Hindi Story: पंचतंत्र की कहानियाँ PDF

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Vishnusarma

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This PDF contains Hindi stories from the Panchatantra. The stories focus on moral values and lessons in a simple and engaging way. It is suitable for children's reading.

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CLICK ON WHATS UP IMAGE TO JOIN MY WHATS UP GROUP-LATEST UPDATES 1- (1) पढ़ी हुई पस् ु तक का वििरण पस् ु तक का नाम - पंचतंत्र की कहाननयााँ लेखक - विष्णुशमाा कहानी का नाम - बंदर और मगरमच्छ विषय - पंचतंत्र की कहाननयााँ पस...

CLICK ON WHATS UP IMAGE TO JOIN MY WHATS UP GROUP-LATEST UPDATES 1- (1) पढ़ी हुई पस् ु तक का वििरण पस् ु तक का नाम - पंचतंत्र की कहाननयााँ लेखक - विष्णुशमाा कहानी का नाम - बंदर और मगरमच्छ विषय - पंचतंत्र की कहाननयााँ पस् ु तक में विभिन्न विषयों से संबंधित नीनतप्रद कहाननयााँ हैं। इसमें से 'बंदर और मगरमच्छ' एक है । इसका मख् ु य विषय है - कठिन पररस्स्िनतयों या कठिनाई के समय िैया और बद् ु धिमानी का प्रदशान। (II) कहानी का उद्दे श्य - बाल मनोरं जन ि नीनत (III) पढे हुए अंश का वििरण, समीक्षा लेखन -'बंदर और मगरमच्छ’ की यह कहानी मझ ु े बहुत पसंद आयी। इसमें बंदर के िैय,ा साहस और बद् ु धिमता का पररचय भमलता है। बंदर का विपदा के समय सझ ू -बझ ू से समस्या का ननिारण करना प्रेरणादायक है । पात्र स्ििाि : बंदर को बद् ु धिमान, मगरमच्छ को मख ू ा और मगरमच्छ की पत्नी को लालची प्रिवृ ि के रूप में दशााया गया है । कहानी में क्रमबद्िता है और लेखक ने कहानी को कह़ीं िी कमजोर पड़ने नह़ीं ठदया है। कहानी के अंत तक पािकों में स्जज्ञासा बनी रहती है कक आगे क्या होगा? संिाद छोटे सरल और स्पष्ट है। िाषा शैल़ी सरल है । लेखक कहानी िाषा शैल़ी के माध्यम से नैनतकता और सामास्जकता के स्जस मल् ू य का विकास करना चाहते िे उसमें िे पण ू ा रूप से सफल रहें । (IV) ननष्कषा या सीख - (अ) इस कहानी से मैंने विपवि के समय िैय,ा साहस और बद् ु धिमानी के साि काम करने के बारे में सीखा है । (आ) लालच करना बरु ़ी बात है। लालच का पररणाम सदा बरु ा होता है। (V) प्रस्तत ु ीकरण - 29 अगस्त को अध्यापकजी ने पस् ु तक पिन का काया ठदया। मैंने कक्षा के समक्ष ‘बंदर और मगरमच्छ' की कहानी का मौखखक प्रस्तुतीकरण ककया। मझ ु े यह कहानी बहुत अच्छा लगा। VI CLASS/VII CLASS/VIII CLASS/IX CLASS/X CLASS/ALPHABETS&BASICS/GRAMMAR 2- (1) पढ़ी हुई पस् ु तक का वििरण पस् ु तक का नाम - पंचतंत्र की कहाननयााँ लेखक - विष्णुशमाा कहानी का नाम - खरगोश और कछुआ विषय - पंचतंत्र की कहाननयााँ पस् ु तक में विभिन्न विषयों से संबंधित नीनतप्रद कहाननयााँ हैं। इसमें से 'खरगोश और कछुआ' एक है । इसका मख् ु य विषय है – हमें किी िी घमंड नह़ीं करना चाठहए। (II) कहानी का उद्दे श्य - बाल मनोरं जन ि नीनत (III) पढे हुए अंश का वििरण, समीक्षा लेखन – ‘खरगोश और कछुआ’ की यह कहानी मझ ु े बहुत पसंद आयी। खरगोश कछुआ से तेज़ िागता है। कफर िी घमंड के कारण खरगोश दौड़ में हार जाता है । पात्र स्ििाि : इस कहानी में घमंडी का व्यिहार कैसा फल दे ता है कहा गया है । पस् ु तक के रं गीन धचत्र मझ ु े बहुत पसंद आया। पस् ु तक के धचत्रों से ह़ी साऱी कहानी मालम ू हुई। कहानी पढने के बाद मैंने सोचा कक हमें घमंड़ी न होना हैं। घमंडी से सब कुछ खो बैिते हैं।कहानी में क्रमबद्िता है । संिाद छोटे सरल और स्पष्ट है ।िाषा शैल़ी सरल है । लेखक कहानी िाषा शैल़ी के माध्यम से नैनतकता और सामास्जकता के स्जस मल् ू य का विकास करना चाहते िे उसमें िे पण ू ा रूप से सफल रहें । (IV) ननष्कषा या सीख - (अ) इसकहानी से यह सीख भमलती है कक घमंडी का भसर हमेशा नीचा होता है । (आ) जो िैया और मेहनत से काम करता है , उसकी जीत पक्की होती है और स्जन्हें खुद पर या अपने ककये हुए काया पर घमंड होता है , उसका घमंड किी न किी टूटता जरूर है । (V) प्रस्तुतीकरण - 29 अगस्त को अध्यापकजी ने पस् ु तक पिन का काया ठदया। मैंने कक्षा के समक्ष ‘खरगोश और कछुआ’ की कहानी का मौखखक प्रस्तत ु ीकरण ककया। मझ ु े यह कहानी बहुत अच्छा लगा। VI CLASS/VII CLASS/VIII CLASS/IX CLASS/X CLASS/ALPHABETS&BASICS/GRAMMAR 3- (1) पढ़ी हुई पस् ु तक का वििरण पस् ु तक का नाम - पंचतंत्र की कहाननयााँ लेखक - विष्णुशमाा कहानी का नाम - बद् ु धिमान कौआ विषय - पंचतंत्र की कहाननयााँ पस् ु तक में विभिन्न विषयों से संबंधित नीनतप्रद कहाननयााँ हैं। इसमें से 'बद् ु धिमान कौआ' एक है । इसका मख् ु य विषय है - कमज़ोर िी अपनी बद् ु धिमानी से अपनी तकल़ीफ को दरू कर सकता है । (II) कहानी का उद्दे श्य - बाल मनोरं जन ि नीनत (III) पढे हुए अंश का वििरण, समीक्षा लेखन – ‘बद् ु धिमान कौआ’ की यह कहानी मझ ु े बहुत पसंद आयी। इसमें कौए का अिक पररश्रम का पररचय भमलता है । कौए का विपदा के समय सझ ू -बझ ू से समस्या का ननिारण करना प्रेरणादायक है। पात्र स्ििाि : इस कहानी में हर एक काम ठदमाग से करने को कहा गया है । पस् ु तक के रं गीन धचत्र मझ ु े बहुत पसंद आया। पस् ु तक के धचत्रों से ह़ी साऱी कहानी मालम ू हुई। श्रम से सबकुछ पा सकते हैं। श्रम करनेिाले के भलए कुछ िी असंिि नह़ीं है। कहानी में क्रमबद्िता संिाद छोटे सरल और स्पष्ट है । िाषा शैल़ी सरल है। लेखक कहानी िाषा शैल़ी के माध्यम से नैनतकता और सामास्जकता के स्जस मल् ू य का विकास करना चाहते िे उसमें िे पण ू ा रूप से सफल रहें । (IV) ननष्कषा या सीख - (अ) इस कहानी से यह सीख भमलती है कक हमें सदै ि ठदमाग से काम लेना है । (आ) जब शस्क्त से काम ना हो तो यस्ु क्त से काम लो। (V) प्रस्तत ु ीकरण - 29 अगस्त को अध्यापकजी ने पस् ु तक पिन का काया ठदया। मैंने कक्षा के समक्ष बंदर और मगरमच्छ' की कहानी का मौखखक प्रस्तत ु ीकरण ककया। मझ ु े यह कहानी बहुत अच्छा लगा। VI CLASS/VII CLASS/VIII CLASS/IX CLASS/X CLASS/ALPHABETS&BASICS/GRAMMAR 4- (1) पढ़ी हुई पस् ु तक का वििरण पस् ु तक का नाम - पंचतंत्र की कहाननयााँ लेखक - विष्णुशमाा कहानी का नाम - शेर और चह ू ा विषय - पंचतंत्र की कहाननयााँ पस् ु तक में विभिन्न विषयों से संबंधित नीनतप्रद कहाननयााँ हैं। इसमें से ‘शेर और चह ू ा’ एक है । इसका मख् ु य विषय है – हम ककसी को छोटा ि कमज़ोर नह़ीं समझना चाठहए। (II) कहानी का उद्दे श्य - बाल मनोरं जन ि नीनत (III) पढे हुए अंश का वििरण, समीक्षा लेखन -‘शेर और चह ू ा’ की यह कहानी मझु े बहुत पसंद आयी। शेर ने चह ू ा को कमज़ोर समझा। शेर एक भशकाऱी के जाल में फाँस गया। तब चह ू े ने आकर जाल की रस्स्सयों को कुतर कर शेर को आज़ाद कर ठदया। पात्र स्ििाि : बड़े बलिान से िी, न होने का काम छोटा और कमजोर िी कर पाता हैं। पस् ु तक के रं गीन धचत्र मझ ु े बहुत पसंद आया। पस् ु तक के धचत्रों से ह़ी साऱी कहानी मालम ू हुई। कहानी पढने के बाद मैंने सोचा कक हमें छोटे जीिों की शस्क्त को कम नह़ी आाँकना चाठहए। छोटों की उपेक्षा नह़ीं करना चाठहए। संिाद छोटे सरल और स्पष्ट है ।िाषा शैल़ी सरल है । लेखक कहानी िाषा शैल़ी के माध्यम से नैनतकता और सामास्जकता के स्जस मल् ू य का विकास करना चाहते िे उसमें िे पण ू ा रूप से सफल रहें । (IV) ननष्कषा या सीख - (अ) इस कहानी से हमें यह सीख भमलती है कक हमें भसफा शऱीर के आिार पर ककसी इंसान को छोटा या बड़ा नह़ीं समझना चाठहए। (आ) हमें दस ू रों की मदद करनी चाठहए, क्योंकक जब हम दस ू रों की मदद करें गे, तिी कोई हमाऱी मदद के भलए आगे आएगा। (V) प्रस्तत ु ीकरण - 29 अगस्त को अध्यापकजी ने पस् ु तक पिन का काया ठदया। मैंने कक्षा के समक्ष बंदर और मगरमच्छ' की कहानी का मौखखक प्रस्तत ु ीकरण ककया। मझ ु े यह कहानी बहुत अच्छा लगा। VI CLASS/VII CLASS/VIII CLASS/IX CLASS/X CLASS/ALPHABETS&BASICS/GRAMMAR 5 - (1) पढ़ी हुई पस् ु तक का वििरण पस् ु तक का नाम - पंचतंत्र की कहाननयााँ लेखक - विष्णुशमाा कहानी का नाम - शेर आया शेर आया विषय - पंचतंत्र की कहाननयााँ पस् ु तक में विभिन्न विषयों से संबंधित नीनतप्रद कहाननयााँ हैं। इसमें से 'शेर आया शेर आया' एक है । इसका मख् ु य विषय है - हमें किी झि ू नह़ीं बोलना चाठहए। (II) कहानी का उद्दे श्य - बाल मनोरं जन ि नीनत (III) पढे हुए अंश का वििरण, समीक्षा लेखन - 'शेर आया शेर आया' की यह कहानी मझ ु े बहुत पसंद आयी। झि ू से िरोसा टूटता है और लोग परे शान होते हैं। झि ू बोलने िाले व्यस्क्त से सब लोग उसी तरह डरते है , जैसे सब लोग ककसी सााँप से डरते हैं। पात्र स्ििाि : इस कहानी में झि ू कैसा फल दे ता है कहा गया है । पस् ु तक के रं गीन धचत्र मझ ु े बहुत पसंद आया। पस् ु तक के धचत्रों से ह़ी साऱी कहानी मालम ू हुई। कहानी पढने के बाद मैंने सोचा कक हमें किी झिू नह़ीं बोलना हैं। लोग आप पर िरोसा करना बंद कर दें गे, जब आप सच से ज्यादा झि ू बोलने लगें गे। कहानी में क्रमबद्िता है । संिाद छोटे सरल और स्पष्ट है ।िाषा शैल़ी सरल है। लेखक कहानी िाषा शैल़ी के माध्यम से नैनतकता और सामास्जकता के स्जस मल् ू य का विकास करना चाहते िे उसमें िे पण ू ा रूप से सफल रहें । (IV) ननष्कषा या सीख - (अ) इस कहानी से यह सीख भमलती है कक झि ू े व्यस्क्त की सच बात पर िी लोग विश्िास नह़ीं करते हैं। (आ) शरारती से मज़ाक उड़ाना उधचत नह़ीं है । ऐसा करने से किी-किी प्राण िी खो सकते है। (V) प्रस्तत ु ीकरण - 29 अगस्त को अध्यापकजी ने पस् ु तक पिन का काया ठदया। मैंने कक्षा के समक्ष 'शेर आया शेर आया' की कहानी का मौखखक प्रस्तत ु ीकरण ककया। मझ ु े यह कहानी बहुत अच्छा लगा। VI CLASS/VII CLASS/VIII CLASS/IX CLASS/X CLASS/ALPHABETS&BASICS/GRAMMAR 6- (1) पढ़ी हुई पस् ु तक का वििरण पस् ु तक का नाम - पंचतंत्र की कहाननयााँ लेखक - विष्णुशमाा कहानी का नाम - सोने का अंडा विषय - पंचतंत्र की कहाननयााँ पस् ु तक में विभिन्न विषयों से संबंधित नीनतप्रद कहाननयााँ हैं। इसमें से ‘सोने का अंडा’ एक है । इसका मख् ु य विषय है - हमें किी िी ज्यादा की लालच नह़ीं करना चाठहए। (II) कहानी का उद्दे श्य - बाल मनोरं जन ि नीनत (III) पढे हुए अंश का वििरण, समीक्षा लेखन -‘सोने का अंडा’ की यह कहानी मझ ु े बहुत पसंद आयी। गोपाल बबना समय गाँिाए, अधिक िनिान बनना चाहता िा। लालच में अंिे हो कर गोपाल ने हं भसनी के पेट चाकू से चीर डाला। पात्र स्ििाि : इस कहानी में लालच का कैसा फल दे ता है कहा गया है । पस् ु तक के रं गीन धचत्र मझ ु े बहुत पसंद आया। पस् ु तक के धचत्रों से ह़ी साऱी कहानी मालम ू हुई। कहानी पढने के बाद मैंने सोचा कक लालच का नतीजा दुःु खदायक होता है। गोपाल अपने ककए काम पर पछता रहा िा और िीरे -िीरे भिखाऱी हो गया। कहानी में क्रमबद्िता है । संिाद छोटे सरल और स्पष्ट है ।िाषा शैल़ी सरल है । लेखक कहानी िाषा शैल़ी के माध्यम से नैनतकता और सामास्जकता के स्जस मल् ू य का विकास करना चाहते िे उसमें िे पण ू ा रूप से सफल रहें । (IV) ननष्कषा या सीख - (अ) इस कहानी से यह सीख भमलती है कक हमें ज्यादा लालच नह़ीं करना चाठहए। लालच में कई बार हम खुद का ह़ी नक ु सान कर बैिते हैं। (आ) ककसी िी मनष्ु य को स्जतना है, उतने में ह़ी संतोष करना चाठहए। लालच किी िी नह़ीं करना चाठहए, क्योंकक लालच बरु ़ी बला है । (V) प्रस्तत ु ीकरण - 29 अगस्त को अध्यापकजी ने पस् ु तक पिन का काया ठदया। मैंने कक्षा के समक्ष ‘सोने का अंडा’ की कहानी का मौखखक प्रस्तत ु ीकरण ककया। मझ ु े यह कहानी बहुत अच्छा लगा। VI CLASS/VII CLASS/VIII CLASS/IX CLASS/X CLASS/ALPHABETS&BASICS/GRAMMAR

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