Hindi Past Paper PDF 20__

Document Details

Uploaded by Deleted User

माध्यमिक शिक्षा मण्डल, मध्यप्रदेश

Tags

Hindi exam paper Hindi questions Hindi language past exam paper

Summary

This document is a Hindi past paper from Madhya Pradesh. Questions and answers are provided for practice. The document is from a secondary school level exam.

Full Transcript

## केवल मूल्यांकनकर्ता के उपयोग हेतु ! माध्यमिक शिक्षा मण्डल, मध्यप्रदेश, भोपाल 32 पृष्ठीय | प्रश्न क्रमांक | पृष्ठ क्रमांक | प्राप्तांक | प्रश्न क्रमांक | पृष्ठ क्रमांक | प्राप्तांक | |---|---|---|---|---|---| | 1 | 17 | | 17 | 17 | | | 2 | 18 | | 18 | 18 | | | 3 | 19 | | 19 | 19 | | | 4...

## केवल मूल्यांकनकर्ता के उपयोग हेतु ! माध्यमिक शिक्षा मण्डल, मध्यप्रदेश, भोपाल 32 पृष्ठीय | प्रश्न क्रमांक | पृष्ठ क्रमांक | प्राप्तांक | प्रश्न क्रमांक | पृष्ठ क्रमांक | प्राप्तांक | |---|---|---|---|---|---| | 1 | 17 | | 17 | 17 | | | 2 | 18 | | 18 | 18 | | | 3 | 19 | | 19 | 19 | | | 4 | 20 | | 20 | 20 | | | 5 | 21 | | 21 | 21 | | | 6 | 22 | | 22 | 22 | | | 7 | 23 | | 23 | 23 | | | 8 | 24 | | 24 | 24 | | | 9 | 25 | | 25 | 25 | | | 10 | 26 | | 26 | 26 | | | 11 | 27 | | 27 | 27 | | | 12 | 28 | | 28 | 28 | | | 13 | | | | | | | 14 | | | | | | | 15 | | | | | | | 16 | | | | | | कुल प्राप्तांक शब्दों में _ प्रमाणित किया जाता है कि अन्दर के पृष्ठों के अनुरूप मुख्य पृष्ठ पर अंकों की प्रविष्टी एवं अंकों का योग सही है। निर्धारित मुद्रा : नाम, पदनाम, मोबाईल नम्बर, परीक्षक क्रमांक एवं पदांकित संस्था के नाम की मुद्रा लगाएं। उप मुख्य परीक्षक के हस्ताक्षर एवं निर्धारित मुद्रा DU VN परीक्षक के हस्ताक्षर एवं निर्धारित मुद्रा श्रीमति सुनीता कोरी (ग्ग.शि.) V.No. 003024 मो. 9098417796 ## प्रश्न क्र. 01 2 सही विकल्प चुनकर लिखें :- 30-04:- सुमित्रानंदन पंत 300:- दो फुट 30 (iii)- रामवृक्ष बेनीपुरी 30(iv)- सूरदास 30 (v) सन् 1899 30 (vi) कोहरा ## प्रश्न क्र. 02 3 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:- 30 (1) 8(आठ) 301) (दो) 2 30 (ⅲ) सूरदास 30 (iv) 13-13 30 (0) 4(चार) 30 (vi) 1900 ## प्रश्न क्र. 03 4 सही जोड़ी :- (क) चौपाई (ख) 16 (ⅰ) एक अंक (ⅱ) शिवपूजन सहाय (iii) रामवृक्ष बेनीपुरी (iv) मैथलीशरण गुप्त (v) रिसाई एकांकी माता का आँचल मुजफ्फरपुर पंचवटी क्रोध करना ## प्रश्न क्र. 04 5 दाल कब में उत्तर लिखिए - 300円) कवि नागार्जुन का मूल नाम "वैद्यनाथ मिश्र " है। 30 (1) निराला रचनावली "आठ खण्डों " में है। 30 (iii) रामचरितमानस का मुख्य छंद "चौपाई" है। 30 (iv) विनय पत्रिका की रचना "ब्रज भाषा में हुई है। 30() कामायनी "जयशंकर प्रसाद" रचना है। 30lvi) 'अर नहीं रहीं' कविता फागुन माह की वसंत ऋतु की सुंदरता को प्रकट करती है। ## प्रश्न क्र. 05 6 सत्य । असत्य चयन कर लिखिए 30 (1) असत्य ३०) सत्यन उ०) सत्य। 30(iv) सत्य। 30(0) सत्य। 30 (vi) असत्यष् ## प्रश्न क्र 006 7 उन्तर भगत जी इस भगत की पुत्रवधू जानती थी कि भगत जी इस संसार में अकेले है। उनका एकमात्र पुत्र भी मर चुका है। वे साधू है तथा भक्त है। इसीलिए पुत्रव वे अपने खाने-पीने का तथा अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं रखते हैं। सही कारण थाहै कि पुत्रवधू सेवाभाव से जी के चरणों की में अपना दिन बिताना चाहती थी और उनके लिए खाने-पीने एवं दवा की व्यवस्था करना चाहती थी। ## प्रश्न क्र. 07 (अथवा) उत्तर उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ अस्सी वर्षों से भी अधिक शहनाई वादन किया। उन्हें शहनाई के आदि का पूर्ण ज्ञान था। शहनाई वादन के लिए उन्हें भारत- रत्न से भी आलूंकृत किया गया था। इसीलिए बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक कहा जाता है। ## प्रश्न क्र. 08 8 ३० गहद्य की चार विधाओं के नाम निम्न लिखित हैं हैं 1ⅰ) निबंध (iⅲ) नाटक (iii) एकांकी (1) उपन्यास ## प्रश्न क्र . وه उत्तर (أ) संधि संधि का अर्थ है-मेल' या 'योग' करना) ii) संधि के तीन भेद होते हैं। समास ⅰ) समास का अर्थ है - 'संक्षेप करना। ⅲ, समास के छः भेद होते हैं। ## प्रश्न क्र. 010 (अधवा) 9 उत्तर खेलने में बच्चे की स्वाभाविक रुचि होती है। उसे जब भी उसके साथी बच्चे बच्चे खेलते दिख जाते है तो वह खेल खेलने में रम जाता है। वह बाकी सब कुछ भूलकर खेल में मग्न हो जाता है। । यही यही कारण है कि जो भोलानाथ अपनी पिता की गोद में सिसक रहा था. वह अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है। ## प्रश्न क्र उत्तर नागार्जुन की दो रचनाएँ निम्न लिखित है :- 1ⅰ) 'युगधारा' (iⅱ) 'सतरंगे पंखों वाली' ## प्रश्न क्र. 012 10 उत्तर => कवि छ सूरदास जी (ⅰ) रचनाएँ (ⅰ) सूरसागरे ⇒ (ⅲ) सूर सारावली (ⅱ), भावपक्ष सूरदास जी भक्तिकाल की कृष्ण भक्ति शाखा की प्रमुख कवि है। तथा अष्टघाप कवियों में सर्वाधिक प्रसिद्ध है। सूरदास जी 'वात्सल्य' तथा श्रृंगार रस के श्रेष्ठ कवि है। खेतीबारी तथा पशुपालन बलि भारतीय समाज का दैनिक अंतरंग सूर की कविताओं में देखने को मिलता है। तथा सूरदास जी के काव्य सहज मानवीय प्रेम की प्रतिष्ठा करते हैं। ## प्रश्न क्र13 11 उत्तर = फसल ढेर सारी नदियों के पानी का जादू है, लाखों- करोड़ों किसानों के हाथों की मेहनत है, भूरि - काली- संदली आदि मि‌ट्टियो मिट्टियों का गुण - धर्म है, सूर्य की ताप-धूप का रूप परिवर्तन है तर्थ थिरकन का प्रभाव है। ## प्रश्न क्र014 उत्तर कविता में बादल कई अर्थों की ओर संकेत करता है। जैसे- (ⅰ) बादलों, धरती पर नया अंकुर पैदा कहता है। अतः बादल धन-धान्य पैदा करने वाला होता है। ⅱ) बादलों का पानी प्राणियों के मन को शीतलता प्रदान कराना है। (iii) बादल प्राणियों के मन में जोरा, उमंग, उत्साह आदि जगाने वाले होते हैं। ## प्रश्न क्र. 15 (अथवा उत्तर पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार : का समान रूप में एक जहाँ एक ही शब्द से अधिक बार प्रयोग होता है, वहाँ 'पुनरुक्ति प्रकाश" अलंकार होती है। उदाहरण :+ पुनि- पुनि मुनि उकसहिं अकुलाही। → यहाँ पर "पुनि" शब्द का दो बार प्रयोग होने के कारण पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। ## प्रश्न क्र. 16 13 उत्तर => रस:- रस का अर्थ होता है। अनुभूति। किसी काव्य को पढ़ने, सुनने या उसका दृश्य देखने में जो आनंद की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है। रस को काव्य की आत्मा बताई गई है। आ. रामचन्द्र शुक्ल जी के अनुसार-"इसात्मक वाक्यं काव्यमी अर्थात्, रस युक्त वाक्य ही काव्य है। उदाहरण : हाथी जैसी देह, गेंडे जैसी घाल । तरबूजे सी खोपड़ी, खरबूजे से गालगा "यहाँ हँसी का अनुभव होरहा है, इसलिए यहाँ हास्य रस है। ## प्रश्न 2017 14 लेखक : रामवृक्ष बेनीपुरी कब उत्तर ⅰ) दो 1ⅰ) चिता के फूल" (ii) माटी की मूरतें " (ⅲ) भाषा शैली ⇒ रामवृक्ष बेनीपुरी जी की भाषा सरल, सुबोध व सुस्पष्ट है। भी वे शैलीकार प्रतिभाशाली पत्रकार थे। विशिष्ट का जादू‌गर" भी कहा जाता है। इनकी रचनाओं में मुहावरें एवं लोकोक्तियों का भी प्रयोग हुआ है। ## प्रश्न क्र. 18 (अथवा) 15 संदर्भ आषाढ़ - कौन है? संदर्भ प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक 'क्षितिज" के पाठ "बालगोबित भगत" से लिया गया है। इसके लेखक "रामवृक्ष बेनीपुरी जी "है। प्रसंग => आषाढ माह का उल्लेख करते हुए लेखक कहते हैं कि उसके गाँव के वातावरण को बारें में बताते हैं। व्याख्या आषाढ़ माह की रिमझिम में सारा गाँव खेतों पर तो कहीं काम कर रहा है। कहीं पर हल चलाए जा रहे हैं. कूप कर धान रोपी जा रही है। बच्चे खेतों में उछल- पर रहे हैं और औरते सवेरे का जलपान लेकर मेड़ बैठी है। आसमान में बदली छायी हुई है, बिल्कुल भी धूप नहीं निकली है। पूरब की ओर चलने वाली ठंडी हवा चल रही है। इस वातावरण में एक स्वर कानों पर अंकार भारता सुनाई पड़ता है। लेखक प्रश्न करते हैं कि आखिर ये कौन है। ## प्रश्न क्र. 19 (अथवा) 16 विशेष :- (ⅰ) आषाढ़ माह के समय खेतों और गाँव का वातावरण चित्रित किया गया है। (ii) सरल, सुबोध भाषा का प्रयो प्रयोग हुआ है। ## प्रश्न क्र. 19 (अथवा) उत्तर:- रमेश : अरे सुरेश ! बड़े दिनों बाद स्वित्ख दिख रहे हो। सुरेश : हाँ भाई ! मैं कुछ दिनों से शहर के बाहर था। रमेश : अच्छा ! कहाँ ? सुरेश : भोपाल। रमेश : क्यूँ ? वहाँ पर तो तुम्हारा कोई रिश्तेदार भी नहीं रहता। सुरेश : अच्छा हाँ ! मैं तुम्हें बताना भूल गया था कि मेरा क्षेत्रीय स्तर पर क्रिकेट के लिए चुनाव हो गया है। रमेश : अरे वाह ! यह तो बहुत हर्ष की बात है। तुम्हारी क्रिकेट मे भी रुचि है? सुरेश : हाँ यह मेरा पसंदीदा खेल है। खुमेश : बहुत बढ़िया ! तो कैसा चल रहा है तुम्हारा अभ्यासी सुरेश : अच्छा चल रहा है। बस थोड़ी थकान हो जाती है। परन्तु मन एकदम रिफ्रेश हो जाता है। सुखश: तुम सही कह रहे हो। अपनी रुचि के अनुसार खेल खेलकर हम अपने जीवन का लक्ष्य भी साध सकते सुरेश : हाँ भाई ! मैं भी एक सफल क्रिकेटर बनने की इच्छा रखता हूँ। आखिर यह मेरा प्रिय खेल है। सुरेशः तुम जरूर सफल होगे। मेरी शुभकामनाएँ तुम्हारे साथ है। ## प्रश्न क्र.२० (अथवा) 18 संकेत जिसके अरुण_ व्यथा। संदर्भत्र प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्‌य पुस्तक "क्षितिज" के पाठ "आत्मकथ्य" से ली गई हैं। इसके कवि छायावादी युग के प्रमुख जयशंकर प्रसाद" जी है। प्रसंगत्र प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने अपनी रूपवती का। उल्लेख किया है। भावार्थत्र कवि कहते हैं कि उनकी पत्नी के लाल गाल इतने सुंदर थे कि प्रेम भरी उषा (भौर) भी उसके लाल गालों से सौभाग्य (सिंदूर) उधार लेती थी। कवि कहते हैं कि उनकी पत्नी के साथ बिताएँ गए फु पलों, की यादें ही उनकेम आने बाले वाले जीवन का सहारा बनी हुई है। कवि मित्रों से प्रश्न करते हैं कि तुम मेरे अंतर्मन की गुदड़ी कुरेदकर क्यों देखना चाहते हो? मेरा जीवन बहुत ही छोटा व साधारण है। मेरे जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे पढ़ा जा सके। कवि कहते हैं कि उनकी मन की पीड़ाएँ अब शांत हो गई है इसलिए अभी आत्मकथा लिखने का समय नहीं है। ## विशेष:- 1ⅰ) कवि अपनी पत्नी के गालों की सुंदरता का वर्णन करते हैं। (ii) सुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है। शुद्ध ## प्रश्न 022 " विज्ञान के बढ़‌ते चरण रूपरेखा :- (ⅰ) प्रस्तावना " आज के जीवन में विज्ञान का महत्व (iii) विज्ञान के दुष्प्रभाव AD उपसंहार ## " विज्ञान का हमने किया है जन्म, यह है हमारे लिए अमूल्य धना" 1 प्रस्तावना :- आज के युग में विज्ञान ने हमें अनेक जीवन को सुख-साधन दिए है। विज्ञान ने हमारे टेलिविजन बनाया है। प्रिज, वातानुकूलन, सरल आदि सभी विज्ञान की ही देन है। विज्ञान ने कई असंभव चीज़ों को संभव बनाया है। ## आज के जीवन में विज्ञान का महत्व:- आज के जीवन में विज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका अति प्रभावपूर्ण उदाहरण हम देख ही चुके हैं। कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी में भी विज्ञान की सहायता से हम मात दे पाए को। शिक्षण क्षेत्र में भी आज अनेक संस्था ऑनलाइन काम कर रही है। विज्ञान का हमोर जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। ## विज्ञान के दुष्प्रभाव :- 3 विज्ञान ने जहाँ एक ओर हमारे लिए उपयोगी सिद्ध हुआ है वहीं दूसरी ओर दुःख भी सृजन किया है। आज मानव ने अपने स्वार्थ के लिए अनेक खतरनाक खोजे की है। किसान अधिक पैदावार पाने हेतु तरह-तरह के रासायनिक खाद्यानों का प्रयोग करते हैं जो कि पानी में घुलकर "एसिड रेन" तथा "ग्लोबल वॉरमिंग' को बढ़ावा देते है। बम भी इसी का परिणाम है। ## उपसंहार - जिस प्रकार एक सिक्के के दो पहलु होते हैं उसी प्रकार विज्ञान के भी दो पहलु है। अगर बिना रोकथाम के इसका प्रयोग किया जाए को यह विनाश कारी सिद्ध हो सकता है। मानव के लिए यह जरूरी है कि विज्ञान का ठीक प्रकार उपयोग करें। ताकि हमें निरंतर सुख भी प्राप्त होता रहे और पर्यावरण भी दूषित न हो। ## प्रश्न क्र◦21 22 प्रति, जिलाधीश महोदय, जिला कार्यालय, मण्डला, म.प्र. दिनांक :- फरवरी 65,२०24 विषय : ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाने हेतु । महोदय जी, सविनय निवेदन है कि मैं प्रार्थी अनुष्का कक्षा दसवीं की नियमित छात्रा हूँ। हमारी वार्षिक बोर्ड परीक्षाएँ शुरू हो चुकी है। ऐसे समय में जरूरी है कि हम अपनी तैयारियों में में जोरों से लाउड- स्पीकर आदि बजाए जा रहे हैं जिससे कि हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। परंतु हमारे अध्ययनरत नगर आजकल रहे। अत: महोदय जी से निवेदन है कि अपने अधिनस्त थाना कर्मचारियों को सूचित कर परीक्षा अवधी तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगवाने की कृपा करें। ## वास्ते विनय पेश है। प्रार्थी नामन अनुष्का अग्रवाल है ## प्रश्न क्र.23 उत्तर 01- "हमास "हिमालय पर्वत ।" उत्तर 020- हिमालय को देखकर सारी सृष्टि के प्रति समभाव जागृत हो जाता है। उत्तर 038- शीर्षक : "हिमालय पर्वत "का हिमालय पर्वत को वैदिक काल ल से ही पवित्र माना जाता है। हिमालय पर्वत बहुत ही सुंदर होता है। इसे देखकर हमारे मन में सारी सृष्टि के प्रति एकता जाग जाती है। इसका दृश्य बहुत ही सुंदर होता है।

Use Quizgecko on...
Browser
Browser