हिंदी साहित्य का इतिहास - जानिए विभिन्न युगों की कह

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6 Questions

द्विवेदी युग में कौन सा भाषा काव्य भाषा के रूप में प्रतिष्ठित किया गया था?

खड़ी बोली

छायावाद काव्य में कौन सा रस प्रधानता में होता है?

श्रंगार रस

छायावाद काव्य में किस विषय पर मानव व्यक्तित्व का आरोप होता है?

प्रकृति

द्विवेदी युग में कौन सा भाषा काव्य भाषा के रूप में प्रतिष्ठित किया गया था?

खड़ी बोली

छायावाद काव्य में कौन सा रस प्रधानता में होता है?

श्रंगार रस

छायावाद काव्य में किस विषय पर मानव व्यक्तित्व का आरोप होता है?

प्रकृति

Study Notes

हिंदी साहित्य का इतिहास

  1. हिंदी साहित्य जनता की चित्तवृत्ति का प्रतिबिंब होता है।

  2. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 1929 में 'हिंदी साहित्य का इतिहास' ग्रंथ लिखा।

  3. हिंदी साहित्य को चार भागों में विभाजित किया गया है- आदिकाल, पूर्व मध्यकाल, उत्तर मध्यकाल और आधुनिक काल।

  4. आदिकाल की प्रमुख विशेषताएं हैं- वीर रस, युद्ध का सजीव चित्रण, ऐतिहासिक घटनाओं का चित्रण, श्रृंगार एवं अन्य रसों का समावेश, प्राकृत, अपभ्रंश, डिंगल एवं पिंगल भाषा का प्रयोग, आश्रयदाताओं की प्रशंसा एवं उनका यशगान।

  5. भक्तिकाल की रचनाओं में ईश्वर के साकार रूप की लीलाओं का वर्णन किया गया। इसे रामभक्ति शाखा और कृष्णभक्ति शाखा में विभाजहिंदी साहित्य के विकासक्रम और भारतेंदु युग का विश्लेषण

  6. माश्रयी शाखा के प्रमुख कवि- मलिक मोहम्मद जायसी, शेख रहीम नसीर।

  7. भक्तिकाल की विशेषताएँ- साकार और निराकार ब्रह्म की उपासना, रहस्यवादी कविता, आध्यात्मिकता और सदाचार प्रेरणा, लोक कल्याण के पद पर काव्य का चरमोत्कर्ष, समस्त काव्य शैलियों का प्रयोग, प्रकृति सापेक्ष वर्णन।

  8. रीतिकाल की विशेषताएँ- प्रकृति का उद्दीपन रूप में चित्रण, ब्रज मिश्रित अवधी भाषा का प्रयोग, वीर और श्रंगार रस की प्रधानता, नीति और भक्ति संबंधी काव्य रचनाएँ, मुक्तक काव्य रचनाएँ।

  9. आधुनिक काल का प्रारंभ- संवत् 1900 से।

  10. भारतेंदु युग की विशेषताएँ- राष्ट्रीयता की भावना, सामाजिक चेतना का वहिंदी काव्य के विकास का इतिहास

  11. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन- हिंदी काव्य के विकास में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन ने बड़ा योगदान दिया।

  12. आधुनिक हिंदी काव्य के नए प्रयोग- इस युग में हिंदी काव्य में नए प्रयोग देखने को मिले।

  13. विभिन्न धाराएं- हिंदी काव्य में विभिन्न धाराएं देखने को मिलीं।

  14. द्विवेदी युग- द्विवेदी युग काव्य के इतिहास में महत्वपूर्ण है।

  15. देशभक्ति- इस युग में देशभक्ति को व्यापक आधार मिला।

  16. अंधविश्वास तथा रूढ़ियों का विरोध- सामाजिक अंधविश्वासों और रूढ़ियों पर तीखे प्रहार किए गए।

  17. वर्णन प्रधान कविताएँ- 'वर्णन' प्रधानता इस युग की कविताओं की विशेषता है।

  18. मानव प्रेम- मानव मात्रछायावाद की विशेषताएँ और प्रमुख कवि

  • छायावाद में व्यक्तिवाद की प्रधानता होती है।
  • श्रृंगार भावना मुख्यतया छायावादी काव्य की विशेषता होती है।
  • प्रकृति पर मानव व्यक्तित्व का आरोप छायावाद की एक प्रमुख विशेषता होती है।
  • अज्ञात सत्ता के प्रति प्रेम छायावाद की विशेषता होती है।
  • नारी के प्रति नवीन भावना छायावाद में होती है।
  • जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', रामकुमार वर्मा छायावाद के प्रमुख कवि हैं।

यह विशेष ऑनलाइन क्विज हिंदी साहित्य का इतिहास संबंधित है, जो आपको हिंदी साहित्य के विभिन्न युगों, उनकी

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