UP Board Class 12 Hindi Question Paper 2023 PDF

Summary

यह दस्तावेज़ यूपी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी की परीक्षा का प्रश्न पत्र है, जो वर्ष 2023 का है। इसमें परीक्षा के निर्देशों, प्रश्नों और संभावित उत्तरों की जानकारी दी गई है। यह उन छात्रों के लिए उपयोगी है जो परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। यह परीक्षा के प्रारूप को समझने में भी मदद करता है।

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Here is the conversion of the provided text into a structured markdown format: # UP Board Class 12 Hindi Question Paper 2023 (Code 301 ZF) **अनुक्रमांक:** ........................ **नाम:** ........................ **मुद्रित पृष्ठों की संख्या:** 8 **101** **301 (ZF)** **2023** **हिन्दी** **स...

Here is the conversion of the provided text into a structured markdown format: # UP Board Class 12 Hindi Question Paper 2023 (Code 301 ZF) **अनुक्रमांक:** ........................ **नाम:** ........................ **मुद्रित पृष्ठों की संख्या:** 8 **101** **301 (ZF)** **2023** **हिन्दी** **समय:** तीन घंटे 15 मिनट ] [**पूर्णांक:** 100 **निर्देश:** (i) प्रारंभ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं। (ii) इस प्रश्न पत्र में दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों के सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। ## खण्ड क **1.** **(क)** 'शेखर: एक जीवनी' कृति के रचनाकार हैं: 1 (i) धर्मवीर भारती (ii) 'अज्ञेय' (iii) हरिवंश राय 'बच्चन' (iv) जयप्रकाश **(ख)** 'अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा' के लेखक हैं: 1 (i) मोहन राकेश (ii) 'अज्ञेय' (iii) राहुल सांकृत्यायन (iv) धर्मवीर भारती **(ग)** 'आखिरी चट्टान' के लेखक हैं: 1 (i) 'अज्ञेय' (ii) हरिशंकर परसाई (iii) प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी (iv) मोहन राकेश **(घ)** खड़ी बोली गद्य की प्रथम रचना है: 1 (i) कृष्णावतार स्वरूप निर्णय (ii) गोरा बादल की कथा (iii) वर्ण रत्नाकर (iv) भाषा योग वाशिष्ठ **(ङ)** 'राजा भोज का सपना' के लेखक हैं: 1 (i) शिवप्रसाद सितारे हिन्द (ii) किशोरी लाल गोस्वामी (iii) इंशा अल्ला खाँ (iv) राधाचरण गोस्वामी **301 (ZF)** 1 P.T.O. --- **2.** **(क)** 'प्रिय प्रवास' महाकाव्य किस भाषा में लिखा गया है ? 1 (i) अवधी (ii) ब्रजभाषा (iii) खड़ी बोली (iv) फारसी **(ख)** 'एक भारतीय आत्मा' कहे जाते हैं: 1 (i) भूषण (ii) सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (iii) माखनलाल चतुर्वेदी (iv) केशवदास **(ग)** प्रगतिवाद के प्रमुख कवि हैं: 1 (i) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (ii) गिरिजाकुमार माथुर (iii) धर्मवीर भारती (iv) 'नागार्जुन' **(घ)** छायावाद की प्रमुख प्रवृत्ति हैं: 1 (i) वीरता और श्रृंगार का सम्मिश्रण (ii) वर्तमान राजनीति का वर्णन (iii) स्थूल के प्रति सूक्ष्म का विद्रोह (iv) युद्ध का सजीव वर्णन **(ङ)** सुमित्रानंदन पंत को ज्ञानपीठ पुरस्कार किस रचना पर प्राप्त हुआ: 1 (i) 'लोकायतन' (ii) 'थामा' (iii) 'चिदम्बरा' (iv) 'उर्वशी' **3.** निम्नलिखित गद्यांशों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 5×2=10 भूमि, भूमि पर बसनेवाला जन और जन की संस्कृति, इन तीनों के सम्मिलन से राष्ट्र का स्वरूप बनता है । भूमि का निर्माण देवों ने किया है, वह अनंत काल से है । उसके भौतिक रूप, सौन्दर्य और समृद्धि के प्रति सचेत होना हमारा आवश्यक कर्तव्य है। भूमि के पार्थिव स्वरूप के प्रति हम जितने अधिक जागरित होंगे उतनी ही हमारी राष्ट्रीयता बलवती हो सकेगी। यह पृथिवी सच्चे अर्थों में समस्त राष्ट्रीय विचारधाराओं की जननी है। जो राष्ट्रीयता पृथिवी के साथ नहीं जुड़ी, वह निर्मूल होती है। राष्ट्रीयता की जड़ें पृथिवी में जितनी गहरी होंगी, उतना ही राष्ट्रीय भावों का अंकुर पल्लवित होगा । **(क)** उपर्युक्त गद्यांश के पाठ तथा उसके लेखक का नाम लिखिए। **(ख)** किसके सम्मिलन से राष्ट्र का स्वरूप बनता है? **(ग)** भूमि का निर्माण किसने किया है और वह कब से है? **(घ)** हमारा आवश्यक कर्तव्य क्या है? **(ङ)** रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। **अथवा** मुझे मानव-जाति की दुर्दम-निर्मम धारा के हज़ारों वर्ष का रूप साफ दिखायी दे रहा है । मनुष्य की जीवनी-शक्ति बड़ी निर्मम है, वह सभ्यता और संस्कृति के वृथा मोहों को रौंदती चली आ रही है । न जाने कितने धर्माचारों, विश्वासों, उत्सवों और व्रतों को धोती-बहाती यह जीवन-धारा आगे बढ़ी है । संघर्षों से मनुष्य ने नयी शक्ति पायी है । हमारे सामने समाज का आज जो रूप है, वह न जाने कितने ग्रहण और त्याग का रूप है। देश और जाति की विशुद्ध संस्कृति केवल बाद की बात है । सब कुछ में मिलावट है, सब कुछ अविशुद्ध है। शुद्ध है केवल मनुष्य की दुर्दम जिजीविषा (जीने की इच्छा) । वह गंगा की अबाधित-अनाहत धारा के समान सब कुछ को हज़म करने के बाद भी पवित्र है । **(क)** उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए। **(ख)** रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। **(ग)** लेखक ने मनुष्य की जिजीविषा को किस रूप में प्रस्तुत किया है? **(घ)** हमारे सामने आज समाज का स्वरूप कैसा है? **(ङ)** 'दुर्दम' तथा 'अनाहत' शब्दों का अर्थ लिखिए। **4.** निम्नलिखित पद्यांशों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए: 5×2=10 ब्यापक ब्रह्म सबै थल पूरन है हमहूँ पहिचानती हैं । पै बिना नंदलाल बिहाल सदा 'हरिचंद' न ज्ञानहिं ठानती हैं ।। तुम ऊधौ यहै कहियो उनसों हम और कछू नहिं जानती हैं । पिय प्यारे तिहारे निहारे बिना अँखियाँ दुखियाँ नहिं मानती हैं ।। **(क)** उपर्युक्त पद्यांश के पाठ का शीर्षक व कवि का नाम लिखिए। **(ख)** रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए । **(ग)** गोपियाँ ब्रह्म के बारे में उद्धव से क्या कहती हैं? **(घ)** इस पद्यांश में कौन-सा रस है? **(ङ)** गोपियाँ उद्धव से श्रीकृष्ण को क्या सन्देश देने को कहती हैं? **अथवा** झूम-झूम मृदु गरज-गरज घन घोर! राग-अमर ! अम्बर में भर निज रोर! झर झर झर निर्झर-गिरि-सर में, धर, मरू तरु-मर्मर, सागर में, सरित्-तड़ित्-गति-चकित पवन में मन में, विजन-गहन-कानन में, आनन-आनन में, रव घोर कठोर - राग-अमर ! अम्बर में भर निज रोर! **(क)** उपर्युक्त पद्यांश के शीर्षक और कवि का नाम लिखिए । **(ख)** रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए । **(ग)** कवि बादलों से किस संदेश को सर्वत्र पहुँचाने का अनुरोध करता है? **(घ)** 'झर झर झर निर्झर-गिरि-सर में' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? **(ङ)** 'विजन' और 'अम्बर' शब्दों का अर्थ लिखिए । **5.** **(क)** निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए: (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द) 3+2=5 (i) कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' (ii) पं. दीनदयाल उपाध्याय (iii) प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी **(ख)** निम्नलिखित में से किसी एक कवि का जीवन-परिचय देते हुए उनकी साहित्यिक विशेषताओं को लिखिए: (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द) 3+2=5 (i) जगन्नाथदास 'रत्नाकर' (ii) मैथिलीशरण गुप्त (iii) सुमित्रानन्दन पन्त **6.** 'बहादुर' कहानी के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द) 5 **अथवा** कहानी तत्वों के आधार पर 'कर्मनाशा की हार' अथवा 'पंचलाइट' कहानी की समीक्षा कीजिए । (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द) 5 --- **7.** स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक खण्डकाव्य के एक प्रश्न का उत्तर लिखिए : (अधिकतम शब्द-सीमा 80 शब्द) 5 **(क)** 'रश्मिरथी' खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए । **अथवा** 'रश्मिरथी' खण्डकाव्य के प्रमुख पात्र की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए । **(ख)** 'श्रवणकुमार' खण्डकाव्य की किसी एक घटना का उल्लेख कीजिए । **अथवा** 'श्रवणकुमार' खण्डकाव्य के आधार पर 'श्रवणकुमार' का चरित्र-चित्रण कीजिए । **(ग)** 'आलोकवृत्त' खण्डकाव्य की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए । **अथवा** 'आलोकवृत्त' खण्डकाव्य के नायक की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए । **(घ)** 'मुक्तियज्ञ' खण्डकाव्य की किसी घटना का वर्णन कीजिए । **अथवा** 'मुक्तियज्ञ' खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए । **(ङ)** 'सत्य की जीत' खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए । **अथवा** 'सत्य की जीत' खण्डकाव्य के आधार पर उसकी नायिका के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए । **(च)** 'त्यागपथी' खण्डकाव्य के 'द्वितीय सर्ग' की घटना अपने शब्दों में लिखिए । **अथवा** 'त्यागपथी' खण्डकाव्य के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए । ## खण्ड ख **8.** (क) निम्नलिखित संस्कृत गद्यांशों में से किसी एक का सन्दर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए: 2+5=7 हंसराज: आत्मन: चित्तरुचितं स्वामिकम् आगत्य वृणुयात् इति दुहितरमादिदेश। सा शकुनिसङ्घ अवलोकयन्ति मणिवर्णग्रीवं चित्रप्रेक्षणं मयूरं दृष्ट्वा 'अयं मे स्वामिको भवतु' इत्यभाषत । मयूर: 'अद्यापि तावन्मे बलं न पश्यसि' इति अतिगर्वेण लज्जाञ्च त्यक्त्वा तावन्महतः शकुनिसङ्घस्य मध्ये पक्षौ प्रसार्य नर्तितुमारब्धवान्। नृत्यन् चाप्रतिच्छन्नोऽभूत् । सुवर्णराजहंसः लज्जितः – 'अस्य नैव ही: अस्ति न बर्हाणां समुत्थाने लज्जा । नास्मै गतत्रपाय स्वदुहितरं दास्यामि' इत्यकथयत् । हंसराज: तदैव परिषन्मध्ये आत्मनः भागिनेयाय हंसपोतकाय दुहितरमददात् । मयूरो हंसपोतिकाम्प्राप्य लज्जितः तस्मात् स्थानात् पलायितः । हंसराजोऽपि हृष्टमानसः स्वगृहम् अगच्छत् । **अथवा** गुरुः विरजानन्दोऽपि कुशाग्र बुद्धिमिमं दयानन्दः तीणि वर्षाणि पावत् पाणिनेः अष्टाध्यायी मन्यानि च शास्त्राणि अध्यापयामास । समाप्तविद्यः दयानन्दः परमया श्रद्धया गुरुमवदत् - भगवन् । अहम् अकिञ्चनतया तनुमनोभ्यां समं केवलं लवङ्गजातमेव समानीतवानस्मि । अनुगृहणातु भवान् अङ्गीकृत्यं मदीयामिमां गुरुदक्षिणाम् । प्रीतः गुरुस्तमभाषत् - सौम्य ! विदितवेदितव्योऽसि, नास्ति किमपि अविदितं तव। अद्यत्वेऽस्मांक देशः अज्ञानान्धकारे निमग्नो वर्तते, नार्यः अनाद्रियन्ते, शूद्राश्च तिरस्क्रियन्ते, अज्ञानिनः पाखण्डिनश्च पूज्यन्ते । वेद सूर्योदयमन्तरा अज्ञानान्धकारं न गमिष्यति । स्वस्त्यस्तु ते, उन्नमय पतितान्, समुद्धर स्त्रीजातिं, खण्डय पाखण्डम्, इत्येव मेऽभिलाषः इयमेव च मे गुरुदक्षिणा। [https://www.upboardonline.com](https://www.upboardonline.com) (ख) निम्नलिखित संस्कृत श्लोकों में से किसी एक का सन्दर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए: 2+5=7 काव्यशास्त्र-विनोदेन कालो गच्छति धीमताम् । व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा ।। **अथवा** परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम् । वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भं पयोमुखम् ।। **9.** निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में दीजिए: 2+2=4 (क) संस्कृत साहित्यस्य का विशेषता अस्ति ? (ख) दिलीपः कस्य प्रदेशस्य राजा आसीत् ? (ग) कः सर्वज्ञः भवति ? (घ) धीमतां कालः कथं गच्छति ? **10.** (क) 'वीर' रस अथवा 'रौद्र' रस की परिभाषा लिखकर उसका उदाहरण दीजिए । 1+1=2 (ख) 'श्लेष' अलंकार अथवा 'अतिशयोक्ति' अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए । 1+1=2 (ग) 'सोरठा' छन्द अथवा 'हरिगीतिका' छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए । 1+1=2 **11**. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए : 2+7=9 (क) भारत में आतंकवाद की समस्या और समाधान (ख) स्वस्थ समाज के निर्माण में नारी की भूमिका (ग) पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और समाधान (घ) साहित्य और समाज --- **12.** (क) **(i)** 'हरिश्चरति' का सन्धि-विच्छेद है: 1 (अ) हरी + चरति (ब) हर + चरति (स) हरिः + चरति (द) हरः + चरति **(ii)** 'विष्णोऽव' का सन्धि-विच्छेद है: 1 (अ) विष्णो + व (ब) विष्णो + एव (स) विष्णो + अव (द) विष्णु + अव **(iii)** 'गायकः' का सन्धि-विच्छेद है: 1 (अ) गैृ + ईकः (ब) गै + इकः (स) गै + एकः (द) गै + अकः (ख) निम्नलिखित में से किसी एक पद का विग्रह करके समास का नाम लिखिए: 1+1=2 (i) कृष्णाश्वः (ii) प्रत्यक्षम् (iii) महाधनम् **13.** (क) **(i)** 'आत्मन्' शब्द का सप्तमी विभक्ति, द्विवचन रूप होगा: 1 (अ) आत्मनः (ब) आत्मनोः (स) आत्मने (द) आत्मनौ **(ii)** 'नामन्' शब्द का षष्ठी विभक्ति, द्विवचन रूप होगा: 1 (अ) नामभ्याम् (ब) नाम्नाम् (स) नाम्नोः (द) नाम्ने **(ख)** **(i)** 'स्था' धातु में विधिलिङ् लकार मध्यम पुरुष, बहुवचन का रूप होगा: 1 (अ) तिष्ठ (ब) तिष्ठे: (स) तिष्ठत (द) तिष्ठेत **(ii)** 'अपिबः' अथवा 'नयेयुः' शब्द की धातु, लकार, पुरुष तथा बचन लिखिए । 1 **(ग)** (i) निम्नलिखित में से किसी एक शब्द के धातु एवं प्रत्यय का योग स्पष्ट कीजिए : 1 (अ) पीतम् (ब) बुद्धिमती (स) दृष्ट्वा **(ii)** निम्नलिखित में से किसी एक शब्द का संस्कृत प्रत्यय लिखिए : 1 (अ) पुरुषत्वम् (ब) श्रीमती (स) हत्वा **(घ)** रेखांकित पदों में से किसी एक पद में प्रयुक्त विभक्ति तथा सम्बन्धित नियम का उल्लेख कीजिए: 1+1=2 (i) नम्रता विद्यालयं प्रति याति । (ii) श्रीहनुमते नमः । (iii) हरिणा सह राधा नृत्यति । **14.** निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए: 2+2=4 (क) सत्य से धर्म की रक्षा होती है । (ख) तालाब में कमल खिलते हैं । (ग) राम ने रावण को बाण से मारा । (घ) फूलों में अरविन्द श्रेष्ठ है । (ङ) शिष्य गुरु को दक्षिणा देता है ।

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