Summary

This document contains Sanskrit chapter 18 questions and answers. It appears to be a set of practice questions suitable for secondary school-level learners. The content focuses on vocabulary, translations, and comprehension of Sanskrit texts.

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# पाठ - १८ ## मधुबिन्दवः ### शब्दार्थ - - मधुबिन्दवः - शहद की बूँदें - आचारः - आचरण, व्यवहार - परमः - सर्वश्रेष्ण - धर्म: - कर्तव्य - श्रद्धावान् - निष्ठावान्, श्रद्धालु - अल्पविद्या - थोड़ी विद्या - भयङ्करी - खतरनाक - अविवेक : - नासमझी - फ्ट्स्परमापदाम् – घोर विपत्तियों का - यथा - जैसा - तथा - वै...

# पाठ - १८ ## मधुबिन्दवः ### शब्दार्थ - - मधुबिन्दवः - शहद की बूँदें - आचारः - आचरण, व्यवहार - परमः - सर्वश्रेष्ण - धर्म: - कर्तव्य - श्रद्धावान् - निष्ठावान्, श्रद्धालु - अल्पविद्या - थोड़ी विद्या - भयङ्करी - खतरनाक - अविवेक : - नासमझी - फ्ट्स्परमापदाम् – घोर विपत्तियों का - यथा - जैसा - तथा - वैसा ### संस्कृत में उत्तर दें - | | प्रश्न | उत्तर | |---|---|---| | क) | परमापदां पदं किम् ? | पस-परमापदां पढ़े अविवेकं अस्ति । | | ख) | कः लभते ज्ञानं ? | श्रद्धावानः लभते ज्ञानं । | | ग) | सर्वत्र कः पूज्यते ? | सर्वत्र विद्वानः पून्यते । | | घ) | पापस्य किं कारणम् ? | पापस्य लोभं कारणम् । | | ङ) | अनर्थाः कुत्र बहुलीभवन्ति ? | अनर्थाः छिद्रेषु बहुलीभवन्ति । | ### आशय लिखें | प्रश्न | उत्तर | |---|---| | क) | लोभः पापस्य कारणम् । | लालच पाप का कारण है। | | ख) | क्षणत्यागे कुतो विद्या? | समय को बबर्बाद करने पर विद्या कहाँ ? | | ग) | अल्पविद्या भयङ्करी । | थोड़ी विद्या खतरनाक है। | | घ) | अविवेकः परमापदां पदम् | विवेकहीनता धोर आपदाओं की जननी है। | ### संस्कृत में अनुवाद करें - | प्रश्न | उत्तर | |---|---| | क) | विद्वान की सब जगह पूजा होती है। | विद्वान सर्वत्र पूज्यते । | | ख) | निष्ठावान ही ज्ञान प्राप्त करता है। | श्रद्धावान् लभते ज्ञानं । | | ग) | सन्तोष ही परम् धन है। | संतोषः एव परमं धनं अस्ति । | | घ) | थोड़ी विद्या खतरनाक है। | अल्पविद्या भयकुले भयङ्करी। | | ङ ) | हमारा आचरण भत्र होना चाहिए। | अस्माकं आचरणं भद्रं भवेत् । | | च) | समय अमूल्य है। | समयः अमूल्यः अस्ति । |

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