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Questions and Answers
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उद्देशिका को किस रूप में स्वीकार किया गया है?
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उद्देशिका को किस रूप में स्वीकार किया गया है?
- संविधान का मुख्यधारा
- संविधान का अभिन्न अंग (correct)
- संविधान का एक अध्याय
- संविधान की एक उपधारा
1976 में संविधान में किस प्रकार का संशोधन किया गया था?
1976 में संविधान में किस प्रकार का संशोधन किया गया था?
- सामाजिक न्याय
- संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता (correct)
- संविधान का स्थायीकरण
- धर्मनिरपेक्षता
उद्देशिका का न्यायालय में क्या अधिकार है?
उद्देशिका का न्यायालय में क्या अधिकार है?
- न्यायसंगत नहीं (correct)
- कानून का हिस्सा
- उच्चतम स्रोत
- न्याय का मुख्य स्रोत
स्वतंत्रता का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
स्वतंत्रता का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
किस केस में सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका को उपयोगी माना?
किस केस में सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका को उपयोगी माना?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया?
सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका का उपयोग कब स्वीकार किया?
सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका का उपयोग कब स्वीकार किया?
उद्देशिका को किसकी कुंजी के रूप में देखा गया है?
उद्देशिका को किसकी कुंजी के रूप में देखा गया है?
स्विंत्रिा की अिधारणा किस स्रो्त से ली गई है?
स्विंत्रिा की अिधारणा किस स्रो्त से ली गई है?
स्विंत्रिा का अर्थ क्या है?
स्विंत्रिा का अर्थ क्या है?
समानिा का अर्थ क्या है?
समानिा का अर्थ क्या है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
ए के गोपालन केस (1950) में क्या निर्णय लिया गया था?
ए के गोपालन केस (1950) में क्या निर्णय लिया गया था?
उद्देशिका का क्या महत्व है?
उद्देशिका का क्या महत्व है?
भारत की उद्देशिका का स्रोत क्या है?
भारत की उद्देशिका का स्रोत क्या है?
उद्देशिका किस देश के लिए पहला दस्तावेज है?
उद्देशिका किस देश के लिए पहला दस्तावेज है?
संप्रभु पद का क्या अर्थ है?
संप्रभु पद का क्या अर्थ है?
उद्देशिका में क्या शामिल है?
उद्देशिका में क्या शामिल है?
उद्देशिका के माध्यम से हम किसका ज्ञान प्राप्त करते हैं?
उद्देशिका के माध्यम से हम किसका ज्ञान प्राप्त करते हैं?
उद्देशिका के प्रशासन के लिए किए गए प्रयासों का क्या महत्व है?
उद्देशिका के प्रशासन के लिए किए गए प्रयासों का क्या महत्व है?
उद्देशिका का उद्घाटन किसने किया था?
उद्देशिका का उद्घाटन किसने किया था?
उद्देशिका का प्रमुख विषय क्या है?
उद्देशिका का प्रमुख विषय क्या है?
भारत की उद्देशिका की प्रमुख विशेषता क्या है?
भारत की उद्देशिका की प्रमुख विशेषता क्या है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता शब्द कब जोड़ा गया था?
भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता शब्द कब जोड़ा गया था?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या उल्लेख करती है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता क्या उल्लेख करती है?
भारतीय राजनीतिक प्रणाली को क्या कहा जाता है?
भारतीय राजनीतिक प्रणाली को क्या कहा जाता है?
भारतीय समाजवाद किस विचारधारा का संयोजन है?
भारतीय समाजवाद किस विचारधारा का संयोजन है?
भारतीय संविधान में किस संशोधन के द्वारा धर्मनिरपेक्षता जोड़ी गई?
भारतीय संविधान में किस संशोधन के द्वारा धर्मनिरपेक्षता जोड़ी गई?
भारत का धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत पश्चिमी देशों से कैसे अलग है?
भारत का धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत पश्चिमी देशों से कैसे अलग है?
लोकतांत्रिक राजनीति का आधार क्या है?
लोकतांत्रिक राजनीति का आधार क्या है?
अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी है?
अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी है?
समाजवाद के प्रमुख तत्वों में से क्या नहीं है?
समाजवाद के प्रमुख तत्वों में से क्या नहीं है?
गणिंत्र का मुख्य कार्य क्या होता है?
गणिंत्र का मुख्य कार्य क्या होता है?
सामाजजक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
सामाजजक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
आजथि क न्याय का मुख्य लक्ष्य क्या है?
आजथि क न्याय का मुख्य लक्ष्य क्या है?
गणिंत्र का चुनाव किस प्रकार होता है?
गणिंत्र का चुनाव किस प्रकार होता है?
सामाजजक न्याय में कौन सी बात शामिल नहीं है?
सामाजजक न्याय में कौन सी बात शामिल नहीं है?
राजनैतिक न्याय के अंतर्गत क्या होता है?
राजनैतिक न्याय के अंतर्गत क्या होता है?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
आजथि क न्याय का प्रमुख लाभ क्या है?
आजथि क न्याय का प्रमुख लाभ क्या है?
राज्य का प्रमुख कनिाणशचि का क्या मतलब है?
राज्य का प्रमुख कनिाणशचि का क्या मतलब है?
गणिंत्र का कार्यालय किनसे खुला होता है?
गणिंत्र का कार्यालय किनसे खुला होता है?
उद्देशिका को किस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया है?
उद्देशिका को किस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया है?
1976 में संविधान में उद्देशिका के लिए क्या जोड़ा गया था?
1976 में संविधान में उद्देशिका के लिए क्या जोड़ा गया था?
उद्देशिका का न्यायालय में क्या प्रमुख स्थान है?
उद्देशिका का न्यायालय में क्या प्रमुख स्थान है?
स्वतंत्रता का भाग किस शैली से लिया गया था?
स्वतंत्रता का भाग किस शैली से लिया गया था?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
क्या उद्देशिका कानून की अदालत में न्यायसंगत है?
क्या उद्देशिका कानून की अदालत में न्यायसंगत है?
उद्देशिका का क्या मुख्य उद्देश्य है?
उद्देशिका का क्या मुख्य उद्देश्य है?
उद्देशिका की कुंजी का क्या महत्व है?
उद्देशिका की कुंजी का क्या महत्व है?
स्विंत्रिा का क्या अर्थ है?
स्विंत्रिा का क्या अर्थ है?
समानिा का क्या अर्थ है?
समानिा का क्या अर्थ है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
स्विंत्रिा की अवधारणा किस प्रकार से प्रभावित होती है?
स्विंत्रिा की अवधारणा किस प्रकार से प्रभावित होती है?
ए के गोपालन केस (1950) में सर्वोच्च न्यायालय ने क्या निर्णय लिया था?
ए के गोपालन केस (1950) में सर्वोच्च न्यायालय ने क्या निर्णय लिया था?
उद्देशिका का प्रमुख स्रोत क्या है?
उद्देशिका का प्रमुख स्रोत क्या है?
भारत का संप्रभु पद का क्या अर्थ है?
भारत का संप्रभु पद का क्या अर्थ है?
उद्देशिका के माध्यम से हम किसका ज्ञान प्राप्त करते हैं?
उद्देशिका के माध्यम से हम किसका ज्ञान प्राप्त करते हैं?
संविधान सभा का उद्देशिका से क्या संबंध है?
संविधान सभा का उद्देशिका से क्या संबंध है?
संयुक्त राज्य अमेरिका का क्या स्थान है उद्देशिका के इतिहास में?
संयुक्त राज्य अमेरिका का क्या स्थान है उद्देशिका के इतिहास में?
उद्देशिका में किस प्रकार की जानकारी शामिल है?
उद्देशिका में किस प्रकार की जानकारी शामिल है?
उद्देशिका का उद्देश्य क्या है?
उद्देशिका का उद्देश्य क्या है?
उद्देशिका का महत्व क्या दर्शाता है?
उद्देशिका का महत्व क्या दर्शाता है?
भारतीय उद्देशिका के तत्वों में से एक नहीं है?
भारतीय उद्देशिका के तत्वों में से एक नहीं है?
उद्देशिका का संक्षेप में कौन सा तत्व बताया गया है?
उद्देशिका का संक्षेप में कौन सा तत्व बताया गया है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
धर्मनिरपेक्षता का संबंध किस सिद्धांत से है?
धर्मनिरपेक्षता का संबंध किस सिद्धांत से है?
भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता के शब्द को कब जोड़ा गया था?
भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता के शब्द को कब जोड़ा गया था?
भारतीय राजनीतिक प्रणाली में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को क्या कहा जाता है?
भारतीय राजनीतिक प्रणाली में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को क्या कहा जाता है?
भारतीय समाजवाद किस दो विचारधाराओं का संयोजन है?
भारतीय समाजवाद किस दो विचारधाराओं का संयोजन है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता की एक विशेषता क्या है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता की एक विशेषता क्या है?
भारतीय गणतंत्र का मुख्य कार्य क्या है?
भारतीय गणतंत्र का मुख्य कार्य क्या है?
भारत का धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत पश्चिमी देशों से कैसे अलग है?
भारत का धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत पश्चिमी देशों से कैसे अलग है?
लोकतांत्रिक राजनीति का आधार क्या है?
लोकतांत्रिक राजनीति का आधार क्या है?
भारतीय राजनीतिक प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
भारतीय राजनीतिक प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
गणिंत्र का प्रमुख कार्य क्या है?
गणिंत्र का प्रमुख कार्य क्या है?
सामाजजक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
सामाजजक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
आजथि क न्याय का मुख्य लक्ष्य क्या है?
आजथि क न्याय का मुख्य लक्ष्य क्या है?
राजनैतिक न्याय के अंतर्गत क्या शामिल है?
राजनैतिक न्याय के अंतर्गत क्या शामिल है?
सामाजजक न्याय का क्या मतलब है?
सामाजजक न्याय का क्या मतलब है?
गणिंत्र के तहत राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
गणिंत्र के तहत राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
आजथि क न्याय का मुख्य उद्देश्य क्या है?
आजथि क न्याय का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सामाजजक न्याय में कौन सी बात शामिल नहीं है?
सामाजजक न्याय में कौन सी बात शामिल नहीं है?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
गणिंत्र का कार्यालय किनसे खुला होता है?
गणिंत्र का कार्यालय किनसे खुला होता है?
उद्देशिका में समाहित शब्द 'समाजवादी' कब जोड़ा गया था?
उद्देशिका में समाहित शब्द 'समाजवादी' कब जोड़ा गया था?
उद्देशिका के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने किस सिद्धांत को महत्व दिया?
उद्देशिका के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने किस सिद्धांत को महत्व दिया?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
उद्देशिका की उपयोगिता सर्वोच्च न्यायालय के किस निर्णय पर निर्भर करती है?
उद्देशिका की उपयोगिता सर्वोच्च न्यायालय के किस निर्णय पर निर्भर करती है?
1976 में संविधान में किन शब्दों को जोड़ा गया था?
1976 में संविधान में किन शब्दों को जोड़ा गया था?
स्वतंत्रता का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
स्वतंत्रता का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
क्या उद्देशिका कानून की अदालत में न्यायसंगत है?
क्या उद्देशिका कानून की अदालत में न्यायसंगत है?
उद्देशिका को किस रूप में स्वीकार किया गया है?
उद्देशिका को किस रूप में स्वीकार किया गया है?
उद्देशिका का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उद्देशिका का मुख्य उद्देश्य क्या है?
संप्रभु पद का मुख्य तात्पर्य क्या है?
संप्रभु पद का मुख्य तात्पर्य क्या है?
उद्देश्य संकल्प का प्रस्तानकर्ता कौन था?
उद्देश्य संकल्प का प्रस्तानकर्ता कौन था?
उद्देशिका के माध्यम से हम भारतीय राज्य की किस विशेषता को समझ सकते हैं?
उद्देशिका के माध्यम से हम भारतीय राज्य की किस विशेषता को समझ सकते हैं?
जो देश पहला उद्देशिका रखने वाला माना जाता है, वह कौन सा है?
जो देश पहला उद्देशिका रखने वाला माना जाता है, वह कौन सा है?
उद्देशिका में किस वर्ष की तारीख का उल्लेख है?
उद्देशिका में किस वर्ष की तारीख का उल्लेख है?
उद्देशिका के अंतर्गत राजनीतिक न्याय का क्या तात्पर्य है?
उद्देशिका के अंतर्गत राजनीतिक न्याय का क्या तात्पर्य है?
उद्देशिका किसे समझने का आधार प्रदान करती है?
उद्देशिका किसे समझने का आधार प्रदान करती है?
भारतीय उद्देशिका का प्रमुख स्रोत क्या है?
भारतीय उद्देशिका का प्रमुख स्रोत क्या है?
उद्देशिका के माध्यम से हमें कौन सी जानकारी मिलती है?
उद्देशिका के माध्यम से हमें कौन सी जानकारी मिलती है?
स्विंत्रिा का क्या अर्थ है?
स्विंत्रिा का क्या अर्थ है?
समानिा की अवधारणा के अनुसार समाज में किस प्रकार का अधिकार होगा?
समानिा की अवधारणा के अनुसार समाज में किस प्रकार का अधिकार होगा?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा क्या है?
धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा क्या है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
स्विंत्रिा और समानिा के बीच क्या संबंध है?
स्विंत्रिा और समानिा के बीच क्या संबंध है?
भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता शब्द कब जोड़ा गया था?
भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता शब्द कब जोड़ा गया था?
अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी है?
अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी है?
ए के गोपालन केस (1950) में सर्वोच्च न्यायालय ने किस बात को स्वीकार नहीं किया?
ए के गोपालन केस (1950) में सर्वोच्च न्यायालय ने किस बात को स्वीकार नहीं किया?
भारतीय समाजवाद किस विचारधारा का मिश्रण है?
भारतीय समाजवाद किस विचारधारा का मिश्रण है?
लोकतांत्रिक राजनीति का आधार क्या है?
लोकतांत्रिक राजनीति का आधार क्या है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का पश्चिमी देशों से क्या अंतर है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का पश्चिमी देशों से क्या अंतर है?
समाजवाद के प्रमुख तत्वों में कौन सा नहीं है?
समाजवाद के प्रमुख तत्वों में कौन सा नहीं है?
भारत की राजनीति में 'उद्देशिका' का क्या महत्व है?
भारत की राजनीति में 'उद्देशिका' का क्या महत्व है?
भारत में समाजवाद का प्रेरणा स्रोत क्या है?
भारत में समाजवाद का प्रेरणा स्रोत क्या है?
गणिंत्र का प्रमुख कार्य क्या होता है?
गणिंत्र का प्रमुख कार्य क्या होता है?
सामाजजक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
सामाजजक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
राजनैतिक न्याय के अंतर्गत क्या होता है?
राजनैतिक न्याय के अंतर्गत क्या होता है?
आजथि क न्याय का प्रमुख लाभ क्या है?
आजथि क न्याय का प्रमुख लाभ क्या है?
गणिंत्र का चुनाव किस प्रकार होता है?
गणिंत्र का चुनाव किस प्रकार होता है?
सामाजजक न्याय में कौन सी बात शामिल नहीं है?
सामाजजक न्याय में कौन सी बात शामिल नहीं है?
आजथि क न्याय का मुख्य लक्ष्य क्या है?
आजथि क न्याय का मुख्य लक्ष्य क्या है?
गणिंत्र के कार्यालय किनके लिए खुला होता है?
गणिंत्र के कार्यालय किनके लिए खुला होता है?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
उद्देशिका क्या है?
उद्देशिका क्या है?
संयुक्त राज्य अमेरिका का क्या महत्व है?
संयुक्त राज्य अमेरिका का क्या महत्व है?
भारतीय उद्देशिका का स्रोत क्या है?
भारतीय उद्देशिका का स्रोत क्या है?
उद्देशिका के कौन से प्रमुख पद हैं? (सभी लागू विकल्प चुनें)
उद्देशिका के कौन से प्रमुख पद हैं? (सभी लागू विकल्प चुनें)
गणतंत्र का अर्थ है राज्य का प्रमुख कर्ता होना।
गणतंत्र का अर्थ है राज्य का प्रमुख कर्ता होना।
सामाजिक न्याय का क्या अर्थ है?
सामाजिक न्याय का क्या अर्थ है?
'स्वतंत्रता' का क्या अर्थ है?
'स्वतंत्रता' का क्या अर्थ है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
उद्देशिका को भारतीय संविधान की व्याख्या में 'मागणदिणक शसिारा' के रूप में स्वीकार किया गया है।
उद्देशिका को भारतीय संविधान की व्याख्या में 'मागणदिणक शसिारा' के रूप में स्वीकार किया गया है।
केवानंद भारती केस (1973) में क्या कहा गया?
केवानंद भारती केस (1973) में क्या कहा गया?
उद्देशिका क्या है?
उद्देशिका क्या है?
संयुक्त राज्य अमेरिका पहला देश है जिसने उद्देशिका को अपनाया।
संयुक्त राज्य अमेरिका पहला देश है जिसने उद्देशिका को अपनाया।
भारतीय उद्देशिका का स्रोत 'उद्देश्य संकल्प' है।
भारतीय उद्देशिका का स्रोत 'उद्देश्य संकल्प' है।
क्या है संप्रभु का पद?
क्या है संप्रभु का पद?
समाजवादी शब्द संविधान में 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था।
समाजवादी शब्द संविधान में 42वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था।
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
सामाजिक न्याय का उद्देश्य क्या है?
सामाजिक न्याय का उद्देश्य क्या है?
राजनैतिक न्याय का अर्थ क्या है?
राजनैतिक न्याय का अर्थ क्या है?
स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत सुरक्षित है।
स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत सुरक्षित है।
गणतंत्र का क्या अर्थ है?
गणतंत्र का क्या अर्थ है?
सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका को कौन सा विशेष स्थान दिया है?
सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका को कौन सा विशेष स्थान दिया है?
1976 में संविधान संशोधन में कौन से शब्द जोड़े गए थे?
1976 में संविधान संशोधन में कौन से शब्द जोड़े गए थे?
उद्देशिका के न्यायालय में उपयोग पर क्या सत्य है?
उद्देशिका के न्यायालय में उपयोग पर क्या सत्य है?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
सर्वोच्च न्यायालय ने किस केस में उद्देशिका को महत्वपूर्ण माना?
सर्वोच्च न्यायालय ने किस केस में उद्देशिका को महत्वपूर्ण माना?
प्रस्तावना का constitutional interpretation में क्या स्थान है?
प्रस्तावना का constitutional interpretation में क्या स्थान है?
स्वतंत्रता का भाग किस देश की शैली से लिया गया था?
स्वतंत्रता का भाग किस देश की शैली से लिया गया था?
उद्देशिका की कुंजी किस स्थिति में उपयोग की जाती है?
उद्देशिका की कुंजी किस स्थिति में उपयोग की जाती है?
उद्देशिका का स्रोत क्या है?
उद्देशिका का स्रोत क्या है?
संप्रभु का क्या अर्थ है?
संप्रभु का क्या अर्थ है?
उद्देशिका के माध्यम से हम किसकी जानकारी प्राप्त करते हैं?
उद्देशिका के माध्यम से हम किसकी जानकारी प्राप्त करते हैं?
भारत का पहला उद्देशिका रखने वाला देश कौन सा है?
भारत का पहला उद्देशिका रखने वाला देश कौन सा है?
उद्देशिका की प्रस्तुति किस रूप में की जाती है?
उद्देशिका की प्रस्तुति किस रूप में की जाती है?
उद्देशिका का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उद्देशिका का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उद्देशिका में संविधान सभा का क्या स्थान है?
उद्देशिका में संविधान सभा का क्या स्थान है?
उद्देशिका का महत्व क्या है?
उद्देशिका का महत्व क्या है?
भारत का उद्देशिका का गठन कब किया गया था?
भारत का उद्देशिका का गठन कब किया गया था?
उद्देशिका में किस प्रकार की जानकारी कौनसी होती है?
उद्देशिका में किस प्रकार की जानकारी कौनसी होती है?
गणिंत्र का कार्य क्या होता है?
गणिंत्र का कार्य क्या होता है?
सामाजजक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
सामाजजक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
आजथि क न्याय का मुख्य उद्देश्य क्या है?
आजथि क न्याय का मुख्य उद्देश्य क्या है?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
सामाजजक न्याय क्या सुनिश्चित करता है?
सामाजजक न्याय क्या सुनिश्चित करता है?
गणिंत्र का कार्यालय किनके लिए खुला होता है?
गणिंत्र का कार्यालय किनके लिए खुला होता है?
आजथि क न्याय में ध्यान केंद्रित किया जाता है?
आजथि क न्याय में ध्यान केंद्रित किया जाता है?
राजनैतिक न्याय का अर्थ क्या है?
राजनैतिक न्याय का अर्थ क्या है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता कब जोड़ी गई थी?
भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता कब जोड़ी गई थी?
भारत में सामाजिक न्याय का क्या महत्व है?
भारत में सामाजिक न्याय का क्या महत्व है?
धर्मनिरपेक्षता के तहत भारत में लोगों को क्या अधिकार प्राप्त है?
धर्मनिरपेक्षता के तहत भारत में लोगों को क्या अधिकार प्राप्त है?
राजनैतिक न्याय में किस बात को शामिल किया जाता है?
राजनैतिक न्याय में किस बात को शामिल किया जाता है?
भारतीय प्रधानमन्त्री प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
भारतीय प्रधानमन्त्री प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता और पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता में क्या प्रमुख अंतर है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता और पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता में क्या प्रमुख अंतर है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य आधार क्या है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य आधार क्या है?
लोकतांत्रिक राजनीति का आधार क्या है?
लोकतांत्रिक राजनीति का आधार क्या है?
अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की प्रणाली में कौन सा तत्व शामिल है?
अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की प्रणाली में कौन सा तत्व शामिल है?
क्षेत्र में धर्मनिरपेक्षता का क्या अर्थ है?
क्षेत्र में धर्मनिरपेक्षता का क्या अर्थ है?
भारतीय गणतंत्र में सामाजीक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
भारतीय गणतंत्र में सामाजीक न्याय का मुख्य सिद्धांत क्या है?
स्विंत्रिा का क्या अर्थ है?
स्विंत्रिा का क्या अर्थ है?
समानिा का क्या अभिप्राय है?
समानिा का क्या अभिप्राय है?
बंधुत्व की मुख्य भावना क्या है?
बंधुत्व की मुख्य भावना क्या है?
ए के गोपालन केस (1950) में सर्वोच्च न्यायालय ने क्या निर्णय लिया था?
ए के गोपालन केस (1950) में सर्वोच्च न्यायालय ने क्या निर्णय लिया था?
स्विंत्रिा के संदर्भ में क्या सही है?
स्विंत्रिा के संदर्भ में क्या सही है?
उद्देशिका को किसके संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने एक कुंजी के रूप में स्वीकार किया है?
उद्देशिका को किसके संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने एक कुंजी के रूप में स्वीकार किया है?
1976 में संविधान में उद्देशिका के लिए कौन से शब्द जोड़े गए?
1976 में संविधान में उद्देशिका के लिए कौन से शब्द जोड़े गए?
किस संदर्भ में उद्देशिका का न्यायालय में प्रभाव नहीं होता है?
किस संदर्भ में उद्देशिका का न्यायालय में प्रभाव नहीं होता है?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
उद्देशिका में न्याय का भाग किसकी शैली से लिया गया था?
किस केस में सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका को संविधान के अभिन्न अंग के रूप में रखा?
किस केस में सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका को संविधान के अभिन्न अंग के रूप में रखा?
उद्देशिका के माध्यम से भारत में किस प्रकार की विचारधारा का समावेश किया गया है?
उद्देशिका के माध्यम से भारत में किस प्रकार की विचारधारा का समावेश किया गया है?
संविधान का कौन सा भाग उद्देशिका को अभिव्यक्त करता है?
संविधान का कौन सा भाग उद्देशिका को अभिव्यक्त करता है?
जिस घटना के संदर्भ में उद्देशिका को सुधार किया गया था, वह क्या थी?
जिस घटना के संदर्भ में उद्देशिका को सुधार किया गया था, वह क्या थी?
स्विंत्रिा का अर्थ क्या है?
स्विंत्रिा का अर्थ क्या है?
समानिा का क्या तात्पर्य है?
समानिा का क्या तात्पर्य है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
बंधुत्व का मूल अर्थ क्या है?
स्विंत्रिा पर कौन सा अनुच्छेद सुरलक्षि है?
स्विंत्रिा पर कौन सा अनुच्छेद सुरलक्षि है?
किस केस में सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका की व्याख्या में 'मागणदिणक शसिारा' को स्वीकार नहीं किया?
किस केस में सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका की व्याख्या में 'मागणदिणक शसिारा' को स्वीकार नहीं किया?
उद्देशिका का उपयोग किसके माध्यम से हम भारतीय राज्य की प्रकृति को समझने के लिए करते हैं?
उद्देशिका का उपयोग किसके माध्यम से हम भारतीय राज्य की प्रकृति को समझने के लिए करते हैं?
संप्रभु पद का क्या अर्थ है?
संप्रभु पद का क्या अर्थ है?
भारतीय उद्देशिका का स्रोत किसे माना जाता है?
भारतीय उद्देशिका का स्रोत किसे माना जाता है?
उद्देशिका में किसकी जानकारी शामिल होती है?
उद्देशिका में किसकी जानकारी शामिल होती है?
संयुक्त राज्य अमेरिका को किस दृष्टिकोण से देखा जाता है?
संयुक्त राज्य अमेरिका को किस दृष्टिकोण से देखा जाता है?
उद्देशिका के माध्यम से भारतीय राज्य की कौन सी विशेषता स्पष्ट होती है?
उद्देशिका के माध्यम से भारतीय राज्य की कौन सी विशेषता स्पष्ट होती है?
उद्देशिका के कौन से आधिकार भारतीय संविधान के स्रोत के रूप में ज्ञात हैं?
उद्देशिका के कौन से आधिकार भारतीय संविधान के स्रोत के रूप में ज्ञात हैं?
उद्देशिका में 'संप्रभु' शब्द का क्या महत्व है?
उद्देशिका में 'संप्रभु' शब्द का क्या महत्व है?
उद्देशिका की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें किसका पता करना होगा?
उद्देशिका की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें किसका पता करना होगा?
उद्देशिका का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उद्देशिका का मुख्य उद्देश्य क्या है?
गणिंत्र का मुख्य कार्य क्या होता है?
गणिंत्र का मुख्य कार्य क्या होता है?
सामाजजक न्याय का क्या मुख्य सिद्धांत है?
सामाजजक न्याय का क्या मुख्य सिद्धांत है?
आजथि क न्याय का प्रमुख लक्ष्य क्या है?
आजथि क न्याय का प्रमुख लक्ष्य क्या है?
राजनैतिक न्याय के अंतर्गत क्या शामिल होता है?
राजनैतिक न्याय के अंतर्गत क्या शामिल होता है?
सामाजजक न्याय में निम्नलिखित में से कौन सी बात शामिल नहीं है?
सामाजजक न्याय में निम्नलिखित में से कौन सी बात शामिल नहीं है?
गणिंत्र का कार्यालय किनके लिए खुला होता है?
गणिंत्र का कार्यालय किनके लिए खुला होता है?
आर्थिक न्याय के उद्देश्य क्या हैं?
आर्थिक न्याय के उद्देश्य क्या हैं?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
राजनैतिक न्याय में कौन सी व्यवस्था शामिल नहीं है?
सामाजजक न्याय का एक प्रमुख उद्देश्य क्या है?
सामाजजक न्याय का एक प्रमुख उद्देश्य क्या है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय समाजवाद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारत के संविधान में धर्मनिरपेक्षता कब जोड़ी गई?
भारत के संविधान में धर्मनिरपेक्षता कब जोड़ी गई?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का मुख्य सिद्धांत क्या है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का मुख्य सिद्धांत क्या है?
भारत की राजनीतिक प्रणाली को क्या कहा जाता है?
भारत की राजनीतिक प्रणाली को क्या कहा जाता है?
अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की प्रणाली में कार्यपालिका किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
भारतीय राजनीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय राजनीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय समाजवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद का क्या है?
भारतीय समाजवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद का क्या है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का पश्चिमी देशों से किस तरह का अंतर है?
भारतीय धर्मनिरपेक्षता का पश्चिमी देशों से किस तरह का अंतर है?
लोकतांत्रिक राजनीति की नींव क्या है?
लोकतांत्रिक राजनीति की नींव क्या है?
गणतंत्र का मुख्य कार्य क्या होता है?
गणतंत्र का मुख्य कार्य क्या होता है?
Study Notes
उद्देशिका का महत्व
- संविधान की प्रस्तावना संविधान का अभिन्न अंग है।
- 1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा प्रस्तावना में "समाजवादी", "धर्मनिरपेक्ष" और "संप्रभु" शब्द जोड़े गए।
- प्रस्तावना कानूनों की अदालत में न्यायसंगत नहीं है।
- प्रस्तावना में न्याय का भाग रूसी क्रांति से लिया गया था।
- स्वतंत्रता का भाग फ्रांसीसी क्रांति से लिया गया था।
प्रस्तावना का इतिहास
- संयुक्त राज्य अमेरिका पहला देश था जिसने प्रस्तावना रखी।
- भारतीय प्रस्तावना का स्रोत "उद्देश्य संकल्प" है जिसे 1946 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
प्रस्तावना के महत्व
- प्रस्तावना संविधान के अधिकार के स्रोत के बारे में बताती है।
- प्रस्तावना भारतीय राज्य की प्रकृति को समझने में मदद करती है।
- प्रस्तावना में संविधान सभा के विचार शामिल हैं।
- प्रस्तावना में संविधान के अधिग्रहण और लागू करने की तारीख शामिल है।
प्रस्तावना के मुख्य शब्द
- संप्रभु: यह शब्द बताता है कि भारत कोई उपनिवेश/प्रभुत्व नहीं है।
- समाजवादी: यह शब्द 42वें संविधान संशोधन द्वारा 1976 में जोड़ा गया था। भारत में समाजवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद का मिश्रण है जिसमे गांधीवाद की ओर अधिक झुकाव है।
- धर्मनिरपेक्ष: यह शब्द 42वें संविधान संशोधन द्वारा 1976 में जोड़ा गया था। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और विभिन्न धर्मों के लोगों के लिए धर्म की स्वतंत्रता उपलब्ध है।
- जनतंत्र: जनतांत्रिक राजनीति लोकप्रिय संप्रभुता के सिद्धांत पर आधारित है।
- गणतंत्र: इसका अर्थ है कि राज्य का प्रमुख निर्वाचित होता है।
- सामाजिक न्याय: सभी नागरिकों के लिए समान व्यवहार पर जोर देता है।
- आर्थिक न्याय: आर्थिक असमानता को कम करने का लक्ष्य है।
- राजनीतिक न्याय: सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त है।
- स्वतंत्रता: फ्रांसीसी क्रांति से ली गई अविधारणा जो नियंत्रण के अभाव का अर्थ रखती है।
- समानता: सभी नागरिकों को समाज में समान दर्जा प्राप्त है।
- बंधुत्व: भाईचारे की भावना, व्यक्तित्व की गरिमा और राष्ट्र की एकता का आश्वासन देता है।
प्रस्तावना से संबंधित महत्वपूर्ण मामले
- ए.के. गोपालन केस (1950): सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की व्याख्या में "निर्देशक सिद्धांतों" के रूप में प्रस्तावना को स्वीकार नहीं किया।
- बेरुबारी केस (1960): सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्तावना को संविधान का एक अभिन्न अंग माना और स्वीकार किया कि इसका इस्तेमाल संविधान की समझ खोलने के लिए किया जा सकता है लेकिन इसका उपयोग उन मामलों में नहीं होगा जहां संविधान के दो प्रावधानों में विरोधाभास हो।
- केशवानंद भारती केस (1973): सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्तावना को संविधान के अन्य अंगों के समान स्तर पर रखा। यह भी माना गया कि इसमें बुनियादी संरचना निहित है।
प्रस्तावना
- प्रस्तावना भारत के संविधान का एक महत्वपूर्ण भाग है।
- प्रस्तावना में भारतीय लोगों के साथ संविधान के अधिकार के स्रोत के बारे में बताया गया है।
- प्रस्तावना से हम भारतीय राज्य की प्रकृति को समझ सकते हैं।
- प्रस्तावना में संविधान सभा का विचार शामिल है।
- प्रस्तावना में संविधान के अपनाने और लागू करने की तारीख भी शामिल है।
प्रस्तावना का इतिहास
- संयुक्त राज्य अमेरिका प्रस्तावना रखने वाला पहला देश है।
- भारतीय प्रस्तावना का स्रोत "उद्देश्य प्रस्ताव" है जो 1946 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
प्रस्तावना के प्रमुख पद
- संप्रभु : यह पद बताता है कि भारत कोई उपनिवेश/प्रभुत्व नहीं है। भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है जो अपना निर्णय स्वयं ले सकता है चाहे वह आंतरिक हो या बाह्य।
- समाजवादी : यह शब्द हमारे संविधान में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। भारतीय समाजवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद का मिश्रण है। गांधीवाद की ओर अधिक झुकाव है। भारत में समाजवाद का मुख्य उद्देश्य गरीबी, भूख, असमानता और अन्य सामाजिक समस्याओं को समाप्त करना है।
- धर्मनिरपेक्ष : यह शब्द हमारे संविधान में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और विभिन्न धर्मों के लोगों के लिए धर्म की स्वतंत्रता उपलब्ध है। यह लोगों को प्रथा, रीति और धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता देता है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता कई पश्चिमी देशों से अलग है। पश्चिम में धर्म और राज्य का पूर्ण अलगाव है जबकि हमारे देश में राज्य हर धर्म का समर्थन करते हैं।
- गणराज्य : लोकतांत्रिक राजनीति लोकप्रिय संप्रभुता के सिद्धांत पर आधारित है। भारत में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को प्रतिक्षित लोकतंत्र भी कहा जाता है। इस प्रणाली में कार्यपालिका विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है। प्रस्तावना में प्रयुक्त इस शब्द का व्यापक अर्थ है और यह आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र को भी ग्रहण कर रहा है।
- गणतंत्र : गणतंत्र का अर्थ है राज्य का प्रमुख निर्वाचित होता है। हमारे राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नहीं होता है. वह वंशानुगत नहीं है और इनकी कार्यकाल में एक निश्चित सीमा है। राष्ट्रपति का पद या कोई भी सार्वजनिक पद भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए खुला है।
- सामाजिक न्याय : यह सभी नागरिकों के लिए समान व्यवहार पर जोर देता है। जाति, रंग, नस्ल, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा। सामाजिक न्याय यह भी दिखाता है कि पिछड़े लोगों की स्थिति में सुधार किया जाना चाहिए और समाज के किसी भी वर्ग को कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिए गए हैं।
- आर्थिक न्याय : इसका उद्देश्य लोगों में आर्थिक असमानता को कम करना है। उद्देश्य धन और मजदूरी की असमानताओं को कम करना है।
- राजनीतिक न्याय : इस शब्द का अर्थ है कि देश के सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार और देश में राजनीतिक पदों में समान पहुंच प्राप्त है। सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, स्वतंत्र चुनाव आयोग की अवधारणा का पालन किया जाता है। समाज के कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित सीटें ताकि सभी का प्रतिनिधित्व हो।
- स्वतंत्रता : स्वतंत्रता की अवधारणा फ्रांसीसी क्रांति से ली गई है। स्वतंत्रता का अर्थ है, नियंत्रण का अभाव। यह व्यक्ति को अधिकार प्रदान करता है ताकि वह अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके। लेकिन एक बात समझ लेनी चाहिए कि आपकी स्वतंत्रता को दूसरों की स्वतंत्रता को सीमित नहीं करना चाहिए। इसलिए स्वतंत्रता निरपेक्ष नहीं है. स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत सुरक्षित है।
- समानता : यहां समानता का अर्थ है कि समाज के किसी भी वर्ग के लिए कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं होगा। सभी नागरिकों को समाज में समान दर्जा प्राप्त है। हर अवसर सभी के लिए समान रूप से खुला है।
- बंधुत्व : बंधुत्व का मूल अर्थ भाईचारे की भावना है। यहां यह शब्द व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता का आश्वासन देता है।
प्रस्तावना से संबंधित महत्वपूर्ण मामले
- ए के गोपालन केस (1950) : इस केस में उच्चतम न्यायालय ने संविधान की व्याख्या में "मांगदंडिक शक्ति" के रूप में प्रस्तावना को स्वीकार नहीं किया।
- बेरुबारी केस (1960) : इस केस में उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार किया कि संविधान सभा की समझ को खोलने के लिए प्रस्तावना को एक कुंजी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन इसका उपयोग केवल वहीं होगा जहां संविधान के दो प्रावधानों के बीच विरोधाभास है।
केशवानंद भारती केस (1973)
- इस केस में उच्चतम न्यायालय ने प्रस्तावना को संविधान के अलग अंग के रूप में रखा। उच्चतम न्यायालय ने यह भी माना कि इसमें बुनियादी संरचना निहित है।
महत्वपूर्ण बातें याद रखें
- प्रस्तावना संविधान का अलग अंग है।
- प्रस्तावना में 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संशोधन किया गया और समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और संप्रभु शब्द जोड़े गए।
- प्रस्तावना कानून की अदालत में न्यायसंगत नहीं है।
- प्रस्तावना में न्याय का भाग रूसी क्रांति से लिया गया था।
- स्वतंत्रता का भाग फ्रांसीसी क्रांति से लिया गया था।
प्रस्तावना
- प्रस्तावना संविधान का एक महत्वपूर्ण भाग है।
- प्रस्तावना में संविधान के उद्देश्यों और मूल्यों को दर्शाया गया है।
- प्रस्तावना में संविधान के निर्माण और लागू करने की तारीख भी शामिल है।
- प्रस्तावना को संविधान की "कुंजी" माना जा सकता है, इसका उपयोग संविधान की व्याख्या करने में किया जा सकता है।
- हालांकि इसका इस्तेमाल तब नहीं किया जा सकता जब संविधान के दो प्रावधानों के बीच विरोधाभास हो।
प्रस्तावना का इतिहास
- संयुक्त राज्य अमेरिका प्रस्तावना रखने वाला पहला देश है।
- भारतीय प्रस्तावना का स्रोत "उद्देश्य प्रस्ताव" है जो 1946 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
प्रस्तावना के महत्व
- प्रस्तावना हमें भारत के लोगों के साथ संविधान के अधिकार के स्रोत के बारे में बताती है।
- प्रस्तावना के माध्यम से हम भारतीय राज्य की प्रकृति को समझ सकते हैं।
- प्रस्तावना में संविधान सभा का विचार शामिल है।
- प्रस्तावना में भारत के मूल्यों और आदर्शों को शामिल किया गया है।
प्रस्तावना के प्रमुख शब्द
संप्रभु
- संप्रभु का अर्थ है कि भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है जो अपना निर्णय स्वयं ले सकता है।
- भारत किसी भी विदेशी शक्ति के अधीन नहीं है।
समाजवादी
- यह शब्द 42वें संवधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- भारतीय समाजवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद का मिश्रण है।
- समाजवाद का उद्देश्य गरीबी, भूख, असमानता और अन्य सामाजिक समस्याओं को समाप्त करना है।
धर्मनिरपेक्ष
- यह शब्द 42वें संवधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और विभिन्न धर्मों के लोगों के लिए धर्म की स्वतंत्रता उपलब्ध है।
- लोग अपनी प्रथा, रीति और धर्म का प्रचार करने के लिए स्वतंत्र हैं।
- भारतीय धर्मनिरपेक्षता कई पश्चिमी देशों से अलग है। पश्चिम में धर्म और राज्य का पूर्ण अलगाव है जबकि हमारे देश में राज्य हर धर्म का समर्थन करता है।
लोकतंत्र
- लोकतांत्रिक राजनीति लोकप्रिय संप्रभुता के सिद्धांत पर आधारित है।
- भारत में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र है जिसे प्रतिनिधि लोकतंत्र भी कहा जाता है।
- लोकतंत्र सभी क्षेत्रों में, राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सभी में है।
गणतंत्र
- गणतंत्र में राज्य का प्रमुख निर्वाचित होता है।
- हमारे राष्ट्रपति का चुनाव सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से नहीं होता है।
- वह वंशानुगत नहीं है और उसका कार्यकाल निश्चित है।
- राष्ट्रपति का पद या कोई भी सार्वजनिक पद भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए खुला है।
सामाजिक न्याय
- सामाजिक न्याय सभी नागरिकों के लिए समान व्यवहार पर जोर देता है।
- जाति, रंग, नस्ल, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा।
- सामाजिक न्याय यह भी सुनिश्चित करता है कि पिछड़े वर्गों की स्थिति में सुधार किया जाए और समाज के किसी भी वर्ग को विशेष अधिकार नहीं दिए गए हैं।
आर्थिक न्याय
- आर्थिक न्याय का उद्देश्य लोगों में आर्थिक असमानता को कम करना है।
- इसका उद्देश्य धन और मजदूरी की असमानताओं को कम करना है।
राजनीतिक न्याय
- राजनीतिक न्याय का अर्थ है कि देश के सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार और देश में राजनीतिक पदों में समान पहुंच प्राप्त है।
- सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, स्वतंत्र चुनाव आयोग की अवधारणा का पालन किया जाता है।
- कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित सीटें यह सुनिश्चित करती हैं कि सभी का प्रतिनिधित्व हो।
स्वतंत्रता
- स्वतंत्रता की अवधारणा फ्रांसीसी क्रांति से ली गई है।
- स्वतंत्रता का अर्थ है, नियंत्रण का अभाव।
- यह व्यक्ति को स्वतंत्रता प्रदान करता है ताकि वह अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके।
- स्वतंत्रता को दूसरों की स्वतंत्रता को सीमित नहीं करना चाहिए।
- स्वतंत्रता सापेक्ष है।
- स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 21 में सुरक्षित है।
समानता
- यहां समानता का अर्थ है कि समाज के किसी भी वर्ग के लिए कोई विशेष अधिकार नहीं होगा।
- सभी नागरिकों को समाज में समान दर्जा प्राप्त है।
- हर अवसर सभी के लिए समान रूप से खुला है।
बंधुत्व
- बंधुत्व का मूल अर्थ भाईचारे की भावना है।
- यहां यह शब्द व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता का आश्वासन देता है।
प्रस्तावना से संबंधित महत्वपूर्ण मामले
ए के गोपालन केस (1950)
- इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की व्याख्या में "निर्देशक सिद्धांतों" के रूप में प्रस्तावना को स्वीकार नहीं किया।
बेरुबारी केस (1960)
- इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया कि संविधान सभा की समझ को खोलने के लिए प्रस्तावना का इस्तेमाल कुंजी के रूप में किया जा सकता है। हालाँकि इसका उपयोग तब नहीं किया जाएगा जब संविधान के दो प्रावधानों के बीच विरोधाभास है।
केशवानंद भारती केस (1973)
- इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रस्तावना को संविधान के एक अलग अंग के रूप में रखा। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी माना कि इसमें मूल संरचना निहित है।
उद्देशिका
- उद्देशिका भारतीय संविधान की प्रस्तावना है
- संयुक्त राज्य अमेरिका पहला ऐसा देश था जिसने उद्देशिका रखी थी
- भारतीय उद्देशिका का स्रोत "उद्देश्य प्रस्ताव" है जो 1946 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तावित किया गया था
उद्देशिका के तत्व
- उद्देशिका भारतीय लोगों के साथ संविधान के अधिकार के स्रोत के बारे में बताती है
- यह भारतीय राज्य की प्रकृति को समझने में मदद करती है
- इसमें संविधान सभा का विचार शामिल है
- इसमें संविधान के अपनाए जाने और लागू होने की तिथि शामिल होती है
उद्देशिका के प्रमुख पद
संप्रभु
- यह इंगित करता है कि भारत कोई उपनिवेश/प्रभुत्व नहीं है
- भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है जो स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकता है, चाहे वह आंतरिक हो या बाहरी
समाजवादी
- यह शब्द 1976 में 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा भारतीय संविधान में जोड़ा गया था
- भारतीय समाजवाद गांधीवादी और मार्क्सवादी का मिश्रण है, जिसका झुकाव गांधीवाद की ओर अधिक है
- भारत में समाजवाद का मुख्य उद्देश्य गरीबी, भूख, असमानता और अन्य सामाजिक समस्याओं को खत्म करना है
धर्मनिरपेक्षता
- यह शब्द 1976 में 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा भारतीय संविधान में जोड़ा गया था
- भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है, और विभिन्न धर्मों के लोगों के लिए धर्म की स्वतंत्रता उपलब्ध है
- यह लोगों को प्रथाओं, रीति-रिवाजों और धर्मों के प्रचार की स्वतंत्रता प्रदान करता है
- भारतीय धर्मनिरपेक्षता कई पश्चिमी देशों से अलग है, जहां धर्म और राज्य का पूर्ण अलगाव है, जबकि हमारे देश में राज्य सभी धर्मों को समान रूप से समर्थन देता है
जनतंत्र
- लोकतांत्रिक राजनीति लोकप्रिय संप्रभुता के सिद्धांतों पर आधारित है
- भारत में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को प्रतिनिधि लोकतंत्र भी कहा जाता है, जिसमें कार्यपालिका विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है
- उद्देशिका में प्रयुक्त इस शब्द का व्यापक अर्थ है और यह आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र को भी समाहित करता है
गणतंत्र
- गणतंत्र का अर्थ है राज्य का प्रमुख निर्वाचित होता है
- हमारे राष्ट्रपति का चुनाव सीधा और अप्रत्यक्ष रूप से नहीं किया जाता है
- यह वंशानुगत नहीं है और पद पर एक निश्चित अवधि होती है
- राष्ट्रपति का पद, या कोई भी सार्वजनिक पद, भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए खुला है
सामाजिक न्याय
- यह सभी नागरिकों के लिए समान व्यवहार पर जोर देता है, जाति, रंग, नस्ल, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा
- सामाजिक न्याय यह भी कहता है कि पिछड़े लोगों की स्थिति में सुधार किया जाना चाहिए, और समाज के किसी भी वर्ग को कोई विशेष अधिकार नहीं दिया जाता है
आर्थिक न्याय
- इसका उद्देश्य लोगों में आर्थिक असमानता को कम करना है
- धन और मजदूरी की असमानताओं को कम करना इसका उद्देश्य है
राजनैतिक न्याय
- इस शब्द का अर्थ है कि देश के सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार हैं, और राज्य में राजनीतिक पदों में समान पहुंच प्राप्त है
- सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, स्वतंत्र चुनाव आयोग जैसी अवधारणाओं का पालन किया जाता है
- समाज के कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित सीटें सभी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करती हैं
स्वतंत्रता
- स्वतंत्रता की अवधारणा फ्रांसीसी क्रांति से ली गई है
- स्वतंत्रता का मतलब है नियंत्रण का अभाव
- यह व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए स्वतंत्रता प्रदान करता है
- लेकिन यह समझना जरूरी है कि आपकी स्वतंत्रता दूसरों की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं करनी चाहिए
- इसलिए स्वतंत्रता पूर्ण नहीं है
- अनुच्छेद 21 में स्वतंत्रता का अधिकार सुरक्षित है
समानता
- यहां समानता का मतलब है कि समाज के किसी भी वर्ग के लिए कोई विशेष अधिकार नहीं होगा
- सभी नागरिकों को समाज में समान दर्जा प्राप्त है
- हर अवसर सभी के लिए समान रूप से खुला है
बंधुत्व
- बंधुत्व का मूल अर्थ भाईचारे की भावना है
- यह शब्द व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता का आश्वासन देता है
प्रस्तावना से संबंधित महत्वपूर्ण मामले
ए के गोपालन केस (1950)
- इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की व्याख्या में "निर्देशक सिद्धांतों" के रूप में उद्देशिका को स्वीकार नहीं किया
बेरुबारी केस (1960)
- इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया कि संविधान सभा की समझ को खोलने के लिए उद्देशिका का उपयोग चाबी के रूप में किया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग केवल तब नहीं होगा जब संविधान के दो खंडों के बीच विरोधाभास हो
केशवानंद भारती केस (1973)
- इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने उद्देशिका को संविधान के एक अभिन्न अंग के रूप में रखा
- सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी माना कि इसमें मूल संरचना शामिल है
याद रखने योग्य बिंदु:
- प्रस्तावना संविधान का अभिन्न अंग है
- प्रस्तावना में 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संशोधन किया गया और समाजवादी, धर्मनिरपेक्षता और संप्रभु शब्द जोड़े गए
- उद्देशिका कानून की अदालतों में न्यायसंगत नहीं है
- उद्देशिका में न्याय का भाग रूसी क्रांति से लिया गया था
- स्वतंत्रता का भाग फ्रांसीसी क्रांति से लिया गया था
उद्देशिका का महत्व
- उद्देशिका भारतीय संविधान की प्रस्तावना है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका उद्देशिका रखने वाला पहला देश था।
- भारतीय उद्देशिका का स्रोत 1946 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तावित "उद्देश्य प्रस्ताव" है।
उद्देशिका के तत्व
- उद्देशिका भारतीय लोगों को संविधान के अधिकार के स्रोत के बारे में बताती है।
- उद्देशिका के माध्यम से हम भारतीय राज्य की प्रकृति को समझ सकते हैं।
- इसमें संविधान सभा का विचार शामिल है।
- इसमें संविधान के अपनाए जाने और लागू होने की तारीख भी शामिल है।
उद्देशिका के प्रमुख पद
संप्रभु
- यह शब्द बताता है कि भारत कोई उपनिवेश/प्रभुत्व नहीं है।
- भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है जो अपना निर्णय स्वयं ले सकता है चाहे वह आंतरिक हो या बाह्य।
समाजवादी
- यह शब्द हमारे संविधान में 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- भारतीय समाजवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद का मिश्रण है, गांधीवाद की ओर अधिक झुकाव है।
- भारत में समाजवाद का मुख्य उद्देश्य गरीबी, भूख, असमानता और अन्य सामाजिक समस्याओं को समाप्त करना है।
धर्मनिरपेक्षता
- यह शब्द हमारे संविधान में 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।
- भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और विभिन्न धर्मों के लोगों के लिए धर्म की स्वतंत्रता उपलब्ध है।
- यह लोगों को प्रथा, रीति और धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता देता है।
- भारतीय धर्मनिरपेक्षता कई पश्चिमी देशों से अलग है। पश्चिम में धर्म और राज्य का पूर्ण अलगाव है जबकक हमारे देश में राज्य हर धर्म का समर्थन करते हैं।
गणराज्य
- गणराज्य का अर्थ है राज्य का प्रमुख निर्वाचित होना। हमारे राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नहीं होता है।
- यह वंशानुगत नहीं है और इनकी कार्यकाल में एक निश्चित सीमा है।
- राष्ट्रपति का कार्यकाल या कोई भी सार्वजनिक कार्यकाल भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए खुला है।
सामाजिक न्याय
- यह सभी नागरिकों के लिए समान व्यवहार पर जोर देता है। जाति, रंग, नस्ल, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा।
- सामाजिक न्याय यह भी दिखाता है कि पिछड़े लोगों की स्थिति में सुधार किया जाना चाहिए और समाज के किसी वर्ग को कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिए गए हैं।
आर्थिक न्याय
- इसका उद्देश्य लोगों में आर्थिक असमानता को कम करना है।
- उद्देश्य धन और मजदूरी की असमानताओं को कम करना है।
राजनीतिक न्याय
- इस शब्द का अर्थ है कि देश के सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार और देश में राजनीतिक कार्यकालों में समान पहुँच प्राप्त है।
- सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, स्वतंत्र चुनाव आयोग की अवधारणा का पालन किया जाता है।
- समाज के कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित सीटें ताकि सभी का प्रतिनिधित्व हो।
स्वतंत्रता
- स्वतंत्रता की अवधारणा फ्रांसीसी क्रांति से ली गई है।
- स्वतंत्रता का अर्थ है, नियंत्रण का अभाव।
- यह व्यक्ति को अवसर प्रदान करता है ताकि वह अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके।
- लेकिन एक बात समझ लेनी चाहिए कि आपकी स्वतंत्रता को दूसरों की स्वतंत्रता को सीमित नहीं करना चाहिए।
- इसलिए स्वतंत्रता निरपेक्ष नहीं है।
- स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत सुरक्षित है।
समानता
- यहाँ समानता का अर्थ है कि समाज के किसी भी वर्ग के लिए कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं होगा। सभी नागरिकों को समाज में समान दर्जा प्राप्त है।
- हर अवसर सभी के लिए समान रूप से खुला है।
बंधुत्व
- बंधुत्व का मूल अर्थ भाईचारे की भावना है।
- यहाँ यह शब्द व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता का आश्वासन देता है।
प्रस्तावना से संबंधित महत्वपूर्ण मामले
ए के गोपालन केस (1950)
- इस केस में उच्चतम न्यायालय ने संविधान की व्याख्या में "मांगदंड शास्त्र" के रूप में उद्देशिका को स्वीकार नहीं किया।
बेरुबारी केस (1960)
- इस केस में उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार किया कि संविधान सभा की समझ को खोलने के लिए उद्देशिका को एक कुंजी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन इसका उपयोग केवल तभी होगा जहाँ संविधान के दो प्राविधानों के बीच विरोधाभास है।
केशवानंद भारती केस (1973)
- इस केस में उच्चतम न्यायालय ने उद्देशिका को संविधान के अभिन्न अंग के रूप में रखा। उच्चतम न्यायालय ने यह भी माना कि इसमें बुनियादी संरचना शामिल है।
याद रखने योग्य बिंदु
- प्रस्तावना संविधान का अभिन्न अंग है।
- प्रस्तावना में 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संशोधन किया गया और समाजवादी, धर्मनिरपेक्षता और संप्रभु शब्द जोड़े गए।
- उद्देशिका कानून की अदालत में न्याय संगत नहीं है।
- उद्देशिका में न्याय का भाग रूसी क्रांति से लिया गया था.
- स्वतंत्रता का भाग फ्रांसीसी क्रांति से लिया गया था।
प्रस्तावना का महत्व
- प्रस्तावना भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण अंग है।
- यह संविधान के उद्देश्यों और मूल्यों को दर्शाता है।
प्रस्तावना के स्रोत
- संयुक्त राज्य अमेरिका प्रस्तावना रखने वाला पहला देश था।
- भारतीय प्रस्तावना का स्रोत 1946 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत "उद्देश्य प्रस्ताव" है.
प्रस्तावना के मुख्य बिंदु
- प्रस्तावना भारतीय लोगों को संविधान के अधिकारों का स्रोत बताता है।
- यह भारतीय राज्य की प्रकृति को समझने में मदद करता है।
- इसमें संविधान सभा का विचार शामिल है।
- इसमें संविधान को अपनाने और लागू करने की तारीख भी शामिल है।
प्रस्तावना के प्रमुख शब्द
- संप्रभु: भारत कोई उपनिवेश नहीं है। यह स्वतंत्र राष्ट्र है जो स्वयं निर्णय ले सकता है।
- समाजवादी: यह शब्द 1976 में 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था। भारतीय समाजवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद का मिश्रण है, मुख्य रूप से गांधीवाद को ध्यान में रखते हुए। इसका मुख्य उद्देश्य गरीबी, भूख, असमानता और अन्य सामाजिक समस्याओं को खत्म करना है।
- धर्मनिरपेक्ष: यह शब्द 1976 में 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और विभिन्न धर्मों के लोगों को धर्म की स्वतंत्रता उपलब्ध है। यह उन्हें प्रथा, रिवाज और धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्रदान करता है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता कई पश्चिमी देशों से अलग है, जहां धर्म और राज्य पूरी तरह से अलग होते हैं। हमारे देश में राज्य सभी धर्मों का समर्थन करता है.
- गणराज्य: लोकतांत्रिक राजनीति लोकप्रिय संप्रभुता के सिद्धांत पर आधारित है। भारत में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को प्रतिनिधित्व लोकतंत्र भी कहा जाता है, जिसमें कार्यपालिका विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है. प्रस्तावना में इस्तेमाल किए गए इस शब्द का व्यापक अर्थ है, और इसमें आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र भी शामिल है।
- गणतंत्र: गणतंत्र का अर्थ है राज्य का प्रमुख निर्वाचित होना। हमारे राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं होता है। यह वंशानुगत नहीं है और उनके कार्यालय में एक निश्चित अवधि होती है. राष्ट्रपति का कार्यालय, या कोई भी सार्वजनिक कार्यालय, भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए खुला है.
- सामाजिक न्याय: यह सभी नागरिकों के लिए समान व्यवहार पर जोर देता है। जाति, रंग, नस्ल, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा। सामाजिक न्याय यह भी कहता है कि पिछड़ों की स्थिति में सुधार किया जाना चाहिए और समाज के किसी भी वर्ग को कोई विशेषाधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।
- आर्थिक न्याय: इसका उद्देश्य लोगों में आर्थिक असमानता को कम करना है। इसका उद्देश्य धन और मजदूरी की असमानताओं को कम करना है.
- राजनीतिक न्याय: इस शब्द का अर्थ है कि देश के सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार और देश में राजनीतिक कार्यालयों में समान पहुँच प्राप्त है. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, स्वतंत्र चुनाव आयोग की अवधारणा का पालन किया जाता है. कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित सीटें सभी के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करती हैं.
- स्वतंत्रता: स्वतंत्रता की अवधारणा फ्रांसीसी क्रांति से ली गई है। स्वतंत्रता का अर्थ है, नियंत्रण का अभाव। यह व्यक्तियों को अधिकार प्रदान करता है ताकि वे अपने व्यक्तित्व को विकसित कर सकें। हालांकि, यह समझ लेना चाहिए कि आपकी स्वतंत्रता दूसरों की स्वतंत्रता को सीमित नहीं करनी चाहिए। इसलिए, स्वतंत्रता सापेक्ष है. स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत सुरक्षित है.
- समानता: यहां समानता का अर्थ है कि समाज के किसी भी वर्ग के लिए कोई विशेषाधिकार नहीं होगा. सभी नागरिकों को समाज में समान दर्जा प्राप्त है. हर अवसर सभी के लिए समान रूप से खुला है.
- बंधुत्व: बंधुत्व का मूल अर्थ भाईचारे की भावना है. यहां यह शब्द व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता का आश्वासन देता है.
प्रस्तावना से संबंधित महत्वपूर्ण मामले
- ए के गोपालन केस (1950) : इस केस में सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की व्याख्या में प्रस्तावना को "निर्देशक सिद्धांत" के रूप में स्वीकार नहीं किया।
- बेरुबारी केस (1960): इस केस में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रस्तावना को संविधान का एक प्रमुख भाग माना और यह भी माना कि इसमें मूलभूत संरचना निहित है।
- केशवानंद भारती केस (1973): इस केस में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया कि संविधान सभा की समझ को खोलने के लिए प्रस्तावना का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग केवल वहां नहीं किया जाएगा जहां संविधान के दो प्रावधानों के बीच विरोधाभास हो।
प्रस्तावना में बदलाव
- 1976 में 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में "समाजवादी" और "धर्मनिरपेक्ष" शब्द जोड़े गए थे। इस संशोधन ने प्रस्तावना में प्रयुक्त मूल शब्दों को बनाए रखते हुए उनके अर्थ में बदलाव किया.
प्रस्तावना
- प्रस्तावना संविधान की भूमिका है।
- प्रस्तावना में संविधान के विभिन्न भागों के बारे में जानकारी होती है।
- प्रस्तावना को संविधान का अंग माना जाता है।
- प्रस्तावना संविधान के उद्देश्यों को स्पष्ट करती है।
- 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में "समाजवादी", "धर्मनिरपेक्ष" और "सम्प्रभु" शब्द जोड़े गए थे।
- प्रस्तावना कानून में न्यायोचित नहीं है।
- प्रस्तावना में "न्याय" का भाग रूसी क्रांति से लिया गया था।
- प्रस्तावना में "स्वतंत्रता" का भाग फ्रांसीसी क्रांति से लिया गया था।
- प्रस्तावना का "समाजवादी" भाग गांधीवादी और मार्क्सवादी विचारों का मिश्रण है।
- भारतीय संविधान में समाजवाद का उद्देश्य गरीबी, भूख, असमानता और सामाजिक समस्याओं को दूर करना है।
- संविधान का "धर्मनिरपेक्ष" भाग विभिन्न धर्मों को स्वतंत्रता प्रदान करता है।
- भारतीय धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी देशों से भिन्न है, जहाँ धर्म और राज्य अलग-थलग होते हैं, जबकि भारत में राज्य सभी धर्मों का समर्थन करता है।
- "गणतंत्र" का अर्थ है कि राज्य का प्रमुख निर्वाचित होता है।
- भारत में राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नहीं होता है।
- राष्ट्रपति का पद प्रत्येक नागरिक के लिए खुला है।
- "सामाजिक न्याय" सभी नागरिकों के लिए समान व्यवहार पर जोर देता है।
- "आर्थिक न्याय" का उद्देश्य आर्थिक असमानता को कम करना है।
- "राजनीतिक न्याय" सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार और राज्य में राजनीतिक पदों पर समान पहुँच प्रदान करता है।
- "स्वतंत्रता" का अर्थ है नियंत्रण का अभाव।
- "समानता" का अर्थ है कि समाज के किसी भी वर्ग के लिए विशेष अधिकार नहीं होंगे।
- "बंधुत्व" का मूल अर्थ भाईचारे की भावना है।
प्रस्तावना से संबंधित महत्वपूर्ण मामले
- के. गोपालन केस (1950): इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की व्याख्या में प्रस्तावना को "मार्गदर्शक सिद्धांत" के रूप में स्वीकार नहीं किया।
- बेरुबारी केस (1960): इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया कि प्रस्तावना का उपयोग संविधान सभा की समझ को खोलने के लिए एक कुंजी के रूप में किया जा सकता है, लेकिन जहां संविधान के दो प्राधानों के बीच विरोधाभास है, वहां इसका उपयोग नहीं किया जाएगा।
- केशवानंद भारती केस (1973): इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रस्तावना को संविधान के एक अलग अंग के रूप में रखा। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी माना कि इसमें बुनियादी संरचना शामिल है।
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Description
यह क्विज संविधान की प्रस्तावना के महत्व और इतिहास पर आधारित है। इसमें प्रस्तावना में शामिल महत्वपूर्ण शब्दों और उनके अर्थों पर चर्चा की गई है। संविधान में प्रस्तावना का योगदान और इसके विकास की प्रक्रिया को समझने का यह एक उत्कृष्ट अवसर है।