कच्छ की सैर PDF
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हरेश धोलकिया
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Summary
यह दस्तावेज़, कच्छ की यात्रा वृतांत प्रस्तुत करता है। इसमें विभिन्न दर्शनीय स्थलों, ऐतिहासिक महत्व और पर्यटक स्थलों का वर्णन शामिल है। इसकी भाषा सरल और सुबोध है।
Full Transcript
## कच्छ की सैर **हरेश धोलकिया** अध्यापक थे। शिक्षकत्व उनकी पहचान बन गई है। पूर्व राष्ट्रपति श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बहुचर्चित **'Wings of Fire'** पुस्तक का धोलकिया ने गुजराती भाषा में 'अगनपंख' शीर्षक से अनुवाद किया है। शिक्षणकार्य के अनुभव, संशोधनात्मक लेखन कार्य तथा पत्रकारत्व आपके लेखन के क्...
## कच्छ की सैर **हरेश धोलकिया** अध्यापक थे। शिक्षकत्व उनकी पहचान बन गई है। पूर्व राष्ट्रपति श्री ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बहुचर्चित **'Wings of Fire'** पुस्तक का धोलकिया ने गुजराती भाषा में 'अगनपंख' शीर्षक से अनुवाद किया है। शिक्षणकार्य के अनुभव, संशोधनात्मक लेखन कार्य तथा पत्रकारत्व आपके लेखन के क्षेत्र हैं। 'कच्छमित्र' में धोलकिया 'सुरखाब' स्तंभ अंतर्गत लिखते हैं। धोलकिया का सर्जनकार्य 'अंगदनो पग', 'चार सो टका आनंद' तथा शिक्षणसंबंधी गुजराती साहित्य लोकिप्रय है। **इकाई में** धोलकिया ने कच्छ का परिचय कराने का प्रयास किया है। इसमें कच्छ एवं इर्द-गिर्द के दर्शनीय स्थानों का परिचय कराया है। **इस इकाई में** धोलकिया ने अपनी संस्कृति का आदर विरासत का संरक्षण, देशप्रेम आदि मूल्यों को विकसित किया है। यहाँ धोलकिया की रचना 'कच्छयात्रा' का भावानुवाद प्रस्तुत है। ### यात्रावृत्त विशाल भारत में अनेक दर्शनीय प्रांत हैं। सब का अपना महत्त्व एवं सौंदर्य है। गुजरात उनमें से एक अनूठा राज्य है। गुजरात का एक विशिष्ट जिला है 'कच्छ' । जो गुजरात का अत्यंत रमणीय प्रदेश है। यात्रियों के लिए कच्छ आकर्षण का केन्द्र है। इसका पौराणिक महत्त्व भी कम नहीं। अनेक दर्शनीय स्थानों के वैविध्य के कारण इसे 'म्युजियम' (संग्रहालय) कह सकते हैं। कच्छ में प्रवेश करते ही हमें रेगिस्तान के दो भाग देखने को मिलते हैं - एक छोटा रेगिस्तान और दूसरा बड़ा रेगिस्तान। इन दोनों में रेगिस्तान जैसा कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। रेत कहीं नज़र नहीं आती, अतः यह अनूठा रेगिस्तान है। सामखीयाली को हम कच्छ का प्रवेशद्वार कह सकते हैं, कच्छ की यात्रा यहीं से आरंभ होती है। यहाँ से उत्तर दिशा की ओर यात्रा का प्रारंभ होता है। रापर से धोलावीरा पहुँचते ही हमारी प्राचीन संस्कृति मोहें-जो-दड़ो का स्मरण हो जाता है। यह स्थान 5000 वर्ष के अवशेषों का अंग है। इस प्राचीन नगरी के दर्शन से ही हम चकित रह जाते हैं। हमें प्राचीनता में आधुनिकता के दर्शन होते हैं। सामखीयाली से पश्चिम की यात्रा करते भचाऊ नजर आता है, जो बड़ा गाँव है जैसे नगर। वहाँ से गांधीधाम औद्योगिक कारखानों का शहर है, यहाँ सिंधी प्रजा पाकिस्तान से आकर स्थायी हुई है। गांधीधाम, आदीपुर तथा गोपालपुरी उद्योगों के कारण विकसित हुए दिखाई देते हैं। आदीपुर में गांधीस्मृति तथा पास ही कंडला बंदरगाह का बड़ा महत्त्व है। कंडला का विकास यहाँ की प्रजा के लिए महत्त्वपूर्ण है। कंडला से दक्षिण की ओर **भद्रेश्वर** अति प्राचीन जैन-यात्राधाम है। संगमरमर से बना 2500 वर्ष पुराना जिनालय भूकंप में खंडित हुआ, उसके पुनःनिर्माण का कार्य जोरों से चल रहा है। इसे आधुनिकता का स्पर्श मिला है। मुन्द्रा शहर तहसील मुख्यालय भी है। यहाँ अनेक उद्योगों के कारण विकास की दिशा खुली है। समुद्र के किनारे बंदरगाह विकसित हुआ है। यहाँ कुछ प्राचीन इमारतें हैं। समुद्र के किनारे तटीय यात्रा करते हुए हम मांडवी पहुँचे । मांडवी अति सुंदर बंदरगाह है। बड़ा प्राचीन नगर है। यह शहर राजा के महल, पवनचक्कियों तथा समुद्रतट के कारण अधिक दर्शनीय बना है। यहाँ V.R.T.I. ग्राम्य संस्था है, बहत्तर जिनालय हैं, पास ही बीदड़ा गाँव में आंतरराष्ट्रीय अस्पताल है। मांडवी से आगे चलते डुमरा, कोठीरा, सुघरी और जखो महत्त्वपूर्ण गाँव हैं। जैनों का प्राधान्य यहाँ नज़र आता है। नलिया शहर तहसील का केन्द्र है। यहाँ वायु सेना का मुख्य अड्डा है। नलिया से एक घण्टे की यात्रा करने के बाद 'नारायण सरोवर' अति प्राचीन, पौराणिक, धार्मिक स्थान आता है। इस स्थान को रामायण काल का माना जाता है। वहाँ कोटेश्वर नामक दर्शनीय मंदिर है, जहाँ से रावण गुजरा था, यह पूरे भारत का प्राचीन स्थान माना जाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त दर्शन यहाँ का बड़ा आकर्षण है। नारायण सरोवर से आगे की यात्रा में 'लखपत' आता है जो अति प्राचीन स्थल है। गुरु नानक की चरणरज से पावन इस भूमि पर गुरुद्वारा है। एक समय का समृद्ध शहर आज जीर्णावस्था में होते हुए भी दर्शनीय है। यहाँ एक किला है, उसके बगल में पानंध्रो खनिज संपत्ति के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही विद्युत निर्माण का यह केन्द्र है। लखपत से मध्य कच्छ की ओर बढ़ने पर **हज्जीपीर** मुसलमानों के लिए श्रद्धा का केन्द्र आता है। यहाँ पीर की मज़ार है। रेगिस्तान की झांकी यहाँ से होती है। रास्ते में 'माता का मढ़' नामक धार्मिक स्थान है। जहाँ नवरात्रि के पर्व पर लोग पदयात्रा करते हुए श्रद्धा भाव से दर्शनार्थ आते हैं। आगे **नखत्राणा** प्राकृतिक नज़ारों का केन्द्र बना है। रास्ते में चक्ष, पुरेश्वर मंदिर, वांढाय जैसे मनोहारी प्राचीन स्थान हैं। अब कच्छ का मुख्य केन्द्र भुज आते ही उसके वैभव का परिचय होता है। आयना महल, प्रागमहल, टावर, स्वामिनारायण मंदिर, हिलगार्डन, हमीरसर तालाब, भूजिया पहाड़, लोक संग्रहालय, विश्व विद्यालय आदि के दर्शन करके हम आनंद ले सकते हैं। सन 2001 के भूचाल ने इसे खंडित किया, तो लोगों ने उसे नए स्वरूप में पुनः निर्माण करके और सुंदर शहर बना दिया है। भुज से उत्तर दिशा की ओर **खावडा** में 'काला डुंगर' है। पहाड़ पर चढ़कर रेगिस्तान की झाँकी करना एक अनूठा अनुभव है। सरकार एवं स्थानीय जनता द्वारा 'रणोत्सव' का आयोजन होता है। देशभर से लोग यहाँ आते हैं। सफेद रेगिस्तान को देखना एक आनंददायी घटना है। भुज से अंजार भी जाया जाता है। आगे बढ़ते हुए 'सृजन' संस्था में यहाँ की प्रजा की हस्तकला का परिचय होता है। जेसल-तोरल की स्मृति में मंदिर बना है जो ऐतिहासिक स्थान है। यहाँ से आदीपुर तथा गांधीधाम जा सकते हैं। 'सूरजबारी' नामक स्थान से हमारी कच्छ यात्रा पूर्ण होती है, जो अविस्मरणीय स्मृतियाँ छोड़ जाती है। कहा जाता है “कच्छ नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा!" कच्छ गुजरात का गौरव है और दुनिया भर के लोगों के लिए किसी भी मौसम में दर्शनीय एवं आकर्षण का केन्द्र है। ### शब्दार्थ अनूठा - अनोखा, विशिष्ट रेगिस्तान - मरुभूमि जीर्णोद्धार - पुनःनिर्माण मज़ार - दरगाह गुरुद्वारा - सिखों का धार्मिक स्थल भूचाल - भूकंप ### अभ्यास **प्रश्न 1** निम्नलिखित मुद्दों के संदर्भ में चार-पाँच वाक्य बोलिए : (1) मरुभूमि / रेगिस्तान (2) कच्छ के तीन बड़े शहर (3) कच्छ में स्थित धार्मिक स्थल (4) कच्छ के ऐतिहासिक स्थल **प्रश्न 2** निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1) आप अपनी पाठशाला में से किसी यात्रा पर गए हों, तो उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। (2) आपने की हुई किसी यात्रा का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए। **प्रश्न 3** दिए गए शब्द मिलें ऐसी पहेलियों का निर्माण कीजिए : (1) सितारा (2) हाथी (3) चिराग (4) पाठशाला ### स्वाध्याय **प्रश्न 1.** दिए गए शब्दों को शब्दकोश के क्रम में लिखिए : * अभ्यास * विनय * संध्या * प्रगति * अभिवादन * महकना * संग्राम * शायर * हमदर्द * चिराग **प्रश्न 2.** इस पाठ में आए प्रशासकीय शब्दों की सूची बनाकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए। **प्रश्न 3.** नीचे दिए गए विशेषणों का वाक्य में प्रयोग कीजिए : * दयावान * मूल्यवान * कृपालु * थोड़ा-सा * अच्छा * सुंदर * प्रिय **प्रश्न 4.** दिए गए परिच्छेद का हिन्दी में अनुवाद कीजिए : **हિરણ નદીની પશ્ચિમ બાજુએ સૂરજદાદા વિદાય લઈ રહ્યા છે, સંધ્યાટાણે પંખીઓનાં ટોળાં પોતાના માળા ભણી ઊડી રહ્યાં છે, ભેંસોનું ખાડુ અને ગાયોનાં ધણ પોતાના માલિકના ઘર ભણી વળી રહ્યાં છે ત્યારે ઝરમર ઝરમર વર્ષાની શરૂઆત થઈ. સૌ અસહ્ય ગરમીની પીડામાંથી મુક્તિનો આનંદ લઈ રહ્યાં હતાં. માત્ર માનવ જ નહીં પશુ-પક્ષી અને જીવ-જંતુ પણ શાતા અનુભવવા લાગ્યાં.** **प्रश्न 5.** अपूर्ण कहानी पूर्ण कीजिए : एक गाँव था। उस गाँव में एक गरीब किसान रहता था। उनके दो बेटे थे, बड़े का नाम रामू और छोटे का नाम... ### योग्यता विस्तार * कच्छ के बारे में अधिक जानकारी दीजिए। * कच्छ के दर्शनीय स्थलों के चित्र इकट्ठे कीजिए। * कच्छ की यात्रा का आयोजन कीजिए। जिसमें साथ में ले जाने की चीजें तथा यात्रा के स्थानों का क्रम बनाकर यात्रा का नक्शा, रूपरेखा तैयार कीजिए। * अपने जिले के दर्शनीय स्थलों केचित्र तथा उनकी विशेषताओं का प्रकल्प कार्य (प्रोजेक्ट वर्क) करवाइए ।