बौद्ध धर्म का इतिहास PDF
Document Details
Uploaded by TriumphalJasper1614
Kolhan University Chaibasa
Tags
Summary
यह दस्तावेज़ बौद्ध धर्म के इतिहास पर एक संक्षिप्त सारांश प्रदान करता है. इसमें बौद्ध दार्शनिक अवधारणाओं, महत्वपूर्ण घटनाओं, और बौद्ध धर्म की शाखाएँ शामिल हैं.
Full Transcript
बौद्ध धर्म इतिहास Copyright © 2014-2020 TestBook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved Download Testbook App बौद्ध धर्म बौद्ध धर्म, दुनिया का चौथा सबसे बडा धर्म, भारि र्ें उत्पन्न हुआ और फिर म...
बौद्ध धर्म इतिहास Copyright © 2014-2020 TestBook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved Download Testbook App बौद्ध धर्म बौद्ध धर्म, दुनिया का चौथा सबसे बडा धर्म, भारि र्ें उत्पन्न हुआ और फिर म्ाांर्ार, श्रीलांका, जापाि, चीि, तियििार् और थाईलैंड जैसे पड़ोसी देशों र्ें िैल गया। गौिर् बुद्ध का जीवन गौिर् बुद्ध, बौद्ध धर्म के सांस्थापक थे बुद्ध के िार् से जािे जािे से पहले उन्हें ससद्धाथम के रूप र्ें जािा जािा था उिका जन्म 563 ईसा पूिम, लुम्बििी (आधुनिक फदि िेपाल) र्ें फपिा राजा सुद्ध़ोधि और र्ािा रािी र्हा देिी के यहााँ हुआ था। यह उिकी एकर्ात्र सांिाि थे उिकी र्ृत्यु 806 िर्म की आयु र्ें 483 ईसा पूिम र्ें कुशीिगर र्ें साल के िृक्ष (आधुनिक फदि ग़ोरखपुर, यूपी के पास) र्ें हुई थी। कुशीिगर ललच्छिी साम्राज्य का फहस्सा था। आध्याम्बिक र्ागम पर शुरू ह़ोिे से पहले उिका तििाह यश़ोधरा से हुआ था। उिका राहुल िार् का एक बेटा था। िे उसे भी साांसाररक जीिि र्ें बााँधिे र्ें असर्थम थे। उिके जीिि के सबसे प्रर्ुख और प्रथर् सशक्षक अलारा और उदारक थे। इतिहास | बौद्ध धर्म पृष्ठ 2 Download Testbook App 29 िर्म की आयु र्ें, ससद्धाथम िे अपिी आध्याम्बिक यात्रा क़ो सत्य की ख़ोज, और दुखों की सर्ाफि के रूप र्ें शुरू नकया। उिके जीिि की इस घटिा क़ो र्हाफभनिष्कर्म के िार् से जािा जािा है। 35 िर्म की आयु र्ें, ससद्धाथम िे बौद्ध बिकर उरुिेला र्ें ज्ञाि प्राि नकया। िह एक पीपल (बरगद) के िृक्ष के िीचे निरांजिा िदी के िट पर ध्याि कर रहा थे। इस पीपल के पेड क़ो ब़ोसध िृक्ष कहा जािा है, और इस स्थाि क़ो ब़ोधगया के िार् से जािा जािा है। िैशाख र्ास की पूलर्ि र्ा क़ो बुद्ध क़ो ज्ञाि प्राि हुआ। धम्मचक्र प्रचार "बुद्ध के जीिि की एक और र्हत्वपूर्म घटिा है ज़ो उिका पहला उपदेश है। यह आय़ोजि सारिाथ (आधुनिक िारार्सी) र्ें उिका पहला उपदेश था। प्रसेिसजि, तबम्बिसार और अजािशत्रु, बुद्ध के उल्लेखिीय शासक और सशष्य थे। फभक्खु या फभक्षु (फभखारी) ऐसे फभक्षु थे, सजन्होंिे अपिा सादा जीिि जीिे के ललए अपिे भौतिकिादी जीिि क़ो त्याग फदया था। बौद्ध धर्म के कुछ प्रससद्ध फभक्षु साररपुत्र, आिांद, र्हा कस्पा, अिुराधा, उपाली और राहुल थे। िधमर्ाि र्हािीर (जैि धर्म) गौिर् बुद्ध (बौद्ध धर्म) के सर्कालीि थे। ब़ोध गया इतिहास | बौद्ध धर्म पृष्ठ 3 Download Testbook App बौद्ध धर्म की सर्यरेखा 563 ई.पू. ससद्धार्म का जन्म ससद्धार्म की र्ृत्यु 483 ई.पू. 483 ई.पू. पहली बौद्ध पररषद दूसरी बौद्ध पररषद 383 ई.पू. 250 ई.पू. िीसरी बौद्ध पररषद चौर्ी बौद्ध पररषद 72 ईस्िी इतिहास | बौद्ध धर्म पृष्ठ 4 Download Testbook App उनके जीवन की र्हत्वपूर्म घटनाएँ और उनके प्रिीक बुद्ध के जीवन की घटनाएँ द्वारा प्रिीकात्मक बुद्ध का जन्म कर्ल और बैल र्हाि प्रस्थाि (र्हाफभनिष्कर्म) घ़ोडा आिज्ञाि (नििामर्) ब़ोसध िृक्ष पहला उपदेश (धम्मचक्रपररििमि) पफहया र्ृत्यु (पररनििामर्) स्तूप बौद्ध दर्मन बौद्ध धर्म र्ें चार र्हाि सत्य बौद्ध धर्म र्ें आठ गुिा पथ बौद्ध धर्म के फत्र रत्न चार र्हान सत्य क्र.सं. चार र्हान सत्य 1. सांसार दुुःख से भरा है 2. इच्छा ही सभी दुुःखों का र्ूल कारर् है 3. दुुःख पर तिजय प्राि कर इच्छा पर तिजय प्राि की जा सकिा है 4. बौद्ध धर्म र्ें आठ गुिा पथ का पालि करके इच्छा पर तिजय प्राि की जा सकिी है इतिहास | बौद्ध धर्म पृष्ठ 5 Download Testbook App आठ गुना पर् क्र.सं. आठ गुना पर् 1. सही सर्झ 2. सही सर्ाधाि 3. सही भार्र् 4. सही कारमिाई 5. सही जीिि 6. सही प्रयास 7. सही तिचार 8. सही आि-एकाग्रिा बौद्ध धर्म के ति-रत्न क्र.सं. ति-रत्न अर्म 1. बुद्धा सभी र्ें उच्चिर् आध्याम्बिक क्षर्िा 2. धम्म बुद्ध का उपदेश (सांस्कृि धर्म के ललए पाली) 3. सांघ बौद्ध धर्म का पालि करिे िाले फभक्षुओ ां का आदेश इतिहास | बौद्ध धर्म पृष्ठ 6 Download Testbook App बौद्ध पररषद पररषद वषम स्थान र्ाही संरक्षक अध्यक्ष पररर्ार् आिांद द्वारा सुत्त फपटक और पहली बौद्ध सिपरिी गुिा, अजािशत्रु 483 ई.पू. र्हाकश्यप उपाली द्वारा तििया फपटक का पररषद राजगृह (हयमक राजिांश) सर्ापि। िैशाली के फभक्षु सांस्कारों र्ें कालाश़ोक दूसरी बौद्ध चुलिांगा कुछ बदलाि चाहिे थे। 383 ई.पू. (सशशुिाग सबाकार्ी पररषद िैशाली स्टैतिरािैनडि और र्हासांसघका राजिांश) र्ें र्िभेद अफभधम्म फपटक की पूर्मिा। अश़ोकरार् िीसरी बौद्ध अश़ोक (र्ौयम दुनिया के तिफभन्न फहस्सों र्ें 250 ई.पू. तिहार, ऱ्ोग्लिपुटा तिसा पररषद राजिांश) तर्शिररयों क़ो भेजिे का पाटललपुत्र निर्मय। र्हातिभि शा शास्त्र की चौर्ी बौद्ध कनिष्क पूर्मिा। 72 ईस्िी कुांडला, कश्मीर िासुतर्त्र, अश्वघ़ोर् पररषद (कुर्ार् िांश) बौद्ध र्हायाि और हीियाि र्ें तिभासजि ह़ो गए। इतिहास | बौद्ध धर्म पृष्ठ 7 Download Testbook App बौद्ध साहहत्य पाली ग्रंर् तिहपटक फपटका का अथम है 'ट़ोकरी' और इसे इसललए कहा जािा था, क्योंनक र्ूल पाठ क़ो िाड के पत्तों पर ललखा गया था और ट़ोकरी र्ें रखा गया था। हपटक हपटक के बारे र्ें सुत्त फपटक बुद्ध के कथि तििय फपटक र्ठिासी सांफहिा अफभधम्म फपटक बुद्ध के धातर्ि क प्रिचि हर्ललन्दपन्हो तर्ललिं डा और बौद्ध सांि (िागेिा, फदपिार्शा और र्हािांश) के बीच एक सांिाद - श्रीलांका के प्रर्ुख इतिहासकार। संस्कृि ग्रंर् अश्वघ़ोर् - बुद्ध चाररिा, सौन्दरािांद, सूत्रालांकार, साररपुत्र प्रिचि और िज्र सुसच, िसुतर्त्र - र्हातिभा शास्त्र, बुद्धघ़ोर् - तिशुद्मग्गा, अत्थाकथायेि और सुर्ांगलिाससिी, िागाजुमि - र्ध्यतर्का काररका और प्रज्ञापरीतर्िा काररका आफद। इतिहास | बौद्ध धर्म पृष्ठ 8 Download Testbook App बौद्ध संप्रदाय हीनयान इिके भक्त बुद्ध की पहली सशक्षा र्ें तिश्वास करिे थे। उन्होंिे आि-नियांत्रर् और प्रतितबिं ब के र्ाध्यर् से तिलक्षर् ऱ्ोक्ष की िलाश की। उन्हें र्ूतिि -पूजा र्ें तिश्वास िहीं था। उन्होंिे पाली भार्ा का सर्थमि नकया। इन्हें 'दलक्षर्ी बौद्ध धर्म' के रूप र्ें जािा जािा है, क्योंनक यह भारि के दलक्षर् र्ें रहिे थे, उदाहरर् के ललए श्रीलांका, बर्ाम (म्ाांर्ार), ससयार् (थाईलैंड) जािा और इसी प्रकार। िैभाससका और सौिांतिका - ये हीियाि के द़ो उप-सर्ूह थे। र्हायान इसके सर्थमकों क़ो बुद्ध की चर्क र्ें तिश्वास था। उन्होंिे बुद्ध और ब़ोसधसत्व की सुांदरिा और र्दद के र्ाध्यर् से सभी के उद्धार की िलाश की। उन्हें र्ूतिि पूजा र्ें तिश्वास था। उन्होंिे सांस्कृि भार्ा का सर्थमि नकया। इन्हें 'उत्तरी बौद्ध धर्म' के रूप र्ें जािा जािा है, क्योंनक यह भारि के उत्तर र्ें रहिे थे, उदाहरर् के ललए चीि, क़ोररया, जापाि और इसी प्रकार। र्ध्यतर्का / सलुण्यिदा (सांस्थापक - िागाजुमि) और य़ोगचार / तिजयिािाडा (सांस्थापक - र्ैत्रेयिाथ और उिके भक्त असांग) - िे र्हायाि के द़ो उप-सर्ूह थे। इतिहास | बौद्ध धर्म पृष्ठ 9 Download Testbook App वज्रयान 1. इसके भक्तों िे स्वीकार नकया नक ऱ्ोफहि शसक्त प्राि करके ऱ्ोक्ष क़ो पूरा नकया जा सकिा है, सजसे िे िज्र कहिे हैं। 2. इस िए सर्ूह के केंद्रीय तिभाजि िारस थे। 3. इसे पूिी भारि, तिशेर्कर बांगाल और तबहार र्ें र्ुख्यधारा तर्ली। बोतधसत्व 1. िज्रपालर्: इां द्र की िरह, िह िज्रपाि, अधर्म और बुराई का शत्रु धारर् करिा है। 2. एिल़ोनकिेश्वर (िीचे फदखिे िाला गुरु) क़ो अतिररक्त रूप से पद्मपालर् (कर्ल िाहक) कहा जािा है: दयालु। 3. र्ांजुश्री (सर्झ की स्थस्थरिा): िह 10 पारतर्िाओ ां (गहि आदशों) क़ो सचफत्रि करिे िाली पुस्तक रखिी हैं। 4. र्ैत्रेय: भतिष्य बुद्ध। 5. क्षफत्रय: अां ग के द्वारपाल। 6. अतर्िाभ / अतर्िाभ: बुद्ध का स्वगम। बोतधसत्व इतिहास | बौद्ध धर्म पृष्ठ 10