भारतवर्ष की अवधारणा और इसका विकास

SupportingGuqin avatar
SupportingGuqin
·
·
Download

Start Quiz

Study Flashcards

10 Questions

भारतवर्ष की अवधारणा का विकास किन традиओं से प्रभावित है?

वैदिक, एपिक और पौराणिक परंपराएं

वैदिक परंपरा में भारतवर्ष की अवधारणा को कैसे देखा गया है?

एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में

पौराणिक परंपरा में भारतवर्ष की अवधारणा का वर्णन कैसे किया गया है?

एक पवित्र क्षेत्र के रूप में

भारतवर्ष की अवधारणा का विकास किन कारणों से प्रभावित है?

सभी उपरोक्त

एपिक परंपरा में भारतवर्ष की अवधारणा को कैसे देखा गया है?

एक महाकाव्यात्मक स्थान के रूप में

भारतवर्ष की अवधारणा के विकास में कौन-सी परंपरा प्रमुख भूमिका निभाती है?

पौराणिक परंपरा

भारतवर्ष की अवधारणा के विकास में किन سنتों का संयोजन देखने को मिलता है?

वैदिक, एपिक और पौराणिक

भारतवर्ष की अवधारणा के विकास में कौन-सी परंपरा सबसे कम प्रभाव डालती है?

वैदिक परंपरा

भारतवर्ष की अवधारणा के विकास में एपिक परंपरा की क्या भूमिका है?

गौण भूमिका

भारतवर्ष की अवधारणा के विकास में तीनों परंपराओं का संयोजन क्यों देखने को मिलता है?

क्योंकि सभी परंपराओं में भारतवर्ष की अवधारणा का वर्णन मिलता है

Study Notes

भारतवर्ष की अवधारणा और इसका विकास

  • भारतवर्ष की अवधारणा का उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद में मिलता है, जहां इसे 'भरत varsam' कहा गया है।
  • वैदिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा का अर्थ था 'भरत की जमीन', जिसका संबंध भरत के पुत्रों से था।
  • एपिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा का विस्तार होता है, और यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने लगा।

वैदिक परम्परा

  • वैदिक परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा का संबंध ऋषि-मुनियों से था।
  • इस परम्परा में ऋग्वेद के पुरुष सूक्त के अनुसार भारतवर्ष की रचना पुरुष से हुई।
  • वैदिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा में जाति और कुल की अवधारणा प्रमुख थी।

एपिक परम्परा

  • एपिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा का संबंध महाभारत और رामायण की कहानियों से था।
  • इस परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा का विस्तार होता है, और यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने लगा।
  • एपिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा में सम्राट अशोक के समय में इस अवधारणा का विकास होता है।

पौराणिक परम्परा

  • पौराणिक परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा का संबंध पुराणों से था।
  • इस परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा का विस्तार होता है, और यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने लगा।
  • पौराणिक परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा में भारत के सभी भागों का वर्णन मिलता है।

भारतवर्ष की अवधारणा और इसका विकास

  • भारतवर्ष की अवधारणा का उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद में मिलता है, जहां इसे 'भरत varsam' कहा गया है।
  • वैदिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा का अर्थ था 'भरत की जमीन', जिसका संबंध भरत के पुत्रों से था।
  • एपिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा का विस्तार होता है, और यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने लगा।

वैदिक परम्परा

  • वैदिक परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा का संबंध ऋषि-मुनियों से था।
  • इस परम्परा में ऋग्वेद के पुरुष सूक्त के अनुसार भारतवर्ष की रचना पुरुष से हुई।
  • वैदिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा में जाति और कुल की अवधारणा प्रमुख थी।

एपिक परम्परा

  • एपिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा का संबंध महाभारत और رामायण की कहानियों से था।
  • इस परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा का विस्तार होता है, और यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने लगा।
  • एपिक काल में भारतवर्ष की अवधारणा में सम्राट अशोक के समय में इस अवधारणा का विकास होता है।

पौराणिक परम्परा

  • पौराणिक परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा का संबंध पुराणों से था।
  • इस परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा का विस्तार होता है, और यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने लगा।
  • पौराणिक परम्परा में भारतवर्ष की अवधारणा में भारत के सभी भागों का वर्णन मिलता है।

भारतवर्ष की अवधारणा की उत्पत्ति और विकास के बारे में जानें। इस अवधारणा का उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद में मिलता है और वैदिक काल में इसका अर्थ था 'भरत की जमीन'।

Make Your Own Quizzes and Flashcards

Convert your notes into interactive study material.

Get started for free

More Quizzes Like This

Faheem's Pilgrimage
12 questions
Mahabharata Story Quiz
10 questions

Mahabharata Story Quiz

IrreproachableSerpentine avatar
IrreproachableSerpentine
Use Quizgecko on...
Browser
Browser