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Series #CDBA/S SET 1 - àíZ -nÌ H$moS> 3/S/1 amob Z§. narjmWu àíZ-nÌ H$moS> >H$mo CÎma-nwpñVH$m Ho$ _wI-n¥ð >na Adí` {bIo§ & · H¥$n`m Om±M H$a b| {H$ Bg àíZ-nÌ _o§ _w{ÐV n¥ð> 19 h¢ & · H¥$n`m Om±M H$a b| {H$ Bg àíZ -nÌ _| 17 àíZ h¢ & · àíZ-nÌ _| Xm{hZo hmW H$s Amoa {XE JE àíZ-nÌ H$moS> H$mo narjmWu CÎma-nwpñVH$m Ho$ _wI-n¥ð> na {bI| & · H¥$n`m àíZ H$m CÎma {bIZm ewê$ H$aZo go nhbo, CÎma-nwpñVH$m _| àíZ H$m H«$_m§H$ Adí` {bI| & · Bg àíZ-nÌ H$mo n‹T>Zo Ho$ {bE 15 {_ZQ >H$m g_` {X`m J`m h¡ & àíZ-nÌ H$m {dVaU nydm© _| 10.15 ~Oo {H$`m OmEJm & 10.15 ~Oo go 10.30 ~Oo VH$ N>mÌ Ho$db àíZ-nÌ H$mo n‹T>|Jo Am¡a Bg Ad{Y Ho$ Xm¡amZ do CÎma -nwpñVH$m na H$moB© CÎma Zht {bI|Jo & {hÝXr (A) HINDI (A) *3/S/1* {ZYm©[aV g_` : 3 KÊQ>o A{YH$V_ A§H$ : 80 gm_mÝ` {ZX}e : {ZåZ{b{IV {ZX}em| H$mo ~hþV gmdYmZr go n{‹T>E Am¡a CZH$m g™Vr go AZwnmbZ H$s{OE : (i) Bg àíZ-nÌ _| Hw $b 17 àíZ h¢ & g^r àíZ A{Zdm`© h¢ & (ii) Bg àíZ-nÌ _| Xmo IÊS> h¢ – IÊS> A Am¡a IÊS> ~ & IÊS> A _| ~hþ{dH$ënr/dñVwnaH$ Am¡a IÊS> ~ _| dU©ZmË_H$ àíZ {XE JE h¢ & (iii) IÊS> A _| Hw $b 10 àíZ h¢, {OZ_| CnàíZm| H$s g§»`m 44 h¡ & {XE JE {ZX}em| H$m nmbZ H$aVo hþE 40 CnàíZm| Ho$ CÎma XoZm A{Zdm`© h¡ & (iv) IÊS> ~ _| Hw$b 7 àíZ h¢ & g^r àíZm| Ho$ gmW CZHo$ {dH$ën ^r {XE JE h¢ & {ZX} emZwgma {dH$ën H$m Ü`mZ aIVo hþE g^r àíZm| Ho$ CÎma {b{IE & (v) àíZm| Ho$ CÎma {XE JE {ZX}em| H$m nmbZ H$aVo hþE {b{IE & (vi) `Wmg§^ d g^r àíZm| Ho$ CÎma H«$ _mZwgma hr {b{IE & 3/S/1 Page 1 P.T.O. ख डअ (बहविक पी /ि तुपरक ) 1. न न नित ग श को य पू क प कर उस पर आध रत न ए गए के स नधक उपयु उ र े न क प चु कर न निए : 5´1=5 मेघ य पू र भ रत क एक र य है न सक अ है ब क घर । इसे पू क कॉट ै ड भी कह त है । यह न तृत मै , ी, पह न य और घ नटय ह । पह क त हटी पर समत भनू म क सकरी प ी ब ेश क अतर ीय सीम के स गी है त न ण म असम र य के अतर य सीम स झ करत है । ती प तीय अच म बट हआ है मेघ य – ि सी प त, ग रो प त और यनतय प त और इ ह ती प तीय अच से ब े ह प च न े – पू ि सी प त न , पन मी ि सी प त न , पू ग रो प त न , पन मी ग रो प त न और यनतय प त न । हर अच क अप ी अ ग-अ ग स कृ नत है, रीनत- र , प -उ स ह ेनक हर कह प र रक य म तृस मक है – भनू म, ध , सपन सब म से बेटी को नम ती है । ‘‘म तृस मक य हो े के क रण यह री शोषण क घट ए ह होत । ी क यह च है, यह अहस स गु ह टी से मेघ य क सीम म घसु े के स ही हो े गत है । तम म क ु पर न य सौ बेचती ह और बेनहचक बनतय ती न ि ई ेती ह । श य कमोबेश यह न नत पू र के अ य र य म भी है, भ े ह म तृस मक प र र य हो । मनणपरु क र ध ी इ फ म भी यही न नत है । न य क एक परू क परू ब ज र ही है ह , न से ‘म इती ब ज र’ कहते ह - य ी म क ब ज र । न - ोपहर हई ह नक नसर पर स जी, कप य अ य स म के टोकरे रिे न य इस ब ज र म आ पहचती ह । न -भर स म क नब कर श म को अप -े अप े घर ौट प ती ह । नकसी क र क ग-भे ह है । य ी अमीर घर क न य भी इस ‘म इती ब ज र’ म नम एगी और रीब घर क न य भी । और यह ब ज र के इ फ म ही ह है, मनणपरु के हर गर, क बे, ग म है - ह क स कृ नत क एक अटूट नस नस । 3/S/1 Page 2 P.T.O. (i) मेघ य श े क सीम ए स झ होती ह : (A) अतर य सीम से (B) अतर ीय सीम से (C) (A) और (B) ो ही सीम ओ से (D) (A) और (B) ो म से नकसी से ह (ii) मेघ य को उ री भ रत क कॉट ै ड कह त है : (A) यह के म ोरम कृ नतक स य के क रण (B) यह क स कृ नतक सप त के क रण (C) यह क म तृस मक य के क रण (D) च र ओर प तीय े से नघर हो े के क रण (iii) म तृस मक प र रक य म: (A) प र र क मनु िय पु ष होत है, सपन बेटी को नम ती है । (B) प र र क मनु िय मनह होती है, सपन बेटे को नम ती है । (C) प र र क मनु िय मनह होती है, सपन बेटी को नम ती है । (D) प र र क मनु िय पु ष होत है, सपन बेटे को नम ती है । (iv) ‘म इती ब ज र’ के न षय म य अस य है ? (A) यह ग-भे ह है । (B) यह हर े म गत है । (C) यह िरी -फरो त क क म न य करती ह । (D) यह के मनह ओ को श े नम त है । (v) क और क रण को प कर उपयु न क प चनु ए : कथन : मेघ य म री क स म होत है नक शोषण । कारण : न य आन क न से आ मन भर ह । विक प : (A) क और क रण ो सही ह और क रण, क क सही पनु करत है । (B) क त है, ेनक क रण सही है । (C) क और क रण ो तह। (D) क सही है, ेनक क रण, क क सही पनु ह करत है । 3/S/1 Page 3 P.T.O. 2. न न नित क य श को य पू क प कर उस पर आध रत न ए गए के स नधक उपयु उ र े न क प चु कर न निए : 5´1=5 हसते-नि नि ते रग-नबरगे फू । य री म ि े कर ी तृ हो गय ।। ु से ण तक निच गई गध क क र-सी । आि म हो गई रग क बरस त । अ य स कह उठ ह ! ध य है सत ऋतु ! ौट े को पैर य ब ए तो य री के को े म बु क एक ह फू अच क बो प – सु ो ! एक छोट -स स य तु ह स पत ह ध य है सत ऋत,ु ठीक है, पर उसक ध यत , उसक कम ई ह , ह हम े रची है, हम े य ी म े मझु ैसे मेरे अ नग त स न य े- न ह े इस य री म अप े -अप े ठ पर धपू और बरस त, और प झे सरू को तप है परू ी आयु एक प पर । तमु े ऋतु को बि , पर य कभी प भर भी तमु उस ौ को भी ि े सके न सके ब पर म े और इस े और उस े य ी मेरे एक-एक स ी े नम ी क अधेर फो सरू से आि नम ई ह उसे यन ते हो तमु से भी रग ती एक ऋतु 3/S/1 Page 4 P.T.O. (i) सत ऋतु क ध यत नकसक मेह त क प रण म है ? (A) नि नि ती धपू क (B) सु र य री क (C) हरे भरे पे क (D) रग-नबरगे फू क (ii) ‘नम ी क अधेर फो , सरू से आि नम ई ह’ – क य-पन क भ है : (A) कनठ इय क स हसपू क स म नकय है । (B) कृ नत क म र को डटकर झे है । (C) धरती के गभ म अप े-आपको रि है । (D) धरती क मी और सरू क गरमी को झे है । (iii) ‘उसे यन ते तो तुमसे भी, रग ती एक ऋत’ु - पन य म य े क बतक रही है ? (A) ी क स य प र म म ही है । (B) सत ऋतु क स य फू म है । (C) फू क न क स न य कनठ है । (D) सस र सभी के सहयोग से च त है । (iv) ततु क य श म ‘ ह’ क योग नकसके न ए हआ है ? (A) फू के न ए (B) नि नि ती धपू के न ए (C) सु र य री के न ए (D) सत ऋतु के न ए 3/S/1 Page 5 P.T.O. (v) क और क रण को प कर उपयु न क प चनु ए : कथन : रग-नबरगे फू ि े कर कन को ‘रग क बरस त’ क अ भु होत है । कारण : फू क सु रत और सगु ध कन को मोह ेती है । विक प : (A) क सही है, ेनक क रण त है । (B) क और क रण ो तह। (C) क सही है और क रण, क क सही पनु करत है । (D) क त है, ेनक क रण, क क सही पनु करत है । 3. न श सु र ‘रच के आध र पर य-भे ’ पर आध रत प च बहन क पी म से नक ह चार के सही उ र े न क प चु कर न निए : 4´1=4 (i) न न नित म से सयु य से सबनधत क /क े न क प क चय कर न निए : (I) हम सबके न य उ त नबन म ि ह और उ क म डुमर है । (II) ब ी मन र े क र त रसू ब ई और बतू ब ई के यह से होकर त है । (III) अमी ी नसफ छह स क है और ब भ ई श सु ी ौ स क । (IV) रीड, रकट से ब ई ती है ो डुमर म मु यतः सो ी के नक र पर प ई ती है । विक प : (A) के क II सही है । (B) क I III सही ह । (C) क II IV सही ह । (D) क I, II, III IV सही ह । 3/S/1 Page 6 P.T.O. (ii) “रसू ब ई और बतू ब ई ब ग ती ह तब अमी ी को िश ु ी नम ती है ।” रच क न से य-भे है - (A) सर य (B) सयु य (C) स ध रण य (D) नम य (iii) न न नित म से सर य क उ हरण कौ -स है ? (A) क शी म सगीत आयो क एक ची ए अ ्भतु परपर है । (B) े बउ क न करते ह तब नफर उसी ैसनगक आ म आि चमक उठती ह । (C) क शी आ भी सगीत के र पर गती है और उसी क प पर सोती है । (D) अ सी बरस से नबन म ि यही सोचते आए ह नक स त सरु को बरत े क तमीज उ ह स ीके से अभी तक य ह आई । (iv) “क शी स कृ नत क प ठश है और यह श मआ क के म से नतन त है ।” रच क न से यह य है - (A) सर य (B) सयु य (C) स ध रण य (D) नम य 3/S/1 Page 7 P.T.O. (v) तभ-I को तभ-II से समु ने त क न ए और सही न क प क चय करके न निए : तभं -I तभं -II 1. इत बत ते े ह नक म न क से यही आु है, फट सरु (I) सर य ब श। 2. उ क आि इम म हसै और उ के प र र के ोग (II) सयु य क शह त म म रहती ह । 3. शह ई अरब ेश म फूककर ब य े एक (III) नम य है और उसे ‘ य’ कहते ह । विक प: (A) 1-(III), 2-(I), 3-(II) (B) 1-(I), 2-(II), 3-(III) (C) 1-(II), 2-(III), 3-(I) (D) 1-(III), 2-(II), 3-(I) 4. न श सु र ‘ य’ पर आध रत प च बहन क पी म से नक ह चार के सही उ र े न क प चु कर न निए : 4´1=4 (i) न न नित म से कतृ य क उ हरण कौ -स है ? (A) प े र सू र प महु म ठूस चक ु । (B) ह र स हब े प े से पछ ू । (C) च मे े र मनू त क च म ब नय त । (D) ह र स हब र ीप म बैठ गय । 3/S/1 Page 8 P.T.O. (ii) “ गरप न क र क बे के इक ौते ह ई कू के इक ौते इग म टर मोती को मनू त ब े क क म स प न य गय ।” - य म य भे है : (A) कतृ य (B) भ य (C) कम य (D) इ म से कोई ह (iii) ू ।” - इस य को कम य म ब “उस े पीछे मु कर महु क प ीचे क े पर शु प होग : (A) उसके र पीछे मु कर महु क प ीचे क ू गय । (B) ह पीछे मु कर महु क प ीचे क ओर क ू ेग । (C) उसके र पीछे मु कर महु क प ीचे क ू रह होग । (D) ह पीछे मु कर महु क प ीचे क ू रह । (iv) “ह र स हब र ोर से हस गय ।” इस य क य भे है : (A) कम य (B) भ य (C) कतृ य (D) इ म से कोई ह (v) तभ-I को तभ-II से समु ने त क न ए और सही न क प क चय करके न निए : तंभ-I तंभ-II 1 औरत क े ेकर मे पर बैठी ह । (I) भ य 2. ब गोनब भगत के सगीत र ोग को ग य रह है । (II) कम य 3. ब गोनब भगत र सोच रह है । (III) कतृ य विक प : (A) 1-(II), 2-(III), 3-(I) (B) 1-(I), 2-(II), 3-(III) (C) 1-(III), 2-(II), 3-(I) (D) 1-(I), 2-(III), 3-(II) 3/S/1 Page 9 P.T.O. 5. न श सु र ‘प -प रचय’ पर आध रत प च बहन क पी म से नक ह चार के सही उ र े न क प चु कर न निए : 4´1=4 (i) “म तो चौप पर तु ह र भ षण सु ते ही सीध भड री ी को बध ई े े च आय ।” – रे ि नकत प क प रचय होग : (A) उ मपु ष चक स म, पनु ग, एक च , कत क रक (B) उ मपु ष चक स म, ीन ग, एक च , कत क रक (C) उ मपु ष चक स म, पनु ग, एक च , कम क रक (D) उ मपु ष चक स म, ीन ग, एक च , कम क रक (ii) “नपत ी स रे न भभकते रहे ।”- रे ि नकत प क प रचय होग : (A) सकमक न य , पनु ग, एक च , भतू क , कतृ य (B) अकमक न य , ीन ग, एक च , भतू क , कतृ य (C) सकमक न य , पनु ग, बह च , भतू क , कतृ य (D) अकमक न य , पनु ग, बह च (आ र ), भतू क , कतृ य (iii) “स ् 47 के मई मही े म शी अ को कॉ े े ोनटस म न य ।” - रे ि नकत प क प रचय होग : (A) नत चक स , ीन ग, एक च , कम क रक (B) यन चक स , पनु ग, एक च , कत क रक (C) यन चक स , ीन ग, एक च , कम क रक (D) नत चक स , ीन ग, एक च , कत क रक (iv) “नकसी न एक नश य े डरते -डरते ि स हब को टोक ।” - रे ि नकत प क प रचय होग : (A) न न त स य चक न शेषण, ीन ग, एक च , न शे य-नश य (B) न न त प रम ण चक न शेषण, ीन ग, एक च , न शे य-नश य (C) अन न त स य चक न शेषण, ीन ग, एक च , न शे य-नश य (D) अन न त प रम ण चक न शेषण, ीन ग, एक च , न शे य-नश य 3/S/1 Page 10 P.T.O. (v) “सु ोच क ई न म यह गी है ।” - रे ि नकत प क प रचय होग : (A) क चक न य -न शेषण, ीन ग, एक च , ‘ गी’ न य क न शेषत (B) चक न य -न शेषण, ीन ग, एक च , ‘ गी’ न य क न शेषत (C) चक न य -न शेषण, पनु ग, एक च , ‘ गी’ न य क न शेषत (D) क चक न य -न शेषण, पनु ग, एक च , ‘ गी’ न य क न शेषत 6. न श सु र ‘अ क र’ पर आध रत न न नित प च बहन क पी म से नक ह चार के सही उ र े न क प चु कर न निए : 4´1=4 (i) “त नप न नह न होत झ रे म ह कम नहमम रे ” - ततु क य-पन म अ क र है : (A) ेष अ क र (B) उ े अ क र (C) म ीकरण अ क र (D) अनतशयोन अ क र (ii) “तु ह री यह तु रत मसु क मृतक म भी ड गे ी ” - ततु क य-पन म अ क र है : (A) अनतशयोन अ क र (B) ेष अ क र (C) म ीकरण अ क र (D) उ े अ क र (iii) न न नित क म ‘म ीकरण अ क र’ के उ हरण ह : कथन : I. क नतक क हसमि ु सुबह, ी तट से ौटती गग ह कर । II. हे भो हम ो ी । III. श र ी चन क च र ओ े । IV. इत रोय म उस न त -त ैय सब भर ड े । विक प : (A) के क I सही है । (B) क I III सही ह । (C) क II IV सही ह । (D) क I, II, III IV सही ह । 3/S/1 Page 11 P.T.O. (iv) “प ी गए ऊबरै, मोती-म षु -चू । ” - ततु क य-पन म अ क र है : (A) उ े अ क र (B) म ीकरण अ क र (C) ेष अ क र (D) अनतशयोन अ क र (v) “ह मु क पछ ू म ग प ई आग । क नसगरी गई, गए न श चर भ ग ।। ” - ततु क य-पन म अ क र है : (A) म ीकरण अ क र (B) ेष अ क र (C) उ े अ क र (D) अनतशयोन अ क र 7. न न नित पनठत ग श पर आध रत बहन क पी के gdm©{YH$ Cn`wº$ {dH$ën MwZH$a {b{IE : 5´1=5 ऊपर क तस ीर से यह ह म ए नक ब गोनब भगत स धु े । ह , नब कु गृह ! उ क गृनहणी क तो मझु े य ह , उ के बेटे और पतोह को तो म े ि े । ो ी िेतीब री भी ी, एक अ छ स -सु र मक भी । नकत,ु िेतीब री करते, प र र रिते भी, ब गोनब भगत स धु े - स धु क सब प रभ ष ओ म िरे उतर े े । कबीर को ‘स हब’ म ते े, उ ह के गीत को ग ते, उ ह के आ ेश पर च ते । कभी झठू ह बो ते, िर य ह र रिते । नकसी से भी ो-टूक ब त कर े म सकोच ह करते, नकसी से ि मि ह झग मो ेते । नकसी क चीज ह छूते, नब पछ ू े य ह र म ते । इस न यम को कभी-कभी इत ी ब रीक तक े ते नक ोग को कुतहू होत ! - कभी ह सू रे के िेत म शौच के न ए भी ह बैठते ! ह गृह े; ेनक उ क सब चीज ‘स हब’ क ी । ो कुछ िेत म पै होत , नसर पर कर पह े उसे स हब के रब र म े ते – ो उ के घर से च र कोस रू - एक कबीरप ी मठ से मत ब ! ह रब र म ‘भट’ प रि न य कर ‘ स ’ प म ो उ ह नम त , उसे घर ते और उसी से गजु र च ते ! 3/S/1 Page 12 P.T.O. (i) ेिक ब गोनब भगत के प र र के स य म से नकससे प रनचत नह े ? (A) बेटे से (B) पु धू से (C) प ी से (D) नकसी से ह (ii) ब गोनब भगत के कौ -से क य ोग के न ए अचर क क रण ब े ? सही न क प क चय क न ए : I. ि मि ह झग मो े II. नकसी क चीज को नब पछ ू े इ तेम कर III. प ी हो और न यम क ब रीक से प कर IV. नकसी के िेत म शौच के न ए विक प : (A) I और II (B) III और IV (C) के III (D) II और III (iii) ब गोनब भगत नक के आ ेश क अ पु करते े ? (A) कबीर के (B) रब र के (C) ो के (D) ेिक के 3/S/1 Page 13 P.T.O. (iv) ब गोनब भगत को स धु कह गय है : (A) कबीर को स हब म े के क रण (B) कबीर के गीत ग े के क रण (C) अप ी स मठ म अनपत कर े के क रण (D) गृह होते हए न न ी यतीत कर े के क रण (v) क और क रण को प कर उपयु न क प चनु ए : कथन : ब गोनब भगत कबीर के गीत ग ते और उ के आ श े क अ पु करते े । कारण : ब गोनब भगत कबीर को ‘स हब’ म ते े । विक प : (A) क सही है, ेनक क रण, क क सही पनु ह करत । (B) क त है, ेनक क रण सही है । (C) क और क रण ो तह। (D) क सही है और क रण, क क सही पनु करत है । 8. ग प ठ के आध र पर न न नित बहन क पी के स नधक उपयु न क प चु कर न निए : 2´1=2 (i) ह र स हब के भ क ु हो े क य क रण ? (A) मनू त पर ब े क च गोगो च म (B) मनू त पर गो च म (C) मनू त पर सरकडे क च म (D) कै ट क मृ यु हो (ii) म ू भड री के प र र म न ह के न ए अन य यो यत य ी ? (A) अठ रह ष और ब रह प स (B) सो ह ष और स प स (C) अठ रह ष और स प स (D) सो ह ष और आठ प स 3/S/1 Page 14 P.T.O. 9. पनठत प श पर आध रत बहन क पी के स नधक उपयु न क प चु कर न निए : 5´1=5 मधपु गु -गु कर कह त कौ कह ी यह अप ी, मरु झ कर नगर रह पन य ि े ो नकत ी आ घ ी । इस गभीर अ त- ीन म म अस य ी -इनतह स, यह ो, करते ही रहते ह अप य य-मन उपह स तब भी कहते हो – कह ड ू बु त अप ी बीती । तमु सु कर सिु प ओगे, िे ोगे – यह ग गर रीती । नकतु कह ऐस हो नक तमु ही ि ी कर े े – अप े को समझो, मेर रस े अप ी भर े े । यह न डब ! अरी सर ते तेरी हसी उ ऊ म । भू अप ी य च और क न ि ऊ म । उ ग कै से ग ऊ, मधुर च ी र त क । अरे नि -नि कर हसते हो े ी उ ब त क । (i) ‘पन य क मरु झ कर नगर ’ नकसक तीक है ? (A) ी क रत क (B) उपह स और प रह स क (C) ी क ब ध ओ क (D) ी क अ तत क (ii) ‘तमु सु कर सुि प ओगे’ क य-पन म ‘तमु ’ नकसके न ए योग हआ है ? (A) कन के न ए (B) नम के न ए (C) ेयसी के न ए (D) नकसी के न ए ह (iii) ‘रीनत ग गर’ से य अनभ य है ? (A) न नश उप न ध क हो (B) ध -सपन क अभ हो (C) ी म कोई अप हो (D) ी म कोई भ हो 3/S/1 Page 15 P.T.O. (iv) कन अप े ी क उ ग नकसी के स य ह ब ट च हत ? (A) उपह स क प ह ब च हत । (B) ह कन क न ी सपन है । (C) कन अ यत सकोची भ क है । (D) कन भ क ु नृ क है । (v) क और क रण को प कर उपयु न क प चनु ए : कथन : कन अप े ी क कमजोरी सम के स म े ह च हते । कारण : ोग के बीच कट पणू मज क ब े क भय है । विक प : (A) क सही है, ेनक क रण त है । (B) क और क रण ो सही ह त क रण, क क सही य य करत है । (C) क त है, ेनक क रण सही है । (D) क और क रण ो तह। 10. पनठत कन त ओ के आध र पर बहन क पी के स नधक उपयु न क प चनु ए : 2´1=2 (i) ‘उत त ध र बही’ ततु क य-पन म कौ -सी ध र बह े क ब त हो रही है ? (A) ध भन क (B) कृ ण भन क (C) योग स श े क (D) र मभन क (ii) सगतक र कन त म ह सु र कमजोर क पती हई आ ज नकसक हो सकती है ? (A) मु य ग यक के गु क (B) मु य ग यक के छोटे भ ई क (C) मु य ग यक के नश य क (D) (B) और (C) ो 3/S/1 Page 16 P.T.O. ख डब (ि ना मक ) 11. ग िड पर आध रत न न नित च र म से नक ह तीन के उ र गभग 25 – 30 श म न निए : 3´2=6 (क) ‘ ेत ी क च म ’ प ठ म प े के मि ु से ‘कै ट ’ म सु कर ह र स हब के म मन त क म च मे े के ब रे म य ध रण ब ी ी ? ह ब म कै से ब गई ? (ि) ‘ ि ी अ ज’ प ठ म ेिक े ब स हब क असनु ध और सकोच के क रण क अ मु कै से ग य ? (ग) ‘स यत -स कृ नत’ और ‘अस यत -अस कृ नत’ के बीच क अतर ‘स कृ नत’ प ठ के आध र पर प क न ए । (घ) नकस मनु म प क म नबन म ि और शह ई के स ु है ? उस प क प रचय ीन ए । 12. न ध रत कन त ओ पर आध रत न न नित च र म से नक ह तीन के उ र गभग 25 – 30 श म न निए : 3´2=6 (क) परशरु म ी े मण के स म े अप ी नक -नक न शेषत ओ क बि नकय ? (ि) आसम म उ े के न ए कन को पि कब और य ग ते ह ? ‘अट ह रही है’ कन त के आध र पर उ र ीन ए । (ग) नम ी क गणु (उप ऊ शन ) को हम कै से क यम रि सकते ह ? ‘ स ’ कन त के स भ म न निए । (घ) मसु क से म म और त रण म य प र त ेि े को नम त है ? ‘यह तु रत मसु क ’ कन त के आध र पर उ र ीन ए । 3/S/1 Page 17 P.T.O. 13. परू क प ठ्य-पु तक ‘कृ नतक भ ग-2’ पर आध रत न न नित ती म से नक ह दो के उ र गभग 50 – 60 श म न निए : 2´4=8 (क) ‘म त क अच ’ प ठ म आप े भो के नपत क न चय प ी । उ क न चय आपके नपत ी क न चय से नकस क र नम ती है ? (ि) ‘स -स ह ोन ’ प ठ के आध र पर न निए नक रगी और स े बौ पत क ए नकसक तीक ह और इ के ब रे म य म यत चन त है ? (ग) ेिक े ‘न ि े’ को ेकर कौ -कौ से क रण ततु नकए ? ‘म य न ित ह ?’ प ठ के आध र पर उ र ीन ए । 14. न न नित ती न षय म से नकसी एक न षय पर न ए गए सके त-नब ओ ु के आध र पर गभग 120 श म एक अ ु छे न निए : 6 (क) परनहत स रस धम नह भ ई सके त-नब ु · ोकोन क अ · परोपक र के अ ग-अ ग तरीके · ी म िशु ी क भड र (ि) नै तक मू य क पत सके त-नब ु · ैनतकत से त पय · पत के क रण · अ ैनतकत से ह न · उप य (ग) स चे नम क कसौटी सके त-नब ु · स च नम कौ · स चे नम के भ · अ छे -बरु े क पहच 3/S/1 Page 18 P.T.O. 15. (क) आप न त/ न त ह । आपके छोटे भ ई े बोड क परी म अ ह नस नकय है । ह नपत ी से परु क र प एक मोटरस इनक क म ग कर रह है । गभग 100 श म प न िकर उसे समझ इए नक य क हो े से पह े ह च ग त है । 5 अथिा (ि) आप कम /कम ह । आपके े म हर रो ब ती भी के क रण ह च क को अ ेक मनु क क स म कर प रह है । इस सम य के सम ध के न ए स क क चौ ई ब े क आ यकत पर ब ते े हए अप े त के मु यम ी को bJ^J 100 eãXm| _| nÌ {b{IE & 5 16. (क) आप मोह /मोनह ी ह । आपके शहर म सभी क र के ि प म नम ट क धध ोर-शोर पर है । इस सम य के नत य आकृ कर े के न ए अप े र य के ि म ी को गभग 80 श म ई-मे न निए । 5 अथिा (ि) आप रनतक/ रनतक ह । आप े एम.एससी., बी.एड. प स कर ी है और न ी के नकसी कू म न के अ य पक/अ य नपक प पर आ े कर च हते ह । इसके न ए अप ी सम त शै नणक यो यत ओ क ण करते हए गभग 80 eãXm| म एक ृ तैय र क न ए & 5 17. (क) ब त इ क म ‘सह यत नशन र’ ग े हेतु गभग 40 श मन प तैय र कन ए& 4 अथिा (ि) अप े नम के नपत ी क ो नत पर बध ई स श े गभग 40 श म न निए । 4 3/S/1 Page 19 P.T.O. अंकन योजना अत्यंत गोपनीय (केवल आंतरिक और सीमित प्रयोग हे त)ु सेकेंडरी स्कूल सप्लीमें ट्री परीक्षा 2024 कक्षा- 10 वीं हिंदी (A), कोड- 002 प्रश्न पत्र कोड 3/S/1 सामान्य निर्देश: 1.आप जानते हैं कि परीक्षार्थियों के सही और उचित आकलन के लिए उत्तर पस्ति ु काओं का मल् ू यांकन एक महत्वपर्ण ू प्रक्रिया है । मल् ू यांकन में एक छोटी सी भल ू भी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है जो परीक्षार्थियों के भविष्य, शिक्षा व्यवस्था और अध्ययन-अध्यापन व्यवस्था को भी प्रभावित कर सकती है । गलतियों से बचने के लिए अनरु ोध किया जाता है कि मल् ू यांकन प्रारं भ करने से पर्व ू ही आप मल्ू यांकन निर्देशों को ध्यानपर्व ू क पढ़ और समझ लें। 2. मल् ू यांकन नीति एक गोपनीय नीति है । आयोजित परीक्षाओं की गोपनीयता, किए गए मल् ू यांकन और कई अन्य पहलओ ु ं से संबधि ं त होने की वजह से मल् ू यांकन की गोपनीयता अनिवार्य है । किसी भी प्रकार से इसके सार्वजनिक होने या ‘लीक’ होने पर परीक्षा व्यवस्था पर दष्ु प्रभाव पड़ सकता है जिससे लाखों उम्मीदवारों का जीवन और भविष्य प्रभावित हो सकता है । इस नीति/दस्तावेज को किसी से भी साझा करना, किसी पत्रिका में प्रकाशित करना और समाचार पत्र/वेबसाइट आदि में छापना भारतीय दं ड संहिता (IPC) के तहत कार्रवाई को आमंत्रित कर सकता है । 3. मल्ू यांकन अंकन योजना में दिए गए निर्देशों के अनस ु ार ही किया जाना चाहिए, अपनी व्यक्तिगत व्याख्या या किसी अन्य धारणा के अनस ु ार नहीं। यह अनिवार्य है कि अंकन योजना का अनप ु ालन समग्रतापर्वू क और निष्ठापर्वू क किया जाए। हालाँकि, मल् ू यांकन करते समय, जो उत्तर नवीनतम जानकारी या ज्ञान पर आधारित या अभिनव हैं (innovative), उनकी सत्यता और उपयक् ु तता को परखते हुए उचित अंक दिए जा सकते हैं। कक्षा दसवीं के प्रश्न पत्र में दिए गए दो दक्षता आधारित (competency based) प्रश्नों का मल् ू यांकन करने में कृपया विद्यार्थियों द्वारा दिए गए उत्तर को समझने का प्रयास करें । विद्यार्थियों द्वारा दिए गए उत्तर चाहे अंकन योजना में दिए गए उत्तर से मेल न खाते हों, तब भी यदि उन्होंने सही दक्षताओं को व्यक्त किया हो तो उन्हें उचित अंक दिए जाने चाहिए। 4. अंकन योजना में उत्तरों के लिए केवल बिंद ु सझ ु ाए जाते हैं। ये बिंद ु प्रकृति में केवल दिशानिर्देशों की भाँति होते हैं और परू े उत्तर का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। विद्यार्थी अपनी शैली में उत्तर दे सकते हैं और यदि उनकी अभिव्यक्ति सही है , तो उसके अनस ु ार उचित अंक दिए जाने चाहिए। 5. अंकन योजना में दिए गए निर्देशों के अनस ु ार ही मल् ू यांकन किया गया है , यह सनि ु श्चित करने के लिए मख् ु य परीक्षक पहले दिन प्रत्येक मल् ू यांकनकर्ता द्वारा जाँची गई पहली पाँच उत्तर पस्ति ु काओं के मल्ू यांकन की जाँच ध्यानपर्व ू क करें । यदि कोई अंतर है , तो विचार-विमर्श और चर्चा के बाद वह समाप्त /शन्ू य हो जाना चाहिए। परीक्षकों को मल् ू यांकन के लिए शेष उत्तरपस्ति ु काएँ तभी दी जाएँ जब मख् ु य परीक्षक आश्वस्त हो कि मल् ू यांकनकर्ताओं के अंकन में बहुत अधिक भिन्नता नहीं है । 1 6. मल् ू यांकनकर्ता सही उत्तर पर सही का निशान (✔) लगाएँ। गलत उत्तर के लिए गलत का चिह्न ( x ) लगाएँ। मल् ू यांकनकर्ता द्वारा ऐसा चिह्न न लगाने से ऐसा लगता है कि उत्तर सही है परं तु उस पर अंक नहीं दिए गए हैं। यह मल्ू यांकनकर्ताओं द्वारा की जाने वाली सबसे आम गलती है । 7. यदि किसी प्रश्न के उपभाग भी हों, तो कृपया प्रश्नों के प्रत्येक उपभाग के उत्तर पर दाईं ओर अंक दिए जाएँ। बाद में , उस प्रश्न के सभी उपभागों के इन अंकों का योग बाईं ओर के हाशिये में लिखकर उसे गोलाकृत कर दिया जाए। इसका अनप ु ालन दृढ़तापर्व ू क किया जाए। 8. यदि किसी प्रश्न का कोई उपभाग न हो, तो बाईं ओर के हाशिये में अंक दिए जाएँ और उन्हें गोलाकृत किया जाए। इसके अनप ु ालन में भी दृढ़ता बरती जाए। 9. यदि परीक्षार्थी ने किसी प्रश्न का उत्तर दो स्थानों पर लिख दिया है और किसी एक को काटा नहीं है तो जिस उत्तर पर अधिक अंक प्राप्त हो रहे हों, उस पर अंक दें और दस ू रे को काट दें । यदि परीक्षार्थी ने अतिरिक्त प्रश्न/प्रश्नों का उत्तर दे दिया है तो जिन उत्तरों पर अधिक अंक प्राप्त हो रहे हों, उन्हीं पर अंक दें और अन्य उत्तर को काटकर उस पर ‘अतिरिक्त प्रश्न’ लिख दें । 10. एक ही प्रकार की अशद् ु धि बार-बार हो तो हर बार उसके अंक न काटें । एक जैसी त्रटि ु के लिए अंक एक बार ही काटे जाएँ। 11. यहाँ यह ध्यान रखना होगा कि मल् ू यांकन में संपर्ण ू अंक पैमाने 0-80 (उदाहरण के लिए प्रश्न-पत्र में दिए अधिकतम अंकों के अनस ु ार 0 से 80/70/60/50/40/30 अंक) का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। परीक्षार्थी ने यदि सभी अपेक्षित उत्तर बिंदओ ु ं का उल्लेख किया है तो उसे परू े 80 अंक दे ने में संकोच न करें । 12. प्रत्येक मल् ू यांकनकर्ता को पर्ण ू कार्य अवधि में अर्थात 8 घंटे प्रतिदिन अनिवार्य रूप से मल् ू यांकन कार्य करना है और प्रतिदिन मख् ु य विषयों की 20 उत्तर पस्ति ु काएँ तथा अन्य विषयों की 25 उत्तर पस्तिु काएँ जाँचनी हैं। ( विस्ततृ विवरण ‘स्पॉट गाइडलाइन’ में दिया गया है ) 13. नीचे कुछ सामान्य त्रटि ु यों की सचू ी दी गई है जिन्हें पिछले वर्षों में मल् ू यांकनकर्ताओं द्वारा किया जाता रहा है । यह सनि ु श्चित करें कि आप इस प्रकार की त्रटि ु याँ न करें – उत्तरपस्ति ु का में किसी उत्तर या उत्तर के अंश को जाँचे बिना छोड़ दे ना उत्तर के लिए निर्धारित अंकों से अधिक अंक दे दे ना उत्तर के लिए दिए गए अंकों का योग ठीक न होना उत्तरपस्ति ु का के अंदर दिए गए अंकों का आवरण पष्ृ ठ पर सही अंतरण न होना आवरण पष्ृ ठ पर प्रश्नानस ु ार योग करने में अशद् ु धि आवरण पष्ृ ठ पर दो कॉलम के अंकों का योग करने में अशद् ु धि कुल अंकों के योग में अशद् ु धि प्राप्तांकों को संख्याओं और शब्दों में लिखने में अंतर होना उत्तरपस्ति ु काओं से ऑनलाइन अंकसच ू ी में सही अंतरण न होना 2 उत्तरों पर सही का चिह्न (✔) लगाना किंतु अंक न दे ना। (सनिु श्चित करें कि ( ✔ ) या ( x ) का उपयक् ु त चिह्न ठीक ढं ग से और स्पष्ट रूप से लगा हो। यह मात्र एक रे खा के रूप में न हो) उत्तर का एक भाग सही और बाकी गलत हो किंतु कोई अंक न दिए गए हों। 14. उत्तरपस्ति ु काओं का मल् ू यांकन करते हुए, यदि कोई उत्तर पर्ण ू रूप से गलत हो तो उस पर ( x) निशान लगाएँ और शन् ू य (0) अंक दें । 15. उत्तरपस्तिु का पर किसी प्रश्न का बिना जाँच किए छूट जाना, मख् ु य पष्ृ ठ पर अंतरण न होना या प्राप्तांकों के योग में किसी त्रटि ु का पता लगना मल् ू यांकन कार्य से जड़ ु े सभी लोगों की छवि को और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की प्रतिष्ठा को धमि ू ल करता है । इसलिए, सभी की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए यह फिर से दोहराया जाता है कि निर्देशों का सावधानीपर्व ू क और विवेकपर्ण ू तरीके से पालन किया जाए। 16. सभी मल्ू यांकनकर्ता वास्तविक मल् ू यांकन कार्य प्रारं भ करने से पहले ‘स्पॉट इवैल्यए ू शन’ के निर्देशों से सप ु रिचित अवश्य हो जाएँ। 17. प्रत्येक मल् ू यांकनकर्ता सनि ु श्चित करे कि सभी उत्तरों का मल् ू यांकन किया जा चक ु ा है , आवरण पष्ृ ठ पर तथा योग में कोई अशद् ु धि नहीं रह गई है तथा कुल योग को शब्दों और अंकों में लिखा गया है । 18. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद पन ु र्मूल्यांकन प्रक्रिया के अंतर्गत परीक्षार्थियों के अनरु ोध पर निर्धारित शल् ु क भग ु तान के बाद उन्हें उत्तर पस्ति ु काओं की फोटो कॉपी प्राप्त करने की अनम ु ति दे ती है । सभी मल् ू यांकनकर्ताओं /अतिरिक्त मख् ु य परीक्षकों/ प्रधान परीक्षकों को एक बार फिर याद दिलाया जाता है कि वे सनिु श्चित करें कि प्रत्येक उत्तर का मल् ू यांकन अंक योजना में दिए गए मल् ू य बिंदओु ं के अनस ु ार ही किया जाए। 3 अंक-योजना जुलाई, 2024 (सप्लीमेंट्री परीक्षा) प्रश्न पत्र कोड: 3/S/1 विषय : व ं दी (पाठ्यक्रम ‘अ’) कक्षा – दसिीं अंक और प्रश्न उपभाग उत्तर-संकेत / मूल्य व ंदु अंक – विभाजन खंड – ‘अ’ (बहुविकल्पी / िस्तुपरक प्रश्न) 1 1 वनम्नवलखित गद्ां श को ध्यानपूिवक पढ़कर उस पर आधाररत वदए गए 5X1= 5 प्रश्नों के सिाव वधक उपयुक्त उत्तर िाले विकल्प चुनकर वलखिए : मेघालय पूिोत्तर.......ि ााँ की संस्कृवत का एक अट्ू ट् वसलवसला। (i) प्रश्न - मेघालय प्रदे श की सीमाएाँ साझा ोती ैं : उत्तर - (C) (A) और (B) दोनों ी सीमाओं से 1 (ii) प्रश्न - मेघालय को उत्तरी भारत का स्कॉट्लैण्ड क ा जाता ै : उत्तर - (A) य ााँ के मनोरम प्राकृवतक स दं यव के कारण 1 (iii) प्रश्न - मातृसत्तात्मक पाररिाररक व्यिस्था में : उत्तर - (C) पररिार की मुखिया मव ला ोती ै , संपवत्त ेट्ी को वमलती ै। 1 (iv) प्रश्न - ‘माइती ाजार’ के विषय में क्या असत्य ै ? 1 उत्तर - (D) य ााँ केिल मव लाओं को प्रिेश वमलता ै । (v) कथन और कारण को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुवनए : कथन : मेघालय में नारी का सम्मान ोता ै न वक शोषण। कारण: खियााँ आवथवक दृवि से आत्मवनभवर ैं । उत्तर- (D) कथन स ी ै लेवकन कारण, कथन की स ी पुवि न ीं करता 1 ै। 2 2 प्रश्न - वनम्नवलखित काव्यां श को ध्यानपूिवक पढ़कर उस पर आधाररत 5x1= 5 वदए गए प्रश्नों के सिाव वधक उपयुक्त उत्तर िाले विकल्प चुनकर वलखिए : 1 ाँ सते -खिलखिलाते... रं ग जाती एक ऋतु (i) प्रश्न - िसंत ऋतु की धन्यता वकसकी मे नत का पररणाम ै ? उत्तर - (D) रं ग-व रं गे फूलों की 1 (ii) प्रश्न - ‘वमट्टी का अाँधेरा फोड़, सूरज से आाँ िें वमलाई ैं ’ - काव्य-पंखक्त का भािाथव ै : उत्तर - (A) कविनाइयों का सा सपूिवक सामना वकया ै । 1 (iii) प्रश्न - ‘उसे यवद जानते तो तुमसे भी, रं ग जाती एक ऋतु’- पंखक्तयों में क्या जानने की ात की जा र ी ै ? उत्तर - (A) जीिन का स द ं यव पररश्रम में ी ै । 1 (iv) प्रश्न - प्रस्तुत काव्यां श में ‘िा ’ का प्रयोग वकसके वलए हुआ ै ? 1 उत्तर - (D) िसंत ऋतु के वलए (v) प्रश्न - कथन और कारण को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुवनए : कथन: रं ग-व रं गे फूल दे िकर कवि को ‘रं गों की रसात’ का अनुभि ोता ै । कारण : फूलों की सुंदरता और सुगंध कवि को मो लेती ै । उत्तर - (C) कथन स ी ै और कारण, कथन की स ी पुवि करता ै । 1 3 3 प्रश्न - वनदे शानुसार ‘रचना के आधार पर िाक्य-भेद’ पर आधाररत पााँ च 4x1= 4 हुविकल्पी प्रश्नों में से वकन्ीं चार प्रश्नों के स ी उत्तर िाले विकल्प चुनकर वलखिए : (i) प्रश्न - वनम्नवलखित में से संयुक्त िाक्य से सं ंवधत कथन/कथनों िाले विकल्प का चयन कर वलखिए : उत्तर - (B) कथन I ि III स ी ैं । 1 (ii) प्रश्न - ‘रसू लन ाई और तूलन ाई ज गाती ैं त अमीरुद्दीन को िुशी वमलती ै ।’ रचना की दृवि से िाक्य-भेद ै – उत्तर - (D) वमश्र िाक्य 1 (iii) प्रश्न - वनम्नवलखित में से सरल िाक्य का उदा रण क न-सा ै ? उत्तर - (A) काशी में संगीत आयोजन की एक प्राचीन एिं अद् भुत परं परा ै । 1 2 (iv) प्रश्न - ‘काशी संस्कृवत की पािशाला ै और य शािों में आनंदकानन के नाम से प्रवतवित ै ।’ रचना की दृवि से य िाक्य ै - 1 उत्तर - (B) संयुक्त िाक्य (v) प्रश्न - स्तंभ-I को स्तंभ-II से सुमेवलत कीवजए और स ी विकल्प का चयन करके वलखिए : उत्तर - (A) 1 -(III), 2-(I), 3-(II) 1 4 4 प्रश्न - वनदे शानुसार ‘िाच्य' पर आधाररत पााँ च हुविकल्पी प्रश्नों में से 4x1= 4 वकन्ीं चार प्रश्नों के स ी उत्तर िाले विकल्प चुनकर वलखिए : (i) प्रश्न - वनम्नवलखित में से कतृविाच्य का उदा रण क न-सा ै ? उत्तर - (B) ालदार सा ने पान िाले से पूछा। 1 (ii) प्रश्न - ‘नगरपावलका द्वारा कस्बे के इकल ते ाई स्कूल के इकल ते डराइं ग मास्टर मोतीलाल को मूवतव नाने का काम स प ं वदया गया।’ - िाक्य में िाच्य भेद ै : 1 उत्तर - (C) कमविाच्य (iii) प्रश्न - ‘उसने पीछे मुड़कर मुाँ का पान नीचे थूका।’ - इस िाक्य को कमविाच्य में दलने पर शुद्ध रूप ोगा : उत्तर - (A) उसके द्वारा पीछे मुड़कर मुाँ का पान नीचे थूका गया । 1 (iv) प्रश्न - ‘ ालदार सा द्वारा जोर से ाँ सा गया।’ इस िाक्य का िाच्य भेद ै: उत्तर - (B) भाििाच्य 1 (v) प्रश्न - स्तंभ-I को स्तंभ-II से सुमेवलत कीवजए और स ी विकल्प का चयन करके वलखिए : 1 उत्तर - (C) 1 -(III), 2-(II), 3-(I) प्रश्न - वनदे शानुसार ‘पद-पररचय' पर आधाररत पााँ च हुविकल्पी प्रश्नों में 5 5 से वकन्ीं चार प्रश्नों के स ी उत्तर िाले विकल्प चुनकर वलखिए : 4x1= 4 3 (i) प्रश्न - ‘मैं तो च पड़ पर तुम्हारा भाषण सुनते ी सीधा भंडारी जी को धाई दे ने चला आया।’ - रे िां वकत पद का पररचय ोगा : उत्तर - 1 (A) उत्तमपुरुषिाचक सिवनाम, पुखलंग, एकिचन, कताव कारक (ii) प्रश्न - ‘वपता जी सारे वदन भभकते र े ।’- रे िां वकत पद का पररचय ोगा : उत्तर - (D) अकमवक वक्रया, पुखलंग, हुिचन (आदराथव), भूतकाल, 1 कतृविाच्य (iii) प्रश्न - ‘सन् 47 के मई म ीने में शीला अग्रिाल को कॉलेज िालों ने नोवट्स थमा वदया।’ – रे िां वकत पद का पररचय ोगा : 1 उत्तर - (C) व्यखक्तिाचक संज्ञा, िीवलंग, एकिचन, कमव कारक (iv) प्रश्न - ‘वकसी वदन एक वशष्या ने डरते-डरते िााँ सा को ट्ोका।’ - रे िां वकत पद का पररचय ोगा - उत्तर - (A) वनवित संख्यािाचक विशेषण, िीवलंग, एकिचन, विशेष्य- 1 वशष्या (v) प्रश्न - ‘सुलोचना की नई व़िल्म य ााँ लगी ै ।’ - रे िां वकत पद का पररचय ोगा - उत्तर - (B) स्थानिाचक वक्रया-विशेषण, ‘लगी’ वक्रया की विशेषता 1 (C) स्थानिाचक वक्रया-विशेषण, ‘लगी’ वक्रया की विशेषता (विशेष: वक्रयाविशेषण अविकारी ोते ैं , इन पर वलंग िचन आवद का प्रभाि न ीं पड़ता परं तु प्रश्न के साथ वदए गए विकल्पों में ऐसा प्रयोग वदि र ा ै । मूल भेद के अनुसार उपयुवक्त दोनों विकल्प स ी ैं ।) 6 6 प्रश्न - वनदे शानुसार ‘अलंकार' पर आधाररत वनम्नवलखित पााँ च हुविकल्पी 4x1= 4 प्रश्नों में से वकन्ीं चार प्रश्नों के स ी उत्तर िाले विकल्प चुनकर वलखिए - (i) प्रश्न - ‘तदवप वदनव ं वदन ोत झााँ िरे मनहाँ कमल व ममारे ’ - प्रस्तुत काव्य-पंखक्त में अलंकार ै - 1 उत्तर - (B) उत्प्रेक्षा अलंकार 4 (ii) प्रश्न - ‘तुम्हारी य दं तुररत मुसकान मृतक में भी डाल दे गी जान’ - प्रस्तुत काव्य-पंखक्त में अलंकार ै : 1 उत्तर - (A) अवतशयोखक्त अलंकार (iii) प्रश्न - वनम्नवलखित कथनों में मानिीकरण अलंकार’ के उदा रण ैं उत्तर - (B) कथन I ि III स ी ैं । 1 प्रश्न - ‘पानी गए न ऊ रै , मोती-मानुष-चून।’ - प्रस्तुत काव्य-पंखक्त में (iv) अलंकार ै - उत्तर - (C) श्ले ष अलं कार 1 (v) प्रश्न - ‘ नुमान की पूाँछ में लगन न पाई आग। लंका वसगरी जल गई, गए वनशाचर भाग॥’ - प्रस्तुत काव्य-पंखक्त में अलंकार ै : उत्तर - (D) अवतशयोखक्त अलंकार 1 7 7 प्रश्न - वनम्नवलखित पवित गद्ां श पर आधाररत हुविकल्पी प्रश्नों के 5x1= 5 सिाव वधक उपयुक्त विकल्प चुनकर वलखिए : ऊपर की तसिीर से य न ीं माना जाए...... उसे घर लाते और उसी से गुजर चलाते। (i) प्रश्न - ले िक ालगोव न भगत के पररिार के सदस्ों में से वकससे पररवचत न ीं थे? उत्तर - (C) पत्नी से 1 (ii) प्रश्न - ालगोव न भगत के क न-से कायव लोगों के वलए अचरज का कारण ने? स ी विकल्प का चयन कीवजए : 1 उत्तर - (C) केिल III (iii) प्रश्न - ालगोव न भगत वकनके आदे शों का अनुपालन करते थे? उत्तर - (A) क ीर के 1 (iv) प्रश्न - ालगोव न भगत को साधु क ा गया ै : उत्तर - (D) गृ स्थ ोते हुए वनवलवप्त जीिन व्यतीत करने के कारण 1 5 (v) प्रश्न - कथन और कारण को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुवनए : कथन : ालगोव न भगत क ीर के गीत गाते और उनके आदे शों का अनुपालन करते थे। कारण : ालगोव न भगत क ीर को ‘सा ' मानते थे। उत्तर - (D) कथन स ी ै और कारण, कथन की स ी पुवि करता ै । 1 8 8 गद् पािों के आधार पर वनम्नवलखित हुविकल्पी प्रश्नों के सिाव वधक 2X1= 2 उपयुक्त विकल्प चुनकर वलखिए - (i) प्रश्न - ालदार सा के भािुक ोने का क्या कारण था? उत्तर - (C) मूवतव पर सरकंडे का चश्मा 1 (ii) प्रश्न – मन्नू भंडारी के पररिार में वििा के वलए अवनिायव योग्यता क्या थी? उत्तर - (B) सोल िषव और दसिीं पास 1 9 9 प्रश्न - पवित पद्ां श पर आधाररत हुविकल्पी प्रश्नों के सिाव वधक उपयुक्त 5X1= 5 विकल्प चुनकर वलखिए : मधुप गुन-गुनाकर क जाता... िाली उन ातों की। (i) प्रश्न - ‘पवत्तयों का मुरझाकर वगरना’ वकसका प्रतीक ै ? 1 उत्तर – (A) जीिन की नश्वरता का (ii) प्रश्न - ‘तुम सुनकर सुि पाओगे ’ काव्य-पंखक्त में ‘तुम’ वकसके वलए प्रयोग हुआ ै ? 1 उत्तर - (B) वमत्रों के वलए (iii) प्रश्न - ‘रीवत गागर’ से क्या अवभप्राय ै ? 1 उत्तर - (A) विवशि उपलखि का न ोना 6 (iv) प्रश्न - कवि अपने जीिन की उज्ज्वल गाथा वकसी के साथ क्यों न ीं ााँ ट्ना चा ता? उत्तर - (B) ि कवि की वनजी संपवत्त ै । 1 (v) प्रश्न - कथन और कारण को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुवनए – कथन : कवि अपने जीिन की कमजोरी………..लाना न ीं जाना चा ते। कारण : लोगों के ीच ……......मजाक नने का भय ै । उत्तर - (B) कथन और कारण दोनों स ी ैं तथा कारण, कथन की स ी 1 व्याख्या करता ै । 10 10 प्रश्न - पवित कविताओं के आधार पर हुविकल्पी प्रश्नों के सिाव वधक 2X1= 2 उपयुक्त विकल्प चुवनए : (i) प्रश्न - ‘उत तैं धार ी' प्रस्तुत काव्य-पंखक्त में क न-सी धारा ने की ात ो र ी ै ? उत्तर- (C) योग संदेश की 1 (ii) प्रश्न - संगतकार कविता में ि सुंदर कमजोर कााँ पती हुई आिाज वकसकी ो सकती ै ? उत्तर - (D) (B) और (C) दोनों 1 खण्ड ब (िर्णनात्मक प्रश्न) 11 11 प्रश्न - गद् िंड पर आधाररत वनम्नवलखित चार प्रश्नों में से वकन्ीं तीन प्रश्नों 2x3= 6 के उत्तर लगभग 25 - 30 शब्ों में वलखिए : (क) प्रश्न - ‘नेता जी का चश्मा’ पाि में पान िाले के मुि से ‘कैप्टन’ नाम सुनकर ालदार सा के मन मखस्तष्क में चश्मे िाले के ारे में क्या धारणा नी थी? ि ाद में कैसे दल गई? उत्तर - धारर्ा : कैप्टन नेताजी का साथी या आजाद व ं द फ ज का 2 भूतपूिव वसपा ी 7 कोई प्रभािशाली, म त्वपूणव और प्रवतवित व्यखक्त धारर्ा का पररिर्णन : कैप्टन को प्रत्यक्ष दे िकर पता चलने पर वक चश्मे िाला कोई सैन्य अवधकारी न ीं, खि एक फेरीिाला ै । (1 +1 =2 अंक) ----------------------------------------------- वकसी एक उपयुक्त व ंदु के उलेि पर (1 अंक) ----------------------------------------------- असंगत या वनरथवक उत्तर वलिने पर (0 अं क) (ि) प्रश्न - ‘लिनिी अंदाज' पाि में लेिक ने निा सा की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान कैसे लगाया? उत्तर – 2 व्यिहार का विश्लेषर् : निा सा द्वारा संगवत के वलए उत्सा न वदिाया जाना। भाि ं का विश्लेषर् : एकां त वचंतन में विघ्न का असंतोष उनकी आाँ िों में वदिाई पड़ना। सामाविक स्थिवर् और छवि पर वचंर्न : िीरे जैसी मामूली िस्तु के साथ दे िे जाने से उनका संकोच में पड़ना। (1 +1 =2 अंक) ----------------------------------------------- ❖ वकसी एक उपयुक्त व ंदु के उलेि पर (1 अंक) ----------------------------------------------- ❖ असंगत या वनरथवक उत्तर वलिने पर (0 अंक) (ग) प्रश्न - ‘सभ्यता-संस्कृवत’ और ‘असभ्यता-असंस्कृवत' के ीच का अंतर ‘संस्कृवत’ पाि के आधार पर स्पि कीवजए। उत्तर- 8 संस्कृवत : ि योग्यता, प्रिृवत्त या प्रेरणा वजसके ल पर वकसी 2 नई िस्तु या तत्त्व की िोज ोती ै । सभ्यता : संस्कृवत का पररणाम ै , संस्कृवत द्वारा वकए गए आविष्कार। असंस्कृवत : जो योग्यता विनाश के साधनों का वनमाव ण कराती ै , ि असंस्कृवत ै । कल्याण की भािना से रव त संस्कृवत, असंस्कृवत ै । असभ्यता : आत्मविनाश के साधन असभ्यता ैं । असंस्कृवत का पररणाम असभ्यता ै । (1+1= 2) ----------------------------------------------- ❖ ‘सभ्यता-संस्कृवत’ अथिा ‘असभ्यता-असंस्कृवत' में कोई एक अंतर वलिने पर अथिा सभ्यता, संस्कृवत, असभ्यता, असंस्कृवत में वकन्ीं दो के ारे में थोड़ा- हुत वलिने पर (1 अंक) ----------------------------------------------- ❖ सभ्यता, संस्कृवत; असभ्यता, असंस्कृवत में वकसी एक के ारे में थोड़ा- हुत वलिने पर ( ½ अंक) ----------------------------------------------- ❖ असंगत या वनरथवक उत्तर वलिने पर (0 अंक) (घ) प्रश्न - वकस मुखिम पिव का नाम व खिला िााँ और श नाई के साथ जुड़ा ै ? उस पिव का पररचय दीवजए। उत्तर- 2 मु रव म; ( ½ अंक) परीक्षाथी प्रश्न के दू सरे व स्से के वलए कोई तीन व ंदु वलिेंगे- 9 शोक का म ीना दस वदनों का शोक जरत इमाम हुसैन एिं उनके कुछ िंशजों की श ादत का शोक मनाया जाना श नाई जाने या संगीत कायवक्रमों का वनषेध, केिल न ा- िादन पैदल जुलूस वनकाला जाना ( ½+½+½= 1 ½ अंक) ----------------------------------------------- ❖ प ले व स्से का स ी उत्तर और दू सरे में कोई भी दो उपयुक्त व ंदु वलिने पर अथिा प ले व स्से का गलत उत्तर और दू सरे में कोई भी तीन उपयुक्त व ंदु वलिने पर (1 ½ अंक) ----------------------------------------------- ❖ प ले व स्से का स ी उत्तर और दू सरे में कोई एक उपयुक्त व ंदु वलिने पर अथिा प ले व स्से का गलत उत्तर और दू सरे में कोई भी दो उपयुक्त व ंदु वलिने पर (1 अंक) ----------------------------------------------- ❖ प ले व स्से का स ी उत्तर और दू सरे में कोई भी व ंदु न ीं वलिने पर अथिा प ले व स्से का गलत उत्तर और दू सरे में कोई भी एक उपयुक्त व ंदु वलिने पर (½ अंक) ----------------------------------------------- ❖ असंगत या वनरथवक उत्तर वलिने पर (0 अंक) 10 12 12 प्रश्न - वनधाव ररत कविताओं पर आधाररत वनम्नवलखित चार प्रश्नों में से 3X2=6 वकन्ीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 - 30 शब्ों में वलखिए : (क) प्रश्न - परशुराम जी ने लक्ष्मण के सामने अपनी वकन-वकन विशेषताओं का िान वकया? उत्तर - परीक्षाथी पाि के संदभव में वकन्ीं दो विशेषताओं का िणवन 2 करें गे- िीर ाल ब्रह्मचारी अत्यवधक क्रोधी क्षवत्रय द्रो ी विश्वप्रवसद्ध स स्र ाहु सं ारक (1 +1 = 2 अंक) ----------------------------------------------- ❖ वकसी एक विशेषता के िणवन पर अथिा वकन्ीं दो विशेषताओं के उलेि मात्र पर (1 अंक) ----------------------------------------------- ❖ असंगत या वनरथवक उत्तर वलिने पर (0 अंक) (ि) प्रश्न - आसमान में उड़ने के वलए कवि को पंि क और क्यों लग जाते ैं ? ‘अट् न ीं र ी ै ' कविता के आधार पर उत्तर दीवजए। उत्तर- परीक्षाथी कविता के आधार पर क के वलए कोई एक व ंदु वलिेंगे- 2 प्राकृवतक स द ं यव के दशवन से अवभभूत ोकर फागुन मा में िसंत ऋतु में; (1 अंक) प्रश्न के दू सरे व स्से के वलए परीक्षाथी कोई एक उपयुक्त व ंदु वलिेंगे- 11 कल्पनाशीलता सपनों और आकां क्षाओं का जागरण मन में उत्सा , उमंग, प्रेरणा आवद का संचार (1 अंक) ----------------------------------------------- प्रश्न के वकसी भी एक भाग का उपयुक्त उत्तर दे ने पर (1 अंक) -----------------------------------------------