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Questions and Answers
किस बोली से आधुनिक मानक हिंदी का विकास हुआ?
किस बोली से आधुनिक मानक हिंदी का विकास हुआ?
- भोजपुरी
- अवधी
- खड़ीबोली (correct)
- ब्रजभाषा
निम्नलिखित में से कौन सी प्रवृत्ति आदिकाल की साहित्य की विशेषता नहीं है?
निम्नलिखित में से कौन सी प्रवृत्ति आदिकाल की साहित्य की विशेषता नहीं है?
- दार्शनिक लेखन पर जोर (correct)
- राजपूत दरबारों द्वारा संरक्षण
- युद्धों का चित्रण
- योद्धाओं का महिमामंडन
निम्नलिखित में से कौन निर्गुण भक्ति धारा के कवि नहीं हैं?
निम्नलिखित में से कौन निर्गुण भक्ति धारा के कवि नहीं हैं?
- रविदास
- गुरु नानक
- सूरदास (correct)
- कबीर
"रामचरितमानस" के लेखक कौन हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य और धार्मिक विचारों को गहराई से प्रभावित किया?
"रामचरितमानस" के लेखक कौन हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य और धार्मिक विचारों को गहराई से प्रभावित किया?
रीतिकाल की कविता में निम्नलिखित में से किस तत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया था?
रीतिकाल की कविता में निम्नलिखित में से किस तत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया था?
इनमें से कौन भारतेंदु युग की विशेषता है?
इनमें से कौन भारतेंदु युग की विशेषता है?
छायावाद आंदोलन के संदर्भ में निम्नलिखित कवियों में से कौन प्रकृति, व्यक्तिवाद और भावनात्मक अभिव्यक्ति पर केंद्रित था?
छायावाद आंदोलन के संदर्भ में निम्नलिखित कवियों में से कौन प्रकृति, व्यक्तिवाद और भावनात्मक अभिव्यक्ति पर केंद्रित था?
प्रगतिवाद किस विचारधारा से प्रभावित था?
प्रगतिवाद किस विचारधारा से प्रभावित था?
"मैला आंचल" उपन्यास के लेखक कौन हैं, जिन्होंने ग्रामीण बिहार के जीवन और संस्कृति को दर्शाया?
"मैला आंचल" उपन्यास के लेखक कौन हैं, जिन्होंने ग्रामीण बिहार के जीवन और संस्कृति को दर्शाया?
निम्नलिखित में से कौन 'नई कहानी' आंदोलन से जुड़े हैं?
निम्नलिखित में से कौन 'नई कहानी' आंदोलन से जुड़े हैं?
Flashcards
आधुनिक मानक हिंदी क्या है?
आधुनिक मानक हिंदी क्या है?
आधुनिक मानक हिंदी, हिंदी साहित्य का मानक रूप है।
आदि काल क्या है?
आदि काल क्या है?
वीर-गाथा काल के नाम से भी जाना जाता है, यह काल वीरता और शौर्य की कविताओं से भरा हुआ है।
भक्ति काल क्या है?
भक्ति काल क्या है?
हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग, जो भक्ति और दार्शनिक लेखन से चिह्नित है।
रीति काल क्या है?
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आधुनिक काल क्या है?
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कबीर कौन थे?
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तुलसीदास कौन थे?
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सूरदास कौन थे?
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प्रेमचंद कौन थे?
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अज्ञेय कौन थे?
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Study Notes
- हिंदी साहित्य में हिंदी भाषा में लिखे गए साहित्यिक कार्य शामिल हैं।
- आधुनिक मानक हिंदी को मानक रूप माना जाता है।
- यह खड़ीबोली बोली से विकसित हुई है।
- हिंदी साहित्य मुख्य रूप से देवनागरी लिपि में लिखा गया है।
ऐतिहासिक संदर्भ
- हिंदी साहित्य का इतिहास पारंपरिक रूप से कई चरणों या अवधियों में विभाजित है।
- ये अवधियाँ विशिष्ट साहित्यिक प्रवृत्तियों और ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित हैं।
- मुख्य अवधियाँ हैं:
- आदि काल (प्रारंभिक काल)
- भक्ति काल (भक्ति काल)
- रीति काल (दरबारी साहित्य काल)
- आधुनिक काल (आधुनिक काल)
आदि काल (लगभग 1050-1375)
- वीर-गाथा काल के नाम से भी जाना जाता है।
- वीर और भाट कविता का प्रभुत्व था।
- प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
- चंद बरदाई द्वारा "पृथ्वीराज रासो", पृथ्वीराज चौहान के जीवन के बारे में एक लंबी कथा कविता।
- नरपति नाल द्वारा "बीसलदेव रासो", इस अवधि का एक और महत्वपूर्ण कार्य।
- साहित्य को अक्सर इस प्रकार दर्शाया जाता था:
- योद्धाओं का महिमामंडन।
- युद्धों का चित्रण।
- राजपूत दरबारों द्वारा संरक्षण।
भक्ति काल (लगभग 1375-1700)
- हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग माना जाता है।
- भक्ति कविता और दार्शनिक लेखन का विस्फोट हुआ।
- दो मुख्य विद्यालय या धाराएँ:
- निर्गुण भक्ति (निराकार ईश्वर के प्रति भक्ति)।
- सगुण भक्ति (रूप वाले ईश्वर के प्रति भक्ति)।
निर्गुण विद्यालय
- प्रमुख व्यक्ति:
- कबीर: अपने कट्टरपंथी और समतावादी विचारों के लिए जाने जाते हैं, धार्मिक रूढ़िवादिता की आलोचना करते हैं और आध्यात्मिकता के प्रति एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण की वकालत करते हैं।
- गुरु नानक: सिख धर्म के संस्थापक, उनके कार्य गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं, जिसमें हिंदी में छंद हैं।
- रविदास: एक दलित संत और कवि, उन्होंने सभी मनुष्यों की समानता और अनुष्ठानों पर आंतरिक पवित्रता के महत्व पर जोर दिया।
सगुण विद्यालय
- इसमें विभाजित:
- राम भक्ति (राम के प्रति भक्ति)।
- कृष्ण भक्ति (कृष्ण के प्रति भक्ति)।
- राम भक्ति:
- तुलसीदास: "रामचरितमानस" की रचना की, जो रामायण का एक महाकाव्य पुनर्कथन है, जिसने हिंदी संस्कृति और धार्मिक विचारों को गहराई से प्रभावित किया।
- कृष्ण भक्ति:
- सूरदास: अंधे कवि अपनी उत्कृष्ट कविताओं के लिए जाने जाते हैं जो कृष्ण को समर्पित हैं, विशेष रूप से उनका बचपन।
- मीराबाई: एक राजपूत राजकुमारी जिन्होंने कृष्ण को समर्पित करने के लिए अपने शाही जीवन का त्याग कर दिया, उनके भजन (भक्ति गीत) बहुत लोकप्रिय हैं।
- रस खान: एक मुस्लिम कवि जिन्होंने कृष्ण को समर्पित भक्ति कविता लिखी।
रीति काल (लगभग 1700-1900)
- रीतिकाल या उत्तर मध्यकाल के नाम से भी जाना जाता है।
- इसकी विशेषता है:
- कविता सौंदर्यशास्त्र और काव्यशास्त्र पर केंद्रित है।
- भाषण के आंकड़ों का विस्तृत उपयोग।
- प्रेम, सौंदर्य और वीरता जैसे दरबारी विषय।
- कवियों का उद्देश्य जटिल छंद और स्थापित काव्य सम्मेलनों का पालन करके अपने कौशल का प्रदर्शन करना था।
- प्रमुख व्यक्ति:
- केशवदास: "रसिकप्रिया" और "कविप्रिया" सहित अपनी जटिल और अलंकृत कविता के लिए जाने जाते हैं।
- बिहारी: अपने दोहों (दोहे) के संग्रह "बिहारी सतसई" के लिए प्रसिद्ध हैं, जो बुद्धि और ज्ञान से भरे हैं।
- भूषण: शिवाजी और अन्य मराठा योद्धाओं के बारे में अपनी वीर कविताओं के लिए जाने जाने वाले दरबारी कवि।
आधुनिक काल (लगभग 1900-वर्तमान)
- पश्चिमी साहित्य और सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों के प्रभाव से चिह्नित।
- इस अवधि के दौरान हिंदी गদ্য का महत्वपूर्ण विकास हुआ।
- प्रमुख प्रवृत्तियाँ:
- राष्ट्रवाद का उदय।
- समाज सुधार आंदोलन।
- मनोवैज्ञानिक यथार्थवाद।
प्रमुख उप-अवधियाँ और आंदोलन
- भारतेंदु युग (लगभग 1850-1900):
- आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रवर्तक भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाम पर।
- सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर ध्यान दें।
- आधुनिक हिंदी गద్య का विकास।
- द्विवेदी युग (लगभग 1900-1920):
- महावीर प्रसाद द्विवेदी के नाम पर।
- हिंदी की भाषाई शुद्धता और मानकीकरण पर जोर।
- देशभक्ति और सुधारवादी विषय।
- छायावाद (लगभग 1920-1936):
- रोमांटिक और रहस्यमय आंदोलन।
- प्रमुख व्यक्ति:
- जयशंकर प्रसाद।
- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'।
- सुमित्रानंदन पंत।
- महादेवी वर्मा।
- व्यक्तिवाद, भावनात्मक अभिव्यक्ति और प्रकृति पर ध्यान दें।
- प्रगतिवाद (प्रगतिवाद) (लगभग 1936-1947):
- मार्क्सवादी विचारधारा से प्रभावित।
- सामाजिक न्याय, समानता और श्रमिक वर्ग के जीवन पर ध्यान दें।
- प्रमुख व्यक्ति:
- गजानन माधव मुक्तिबोध।
- नागार्जुन।
- केदारनाथ अग्रवाल।
- प्रयोगवाद और नई कविता (प्रयोगवाद और नई कविता) (लगभग 1947-1960):
- नए रूपों और विषयों के साथ प्रयोग।
- व्यक्तिगत अनुभव और अलगाव पर जोर।
- प्रमुख व्यक्ति:
- अज्ञेय (सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय')।
- धर्मवीर भारती।
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना।
- समकालीन कविता (समकालीन कविता) (1960-वर्तमान):
- विषयों और शैलियों की विविध श्रेणी।
- समकालीन सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर ध्यान दें।
- अभिव्यक्ति की अधिक स्वतंत्रता।
आधुनिक हिंदी साहित्य में प्रमुख विधाएँ
- कविता: छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद और नई कविता जैसे विभिन्न आंदोलनों के माध्यम से विकसित होते हुए एक महत्वपूर्ण विधा बनी हुई है।
- उपन्यास: 20वीं शताब्दी में एक प्रमुख रूप के रूप में उभरा, जिसमें सामाजिक, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक विषयों को संबोधित किया गया।
- लघु कहानी: लोकप्रिय हुई, मानव जीवन और समाज के विविध पहलुओं की खोज की।
- नाटक: आधुनिक विषयों और तकनीकों के साथ विकसित, अक्सर सामाजिक मुद्दों और ऐतिहासिक आख्यानों को संबोधित करता है।
- निबंध और आलोचना: साहित्यिक, समाज और संस्कृति का विश्लेषण करते हुए बौद्धिक अभिव्यक्ति के महत्वपूर्ण रूपों के रूप में विकसित हुए।
प्रमुख उपन्यासकार
- प्रेमचंद: "गोदान" और "गबन" जैसे कार्यों में ग्रामीण भारतीय जीवन और सामाजिक मुद्दों के यथार्थवादी चित्रण के लिए जाने जाते हैं।
- फणीश्वरनाथ रेणु: अपने क्षेत्रीय उपन्यासों के लिए प्रसिद्ध हैं, विशेष रूप से "मैला आंचल", जो ग्रामीण बिहार के जीवन और संस्कृति को दर्शाता है।
- यशपाल: एक प्रमुख उपन्यासकार और लघु कहानी लेखक जो अपने समाजवादी और मार्क्सवादी विचारों के लिए जाने जाते हैं, जो "झूठा सच" जैसे कार्यों में परिलक्षित होते हैं।
- कृष्णा सोबती: अपनी मजबूत महिला पात्रों और "मित्रो मरजानी" और "जिंदगी नामा" जैसे उपन्यासों में लिंग और पहचान की खोज के लिए जानी जाती हैं।
- निर्मल वर्मा: "परिंदे" और "रात का रिपोर्टर" जैसे उपन्यासों में अलगाव, अस्तित्ववाद और विस्थापन के विषयों की खोज की।
- मोहन राकेश: "नई कहानी" आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति, जो शहरी जीवन और रिश्तों की खोज करने वाले अपने उपन्यासों और नाटकों के लिए जाने जाते हैं।
प्रमुख लघु कहानी लेखक
- प्रेमचंद: सामाजिक यथार्थवाद पर ध्यान केंद्रित करते हुए, आधुनिक हिंदी लघु कहानी का बीड़ा उठाया।
- जयशंकर प्रसाद: अपनी ऐतिहासिक और रोमांटिक लघु कहानियों के लिए जाने जाते हैं।
- अज्ञेय: अपनी लघु कहानियों में मनोवैज्ञानिक और अस्तित्वगत विषयों की खोज की।
- मोहन राकेश: "नई कहानी" आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति, जो शहरी जीवन और रिश्तों का चित्रण करते हैं।
- मन्नू भंडारी: नारीवादी दृष्टिकोण और मध्यवर्गीय महिलाओं के चित्रण के लिए जानी जाती हैं।
प्रमुख नाटककार
- भारतेंदु हरिश्चंद्र: आधुनिक हिंदी नाटक के प्रवर्तक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को संबोधित करते हैं।
- जयशंकर प्रसाद: अपने ऐतिहासिक और पौराणिक नाटकों के लिए जाने जाते हैं।
- मोहन राकेश: स्वतंत्रता के बाद के युग के एक प्रमुख नाटककार, जो आधुनिक रिश्तों और शहरी जीवन की खोज करते हैं।
- विजय तेंदुलकर: अपने यथार्थवादी और विवादास्पद नाटकों के लिए जाने जाते हैं।
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