भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का सारांश PDF

Summary

यह दस्तावेज़ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन पर एक सारांश प्रदान करता है, जिसमें 1857 के विद्रोह से लेकर 1947 तक के प्रमुख आंदोलनों का विवरण शामिल है। यह विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों द्वारा चलाए गए महत्वपूर्ण आंदोलनों को संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

Full Transcript

भारतीय रा य आंदोलन- सं ेप म भारतीय रा य आंदोलन औप नवे शक काल के दौरान भारत म उभरे व भ न जन आंदोलन को संद भत करते ह। व भ न राजनी तक दल और संगठन ने इन आंदोलन का नेत ृ व कया। उ ह ने भारत म टश उप नवेशवाद को समा त करने के लए अथक यास कया। यहाँ मुख भारतीय रा य आंदोलन का सं...

भारतीय रा य आंदोलन- सं ेप म भारतीय रा य आंदोलन औप नवे शक काल के दौरान भारत म उभरे व भ न जन आंदोलन को संद भत करते ह। व भ न राजनी तक दल और संगठन ने इन आंदोलन का नेत ृ व कया। उ ह ने भारत म टश उप नवेशवाद को समा त करने के लए अथक यास कया। यहाँ मुख भारतीय रा य आंदोलन का सं त ववरण दया गया है: 1857 का व ोह ( सपाह व ोह) 1857 का व ोह, िजसे भारत का थम वतं ता सं ाम या भारत म पहला वतं ता आंदोलन भी कहा जाता है, 10 मई 1857 को हुआ था। यह मेरठ, द ल , आगरा, कानपुर और लखनऊ स हत व भ न थान पर हुआ था। कारण o 'एनफ ड राइफल का चलन शु हुआ और अफवाह फैल क इसके कारतूस म सअ ू र और गाय क चब लगी हुई है । o टश ई ट इं डया कंपनी वारा भू-राज व नी तय क शु आत। o टश ई ट इं डया कंपनी का अकुशल और अ भावी शासन o लॉड डलहौजी वारा हड़प नी त का वतन o हंद ू र त- रवाज म संशोधन के लए धा मक अ मता अ ध नयम क शु आत भाव o वैतवाद, कंपनी और राजसी शासन का अंत o नाग रक एवं सै य शासन म टश अ धका रय क नयुि त। o भारतीय सै नक म कमी और टश सै नक म व ृ ध। o फूट डालो और राज करो क नी त का अनुसरण o 1861 का भारतीय स वल सेवा अ ध नयम पा रत होना मुख यि त व o नाना साहेब, तां तया टोपे, रानी ल मी बाई, बहादरु शाह जफर, और मंगल पांडे, मान संह, और कुँवर संह। नतीजा o 1857 का व ोह थानीय जनता क भागीदार क कमी और के य नेत ृ व के अभाव के कारण वफल हो गया। o कई भारतीय शासक, जैसे क मीर के महाराजा और इंदौर के हो कर, वा लयर के सं धया, 1857 के व ोह म शा मल नह ं हुए। बंगाल का वभाजन बंगाल का वभाजन 1905 म टश भारतीय सरकार का एक राजनी तक काय था। इसने बंगाल ांत को दो भाग म वभािजत कया: o मुि लम बहुल पूव बंगाल और असम, और o एक ह द ू बहुल बंगाल, िजसक राजधानी कलक ा थी। दनांक/वष o 20 जुलाई 1905 को घो षत और 16 अ टूबर 1905 को कायाि वत कारण o अं ेज क फूट डालो और राज करो क नी त o भारतीय को धा मक आधार पर अलग करना। o भारत म रा वाद का उदय भाव o टश उ पाद का ब ह कार o रा वाद क शु आत नतीजा o बंगाल वभाजन के कारण उ रा वाद भड़क उठा। वदे शी आंदोलन वदे शी आंदोलन एक सामािजक-राजनी तक आंदोलन था जो भारत म 20वीं सद के ारं भ म कोलकाता म शु हुआ था। दनांक/वष o 7 अग त, 1905 कारण o लॉड कजन वारा बंगाल का वभाजन o भारतीय म राजनी तक शि त का अभाव भाव o आ म नभरता या आ म शि त अपने दे श म गव, स मान और आ म व वास क अ भ यि त। o लोग ने टश सरकार का वरोध और अव ा करना सीखा। मुख यि त व o दादाभाई नौरोजी, बाल गंगाधर तलक, गणेश यंकटे श जोशी, गोपाल कृ ण गोखले, और महादे व गो वंद रानाडे, नतीजा o भारतीय कुट र उ योग का पुन धार o वदे शी कपड़ा मल और साबुन कारखान क थापना। o रा वाद का उदय अ खल भारतीय मिु लम ल ग अ खल भारतीय मिु लम ल ग क थापना आगा खान ने 30 दसंबर 1906 को ढाका, बां लादे श म क थी। o उ दे य: भारतीय मुसलमान का त न ध व करना और टश सरकार को उनक वश ट पहचान बताना। o कारण: मुसलमान के राजनी तक अ धकार क र ा करना, सरकार के सम ऐसे अ धकार को य त करना, तथा मुसलमान को भारत म अ य समद ु ाय के त अस ह णत ु ा वक सत करने से रोकना। o भाव: इसने यह धारणा था पत कर द क चूं क हंद ू और मस ु लमान अलग-अलग सं कृ तय से संबं धत ह, इस लए वे एक ह रा म सह-अि त व म नह ं रह सकते। o मख ु यि त व: वाजा सल मु लाह, सैयद अमीर अल , सैयद नबीउ लाह और मु तफा चौधर । सूरत वभाजन सूरत वभाजन सूरत, गुजरात म कां ेस के भारतीय रा य कां ेस के इ तहास म एक मह वपूण घटना थी। यह 1907 म 22व अ धवेशन के दौरान हुआ था। o कारण: उदारवा दय और उ वा दय के बीच ववाद o भाव: 1909 का मंटो-मोल सध ु ार o मुख यि त व: उदारवाद और उ वाद o प रणाम: सूरत वभाजन ने भारतीय रा य कां ेस को बढ़ावा दया य क इससे टश शासन को उदारवा दय और उ वा दय के बीच अंतर करने का मौका मला। मंटो-मोल सुधार या भारतीय प रषद अ ध नयम मंटो-मोल सध ु ार को 1909 के भारतीय प रषद अ ध नयम के प म भी जाना जाता है । यह टश भारत म एक मह वपूण संवैधा नक सध ु ार था। इसने टश भारतीय सरकार क वधान प रषद म भारतीय के लए सी मत नवा चत त न ध व क शु आत क । o उ दे य: के य एवं ांतीय शासन म भारतीय क भागीदार बढ़ाना। o मुख यि त व: जॉन मोल, स चव, और वायसराय लॉड मंटो o प रणाम: मस ु लमान के लए सां दा यक तनध व क णाल और पथ ृ क नवा चका का वचार तुत कया गया। ग़दर पाट आंदोलन ग़दर पाट 1913 म उ र अमे रका म रहने वाले भारतीय वा सय वारा था पत एक राजनी तक और ां तकार आंदोलन था। इस पाट का गठन भारत म टश औप नवे शक शासन को उखाड़ फकने के लए कया गया था। o दनांक/वष: 15 जुलाई 1913 o उ दे य: अपने समाचार प "ग़दर" के मा यम से भारत को ां तकार ग त व धय से मु त कराना, िजसका चार उ ह ने टश और उनके सहयो गय के व ध कया। o मुख यि त व: लाला हर दयाल, पं डत कांशी राम मारोल , मोह मद बरकतु लाह, भगवान संह, तारकनाथ दास, भाई परमानंद, हरनाम संह 'टुंडीलाट'। कामागाटा मा करण अ ैल 1914 म टश भारतीय के एक समूह ने जापानी जहाज "कोमागाटा मा " पर सवार होकर कनाडा म वास करने क को शश क । उनम से अ धकांश को वापस भेज दया गया और उ ह कलक ा, भारत लौटने के लए मजबूर कया गया।कामागाटा मा घटना के बारे म अ धक जानकार के लए लंक कए गए लेख को पढ़। o दनांक/वष: 4 अ ैल, 1914 o थान: कलक ा o भाव: वकूवर के बाहर े म दो मह ने तक चले ग तरोध के बाद, जहाज को अंततः कनाडाई नौसेना वारा वापस समु म खींच लया गया। जहाज के भारत पहुंचने पर 19 या य क गोल मारकर ह या कर द गई तथा अ य को हरासत म ले लया गया। o प रणाम: इस घटना से जनता म आ ोश फैल गया और टश नाग रक के व ध हमल का मंच बन गया। होम ल आंदोलन होम ल आंदोलन राजनी तक और सामािजक था। यह 20वीं सद क शु आत म भारत म उभरा। इसका उ दे य टश सा ा य के भीतर भारत के लए वशासन और वशासन क मांग करना था। o दनांक/वष: 1916-1918 o सं थापक: एनी बेसट और बाल गंगाधर तलक o थान: म ास o उ दे य: भारतीय म सरकार के दमन के खलाफ बोलने का व वास पैदा करना। o प रणाम: नरमपं थय और गरमपं थय का एक करण; 1917 म कलक ा अ धवेशन म एनी बेसट अ य चुनी ग चंपारण स या ह चंपारण स या ह एक स वनय अव ा आंदोलन था। इसका नेत ृ व महा मा गांधी ने 1917 म बहार, भारत के चंपारण िजले म कया था। o उ दे य: महा मा गांधी के नेत ृ व म पहला स या ह। o कारण: टश शासन के तहत, कसान को अपनी ज़मीन पर नील क खेती करने के लए मजबूर कया जाता था। o मुख यि त व: महा मा गांधी o प रणाम: चंपारण कृ ष अ ध नयम 1918 पर भारत के गवनर जनरल वारा ह ता र कए गए खेड़ा स या ह खेड़ा स या ह एक अ हंसक स वनय अव ा आंदोलन था। इसका नेत ृ व महा मा गांधी ने 1918 म भारत के गुजरात के खेड़ा िजले म कया था। o कारण: अकाल के म दे नजर कसान ने कर वसल ू के खलाफ वरोध दशन कया o मुख यि त व: महा मा गांधी o प रणाम: टे न ने इस कर को दो वष के लए नलं बत कर दया (वतमान और अगले वष)। रौलेट ए ट इंपी रयल लेिज ले टव काउं सल ने उ रा वाद उभार का मक ु ाबला करने के लए रॉलेट ए ट पा रत कया। इसे अराजक और ां तकार अपराध अ ध नयम के प म भी जाना जाता है। o दनांक/वष: 1919 o उ दे य: टश सरकार को कसी भी सं द ध आतंकवाद ग त व ध को बना मुकदमा चलाए जेल म डालने क अनुम त दे ना। o सं थापक: रौलेट स म त, सर सडनी रौलेट। o प रणाम: वरोध के कारण और ज लयावाला बाग ह याकांड के बाद, इसे 1922 म नर त कर दया गया। ज लयावाला बाग ह याकांड ज लयाँवाला बाग ह याकांड, िजसे अमत ृ सर नरसंहार के नाम से भी जाना जाता है , 13 अ ैल 1919 को हुआ एक दख ु द हादसा था। यह भारत के पंजाब रा य के अमत ृ सर म ि थत ज लयाँवाला बाग सावज नक उ यान म हुआ था। o कारण: रॉलेट ए ट का वरोध करना o मुख यि त व: टश जनरल रे िजना ड डायर, िज ह ने गोल चलाने का आदे श दया था। o प रणाम: इस नरसंहार के कारण भारत म अशां त फैल गई इस लंक से रॉलेट ए ट और ज लयाँवाला बाग ह याकांड (1919) का अ ययन कर! असहयोग आंदोलन असहयोग आंदोलन एक मह वपूण स वनय अव ा आंदोलन था। इसे 1920 म महा मा गांधी के नेत ृ व म भारतीय रा य कां ेस वारा टश औप नवे शक शासन से भारत क वतं ता ा त करने के लए शु कया गया था। उ दे य o टश शासन का वरोध करना और भारत म पूण वतं ता ा त करना। कारण o ज लयांवाला बाग ह याकांड और उसके प रणाम व प पंजाब म अशां त o म टे यू-चे सफोड सुधार से असंतोष o थम व व यु ध के कारण आ थक क ठनाइयाँ मुख यि त व o महा मा गांधी, राज साद, सरदार व लभभाई पटे ल, एमएन रॉय, दे बी बसंती नतीजा o पूण वराज का ल य तो हा सल नह ं हुआ, ले कन अनेक भारतीय सं थान और व व व यालय क थापना के साथ ह दे श क एकता को बढ़ावा मला। मोपला व ोह मोपला व ोह को मालाबार व ोह के नाम से भी जाना जाता है । यह टश औप नवे शक अ धका रय और हंद ू जमींदार के खलाफ़ मुि लम कसान और करायेदार कसान वारा कया गया सश व ोह था। यह 1921 म भारत के केरल के मालाबार े म हुआ था। कारण o मुसलमान वारा गर ब कसान का दमन भाव o इस व ोह ने दे श के अ य े म मुसलमान क "क टरता" के व ध जवाबी अ भयान शु कया। o मालाबार म व ोह ने श त मिु लम समह ू को भी अपने समद ु ाय को बचाने के लए लड़ाई म शा मल होने के लए े रत कया। o मालाबार म व ोह के बाद के मिु लम सध ु ार आंदोलन को मोपला व ोह से ेरणा मल । मुख यि त व o व रयामकु नाथ कु हामेद हाजी बारडोल स या ह बारडोल स या ह सरदार व लभभाई पटे ल के नेत ृ व म एक अ हंसक स वनय अव ा आंदोलन था। यह 1928 म भारत के गज ु रात के बारडोल तालक ु ा म हुआ था। o कारण: टश सरकार ने बारडोल के कसान को अ धक एवं अनु चत कर दे ने के लए मजबूर कया। o मुख यि त व: सरदार व लभ भाई पटे ल o प रणाम: कसान से ज त क गई जमीन उ ह वापस कर द गई। राज व म 6.03 तशत क कमी आई। साइमन कमीशन साइमन कमीशन एक टश संसद य आयोग था। इसे 1927 म भारतीय संवध ै ा नक यव था क समी ा करने और उसम बदलाव क सफा रश करने के लए भारत भेजा गया था। सर जॉन साइमन इस आयोग के अ य थे। यह पूर तरह से टश सद य से बना था और इसम कोई भारतीय त न ध व नह ं था। o उ दे य: भारत सरकार अ ध नयम 1919 क भावशीलता का आकलन करना और दे श के राजनी तक भ व य का नधारण करना o भाव: नई पीढ़ के युवा राजनी त म भाग लेने लगे। उ ह ने सबसे जोरदार तर के से दशन म ह सा लया। o मुख यि त व: सर जॉन साइमन, लेमट एटल o प रणाम: भारत ने इसका वरोध कया य क आयोग म कोई भारतीय त न ध नह ं था। स वनय अव ा आंदोलन स वनय अव ा आंदोलन स वनय अव ा और असहयोग का एक अ हंसक अ भयान था। इसे महा मा गांधी और भारतीय रा य कां ेस ने 1930 म शु कया था। o थान: साबरमती आ म, अहमदाबाद, गज ु रात o उ दे य: टश नमक एका धकार के खलाफ कर का वरोध करना o मुख यि त व: महा मा गांधी, सरोिजनी नायडू, सी राजगोपालाचार o प रणाम: यह एक जन स या ह बन गया और लोग म जाग कता पैदा हुई। गांधी-इर वन समझौता गांधी-इर वन समझौते को द ल समझौते के नाम से भी जाना जाता है। यह 1931 म भारतीय रा य कां ेस का त न ध व करने वाले महा मा गांधी और भारत के त काल न वायसराय लॉड इर वन के बीच ह ता रत एक समझौता था। उ दे य o सभी कानन ू और अ भयोग को र द करना। o नमक के नःशु क सं हण या उ पादन क अनुम त दे ना o सभी राजनी तक कै दय को रहा करना o स या ह क ज त संप को वापस दलाना। मुख यि त व o महा मा गांधी और लॉड इर वन भारत सरकार अ ध नयम, 1935 भारत सरकार अ ध नयम 1935, टश भारत पर शासन करने के लए टश संसद वारा पा रत एक मह वपूण संवैधा नक सध ु ार था। o उ दे य: भारत सरकार से संबं धत ावधान करने के लए एक अ ध नयम। o अ ध नय मत: यूनाइटे ड कं गडम क संसद वारा o ादे शक व तार: य टश नयं ण के अधीन े अग त ताव अग त ताव वतीय व व यु ध के दौरान अग त 1940 म टश सरकार वारा पेश कया गया एक ताव था। यह ताव भारत क वतं ता क बढ़ती मांग के जवाब म पेश कया गया था। अग त का ताव या है ? वायसराय लन लथगो ने 1940 म "अग त ताव" तुत कया। उ ह ने न न ल खत त ाएँ क ं: o भारत के वायसराय क कायकार प रषद म अ धक भारतीय को शा मल करना, o एक सलाहकार यु ध प रषद क थापना करना, o अ पमत क राय को पूरा मह व दे ना, तथा o भारतीय को अपना सं वधान बनाने क वतं ता को मा यता दे ना। नतीजा o 21 अग त 1940 को वधा म आयोिजत एक स मेलन म कां ेस सरकार ने अग त ताव को अ वीकार कर दया। o चूं क टश सरकार ने दे श को केवल डो म नयन टे टस क गारं ट द थी, पूण सं भुता क नह ं, इस लए ताव को अ वीकार कर दया गया। भारत छोड़ो आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन एक यापक स वनय अव ा आंदोलन था। इसे महा मा गांधी और भारतीय रा य कां ेस ने 1942 म भारत म टश औप नवे शक शासन को समा त करने क मांग के साथ शु कया था। o थान: यूपी, बहार, मदनापरु , कनाटक, महारा o उ दे य: भारत म टश शासन को समा त करना o मुख यि त व: महा मा गांधी o प रणाम: कां ेस को अन धकृत संगठन घो षत कर दया गया और लोग क सकारा मक तर के से यापक भागीदार हुई। स मशन स मशन टश सरकार वारा 1942 म भारत भेजा गया एक त न धमंडल था। सर टै फ़ोड स ने इसका नेत ृ व कया था। इसे भारत के वतं ता के बाद के राजनी तक भ व य के लए एक संवैधा नक ढांचे पर बातचीत करने के लए भेजा गया था। o उ दे य: वतीय व व यु ध के यास के लए पण ू भारतीय सहयोग और सहायता सु नि चत करना। o प रणाम: टश और कां स े ने स के उपाय को मशः बहुत ढ़वाद और क टरपंथी माना। मुि लम ल ग, कां ेस और अ य भारतीय संगठन ने मशन को अ वीकार कर दया। वेवेल योजना और शमला स मेलन वेवेल योजना और शमला स मेलन 1945 म दो संबं धत घटनाएँ थीं। ये भारतीय वतं ता न के समाधान के लए टश सरकार के यास के ह से के प म हु । o उ दे य: भारत म ग तरोध को हल करने के लए वेवेल योजना पेश क गई थी, और शमला स मेलन वेवेल योजना पर चचा करने के लए आयोिजत एक बैठक थी। o सं थापक: लॉड वेवेल, भारत के वायसराय o प रणाम: शमला स मेलन म मुि लम भागीदार के न पर असहम त के कारण वेवेल क योजना वफल हो गयी। कै बनेट मशन योजना कै बनेट मशन योजना 1946 म एक टश त न धमंडल वारा बनाया गया एक ताव था। इसका नेत ृ व लॉड पे थक-लॉरस, सर टै फ़ोड स और ए.वी. अले जडर ने कया था। इसका उ दे य भारत क वतं ता को लेकर भारतीय रा य कां ेस और मिु लम ल ग के बीच ग तरोध को हल करना था। सं थापक o ू ाइटे ड कंगडम के लेमट एटल , त काल न यन धान मं ी। उ दे य o यह सु नि चत करना क भारत शां तपूवक वतं ता कैसे ा त कर सकता है। मख ु यि त व o टै फ़ोड स, यापार बोड के अ य o पे थक लॉरस, भारत के वदे श मं ी o ए.वी. अले जडर, एड मर ट के थम लॉड भारत का वभाजन 1947 1947 म भारत के वभाजन ने टश भारत को धा मक आधार पर दो अलग-अलग दे श , भारत और पा क तान, म वभािजत कर दया। o उ दे य: लॉड माउं टबेटन ने वभाजन क तार ख 15 अग त 1947 तय क । o प रणाम: टश भारत दो वतं डो म नयन, भारत और पा क तान, म वभािजत हो गया। 1947 के बाद भारत के मख ु आंदोलन क सूची घटना म वष सव दय आंदोलन 1948 भूदान आंदोलन 1951 म गुट नरपे आंदोलन 1955 गुट नरपे आंदोलन 1961 साइलट वैल आंदोलन 1973 अि पको आंदोलन 1983 गोरखालड आंदोलन 1986 वाय ता आंदोलन 2005 मी टू मव ू मट 2006 न कष भारत म रा य आंदोलन क सूची भारतीय वतं ता सं ाम के दौरान हुई व भ न घटनाओं के बारे म बताती है । येक रा य आंदोलन का मह व होता है और यह हम अतीत और वतमान प र य के बारे म बताता है ।

Use Quizgecko on...
Browser
Browser