आदिकाल: हिंदी साहित्य नोट्स

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Questions and Answers

निम्नलिखित में से कौन सी प्रवृत्ति भक्तिकाल की निर्गुण शाखा से संबंधित है?

  • मूर्ति पूजा का समर्थन
  • अवतारवाद में विश्वास
  • संस्कृत भाषा का प्रयोग
  • धार्मिक कट्टरता का विरोध (correct)

निम्नलिखित में से कौन सी रचना आदिकाल की नहीं है?

  • बीसलदेव रासो
  • रामचरितमानस (correct)
  • परमाल रासो
  • पृथ्वीराज रासो

रीतिकाल की कविता में निम्नलिखित में से किस तत्व पर सबसे अधिक जोर दिया गया है?

  • देशभक्ति
  • दार्शनिक चिंतन
  • सौंदर्य और श्रृंगार (correct)
  • सामाजिक सुधार

भारतेन्दु युग का मुख्य उद्देश्य क्या था?

<p>सामाजिक सुधार और देशभक्ति (C)</p> Signup and view all the answers

प्रेमचंद के उपन्यासों में मुख्य रूप से किसका चित्रण है?

<p>ग्रामीण और शहरी जीवन की वास्तविकताएँ (C)</p> Signup and view all the answers

छायावाद की कविता में किस पर अधिक बल दिया गया है?

<p>व्यक्तिवाद, प्रकृति और भावना (A)</p> Signup and view all the answers

प्रगतिवाद किस विचारधारा से प्रभावित था?

<p>मार्क्सवाद (C)</p> Signup and view all the answers

अज्ञेय किस काव्य धारा के प्रमुख कवि हैं?

<p>प्रयोगवाद (D)</p> Signup and view all the answers

निम्नलिखित में से कौन भक्तिकाल के कृष्ण भक्ति शाखा के कवि नहीं हैं?

<p>कबीर (A)</p> Signup and view all the answers

आधुनिक हिंदी साहित्य में 'गोदान' किसकी कृति है?

<p>मुंशी प्रेमचंद (B)</p> Signup and view all the answers

Flashcards

आदिकाल (c. 1050 – 1375)

वीरगाथा काल के रूप में भी जाना जाता है, चारणों द्वारा शाही दरबारों में गाए जाने वाले वीर रस के काव्य और गाथागीतों की विशेषता।

भक्ति काल (c. 1375 – 1700)

भक्ति आंदोलन के उदय और भक्ति काव्य के प्रसार द्वारा चिह्नित, इसे हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग माना जाता है।

रीतिकाल (c. 1700 – 1900)

अलंकृत कविता, सौंदर्यशास्त्र और काव्यशास्त्र पर जोर। कवियों ने अक्सर राजाओं के संरक्षण में प्रेम, सौंदर्य और दरबारी जीवन के विषयों पर लिखा।

आधुनिक काल (c. 1900 – वर्तमान)

यह काल पश्चिमी साहित्यिक रूपों और विचारधाराओं से प्रभावित हिंदी साहित्य के आधुनिकीकरण का प्रतीक है।

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निर्गुण स्कूल

निर्गुण ईश्वर की भक्ति, सामाजिक सुधार पर ध्यान केंद्रित, धार्मिक रूढ़िवादी के खिलाफ उपदेश।

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सगुण स्कूल

भगवान के साकार रूप की भक्ति।

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मुंशी प्रेमचंद

आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक माने जाते हैं।

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भारतेन्दु युग (c. 1850-1900)

सामाजिक सुधार, देशभक्ति और हिंदी गद्य के विकास पर ध्यान केंद्रित।

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द्विवेदी युग (c. 1900-1920)

भाषा की शुद्धता, हिंदी के मानकीकरण और नैतिक विषयों पर जोर।

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छायावाद (c. 1920-1936)

रोमांटिक और रहस्यमय कविता जिसमें व्यक्तिवाद, प्रकृति और भावना पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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Study Notes

यहाँ हिंदी साहित्य के अध्ययन नोट्स का अद्यतन किया गया है:

  • हिंदी साहित्य में हिंदी भाषा में लिखे गए कार्यों का एक समृद्ध और विविध संग्रह शामिल है, मुख्य रूप से देवनागरी लिपि में।
  • यह सदियों तक फैला है, विभिन्न चरणों से विकसित हो रहा है और अपने समय की सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक परिस्थितियों को दर्शाता है।
  • हिंदी साहित्य के इतिहास को पारंपरिक रूप से चार मुख्य अवधियों में विभाजित किया गया है:
    • आदिकाल (लगभग 1050 - 1375)
    • भक्तिकाल (लगभग 1375 - 1700)
    • रीतिकाल (लगभग 1700 - 1900)
    • आधुनिक काल (लगभग 1900 - वर्तमान)

आदिकाल (लगभग 1050 - 1375)

  • इसे वीरगाथा काल या चारणकाल के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस काल की विशेषता वीर कविता और गाथागीत हैं, जो अक्सर शाही दरबारों में चारणों (भाटों) द्वारा गाए जाते थे।
  • मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
    • राजाओं की महिमा का गुणगान करना
    • युद्ध और प्रेम
    • डिंगल-पिंगल का प्रयोग
  • महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल हैं:
    • चंद बरदाई द्वारा पृथ्वीराज रासो
    • नरपत नाल्ह द्वारा बीसलदेव रासो
    • जगनिक द्वारा परमाल रासो
    • अमीर खुसरो द्वारा खुसरो की पहेलियाँ

भक्तिकाल (लगभग 1375 - 1700)

  • इसे हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग माना जाता है।
  • यह भक्ति आंदोलन के उदय और भक्ति कविता के प्रसार द्वारा चिह्नित है।
  • इसे दो मुख्य विद्यालयों में विभाजित किया गया है:
    • निर्गुण विद्यालय (निराकार ईश्वर को भक्ति)
      • उल्लेखनीय कवि: कबीर, गुरु नानक, रैदास
      • सामाजिक सुधार पर ध्यान केंद्रित किया और धार्मिक रूढ़िवादिता के खिलाफ प्रचार किया
      • कबीर के दोहे विशेष रूप से उनके दार्शनिक अंतर्दृष्टि के लिए प्रसिद्ध हैं
    • सगुण विद्यालय (रूप वाले ईश्वर को भक्ति)
      • राम भक्ति और कृष्ण भक्ति परंपराओं में विभाजित
        • राम भक्ति
          • तुलसीदास सबसे प्रमुख व्यक्ति हैं
          • उनका रामचरितमानस रामायण का एक महाकाव्य पुनर्कथन है और हिंदी साहित्य का एक आधारशिला है
        • कृष्ण भक्ति
          • सूरदास, मीरा बाई और रस खान प्रमुख कवि हैं
          • सूरदास का सूरसागर कृष्ण के जीवन और लीलाओं (दिव्य नाटकों) को समर्पित है
          • मीरा बाई के भजन (भक्ति गीत) कृष्ण के लिए उनके गहन प्रेम को व्यक्त करते हैं

रीतिकाल (लगभग 1700 - 1900)

  • यह काल अलंकृत कविता और सौंदर्यशास्त्र और काव्यशास्त्र पर जोर देने की विशेषता है।
  • कवियों ने अक्सर राजाओं के संरक्षण में लिखा और प्रेम, सौंदर्य और दरबारी जीवन के विषयों पर ध्यान केंद्रित किया।
  • मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
    • अलंकार (भाषण के आंकड़े) पर जोर
    • नायिका (नायिका) के विस्तृत विवरण
    • ब्रज भाषा का प्रयोग
  • प्रमुख कवियों में शामिल हैं:
    • केशवदास
    • बिहारी
    • देव
    • भूषण

आधुनिक काल (लगभग 1900 - वर्तमान)

  • यह काल पश्चिमी साहित्यिक रूपों और विचारधाराओं से प्रभावित हिंदी साहित्य के आधुनिकीकरण का प्रतीक है।
  • कई चरणों में विभाजित:
    • भारतेन्दु युग (लगभग 1850-1900)
      • आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक भारतेन्दु हरिश्चंद्र के नाम पर
      • सामाजिक सुधार, देशभक्ति और हिंदी गद्य के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया
      • प्रमुख हस्तियाँ: भारतेन्दु हरिश्चंद्र, बाल कृष्ण भट्ट, प्रताप नारायण मिश्र
    • द्विवेदी युग (लगभग 1900-1920)
      • महावीर प्रसाद द्विवेदी के नाम पर
      • भाषाई शुद्धता, हिंदी के मानकीकरण और नैतिक विषयों पर जोर
      • प्रमुख हस्तियाँ: महावीर प्रसाद द्विवेदी, मैथिली शरण गुप्त, श्रीधर पाठक
    • छायावाद (लगभग 1920-1936)
      • व्यक्तिवाद, प्रकृति और भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाली रोमांटिक और रहस्यमय कविता
      • प्रमुख हस्तियाँ: जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', महादेवी वर्मा
    • प्रगतिवाद (लगभग 1936-1947)
      • साहित्य में प्रगतिशील आंदोलन, जो मार्क्सवाद से प्रभावित था और सामाजिक और आर्थिक समानता पर केंद्रित था
      • प्रमुख हस्तियाँ: मुंशी प्रेमचंद, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', शिवदान सिंह चौहान
    • प्रयोगवाद और नई कविता (लगभग 1947-1960)
      • नए विषयों, रूपों और शैलियों की खोज करते हुए, प्रयोगवाद और नए कविता आंदोलन
      • प्रमुख हस्तियाँ: अज्ञेय, गजानन माधव मुक्तिबोध, धर्मवीर भारती
    • समकालीन कविता (लगभग 1960-वर्तमान)
      • समकालीन कविता, जो आधुनिक जीवन की जटिलताओं और विरोधाभासों को दर्शाती है
      • प्रमुख हस्तियाँ: दुष्यंत कुमार, कुंवर नारायण, केदारनाथ सिंह

आधुनिक हिंदी साहित्य में प्रमुख विधाएँ

  • कविता (कविता):
    • मुक्त छंद, ग़ज़ल और पारंपरिक मीटर जैसे विभिन्न रूप शामिल हैं
    • व्यक्तिगत भावनाओं से लेकर सामाजिक मुद्दों तक विविध विषयों को दर्शाता है
  • गद्य:
    • उपन्यास (उपन्यास):
      • मुंशी प्रेमचंद को आधुनिक हिंदी उपन्यास का जनक माना जाता है
      • उनकी रचनाएँ जैसे गोदान और गबन ग्रामीण और शहरी जीवन की वास्तविकताओं को दर्शाती हैं
      • अन्य उल्लेखनीय उपन्यासकारों में यशपाल, जैनेंद्र कुमार और फणीश्वर नाथ रेणु शामिल हैं
    • लघु कहानी (कहानी):
      • प्रेमचंद भी हिंदी लघु कहानी के जनक हैं
      • अन्य प्रमुख लघु कहानी लेखकों में जयशंकर प्रसाद और भीष्म साहनी शामिल हैं
    • नाटक (नाटक):
      • भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने आधुनिक हिंदी नाटक की नींव रखी
      • मोहन राकेश और विजय तेंदुलकर महत्वपूर्ण नाटककार हैं
    • निबंध (निबंध):
      • आचार्य रामचंद्र शुक्ल एक प्रमुख निबंधकार हैं जो अपने आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक निबंधों के लिए जाने जाते हैं

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