Hindi Class 10 Past Paper PDF 2024-25

Summary

This is a Hindi class 10 past paper for the academic year 2024-2025. The paper includes multiple-choice questions focusing on Hindi grammar, literature, and other related elements. These questions are appropriate for secondary school students in India.

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मॉडल प स -2024-25 क ा-10 िवषय-िह दी समय- 3 घ टे 15 िमनट पूणाक- 70 िनदश- (I) ार भ के 15 िमनट परी ा थय को -प पढ़ने के...

मॉडल प स -2024-25 क ा-10 िवषय-िह दी समय- 3 घ टे 15 िमनट पूणाक- 70 िनदश- (I) ार भ के 15 िमनट परी ा थय को -प पढ़ने के िलए िनधा रत है। (II) प दो ख ड (अ) तथा ख ड (ब) म िवभािजत है। (III) प के ख ड (अ) म ब िवक पीय ह िजसम सही िवक प का चयन करके O.M.R. शीट पर नीले अथवा काले बाल वाइंट पेन से सही िवक प वाले गोले को पूण प से काला कर। (IV)ख ड (अ) म ब िवक पीय हेतु येक के िलए (01) अंक िनधा रत है। (V) ओoएमoआरo शीट पर उ र अं कत कये जाने के प ात उसे काटे नह तथा इरे जर(Eraser) एवं हाइटनर (Whitener) आ द का योग न कर। (VI) येक के स मुख उनके िनधा रत अंक दये गये ह। ब िवक पीय ख ड-अ पूणाक-20 -1 ‘बाबू गुलाब राय’ कस युग के लेखक ह- 01 A. भारते दु युग B. ि वेदी युग C. शु ल युग D. “kqDyksRrj युग -2 ‘िच तामिण’ कस िवधा क रचना है- 01 A. िनब ध B. किवता C. नाटक D. कहानी -3 ‘गबन’ कसक रचना है- 01 A. मुंशी ेमच द B. जयशंकर साद C. िनराला D. ह रकृ ण ेमी -4 ‘शु ल युग’ क समयाविध है- 01 A. 1936-1943 तक B. 1919-1938 तक C. 1900-1918 तक D. उपरो म से कोई नह -5 ‘नीड़ का िनमाण फर’ कस िवधा क रचना है- 01 A. जीवनी B. आ मकथा C. सा ा कार/भटवाता D. रे खािच -6 ‘ि य वास’ कस युग क रचना है- 01 A. ि वेदी युग B. भारते दु युग C. गितवादी युग D. छायावादी युग -7 ‘मधुशाला’ कसक रचना है- 01 A. रामधारी सह दनकर B. ह रऔध C. ह रवंशराय ब न D. सुिम ान दन पंत -8 ‘भारत-भारती’ कसक रचना है- 01 A. िसयारामशरण गु B. मैिथलीशरण गु C. जयशंकर साद D. महादेवी वमा -9 आधुिनक काल कब से कब तक है- 01 A. सन् 1843 से अब तक B. 1643 ई0 से 1843 तक C. सन् 1918-1936 तक D. 1936 से 1943 तक -10 ‘मितराम’ कस युग के किव है- 01 A. आधुिनक काल B. आ दकाल C. भि काल D. रीितकाल -11 हा य रस का थायी भाव है- 01 A. शोक B. रित C. हास D. िनवद -12 सोहत ओढ़े पीत पट याम सलोने गात। 01 मनो नील मिण शैल पर आतप ij~;ks काश। उपरो पंि य म कौन सा अलंकार है- A. उपमा अलंकार B. उ े ा अलंकार C. पक अलंकार D. “ys’k अलंकार -13 रोला छंद म कु ल कतने चरण होते ह- 01 A. तीन B. दो C. चार D. पाँच -14 ‘आकषण’ श द म कस उपसग का योग कया गया है- 01 A. ‘िव’ B. मान C. अक D. आ -15 रचना के आधार पर वा य के कतने भेद है- 01 A. दो B. पाँच C. छः D. तीन -16 ‘पीता बर’ म कौन सा समास है- 01 A. कमधारय B. C. ब ीिह D. त पु ष -17 आंसू का त सम प है- 01 A. अ ु B. अंशु C. रोना D. आंख -18 ‘कतृवा य’ म कसक धानता होती है- 01 A. ‘कता’ क धानता B. ‘कम’ क धानता C. ‘भाव’ क धानता D. इनम से कोई नही -19 ‘ता यः’ श द म वचन एवं िवभि है- 01 A. ष ी िवभि एकवचन B. स मी िवभि ि वचन C. ष ी िवभि ब वचन D. चतुथ िवभि ब वचन -20 िन िलिखत म ‘सवनाम’ है 01 A. मनु य B. बचपन C. वह D. इनम से कोई नही वणना मक (ख ड-ब) पूणाक-50 -1 िन िलिखत ग ांश पर आधा रत तीन का उ र दीिजए- 3×2=06 यह कोई बात नह है क एक वभाव और िच के लोग म ही िम ता हो सकती है। समाज म िविभ ता देखकर लोग एक दूसरे क ओर आक षत होते ह। जो गुण हममे नह है, हम चाहते ह क कोई ऐसा िम िमले, िजसम वे गुण ह । िच ताशील मनु य फु ि लत िच का साथ ढ़ूढ़ता है, िनबल बली का, धीर उ साही का। उ आकां ा वाला च गु युि और उपाय के िलये चाण य का मुँह ताकता था। नीित िवशारद अकबर मन बहलाने के िलए बीरबल क ओर देखता था। (I) उपयु ग ांश का संदभ िलिखए? (II) ग ांश के रे खां कत अंश क ा या क िजए। (III) लेखक के अनुसार समाज म िविभ ता देखकर लोग एक दूसरे क ओर य आक षत होते ह? अथवा “हे भगवान! तब के िलए! िवपद् के िलए! इतना आयोजन! परमिपता क इ छा के िव इतना साहस! िपताजी, या भीख न िमलेगी? या कोई िह दू भू-पृ पर न बचा रह जाएगा! जो ा ण को दो मु ी अ दे सके ? यह अस भव है! फे र दीिजए िपताजी म काँप रही ँ इसक चमक आँख को अंधा बना रही है।” (I) उपयु ग ांश का संदभ िलिखए? (II) ग ांश क रे खां कत अंश का भाव प क िजए। (III) ममता ारा कस काय को ई र क इ छा के िव बताया गया है? -2 दए गए प ांश पर आधा रत तीन का उ र दीिजए- 3×2=06 चरण-कमल बंदौ ह र राइ। जाक कृ पा पंगु िग र ya?kks अंधे को सब कु छ दरसाइ। बिहरौ सुनै गूंग पुिन बोले। रं क चले िसर छ धराइ। सूरदास वामी क णामय, बार-बार बंदौ ित ह पाई। (I) उपयु प ांश का स दभ िलिखए। (II) रे खां कत अंश क ा या क िजए। (III) उपयु पंि य म कौन सा अलंकार है? अथवा सुिन सु दर वैन सुधारस साने सयानी है जानक जानी भली। ितरछे क र नैन ित है समुझाइ कछु मुसकाइ चली। तुलसी तेिह अवसर से ह रावै अवलोकित लोचन ला अली। अनुराग तड़ाग म भानु उदै िवगसी मनु मंजुल कं ज कली। (I) उपयु प ांश का स दभ िलिखए। (II) रे खां कत अंश क ा या क िजए। (III) ‘अनुराग तड़ाग’ तथा ’मनु मंजुल कं ज कली’ म कौन-कौन सा अलंकार है? -3 दए गए सं कृ त ग ांश म से कसी एक का संदभ सिहत िह दी म अनुवाद क िजए। 2+3=05 एषा नगरी भारतीयसं कृ तेः सं कृ त भाषाया के थलम् अि त। इत एवं सं कृ त वा प य सं कृ ते आलोकः सव सृतः। मुगलयुवराजः दारािशकोहः अ ाग य भारतीयः दशन शा ाणाम् अ ययनम् अकरोत। सतेषां ानेन तथा भािवतः अभवत् यत तेन उपिनषदाम् अनुवादः पारसी भाषायां का रतः। अथवा मानव-जीवन य सं करणं सं कृ ितः। अ माकं पूवजाः मानवजीवन सं कृ तु महा तं य म् अकु वन। तो अ माकं जीवन य सं करणाय यान आचारान् िवचारान् च अदशयन् तत् सवम् अ माकं सं कृ ितः। -4 दए गए सं कृ त प ांश म से कसी एक का संदभ सिहत िह दी म अनुवाद क िजए। 2+3=05 “मानं िह वा ि यो भवित ोधं िह वा न शोचित। कामं िह वाथवान् भवित लोभं िह वा सुखी भवेत्।” अथवा सव भव तु सुिखनःसव संतु िनरामया। सव भ ािण प य तु मा कि द दुखभाग भवेत्।। -5 अपने प ठत ख डका के आधार पर िन िलिखत म से कसी एक का उ र दीिजएः 3×1=03 (क) (i) ‘मुि दूत’ ख डका के आधार पर गाँधी जी का च र -िच ण क िजए। (ii) ‘मुि दूत’ ख डका के चतुथ सग का कथानक अपने श द म िलिखए। (ख) (i) ‘ योित जवाहर’ ख डका क कथाव तु सं ेप म िलिखए। (ii) ‘ योित जवाहर’ ख डका के आधार पर जवाहरलाल नेह का च र -िच ण क िजए। (ग) (i) ‘मेवाड़ मुकुट’ ख डका के ि तीय सग ‘ल मी’ का सारांश िलिखए। (ii) ‘मेवाड़ मुकुट’ ख डका के आधार पर दौलत का च र -िच ण क िजए। (घ) (i) ‘अ पूजा’ ख डका क कथाव तु सं ेप म िलिखए। (ii) ‘अ पूजा’ ख डका के आधार पर युिधि र का च र ांकन क िजए। (ङ) (i) ‘जय सुभाष’ ख डका के आधार पर नायक का च र -िच ण क िजए। (ii) ‘जय सुभाष’ ख डका के थम सग का कथानक िलिखए। (च) (i) ‘मातृभूिम के िलए’ ख डका के ‘संक प’ सग का सारांश िलिखए। (ii) ‘मातृभूिम के िलए’ ख डका के आधार पर च शेखर ‘आजाद’ का च र - िच ण क िजए। (छ) (i) ‘कण’ ख डका के ूत-सभा म ‘ ौपदी’ सग का सारांश िलिखए। (ii) ‘कण’ ख डका के आधार पर ीकृ ण का च र -िच ण क िजए। (ज) (i) ‘कमवीर भरत’ ख डका के आधार पर कै के यी का च र -िच ण क िजए। (ii) ‘कमवीर भरत’ ख डका के ‘आगमन’ सग क कथाव तु िलिखए। (झ) (i) ‘तुमुल’ ख डका के आधार पर ल मण का च र -िच ण क िजए। (ii) ‘तुमुल’ ख डका के ‘राम-िमलाप और सौिम का उपचार’ सग क कथा सं ेप म िलिखए। -6(क) दये गये लेखक म से कसी एक का जीवन प रचय िलखते ए उनक एक मुख रचना का उ लेख क िजए। 3+2=05 (I) डॉ0 राजे साद (II) जयशंकर साद (III) आचाय रामच शु ल -6(ख) दये गये किवय म से कसी एक का जीवन प रचय देते ए अपनी एक मुख रचना का उ लेख क िजए। 3+2=05 (I) गो वामी तुलसीदास (II) सुिम ान दन पंत (III) महाकिव सूरदास -7 अपनी पा -पु तक म से क ठ थ कोई एक ोक िलिखए जो इस प म न आया हो। 2×1=02 -8 िन िलिखत म से क ह दो का उ र सं कृ त म दीिजए। 1+1=02 (I) भारतीय सं कृ ते मूलं कम् अि त? (II) पु राज कः आसीत्? (III) च शेखर कः आसीत्? (IV) वीरः के न पू यते? -9 िन िलिखत म से कसी एक िवषय पर िनब ध िलिखए। 7×1=07 (I) पयावरण संर ण के उपाय। (II) आतंकवाद : कारण एवं िनवारण। (III) जनसं या : लाभ हािन। (IV) नारी सशि करण। -10 अपनी िवशेष िचय का उ लेख करते ए अपने िम को एक प िलिखए। 2+2=04 अथवा उ र म य रे लवे को एक िशकायती प िलिखए िजसम टकट िनरी क ारा कए गये अभ वहार का उ लेख हो।

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