CTET SST Notes (Geography) By Ankit Sir TWA PDF
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Ankit Sir
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This document provides notes on geography for class 6, covering topics such as the solar system, Earth, planets, and constellations. The notes are presented in a chapter format, similar to a textbook.
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Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu (NCERT CLASS-6 : Geography) क्या आपको इस बात पर आश्चयय नही ं होता है तक हम अध्याय 1: सौरमंडलमेंपृथ्वी तदन के समय िंद्रमा एवं इन सभी छोटी िमकीली अध्याय 2: ग्लोब : अक्ांशएवांदेशषांतर वस्तुओ ं को क्यों नही ं दे ख पाते हैं ? ऐसा इसतलए है , अध्याय 3: पृ थ्वीकीगततयााँ क्योंतक सूयय के अत्यतधक तेज़ प्रकाश के कारण रात के अध्याय 4: मानतित्र समय िमकने वाली वस्तुओ ं को हम तदन में नही ं दे ख अध्याय 5: पृ थ्वीकेप्रमुखपररमंडल पाते हैं । अध्याय 6: पृ थ्वीकेप्रमुखस्थलरूप (नक्त्रमंडल Constellation) अध्याय 7: हमारादे श : भारत रातत्र में आसमान की ओर दे खते समय आप तारों के अध्याय 8: भारत : जलवायु , वनस्पतततथावन्यप्राणी तवतभन्न समूहों द्वारा बनाई गई तवतवध आकृततयों को (NCERT CLASS-6 : Geography Chapter -1) दे ख सकते हैं । ये नक्त्रमंडल कहलाते हैं । असाय मेजर या सौरमंडल में पृ थ्वी : The Earth in the Solar System:- तबग बीयर इसी प्रकार का एक नक्त्रमंडल है । सप्तऋतष (सप्त- सात, ऋतष - संत)। यह सात तारों का समूह है , t (Celestial bodies खगोलीय तपं ड) जो तक नक्त्रमंडल असाय मेजर का भाग हैं । ki सूयय, िंद्रमा तथा वे सभी वस्तुएाँ जो रात के समय प्रािीन समय में , लोग रातत्र में तदशा का तनधायरण तारों आसमान में िमकती हैं , खगोलीय तपं ड कहलाती हैं । की सहायता से करते थे। उत्तरी तारा उत्तर तदशा को बताता है । इसे (ध्रुव ताराPolaris star-North star))भी An कहा जाता है । हम सप्तऋतष की सहायता से ध्रुव तारे की स्स्थतत को जान सकते हैं । ith कुछ खगोलीय तपं ड बडे आकार वाले तथा गमय होते हैं । ये गै सों से बने होते हैं । इनके पास अपनी ऊष्मा तथा w प्रकाश होता है , तजसे वे बहुत बडी मात्रा में उत्सतजयत करते हैं । इन खगोलीय तपं डों को (तारा STAR)कहते हैं । सूयय भी एक तारा है । (Planet ग्रह) कुछ खगोलीय तपं डों में अपना प्रकाश एवं et ऊष्मा नही ं होती है । वे तारों के प्रकाश से प्रकातशत होते रात के समय िमकते हुए अनतगनत तारे सूयय के समान हैं । ऐसे तपं ड ग्रह कहलाते हैं । ग्रह तजसे अं ग्रेजी में प्लेनेट ही हैं । लेतकन हमसे बहुत अतधक दू र होने के कारण हम rg (Planet) कहते हैं ग्रीक भाषा के प्लेनेटाइ ( Planetai) लोग उनकी ऊष्मा या प्रकाश को महसूस नही ं करते हैं शब्द से बना है तजसका अथय होता है पररभ्रमक अथायत् तथा वे अत्यंत छोटे तदखाई पडते हैं । िारों ओर घू मने वाले। पृ थ्वी , तजस पर हम रहते हैं , एक Ta इन िमकीली वस्तुओ ं के साथ आप लगभग प्रतततदन ग्रह है । यह अपना संपूणय प्रकाश एवं ऊष्मा सूयय से प्राप्त िंद्रमा को भी दे खते हैं । यह अलग-अलग समय पर करती है , जो पृ थ्वी के सबसे नज़दीक का तारा है । पृ थ्वी अलग आकार तथा अलग स्स्थततयों में तदखाई पडता है । को बहुत अतधक दू री से , जैसे िंद्रमा से दे खने पर , यह आप पू णय िंद्र को लगभग एक महीने में एक बार दे ख िंद्रमा की तरह िमकती हुई प्रतीत होगी। सकते हैं । यह पू णय िंद्रमा वाली रात या (पू तणयमा full आसमान में तदखने वाला िंद्रमा एक उपग्रह Satellite moon) होती है । पं द्रह तदन के बाद आप इसे नही ं दे ख है । यह हमारी पृ थ्वी का सहिर है तथा इसके िारों ओर सकते। यह नये िंद्रमा की रातत्र या (अमावस्या new िक्कर लगाता है । हमारी पृ थ्वी के समान , सात अन्य moon) होती है । ग्रह हैं जो सूयय से प्रकाश एवं ऊष्मा प्राप्त करते हैं । उनमें से कुछ के पास अपने िंद्रमा भी हैं । imp fact- बृ हस्पतत, शतन तथा यूरेनस के िारों ओर छल्रे हैं । ये छल्रे तवतभन्न पदाथों के असंख्य छोटे -छोटे तपं डों से बनी Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu पतियााँ हैं । पृ थ्वी से इन छल्रों को शस्िशाली दू रबीन को पृ थ्वी का जुडवााँ ग्रह माना जाता है , क्योंतक इसका की सहायता से दे खा जा सकता है । आकार एवं आकृतत लगभग पृ थ्वी के ही समान है । सौरमंडल Solar System सूयय, आठ ग्रह , उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय तपं ड , जैसे क्ुद्र ग्रह एवं उल्कातपं ड तमलकर सौरमंडल का तनमायण करते हैं । उसे हम सौर पररवार का नाम दे ते हैं , तजसका मुस्खया सूयय है । t ki An सूयय Sun सूयय सौरमंडल के केंद्र में स्स्थत है । यह बहुत बडा है एवं Dwarf planets बौने ग्रह' अत्यतधक गमय गै सों से बना है । इसका स्खंिाव बल अभी तक प्लूटो भी एक ग्रह माना जाता था। परन्तु इससे सौरमंडल को बााँधे रखता है । सूयय , सौरमंडल के ith अं तरायष्ट्रीय खगोलीय संगठन ने अपनी बै ठक (अगस्त तलए प्रकाश एवं ऊष्मा का एकमात्र स्रोत है । लेतकन हम 2006 ) में यह तनणयय तलया तक कुछ समय पहले खोजे इसकी अत्यतधक तेज़ ऊष्मा को महसूस नही ं करते हैं , गए अन्य खगोलीय तपण्ड ( 2003 UB 313, तसरस) तथा क्योंतक सबसे नज़दीक का तारा होने के बावजूद यह w प्लूटो ' बौने ग्रह' कहे जा सकते हैं । हमसे बहुत दू र है । सूयय पृ थ्वी से लगभग 15 करोड तकलोमीटर दू र है । पृ थ्वी Earth et rg Ta सूयय से दू री के तहसाब से पृ थ्वी तीसरा ग्रह है । आकार ग्रह Planet में, यह पााँिवााँ सबसे बडा ग्रह है । यह ध्रुवों के पास थोडी हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं । सूयय से दू री के अनु सार, िपटी है । यही कारण है तक इसके आकार को वे हैं : बु ध Mercury, शुक्रVenus, पृ थ्वीEarth, (भू-आभGEOID) कहा जाता है । भू-आभ का अथय है , मंगलMars, बृ हस्पततJupiter, शतनSaturn, अरुण पृ थ्वी के समान आकार। Uranus तथावरुणNeptune। जीवन के तलए अनु कूल पररस्स्थततयााँ संभवत: केवल सौरमंडल के सभी आठ ग्रह एक तनतश्चत पथ पर सूयय का पृ थ्वी पर ही पाई जाती हैं । पृ थ्वी न तो अतधक गमय है िक्कर लगाते हैं । ये रास्ते (दीघय वृत्ताकार elliptical और न ही अतधक ठं डी। यहााँ पानी एवं वायु उपस्स्थत है , orbit) में फैले हुए हैं । ये कक्ा कहलाते हैं । बु ध सूयय के जो हमारे जीवन के तलए आवश्यक है । वायु में जीवन के सबसे नज़दीक है । अपनी कक्ा में सूयय के िारों ओर तलए आवश्यक गै सें , जैसे ऑक्सीजन मौजूद है । इन्ी ं एक िक्कर लगाने में इसे केवल 88 तदन लगते हैं । शुक्र कारणों से , पृ थ्वी सौरमंडल का सबसे अद् भुत ग्रह है । Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu अं तररक् से दे खने पर पृ थ्वी नीले रं ग की तदखाई पडती है , क्योंतक इसकी दो-ततहाई सतह पानी से ढकी हुई है । इसतलए इसे, नीला ग्रह कहा जाता है । प्रकाश की गतत लगभग 3,00,000 तकमी./प्रतत सेकेंड है । इस गतत के बावजूद सूयय के प्रकाश को पृ थ्वी तक पहुाँ िने में लगभग 8 तमनट का समय लगता है । नील आमयस्टरांग पहले व्यस्ि थे , तजन्ोंने 20 जुलाई 1969 को सबसे पहले िंद्रमा की सतह पर कदम रखा उल्कातपं ड Meteorite िंद्रमा moon सूयय के िारों ओर िक्कर लगाने वाले पत्थरों के छोटे - छोटे टु कडों को उल्कातपं ड कहते हैं । कभी-कभी ये उल्कातपं ड पृ थ्वी के इतने नजदीक आ जाते हैं तक इनकी प्रवृ तत्त पृ थ्वी पर तगरने की होती है । इस प्रतक्रया के दौरान वायु के साथ घषयण होने के कारण ये गमय होकर t जल जाते हैं । फलस्वरूप, िमकदार प्रकाश उत्पन्न होता ki है । कभी-कभी कोई उल्का पू री तरह जले तबना पृ थ्वी पर तगरती है तजससे धरातल पर गड्ढे बन जाते हैं । An हमारी पृ थ्वी के पास केवल एक उपग्रह है , िंद्रमा । इसका व्यास पृ थ्वी के व्यास का केवल एक-िौथाई है । यह इतना बडा इसतलए प्रतीत होता है , क्योंतक यह हमारे ग्रह से अन्य खगोलीय तपं डों की अपे क्ा नजदीक है । यह हमसे लगभग 3,84,400 तकलोमीटर दू र है । ith िंद्रमा पृ थ्वी का एक िक्कर लगभग 27 तदन में पू रा करता है । लगभग इतने ही समय में यह अपने अक् पर एक िक्कर भी पू रा करता है । इसके पररणामस्वरूप w पृ थ्वी से हमें िंद्रमा का केवल एक ही भाग तदखाई आकाशगं गा Galaxy – क्या आपने तारों वाले , खुले आकाश में , एक ओर से पडता है । दू सरी ओर तक फैली िौडी सफेद पिी की तरह , एक उपग्रहSatellite-एक खगोलीय तपं ड है , जो ग्रहों के et िमकदार रास्ते को दे खा है ? यह लाखों तारों का समूह िारों ओर उसी प्रकार िक्कर लगाता है , तजस प्रकार है । यह पिी आकाशगं गा (तमल्की वे ) है । हमारा ग्रह सूयय के िारों ओर िक्कर लगाते हैं । सौरमंडल इस आकाशगं गा का एक भाग है । प्रािीन rg मानव-तनतमयत उपग्रह man-made satellite-एक भारत में इसकी कल्पना आकाश में प्रकाश की एक कृतत्रम तपं ड है । यह वै ज्ञातनकों के द्वारा बनाया गया है. बहती नदी से की गई थी। इस प्रकार इसका नाम तजसका उपयोग ब्रह्ांड के बारे में जानकारी प्राप्त करने आकाशगं गा पडा था। आकाशगं गा करोडों तारों , Ta बादलों तथा गै सों की एकप्रणाली है । इस प्रकार की एवं पृ थ्वी पर संिार माध्यम के तलए तकया जाता है । इसे लाखों आकाशगं गाएाँ तमलकर (ब्रह्ांडuniverse) का रॉकेट के द्वारा अं तररक् में भेजा जाता है एवं पृ थ्वी की तनमायण करती हैं । कक्ा में स्थातपत कर तदया जाता है । अं तररक् में उपस्स्थत कुछ भारतीय उपग्रह इनसेट, आई. आर. एस., एड् सैट इत्यातद हैं । क्ुद्र ग्रह Asteroids तारों, ग्रहों एवं उपग्रहों के अततररि , असंख्य छोटे तपं ड भी सूयय के िारों ओर िक्कर लगाते हैं । इन तपं डों को 1. सभी ग्रह सूयय के िारों ओर तकस प्रकार के पथ पर क्ुद्र ग्रह कहते हैं । ये मंगल एवं बृ हस्पतत की कक्ाओं के िक्कर लगाते हैं - बीि पाए जाते हैं । वै ज्ञातनकों के अनु सार क्ुद्र ग्रह , ग्रह (a) वृ त्तीय पथ पर के ही भाग होते हैं , जो तक बहुत वषय पहले तवस्फोट के (b) आयताकार पथ पर बाद ग्रहों से टू टकर अलग हो गए। (c) दीघय वृत्ताकार (d) कोई नही ं Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu 2. मुख्य ग्रहों के अततररि अने क छोटे - छोटे तपं ड सूयय 10. तनम्न में से कौन सा कथन असत्य है ? िारों ओर िक्कर लगाते हैं । इन्ें क्या कहते है ? 1. पृ थ्वी को नीला ग्रह भी कहा जाता है । (a) उल्का तपं ड 2. शुक्र को पृ थ्वी का जुडवााँ ग्रह माना जाता है । (b) क्ुद्रग्रह 3. शतन एक आं तररक ग्रह है । (c) तनहाररका 4. बु ध, सूयय के िारों ओर एक पररक्रमण 88 तदनों में (d) मंदातकनी पू रा करता है । 3. सूयय से दू री के तहसाब से ग्रहों में पृ थ्वी का स्थान कौन 11. पृ थ्वी से िन्द्रमा का केवल एक ही भाग तदखाई दे ता - सा है ? है क्योंतक (a) िौथा 1. िन्द्रमा का दू सरा भाग केवल तदन के समय पृ थ्वी की (b) दू सरा ओर होता है । (c) तीसरा 2. िंद्रमा का दू सरा भाग केवल न्यू मून (अमावस्या) को (d) पांिवा ही पृ थ्वी की ओर होता है । हम हमेशा िंद्रमा के एक ही भाग को दे ख पाते हैं 3. िंद्रमा द्वारा पृ थ्वी के िारों ओर घू मने और एक क्योतक- िक्कर पू रा करने में लगने वाला समय समान है । t (a) िंद्रमा का अपनी धु री पर तथा पृ थ्वी की एक 4. िंद्रमा को एक िक्कर पू रा करने में एक प्रकाश वषय ki पररक्रमा पू रीकरने का समय लगभग बराबर है लगता है । (b) िंद्रमा का आकार बहुत बडा है (c) िंद्रमा सूयय के प्रकाश से िमकता है 12. तनम्नतलस्खत में से कौन-सा कथन सत्य है ? An (d) उपरोि सभी 1. सभी ग्रह सूयय की पररक्रमा करते हैं । 2. सभी ग्रह प्रकाश उत्सतजयत करते हैं । 5. हमारा सौरमण्डल भाग है ______ का। 3. िंद्रमा सौरमंडल का ग्रह है । (a) नक्त्रमंडल का 4. पृ थ्वी सूयय का सबसे तनकटतम ग्रह है । (b) ग्लोब का ith (c) तमल्की वे का 13. सौर मंडल के संदभय में कौन-सा कथन सही है ? (d) इनमें से कोई नही ं। 1. सूयय, आठ ग्रह और उनके उपग्रह सौर मंडल बनाते 6. सूयय की पृ थ्वी से लगभग दू री तकतनी होती है ? हैं । w (a) 12 करोड तक0मी0 2. सूयय, आठ ग्रह, उपग्रह, क्ुद्रग्रह और उल्कातपं ड सौर (b) 17 करोड तक0मी0 पररवार बनाते हैं । (c) 15 करोड तक0मी0 3. सूयय, दस ग्रह , उपग्रह, क्ुद्रग्रह और उल्कातपं ड सौर (d) इनमें से कोई नही ं। मंडल का तनमायण करते हैं । et 4. सूयय और ग्रह सौर मंडल का तनमायण करते हैं । 7. पृ थ्वी को तकस का जुडवा ग्रह माना जाता है ? (a) बु ध 14. क्ुद्र ग्रह तकन ग्रहों की कक्ाओं के बीि पाए जाते rg (b) शुक्र हैं ? (c) मंगल 1. मंगल और बृ हस्पतत (d) बृ हस्पतत 2. बृ हस्पतत और शतन Ta 8. तनम्नतलस्खत सूिी से एक बौने ग्रह की पहिान करें । 3. मंगल और शतन 1. ने पच्यू न 4. शुक्र और बृ हस्पतत 2. बु ध 3. मंगल ग्रह 15. तनम्नतलस्खत में से कौन-सा कथन उल्कातपं ड के बारे 4. प्लूटो में सही है ? 1. ये सूयय के िारों ओर िक्कर लगाने वाले ििानों के 9. पृ थ्वी को 'भू-आभ' के रूप में क्यों वतणयत तकया छोटे -छोटे टु कडे हैं । जाता है ? तनम्नतलस्खत में से सही उत्तर िुतनए। 2. ये केवल मंगल और बृ हस्पतत की कक्ाओं के बीि 1. ध्रुवों पर पृ थ्वी थोडी िपटी है । पाए जाते हैं । 2. पृ थ्वी न तो बहुत गमय है और न ही बहुत ठं डी है । 3. इनके पास ऊष्मा तथा प्रकाश होता है । 3. पृ थ्वी की सतह का दो-ततहाई तहस्सा पानी से ढं का 4. इनके आकार को भू-आभ कहा जाता है । है । 4. जीवन का समथयन करने के तलए पृ थ्वी पर अनु कूल पररस्स्थततयााँ उपलब्ध हैं । Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu (NCERT CLASS-6 : Geography Chapter- 2) (तवषुवत् वृ त्त equator) कहा जाता है । पृ थ्वी के उत्तर में स्स्थत आधे भाग को (उत्तरी गोलाधय Northern ग्लोब: अक्ांश एवं दे शांतर Globe: Latitude and Hemisphere)तथा दतक्ण वाले आधे भाग को (दतक्णी Longitude गोलाधयSouthern Hemisphere) कहा जाता है । ये ग्लोब Globe: ग्लोब पृ थ्वी का लघु रूप में एक वास्ततवक दोनों बराबर के आधे भाग होते हैं । इस प्रकार , तवषुवत् प्रततरूप है- वृ त्त पृ थ्वी पर एक काल्पतनक वृ त्त बनाती है एवं यह Globe is a true modelof the Earth. पृ थ्वी पर तवतभन्न स्थानों की (स्स्थतत Location) बताने का सबसे महत्त्वपू णय संदभय तबं दु है । t ki ग्लोब तवतभन्न आकार एवं प्रकार के हो सकते हैं - बडे ग्लोब, जो आसानी से एक स्थान से दू सरे स्थान नही ं ले An जाए जा सकते ; पॉकेट में रखने योग्य छोटे ग्लोब तथा गु ब्बारे जैसे ग्लोब , तजनमें हवा भरी जा सकती है एवं आसानी से एक स्थान से दू सरे स्थान ले जाए जा सकते हैं । ग्लोब स्स्थर नही ं होते हैं । इसे उसी प्रकार घु माया जा सकता है , जैसे कुम्हार का पतहया या लट् टू घू मता है । ith ग्लोब पर दे शों , महाद्वीपों तथा महासागरों को उनके Latitude अक्ांश :- तवषुवत् वृ त्त से ध्रुवों तक स्स्थत सही आकार में तदखाया जाता है । सभी समानांतर वृ त्तों को अक्ांश (समानांतर) रे खाएाँ पृ थ्वी के समान तकसी गोले पर तकसी तबं दु की स्स्थतत कहा जाता है । अक्ांशों को अं श में मापा जाता है । w का वणयन करना कतठन है । अब प्रश्न यह उठता है तक All parallel circles from the equator to the इस पर तकसी स्थान की स्स्थतत कैसे बताई जा सकती poles are called parallel lines of latitude. है ? इसके तलए हमें कुछ तबं दुओ ं एवं र रे खाओं के संदभय Latitudes are measured in degrees. की आवश्यकता होती है । et आप दे खेंगे तक एक सुई ग्लोब में झुकी हुई अवस्था में स्स्थत होती है , तजसे (अक् Axis) कहा जाता है । ग्लोब rg पर वे दो तबं दु तजनसे होकर सुई गु जरती है , उत्तर तथा दतक्ण ध्रुव(North and South pole) हैं । ग्लोब को इस सुई के िारों ओर पृ थ्वी की भााँतत पतश्चम से पू वय की ओर Ta घु माया जा सकता है । लेतकन याद रखें इन दोनों में एक अं तर है । पृ थ्वी पर वास्तव में ऐसी कोई सुई नही ं होती तवषुवत् वृ त्त शून्य अं श अक्ांश को दशायती है । िूाँतक , है । पृ थ्वी अपने अक् पर िारों ओर घू मती है , जो एक तवषुवत् वृ त्त से दोनों तरफ ध्रुवों के बीि की दू री पृ थ्वी के काल्पतनक रे खा है । िारों ओर के वृ त्त का एक िौथाई है , अतः इसका माप The Earth rotates around its axis, which is an होगा 360 अं श का 1/4, यानी 90 अं श । इस प्रकार 90 imaginary line. अं श उत्तरी अक्ांश उत्तर ध्रुव को दशायता है तथा 90 अं श दतक्णी अक्ांश दतक्ण ध्रुव को। तवषुवत् वृ त्त Equatorial circle:-एक अन्य काल्पतनक रे खा भी ग्लोब को दो बराबर भागों में बााँटती है । इसे Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu इस प्रकार तवषुवत् वृ त्त के उत्तर की सभी समानांतर 3. उत्तर ध्रुव वृ त्त (661/2°N उ.) रे खाओं को उत्तरी अक्ांश कहा जाता है तथा तवषुवत् वृ त्त के दतक्ण स्स्थत सभी समानांतर रे खाओं को 4. दतक्ण ध्रुव वृ त्त (661/2°Sद.) दतक्णी अक्ांश कहा जाता है । Thus, all parallel lines north of the equator are called northern latitudes and all parallel lines south of the equator are called southern latitudes. इसतलए प्रत्येक अक्ांश के मान के साथ उसकी तदशा यानी उत्तर या दतक्ण को भी तलखा जाता है । सामान्यत:, इसे N उ. या S द. अक्र से व्यि तकया जाता है । Therefore, along with the value of each latitude, its direction i.e. North or South is also t written. Generally, it is called North or South. पृ थ्वी के ताप कतटबं ध Heat Zones of the earth ki Is expressed by letters. उदाहरण:-के तलए , महाराष्ट्र में िंद्रपु र एवं ब्राजील An (दतक्ण अमेररका) में बे लो होररज़ोंटे दोनों एक ही अक्ांश 20 अं श पर स्स्थत हैं । लेतकन िन्द्रपु र तवषुवत् वृ त्त के 20 अं श उत्तर में एवं बे लो होररज़ोंटे तवषुवत् वृ त्त के 20 अं श दतक्ण में स्स्थत है । इसतलए हम कहते हैं तक िंद्रपु र 20° उ. अक्ांश पर तथा बे लो होररज़ोंटे 20° द. ith अक्ांश पर स्स्थत है । जैसे-जैसे हम तवषुवत् वृ त्त से दू र जाते हैं अक्ांशों का आकार घटता जाता है । Torrid zone उष्ण कतटबं ध :-ककय रे खा एवं मकर रे खा कुल अक्ांशों की संख्या –181 के बीि के सभी अक्ांशों पर सूयय वषय में एक बार दोपहर में तसर के ठीक ऊपर होता है । इसतलए इस क्े त्र में w Total number of latitudes – 181 सबसे अतधक ऊष्मा प्राप्त होती है तथा इसे उष्ण कतटबं ध कहा जाता है । कुल अक्ांश रे खाओं की संख्या -179 et शीतोष्ण कतटबं ध Temperate zone :-ककय रे खा तथा Total number of latitude lines -179 मकर रे खा के बाद तकसी भी अक्ांश पर दोपहर का सूयय सबसे लम्बी अक्ांश रे खा - तवषुवत् वृ त्त कभी भी तसर के ऊपर नही ं होता है । ध्रुव की तरफ सूयय rg की तकरणें ततरछी होती जाती हैं । इस प्रकार , उत्तरी Longest Latitude Line – Equatorial circle गोलाधय में ककय रे खा एवं उत्तर ध्रुव वृ त्त तथा दतक्णी गोलाधय में मकर रे खा एवं दतक्ण ध्रुव वृ त्त के बीि वाले सबसे छोटी अक्ांश रे खा - 90° Ta क्े त्र का तापमान मध्यम रहता है । इसतलए इन्ें , Shortest latitude line – 90° शीतोष्ण कतटबं ध कहा जाता है । महत्त्वपू णय अक्ांश (समानांतर) रे खाएाँ Significant शीत कतटबं ध Frigid Zone:-उत्तरी गोलाधय में उत्तर ध्रुव latitude वृ त्त एवं उत्तरी ध्रुव तथा दतक्णी गोलाधय में दतक्ण ध्रुव वृ त्त एवं दतक्णी ध्रुव के बीि के क्े त्र में ठं ड बहुत होती तवषुवत् वृ त्त Equatorial circle (0°), है । क्योंतक , यहााँ सूयय तक्ततज से ज़्यादा ऊपर नही ं आ पाता है । इसतलए ये शीत कतटबं ध कहलाते हैं । उत्तर ध्रुव North pole ( 90°Nउ.) दतक्ण ध्रुव South pole ( 90°Sद.) दे शांतरlongitude तकसी स्थान की स्स्थतत को बताने के तलए उस स्थान के इनके अततररि िार महत्त्वपू णय अक्ांश ( समानांतर) अक्ांश के अततररि कुछ और जानकाररयों की रे खाएाँ और भी हैं । ये हैं - आवश्यकता भी होती है । आप दे ख सकते हैं तक प्रशांत महासागर में स्स्थत टोंगा द्वीप एं व तहं द महासागर में 1. ककय रे खा (231⁄2°N उ.) स्स्थत मॉरीशस द्वीप एक ही अक्ांश ( 20°00' द. S) पर 2. मकर रे खा (231⁄2°Sद.) स्स्थत हैं । उनकी सही स्स्थतत जानने के तलए यह पता Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu करना होगा तक उत्तर ध्रुव को दतक्ण ध्रुव से जोडने धु बरी 26°उ. N अक्ांश एवं 90° पू. Eदे शांतर पर स्स्थत वाली संदभय रे खा से पू वय या पतश्चम की ओर इन स्थानों है । अब उस तबं दु को दे खें जहााँ ये दोनों रे खाएाँ एक दू सरे की दू री तकतनी है ? इन संदभय रे खाओं को दे शांतरीय को काटती हैं । यह तबं दु धु बरी की सही स्स्थतत होगा। याम्योत्तरlongitudinal meridianकहते हैं - दे शांतर और समयlongitude and time समय को मापने का सबसे अच्छा साधन पृ थ्वी , िंद्रमा एवं ग्रहों की गतत है । सूयोदय एवं सूयायस्त प्रतततदन होता है । अतः स्वाभातवक ही है तक यह पू रे तवश्व में समय तनधायरण का सबसे अच्छा साधन है । स्थानीय समय का अनु मान सूयय के द्वारा बनने वाली परछाई से लगाया जा सकता है , जो दोपहर में सबसे छोटी एवं सूयोदय तथा सूयायस्त के समय सबसे लंबी होती है । ग्रीतनि पर स्स्थत प्रमुख याम्योत्तरprime meridian पर सूयय तजस समय आकाश के सबसे ऊाँिे तबं दु पर होगा , उस समय याम्योत्तर पर स्स्थत सभी स्थानों पर दोपहर तथा उनके बीि की दू री को दे शांतर के अं शोंdegree में होगी। t मापा जाता है । प्रत्येक अं श को तमनट में तथा तमनट को ki सेकेंड में तवभातजत तकया जाता है । दे शांतर (अधय वृत्त Semicircle))हैं तथा उनके बीि की An दू री ध्रुवों की तरफ बढ़ने पर घटती जाती है एवं ध्रुवों पर शून्य हो जाती है , जहााँ सभी दे शांतरीय याम्योत्तर आपस में तमलती हैं । अक्ांश (समानांतर) रे खाओं से तभन्न सभी दे शांतरीय याम्योत्तरों की लंबाई समान होती है । इसतलए इन्ें तसफय ith मुख्य संख्याओं में व्यि करना कतठन था। तब सभी दे शों ने तनश्चय तकया तक ग्रीतनि , जहााँ तब्रतटश राजकीय वे धशाला स्स्थत है , से गु जरने वाली याम्योत्तर से पू वय और िूाँतक, पृ थ्वी पतश्चम से पू वय west to east की ओर िक्कर पतश्चम की ओर तगनती शुरू की जाए। लगाती है , अतः वे स्थान जो ग्रीतनि के पू वय में हैं , उनका w समय ग्रीतनि समय से आगे होगा तथा जो पतश्चम में हैं , उनका समय पीछे होगा। समय के अं तर की दर की गणना तनम्नतलस्खत तवतध से की जा सकती है । पृ थ्वी et लगभग 24 घं टे में अपने अक् पर 360° घू म जाती है , अथायत् वह 1 घं टे में 15° एवं 4 तमनट में 1° घू मती है । इस प्रकार जब ग्रीतनि में दोपहर के 12 बजते हैं, तब rg ग्रीतनि से 15° पू वय में समय होगा 15x4 = 60 तमनट अथायत्, ग्रीतनि के समय से 1 घं टा आगे , अथायत् वहााँ दोपहर का 1 बजा होगा। लेतकन ग्रीतनि से 15° पतश्चम Ta इस याम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तरprime का समय ग्रीतनि समय से 1 घं टा पीछे होगा meridianकहते हैं । इसका मान 0° दे शांतर 0° यानी, वहााँ सुबह के 11 बजे होंगे । इसी प्रकार जब longitude है तथा यहााँ से हम 180° पू वय या 180° ग्रीतनि पर दोपहर के 12 बजे होंगे उस समय 180°पर पतश्चम तक गणना करते हैं । प्रमुख याम्योत्तर तथा 180° मध्य रातत्र होगी। याम्योत्तर तमलकर पृ थ्वी को दो समान भागों , पू वी तकसी भी स्थान पर जब सूयय आकाश में अपने उच्चतम गोलाधय एवं पतश्चमी गोलाधय में तवभि करती है । इसतलए तबं दु पर होता है , दोपहर में उस समय घडी में तदन के तकसी स्थान के दे शांतर के आगे पू वय के तलए अक्र 12 बजते हैं । इस प्रकार , घडी के द्वारा तदखाया गया पू. E तथा पतश्चम के तलए अक्र प. W का उपयोग करते समय उस स्थान का स्थानीय समय local time होगा । हैं । यह जानना रोिक होगा तक 180° पू वय और 180° आप दे ख सकते हैं तक तदए गए दे शांतरीय याम्योत्तर पर पतश्चम याम्योत्तर एक ही रे खा पर स्स्थत हैं । सभी स्थानों का स्थानीय समय समान है । अब ग्लोब पर अक्ांश (समानांतर) रे खाओं एवं देशांतरीय याम्योत्तरों के द्वारा बनी तग्रड को दे खो। मानक समय Standard time अगर आपको तकसी स्थान के अक्ांश एवं दे शांतर की अलग-अलग याम्योत्तर पर स्स्थत स्थानों के स्थानीय सही जानकारी हो तो ग्लोब पर आप उस स्थान का पता समय में अं तर होता है । उदाहरण के तलए , बहुत से आसानी से लगा सकते हैं । उदाहरण के तलए , असम में दे शांतरों से होकर गु जरने वाली रे लगातडयों के तलए Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu समय-सारणी तैयार करना कतठन होगा। भारत में 1. अक्ांश के सन्दभय में कौनसा कथन सही है -? गु जरात के द्वारका तथा असम के तडब्रू गढ़ के स्थानीय a) अक्ांश एक काल्पतनक वृ त्ताकार रे खा है तजसकी समय में लगभग 1 घं टा 45 तमनट का अं तर होगा। तत्रज्या तवतवध है । इसतलए यह आवश्यक है तक दे श के मध्य भाग से b) अक्ांश समय की पहिान करने के तलए अतत होकर गु जरने वाली तकसी याम्योत्तर के स्थानीय समय महत्त्वपू णय है । को दे श का मानक समय माना जाए। इस याम्योत्तर c) अक्ांशों को अं श में मापा जाता है । रे खा के स्थानीय समय को पू रे दे श का मानक समय d) तवषुवत् वृ त्त से दोनों तरफ ध्रुवों के बीि की दू री पृ थ्वी माना जाता है । के िारों ओर के वृ त्त का एक िौथाई है । तनम्न संकेत का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का ियन भारत में 82 1⁄2° पू. E ( 82° 30' पू. E) कोमानक कीतजए : याम्योत्तर माना गया है । इस याम्योत्तर के स्थानीय समय 1. a, b, और c 2. b, c और d को पू रे दे श का मानक समय माना जाता है । इसे 3. a, c और d 4. a, b और d भारतीय मानक समय के नाम से जाना जाता है । कबीर भोपाल के तनकट एक छोटे से नगर में रहता है । 2. तनम्नतलस्खत में से कौन सा दे शांतर , भारतीय मानक वह अपने तमत्र आलोक से कहता है तक वे लोग आज समय तनधायररत करता है ? रातत्र में नही ं सो पाएाँ गे । भारत एवं इं ग्लैंड के बीि एक t 1. 85.5° E तक्रकेट मैि लंदन में 2 बजे अपराह्न PM में शुरू होगा। ki 2. 86.5° E अथायत् भारत के समयानु सार मैि शाम के 7:30PM बजे 3. 84.5° E शुरू होगा तथा दे र रातत्र में समाप्त होगा। क्या आप 4. 82.5° E An जानते हैं तक भारत एवं इं ग्लैंड के बीि समय में क्या अं तर है ? 3. तनम्न तवशेषताओं से पृ थ्वी के ताप कतटबं ध की पहिान कीतजए। A. दोपहर का सूयय कभी भी तसर के ऊपर नही ं होता है । B. इन क्े त्रों का तापमान मध्यम होता है । ith C. ये उत्तरी गोलार्द्य में ककय रे खा एवं उत्तर ध्रुव वृ त्त तथा दतक्णी गोलार्द्य में मकर रे खा एवं दतक्ण ध्रुव वृ त्त के बीि वाले क्े त्र हैं । w 1. शीत कतटबं ध 2. शीतोष्ण कतटबं ध 3. उष्ण कतटबं ध 4. उत्तर एवं दतक्ण ध्रुव et 4. तनम्नतलस्खत कथनों (A), (B), तथा (C) पर तविार भारत ग्रीतनि के पू वय 82°30' पू. में स्स्थत है तथा यहााँ कीतजए तथा सही तवकल्प का िुनाव कीतजए। rg का समय ग्रीतनि समय से 5 घं टा 30 तमनट आगे है । (A) तवश्व के तापकतटबन्ों का वगीकरण अक्ांशों के इसतलए जब लंदन में दोपहर के 2 बजे होंगे , तब भारत आधार पर होता है । में शाम के 7:30 बजे होंगे। (B) उत्तर और दतक्ण ध्रुवों को जोडने वाली काल्पतनक Ta कुछ दे शों का दे शांतरीय तवस्तार अतधक होता है , रे खाएाँ दे शांतर कहलाती हैं । तजसके कारण वहााँ एक से अतधक मानक समय (C) सभी दे शांतरों की लम्बाई समान होती है । अपनाए गए हैं । उदाहरण के तलए , रूस में 11 मानक 1. केवल (A) तथा (B) सही है । समयों को अपनाया गया है । पृ थ्वी को एक-एक घं टे 2. केवल (B) तथा (C) सही हैं । वाले 24 समय क्े त्रों24 Time zones में बााँटा गया है । 3. (A), (B), तथा (C) सही हैं । इस प्रकार प्रत्येक समय - क्े त्र 15° दे शांतर15° 4. केवल (A) सही है । longitude तक के क्े त्र को घे रता है । 5. ग्लोब के संबंध में तनम्न कथनों पर तविार कीतजए। A. तवषुवत् वृ त्त शून्य अं श दे शांतर को दशायता है । B. तवषुवत् वृ त्त एक काल्पतनक रे खा है जो ग्लोब को दो बराबर भागों में बााँटती है । सही तवकल्प का ियन कीतजए। 1. A सही है तथा B गलत है । 2. A गलत है तथा B सही है । 3. A तथा B दोनों सही हैं । 4. A तथा B दोनों गलत हैं । Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu 6. ग्लोब के तवषय में कौनसे कथन सही हैं -? C. ये उत्तरी गोलार्द्य में ककय रे खा एवं उत्तर ध्रुव वृ त्त तथा A- ग्लोब पृ थ्वी का वास्ततवक मॉडल है । )लघु रूप( दतक्णी गोलार्द्य में मकर रे खा एवं दतक्ण ध्रुव वृ त्त के B- ग्लोब आकार और प्रकार में तभन्न हो सकते हैं । बीि वाले क्े त्र हैं । C- ग्लोब पर दे श , महाद्वीप और महासागर उनके सही 1. शीत कतटबं ध आकार में तदखाए जाते हैं । 2. शीतोष्ण कतटबं ध D- यह स्स्थर और न घू मने वाला है । 3. उष्ण कतटबं ध 1. केवल A, B और C 4. उत्तर एवं दतक्ण ध्रुव 2. केवल A, C और D 3. केवल A, B और D 12. भारत ग्रीनतवि के पू वय 82°30' पू में स्स्थत है । जब. 4. केवल B, C और D लन्दन में शाम के4 बजे होंगे तब भारत में क्या समय 7. तनम्नतलस्खत कथनों A, B तथा C पर दे शान्तरों व होगा? अक्ांशों के संदभय में तविार कीतजए तथा सही उत्तर का 1. सुबह के 9:30 बजे होंगे। ियन कीतजए। 2. शाम के 9:30 बजे होंगे। (A) दे शांतर समांतर वृ त्त होते हैं । 3. सुबह के 10:30 बजे होंगे। (B) अक्ांश समांतर वृ त्त होते हैं । 4. शाम के 10:30 बजे होंगे। t (C) दे शांतर अक्ांश अधय वृत्त होते हैं । ki 1. दोनों (A) तथा (B) सत्य हैं । 13. यतद भारत में शाम के 6:30 बजे होंगे , तब लंदन में 2. दोनों (B) तथा (C) सत्य हैं । क्या समय होगा? 3. उपयुयि में से एक से अतधक 1. 1:00 AM An 4. केवल (B) सत्य है । 2. 12:00 AM 3. 12:30 PM 8. अं तरायष्ट्रीय तततथ रे खा कौन सी है ? 4. 1:00 PM 1. 180 तडग्री दे शांतर 2. 90 तडग्री ई दे शांतर 14. भारत ग्रीतनि के पू वय में 82°30′ E पर स्स्थत है । ith 3. शून्य तडग्री दे शांतर भारत का मानक समय क्या होगा यतद ग्रीतनि मीन 4. भूमध्य रे खा समय 1 PM है । 1. 7.30 PM w 9. कथन पढ़ कर सही तवकल्प िुतनए। 2. 6.30 PM अतभकथन (A) : उष्ण कतटबं ध सवायतधक ऊष्मा प्राप्त 3. 6.30 AM करता है और वषय भर गमय रहता है । 4. 7.30 AM कारण (R) : ककय रे खा और मकर रे खा के बीि सभी et अक्ांश रे खाओं पर वषय में कम से कम एक बार तदन के (NCERT CLASS-6 : Geography Chapter- 3) मध्य सूयय तसर पर रहता है । पृ थ्वी की गततयााँ : Motion Of The Earth:- 1. (A) और (R) दोनों सत्य हैं , (R) (A) की सही व्याख्या rg करता है । पृ थ्वी की गतत दो प्रकार की है - घू णयन एवं पररक्रमण 2. (A) और (R) दोनों सत्य हैं , परं तु (R), (A) की Rotation and revolution. व्याख्या नही ं करता है । घू णयन Rotation:पृ थ्वी का अपने अक् पर घू मना घू णयन Ta 3. (A) सत्य है पर (R) सत्य नही ं है । कहलाता है । 4. (A) और (R) दोनों सत्य हैं । पररक्रमणRevolution: सूयय के िारों ओर एक स्स्थर कक् में पृ थ्वी की गतत को पररक्रमण कहते हैं - 10. ग्लोब पर सबसे लंबी अक्ांश रे खा कौनसी है -? 1. तवषुवत् रे खा 2. ककय रे खा 3. मकर रे खा 4. उत्तरी ध्रुव वृ त्त 11. तनम्न तवशेषताओं से पृ थ्वी के ताप कतटबं ध की पहिान कीतजए। A. दोपहर का सूयय कभी भी तसर के ऊपर नही ं होता है । पृ थ्वी का अक् एक काल्पतनक रे खा है , जो इसके कक्ीय B. इन क्े त्रों का तापमान मध्यम होता है । सतह से 66 1⁄2°का कोण बनाती है । वह समतल जो कक् के द्वारा बनाया जाता है , उसे कक्ीय समतल कहते हैं । Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu पृ थ्वी सूयय से प्रकाश प्राप्त करती है । पृ थ्वी का आकार पृ थ्वी दीघय वृत्ताकार पथ Elliptical path पर सूयय के गोले के समान है , इसतलए एक समय में तसफय इसके िारों ओर िक्कर लगाती है । आधे भाग पर ही सूयय की रोशनी प्राप्त होती है सूयय की ध्यान दीतजए तक पृ थ्वी पू रे कक् में एक ही तदशा में झुकी ओर वाले भाग में तदन होता है , जबतक दू सरा भाग जो हुई है । सामान्यतः एक वषय को गमी , सदी, वसंत एवं सूयय से दू र होता है वहााँ रात होती है । ग्लोब पर वह वृ त्त शरद् ऋतुओ ं में बााँटा जाता है । ऋतुओ ं में पररवतयन सूयय जो तदन तथा रात को तवभातजत करता है उसे (प्रदीस्प्त के िारों ओर पृ थ्वी की स्स्थतत में पररवतयन के कारण वृ त्त CIRCLE OF ILLUMINATION) कहते हैं । यह वृ त्त होता है । अक् के साथ नही ं तमलता है - 21 जून को उत्तरी गोलाधय Northern hemisphere सूयय की तरफ झुका है । सूयय की तकरणें ककय रे खा Tropic of Cancer पर सीधी पडती हैं । इसके पररणामस्वरूप इन क्े त्रों में ऊष्मा अतधक प्राप्त होती है । ध्रुवों के पास वाले क्े त्रों में कम ऊष्मा प्राप्त होती है , क्योंतक वहााँ सूयय की तकरणें ततरछी पडती हैं । उत्तर ध्रुव सूयय की तरफ झुका होता है तथा उत्तरी ध्रुव रे खा के बाद वाले भागों पर लगभग 6 महीने तक लगातार तदन रहता t है । िूाँतक , उत्तरी गोलाधय के बहुत बडे भाग में सूयय की ki रोशनी प्राप्त होती है , इसतलए तवषुवत् वृ त्त के उत्तरी भाग में गमी का मौसम होता है । 21 जून को इन क्े त्रों में सबसे लंबा तदन तथा सबसे छोटी रात होती है । पृ थ्वी An की इस अवस्था को उत्तर अयनांत / ग्रीष्म अयनांत North Solstice कहते हैं । ith w पृ थ्वी अपने अक् पर एक िक्कर पू रा करने में लगभग 24 घं टे का समय लेती है । घू णयन के समय काल को पृ थ्वी तदन कहा जाता है । यह पृ थ्वी की दै तनक गतत et Daily Motion है । अगर पृ थ्वी घू णयन नही ं करे तो क्या होगा ? rg सूयय के तरफ वाले पृ थ्वी के भाग में हमेशा तदन होगा तजसके कारण उस भाग में गमी लगातार पडे गी। दू सरे भाग में हमेशा अाँ धेरा रहे गा एवं पू रे समय ठं ड पडे गी । Ta इस तरह की अवस्था में जीवन संभव नही ं हो पाएगा। पृ थ्वी की दू सरी गतत जो सूयय के िारों ओर कक् Orbit में 22 तदसंबर को दतक्ण ध्रुव के सूयय की ओर झुके होने होती है उसे पररक्रमण Revolution कहा जाता है । के कारण मकर रे खा Tropic of Capricorn पर सूयय पृ थ्वी एक वषय या की तकरणें सीधी पडती हैं । िूाँतक , सूयय की तकरणें मकर 365 1/4 तदन में सूयय का एक िक्कर लगाती है । हम रे खा पर लंबवत् पडती हैं इसतलए दतक्णी गोलाधय के लोग एक वषय 365 तदन का मानते हैं तथा सुतवधा के बहुत बडे भाग में प्रकाश प्राप्त होता है । इसतलए , तलए 6 घं टे को इसमें नही ं जोडते हैं । दतक्णी गोलाधय में लंबे तदन तथा छोटी रातों वाली ग्रीष्म िार वषों में प्रत्येक वषय के बिे हुए 6 घं टे तमलकर एक ऋतु होती है । इसके ठीक तवपरीत स्स्थतत उत्तरी गोलाधय तदन यानी 24 घं टे के बराबर हो जाते हैं । इसके में होती है । पृ थ्वी की इस अवस्था को दतक्ण अयनांत अततररि तदन को फरवरी के महीने में जोडा जाता है । South Solstice कहा जाता है । क्या आप जानते हैं तक इस प्रकार प्रत्येक िौथे वषय फरवरी माह 28 के बदले 29 आस्टरे तलया में ग्रीष्म ऋतु में तक्रसमस का पवय मनाया तदन का होता है । ऐसा वषय तजसमें 366 तदन होते हैं उसे जाता है ? (लीप वषय Leap year) कहा जाता है । Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu 21 मािय एवं 23 तसतंबर को सूयय की तकरणें तवषुवत् 6. 21 मािय और 23 तसतम्बर को पू री पृ थ्वी पर तदन वृ त्तEquatorial circleपर सीधी पडती हैं । इस अवस्था और रात बराबर होते है । इसका कारण है में कोई भी ध्रुव सूयय की ओर नही ं झुका होता है , इसतलए (A) सूयय की तकरणें तवषुवत् वृ त्त पर सीधी पडती हैं और पू री पृ थ्वी पर रात एवं तदन बराबर होते हैं । इसे तवषुव इस स्स्थतत में कोई भी ध्रुव सूयय की ओर झुका नही ं होता Equinox कहा जाता है । है । 23 तसतंबर को उत्तरी गोलाधय में शरद् Autumn ऋतु (B) सूयय की तकरणें मकर रे खा पर सीधी पडती हैं और होती है , जबतक दतक्णी गोलाधय में वसंत spring ऋतु इस स्स्थतत में कोई भी ध्रुव सूयय की ओर झुका नही ं होता होती है । 21 मािय को स्स्थतत इसके तवपरीत होती है जब है । उत्तरी गोलाधय में वसंत spring ऋतु तथा दतक्णी गोलाधय (C) सूयय की तकरणें ककय रे खा पर सीधी पडती हैं और में शरद् Autumnऋतु होती है । इस स्स्थतत में एक ध्रुव का झुकाव सूयय की ओर होता है । इस प्रकार, स्पष्ट् है तक पृ थ्वी के घू णयन एवं पररक्रमण के (D) सूयय की तकरणें तवषुवत् वृ त्त पर सीधी पडती हैं और कारण तदन एवं रात तथा ऋतुओ ं में पररवतयन होता है । इस स्स्थतत में एक ध्रुव का झुकाव सूयय की ओर होता हैं । 1. ग्लोब के 'प्रदीस्प्त वृ त्त ' के सम्बन् में कथन A) और 7. कल्पना कीतजए तक यतद पृ थ्वी का झुकाव अपनी B) पर तविार कीतजए और सही तवकल्प का ियन कक्ा के तल की ओर नही ं है , तब : t कीतजए। A. प्रदीप्त वृ त्त अनु दैध्यय रे खाओं से मेल होगा। ki (A) यह ग्लोब पर तदन और रात को तवभातजत करता B. प्रदीप्त वृ त्त अक्ांश रे खाओं से मेल होगा। है । C. तकसी तवशेष क्े त्र में कोई मौसमी तभन्नता नही ं होगी। (B) यह वृ त्त अक् के साथ तमलता है । D. तकसी तवशेष क्े त्र में अतधक मौसमी तभन्नता होगी। An 1. (A) सही है , (B) गलत है । सही तवकल्प का ियन कीतजये। 2. (A) गलत है , (B) सही है । 1. B और C 2. B और D 3. (A) और (B) दोनों सही हैं । 3. A और C 4. A और D 4. (A) और (B) दोनों गलत हैं । 8. पृ थ्वी द्वारा सूयय के िारों ओर घू मने को कहा जाता है ith 2. ऋतुओ ं के पररवतयन का क्या कारण है ? (A) कक्ीय समतल 1. पृ थ्वी का घू मना और िक्कर लगाना (B) प्रदीस्प्त वृ त्त 2. पृ थ्वी का िक्कर लगना (C) घू णयन 3. पृ थ्वी का पररक्रमण और अपनी धु री का झुकाव w (D) पररक्रमण 4. पृ थ्वी का घू णयन और अपनी धु री का झुकाव 3. भारत में तकन तततथयों पर तवषुव होता है ? 9. पृ थ्वी की गततयों के संदभय में तनम्नतलस्खत कथनों पर 1. 21 मािय और 22 तदसम्बर तविार कीतजये -: et 2. 21 जून और 23 तसतम्बर 1) पृ थ्वी का अपने अक् पर घू मना पररक्रमणकहलाता 3. 21 जून और 22 तदसम्बर है । 4. 21 मािय और 23 तसतम्बर 2) पृ थ्वी का सूयय के िारों ओर एक स्स्थर कक्ा में गतत rg को घू णेन कहते हैं । 4. पृ थ्वी की स्स्थतत के संबंध में तनम्नतलस्खत में से कौन - उपयुयि कथनों में से कौन साहैं /से कथन असत्य है /? सा कथन सत्य है ? a)केवल 1 Ta 1. पृ थ्वी की धु री एक तनतश्चत रे खा है जो अपने कक्ीय b) केवल 2 तल से एक 661/2, कोण बनाती है । c) 1 और 2 दोनों 2. पृ थ्वी की धु री एक तनतश्चत रे खा है जो अपने कक्ीय d) न तो 1 और न ही तल से एक 231⁄2कोण बनाती है । 3. पृ थ्वी की धु री एक काल्पतनक रे खा है जो अपने.10'उत्तरी अयनांत' के संदभय में तनम्नतलस्खत कथनों पर कक्ीय तल से एक 661/2, कोण बनाती है । तविार कीतजये -: 4. पृ थ्वी की धु री एक काल्पतनक रे खा है जो अपने 1)21 जून को उत्तरी गोलार्द्य सूयय की तरफ झुका होता कक्ीय तल से एक 231⁄2 कोण बनाती है । है , तजससे सूयय की तकरणें तवषुवत रे खा पर सौधी पडती है । 5. दतक्णी गोलाधय में 'सबसे लंबा तदन ' कौन सा होता है ? 2) इस तदन उत्तरीवत गोलार्द्य में तदन सबसे बडा और 1. 21 मािय रात सबसे छोटी होती है । 2. 21 जून 3) तवषुवत वृ त्त के उत्तरी भाग में गमी का मौसम होता है 3. 23 तसतंबर एवं दतक्णी भाग में सदी का मौसम होता है । 4. 22 तदसम्बर Target with Ankit YouTube Channnel https://www.youtube.com/@TargetwithAnkitEdu उपयुयि में से कौनहैं / से कथन सत्य है /सा-? मानतित्र हमारी तवतभन्न जरूरतों के तलए आवश्यक हैं । a) केवल 1 और 2 b) केवल 2 और 3 कुछ मानतित्र एक छोटे क्े त्र को एवं कुछ तथ्ों को c) केवल 1 और 3 d) उपरोि सभी दशायता है । दू सरे मानतित्र में एक बडी तकताब की तरह तथ् हो सकते हैं । जब बहुत से मानतित्रों को एक साथ.11ऋतू पररवतयन के संदभय में तनम्नतलस्खत कथनों पर रख तदया जाता है तब एक एटलस Atlas बन जाता है । तविार कीतजये -: एटलस तवतभन्न प्रकारों तथा अलग-अलग पै माने से 1) सामान्यतः एक वषय को गमी , सदी, वसंत एवं शरद् खी ंिी गई मापों पर आधाररत होता है । मानतित्रों से एक ऋतुओ ं में बााँटा जाता है । ग्लोब की अपे क्ा हमें ज्यादा जानकारी प्राप्त होती है । 2) ऋतुओ ं में पररवतयन सूयय के िारों ओर पृ थ्वी की मानतित्र तवतभन्न प्रकार के होते हैं । तजनमें से कुछ को स्स्थतत में पररवतयन के कारण होता है । नीिे वतणयत तकया गया है । उपयुयि कथनों में से कौनहै /से कथन असत्य है /सा-? a) केवल 1b) केवल 2 भौततक मानतित्रphysical map:- c) 1 और 2 दोनों d) न तो 1 और न ही पृ थ्वी की प्राकृततक आकृततयों ; जैसे- पवय तों , पठारों, मैदानों, नतदयों, महासागरों इत्यातद को दशायने वाले 12. पृ थ्वी अपने अक् पर घू मती है मानतित्रों को भौततक या उच्चावि मानतित्र कहा जाता (A) पतश्चम से पू वय की ओर t है । (B) उत्तर से दतक्ण की ओर ki Earth's natural shapes; For example, maps (C) पू वय से पतश्चम की ओर showing mountains, plateaus, plains, rivers, (D) दतक्ण से उत्तर की ओर oceans, etc. are called physical or relief maps. An 13. जब तदन और रात की अवतध बराबर होती है , तो राजनीततक मानतित्र Political map:- सूयय की तकरणें सीधी पडती है राज्यों, नगरों, शहरों तथा गााँवों और तवश्व के तवतभन्न (A) उत्तरी ध्रुव पर दे शों व राज्यों तथा उनकी सीमाओं को दशायने वाले (B) भूमध्य रे खा पर मानतित्र को राजनीततक मानतित्र कहा जाता है ।