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Questions and Answers
नवीन जलोद मृदा की विशेषता क्या है?
नवीन जलोद मृदा की विशेषता क्या है?
- इसमें हयुमस की अधिकता होती है।
- यह कंकड़ मृदा के रूप में जानी जाती है।
- यह नदियों के बाद में पाई जाती है। (correct)
- यह पुरानी जलोढ़ मृदा है।
बांगर मृदा को किस अन्य नाम से जाना जाता है?
बांगर मृदा को किस अन्य नाम से जाना जाता है?
- सादर मृदा
- जलोढ़ मृदा
- काली मृदा
- कंकड़ मृदा (correct)
काली मृदा का निर्माण किस प्रकार की गतिविधि से हुआ है?
काली मृदा का निर्माण किस प्रकार की गतिविधि से हुआ है?
- आधुनिक जलोढ़ प्रक्रियाओं से
- नदियों के अवशिष्ट से
- 古 ज्वालामुखी गतिविधियों से (correct)
- बर्फबारी से
काली मृदा की विशेषता क्या है?
काली मृदा की विशेषता क्या है?
जलोढ़ मृदा की वर्गीकरण में कौन सा विकल्प सही है?
जलोढ़ मृदा की वर्गीकरण में कौन सा विकल्प सही है?
Flashcards
नवीन जलोढ़
नवीन जलोढ़
नदियों के द्वारा हाल ही में जमा की गई मृदा, जिसमें ह्यूमस की मात्रा कम होती है।
पुरानी जलोढ़ (बांगर)
पुरानी जलोढ़ (बांगर)
नदियों द्वारा पुराने समय में जमा की गई मिट्टी, जिसे कंकड़युक्त मिट्टी भी कहा जाता है।
काली मृदा
काली मृदा
प्राचीन ज्वालामुखी गतिविधि से बनी मिट्टी, जो भारत के पश्चिमी भाग में पाई जाती है।
जलोढ़ मृदा
जलोढ़ मृदा
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Study Notes
जलोढ़ मृदा
- जलोढ़ मृदा को आयु के आधार पर दो भागों में बाँटा गया है:
- नवीन जलोढ़ (सादर)
- पुरानी जलोढ़ (बांगर)
नवीन जलोढ़ (सादर)
- नदियों के बहाव में नवीन जलोढ़ मृदा पाई जाती है।
- इसमें ह्यूमस की मात्रा कम होती है।
पुरानी जलोढ़ (बांगर)
- पुरानी जलोढ़ मृदा को कंकड़ मृदा भी कहा जाता है।
काली मृदा
- काली मृदा भारत के पश्चिमी भाग में पाई जाती है।
- यह प्राचीन ज्वालामुखी गतिविधि के कारण बनी है।
- यह लावा के ठंडा होने से बनी है।
- इसे कपास मृदा भी कहा जाता है।
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