2024-2025 पाठ्यक्रम: शिष्टाचार और आध्यात्मिकता
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Questions and Answers

सेवा के महत्व से संबंधित निम्नलिखित बिंदुओं को मिलाइए:

सेवा करने से = भगवान के करीब आते हैं सेवा करना धर्म का = महत्वपूर्ण हिस्सा है जरूरतमंदों की मदद = निस्वार्थ भाव से होनी चाहिए

आत्मा की पहचान से जुड़ी अवधारणाओं को मिलाइए:

आत्मा = असली है शरीर = एक आवरण है आत्मा की शुद्धि = मोक्ष की ओर बढ़ने में मदद करती है जीवन का सही उद्देश्य = आत्मा की पहचान से समझ में आता है

सत्य के महत्व से संबंधित बिंदुओं को मिलाइए:

सत्य का पालन = हमेशा करना चाहिए सत्य से = धार्मिक मार्ग पर चल सकते हैं सत्य का महत्व = जीवन में शुद्धता लाता है सत्य द्वारा = आत्मा को शुद्ध किया जा सकता है

सेवा और आत्मा से जुड़े सिद्धांतों को मिलाइए:

<p>सेवा = आत्मा के विकास में सहायक है आत्मा की पहचान = सेवा करने की प्रेरणा देती है निस्वार्थ सेवा = आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है सेवा का उद्देश्य = आत्मा की शुद्धि होना चाहिए</p> Signup and view all the answers

धर्म, सेवा और सत्य से संबंधित विचारों को मिलाइए:

<p>सेवा करना = धर्म का एक हिस्सा है सत्य का पालन = सच्चाई का प्रतीक है सेवा करने से = खुद को बेहतर बनाने का अवसर मिलता है सत्य से = आध्यात्मिकता बढ़ती है</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए बिंदुओं के साथ उनके संबंधित महत्व को मिलाएं:

<p>परोपकार = दूसरों की सेवा करना गरु = आध्यात्मिक मार्गदर्शक ध्यान = मन की शांति प्रार्थना = ईश्वर के प्रति श्रद्धा</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए वाक्यों को उनके सही कारणों से मिलाएं:

<p>दूसरों की मदद करने से = खुशी मिलती है गरु का सम्मान करना चाहिए = उनकी शिक्षाओं का पालन करने के लिए ध्यान को अपनाना = आत्मा की शुद्धि के लिए प्रार्थना करना = सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए विचारों को उनके संबंधित संदेशों से मिलाएं:

<p>परोपकार का अर्थ = निस्वार्थ सेवा करना गरु का महत्व = ज्ञान का प्रसार करना सहानुभूति = समाज में प्रेम फैलाना ध्यान का अभ्यास = अंतर्मुखी बनना</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए कार्यों को उनके लाभों के साथ मिलाएं:

<p>दूसरों की मदद करना = अच्छे कर्म बनाना ध्यान करना = धीरज और संतुलन प्राप्त करना प्रार्थना करना = सकारात्मक विचारों की वृद्धि गरु का सम्मान = आध्यात्मिक गहराई प्राप्त करना</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए क्रियाकलापों को उनके विशिष्ट लाभों से मिलाएं:

<p>दूसरों की सेवा = समाज में योगदान गरु से सीखना = सही मार्गदर्शन ध्यान में बैठना = आंतरिक शांति प्रार्थना का नियमित अभ्यास = अच्छी सोच का विकास</p> Signup and view all the answers

साधना के लाभों के साथ मेल खाएं:

<p>शक्ति = आध्यात्मिक उन्नति शांति = मन की स्थिरता मोक्ष = आत्मा का शुद्धिकरण ध्यान = धार्मिक अभ्यास</p> Signup and view all the answers

माया के प्रभावों के साथ मेल खाएं:

<p>इन्द्रियों पर नियंत्रण = आध्यात्मिकता की रक्षा संसारिक वस्तुएं = माया का आकर्षण इच्छाएं = आत्मा की भटकन माया का त्याग = शांति की प्राप्ति</p> Signup and view all the answers

धार्मिक गतिविधियों के प्रकारों के साथ मेल खाएं:

<p>प्रार्थना = भगवान से जुड़ना उपवास = धैर्य का अभ्यास ध्यान = मन को एकाग्र करना साधना = भक्ति और समर्पण</p> Signup and view all the answers

क्रोध पर नियंत्रण के उपायों के साथ मेल खाएं:

<p>मन की शांति = क्रोध पर काबू धैर्य = संयम का अभ्यास आत्म-नियंत्रण = क्रोध की पहचान सकारात्मक सोच = क्रोध को कम करना</p> Signup and view all the answers

साधना के विभिन्न पहलुओं के साथ मेल खाएं:

<p>ध्यान = बुद्धि की वृद्धि प्रार्थना = भक्ति का प्रदर्शन उपवास = आध्यात्मिक ताजगी साधना = मनोबल में वृद्धि</p> Signup and view all the answers

धार्मिक कार्यों के लाभों को सही से मिलाइए:

<p>भगवान की भक्ति = रक्षा अच्छे संस्कार = सही राह पर ले जाना धार्मिक मूल्य = जीवन जीने की दिशा धार्मिक कार्यों में भाग लेना = मन को शांत रखना</p> Signup and view all the answers

जमीकंद (जैसे आलू, प्याज) के त्याग के कारणों को मिलाइए:

<p>कंदों में जीव हैं = पाप लगता है चार महीने तक जैन बनना = जीवों के प्रति दयालु रहना आजीवन कंदमल का त्याग = दया का पालन करना नरक का रास्ता = रात्रि भोजन</p> Signup and view all the answers

रात में भोजन के बारे में बताएं:

<p>रात में भोजन = छोटे जीव गिर सकते हैं रात में भोजन न करना = पाप लगता है चातर्मु सू के दौरान = हरी पत्तेदार सब्जियाँ नहीं खाना रात्रि भोजन = नरक का रास्ता</p> Signup and view all the answers

गरु के प्रति आदर रखने के महत्व को मिलाइए:

<p>गरु के प्रति आदर = ज्ञान प्राप्त करना सम्मान रखना = ज्ञान का पालन करना गुरु द्वारा बताए रास्ते पर चलना = सही दिशा में जीवन जीना गरु की शिक्षाएं = जीवन को बेहतर बनाना</p> Signup and view all the answers

धार्मिक मूल्य और उनकी व्याख्या को मिलाइए:

<p>धार्मिक मूल्य = जीवन जीने का मार्ग अच्छे संस्कार = सही कार्यों की प्रेरणा धार्मिक कार्यों में भाग लेना = आध्यात्मिक उन्नति धार्मिक आचार = मानसिक शांति</p> Signup and view all the answers

चातर्मु सू के नियमों को सही रूप में मिलाइए:

<p>जमीकंद = त्याग रात्रि भोजन = निषेध हरी पत्तेदार सब्जियाँ = त्याग करना जीवों के प्रति दया = धार्मिकता का पालन</p> Signup and view all the answers

धार्मिक आस्थाओं के प्रभावों को मिलाइए:

<p>धार्मिक कार्य = मन की शांति धार्मिक मूल्य = सच्चाई की ओर अग्रसर होना धार्मिक आचार = समाज में मर्यादा भक्ति = शांति का अनुभव</p> Signup and view all the answers

धार्मिकता के साथ जीवन जीने के सिद्धांतों को मिलाइए:

<p>धार्मिक कार्यों में भाग लेना = आध्यात्मिक विकास अच्छे संस्कार = सकारात्मक जीवन गरु की शिक्षाएं = सही मार्गदर्शन दया = सभी जीवों का सम्मान</p> Signup and view all the answers

सोते समय सही आदतें क्या हैं?

<p>सांस पर ध्यान देना = शांति में रहना सही करवट लेना = आरामदायक नींद जागती रहना = तनाव बढ़ाना खुले में सोना = वातावरण में अशांति</p> Signup and view all the answers

नवकार मंत्र के महत्व के कारण क्या हैं?

<p>भगवान के सभी गणों का वर्णन = विशेष व्यक्ति के लिए परमात्मा से जोड़ता है = शांत करने वाला कर्मों के फल बताता है = सिर्फ अध्यात्मिक लाभ जीवन को सकारात्मक दिशा देता है = सामाजिक प्रभाव</p> Signup and view all the answers

जीवों के प्रति दया की भावना कैसे व्यक्त की जा सकती है?

<p>जीवों को न मारना = शक्तिशाली होना बरुी हालत में जीवों की मदद करना = अवगुण को अपना लेना उन्हें नवकार मंत्र सुनाना = सिर्फ मानवों की मदद करना दया का अहसास करना = जीवों की अनदेखी करना</p> Signup and view all the answers

दान का महत्व क्या है?

<p>गर्व न करना = हैसी हीन भावना दान लेने वाले का महत्व समझना = स्वार्थी होना अहंकार कम होना = उच्चता का अहसास करुणा बढ़ाना = दौलत का गर्व</p> Signup and view all the answers

केवल ज्ञान का क्या महत्व है?

<p>भूत, भविष्य और वर्तमान का ज्ञान = सिर्फ भूत का ज्ञान व्यवहारिक संदर्भ में उपयोगी = वृत्तियों का ज्ञान समाज में मान्यता = तथ्यों का ज्ञान नैतिक शिक्षा = सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान</p> Signup and view all the answers

सोने में सहायक तकनीकें क्या हैं?

<p>विश्राम करना = परिश्रम करना सकारात्मक सोच = नकारात्मक सोच ध्यान करना = चिंता करना सुखदायक माहौल बनाना = शोर-शराबा करना</p> Signup and view all the answers

दान देने के सही तरीके क्या हैं?

<p>सच्चा आशय रखना = दूसरों को नीचा दिखाना अनाम दान देना = महत्वपूर्णता का प्रदर्शन समान रूप से दान करना = धन का गर्व आवश्यकता के अनुसार दान देना = गरिमा से दूर रहना</p> Signup and view all the answers

नवकार मंत्र के जाप से हमें क्या लाभ होता है?

<p>आंतरिक शांति = उदासी जागरण में मदद = बीमारियों में वृद्धि संवेगात्मक स्थिरता = तनाव में वृद्धि सकारात्मकता में वृद्धि = नकारात्मकता</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए विषयों को उनके महत्व से मिलाइए:

<p>आत्मा का शुद्धिकरण = मोक्ष प्राप्ति का अवसर तीर्थंकर = धर्म का मार्गदर्शन सभी जीवों के प्रति करुणा = ईश्वर के निकट पहुंचना साधना = आध्यात्मिक विकास</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए कार्यों को उनके सही उपयोग से मिलाइए:

<p>अच्छे कर्म करना = जीवन का सही उपयोग भगवान की भक्ति करना = आध्यात्मिक समृद्धि करुणा का भाव रखना = सभी जीवों का सम्मान तीर्थंकरों के आदर्शों का पालन = जीवन जीने की कला सीखना</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए विषयों को उनके प्रदर्शनों से मिलाइए:

<p>मोक्ष = महान आत्माओं द्वारा प्राप्त धर्म = तीर्थंकरों द्वारा दिखाया गया करुणा = जीवों के प्रति सम्मान साधना = जीवन का हिस्सा बनाना</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए नामों को उनके कार्यों से मिलाइए:

<p>तीर्थंकर = मोक्ष के लिए प्रेरणा साधक = आध्यात्मिक विकास पर ध्यान भक्त = भगवान की भक्ति करना मनुष्य = जीवन को व्यर्थ ना गंवाना</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए विचारों को उनके अंतर्निहित भावनाओं से मिलाइए:

<p>सच्चा जीवन = धर्म का पालन करना मदद का भाव = जीवों के प्रति करुणा आध्यात्मिकता = साधना का महत्व श्रद्धा = तीर्थंकरों के प्रति सम्मान</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए गुणों को उनके लाभ से मिलाइए:

<p>करुणा = भगवान के करीब लाना अच्छे कर्म = मोक्ष का द्वार खोलना साधना = आध्यात्मिक विकास भक्ति = शांति और समर्पण</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए कार्यों को उनके परिणामों से मिलाइए:

<p>जीवों को दखु नहीं देना = सम्मान और करुणा साधना करना = आध्यात्मिक उन्नति तीर्थंकरों का अनुसरण = जीवन का मार्गदर्शन भगवान की भक्ति = शांति की प्राप्ति</p> Signup and view all the answers

नीचे दिए गए संदेशों को उनके शिक्षा से मिलाइए:

<p>तीर्थंकरों का आदर्श = धर्म का अध्ययन साधना का अभ्यास = आध्यात्मिक संतुलन करुणा का अभ्यास = जीवों का सम्मान भगवान की भक्ति = जीवन का उद्देश्य</p> Signup and view all the answers

Study Notes

पाठ्यक्रम 2024-2025 - अनुभाग 1: शिष्टाचार

  • साधना और अभ्यास महत्वपूर्ण हैं, किसी भी अच्छी चीज को सीखने के लिए साधना और अभ्यास ज़रूरी हैं. मेडिटेशन का अभ्यास करने से चलने, बात करने और खड़े रहने के तरीके में सुधार होता है, लगातार छः महीने अभ्यास से वाइब्रेशन्स महसूस हो सकते हैं. राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की तरह, अच्छे इंसान बनने के लिए भी अभ्यास आवश्यक है. रोज़ाना प्रैक्टिस से बुरी आदतें कम हो जाती हैं.

  • आत्मा की पहचान: हमारा शरीर हमारे असली रूप की पहचान नहीं है. हमारी आत्मा असली पहचान है. हमारी आत्मा अलग-अलग रूपों (योनियाँ) में यात्रा करती है, और मनुष्य बनती है. इसलिए, अपनी आत्मा को शुद्ध करने पर ध्यान देना चाहिए न कि सिर्फ़ शरीर पर. शरीर कभी नष्ट हो जाता है, परन्तु आत्मा हमेशा रहती है.

  • आध्यात्मिक जुड़ाव का महत्व: हमें अपनी आत्मा को शुद्ध करने और आध्यात्मिक ज्ञान पाने के लिए धर्म और आध्यात्म से जुड़ना चाहिए. जैसे हम अपने शरीर को साफ रखते हैं, वैसे ही आत्मा को भी शुद्ध रखना ज़रूरी है. आध्यात्मिक ज्ञान से सही-गलत का ज्ञान मिलता है.

पाठ्यक्रम 2024-2025 - अनुभाग 2: शिक्षा

  • सोना और जागना: सही तरीके से सोने और जागने का तरीका सीखें. सोते समय अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और शरीर को उस ओर करवट लें जहाँ से सांस आराम से आ रही हो. सुबह खुशी और परमात्मा का स्मरण करते हुए उठना चाहिए.

  • सभी जीवों के प्रति दया: सभी जीवों के प्रति दया रखें चाहे वे छोटे हों या बड़े, किसी को नुकसान न पहुँचाएँ. दुःखी प्राणियों को देखकर उन्हें प्रेम और सम्मान से घर ले जाएँ.

  • नियम और अनुशासन: जीवन में नियम और अनुशासन का पालन करें. उदाहरण के लिए, हर रविवार को पूजा करने से पहले कुछ न खाएँ. हमें अपनी आत्मा को साफ रखने के लिए खुद काम करने चाहिए.

  • धार्मिक संस्कार: अपने धार्मिक संस्कारों का पालन ज़रूरी है. इससे गलत कामों से बचाव होता है, और मन शांत रहता है.

  • गुरुओं का सम्मान: गुरुओं और शिक्षकों का सम्मान करना, उन्हें सभी धार्मिक नियमों और शिक्षाओं से अवगत होना, और उनके मार्गदर्शन को आगे बढ़ाना ज़रूरी है.

  • जमीकंदों का त्याग: जमीकंदों (जैसे आलू, प्याज) का त्याग करें. ऐसा जैन धर्म के सिद्धांतों के मुताबिक है.

  • गुरु का सम्मान: गुरुओं और शिक्षकों का सदैव सम्मान करें. वे सभी को सही राह दिखाते हैं और अच्छे काम करने का मार्ग बताते हैं.

  • नियमों का पालन: अपने जीवन में नियम बनाएँ और उनका पालन करें, जैसे रोजाना पूजा करना. इससे जीवन में अनुशासन आता है और सबको सम्मान मिलता है.

  • सद्गुरु: सच्चे गुरुओं की पहचान करके उनके मार्ग का पालन करना महत्वपूर्ण है. वे न केवल पैसा कमाना सिखाते हैं, बल्कि पुण्य कमाना भी सिखाते हैं.

  • सत्य बोलना: सदैव सच्चाई बोलें और झूठ से बचें. इससे व्यक्ति का व्यक्तित्व मजबूत होता है, और दूसरों का विश्वास हासिल होता है.

  • वाणी पर नियंत्रण: सोच-समझकर बोलें और दूसरों को नाराज करने वाले शब्दों का प्रयोग न करें. दूसरों के सम्मान के साथ अपनी बात रखें.

  • तीर्थंकरों की उपस्थिति: मंदिरों में तीर्थंकरों की उपस्थिति के प्रति श्रद्धा रखें. वे हमें धर्म का सही रास्ता दिखाते हैं.

  • सत्संग: सत्संग में शामिल हों और महान लोगों से सीखें.

  • क्रोध पर नियंत्रण: क्रोध पर नियंत्रण रखें और शांतिपूर्वक लोगों से बात करें. किसी को नाराज न करें और अपने विचारों पर नियंत्रण रखें.

  • नियम और अनुशासन का पालन: जीवन में नियम बनाएं और उनका पालन करें. इसका पालन करके अनुशासित जीवन जीया जा सकता है.

  • सभी जीवों पर दया: हर प्राणी को समान रूप से समझ और प्यार से देखते हुए उनके अधिकारों का सम्मान करें.

  • दान: ईमानदारी और नम्रता के साथ दान करें। दान करने से व्यक्ति को संतोष और खुशी मिलती है.

  • मोक्ष: मोक्ष प्राप्ति के लिए सही रास्ते का अनुसरण करें.

  • माता-पिता का सम्मान: माता-पिता का सम्मान करें, क्योंकि वे सबसे पहले शिक्षक होते हैं. उनका सम्मान करना हमेशा अच्छा होता है.

  • अहिंसा: अहिंसा का मार्ग अपनाएं. हर प्राणी को प्रेम और सम्मान से देखें.

  • सेवा: सेवा करें और दूसरों की मदद करें. यह कार्य लोगों के प्रति दया और करुणा को दर्शाता है. इससे व्यक्ति में इंसानियत और महानता आती है.

  • ध्यान और प्रार्थना: ध्यान और प्रार्थना के द्वारा अपने मन को शांत करें.

  • आत्मा की पहचान: हमारी आत्मा ही हमारा असली रूप है, और हमें अपनी आत्मा को शुद्ध रखना चाहिए.

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इस क्विज में शिष्टाचार और आध्यात्मिकता के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई है। साधना, आत्मा की पहचान, और आध्यात्मिक जुड़ाव के महत्व को समझाना आवश्यक है। अभ्यास के माध्यम से हम अपनी आदतों में सुधार कर सकते हैं।

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