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स्थानीय_सरकार_-_स्टडी_नोट्स

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NCERT Shorts स्थानीय सरकार राजनीति स्थानीय सरकार  स्थानीय सरकार गाांव और जजला स्तर की सरकार है।  यह उस सरकार के बारे में है जो आम लोगों के सबसे करीब है।  यह ऐसी सरकार के बारे में है जो आम नागररकों के जीवन की दिन-प्रतिदिन की समस्याओ...

NCERT Shorts स्थानीय सरकार राजनीति स्थानीय सरकार  स्थानीय सरकार गाांव और जजला स्तर की सरकार है।  यह उस सरकार के बारे में है जो आम लोगों के सबसे करीब है।  यह ऐसी सरकार के बारे में है जो आम नागररकों के जीवन की दिन-प्रतिदिन की समस्याओ ां को समादहि करिी है।  यह मानिी है कक लोकिाांदिक कनर्णय लेने के ललए स्थानीय ज्ञान और स्थानीय रुजि महत्वपूर्ण ित्व हैं।  लोकिांि में, केंद्र और राज्य स्तर पर एक कनवाणजिि सरकार के साथ, स्थानीय मामलों की िेखभाल के ललए स्थानीय स्तर पर एक कनवाणजिि सरकार होनी िादहए। स्थानीय सरकारों की आवश्यकिा?  यह सही और लोगों के अनुकूल प्रशासन के ललए आवश्यक हैं।  स्थानीय सरकार से सांपकण करना और उनकी समस्याओ ां को जल्दी और न्यूनिम लागि के साथ हल करना लोगों के ललए सुतवधाजनक है।  अि: यह लोगों के स्थानीय दहिों की रक्षा करने में बहुि प्रभावी हो सकिी हैं।  मजबूि और जीवांि स्थानीय सरकारें िोनों सदिय भागीिारी और उद्देश्यपूर्ण जवाबिेही सुकनश्चिि करिी हैं।  यह आम नागररकों को उनके जीवन, उनकी आवश्यकिाओ ां और उनके सांपूर्ण तवकास से ऊपर कनर्णय लेने में, शातमल होने में मिि करिा है।  यह लोकिाांदिक जसद्ाांि का समथणन करिा है, जजसमें स्थानीय रूप से ककए जाने वाले कायों को स्थानीय लोगों और उनके प्रतिकनजधयों के हाथों में छोड़ िेना िादहए।  अि: यह लोकिाांदिक प्रदियाओ ां को मजबूि करने में मिि करिा है। भारि में स्थानीय सरकार का तवकास  ऐसा माना जािा है कक स्व-शाजसि ग्राम समुिाय भारि में सभाओ ां (ग्राम सभाओ ां) के रूप में प्रािीन काल से मौजूि थे।  उनकी भूतमका और कायण समय के तवदभन्न तबिं िुओ ां पर बिलिे रहे है।  आधुकनक समय में, 1882 के बाि कनवाणजिि स्थानीय सरकारी कनकाय बनाए गए थे। राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved  लॉर्ण ररपन, जो उस समय भारि के वायसराय थे, ने इन कनकायों को बनाने की पहल की।  उन्हें स्थानीय मांर्ल कहा जािा था।  भारि सरकार अजधकनयम 1919 के बाि, कई प्राांिों में ग्राम पांिायिों की स्थापना की गई।  यह प्रवृजि, भारि सरकार अजधकनयम 1935, के बाि जारी रही।  भारि की आजािी के आां िोलन के िौरान, महात्मा गाांधी ने आजथि क और राजनीतिक शजि के तवकेंद्रीकरर् की पुरजोर तवनिी की थी।  उनका मानना था कक, ग्राम पांिायिों को मजबूि करना, प्रभावी तवकेंद्रीकरर् का एक साधन था।  तवकास के सभी पहलों में सफल होने के ललए स्थानीय भागीिारी होनी िादहए।  अिः पांिायिों को, तवकेंद्रीकरर् और भागीिारी लोकिांि के उपकरर्ों के रूप में िेखा गया।  अिः हमारे नेिाओ ां के ललए, स्विांििा का मिलब एक आश्वासन था कक, कनर्णय लेने, कायणकारी और प्रशासकनक शजियों का तवकेंद्रीकरर् होगा।  जब सांतवधान िैयार ककया गया था, स्थानीय सरकार का तवषय राज्यों को सौंपा गया था।  इसे िेश की सभी सरकारों के कनिेश जसद्ाांिों के नीति कनिेशों में से एक के रूप में भी वलर्ि ि ककया गया था। स्थानीय सरकारों को सांतवधान में अजधक महत्व क्यों नहीं तमला?  तवभाजन के कारर् उथल-पुथल के पररर्ामस्वरूप सांतवधान में एक मजबूि एकात्मक झुकाव पैिा हुआ।  राष्ट्र की एकिा और एकीकरर् के ललए नेहरू ने खुि को िरम स्थानीयिा के रूप में िेखा।  र्ॉ. बी.आर. अां बेर्कर, सांतवधान सभा में एक शजिशाली आवाज थी। इनके नेिृत्व में ने महसूस ककया कक ग्रामीर् समाज के गुट और जाति-ग्रस्त प्रकृति ग्रामीर् स्तर पर स्थानीय सरकार के महान उद्देश्य को हराएां गे।  हालाांकक, ककसी ने भी तवकास योजना में, लोगों की भागीिारी के महत्व से इनकार नहीं ककया।  सांतवधान सभा के कई सिस्य िाहिे थे कक ग्राम पांिायिें भारि में लोकिांि का आधार बनें। 73 वें और 74 वें सांशोधन से पहले  73 वें और 74 वें सांतवधान सांशोधन अजधकनयमों के बाि स्थानीय सरकारों को हामी तमली।  लेककन इससे पहले भी, स्थानीय सरकारी कनकायों के तवकास की दिशा में कुछ प्रयास पहले ही हो िुके थे।  सवणप्रथम, 1952 में सामुिाजयक तवकास कायणिम था, जजसमें कई गतितवजधयों में स्थानीय तवकास में लोगों की भागीिारी को बढावा िेने की माांग की।  इसके आधार पर ग्रामीर् क्षेिों के ललए स्थानीय सरकार की दिस्तरीय पांिायिी राज व्यवस्था का सुझाव दिया गया था।  कुछ राज्यों (जैसे गुजराि, महाराष्ट्र) ने 1960 के आसपास कनवाणजिि स्थानीय कनकायों की प्रर्ाली को अपनाया। राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved  लेककन कई राज्यों में, स्थानीय तवकास की िेखभाल करने के ललए, उनके स्थानीय कनकायों के पास पयाणप्त शजियाां और कायण नहीं थे।  वे तविीय सहायिा के ललए राज्य और केंद्र सरकारों पर बहुि अजधक कनभणर थे।  कई उिाहरर्ों में, स्थानीय कनकायों को भांग कर दिया गया और स्थानीय सरकार को सरकारी अजधकाररयों को सौंप दिया गया।  कई राज्यों में ज्यािािर स्थानीय कनकायों के ललए अप्रत्यक्ष िुनाव होिे थे।  कई राज्यों में, स्थानीय कनकायों के िुनाव समय-समय पर स्थतगि कर दिए गए थे।  1987 के बाि, स्थानीय सरकारी सांस्थानों के कामकाज की गहन समीक्षा शुरू की गई।  1989 में पी. के. थुांगन सतमति ने स्थानीय सरकारी कनकायों के ललए सांवैधाकनक मान्यिा की जसफाररश की।  इसने स्थानीय सरकारी सांस्थानों को समय-समय पर िुनाव कराने के ललए एक सांवैधाकनक सांशोधन की जसफाररश की, और धन के साथ उन्हें उपयुि कायों की सूिी िी। 73वाां और 74वाां सांतवधान सांशोधन  1989 में, केंद्र सरकार ने िो सांवैधाकनक सांशोधन पेश ककए।  इन सांशोधनों का उद्देश्य स्थानीय सरकारों को मजबूि करना और िेश भर में उनकी सांरिना और कामकाज में एकरूपिा को सुकनश्चिि करना है।  बाि में 1992 में, 73 वें और 74 वें सांतवधान सांशोधन को सांसि द्वारा पाररि ककया गया।  73 वाां सांशोधन ग्रामीर् स्थानीय सरकारों (जजन्हें पांिायिी राज सांस्थान या PRI के रूप में भी जाना जािा है) के बारे में है और 74 वाां सांशोधन शहरी स्थानीय सरकार (नगरपाललका) से सांबांजधि प्रावधानों के बारे में है।  1993 में 73 वें और 74 वें सांशोधन लागू हुए थे।  सांतवधान के सांशोधन के बाि, राज्यों को स्थानीय कनकायों को सांशोजधि सांतवधान के अनुरूप लाने के ललए अपने कानूनों को बिलना पड़ा। 73वाां सांशोधन  इसने िीन स्तरीय सांरिना का पररिय दिया। िीन स्तरीय सांरिना  सभी राज्यों में अब दि-स्तरीय पांिायिी राज सांरिना है।  ग्राम पांिायि आधार पर है।  एक ग्राम पांिायि में एक गााँव या गााँवों का समूह शातमल होिा है।  मध्यस्थ स्तर एक मांर्ल है (जजसे ब्लॉक या िालुका के रूप में भी जाना जािा है)। राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved  इन कनकायों को मांर्ल या िालुका पांिायि कहा जािा है।  मध्यस्थ स्तर की सांस्था को छोटे राज्यों में गठिि करने की आवश्यकिा नहीं है।  शीषण पर जजले के पूरे ग्रामीर् क्षेि को शातमल करने वाली जजला पांिायि है।  यह उन सभी वयस्कों की बैिक है जो पांिायि में शातमल क्षेि में रहिे हैं।  यह केवल एक गााँव या कुछ गााँव हो सकिे हैं।  कोई भी, जो 18 वषण या अजधक आयु का है और जजसे वोट िेने का अजधकार है, वह ग्राम सभा का सिस्य है।  इसकी बैिक पांिायि अध्यक्ष (जजसे सरपांि भी कहा जािा है) और पांिायि (पांि) के सिस्यों के साथ होिी है।  ग्राम सभा ग्राम पांिायि को उसकी भूतमका कनभाने और जजम्मेिार बनाने के ललए एक महत्वपूर्ण कारक है।  यह वह कायणस्थल है जहााँ ग्राम पांिायि के काम की सभी योजनाओ ां को लोगों के सामने रखा जािा है।  ग्राम सभा, पांिायि को, गलि काम करने से रोकिी है, जैसे, धन का िुरुपयोग या कुछ लोगों का पक्ष लेना।  यह िुने हुए प्रतिकनजधयों पर नज़र रखने में महत्वपूर्ण भूतमका कनभािा है और इसे उन व्यजियों के ललए जज़म्मेिार बनािा है जो उन्हें कनवाणजिि करिे हैं।  इसकी भूतमका और कायण राज्य तवधान द्वारा िय ककए जािे हैं। ग्राम पांिायि  प्रत्येक ग्राम पांिायि को वार्ों, अथाणि् छोटे क्षेिों में तवभाजजि ककया जािा है।  प्रत्येक वार्ण एक प्रतिकनजध का िुनाव करिा है जजसे वार्ण सिस्य (पांि) के रूप में जाना जािा है।  ग्राम सभा के सभी सिस्य एक सरपांि का िुनाव करिे हैं जो पांिायि का अध्यक्ष होिा है।  वार्ण के पांि और सरपांि ग्राम पांिायि का गिन करिे हैं।  ग्राम पांिायि पाांि साल के ललए िुनी जािी है।  ग्राम पांिायि में एक सजिव होिा है जो ग्राम सभा का सजिव भी होिा है।  यह व्यजि कनवाणजिि व्यजि नहीं है, बल्कि सरकार द्वारा कनयुि ककया जािा है। राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved  यह ग्राम सभा और ग्राम पांिायि की बैिक बुलाने और कायणवाही का ररकॉर्ण रखने के ललए जजम्मेिार है।  यह कनयतमि रूप से तमलिा है और इसका एक मुख्य कायण इसके अां िगणि आने वाले सभी गाांवों के ललए तवकास कायणिमों को लागू करना है।  ग्राम सभा द्वारा ग्राम पांिायि के कायण को अनुमोदिि ककया जािा है।  कुछ राज्यों में, ग्राम सभाएाँ कनमाणर् और तवकास सतमतियों जैसी सतमतियााँ बनािी हैं।  इन सतमतियों में कुछ-कुछ सिस्य ग्राम सभा और ग्राम पांिायि के शातमल होिे हैं, जो तवजशष्ट कायों को करने के ललए एक साथ काम करिे हैं। िुनाव  पांिायिी राज सांस्थाओ ां के सभी िीन स्तर सीधे लोगों द्वारा िुने जािे हैं।  प्रत्येक पांिायि कनकाय का कायणकाल पाांि वषण का होिा है।  अगर राज्य सरकार अपने पाांि साल के कायणकाल के खत्म होने से पहले पांिायि को भांग कर िेिी है, िो इस िरह के तवघटन के छह महीने के भीिर पुनकनि धाणररि िुनाव होने िादहए। आरक्षर्  सभी पांिायि सांस्थानों में एक तिहाई पि मदहलाओ ां के ललए आरलक्षि हैं।  अनुसूजिि जातियों और अनुसूजिि जनजातियों के ललए आरक्षर् भी उनकी जनसांख्या के अनुपाि में, सभी िीन स्तरों पर प्रिान ककया जािा है। यदि राज्यों को यह आवश्यक लगिा है, िो वे अन्य दपछड़े वगों (ओबीसी) के ललए भी आरक्षर् प्रिान कर सकिे हैं।  यह आरक्षर् सभी िीन स्तरों पर ,सभापति या अध्याक्षों के पिों पर ,भी लागू होिा है।  मदहलाओ ां के ललए एक तिहाई सीटों का आरक्षर् न केवल सामान्य श्रेर्ी की सीटों में है, बल्कि अनुसूजिि जातियों, अनुसूजिि जनजातियों और दपछड़ी जातियों के ललए आरलक्षि सीटों के भीिर भी है। इसका मिलब यह है कक एक सीट मदहला उम्मीिवार और अनुसूजिि जाति या अनुसूजिि जनजाति के ललए एक साथ आरलक्षि हो सकिी है।  इस प्रकार, एक सरपांि को िललि मदहला या आदिवासी मदहला होना पड़िा था। तवषय का स्थानाांिरर्  29 तवषय, जो पहले तवषयों की राज्य सूिी में थे, को सांतवधान की ग्यारहवीं अनुसूिी में पहिाना और सूिीबद् ककया गया है।  इन तवषयों को पांिायिी राज सांस्थाओ ां को हस्ताांिररि ककया जािा है।  ये तवषय ज्यािािर स्थानीय स्तर पर तवकास और कल्यार् कायों से जुड़े थे। राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved  इन कायों का वास्ततवक हस्ताांिरर् राज्य तवधान पर कनभणर करिा है।  प्रत्येक राज्य यह िय करिा है कक इन सिाईस तवषयों में से ककिने को स्थानीय कनकायों को हस्ताांिररि ककया जाएगा। अनुच्छेि 243 जी: पांिायिों की शजियाां, अजधकार और जजम्मेिाररयाां…,कानून द्वारा, एक राज्य की तवधानमांर्ल, ऐसी शजियों और अजधकार वाली पांिायिों को समाप्त कर सकिी है …।... सम्मान के साथ..ग्यारहवीं अनुसूिी में सूिीबद् मामले।  ग्यारहवीं अनुसूिी में सूिीबद् कुछ तवषय  कृतष  लघु जसिं िाई, जल प्रबांधन और वाटरशेर् तवकास  खाद्य प्रसांस्करर् उद्योगों सदहि लघु उद्योग  ग्रामीर् आवास  पेय जल  सड़कें, पुललया  ग्रामीर् तवद्युिीकरर्  गरीबी उन्मूलन कायणिम  प्राथतमक और माध्यतमक तवद्यालयों सदहि जशक्षा, आदि 73 वें सांशोधन के ललए अपवाि  73 वें सांशोधन के प्रावधान, भारि के कई राज्यों में ,आदिवासी आबािी द्वारा बसे क्षेिों पर लागू नहीं ककए गए थे। 1996 में, इन क्षेिों में पांिायि प्रर्ाली के प्रावधानों का तवस्तार करिे हुए एक अलग अजधकनयम पाररि ककया गया।  कई आदिवासी समुिायों में सामान्य सांसाधनों जैसे जांगलों और छोटे पानी के जलाशयों आदि के प्रबांधन के अपने पारांपररक ररवाज हैं।  अिः नया अजधकनयम इन समुिायों के अजधकारों को उनके स्वीकायण िरीके से अपने सांसाधनों का प्रबांधन करने के ललए सुरलक्षि रखिा है।  इस प्रयोजन के ललए, इन क्षेिों की ग्राम सभाओ ां को अजधक अजधकार दिए जािे हैं, और कनवाणजिि ग्राम पांिायिों को कई मामलों में ग्राम सभा की सहमति प्राप्त करनी होिी है।  इस अजधकनयम के पीछे का तविार यह है कक आधुकनक कनवाणजिि कनकायों की शुरुआि करिे समय स्व-सरकार की स्थानीय परांपराओ ां की रक्षा की जानी िादहए। राज्य िुनाव आयुि  राज्य सरकार को एक राज्य िुनाव आयुि कनयुि करना आवश्यक है जो पांिायिी राज सांस्थाओ ां के िुनाव कराने के ललए जजम्मेिार होगा। राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved  पहले यह कायण राज्य प्रशासन द्वारा ककया जािा था जो राज्य सरकार के कनयांिर् में था।  अब, राज्य कनवाणिन आयुि का कायाणलय भारि के िुनाव आयुि की िरह स्वायि है।  हालााँकक, राज्य िुनाव आयुि एक स्विांि अजधकारी है जो भारि के िुनाव आयोग से जुड़ा नहीं है और न ही यह अजधकारी िुनाव आयोग के कनयांिर् में है। राज्य तवि आयोग  राज्य सरकार को पाांि वषों में एक बार राज्य तवि आयोग कनयुि करना आवश्यक है।  यह आयोग राज्य में स्थानीय सरकारों की तविीय ल्कस्थति की जााँि करेगा।  यह एक ओर राज्य और स्थानीय सरकारों के बीि और िूसरी ओर ग्रामीर् और शहरी स्थानीय सरकारों के बीि राजस्व के तविरर् की भी समीक्षा करेगा।  यह नवािार सुकनश्चिि करिा है कक, ग्रामीर् स्थानीय सरकारों को धन का आवांटन, राजनीतिक मामला नहीं होगा। 74 वााँ सांशोधन शहरी क्षेि  भारि की जनगर्ना एक शहरी क्षेि को पररभातषि करिी है:  5,000 की न्यूनिम जनसांख्या  गैर-कृतष व्यवसायों में लगे पुरुष कामकाजी आबािी का कम से कम 75 प्रतिशि  प्रति वगण ककमी में कम से कम 400 व्यजियों की आबािी का घनत्व।  2011 की जनगर्ना के अनुसार, भारि की लगभग 31% आबािी शहरी क्षेिों में रहिी है। 73 वें और 74 वें सांशोधन के बीि समानिाएां  कई मायनों में, 74 वाां सांशोधन 73 वें की पुनरावृजि है:  73 वें सांशोधन के सभी प्रावधान, जसवाय इसके कक यह शहरी क्षेिों पर लागू होिा है, 74 वें की पुनरावृजि है।  प्रत्यक्ष िुनाव, आरक्षर्, तवषयों के हस्ताांिरर्, राज्य कनवाणिन आयोग और राज्य तवि आयोग से सांबांजधि सांशोधन 74 वें सांशोधन के साथ भी शातमल ककए गए हैं और नगरपाललका पर भी लागू होिे हैं।  The Constitution also mandated the transfer of a list of functions from the State government to the urban local bodies.  These functions have been listed in the Twelfth Schedule of the Constitution राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved 73 वें और 74 वें सांशोधन के कनदहिाथण  सभी राज्यों ने अब 73 वें और 74 वें सांशोधनों के प्रावधानों को लागू करने के ललए कानून पाररि कर दिया है।  आज 600 से अजधक जजला पांिायिें हैं, लगभग 6,000 ब्लॉक या मध्यस्थ पांिायिें, और ग्रामीर् भारि में 2,40,000 ग्राम पांिायिें और 100 से अजधक नगर कनगम, 1400 शहर नगर पाललकाएां और शहरी भारि में 2000 से अजधक नगर पांिायिें हैं।  आज 600 से अजधक जजला पांिायिें हैं, लगभग 6,000 ब्लॉक या मध्यस्थ पांिायिें, और ग्रामीर् भारि में 2,40,000 ग्राम पांिायिें और 100 से अजधक नगर कनगम, 1400 शहर नगर पाललकाएां और शहरी भारि में 2000 से अजधक नगर पांिायिें हैं।  हर पाांि साल में 32 लाख से अजधक सिस्य इन कनकायों के ललए िुने जािे हैं।  इनमें से कम से कम 13 लाख मदहलाएां हैं।  73 वें और 74 वें सांशोधनों ने िेश भर में पांिायिी राज और नगरपाललका सांस्थानों की सांरिनाओ ां में एकरूपिा पैिा की है।  इन स्थानीय सांस्थानों की उपल्कस्थति अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलल्कि है और यह सरकार में लोगों की भागीिारी के ललए माहौल और मांि िैयार करेगा। मदहला और एससी और एसटी के ललए आरक्षर्  पांिायिों और नगरपाललकाओ ां में मदहलाओ ां के ललए आरक्षर् के प्रावधान ने स्थानीय कनकायों में मदहलाओ ां की एक महत्वपूर्ण सांख्या की उपल्कस्थति सुकनश्चिि की है।  िूांकक यह आरक्षर् सरपांि और तवशेषाजधकारों के ललए भी लागू है, इसललए बड़ी सांख्या में कनवाणजिि जनप्रतिकनजध इन पिों को प्राप्त कर िुके हैं।  जजला पांिायिों में कम से कम 200 मदहला अभ्यक्ष हैं, अन्य 2000 मदहलाएां ब्लॉक या िालुका पांिायिों की अध्यक्ष हैं, और ग्राम पांिायिों में 80,000 से अजधक मदहला सरपांि हैं।  हमारे पास कनगमों में 30 से अजधक मदहला महापौर, टाउन नगर पाललकाओ ां की 500 से अजधक मदहलाएां और लगभग 650 नगर पांिायिें हैं।  मदहलाओ ां ने सांसाधनों पर कनयांिर् स्थादपि करके, अजधक शजि और आत्मतवश्वास प्राप्त ककया है।  इन सांस्थानों में उनकी उपल्कस्थति ने कई मदहलाओ ां को राजनीति के कामकाज की अजधक समझ िी है।  कई मामलों में, उन्होंने स्थानीय कनकायों पर ििाण के ललए एक नया दृदष्टकोर् और अजधक सांवेिनशीलिा लाया है।  एससी और एसटी को आरक्षर् ने स्थानीय कनकायों के सामाजजक प्रोफाइल में काफी बिलाव ककया है।  इस प्रकार ये कनकाय अपने भीिर सांिाललि सामाजजक वास्ततवकिा के अजधक प्रतिकनजध बन गए हैं। स्थानीय सरकारों के कामकाज से सांबजां धि जििं िाएां राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved  भारि में स्थानीय सरकारें, उन्हें सौंपे गए कायों को करने के ललए सीतमि स्वायििा का आनांि लेिी हैं।  कई राज्यों ने अजधकाांश तवषयों को स्थानीय कनकायों को हस्ताांिररि नहीं ककया है।  इसका अथण है कक स्थानीय कनकाय वास्तव में प्रभावी िरीके से कायण नहीं कर सकिे हैं।  इसललए, इिने सारे प्रतिकनजधयों को िुनने की पूरी कवायि कुछ प्रिीकात्मक हो जािी है।  स्थानीय कनकायों के गिन ने केंद्र और राज्य स्तर पर कनर्णय लेने के िरीके को नहीं बिला है।  स्थानीय स्तर पर लोग कल्यार् कायणिमों को िुनने या सांसाधनों के आवांटन की कई शजियों का आनांि नहीं लेिे हैं।  स्थानीय कनकायों के पास बहुि कम धन है।  तविीय सहायिा के ललए राज्य और केंद्र सरकारों पर स्थानीय कनकायों की कनभणरिा ने प्रभावी रूप से सांिाललि करने की उनकी क्षमिा को बहुि कम कर दिया है। सांभातवि प्रश्न यू.पी.एस.सी. प्रीललम्स के दपछले वषों के प्रश्न 1.) 'ग्राम नायालय अजधकनयम' के सांिभण में कनम्नललखखि में कौन सा/से कथन सही है / हैं? 1. अजधकनयम के अनुसार, ग्राम न्यायलय केवल लोक मामलों को सुन सकिे हैं, आपराजधक मामलों को नहीं। 2. अजधकनयम स्थानीय सामाजजक कायणकिाणओ ां को मध्यस्थ / सुलह के रूप में अनुमति िेिा है। नीिे दिए गए कोर् का उपयोग करके सही उिर िुनें। A. केवल 1 B. केवल 2 C. िोनों D. कोई नहीं उिर - B 2.) कनम्नललखखि कथनों पर तविार करें: 1. ककसी भी व्यजि को पांिायि का सिस्य बनने के ललए कनधाणररि न्यूनिम आयु 25 वषण है। 2. समय से पहले तवघटन के बाि एक पांिायि का पुनगणिन शेष अवजध के ललए जारी है। ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा सही है / हैं? A. 1 only B. 2 only C. Both 1 and 2 राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved सांभातवि प्रश्न A. कोई नहीं उिर - B 3.)पांिायिी राज व्यवस्था का मूल उद्देश्य कनम्नललखखि में से क्या सुकनश्चिि करना है? 1. तवकास में लोगों की भागीिारी 2. राजनीतिक जवाबिेही। 3. लोकिाांदिक तवकेंद्रीकरर्। 4. तवि जुटाना। नीिे दिए गए कोर् का उपयोग करके सही उिर िुनें। A. केवल 1, 2, और 3 B. केवल 2 और 4 C. केवल 1 और 3 D. 1, 2, 3 और 4 उिर - C 4.) अगर एक पांिायि को भांग ककया जािा है िो िुनाव ककिने समय के भीिर होना है A. 1 माह B. 3 माह C. 6 माह D. 1 वषण उिर - C राजनीति | स्थानीय सरकार Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved

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