मुनाफा प्राप्त हुआ जिस कारण पुर्तगालियों ने यह लक्ष्य बनाया कि भारत के साथ मसालों का व्यापार किया जाए। - पुर्तगाली व्यापार पर नियंत्रण स्थापित करने को लेकर 1505 ई. में पुर्तगाली गर्वनर या वायसराय का पद लाया गया। - प्रथम पुर्तगाली वायसराय 1505 ई. में फ्रांसिस्को-डी-अलमोड़ा बना जो 1509 ई. तक इस पद पर रहा। - अलमोड़ा ने समुद्र पर कब्जा करने को लेकर एक नीति चलाया जिसे नीला जल की नीति कहा जाता है। - इस नीति के तहत पुर्तगालियों ने समुद्र पर कब्जा कर लिया जिस कारण पुर्तगालियों को समुद्रा का स्वामी कहा जाता है। - नीला जल की नीति का अंत अल्बुकर्क ने कर दिया।