Class 11 Chapter 1 जीव विज्ञान Notes PDF
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Intr High School Aurangabad
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These notes cover Chapter 1 of class 11 biology, focusing on characteristics of living things and the principles of classification. The notes explain growth, metabolism, and the diversity of living organisms.
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# जीव विज्ञान ## 418-1 * **The living word!** * एक्स मेटार को 20वीं शती का डार्विन कहा जाता है। * **जीव *35** * जिस प्राणिार्थी में जीवन बसता है उसे हम जीव कहते है। * **जीतों की विशेषताएं :** जीवन की परिभाषा बहुत पील है, सभी विधारीयों में कुछ विशेष लक्षण होते है जिसे आधार पर वह निर्जीव से अलग...
# जीव विज्ञान ## 418-1 * **The living word!** * एक्स मेटार को 20वीं शती का डार्विन कहा जाता है। * **जीव *35** * जिस प्राणिार्थी में जीवन बसता है उसे हम जीव कहते है। * **जीतों की विशेषताएं :** जीवन की परिभाषा बहुत पील है, सभी विधारीयों में कुछ विशेष लक्षण होते है जिसे आधार पर वह निर्जीव से अलग होता है। * **वृद्धि *4006 मा *35** * जीवों के आधार एवं अंग में बढ़ोतरी की वृद्धि कहते है। ## जीवद्रव्य * वडाविकाएं जीव कोशिका *19 * विभाधान द्वारा वृद्धि करता है। * **"कोशिका द्रव (cytoplasm)"** * जीवों के पुतीकोगिका *9 * अंगों में जीवन के मूल्य मल्य दत्व एवं उनकें. * दत्व में जीवन के मूल्य मल्य दत्व एवं * अंगों में जीवन के मूल्य मल्य दत्व एवं * सभी जैविक कार्य करते हैं. *68 * वृद्धि *68 * जनन, पोषण, श्वसन, इत्यादि * क्रिया' संपन्न 'होता है। * लिए इस जीवों के भौतिक आधार कहा जाता है,। * **"उपापचय" *15 (Metabolism)** * सभी जीव * धारियों में विभिन्न जैविक क्रियाओं के * लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। * यह ऊर्जा भोजन प्राप्त होते है। * इसके लिए जीवों को अनेक रासायनिक एवं * भौतिक क्रियाएं करनी होती है। * जिसे उपापचय कहते है,। ### उपायघरा * उपायघरा मुख्यत: दो प्रकार *25 * उपचय, (Anabalism!, * अपचय, (catabalism), ### उपचा" *4 * वह क्रिया जिस क्रिया से भरल * हटको के संयोजन द्वारा जतील हाटको * को निर्माण होता है, कहते हैं। ### अपचय" *3 * वह क्रिया जिससे पील * हटको कं संर्याजन दा * का निर्माण होता * है उसे हम अपचय कहते हैं। * जीवित जीवों की अन्दर होने वाली * रासायनिक प्रतिक्रिया को उपापचय कहलाती है,। * उपापचय प्रतिक्रिया उत्पाद को मेटाबोलाइट कहते है। * A+B - C * Reactant, Product * उपापचय प्रतिक्रिया शरीर के बाहर कोशिका * मुक्त प्रणाली में प्रदर्शित किया जा सकता * कोगिकिएँ संगठन (cellulay organization) * सुभी जीव एफ या एक से अधिक कोगिर * से मिलकर बनी होती है, इस लिए * कौशिका को सरंघात्मक एवं क्रियात्मक * इकाई कहते हैं,। ## जीव-जगत में विविधता *25 (Diversity in living lion) * अब तक कि जात जीवी कि कसं लगभग 107-108 * मिलियन है,। * इसमें से * लगभग 1.25 मिलियन (million) जानवर * और 0.5 मिलियन पेड़-पौधे है; । ### वार्गिकी (Taxonomy) *3 * सर्वप्रथम वार्गिकी का प्रयोग A.b.de (candalle) * किया था । * वार्गिकी के जनन- कैरोल्स लिजियस को कहा * जाता है,। * जीत - विज्ञान की वह गाँखा जिसके अंर्तगत * जीवी का पहचान वर्गीकरण एवं नामकरण * के बारे में अध्ययन करते है उसे हम * वार्गिकी कहते है,। ## "पहचानीकरण" = (Identification | * वह क्रिया जिस क्रिया से एक जीव * को दूसरे पति को पहचाना जाता है, उसे * हम पहचानीकरण कहते हैं,। * **नामकरण *15** * वह क्रिया जित्य क्रिया में * किसी भी जीत को नामदिया जाता है * उसे हम नामकरण कहते है,। * प्रत्येक जीव का मानक नाम होता है * जिससे वह ऊर्जा नाम से पूरे विश्व * मैं जाना जाता है। * Ex : मानव : होमा, संपियन, । * गैर पैन्यासु लिया। * आम : मैजीकरा इंडिका । ### "वार्गिकरण" (classification) *2 * वह क्रिया जिस क्रिया से जीवों के समानताएँ * एवं असमानताएँ के स्थान पर विभिन्न * समहीं के के आधार पर रहता * जाता है, उसे हम वर्गीकरण कहते हैं। * किसी भी जीव की खर्खाण वह * निर्धारित करने के बाद * स्थान ही जीवों को * निश्चित नाम दिया जाता है। * प्रत्येक जीव के दर्दा नाम होता है। * वंश का नाम, (Genus name), * जाति का नाम, । (Species) ## द्विपदनाम पट्टति (Binomial, Nomenclature) *25 * सर्वप्रथम कुरा नामकरण * लीनियस ने बताया था, 1 * बहु प्रणाली जिस प्रणाली में प्रत्येक जीत * को दो नाम दिए जाते है, उसे हम * द्विपदनाम पद्धति कहते है। * Ex = आलु - स्पर्लिनम + ट्युनर्रान्सम, * (वंग) (खाति) ### "द्विपदनाम पद्धति के नियम *35 * जैविक नाम प्रायः लैटिन भाषा में होते हैं, और * तिरछे अक्षरों में लिखे जाते है,। * जैविक नाम में पहला शब्द वंशनाम होता है, * जबकि दूसरा शब्द जाति संकेत पद होता है। * Ex: मैीफेरा इंडिका । * जैविक नाम को जब हाथ से लिखते हैं, तब * दोनों शब्दों को अलग-अलग रेखाकिंत * अथवा छपाई में तिरछा लिखना चाहिए। * यह रेखाकंन उनके लैटिनन उद्भव को दिखाता है। * पहला अक्षर जो वंश नाम को बताता है, *16 * बड़े अक्षर में होना चाहिए जबकि जाति * संकत पद में छोटा अक्षर होना चाहिए। * बाध→ Ponthera tigris, * capital (बड़ा) * Small letter (छोटा) * जाति संकेत पद के बाद अधात जैविक * नाम के अंत में, लेखक का नाम लिखते * है, उसे इसे संक्षेप में लिखा * जाता है। * उदाहर % मैजीफेरा इंडिका (लीन, इसका अर्थ * है सबसे पहले स्पीशीज का वर्णन लीनियस * जे' किया था। ## "कुछ जीवी वैज्ञानिक नाम " =*4 | Name | वंगनामजिल, | जतिमाम (Speci) | पौनिफनाम | |---|---|---|---| | मनुष्य, | संपियन | होमो सेपियन | | | चीता (cheesh), | पैन्यरा | पारडस | चैन्दारा पाइर्स | | (Penthera), | (Pardus), | (Pathara boorded | | बोर, (Lion), | पैरा, | लियो, एक पेन्र्ण्यरा लियो | | | | (Panthera), | (Panthereved | | | बाहा, (Tiger) | (पैन्ग *1) | टिग्रिस, (ii) (" | | | मैदक (F108) | राना, (Rana) | टिगरिना, (Tighina), | (Rana | | | | | tigaima | | साँप (Srake) | नाजा, (१५०), | नाजा, (Naja), | (Najanaza) | | आलु (Pomato) | सोलेनम (salam), | दयुबर्रासम | Salamum | | | | | tubrosum | | टमाटर (Toma) | सॉलेजम, | लाइकोपसिम (m) | pridem | | जुड़ी (Wheat) | ट्रिटिकम (Triticum), | शास्तवम (Astivum), | Torit | | मटर | पाइन्नयम (Pisum) | साइतम (Sativum) | Risu | * "वर्गीकरण की आवश्यकताएं है Imperatice OF) * taxonomy * इस पौधे तथा जन्तुयों की मिलियन संख्या इय * धरती पर जो अवस्था, संरचना तथा उपस्थित होती है। में आहोत * अधिक अगल होते हैं,। * इसमें से व्यभी व अध्ययन करना असंभव है। * जीवी के अध्ययन करना संभव एंव आसान * बनाने के लिए जीवा वैज्ञानिकों ने जीती * को समानाएँ और असमानताएँ के * आधार पर विभिन्न श्रेणीयों में रखा * गया है,। * " कुछ महत्वपूर्ण आवश्यकताएँ" *2 * यह विभिन्न ोिं के बीच संबध को समझाने * का कार्य करती है। * यह अनेक जैव वैज्ञानिक विज्ञान जैसे *2 * भूगौलिक विकास के लिए कार्य करती है,। * इसके आधार पर पार्क को पहचाना जाता है, * जामकरण किया जाता है, तथा विभिन्न वर्गों मे * बाँटा जाता है,। * "वर्गिकी सम्वर्ग" * जीव विज्ञान की वह गाखा र्जा पी * के सिद्धांत तथा क्रिया विधि के अध्ययन * के साथ जोड़ी होती है उसे हम * वर्गिकी के सम्बर्ग कहते हैं। * "वर्गिकी मुख्यतः तीन भागों में बाँटा "। * "पहचानीकरण" (Identification), * "नामकरण" (Nomenclature) * "वर्गीकरण" (Classification) ### "पहचानीकरण" *4 * पहले से ही जातु जीवों के * साथ समानताएँ एवं असमानताओं के आधार * पर जीवों के अलग-अलग वर्ग में रखा * जाता है, उसे हम पहचानीकरण कहते हैं,। ### "नामकरण" * प्रर्त्सक जीवी को एक विशिष्ध * नाम से पूरे विश्व में, जाना * जाता है, उसे हम नामकरण कहते है,। ### "वगीकरण *4 * सभी जीवों को अलग-अलग वर्गी * में बाटने की क्रिया को वर्गीकरण कहते हैं। * Note I.C.B.Ny Internatinal code for Batomical * [ इंटरनेशल कोड ऑफ बोर्टीकल नार्मनका * [I.C.Z.N[Internatinal Code of zoologiaal * ऑफ जलोषीफल * IC.Y. N. * "" * Far viral * (विषाणु) * IC.To V * "" * Taxonomy of virus * IC.N.C.TY International code for Nomen * clature of cultivated plants, (रोला जाता है, जो ) | * पौधा, *1 ### (Toutonomy), *2 * "ऐसे वैज्ञानिक नाम जिनका * वंश एवं जाति का नाम एक होता है या * समान होता है, उसे हम Joutonomy कहते * है। * Ex * वंग जाति * Naja, maja साँप, * Ratus, ratus - चुहा, * Tautonomy, कंवल जन्तुओं के नामकरण के * लिए होता है,। * tautonomy पाँहों के नामकरण के लिए मान्य * नहीं होता है,। ## "वर्गीकरण (classification)" | Nomenclature | | |---|---| | | कृत्रिम वर्गकिरण, | | | (Artifical system), | | Nomenclature of classification,), | | | नमिनकलेचर | | | | "प्राकृतिक " | | | (Naturs," | | | "विकास पर आधारित ", | | | (Phylogenetic) | ### "कृत्रिम वर्गीकरण" *2 * इस प्रकार के वर्गीकरण * में केवल एक अथवा कुछ * पादपों की लक्षणों * के आधार पर * किया जाता है, उसे हम कृतिक वर्गीकरण * कहते है,। * इस वर्गीकरण को लिनियस का वर्गीकरण भी * कहते हैं,। ### "प्राकृतिक वर्गीकरण " *4 * इस प्रकार के वर्गीकरण * मैं सभी प्रकार के लक्षणों के अध्ययन * के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है * उसे हम प्राकृतिक वर्गीकरण कहते हैं। * इस वर्गीकरण में पुष्पीय लक्षणों को काशिक * लक्षणों से अधिक महत्व दिया गया। * Ex = बेनयम हुकर का वर्गीकरण । * उन्होंने गलती से प्रymnosperm को एक बीषयी * बा और द्विबिजपी के मध्य स्थान दिए,। * "जैव विकास पर आधारित वर्गीकरण" * इस वर्गीकरण मैं पादपों के सभी लक्षणों के अध्ययन के * आधार पर कृतिहासिक रूप में वर्गीकरण * करते है,। * वगीकी व्यमवर्ग (Taxonomical hierarchy) है सभी * ज्ञात जीवों को उनके वर्गीकी के आधार * पर अध्ययन कर के उनको उनके वर्गी * में रखने की क्रिया को हम वर्गीकी * समवर्ग कहते है,। * अधाव वर्गीकी समार्ग * शब्दों में परिभाषित किया जा * सकता है। * सभी ज्ञात जीवों को उनके वर्गीकी के * हिसाब से अध्ययन करने की हर क्रिया * को हम वर्गीकी समार्ग कहते हैं,। | | | |---|---| | जगत, | संही याभाग-पीधर | | | Kingdom, | | | जन्तु - | | | Phylum Division. | | वैर्ग | | | वर्गीकी, | | | समवर्ग | | | | class, | | | ↓ | | | गठण, | | | order, | | | फुल, | | | Family, | | | वैश | | | vienus, | | | | | | | | | जाति, | | | Specics, | * 7 Categories, * 7 Ronks, * 7 Taxons, * जी की संख्या एवम् जटिलता बढ़ती है। * पार्टी के मध्य समान (common) लक्षण हाटते जाते * "जाति (Species) = Species नाम John Ray ने दिया * वर्गिकी की यह सबसे छोटी इकाई होती है,। * वर्गिकी अध्ययन में जीवों के वर्ग जिसमें * मौलिक समानताएं होती है, उसे हम वर्गिकी * जाति कहते है,। ### "जाति (species)" | | | |---|---| | (Taxonomic), | (Bialogical") | | Species | | * "Taxonomic species" * सभी प्रीत जो प्याकारिकी * रूप से दर्शाते हैं, वे * एक Taxonomic species, * में सम्मिलित है। * "Gialogical Species" * ऐसे जीव जो परस्पर * प्रजनन की क्षमता दर्शात * है उन्हें एक Bialogico * " कहाँ जाता है। * वंग (Genus), *15 जातियों के समूह से कंग * का निर्माण होता है,। * कुन (गों * वगों के समूह से मिलकर कुल * का निर्माण होता है,। * "गण (order)=% * कुलों के समूह से मिलकर * गण का निर्माण होता है,। * "वर्ग (class)" : * गणां के समूह से मिलकर * वर्ग का निर्माण होता है। * "संघ याभाग (Phylum / Division)" *4 * वर्गों के समूह * से मिलकर संघ या भाग का * निर्माण होता है। * "पजगत (Kingdom)"> * संहा या भागों के समूह * से मिलकर जगत का निर्माण होता है। * छ "मानव का वर्गीकी समवर्ग" * &x * जाति, * संधियन्स, * वंश, * होमर्मा, * ↓ * कुल, * धमर्मानिडी, * गण, * प्राइमंट, * वर्ग; * लिया, * संधे याभाग, * जगत, * कॉर डेटा, * जीव जगत, * वर्गीकी सहायक साहधन (Taxonomical Aids)÷*4 * i) Herbarium, हरबेरियम, * ii) Botanical gardens. * वनस्पति उद्यान, * iii) keys - * (कुंजी तथा चार्गः) * iv) Monographs- * 1) Memuals - * ris Flora - * vi) zoological- Pork (200) % (चिड़ियाहार), * viii) Museums -*4 (संग्रहालय,) * हरवेरियम (herbarium ) * Size (साइख), =x29x42mर्म], * =>[11.5×16.5 inches ], * "यह जात पादप प्रजातियों का संग्रह * Store-house / Collection होता है,। * पादयों को सुखा कर (dried), herbarium * Sheet का पूर Press Doo Paper R * संग्रहित किया जाता है,। * वनस्पति उद्यान (Batarical gardens, ) =*4 * राह Ex-situ संरक्षण - * "जिसमें सर्वांव पादपों को * संरक्षण किया जाता है। * व्यवर्ष बड़ा (Botanical garden) *1½ (Royal batomical * (garden) : Kew, England (old solos) * भारत (Indian batomied garden) (Howrah) * (NBRI (National batomical Resecoch * institule - Lucknow) * लखनऊ, * कुंजी (Keys):*4 "यह जीवी के पहचान एवं * वर्गीकरण हेत प्रयुक्त किए जाने वाला * विश्लेषात्मक टांत (Analytical fool) * जिसे ७९० (लॉड) कहते हैं। * इसमें एक कथन का प्रयोग किया जाता है। * और इस काल के दो options होते है। * couplet है। * Natet Separte taxon के लिए अलग Key होती है।