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Questions and Answers
द्विवेदी युग में कौन सा भाषा काव्य भाषा के रूप में प्रतिष्ठित किया गया था?
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छायावाद काव्य में कौन सा रस प्रधानता में होता है?
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छायावाद काव्य में किस विषय पर मानव व्यक्तित्व का आरोप होता है?
छायावाद काव्य में किस विषय पर मानव व्यक्तित्व का आरोप होता है?
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छायावाद काव्य में कौन सा रस प्रधानता में होता है?
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छायावाद काव्य में किस विषय पर मानव व्यक्तित्व का आरोप होता है?
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Study Notes
हिंदी साहित्य का इतिहास
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हिंदी साहित्य जनता की चित्तवृत्ति का प्रतिबिंब होता है।
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आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 1929 में 'हिंदी साहित्य का इतिहास' ग्रंथ लिखा।
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हिंदी साहित्य को चार भागों में विभाजित किया गया है- आदिकाल, पूर्व मध्यकाल, उत्तर मध्यकाल और आधुनिक काल।
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आदिकाल की प्रमुख विशेषताएं हैं- वीर रस, युद्ध का सजीव चित्रण, ऐतिहासिक घटनाओं का चित्रण, श्रृंगार एवं अन्य रसों का समावेश, प्राकृत, अपभ्रंश, डिंगल एवं पिंगल भाषा का प्रयोग, आश्रयदाताओं की प्रशंसा एवं उनका यशगान।
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भक्तिकाल की रचनाओं में ईश्वर के साकार रूप की लीलाओं का वर्णन किया गया। इसे रामभक्ति शाखा और कृष्णभक्ति शाखा में विभाजहिंदी साहित्य के विकासक्रम और भारतेंदु युग का विश्लेषण
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माश्रयी शाखा के प्रमुख कवि- मलिक मोहम्मद जायसी, शेख रहीम नसीर।
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भक्तिकाल की विशेषताएँ- साकार और निराकार ब्रह्म की उपासना, रहस्यवादी कविता, आध्यात्मिकता और सदाचार प्रेरणा, लोक कल्याण के पद पर काव्य का चरमोत्कर्ष, समस्त काव्य शैलियों का प्रयोग, प्रकृति सापेक्ष वर्णन।
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रीतिकाल की विशेषताएँ- प्रकृति का उद्दीपन रूप में चित्रण, ब्रज मिश्रित अवधी भाषा का प्रयोग, वीर और श्रंगार रस की प्रधानता, नीति और भक्ति संबंधी काव्य रचनाएँ, मुक्तक काव्य रचनाएँ।
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आधुनिक काल का प्रारंभ- संवत् 1900 से।
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भारतेंदु युग की विशेषताएँ- राष्ट्रीयता की भावना, सामाजिक चेतना का वहिंदी काव्य के विकास का इतिहास
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भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन- हिंदी काव्य के विकास में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन ने बड़ा योगदान दिया।
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आधुनिक हिंदी काव्य के नए प्रयोग- इस युग में हिंदी काव्य में नए प्रयोग देखने को मिले।
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विभिन्न धाराएं- हिंदी काव्य में विभिन्न धाराएं देखने को मिलीं।
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द्विवेदी युग- द्विवेदी युग काव्य के इतिहास में महत्वपूर्ण है।
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देशभक्ति- इस युग में देशभक्ति को व्यापक आधार मिला।
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अंधविश्वास तथा रूढ़ियों का विरोध- सामाजिक अंधविश्वासों और रूढ़ियों पर तीखे प्रहार किए गए।
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वर्णन प्रधान कविताएँ- 'वर्णन' प्रधानता इस युग की कविताओं की विशेषता है।
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मानव प्रेम- मानव मात्रछायावाद की विशेषताएँ और प्रमुख कवि
- छायावाद में व्यक्तिवाद की प्रधानता होती है।
- श्रृंगार भावना मुख्यतया छायावादी काव्य की विशेषता होती है।
- प्रकृति पर मानव व्यक्तित्व का आरोप छायावाद की एक प्रमुख विशेषता होती है।
- अज्ञात सत्ता के प्रति प्रेम छायावाद की विशेषता होती है।
- नारी के प्रति नवीन भावना छायावाद में होती है।
- जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', रामकुमार वर्मा छायावाद के प्रमुख कवि हैं।
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Description
यह विशेष ऑनलाइन क्विज हिंदी साहित्य का इतिहास संबंधित है, जो आपको हिंदी साहित्य के विभिन्न युगों, उनकी