भारतीय संविधान की प्रकृति संघात्मक और एकात्मक तत्वों का मिश्रण है।
Understand the Problem
प्रश्न भारतीय संविधान की प्रकृति के बारे में है, इसमें संघात्मक और एकात्मक तत्वों का मिश्रण कैसे होता है, इसे समझने की आवश्यकता है। यह संविधान के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या कर रहा है।
Answer
भारतीय संविधान की प्रकृति अर्द्ध-संघात्मक है।
भारतीय संविधान की प्रकृति अर्द्ध-संघात्मक (क्वासी-फेडरल) है, जिसमें संघात्मक और एकात्मक दोनों तत्व शामिल हैं।
Answer for screen readers
भारतीय संविधान की प्रकृति अर्द्ध-संघात्मक (क्वासी-फेडरल) है, जिसमें संघात्मक और एकात्मक दोनों तत्व शामिल हैं।
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भारतीय संविधान को 'क्वासी-फेडरल' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह संघीय तत्वों (जैसे कि केंद्र और राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन) और एकात्मक तत्वों (जैसे कि केंद्र सरकार को आपातकालीन स्थितियों में और ताकतें देने) का समावेश करता है।
Tips
कभी-कभी लोग भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से संघात्मक या एकात्मक मान लेते हैं, जबकि यह दोनों का मिश्रण है।
Sources
- भारतीय संविधान की प्रकृति | अर्ध- संघीय - यूट्यूब - youtube.com
- भारत में संघवाद - विकिपीडिया - hi.wikipedia.org
- भारत का संविधान: अर्थ, संरचना, अधिनियम और संबंधित तथ्य - NEXT IAS - nextias.com
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