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This NCERT textbook for class 10 science covers various scientific concepts and topics.

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विज्ञान कक्षा 10 के लिए पाठ्यपुस्‍तक 2024-25 Prelims.indd 1 30-11-2022 11:57:07 1065 – विज्ञान ISBN...

विज्ञान कक्षा 10 के लिए पाठ्यपुस्‍तक 2024-25 Prelims.indd 1 30-11-2022 11:57:07 1065 – विज्ञान ISBN 81-7450-675-6 कक्षा 10 के लिए पाठ्यपस्‍त ु क प्रथम सस्ं ‍करण सर्वािधकार सरु क्षित  प्रकाशक की पूर्व अनमु ति‍ के िबना इस प्रकाशन के िकसी भी भाग को छापना तथा मार्च 2007 फाल्‍नगु 1928 इलैक्‍ट्रॉिनकी, मशीनी, फ़ोटोप्रतििलपि, िरकॉिर्डंग अथवा िकसी अन्‍य िवधि से पनु : प्रयोग पद्धति द्वारा उसका सग्रं हण अथवा प्रचारण वर्जित है। पुनर्मुद्रण  इस पस्‍त ु क की िबक्री इस शर्त के साथ की गई है िक प्रकाशन की पूर्व अनमु ति‍के िबना दिसंबर 2007, जनवरी 2009, दिसंबर 2009, यह पस्‍तु क अपने मल ू आवरण अथवा िजल्‍द के अलावा िकसी अन्‍य प्रकार से व्‍यापार द्वारा उधारी पर, पनु र्विक्रय या िकराए पर न दी जाएगी, न बेची जाएगी। नवंबर 2010, जनवरी 2012, नवंबर 2012,  इस प्रकाशन का सही मूल्‍य इस पृष्‍ठ पर मद्ु रित है। रबड़ की महु र अथवा िचपकाई गई नवंबर 2013, दिसंबर 2016, फ़रवरी 2018, पर्ची (िस्‍टकर) या िकसी अन्‍य िवधि द्वारा अिं कत कोई भी संशोिधत मूल्‍य गलत है तथा मान्‍य नहीं होगा। दिसबं र 2018 और सितंबर 2019 एन. सी. ई. आर. टी. के प्रकाशन प्रभाग के कार्यालय सश एन.सी.ई.आर.टी. कैं पस ं ोधित सस्ं ‍करण श्री अरविंद मार्ग नवबं र ‍2022 अग्रहायण1944 नयी िदल्‍ली 110 016 फ़ोन : 011-26562708 108, 100 फ़ीट रोड पुनर्मुद्रण हेली एक्‍सटेंशन, होस्‍डेके रे मार्च 2024, चैत्र 1946, बनाशक ं री III स्टेज बेंगलुरु 560 085 फ़ोन : 080-26725740 PD 50T SU नवजीवन ट्रस्‍ट भवन डाकघर नवजीवन © राष्‍ट्रीय शैिक्षक अनुसध ं ान और प्रशिक्षण अहमदाबाद 380 014 फ़ोन : 079-27541446 परिषद्, 2007, 2022 सी.डब्‍ल्‍.यू सी. कैं पस िनकट: धनकल बस स्‍टॉप पनिहटी कोलकाता 700 114 फ़ोन : 033-25530454 सी.डब्‍ल्‍.यू सी. कॉम्प्लेक्स मालीगाँव गुवाहाटी 781 021 फ़ोन : 0361-2676869 210.00 प्रकाशन सहयोग अध्यक्ष, प्रकाशन प्रभाग : अनपू कुमार राजपतू मख्ु ‍य संपादक : श्‍वेता उप्‍पल मख्ु ‍य उत्‍पादन अधिकारी : अरुण िचतकारा एन.सी.ई.आर.टी. वाटरमार्क 80 जी.एस.एम. पेपर पर मख्ु ‍य व्‍यापार प्रबंधक : अ‍मिताभ कुमार मद्ु रित। (प्रभारी) सचिव, राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनसु धं ान और प्रशिक्षण परिषद,् संपादक : नरे श यादव श्री अरविदं मार्ग, नयी िदल्‍ली 110 016 द्वारा प्रकाशन सहायक उत्पादन अधिकारी : राजेश पिप्‍पल प्रभाग में प्रकाशित तथा हाई-टेक ग्राि‍फ़‍क्स, डी-28/3, सज्‍जा, आवरण एवं चित्रांकन ओखला इंस्ट्र‍िय ल ए‍रिया, फ़‍ेस -I, नयी दिल्ली - डिजिटल एक्‍सप्रेशसं 110 020 द्वारा मद्ु रित। 2024-25 Prelims.indd 2 05-03-2024 12:49:00 आमुख राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरे खा (2005) सझु ाती है कि बच्चों के स्कू ली जीवन को उनके दैनिक जीवन से जोड़ा जाना चाहिए। यह सिद्धांत किताबी ज्ञान की उस विरासत के विपरीत है जिसके प्रभाववश हमारी शिक्षा व्यवस्था आज तक स्कू ल, घर और समाज के बीच अतं राल बनाए हुए है। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरे खा (2005) पर आधारित पाठ्यक्रम और पाठ्यपसु ्तकें इस बनिय ु ादी विचार पर अमल करने का प्रयास हैं। इस प्रयास में प्रत्येक विषय को अपनी-अपनी सीमा में बाँध देने और पठन सामग्री को रटा देने तक सीमित रखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा न देना भी सम्मिलित है। आशा है कि ये कदम हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (1986) में अपेक्षित बाल-कें द्रित शिक्षा व्यवस्था को वांछित आधार प्रदान करने की दिशा में सहायक होंगे। इस प्रयत्न की सफलता अब इस बात पर निर्भर है कि स्कू लों के प्राचार्य और अध्यापक बच्चों को कल्पनाशील क्रियाकलापों और सवालों की मदद से स्वयं सीखने तथा सीखने की प्रक्रिया के दौरान अपने अनभु वों पर विचार करने का कितना अवसर देते हैं। हमें यह मानना होगा कि यदि उचित परिवेश, समय और सवु िधा प्रदान की जाए तो बच्चे बड़ों द्वारा की गई सचू ना-सामग्री का स्वयं विश्‍लेषण कर नए ज्ञान का सृजन कर सकते हैं। शिक्षा के विविध साधनों एवं स्रोतों की अनदेखी किए जाने का प्रमख ु कारण पाठ्यपसु ्तक को परीक्षा का एकमात्र आधार बनाने की प्रवृत्ति है। सृजन और पहल को विकसित करने के लिए यह आवश्यक है कि हम बच्चों को ज्ञान के मात्र निर्धारित भडं ार का ग्राही मानना छोड़ें तथा उन्हें सीखने की प्रक्रिया में पूर्ण भागीदार समझें और बनाएँ। ये उद्दे श ्य स्कू ल की दिनचर्या और कार्यशै ल ी में काफ़ी फे रबदल की माँ ग करते हैं। दै नि क समय-सारणी में लचीलापन उतना ही जरूरी है, जितना वार्षिक कै लेंडर के अमल में चसु ्ती, जिससे शिक्षण के लिए नियत दिनों की संख्या हकीकत बन सके । शिक्षण और मूल्यांकन की विधियाँ भी इस बात को तय करें गी कि यह पाठ्यपसु ्तक शिक्षण को बोझिल अथवा उबाऊ न बनाकर स्कू ली जीवन को एक आनंददायक अनभु व बनाने में कितनी प्रभावी सिद्ध होती है। पाठ्यक्रम के विकास में सल ं ग्न विशेषज्ञों ने शैक्षिक बोझ की समस्या से निपटने के लिए शिक्षण के लिए उपलब्ध समय का ध्यान रखने में पहले से अधिक सचेत कोशिश की है। इस कोशिश को और बढ़ावा देने के यत्न में यह पाठ्यपसु ्तक सोच-विचार और विस्मय, छोटे समहू ों में बातचीत एवं बहस और स्वयं किए जाने वाले क्रियाकलापों को प्राथमिकता देती है। एन.सी.ई.आर.टी. इस पसु ्तक की रचना के लिए बनाई गई पाठ्यपसु ्तक निर्माण समिति के परिश्रम के लिए कृ तज्ञता व्यक्‍त करती है। परिषद् विज्ञान तथा गणित की पाठ्यपसु ्तकों की सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफ़े सर जे. वी. नार्लीकर और इस पसु ्तक की मख्य ु सलाहकार प्रोफ़ेसर रूपमजं री घोष, स्कू ल ऑफ़ ि‍फ़जिकल सांइसेज, जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय, नयी दिल्ली की विशेष आभारी है। इस पाठ्यपसु ्तक के विकास 2024-25 Prelims.indd 3 30-11-2022 11:57:07 में कई शिक्षकों ने योगदान दिया; इस योगदान को संभव बनाने के लिए हम उनके प्राचार्यों के आभारी हैं। हम उन सभी संस्थाओ ं और सगठ ं नों के प्रति कृ तज्ञ हैं, जिन्होंने अपने संसाधनों, सामग्री तथा सहयोगियों की मदद लेने में हमें उदारतापूर्वक सहयोग दिया। श्क्षिा मत्रा ं लय (तब मानव संसाधन विकास मत्रा ं लय) के अधीन उच्च माध्यमिक एवं उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा प्रोफ़े सर मृणाल मीरी और प्रोफ़े सर जी.पी. देशपांडे की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति (मॉनिटरिग कमेटी) के सदस्यों को अपना अमूल्य समय और सहयोग देने के लिए हम कृ तज्ञ हैं। व्यवस्थागत सधु ारों और अपने प्रकाशनों में निरंतर निखार लाने के प्रति समर्पित एन.सी.ई.आर. टी. टिप्पणियों एवं सझु ावों का स्वागत करे गी, जिनसे भावी संशोधनों में मदद ली जा सके । निदेशक नयी दिल्ली राष्ट्रीय शैक्षिक अनसु ंधान और 20 नवबं र 2006 प्रशिक्षण परिषद् (iv) 2024-25 Prelims.indd 4 30-11-2022 11:57:07 पाठ्यपुस्तकों में पाठ्य सामग्री का पुनर्संयोजन कोविड-19 महामारी को देखते हुए, विद्यार्थियों के ऊपर से पाठ्य सामग्री का बोझ कम करना अनिवार्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में भी विद्यार्थियों के लिए पाठ्य सामग्री का बोझ कम करने और रचनात्मक नज़रिए से अनभु वात्मक अधिगम के अवसर प्रदान करने पर ज़ोर दिया गया है। इस पृष्‍ठभमि ू में, राष्‍ट्रीय शैक्षि‍क अनसु ंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने सभी कक्षाओ ं में पाठ्यपसु ्तकों को पनु र्संयोजित करने की शरुु आत की है। इस प्रक्रिया में रा.शै.अ.प्र.प. द्वारा पहले से ही विकसित कक्षावार सीखने के प्रतिफलों को ध्यान में रखा गया है। पाठ्य सामग्रियों के पुनर्संयोजन में निम्नलिखित बिंदुओ ं को ध्यान में रखा गया है — एक ही कक्षा में अलग-अलग विषयों के अतं र्गत समान पाठ्य सामग्री का होना; एक कक्षा के किसी विषय में उससे निचली कक्षा या ऊपर की कक्षा में समान पाठ्य सामग्री का होना; कठिनाई स्तर; विद्यार्थियों के लिए सहज रूप से सल ु भ पाठ्य सामग्री का होना, जिसे शिक्षकों के अधिक हस्तक्षेप के बिना, वे खदु से या सहपाठियों के साथ पारस्परिक रूप से सीख सकते हों; वर्तमान संदर्भ में अप्रासंगिक सामग्री का होना। वर्तमान सस्ं ‍करण, ऊपर दिए गए परिवर्तनों को शामिल करते हुए तैयार किया गया पुनर्संयोजित सस्ं ‍करण है। 2024-25 Prelims.indd 5 30-11-2022 11:57:07 2024-25 Prelims.indd 6 30-11-2022 11:57:07 प्रस्‍तावना कक्षा 10 के लिए विज्ञान की प्रस्तुत पाठ्यपसु ्तक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरे खा-2005 के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनपु ालन के क्रम में कक्षा 9 के लिए प्रकाशित की गई विज्ञान की पसु ्तक का अगला सोपान है। इस आमल ू परिवर्तन के कार्य के मार्ग में सीमित समयावधि के अतिरिक्‍त हमारी अपनी भी कुछ बाध्यताएँ थीं। कक्षा 10 के इस सश ं ोधित एवं पनु र्संरचित पाठ्यक्रम में द्रव्य पदार्थ, सजीव जगत, चीजें किस प्रकार कार्य करती हैं, प्राकृ तिक परिघटना एवं प्राकृ तिक ससं ाधन जैसे विषय सम्मिलित किए गए हैं। हमने पाठ्यक्रम की भावना के अनरू ु प चनि ु ंदा विषयों पर दैनिक जीवन से संबंधित वैज्ञानिक अवधारणाओ ं को सम्मिलित करने का प्रयास किया है। इस स्तर पर जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान एवं पर्यावरण विज्ञान जैसे विषयों का ससु ्पष्‍ट विभाजन न हो, विज्ञान का यह एक एकीकृ त दृष्‍ट‍िकोण है। विज्ञान की इस पाठ्यपसु ्तक में, जहाँ कहीं सभं व हुआ है, प्रासगि ं क सामाजिक सरोकारों को शामिल करने का एक सजग एवं सार्थक प्रयास किया गया है। विशेष आवश्यकता वाले समहू , लिंग भेदभाव, ऊर्जा और पर्यावरण संबंधी मद्ु दों को इस पसु ्तक में सहजता से समाहित किया गया है। इस पसु ्तक के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रबंधन संबंधित कुछ सरोकारों (उदाहरणार्थ, संपोषणीय विकास) पर परिचर्चा करने की प्रेरणा भी मिलेगी ताकि वे इनसे संबंधित सभी तथ्यों का वैज्ञानिक विश्‍लेषण करने के पश्‍चात् स्वयं निर्णय ले सकें । इस पसु ्तक की कुछ विशेषताएँ इसके प्रभाव को एक विस्तृत आयाम देती हैं। प्रत्येक अध्याय की भूमिका दैनिक जीवन से सबं ंधित उदाहरणों के साथ दी गई है तथा यथासभं व रूप से विद्यार्थियों द्वारा किए जा सकने वाले क्रियाकलापों को भी समाहित किया गया है। वस्तुतः यह पसु ्तक क्रियाकलाप पर आधारित है, जिसके माध्यम से यह अपेक्षित है कि विद्यार्थी स्वतः ज्ञान का अर्जन कर सकें गे। पसु ्तक में परिभाषाओ ं और तकनीकी शब्दावली के बजाय अवधारणा पर बल दिया गया है। इसमें भाषा को सरल बनाने के साथ-साथ विज्ञान की यथार्थता को बनाए रखने का विशेष ध्यान रखा गया है। इस स्तर पर जिन कठिन और चनु ौतीपूर्ण विचारों को शामिल नहीं किया जा सका, उन्हें हलके सतं री रंग के बॉक्स में अतिरिक्त सामग्री के रूप में स्थान दिया गया है। चकि ँू अज्ञात जानने की उत्सुकता में ही विज्ञान का उत्साह है, अतः यह पसु ्तक विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के अतिरिक्त सोचने और कुछ खोजने का अवसर प्रदान करे गी तथा अपने इस वैज्ञानिक अभियान को और आगे जारी रखने की प्रेरणा देगी। वैज्ञानिकों की संक्षिप्‍त जीवनी सहित इस प्रकार के सभी बॉक्स निस्संदेह मूल्यांकन से परे होंगे। अवधारणा को स्पष्‍ट करने के लिए, जहाँ कहीं भी आवश्यक है, हल किए गए उदाहरण भी दिए गए हैं। विद्यार्थियों के विषय की समझ को जाँचने के लिए मख्य ु खडं के पश्‍चात् पाठ्य में निहित प्रश्‍न भी हैं। प्रत्येक अध्याय के अतं में, महत्वपूर्ण बिंदओ ु ं की त्वरित पनु र्विवेचना की गई है। हमने अभ्यास में कुछ बहु-विकल्पीय प्रश्‍न शामिल किए हैं। पसु ्तक के अतं में विभिन्न कठिनाई के स्तर वाले बहु-विकल्पीय प्रश्‍नों और संख्यात्मक आँकड़े वाले प्रश्‍नों के उत्तर तथा कठिन प्रश्‍नों के लिए सक ं े त भी दिए गए हैं। 2024-25 Prelims.indd 7 30-11-2022 11:57:07 पसु ्तक तैयार करने में अनेक लोगों की गहन रुचि और सक्रिय सहभागिता रही है। सभी प्रकार की प्रशासनिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रो. कृ ष्ण कुमार, निदेशक, एन.सी.ई.आर.टी.; प्रो. जी. रवीन्द्रा, सयं क्ु ‍त निदेशक, एन.सी.ई.आर.टी. और प्रो. हुकुम सिंह, अध्यक्ष, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग, एन.सी.ई.आर.टी. का विशेष रूप से धन्यवाद करना चाहूगँ ी। मैं डॉ. अजं नी कौल, पाठ्यपसु ्तक विकास समिति की सदस्य-सयो ं जक को उनकी असाधारण प्रतिबद्धता और दक्षता के लिए हार्दिक प्रशसं ा करती हू।ँ पाठ्यपसु ्तक निर्माण समिति और समीक्षा समिति के सदस्यों के साथ कार्य करना मेरे लिए वास्तव में एक सख ु द अनभु व रहा है। चयनित संपादकीय दल ने इस पसु ्तक को अपने अत्यंत परिश्रम से निश्‍च‍ित समय सीमा में प्रकाशित करके हमारे स्वप्न को साकार किया। मानव संसाधन मत्रा ं लय (अब शिक्षा मत्रा ं लय) की निगरानी समिति (मॉनिटरिग कमेटी) के कुछ सदस्यों के साथ उपयोगी परिचर्चा पसु ्तक को अतं िम रूप देने में सहायक रही है। मेरे पास अपने मित्रों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए शब्द नहीं हैं, जिन्होंने इस पसु ्तक को तैयार करने में व्यावसायिक और निजी सहायता प्रदान की है। इस पाठ्यपसु ्तक के सधु ार हेतु आपकी टिप्पणियों तथा सझु ावों का स्वागत है। रूपमंजरी घोष प्रोफ़े सर (भौतिकी) स्कू ल ऑफ़ ि‍फ़जिकल साइसं ेज जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय नयी दिल्ली (viii) 2024-25 Prelims.indd 8 30-11-2022 11:57:07 पाठ्यपुस्‍तक निर्माण समिति अध्यक्ष, विज्ञान और गणित की पाठ्यपुस्तकों की सलाहकार समिति जे. वी. नार्लीकर, इमेरिटस प्रोफ़े सर, अतंर-विश्‍वविद्यालय कें द्र–खगोलविज्ञान और खगोलभौतिकी (IUCAA), गणेश खडं , पनू ा विश्‍वविद्यालय, पणु े मुख्य सलाहकार रूपमजं री घोष, प्रोफ़े सर, स्कू ल ऑफ़ ि‍फ़जिकल सांइसेज, जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय, नयी दिल्ली सदस्यगण अजं नी कौल, प्रवक्‍ता, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग (डी.ई.एस.एम.), एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली (समन्वयक-अग्रें जी संस्करण) अनिमेश महापात्रा, रीडर, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, अजमेर, राजस्थान अलका मेहरोत्रा, रीडर, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग (डी.ई.एस.एम.), एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली आर. पी. सिंह, प्रवक्‍ता, राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, किशनगंज, दिल्ली इश्‍वंत कौर, पी.जी.टी., डी.एम. स्कू ल, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भोपाल, मध्यप्रदेश उमा सधु ीर, एकलव्य, इदं ौर, मध्यप्रदेश एच. एल. सतीश, टी.जी.टी., डी.एम. स्कू ल, क्षेत्रीय शिक्षा ससं ्थान, मैसरू , कर्नाटक एस. के. दाश, रीडर, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग (डी.ई.एस.एम.), एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली गगन गप्‍त ु , रीडर, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग (डी.ई.एस.एम.), एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली चारू मेनी, पी.जी.टी., सलवान पब्लिक स्कू ल, गड़ग ु ाँव, हरियाणा जे. डी. अरोड़ा, रीडर, हिदं ू कॉलेज, मरु ादाबाद, उत्तर प्रदेश दिनेश कुमार, रीडर, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग (डी.ई.एस.एम.), एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली परू न चदं , संयक्ु ‍त निदेशक (अवकाशप्राप्‍त), सी.आई.ई.टी., एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली बी. के. त्रिपाठी, रीडर, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग (डी.ई.एस.एम.), एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली बी. बी. स्वार्इं, प्रोफ़े सर (अवकाशप्राप्‍त), भौतिकी विभाग, उत्कल विश्‍वविद्यालय, भवु नेश्‍वर, उड़ीसा ब्रह्म प्रकाश, प्रोफ़े सर, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग (डी.ई.एस.एम.), एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली मीनाम्बिका मेनन, टी.जी.टी., कै म्ब्रिज स्कू ल, नोएडा, उत्तर प्रदेश रीता शर्मा, रीडर, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भोपाल, मध्यप्रदेश वंदना सक्सेना, टी.जी.टी., कें द्रीय विद्यालय-4, कंधार लाइसं , दिल्ली कैं ट, नयी दिल्ली विनोद कुमार, रीडर, हसं राज कॉलेज, दिल्ली विश्‍वविद्यालय, दिल्ली सत्यजीत रथ, वैज्ञानिक, नेशनल इसं ्टीट्यूट ऑफ़ इम्नयू ोलॉजी, जे.एन.यू. कैं पस, नयी दिल्ली सनु ीता रामरखियानी, पी.जी.टी., अल्हकॉन पब्लिक स्कू ल, दिल्ली 2024-25 Prelims.indd 9 30-11-2022 11:57:07 हिदी अनुवादक आर. जी. शर्मा, वरिष्‍ठ विज्ञान काउंसिलर, साइसं सेंटर न- 2, वसतं विहार, नयी दिल्ली कन्हैया लाल, प्राचार्य (अवकाशप्राप्‍त), 121, अफगानन, दिल्ली गेट, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश गरिमा वर्मा, स्पेक्ट्रम कम्युनिके शसं , शहीद भगत सिह मार्के ट, नयी दिल्ली जे.पी. अग्रवाल, प्राचार्य (अवकाशप्राप्‍त), 3, शक्‍त‍ि अपार्टमेंट, अशोक विहार, फे ज III, काकाजी लेन, दिल्ली प्रवीन कुमार सिंह, स्पेक्ट्रम कम्युनिके शसं , शहीद भगत सिह मार्के ट, नयी दिल्ली विजय कुमार, उप प्राचार्य, सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, आनंद विहार, दिल्ली सदस्य-समन्वयक बी. के. शर्मा, प्रोफ़े सर, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग (डी.ई.एस.एम.), एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली 2024-25 Prelims.indd 10 30-11-2022 11:57:08 आभार राष्ट्रीय शैक्षिक अनसु धं ान और प्रशिक्षण परिषद् कक्षा 10 की विज्ञान की पाठ्यपसु ्तक के निर्माण के लिए बनाई गई पाठ्यपसु ्तक निर्माण समिति के सभी सदस्यों को उनके योगदान देने के लिए कृ तज्ञता व्यक्‍त करती है। इसके साथ ही, इस पाठ्यपसु ्तक की पाडं ु लिपि की निम्न सदस्यों द्वारा समीक्षा, सपं ादन व सश ं ोधन करके अतं िम रूप देने के योगदान के लिए धन्यवाद करती है– आर.एस. दास, उप प्राचार्य (अवकाशप्राप्‍त) IV/49, वैशाली, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश; ललित गप्‍ता ु , टी.जी.टी., (विज्ञान), उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, हस्तसाल, विकासपरु ी, नयी दिल्ली; वीरे न्द्र श्रीवास्तव, शिक्षा अधिकारी (अवकाशप्राप्‍त), शिक्षा विभाग, नयी दिल्ली; अशोक कुमार सेठ, उप प्राचार्य, बाबूराम राजकीय सर्वोदय विद्यालय, शाहदरा, नयी दिल्ली; महेश कुमार तिवारी, पी.जी.टी. (जीव विज्ञान), कें द्रीय विद्यालय, मंदसौर, मध्य प्रदेश; अरुणा मोहन, रीडर, (प्राणिविज्ञान), गार्गी कॉलेज, दिल्ली विश्‍वविद्यालय, नयी दिल्ली; वी.के. गौतम, शिक्षा अधिकारी (विज्ञान), कें द्रीय विद्यालय संगठन, नयी दिल्ली; डी.सी. पाण्डेय, ए.डी.ई.-विज्ञान (अवकाशप्राप्‍त), शिक्षा विभाग, नयी दिल्ली; वी.एन. पाठक, प्रोफ़े सर (रसायन विज्ञान), राजस्थान विश्‍वविद्यालय, जयपरु , राजस्थान; ललिता एस. कु मार, रीडर (रसायन विज्ञान), स्कू ल ऑफ़ साइंसे ज , इंदि रा गां ध ी राष्ट्रीय मुक् ‍त विश्‍वविद्यालय, नयी दिल्ली; पी.एन. वार्ष्णेय, प्राचार्य (अवकाशप्राप्‍त), शिक्षा विभाग, नयी दिल्ली; सतीश चंद्र सक्सेना, उपनिदेश क (अवकाशप्राप्‍त), वै ज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, नयी दिल्ली; राम आसरे सिंह, रीडर (रसायन विज्ञान), टी.डी.पी.जी. कॉलेज, जौनपुर, उत्तर प्रदेश; शशि प्रभा, प्रवक्‍ता, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग, डी.ई.एस.एम., एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली। परिषद,् इस पसु ्तक के अध्याय 16 ‘प्राकृ तिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन’ का अद्यतन करने तथा इस पसु ्तक का पनु रवलोकन करने के लिए सनु ीता फरक्या, प्रोफ़े सर, डी.ई.एस.एम.; पष्प ु लता वर्मा, असिस्टेंट प्रोफ़े सर, डी.ई.एस.एम.; के.सी. त्रिपाठी, प्रोफ़े सर, डी.ई.एल. और जतिन्द्र मोहन मिश्र, प्रोफ़े सर, डी.ई.एल. की विशेष आभारी है। इस पसु ्तक का पनु रवलोकन करने में सहयोग के लिए परिषद् आर.एस. सिधं ,ु (अवकाशप्राप्‍त) डी.ई.एस.एम.; वी.पी. श्रीवास्तव, प्रोफ़े सर (अवकाशप्राप्‍त), डी.ई.एस.एम.; आर.के. पाराशर, रचना गर्ग, प्रोफ़े सर, डी.ई.एस.एम.; वी.वी. आनन्द, प्रोफ़े सर (अवकाशप्राप्‍त), आर.आई.ई. मैसरू ; वी.पी. सिहं , प्रोफ़े सर, आर.आई.ई. अजमेर; एस.वी. शर्मा, प्रोफ़े सर, आर.आई.ई. अजमेर; आर. जोशी, एसोसिएट प्रोफ़े सर (अवकाशप्राप्‍त), डी.ई.एस.एम.; सी.वी. शिमरे , रुचि वर्मा, एसोसिएट प्रोफ़े सर, डी.ई.एस.एम.; रामबाबू पारिक, एसोसिएट प्रोफ़े सर, आर.आई.ई., अजमेर; आशीष कुमार श्रीवास्तव, रे जाउल करीम बडभइु या, प्रमिला तँवर, असिस्टेंट प्रोफ़े सर, डी.ई.एस.एम.; आर.आर. (xi) 2024-25 Prelims.indd 11 30-11-2022 11:57:08 कोइरंग, असिस्टेंट प्रोफ़े सर, डी.सी.एस.; वी-थंगप,ु असिस्टेंट प्रोफ़े सर, आर.आई.ई., मैसरू और अखिलेश्‍वर मिश्रा, प्रधानाध्यापक, डी.एम.एस., आर.आई.ई. भवु नेश्‍वर की भी विशेष आभारी है। शैक्षिक प्रशासनिक सहयोग के लिए परिषद् हुकुम सिहं , प्रोफे स़ र तथा विभागाध्यक्ष, डी.ई.एस.एम., एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली की विशेष आभारी हैं। प्रकाशन कार्य में सक्रिय सहयोग के लिए परिषद् डी.ई.एस.एम.; के ए.पी.सी. कार्यालय तथा प्रशासकीय कर्मचारियों; दीपक कपरू , कंप्यूटर स्टेशन प्रभारी, डी.ई.एस.एम.; साएमा, इद्रं कुमार, डी.टी.पी. ऑपरे टर; सीमा यादव, अजं ना बख्शी, कॉपी एडीटर; योगिता शर्मा, बबीता, प्फ रू रीडर के प्रति हार्दिक रूप से आभार प्रकट करती है। इस पसु ्तक के निर्माण में प्रकाशन विभाग, एन.सी.ई.आर.टी., नयी दिल्ली का सहयोग प्रशसं नीय है। (xii) 2024-25 Prelims.indd 12 30-11-2022 11:57:08 विषय-सच ू ी विषय–सच आमुख iii पाठ्यपुस्‍तकों में पाठ्य सामग्री का पुनर्संयोजन v प्रस्तावना vii अध्याय 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 1 अध्याय 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण 19 अध्याय 3 धातु एवं अधातु 41 अध्याय 4 कार्बन एवं उसके यौगिक 64 ू ी अध्याय 5 जैव प्रक्रम 88 अध्याय 6 नियंत्रण एवं समन्वय 111 अध्याय 7 जीव जनन कै से करते हैं 125 अध्याय 8 आनवु ांशिकता 141 अध्याय 9 प्रकाश – परावर्तन तथा अपवर्तन 148 अध्याय 10 मानव नेत्र तथा रंग-बिरंगा संसार 178 अध्याय 11 विद्युत 190 अध्याय 12 विद्युत धारा के चबंु कीय प्रभाव 216 अध्याय 13 हमारा पर्यावरण 230 उत्तरमाला 240 (xiii) 2024-25 Prelims.indd 13 30-11-2022 11:57:08 (xiv) 2024-25 Prelims.indd 14 30-11-2022 11:57:09

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