Geography Practical - PDF
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Uploaded by ImmaculateSarod9620
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This document appears to be a geography practical covering the topic of mountains and rivers in India, listing various aspects like names, locations, and characteristics of different mountain ranges and rivers. It may contain questions related to the topic.
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1. भारत में उपस्थित पर्वतों के नाम एर्ं उनकी स्र्शेषताओं को भारतीय मानस्ित्र द्वारा दशावए ? उत्तर. भारत में कई पर्वत श्ृंखलाएं हैं जो देश की भौगोस्लक स्र्स्र्धता को दशावती हैं। इन पर्वतों की स्र्शेषताओं और थिान को मानस्ित्र द्वारा समझने से हमें भारत की भौगो...
1. भारत में उपस्थित पर्वतों के नाम एर्ं उनकी स्र्शेषताओं को भारतीय मानस्ित्र द्वारा दशावए ? उत्तर. भारत में कई पर्वत श्ृंखलाएं हैं जो देश की भौगोस्लक स्र्स्र्धता को दशावती हैं। इन पर्वतों की स्र्शेषताओं और थिान को मानस्ित्र द्वारा समझने से हमें भारत की भौगोस्लक संरिना के बारे में जानने में मदद स्मलेगी। स्हमालय पर्वत श्ृंखला स्हमालय पर्वत श्ृंखला भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित है। यह दुस्नया की सबसे ऊंिी पर्वत श्ृंखला है, स्जसमें माउं ट एर्रे थट (8848 मीटर) जैसे ऊंिे स्शखर शास्मल हैं। स्हमालय पर्वत श्ृख ं ला में कई महत्र्पूर्व नददयों के उद्गम थिल हैं, स्जनमें गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और ससधु शास्मल हैं। पूर्ी घाट पर्वत श्ृंखला पूर्ी घाट पर्वत श्ृख ं ला भारत के पूर्ी तट पर स्थित है। यह पर्वत श्ृंखला अराकू घाटी से लेकर नीलस्गरर पहास़्ियों तक फै ली हुई है। पूर्ी घाट पर्वत श्ृख ं ला में कई महत्र्पूर्व नददयों के उद्गम थिल हैं, स्जनमें गोदार्री, कृ ष्र्ा और कार्ेरी शास्मल हैं। पस्िमी घाट पर्वत श्ृख ं ला पस्िमी घाट पर्वत श्ृख ं ला भारत के पस्िमी तट पर स्थित है। यह पर्वत श्ृंखला गुजरात से लेकर के रल तक फै ली हुई है। पस्िमी घाट पर्वत श्ृंखला में कई महत्र्पूर्व नददयों के उद्गम थिल हैं, स्जनमें नमवदा, ताप्ती और कार्ेरी शास्मल हैं। सर्ध्यािल पर्वत श्ृंखला सर्ध्यािल पर्वत श्ृख ं ला भारत के मध्य भाग में स्थित है। यह पर्वत श्ृंखला गुजरात से लेकर स्बहार तक फै ली हुई है। सर्ध्यािल पर्वत श्ृंखला में कई महत्र्पूर्व नददयों के उद्गम थिल हैं, स्जनमें नमवदा, ताप्ती और सोन शास्मल हैं। अरार्ली पर्वत श्ृंखला ✍ F.G मोबाइल. 8094745560 अरार्ली पर्वत श्ृख ं ला भारत के पस्िमी भाग में स्थित है। यह पर्वत श्ृख ं ला राजथिान से लेकर गुजरात तक फै ली हुई है। अरार्ली पर्वत श्ृंखला में कई महत्र्पूर्व नददयों के उद्गम थिल हैं, स्जनमें बनास, साबरमती और मािू शास्मल हैं। इन पर्वत श्ृख ं लाओं के अलार्ा, भारत में कई अन्य पर्वत श्ृख ं लाएं भी हैं, स्जनमें सतपु़िा, मैकाल, और गारो- खासी शास्मल हैं। ये पर्वत श्ृंखलाएं भारत की भौगोस्लक स्र्स्र्धता को दशावती हैं और देश की सांथकृ स्तक और आर्थिक स्र्रासत में महत्र्पूर्व योगदान करती हैं। 2. भारतीय नददयों का नाम बताते हुए स्र्शेषताओं को भारतीय मानस्ित्र द्वारा दशावए ? उत्तर. भारत में कई महत्र्पूर्व नददयााँ हैं जो देश की जलर्ायु, कृ स्ष, और संथकृ स्त को आकार देती हैं। यहााँ कु छ प्रमुख भारतीय नददयों के नाम और उनकी स्र्शेषताएं दी गई हैं: उत्तरी नददयााँ 1. गंगा नदी: गंगा नदी भारत की सबसे पस्र्त्र और सबसे लंबी नदी है। इसकी लंबाई लगभग 2525 दकलोमीटर है और यह उत्तराखंड से लेकर पस्िम बंगाल तक फै ली हुई है। 2. यमुना नदी: यमुना नदी गंगा नदी की सबसे ब़िी सहायक नदी है। इसकी लंबाई लगभग 1376 दकलोमीटर है और यह उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक फै ली हुई है। 3. ब्रह्मपुत्र नदी: ब्रह्मपुत्र नदी उत्तराखंड से लेकर असम तक फै ली हुई है। इसकी लंबाई लगभग 2900 दकलोमीटर है और यह भारत की सबसे ब़िी नददयों में से एक है। दस्िर्ी नददयााँ 1. गोदार्री नदी: गोदार्री नदी दस्िर् भारत की सबसे ब़िी नदी है। इसकी लंबाई लगभग 1465 दकलोमीटर है और यह महाराष्ट्र से लेकर आंध्र प्रदेश तक फै ली हुई है। 2. कृ ष्र्ा नदी: कृ ष्र्ा नदी दस्िर् भारत की दूसरी सबसे ब़िी नदी है। इसकी लंबाई लगभग 1300 दकलोमीटर है और यह महाराष्ट्र से लेकर आंध्र प्रदेश तक फै ली हुई है। 3. कार्ेरी नदी: कार्ेरी नदी दस्िर् भारत की एक महत्र्पूर्व नदी है। इसकी लंबाई लगभग 800 दकलोमीटर है और यह कनावटक से लेकर तस्मलनाडु तक फै ली हुई है। पूर्ी नददयााँ ✍ F.G मोबाइल. 8094745560 1. ब्रह्मपुत्र नदी: ब्रह्मपुत्र नदी पूर्ी भारत की एक महत्र्पूर्व नदी है। इसकी लंबाई लगभग 2900 दकलोमीटर है और यह उत्तराखंड से लेकर असम तक फै ली हुई है। 2. महानदी नदी: महानदी नदी पूर्ी भारत की एक महत्र्पूर्व नदी है। इसकी लंबाई लगभग 860 दकलोमीटर है और यह ओस्डशा से लेकर छत्तीसगढ़ तक फै ली हुई है। 3. दामोदर नदी: दामोदर नदी पूर्ी भारत की एक महत्र्पूर्व नदी है। इसकी लंबाई लगभग 592 दकलोमीटर है और यह झारखंड से लेकर पस्िम बंगाल तक फै ली हुई है। पस्िमी नददयााँ 1. नमवदा नदी: नमवदा नदी पस्िमी भारत की एक महत्र्पूर्व नदी है। इसकी लंबाई लगभग 1312 दकलोमीटर है और यह मध्य प्रदेश से लेकर गुजरात तक फै ली हुई है। 2. ताप्ती नदी: ताप्ती नदी पस्िमी भारत की एक महत्र्पूर्व नदी है। इसकी लंबाई लगभग 724 दकलोमीटर है और यह मध्य प्रदेश से लेकर गुजरात तक फै ली हुई है। 3. साबरमती नदी: साबरमती नदी पस्िमी भारत की एक महत्र्पूर्व नदी है। इसकी लंबाई लगभग 371 दकलोमीटर है और यह गुजरात में फै ली हुई है। 3. भारतीय मृदा के प्रकारों को बताते हुए उनकी स्र्शेषताएं बताइए साि ही भारतीय मानस्ित्र में मृदा स्र्र्रर् को समझाइए ? उत्तर. भारत में स्र्स्भन्न प्रकार की मृदाएाँ पाई जाती हैं, जो देश की जलर्ायु, भूगर्थभक संरिना और र्नथपस्त के आधार पर र्गीकृ त की जाती हैं। यहााँ भारतीय मृदा के प्रमुख प्रकारों को बताते हुए उनकी स्र्शेषताएं दी गई हैं: 1. जलोढ़ मृदा (Alluvial Soil) जलोढ़ मृदा भारत की सबसे उपजाऊ मृदा है, जो नददयों के दकनारे और मैदानी िेत्रों में पाई जाती है। इसकी स्र्शेषताएं हैं: उपजाऊ और समृद्ध मृदा - नददयों के दकनारे और मैदानी िेत्रों में पाई जाती है - खस्नजों और जैस्र्क पदािों से भरपूर ✍ F.G मोबाइल. 8094745560 2. काली मृदा (Black Soil) काली मृदा भारत की दूसरी सबसे उपजाऊ मृदा है, जो महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में पाई जाती है। इसकी स्र्शेषताएं हैं: काली और स्िकनी मृदा - महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में पाई जाती है - कपास, गन्ना और तंबाकू जैसी फसलों के स्लए उपयुक्त 3. लाल मृदा (Red Soil) लाल मृदा भारत की एक प्रमुख मृदा है, जो तस्मलनाडु , कनावटक और आंध्र प्रदेश में पाई जाती है। इसकी स्र्शेषताएं हैं: लाल और रे तीली मृदा - तस्मलनाडु , कनावटक और आंध्र प्रदेश में पाई जाती है - िार्ल, ज्र्ार और बाजरा जैसी फसलों के स्लए उपयुक्त 4. जलोढ़-रे तीली मृदा (Alluvial-Sandy Soil) जलोढ़-रे तीली मृदा भारत की एक प्रमुख मृदा है, जो उत्तर प्रदेश, स्बहार और पस्िम बंगाल में पाई जाती है। इसकी स्र्शेषताएं हैं: जलोढ़ और रे तीली मृदा - उत्तर प्रदेश, स्बहार और पस्िम बंगाल में पाई जाती है - गन्ना, आलू और मक्का जैसी फसलों के स्लए उपयुक्त 5. पहा़िी मृदा (Hilly Soil) पहा़िी मृदा भारत की एक प्रमुख मृदा है, जो स्हमािल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में पाई जाती है। इसकी स्र्शेषताएं हैं: - पहा़िी और पत्िरीली मृदा ✍ F.G मोबाइल. 8094745560 - स्हमािल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू- कश्मीर में पाई जाती है - फलों और सस्जजयों के स्लए उपयुक्त इन मृदा प्रकारों के अलार्ा, भारत में कई अन्य मृदा प्रकार भी पाए जाते हैं, स्जनमें लेटेराइट मृदा, काली मृदा, और जलोढ़-स्मट्टी मृदा शास्मल हैं। प्रत्येक मृदा प्रकार की अपनी स्र्शेषताएं और उपयोग होते हैं, जो कृ स्ष और पयावर्रर् के स्लए महत्र्पूर्व हैं।