मृदा विज्ञान (Soil Science) PDF

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This document provides an overview of soil science. It discusses the formation, classification, and characteristics of soil. It further explores the factors affecting soil formation and the significant processes involved.

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मृदा विज्ञान-3 1. मृदा क्या है िी.िी.डोकुचैयेि (1900) - खनिज और कार्बनिक घटक ों से र्िा एक प्राकृनिक निण्ड है , नजसकी एक निनिि उत्पनि और अििी एक निनिष्ट प्रकृनि है । बकमैन और ब्रैडी - निट्टी िृथ्वी की सिह िर एक गनििील प्राकृनिक नियि है नजसिें िौधे उगिे हैं , ज खनिज और कार्बनिक िदार्थों औ...

मृदा विज्ञान-3 1. मृदा क्या है िी.िी.डोकुचैयेि (1900) - खनिज और कार्बनिक घटक ों से र्िा एक प्राकृनिक निण्ड है , नजसकी एक निनिि उत्पनि और अििी एक निनिष्ट प्रकृनि है । बकमैन और ब्रैडी - निट्टी िृथ्वी की सिह िर एक गनििील प्राकृनिक नियि है नजसिें िौधे उगिे हैं , ज खनिज और कार्बनिक िदार्थों और जीनिि रूि ों से र्िे ह िे हैं । वहलगाडड (1892) - निट्टी भूनि की एक ढीली और भुरभुरी सािग्री है िेड ल जी के नििा:- िी.िी.डॉकुचेि िृदा जाों च (soil testing) के नििा: एम एल ट्र ग मृदा से सम्बन्धित िृदा सक्ष्मजैनिकी (soil महत्वपूर्ड जनक microbiology) के नििा:- (Father) विनोग्राडस्की फील्ड प्लॉड िकिीक(Field plot Technique) के नििा:- बाउवसिंहगॉल्ट मृदा विज्ञान से सम्बन्धित महत्वपूर्ड सिंस्थान (institute):- भारिीय िृदा निज्ञाि सोंस्र्थाि ; (IISS) - भोपाल (मध्य प्रदे श) 1988 केंद्रीय िृदा लिणिा अिुसोंधाि सोंस्र्थाि (CSSRI) करनाल (हररयार्ा) राष्टरीय िृदा सिेक्षण एिों भूनि उिय ग निय जि ब्यूर (NBSSLUP) नागपुर (महाराष्ट्र) केंद्रीय िृदा एिों जल सोंरक्षण अिुसोंधाि सोंस्र्थाि (CSWCRI) दे हरादून (उतराखिंड) राष्टरीय कार्बनिक खेिी सोंस्र्थाि (NIOF) गावजयाबाद (उत्तर प्रदे श) मृदा की अिधरर्ाये 1. पेडोलॉजी ( Pedology ) यह ग्रीक भाषा का शब्द है िेडि (Pedon) निट्टी की िूल इकाई है (BHU-2018) िृदा निज्ञाि भौनिक भूग ल की एक िाखा है नजसिें िृदा का अध्ययि नकया जािा है । इसिें मृदा की उत्पवत्त, मृदा-आकाररकी, तथा मृदा के िगीकरर् का विचार वकया जाता है । इसके अनुसार मृदा एक प्राकृवतक वपिंड है । 2. एडाफोलॉजी (Edaphology) यह ग्रीक भाषा का िब्द है यह िुख्य उद्दे श्य हैं - भोजन और फाइबर उत्पादन यह िृदा निज्ञाि की िह िाखा है नजससे मृदा का अध्ययन उच्य पादप समुदाय की दृष्ट्ी कोर् से वकया जाता है ।इस निज्ञाि िें फसल ों के उत्पादि िें िृदा का सिुनचि उिय ग िर्था इसकी आनर्थबक व्यिस्र्था का अध्ययि नकया जािा है । मृदा केअियि: ठोस (solid space) :- रिक्त भाग (pore ठोस भाग +रिक्त कार्बनिक पदार्ब: 5%, space) :- मदृ ा जल भाग=100% खनिज पदार्ब =45% =25%,मदृ ा वायु = 25% चट्टानें क्या है ? िृदा निज्ञाि िृथ्वी की सिह िर एक प्राकृनिक सोंसाधि के रूि िें निट्टी का अध्ययि है नजसिें निट्टी का नििाब ण, िगीकरण और िािनचत्रण, निट्टी के भौनिक, रासायनिक, जैनिक और उिबरिा गुण और निट्टी के उिय ग और प्रर्ोंधि के सोंर्ोंध िें ये गुण िानिल हैं । चट्टानोिं के अध्ययन के विज्ञान को पेट्रोलॉजी के नाम से भी जाना जाता है । चट्टानोिं के िर्डन से सिंबिंवधत - पेट्रोग्राफी चट्टानोिं की उत्पवत्त का अध्ययन - पेट्रोजेनेवसस चट्टानोिं का िगीकरर् आग्नेय चट्टािें (Igneous rocks) अिसादी चट्टािें (Sedimentary rocks) रूिाों िररि चट्टािें (Metamorphic rocks) 1. आग्नेय चट्टानें (Igneous rocks) ये सर्से िुरािी चट्टािें हैं. आग्नेय चट्टािें िृथ्वी के आों िररक भाग से िैग्मा और लािा से र्ििी हैं , उन्हें प्रार्थनिक चट्टाि के रूि िें जािा जािा है । िैग्मा के ठों डा ह िे और जििे िर आग्नेय चट्टािें र्ििी हैं । जर् िैग्मा ऊिर की ओर गनि करिे हुए ठों डा ह कर ठ स रूि िें िररिनिबि ह जािा है ि इसे आग्नेय चट्टाि कहिे हैं । उदाहरर् - ग्रेनाइट्, गैब्रो, ग्रैनोडायराइट्, साइनाइट्, बेसाल्ट, डायराइट्, पेररडोट्ाइट्, एिं डे साइट्। 2. अिसादी चट्टानें (Sedimentary rocks) प्रकृनि के कारक ों द्वारा निनिबि छ टी-छ टी चट्टािें नकसी स्र्थाि िर जिा ह जािी हैं और र्ाद िें रासायनिक प्रनिनिया या अन्य कारण ों से िरि जै सी ठ स रूि िें निनिबि ह जािी हैं. इन्हे ही अिसादी चट्टाि कहिे हैं. उदाहरर् - डोलोमाइट्, चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, कोयला, वजप्सम , कािंग्लोमरे ट् , शेल 3. रूपािंतररत चट्टानें (Metamorphic rocks) इसका नििाब ण आग्नेय और अिसादी चट्टाि ों िें िाि और दार् के प्रभाि के कारण ह िे िाले िररििबि ों से ह िा है । इसके प्रभाि िें आग्नेय चट्टाि ों एिों अिसादी चट्टाि ों के भौनिक और रासायनिक गुण द ि ों िररिनिबि ह जािे हैं । आग्नेय चट्टानें या अिसादी चट्टानें रूपािंतररत चट्टानें ग्रेिाइट , गैब्र , ग्रैि डायराइट निस और ग्रेफाइट (NFL -2016) र्लुआ ित्थर क्वाटब जाइट चूिा ित्थर सोंगिरिर र्ेसाल्ट नसस्ट चट्टानोिं के खवनज खवनज: खनिज प्राकृनिक रूि से िाए जािे िाले िरिाणुओों से र्िे अकार्बनिक ठ स सजािीय िदार्थब ह िे हैं नजिकी एक व्यिस्र्था ह िी है इसे खनिज कहा जािा है । खवनज चट्टानोिं का िगीकरर् 1. आकार के आधार पर - a. प्राथवमक खवनज: िस्क िाइट, एल्बाइट, हॉिबब्लेंड, र्ाय टाइट, ओनलिाइि, क्वाटटब ज, फेल्डस्पार (ऑर्थोक्लेज़), पाइरोन्धिन, एन्धफ़िबोल्स , िाइि क्लाइि, एि र्थाब इट, आनद, b. वितीयक खवनज : ड ल िाइट, वजप्सम, हे िेटाइट, केओनलिाइट , कैल्साइट, डोलोमाइट्, ब्रुसाइट्, Mg िमीकुलाईट् एिेटाइट Cl + P 2. पौधोिं के पोषक फेल्डस्पार, सफेद अभ्रक, K ऑर्थोक्लेज़ तत्वोिं के स्रोत के टू रिैलीि Bo ओलीिाइि Mo आधार पर र्ॉक्साइट Al िैग्नेटाइट Mn क्वाटटब ज़ Si 3. मात्रा के आधार पर 1. फेल्सिार 2. क्वाटटब ज यह िृदा क िहीि करिे का िुख्य घटक है (नाबाडड -2021) 3. िाइका a. र्हुि धीिी गनि से अिक्षय/अिक्षय के प्रनि सर्से अनधक प्रनिर धी: क्वाटटब ज़, िस्क िाइट 4. क्षरर् b. िध्यि प्रनिर धी: प्रवतरोधी के फेल्डस्पार , र्ाय टाइट, आधार पर c. आसािी से िष्ट ह जािा / कि से कि प्रनिर धी ओलीिाइि, कैल्साइट चट्टानोिं का अपक्षय पररभाषा:- अिक्षय एक भूिैज्ञानिक प्रनिया िर्था भौनिक/याों नत्रक िर्था रासायनिक एिों जैनिक प्रनिया है । चट्टाि ों का निखोंडि (निघटि) िर्था चट्टाि का नकसी अन्य स्र्थाि िर जिाि क चट्टाि ों का अिक्षय भी कहा जािा है । यह धीिी और सिि प्रनिया है । यह भूिैज्ञानिक प्रनिया है । चट्टानी a. भौनिक अिक्षय अपक्षय का b. रासायनिक अिक्षय प्रकार c. जैनिक प्रनिर ध A. भौवतक अपक्षय गिी और ठों ड (Heat and cold ) जििा और निघलिा ( freezing and thawing) ग्लेनियर ों (Glaciers ) जलधाराओों द्वारा कटाि (Erosion by streams ) लहरें (Waves ) िाििाि (Temperature) ज्वालािुखी (Volcano) भूकोंि (Earthquake) रासायवनक अपक्षय जल अिघटि (Hydrolysis) जलय जि (Hydration) कार्बिीकरण (Carbonation) आक्सीकरण (Oxidation) आिाक्सीकरण (Reduction) जैनिक कारक ों क कभी-कभी याों नत्रक और रासायनिक अिक्षय के सहायक कारक के रूि िें जैविक भी दे खा जािा है । अपक्षय उदाहरण के नलए िेड ों की जड ों के निस्तार द्वारा चट्टाि ों का टू टिा या चटकिा एक प्रकार की जैि याों नत्रक प्रनिया है । पररभाषा: निट्टी का नििाब ण चट्टाि ों और खनिज ों के अिक्षय से ह िा है । मृदा वनमाडर् एििं िृदा नििाब ण एक धीिी एिों सिि वनमाडर् प्रविया प्रनिया है 1 इों च / 2.5 सेिी िृदा नििाब ण िें 800 - 1000 िषब सिय लगिा है मृदा वनमाडर् का कारक िृदा नििाब ण के कारक िी.िी.ड कुचेि द्वारा नदया गया S = F ( Cl, O, R, P, T ) Cl- जलिायु (Climate) O- जीि जोंिु (Bio-organism) R- स्र्थलाकृनि (relief) P- िैिृक िदार्थब / िूल द्रव्य (Parent material) T- भूनि की आयु (Time age of land ) जेनी के अनुसार सविय कारक: जलिायु एिों ििस्पनि, जीि वनन्धिय कारक: स्र्थलाकृनि, िू ल सािग्री उदासीन कारक: भूनि की सिय आयु मृदा वनमाडर् की प्रविया: िृदा नििाब ण की प्रनिया 1959 िें नसिोंसि द्वारा दी गई िृदा नििाब ण की िीि प्रनियाएँ हैं 1. िूल प्रनिया 2. िौनलक प्रनिया 3. निनिष्ट प्रनिया 1. मूल प्रविया: खवनज, काबडवनक पदाथड या पानी वमलाना खवनज, काबडवनक पदाथड या पानी की हावन खवनज, काबडवनक पदाथड या पानी का स्थानािंतरर् खवनज, काबडवनक पदाथड या पानी का पररितडन 1. हुमीवफकेशन (Humification) 2. अिक्षालन ( Eluviation) 3. समपोहन (Illuviation ) 2. मौवलक प्रविया 4. होरीजॉनेशन (Horizonation) विवशष्ट् प्रविया: यह द प्रकार का ह िा है 1. इों टर निनिष्ट a. कैल्सल्सनफकेिि (Calcification) b. डीकैल्सीकरण (Decalcification) c. िॉडज़ नलज़ेिि (Podozolization) d. लेटराइजेिि (Laterization) 2. इों टरा निनिष्ट A. कैन्धल्सवफकेशन (Calcification): Soil profile िे कैल्सल्सयि कार्ोिेट (CaCo3) का सचोंयि/deposition कैन्धल्सवफकेशन कहलािा है । यह एक रासायनिक प्रनिया है । यह प्रनिया कि िषाब िाले क्षेत्र ों िें ह िी है िर्था सॉयल के parent material िें क्षार (Base) की अनधक िात्रा ह िे के कारण ह िी है । B. डीकैल्सीकरर् (Decalcification): Decalcification िें कैलनियि कार्ोिेट का removal ह िा है । कैल्सशियि कार्ोिेट (CaCo3) का िािी िें घुल कर leach out ह जािा, र्हजािा decalcification कहलािा है । C. पॉडजोवलजेशन (Podozolization):- यह eluviation की एक प्र सेस है नजसिें humes िर्था नसस्क्वी ऑक्साइड ऊिरी हॉररज ि से र्ह कर िीचे के हॉररज ि िें आकर जिा ह जािे हैं । इससे upper soil layer ash colour का ह जािा है । यह प्र सेस ठों डे िर्था िि प्रदे ि ों िें ह िी है । D. लेट्राइजेशन (Laterization) :- लेटराइजेिि िह प्रनिया है नजसिें नसनलका upper horizon से lower horizon िें चली जािी है िर्था Al, fe-oxide (sisqui-oxide) upper horizon िें ही रहिे हैं । नसनलका के removal से upper layer (A horizon) िें Al, fe oxide का concentration कुछ सिय र्ाद र्हुि ज्यादा र्ढ़ जािा है । नजससे A horizon र्हुि ज्यादा हाडब ह जािी है । 2. इिं ट्रा विवशष्ट्: 1. ग्लीजाइजेशन (Gleization) ग्ली' एक रूसी िब्द है ज िीली, ग्रे या हरी निट्टी क दिाब िा है । ग्लीइजेशन एक निट्टी नििाब ण प्रनिया है नजसके िररणािस्वरूि खरार् जल निकासी (ऑक्सीजि की किी) और जल भराि की ल्सस्र्थनि के िररणािस्वरूि िूल सािग्री के ऊिर निट्टी प्र फाइल के निचले भाग िें एक ग्ली (या ग्ली नक्षनिज) का नििाब ण ह िा है । इस प्रकार की निट्टी क हाइडर ो ऑव़िडक निट्टी के रूि िें जािा जािा है । 2. सेवलनेशन (Salination) सॉयल हॉररज ि िें लिण (salt) का accumulation Salination कहलािा है । 3. सोलोनाइजेशन / क्षारीकरर् (Solonization) Nacl, Na2So4, NaHCO3, और Na2Co3, तथा NaNO3, KNO3, और MgSo4 इि लिण ों के जिाि से सॉयल का Ph िाि 8 से अनधक ह जािा है । नजससे इि िृदाओों (soils) की सोंरचिा खरार् ह जािी है और ये खेिी य ग्य िहीों रहिी है । 4. सोलो-डीनाइजे शन (Solodization) इस प्रनिया क Dealkalization भी कहिे हैं । Removal of high exchangeable sodium ions (Na+ ions) from soil profile is called solodization. इस प्रनिया िें ह िा यह है नक सॉयल प्र फाइल िें जिा लिण िािी के सार्थ घुल कर र्ह जािा है । नजससे soil का Ph ले िल कि ह िे लगिा है और इि soils िें कृनष कायब सम्भि ह िािा है । 5. पेडोट्बेशन (Pedoturbation) निश्रण एक सीिा िक सभी soils िें ह िा है । soils क mix करिे िाले Agents के आधार िर पेडाट्रबेसन क 3 भाग ों िें निभानजि नकया गया है – i. Floral Pedoturbation: ििस्पनि द्वारा िदा का निश्रण ii. Faunal Pedoturbation: जोंिु द्वारा िदा का निश्रण iii. Argillic Pedoturbation: clay soil की नसकुडिे (shrinking) िर्था फूलिे (swelling) के द्वारा िृ दा का निश्रण । मृदा विज्ञान-4 परिभाषा: मिट्टी का मििाा ण चट्टाि ों और खमिज ों के अपक्षय से ह ता है । मृदा वनमााण एिं िृदा मििाा ण एक धीिी एवों सतत वनमााण प्रविया प्रमिया है 1 इों च / 2.5 सेिी िृदा मििाा ण िें 800 - 1000 वर्ा सिय लगता है मृदा वनमााण का कािक िृदा मििाा ण के कारक वी.वी.ड कुचेव द्वारा मदया गया S = F ( Cl, O, R, P, T ) Cl- जलवायु (Climate) O- जीव जोंतु (Bio-organism) R- स्थलाकृमत (relief) P- पैतृक पदाथा / िूल द्रव्य (Parent material) T- भूमि की आयु (Time age of land ) जेनी के अनुसाि सविय कािक: जलवायु एवों विस्पमत, जीव वनष्क्रिय कािक: स्थलाकृमत, िू ल साि्ी उदासीन कािक: भूमि की सिय आयु 1. हुमीविकेशन (Humification) 2. अिक्षािन ( Eluviation) 3. समपोहन (Illuviation ) 2. मौविक प्रविया 4. होिीजॉनेशन (Horizonation) विवशष्ट प्रविया: a. कैल्सिमिकेशि (Calcification) b. डीकैिीकरण (Decalcification) c. पॉडज मलजेशि (Podozolization) d. लेटराइजेशि (Laterization) A. कैष्क्रिविकेशन (Calcification): Soil profile िे कैल्सियि कार्बोिेट (CaCo3) का सचोंयि/deposition कैष्क्रिविकेशन कहलाता है । यह एक रासायमिक प्रमिया है । यह प्रमिया कि वर्ाा वाले क्षेत् ों िें ह ती है तथा सॉयल के parent material िें क्षार (Base) की अमधक िात्ा ह िे के कारण ह ती है । B. डीकैिीकिण (Decalcification): Decalcification िें कैलमशयि कार्बोिेट का removal ह ता है । कैल्सशशयि कार्बोिेट (CaCo3) का पािी िें घुल कर leach out ह जािा, र्बहजािा decalcification कहलाता है । C. पॉडजोविजेशन (Podozolization):- यह eluviation की एक प्र सेस है मजसिें humes तथा मसस्क्वी ऑक्साइड ऊपरी हॉररज ि से र्बह कर िीचे के हॉररज ि िें आकर जिा ह जाते हैं । इससे upper soil layer ash colour का ह जाता है । यह प्र सेस ठों डे तथा िि प्रदे श ों िें ह ती है । D. िेटिाइजेशन (Laterization) :- लेटराइजेशि वह प्रमिया है मजसिें मसमलका upper horizon से lower horizon िें चली जाती है तथा Al, fe-oxide (sisqui-oxide) upper horizon िें ही रहते हैं । मसमलका के removal से upper layer (A horizon) िें Al, fe oxide का concentration कुछ सिय र्बाद र्बहुत ज्यादा र्बढ़ जाता है । मजससे A horizon र्बहुत ज्यादा हाडा ह जाती है । 1. ग्लीजाइजेशन (Gleization) ग्ली' एक रूसी शब्द है ज िीली, ्े या हरी मिट्टी क दशाा ता है । ग्लीइजेशन एक मिट्टी मििाा ण प्रमिया है मजसके पररणािस्वरूप खरार्ब जल मिकासी (ऑक्सीजि की किी) और जल भराव की ल्सस्थमत के पररणािस्वरूप िूल साि्ी के ऊपर मिट्टी प्र फाइल के मिचले भाग िें एक ग्ली (या ग्ली मक्षमतज) का मििाा ण ह ता है । इस प्रकार की मिट्टी क हाइडर ो ऑवफाक मिट्टी के रूप िें जािा जाता है । 2. सेविनेशन (Salination) सॉयल हॉररज ि िें लवण (salt) का accumulation Salination कहलाता है । 3. सोिोनाइजेशन / क्षािीकिण (Solonization) सोवडयम औि मैग्नीवशयम लवण ों के जिाव से सॉयल का Ph िाि 8 से अमधक ह जाता है । मजससे इि िृदाओों (soils) की सोंरचिा खरार्ब ह जाती है और ये खेती य ग्य िहीों रहती है । 4. सोिो-डीनाइजे शन (Solodization) इस प्रमिया क Dealkalization भी कहते हैं । Removal of high exchangeable sodium ions (Na+ ions) from soil profile is called solodization. इस प्रमिया िें ह ता यह है मक सॉयल प्र िाइल िें जिा लवण पािी के साथ घुल कर र्बह जाता है । मजससे soil का Ph ले वल कि ह िे लगता है और इि soils िें कृमर् काया सम्भव ह पाता है । 5. पेडोटर्बेशन (Pedoturbation) मिश्रण एक सीिा तक सभी soils िें ह ता है । soils क mix करिे वाले Agents के आधार पर पेडाटिर्बेसन क 3 भाग ों िें मवभामजत मकया गया है – i. Floral Pedoturbation: विस्पमत द्वारा िदा का मिश्रण ii. Faunal Pedoturbation: जोंतु द्वारा िदा का मिश्रण iii. Argillic Pedoturbation: clay soil की मसकुड़िे (shrinking) तथा िूलिे (swelling) के द्वारा िृ दा का मिश्रण । मृदा परिच्छे वदका (Soil profile) िृदा की ऊपरी सतह से आधारभूत चट्टाि तक के ऊर्ध्ाा धर काट क ‘िृदा पररच्छे मदका’ (Soil Profile) कहते हैं । ओ’ (O) सम ूह कार्बनिक संस् तर होते हैं जो खनिज मदृ ा की ऊपरी सतह बिाते हैं ये प्राय: जंगल की मदृ ाओं में पाये जाते हैं। ‘अ’ (A) समहू खनिज संस्तर होते हैं जो पष्ठ ृ पर या पष्ठृ के समीप नस्ित होते हैं इसे निक्षालि संस् तर (Eluvial horizon) भी कहते हैं। इस संस्तर में लीन ंग अनिकतम होती है। र् (B) संस् तर – यह संस्तर सं यि संस्तर है नजसमें अ संस्तर में अपनस्ित पदािथ लीन ंग द्वारा संन त हो जाते हैं। इसे निक्षेपण संस्तर (Illuviation horizon) भी कहते हैं यह प्राय: अवमदृ ा subsoil कहलाता है। ‘स’ संस् तर – यह मल ू पदािथ का संस्तर है इसका रं ग भरू ा या बादामी होता है इसे म ूल संस् तर भी कहते हैं। इसमें Fe, Al के एकनित हो जािे से अत्यन्त कठोर पतथ बि जाती है इस नलए इस संस्तर में लीन ंग िहीं होती है। कठोर टटािों से प्राय: कम गहरी मदृ ाएं बिती है नजि मदृ ाओं में मल ू पदािों की र िा रे तीली होती है उिमें म दृ ा प्रोफाइल काफी गहरे पाये जाते हैं। अनिक वर्ाथ वाले स्िािों पर मदृ ा प्रोफाइल की गहराई अनिक होती है। मरूस्िलीय एवं अर्द्थ मरूस्िलीय स्िािों पर प्रोफाइल उिले होते हैं। मदृ ा निमाथण करिे वाले कारक सनिय कारक निनरिय जलवाय ु जीवमण् डल म ूल पदार्ब म दृ ासंग ठि म दृ ा आय ु िमी विस् पनत तापमाि जन्त ु वाय ु स ूक्ष्ू् मजीवाण ु मि ुर य आज की प्रश्नोत्तरी वनम्नविष्क्रित में से कौन सी अिसादी चट्टान नही ं है ? (AFO 2021) a. चूिा पत्थर b. काों ग्ल िरे ट c. मिस a.d. ग्रे्ेनिाइट ाइट वनम्नविष्क्रित में से आग्नेय चट्टान का उदाहिण है (BHU, AFO) a. ड ल िाइट, b. चूिा पत्थर c. र्बलुआ पत्थर a. d. ्ेिाइट वनम्नविष्क्रित में से ग्रेनाइट का रूपांतरित रूप क्या है (NFL-2016) a. गैब्र b. ्ैि डायराइट a. ग्रेिाइट c. d. सोंगिरिर सोलम म दृ ा स्तर के नकस भाग से नमलकर र्िता है? (a) A + B स्तर से (b) A + O स्तर से (c) A + C स्तर से (d) A + B + C तीिों स्तर से म दृ ा वाय ु में CO 2 प्रनतशत होता है? (a) 0.03 % (b) 0.25% (c) 0.003% (d) 0.003% म दृ ा शब्द की उत्पनत्त ‘सोलम’ शब्द से हुई है, जो नकस भाषा का शब्द है? (a) फ्रें च (b) लैनिि (c) ग्रीक (d) अरर्ी जैनवक म दृ ा में जैनवक पदार्ों की मात्रा होती है? (a) > 20% (b) 10-20% (c) 5-10% (d) यह एक प्रोकैररयोधटक सरल कोजशकष सोंरचनष है जिसमें कोई आों िररक अोंग नह ों है ) बैि ररयष धमट्ट में सबसे प्रचुर मषत्रष में पषए िषने वषले सूक्ष्मि व हैं । ▪ बैि ररयष धमट्ट में कई पररविा न और िैव रषसषयधनक पररविा न लषिे हैं और इस िरह प्रत्यक्ष यष अप्रत्यक्ष रूप से धमट्ट में उगने वषले उच्च पौिोों के पोर्ण में मदद करिे हैं । The important transformations and processes in which soil bacteria play play vital role are: ▪ Decomposition of cellulose and other carbohydrates, ▪ Ammonification (proteins ammonia), ▪ Nitrification (ammonia-nitrites-nitrates), ▪ Denitrification (release of free elemental nitrogen), ▪ Biological fixation of atmospheric nitrogen (symbiotic and nonsymbiotic) ▪ Oxidation and reduction of sulfur & iron compounds ▪ वे महत्पूणा पररविान और प्रधियषएाँ जिनमें मृदष ि वषणु महत्पूणा भूधमकष धनभषिे हैं : सेलूलोज़ और अन्य कषबोहषइडरेट कष अपघटन, ▪ अमोन करण (प्रोट न अमोधनयष), ▪ नषइटर करण (अमोधनयष-नषइटर षइट-नषइटर े ट), ▪ धवनषइटर करण (मुक्त मौजलक नषइटर ोिन कष धवमोचन), ▪ वषयुमोंडल य नषइटर ोिन कष िैधवक धनिषा रण (सहि व और गैरसहि व ) सल्फर और लौह यौधगकोों कष ऑक्स करण और कम l Autotrophic bacteria (स्वप षी जीवाणु) ▪ like nitrifying bacteria , Nitrosomonas and Nitrobacter and sulfur oxidizing bacteria, Thiobacillus also important bacteria present in the soil ▪ स्वपोर् ि वषणु नषइधटर िषइों ग बै ि ररयष, नषइटर ोसोमोनषस और नषइटर ोबै िर और सल्फर ऑक्स डषइजिोंग बैि ररयष क िरह, थषयोबै जसलस भ धमट्ट में मौिूद महत्पूणा बैि ररयष हैं । ▪ The most important groups of autotrophic soil bacteria are those that are responsible for the oxidation of ammonium (NH4) to nitrates (NO3-) available to plants via a toxic transitory form of nitrogen,nitrites(NO2-). ▪ स्वपोर् मृदष ि वषणुओों के सबसे महत्पू णा समूह वे हैं िो नषइटर ोिन, नषइटर षइट (NO2-) के धवर्षक्त क्षणभोंगुर रूप के मषध्यम से पौिोों को उपलब्ध अमोधनयम (NH4) से नषइटर े ट (NO3-) के ऑक्स करण के जलए जिम्मेदषर हैं । ▪ Nitrosomonas bacteria are responsible for NH4 Converted into NO2- (nitrites) nitrobactor spp. responsible for change in nitrates. ▪ नषइटर ोसोमोनस बैि ररयष NH4 को NO2- (नषइटर षइट) में पररवधिाि करने के जलए जिम्मेदषर हैं , नषइटर े ट में पररविान के जलए नषइटर ोबैिर एसप प जिम्मेदषर हैं । The organisms carrying out such nitrifying process achieve maximum activities under the following conditions (ऐसी नाइतटर फाइं ग प्रतिया करने वाले जीव तनम्नसलस्थखि पररस्थितिय ं में अतधकिम गतितवतधयां प्राप्त करिे हैं ): (i) The presence of proteins to release ammonium as they decompose, or the presence of ammonium salts e.g., ammonium sulphate (NH4)2SO4. (ii) Sufficient aeration. (iii) Field moist soil but not saturated or waterlogged (iv) A large quantity of calcium (not too much acidic soil conditions) (v) Optimum temperature between 20-40°C. ▪ ऐसी नाइतटर फाइं ग प्रतिया क अं जाम दे ने वाले जीव अतधकिम गतितवतधय ं क प्राप्त करिे हैं तनम्नसलस्थखि शिें: (i) धवघधटि होने पर अमोधनयम छोडने के जलए प्रोट न क उपक्टस्थधि, यष अमोधनयम लवण क उपक्टस्थधि, िैसे अमोधनयम सल्फेट (NH4)2SO4. (ii) पयषा प्त वषिन। (iii) खेि क धमट्ट नम हो लेधकन सोंिृप्त यष िल भरषव वषल न हो (iv) कैक्टशशयम क बड मषत्रष (बहुि अधिक अम्ल य धमट्ट क क्टस्थधि नह )ों (v) इष्टिम िषपमषन 20-40°C के ब च। ▪ The genus Beijerenekia and Derxia are unique, they can fix nitrogen in soils which are highly acidic (4.0) ▪ ब िेरेने धकयष और डे रक्टक्सयष ि नस अधिि य हैं , वे अत्यधिक अम्ल य धमट्ट में नषइटर ोिन क्टस्थर कर सकिे हैं (4.0) ▪ Beijerinckia Fix nitrogen on leaf surfaces in tropical regions ▪ बेिररनधकयष उष्णकधटबोंि य क्षेत्रोों में पधियोों क सिह पर नषइटर ोिन क्टस्थर करिष है । ▪ pH-6-8 is optimum pH-6-8 इष्टिम ▪ Population 10 power minus 8- 10 power minus nine gm. ▪ िनसों ख्यष 10 पषवर मषइनस 8- 10 पषवर मषइनस नौ ग्रषम। Denitrification. ▪ The conversion of soil nitrate into gaseous nitrogen or nitrous oxide is known as denitrification. It is an anaerobic process performed by bacteria belonging to genera Pseudomonas, Micrococcus and Bacillus. ▪ धवनषइटर करण. मृदष नषइटर े ट कष गै स य नषइटर ोिन यष नषइटर स ऑक्सषइड में रूपषों िरण को धवनषइटर करण के रूप में िषनष िषिष है । यह एक अवषयव य प्रधियष है िो स्यूडोमोनषस, मषइिोकोकस और बैजसलस िेनेरष से सोंबोंधिि बै ि ररयष िषरष क िषि है । ▪ (Nitrate Pseudomonas Bacillus Nitrogen gas ↑) ▪ These bacteria belong mainly to the genera Bacillus, Pseudomonas and Micrococcus. ▪ The bacteria in soil are different shapes. ▪ Those with spherical cells are called cocci, ▪ rod-shaped cells are called bacilli ▪ long spiral-shaped are termed as spirilla. ▪ धमट्ट में बैि ररयष अलग-अलग आकषर के होिे हैं । ▪ गोलषकषर कोजशकषओों को कोक्स कहष िषिष है , ▪ छड के आकषर क कोजशकषओों को बेजसल कहष िषिष है ▪ लोंबे सधपाल आकषर को क्टस्पररलष कहष िषिष है । ▪ The genus Bacillus has the largest representation in soils in terms of species. Strictly anaerobic bacteria of the genus Clostridium occur in most soils. ▪ प्रिषधियोों के सोंदभा में ि नस बैजसलस कष धमट्ट में सबसे बडष प्रधिधनधित् है । क्लोस्ट्र धडयम ि नस के अवषयव य बैि ररयष अधिकषों श धमट्ट में पषए िषिे हैं । Actinomycetes ▪ Actinomycetes are numerous and widely distributed in soil and are next to bacteria in abundance. ▪ actinomycetes एक्टिनोमषइसेट्स असोंख्य हैं और धमट्ट में व्यषपक रूप से धविररि हैं और बैि ररयष के बषद बहुिषयि में हैं । ▪ They are heterotrophic, aerobic and mesophilic (25-30c) organisms and some species are commonly present in Compost and manures are thermophilic growing at (55-65) temperature (e.g.Thermal Actinomycetes, Streptomyces). ▪ वे हे टरोटर ॉध़िक, एरोधबक और मेसोधिजलक (25-30 स ) ि व हैं और कुछ प्रिषधियषाँ आमिौर पर खषद और खषद में मौिूद होि हैं िो (55-65) िषपमषन (िैसे थमाल एक्टिनोमषइसेट्स, स्ट्रेप्टोमषइसेस) पर थमोधिजलक बढ़ि हैं । ▪ In the order of abundance in soils, the common genera of actinomycetes are Streptomyces (nearly 70%), Nocardia and Micromonospora. ▪ धमट्ट में बहुिषयि के िम में, एक्टिनोमषइसे ट्स क सषमषन्य प्रिषधियषों स्ट्रेप्टोमषइसे स (लगभग 70%), नोकषधडा यष और मषइिोमोनोस्पोरष हैं । ▪ They decompose all types of materials and are also capable of decomposing more resistant organic matter. ▪ वे सभ प्रकषर क सषमधग्रयोों को धवघधटि करिे हैं और अधिक प्रधिरोि कषबाधनक पदषथों को धवघधटि करने में भ सक्षम हैं । ▪ The smell of fresh soil wetted upon first rain is due to the of volatile aromatic compounds by actinomycetes like 'geosmin’ ▪ पहल बषररश में भ ग हुई िषि धमट्ट क गों ि 'जियोक्टिन' िैसे एक्टिनोमषइसे ट्स के वषष्पश ल सु गोंधिि यौधगकोों के कषरण होि है । Fungi ▪ Study of fungi is called- Mycology. ▪ कवक के अध्ययन को कहष िषिष है -मषइकोलॉि ▪ These are non-green plants (no chlorophyll); thus, they cannot manufacture their own food and so they depend on others for their food. ▪ ये गै र-हरे पौिे हैं (कोई क्लोरोधिल नह )ों ; इस प्रकषर, वे अपनष भोिन स्वयों नह ों बनष सकिे हैं और इसजलए वे अपने भोिन के जलए दू सरोों पर धनभार रहिे हैं । ▪ Some are parasites, taking food from living organisms, and others are saprophytic, deriving nutrients from dead remains of plants and animals. ▪ कुछ परि व हैं , िो ि धवि ि वोों से भोिन लेिे हैं , और अन्य मृिोपि व हैं , िो पौिोों और िषनवरोों के मृि अवशेर्ोों से पोर्क ित् प्रषप्त करिे हैं । ▪ Fungi are estimated to average one million per gram of soil.अनुमषन है धक कवक प्रधि ग्रषम धमट्ट में औसिन दस लषख होिे हैं । ▪ They decompose the organic matter in the form available to the plants. ▪ वे पौिोों के जलए उपलब्ध रूप में कषबाधनक पदषथा को धवघधटि करिे हैं । स्ट्रेप्टोमषइजसन ▪ They decompose the organic matter in the form available to the plants. ▪ The chemical substances such as streptomycin, a widely used antibiotic, is obtained from soil fungus called Streptomyces and Penicillin from Penicillium fungus. ▪ िैसे रषसषयधनक पदषथा, एक व्यषपक रूप से इस्तेमषल धकयष िषने वषलष एों ट बषयोधटक, स्ट्रेप्टोमषइसेस नषमक धमट्ट के कवक से और पेधनजसजलयम कवक से पेधनजसजलन प्रषप्त होिष है । ▪ They are heterotrophs devoid of chlorophyll and art therefore organic matter decomposition Through their number in arable soils is less than that of bacteria, their biomass is equal or often more than bacteria owing to their size. ▪ वे क्लोरोधिल से रधहि हे टरोटर ॉ़ि हैं और इसजलए कषबाधनक पदषथा कष अपघटन करिे हैं , कृधर् योग्य धमट्ट में उनक सोंख्यष बैि ररयष क िुलनष में कम होि है , उनकष बषयोमषस उनके आकषर के कषरण बैि ररयष के बरषबर यष अक्सर अधिक होिष है । ▪ Some fungi form a symbiotic association with roots of higher plants, facilitating uptake of plant nutrients, particularly of those which are less mobile. ▪ This association is known as "mycorrhizal association" ▪ कुछ कवक उच्च पौिोों क िडोों के सषथ सहि व सोंबोंि बनषिे हैं , जिससे पौिोों के पोर्क ित्ोों को ग्रहण करने में सुधविष होि है , धवशेर्कर उन पौिोों के िो कम गधिश ल होिे हैं । ▪ इस एसोजसएशन को "मषइकोररज़ल एसोजसएशन" के रूप में िषनष िषिष है Mycorrhizae The symbiotic association between numerous fungi and the roots of higher plants is called which means fungus roots. By The symbiotic Association (अनेक कवकोों और उच्च पौिोों क िडोों के ब च सहि व सोंबोंि को कवक िड कहष िषिष है ।) ▪ There are 2 types of mycorrhizal associations: ▪ Ectomycorrhizae and endo mycorrhizae The vesicular arbuscular mycorrhizae (VAM) are the most important endo mycorrhizae. ▪ Lignin which is resistant to decomposition by bacteria is mainly decomposed by fungi. (जलधिन, िो बैि ररयष िषरष अपघटन के प्रधि प्रधिरोि है , मुख्यिः कवक िषरष अपघधटि हो िषिष है ।) ▪ The important genera of fungi are aspergillus, fusarium, , penicillium etc. ALGAE ▪ Blue-green algae is capable of fixing atmospheric nitrogen to the soil. The main genus of algae which fix nitrogen are Anabaena, Nostoc and Cylindrospermum. (न ले-हरे शै वषल वषयुमोंडल य नषइटर ोिन को धमट्ट में क्टस्थर करने में सक्षम हैं । नषइटर ोिन को क्टस्थर करने वषले शै वषलोों क मुख्य प्रिषधियषाँ एनषबेनष, नोस्ट्ॉक और जसजलोंडरोस्पमाम हैं ।) ▪ The blue-green algae utilize a variety of nitrogen sources, besides the free nitrogen from the atmosphere. They prefer usually neutral or slightly alkaline soil. (न ले-हरे शैवषल वषयुमोंडल से मुक्त नषइटर ोिन के अलषवष धवधभन्न प्रकषर के नषइटर ोिन स्रोिोों कष उपयोग करिे हैं । वे आमिौर पर उदषस न यष थोड क्षषर य धमट्ट पसोंद करिे हैं ।) ▪ In water-logged rice fields, algae grow well and fix about 20-30 kg of nitrogen per hectare. ▪ Nitrogen-fixation has been found to be greater in the presence of the crop than in the absence. ▪ Cylindrospermum is also found in maize and sugarcane fields. Algae culture may be inoculated in a field to increase the soil fertility. ▪ The algal material after decomposition add organic matter to the soil and improves the physical condition. (अपघटन के बाद शैवाल सामग्री तमट्टी में काबितनक पदाथि ज ड़िी है और भौतिक स्थिति में सुधार करिी है ।) ▪ Algae are present in most soils where moisture and sunlight are available. ▪ They are photoautotrophic, aerobic organisms and obtain CO2 from the atmosphere and energy from sunlight and synthesize their own food. (ये प्रकषश-स्वपोर् , वषयव य ि व हैं िथष वषयुमोंडल से CO2 िथष सू या के प्रकषश से ऊिषा प्रषप्त करिे हैं िथष अपनष भोिन स्वयों सों श्लेधर्ि करिे हैं ।) Soil algae are divided into four main classes or phyla as follows: 1. Cyanophyta (Blue-green algae) 2. Chlorophyta (Grass-green algae) 3. Xanthophyta (Yellow-green algae) 4. Bacillariophyta (diatoms or golden-brown algae) ▪ The most common genera are anabaena and nostoc. They fix nitrogen and are used as biofertilizers. Lichens ▪ Algae are also found in association with fungi are called "Heathens". Lichens are distributed world-wide on rocks, soils, buildings foliage, tree and trunks etc. (शै वषल भ कवक के सषथ पषए िषिे हैं जिन्हें "ह थें स" कहष िषिष है । लषइकेन दु धनयष भर में चट्टषनोों, धमट्ट , इमषरिोों के पिे, पेड और िने आधद पर पषए िषिे हैं ।) ▪ Lichen contribute to silicate bio weathering (soil formation) ▪ Lichen also excrete organic acids ▪ Food source ▪ Pollution indicators SOIL ORGANISM OF ANIMAL NATURE ▪ Soil macrofauna ▪ Microorganism PROTOZOA ▪ This phylum includes microscopic animals consisting of single celled bodies. They live chiefly in water and the soil. Amoeba, Paramecium, Euglena etc., are free-living forms. (इस सोंघ में एककोजशक य शर र वषले सूक्ष्म ि व शषधमल हैं । वे मु ख्य रूप से पषन और धमट्ट में रहिे हैं । अम बष, पैरषम जशयम, यूग्लेनष आधद स्विों त्र रूप से रहने वषले ि व हैं ।) ▪ Soil protozoa feed either on soil organic matter or on bacteria, thus, regulating the number of the bacteria in the soil. (मृदष प्रोटोिोआ यष िो मृदष के कषबाधनक पदषथों यष ि वषणुओों पर धनभा र रहिे हैं , इस प्रकषर मृदष में ि वषणुओों क सोंख्यष धनयोंधत्रि रहि है ।) ▪ Soil protozoa belonging to the class ciliata/ciliophora are characterized by the presence of cilia (short hair like appendages) around their body, which helps in locomotion. ▪ Protozoa are abundant in the upper layer (15 cm) of soil. ▪ Unicellular-population ranges from 10,000 to 100,000 per g of soil. ▪ Derive their nutrition by devouring soil bacteria ▪ Protozoa can be split up into three categories: flagellates, amoebae, and ciliates. Nematodes. ▪ They live in soil and water and cause disease in many crop plants such as rice, tomato etc. ▪ ये धमट्ट और पषन में रहिे हैं और कई िसल पौिोों िैसे चषवल, टमषटर आधद में रोग पैदष करिे हैं । Earthworm (केंचुआ) ▪ The common earthworms found in India are Pheretima Posthuma, P. Elongator, Lampita mauritii etc. (भषरि में पषए िषने वषले सषमषन्य केंचुए हैं िेरे धटमष पोस्ट्हुमष, प. एलॉन्गे टर, लैक्टिटष मौररट आधद।) ▪ Their population- 1, 25000 to 1000000/ha. ▪ They are active in the monsoon season. ▪ Earthworms prefer warm (21°C) well aerated soils. ▪ The biomass or live weight-110-1100 kg/ha ▪ Bacteria grow well within pH 6.5 to 8, fungi in the range of 4.5 to 6.5 & actinomycetes in slightly alkaline pH. (बैि ररयष प एच 6.5 से 8 के भ िर अि िरह से धवकजसि होिे हैं , कवक 4.5 से 6.5 क स मष में और एक्टिनोमषइसेट्स थोडष क्षषर य प एच में धवकजसि होिे हैं ।) ▪ In general soil, Population is ▪ Bacteria> Actinomycetes> Fungi> Algae ▪ In acidic soil: Fungi> Bacteria> Actinomycetes ▪ In alkaline soil: Actinomycetes> Bacteria> Fungi. Soil micro-organism/ मृदा सूक्ष्मजीव: ▪ 1. Micro flora: e.g. bacteria, fungi, actinomycets and algae ▪ Bacteria grows well within p ^ H range of 6.5 to 8.0 ▪ Fungi prefers acidic range 4.5 to 6.5 p ^H ▪ While actinomycetes prefers slightly alkaline conditions. (िबधक एक्टिनोमषइसेट्स थोड क्षषर य क्टस्थधियोों को पसोंद करिे हैं ) ▪ Order of micro flora presence in per gram of soil (on number basis): ▪ In general soil:- Bacteria (10-8 – 10_-9) > actinomycetes (10-7 -10-8) > fungi (10-5 – 10-6) > algae (10-4 – 10-5) ▪ In acidic soils: fungi > bacteria > actinomycetes> algae. ▪ In alkaline soil: actinomycetes > bacteria > fungi BOTANICALS 1. Azadirachtin- ▪ Neem- derived from Persian word Asad-dilakt-I-hind, which means free tree of India. ▪ Full-grown neem tree yields 50 kg of fruit and 350 kg of leaves annually. 2. Nicotine (C10 H14 N2)- ▪ Among the twelve alkaloids present in tobacco, nicotine is the most important one contributing about 97%. ▪ Nicotine is found in the leaves of Nicotiana and N. rustic a in the range of 2 to 14% 3. 3. Pyrethrum- ▪ The flowers of chrysanthemum are dried at 54.4°C. BOTANICALS 1. Azadirachtin- ▪ नीम- ़िषरस शब्द असद-धदलक्त-ए-धहों द से जलयष गयष है , जिसकष अथा है भषरि कष मुफ़्त पेड। ▪ पूणा धवकजसि न म कष पे ड प्रधिवर्ा 50 धकलोग्रषम िल और 350 धकलोग्रषम पिे पैदष करिष है । 2. तनक टीन (C10 H14 N2)- ▪ िम्बषकू में उपक्टस्थि बषरह एल्कलॉइड् स में से धनकोट न सबसे महत्पूणा है , िो लगभग 97% योगदषन दे िष है । ▪ धनकोधटयषनष और एन. रक्टस्ट्कष क पधियोों में 2 से 14% िक धनकोट न पषयष िषिष है । 3. Pyrethrum- ▪ गु लदषउद के िूलोों को 54.4°C पर सु खषयष िषिष है । Miscellaneous compounds- ▪ Picrotoxinin (PTX) has been isolated from the seeds of Anamirta Cocculus. ▪ Neem: Neem oil contains limonoids, a class of compounds that act as anti for growth regulators in insects. They do not kill instantly but wipe out a whole generation of insects by preventing the young ones from maturing and the adults from reproducing. The most effective of the limonoids is a compound called azadirachtin. ▪ It works at a concentration of 1-10 ppm blocking ecdysone's action, thereby preventing the larvae from shedding their external skeletons and maturing. ▪ Some examples of neem formulations are Neemguard, Margocode, Nimbicidine, Neemplus, Sukrina, Achookete Miscellaneous compounds- ▪ धपिोटॉक्टक्सन इन को एनषधमटषा कोकुलस के ब िोों से पृथक धकयष गयष है । ▪ Neem: न म के िेल में जलमोनोइड् स होिे हैं , िो यौधगकोों कष एक वगा है िो क टोों में वृजि धनयषमकोों के रूप में कषया करिष है । वे िुरोंि नह ों मषरिे हैं , लेधकन युवष क टोों को पररपक्व होने और वयस्ोों को प्रिनन करने से रोककर क टोों क पूर प ढ़ को खत्म कर दे िे हैं । जलमोनोइड् स में सबसे प्रभषव एक यौधगक है जिसे एज़षधडरै चधटन कहष िषिष है । ▪ यह 1-10 प प एम क सषों द्रिष पर कषया करिष है , िथष इक्ड सोन क धियष को अवरुि करिष है , जिससे लषवषा को अपने बषह्य कोंकषल को छोडने िथष पररपक्व होने से रोकष िष सकिष है । ▪ न म िॉमूा लेशन के कुछ उदषहरण हैं न मगषडा , मषगोकोड, धनोंधबजसधडन, न मप्लस, सुधिनष, अचूकेट Synthetic pyrethroids- Pyrethrum is derived from the dried flowers of the plant Chrysanthemum. ▪ The name given to the active insecticidal components of the dried flowers is known as pyrethrins. ▪ Chemically, pyrethrins are organic esters formed by the combination of two carboxylic acids and three keto alcohols. Synthetic pyrethroids- ▪ पषइरे थ्रम, गुलदषउद पौिे के सू खे िूलोों से प्रषप्त होिष है । ▪ सूखे िूलोों के सधिय क टनषशक घटकोों को पषइरे धथ्रन्स नषम धदयष गयष है । ▪ रषसषयधनक दृधष्ट से, पषइरे धथ्रन कषबाधनक एस्ट्र हैं िो दो कषबोक्टक्सजलक अम्लोों और ि न क टो अल्कोहल के सोंयोिन से बनिे हैं । ▪ List 1. Allethrin 2. Bioresmethrin 3. Permethrin 4. Decamethrin 5. Cypermethrin 6. Fenvalerate and fluvalinate. 7. Tefluthrin ▪ Herbicides: ▪ खरपिवषरोों के कषरण उपि में 9-10% क हषधन होने कष अनुमषन है । Plant Nutrients (पादप पोषक तत्व): Plant Nutrients (पादप पोषक तत्व): Nutrient (पोषक तत्व): The supply & absorption of chemical compound required for plant growth & metabolism is nutrient. (पौध ों की वृद्धि और चयापचय के द्धिए आवश्यक रासायनिक यौनिक की आपूनति और अवश षण प षक तत्व है ।) Mineral: Those element which are derived from rocks or soil is minerals. खनिज - वे तत्व ज चट्टाि ों या निट्टी से प्राप्त ह ते हैं , खनिज हैं । Mineral nutrients: Those nutrient which plants takes from rock or soil is mineral nutrient. खनिज पोषक तत्व: वे प षक तत्व ज पौधे चट्टाि ों या निट्टी से िेते हैं , खनिज प षक तत्व हैं । Non-mineral nutrient: Those nutrient which plant takes from water/Air is non mineral nutrient गैर-खनिज पोषक तत्व: वे प षक तत्व ज पौधे पािी/हवा से िेते हैं , िैर खनिज प षक तत्व हैं Essential nutrient (आवश्यक प षक तत्व) - 17 C, H, O, N, P, K, Ca, Mg, S, Fe, Mn, B, Zn, Cu, Ni, Mo, Cl Note: Total mineral nutrient (कुि खनिज प षक तत्व) = 14 Non-mineral nutrient (िैर-खनिज प षक तत्व) = 3 Total essential nutrient (कुि आवश्यक प षक तत्व)-17 Elements having mineral & non-mineral nutrient (खनिज और िैर-खनिज प षक तत्व वािे तत्व) = N Plant absorb only ion nutrient. (पौधे केवि आयि प षक तत्व क अवश नषत करते हैं ।) Nutrition process (पोषण प्रनिया): (1) Absorption (अवशोषण) (2) Translocation (स्थािाांतरण): Distribution of Nutrient from down to upward. (प षक तत्व ों का िीचे से ऊपर की ओर नवतरण।) (3) Assimilation (आत्मसात) - Metabolic transformation of Inorganic ion to organic compound is assimilation. (अकार्िनिक आयि का कार्िनिक यौनिक िें चयापचय पररवतिि आत्मसात है ।) Essential nutrients for plant growth and their principal forms for uptake (पौधोां की वृद्धि के द्धिए आवश्यक पोषक तत्व और उिके अवशोषण के प्रमुखख ूप): Nutrients Quantity in plants Receivable form Key nutrients (major nutrient) Carbon (C) 45% CO2 Hydrogen (H) 6% H 2O oxygen 45% H2O, O2 Primary nutrient: - Nitrogen (N) 1.5% NO3-, NH4+ Phosphorus (P) 0.2% H2PO4-, HPO4-2 Potassium( K) 1.0% K+ Secondry nutrient: - Calcium (Ca) 0.5% Ca+2 Magnesium( Mg) 0.2% Mg+2 Sulphur (S) (AFO-2016) 0.1% SO4-2 (IBPS AFO 2017) Essential nutrients for plant growth and their principal forms for uptake (पौधोां की वृद्धि के द्धिए आवश्यक पोषक तत्व और उिके अवशोषण के प्रमुखख ूप): Nutrients Quantity in plants Receivable form Micronutrients: - Iron (Fe) 100 ppm Fe+2> Fe+3 Manganese (Mn) 20 ppm Mn+2> Mn+4 Zinc (Zn) 20 ppm Zn+2 (BHU 2014) Boron (B) 20 ppm H3BO3, H2BO3-, HBO32- and BO3 -3 Cu 6 mg/kg Cu2+ Mo 0.1 mg/kg MoO42- Ni 0.1 mg/kg Ni2+ Note: 1. Nitrogen can only be absorbed if Nitrate & Nitrite reductase enzyme is present. (नाइट्रोजन को के वल तभी अवशोषित षकया जा सकता है जब नाइट्रेट और नाइट्राइट ररडक्टेस एजं ाइम मौजदू हो।) 2. Mo activates nitrate reductase & Nitrite reductase that's why Mo increase nitrogen availability. (Mo नाइट्रेट ररडक्टेस और नाइट्राइट ररडक्टेस को सषिय करता है, इसीषलए नाइट्रोजन की उपलब्धता में वषृ ि नहीं होती।) 3. NO3 NO2 is converted with nitrate reductase enzyme. 4. NO2 NH3 is converted with nitrite reductase enzyme. Nutrient uptake Mechanism (पोषक तत्व ग्रहण नियानवनध) ❖The uptake of nutrients occurs at both the roots and leaves. (प षक तत्व ों का अवश षण जड ों और पनिय ों द ि ों पर ह ता है ।) ❖Ions may be taken up by the plant cells by two methods: (पौधे की क द्धशकाओों द्वारा आयि ों क द तरीक ों से ग्रहण नकया जा सकता है ): 1. Passive Absorption (निष्क्रिय अवशोषण): By transpiration without use of energy. (ऊजाि के प्रय ि के नर्िा वाष्प त्सजिि द्वारा।) 2. Active Absorption (सनिय अवशोषण): Use of energy for absorption. (अवश षण के द्धिए ऊजाि का उपय ि) Transport of Nutrient to Root Surface ❖Soil Solution Theory: In this two theory is used; 1. Mass Flow Theory: Ions are absorbed by the root along with mass flow of water under the effect of transpiration. E.g., N, Mg, Cl 2. Diffusion Theory: The movement of nutrients to the root surface in response to a concentration gradient. When nutrients are found in higher concentrations in one area than another. This is important for the transport of phosphorus and potassium, Fe and Zn. ❖Contact Exchange Theory: 1. Root interception: Close contact between Root surface & soil colloid (< 0.001 mm size). E.g., Ca जड़ सतह तक पोषक तत्वोां का पररवहि ❖मुृदा नवियि द्धसिाांत: इसिें द द्धसिाों त ों का उपय ि नकया जाता है ; 1. द्रव्यमुाि प्रवाह द्धसिाांत: वाष्प त्सजिि के प्रभाव िें जि के र्डे प्रवाह के साथ जड द्वारा आयि ों क अवश नषत नकया जाता है । उदाहरणाथि , N, Mg, Cl 2. नवसरण द्धसिाांत: साों द्रता प्रवणता के जवार् िें प षक तत्व ों का जड की सतह पर पहों चिा। जर् प षक तत्व एक क्षेत्र की तुििा िें दू सरे क्षेत्र िें अनधक साों द्रता िें पाए जाते हैं । यह फास्फ रस और प टे द्धशयि, Fe और Zn के पररवहि के द्धिए िहत्वपूणि है । सांपकक नवनिमुय द्धसिाांत: 1. जड़ अवरोधि: जड की सतह और निट्टी के क िाइड के र्ीच निकट सोंपकि (< 0.001 नििी आकार)। उदाहरणाथि, Ca Classification of Plant Nutrients based on the requirement: ❖Note: 1. Uptake order of Macro-Nutrient: N> K> Ca> Mg> P> S 2. Uptake Order of Micro-Nutrient: Cl> Fe> Mn> B> Zn> Cu> Ni> Mo ✓Note: 1. Uptake order of Macro-Nutrient: N> K> Ca> Mg> P> S 2. Uptake Order of Micro-Nutrient: Cl> Fe> Mn> B> Zn> Cu> Ni> Mo Criteria for Essentiality of Plant Nutrients (पादप पोषक तत्वोां की अनिवायकता के द्धिए मुािदां ड): ❖A plant cannot complete its life-cycle in the absence of the element. (तत्व की अिुपस्थिनत िें पौधा अपिा जीवि-चक्र पूरा िहीों कर सकता।) ❖The action of the element must be specific, with no other element being able to completely substitute for it. (तत्व की नक्रया नवद्धशष्ट ह िी चानहए, तथा क ई भी अन्य तत्व उसका पूणि रूप से िािापन्न ि ह सके।) ❖Exception (अपवाद): Mo can be replaced with Vanadium K can be replaced with Na & Rb Cl can be replaced with Bromine Ca can be replaced with Strontium ❖Plant nutrients directly involved in metabolism of plant. (पौध ों के प षक तत्व प्रत्यक्ष रूप से पौध ों के चयापचय िें शानिि ह ते हैं ।) Note: Total 17 essential Nutrients is present. Beneficial Nutrients: V, Si, Co, Na Functional Nutrients: 21 (Term was Given by D.J Nicholas) Nutrient mobility in soil Very Mobile NO3-, SO42-, Cl-, BO32-, Mn2+, Mo (Prone to leaching) Less Mobile NH4+, Mg2+, K+, Fe2+ , Cu2+ Immobile H2Po4- , HPO42-, Zn2+ Nutrient mobility in plants Very mobile (ICAR) Nitrogen, Phosphorus, Mo, Potassium Moderately mobile Zinc Less mobile S, Fe, Mn, Cu Immobile Boron, Calcium (Calcium is very immobile) Common Symptoms: ❖Chlorosis: Lose of chlorophyll or Yellowing. ❖Necrosis: Death of cell/death spot ❖Discoloration: Leaf colour changes from green to purple. ❖Stunted growth: Growth stopped. Symptoms appear in leaves: ❖Older Leaves: (N, P, K, Mg, Mo) (1) Chlorosis- Nitrogen, Mg Nitrogen: Mg: Interveinal chlorosis Symptoms appear in leaves: ❖Older Leaves: (N, P, K, Mg, Mo) (2) Necrosis - K , Mo K: Mo Symptoms appear in leaves: ❖Older Leaves: (N, P, K, Mg, Mo) (3) Discoloration - P Symptoms appear in leaves: ❖New leaves: (S, Cu, Fe, Mn) (1) Yellow veins – Sulphur Copper Symptoms appear in leaves: ❖New leaves: (S, Cu, Fe, Mn) (2) Green veins– Main vein- Fe Main & smaller vein - Mn Symptoms appear in leaves: ❖Old & New leaf: (Zn) ▪ Chlorosis and Necrosis Both can be seen– ▪ Stunted growth Indicator plant: ✓N - Maize Mo- Legume crop ✓P - Maize Zn- Paddy, maize ✓K – Potato Cu - Barley, oat. ✓Ca - Lucerne Cl - Beans, Sugarbeet ✓Mg- Potato B - Lucerne, Sunflower ✓S - Mustard Na - Sugerbeet ✓Fe - Sorghum ✓Mn - Oat Source of Plant Nutrients: Nutrients Forms absorbed by Plants C Air H Water O Air/Water N Air / Soil P Apetite K Orthoclase, Muscovite Mg Olivine Mn Pyrolusite Mo Olivine B Tourmaline Ca, Mg Dolomite Zn Sphalerite Disorders: ❖Nitrogen i. Red leaf in cotton. ii. Bad opening of cotton Ball (Tirak) Disorders: ❖Phosphorus i. Sickle leaf ii. Purple coloration in maize / Discoloration. Disorders: ❖Potassium i. Firing in tobacco leaf. ii. Cotton wilt iii. Potato rot. Disorders: ❖Ca i. Tip Hooking in Cauliflower & Tobacco ii. BER (Blossom End Rot) in Tomato iii. Cat face in Tomato iv. Bitter leaf v. Bitter pit in apple Disorders: ❖Sulphur i. Tip yellow in Tea. Disorders: ❖Mg i. Sand drawn in Tobacco ii. Akiochi in Rice Disorders: ❖Fe i. Lime induced chlorosis Disorders: ❖Mn i. Grey Speck In oat ii. Grey Strip in oat, maize, Mustard, wheat & Barley. iii. Phala Blight in sugarcane. iv. Marsh Spot in Tea. Disorders: ❖Zn i. White Bud in Maize ii. Little leaf in citrus iii. Little leaf in cotton iv. khaira in Rice. Disorders: ❖Cu i. Dieback in fruits ii. Exanthema in fruits. iii. Stem melanosis in wheat iv. White Tip/reclamation in cereals & Sugar beet. Disorders: ❖Boron i. Hen & chicken in grape. ii. Brown rot of sugar beet iii. Top Sickness in Tobacco iv. Tip yellowing in lucerne v. Brown Heart of Turnip Disorders: ❖Chlorine i. Grey leaf spot in coconut Takali / common root rot in wheat ii. Stalk rot in Maize. iii. Downy mildew in nutrient Function of Nutrient (पोषक तत्व के कायक): ❖Nitrogen (िाइट्र ोजि): N makes dark plant dark green in color. (N पौधे क िहरे हरे रों ि का र्िाता है ।) N improves quality of fodder & vegetables. (N चारे और सस्थिय ों की िुणविा िें सुधार करता है ।) N increases vegetative growth of plants. (N पौध ों की विस्पनत वृद्धि क र्ढाता है ।) N promotes succulency of plant. (N पौधे की रसीिापि क र्ढावा दे ता है ।) Phosphorus (फॉस्फोरस): P has great & role in energy storage & Transfer. (ऊजाि भोंडारण और िािाों तरण िें P की िहत्वपूणि भूनिका है ।) P Brings Early maturity of plant. (P पौधे की शीघ्र पररपक्वता िाता है ।) P compound works as Energy currency. (P यौनिक ऊजाि िुद्रा के रूप िें काि करता है ।) P Increases nodules formation in legume. (P फद्धिय ों िें िाों ठ ों के नििाि ण क र्ढाता है ।) Potassium (पोट्ै द्धशयमु): Major role in opening & closing of stomata. (रों ध् ों के खुििे और र्ोंद ह िे िें प्रिुख भूनिका।) It promotes quality of produce. (यह उपज की िुणविा क र्ढावा दे ता है ।) It gives tolerance against Insect pest & Disease. (यह कीट ों और र्ीिाररय ों के प्रनत सहिशीिता दे ता है ।) Sulphur (सल्फर): It required for synthesis of protein, Co-enzyme, Biotine, Vit. B12, Glutathion, & Glucosite in mustard. (यह सरस ों िें प्र टीि, क एों जाइि, र्ाय नटि, नवटानिि र्ी12, ग्लूटानथय ि और ग्लाइक साइड के सोंश्लेषण के द्धिए आवश्यक है ।) S helps in oil Synthesis/formation. (S तेि सोंश्लेषण/नििाि ण िें सहायता करता है ।) Mo: Essential component of Nitrogenase, Dehydrogenase, Nitrite, reductase & Sulphur oxidase. (िाइटर जिेज, नडहाइडर जिेज, िाइटर ाइट, ररडक्टे स और सल्फर ऑक्सीडे ज का आवश्यक घटक।) B Required for Translocation of Starch, sugar & phosphorus. (स्टाचि , शकिरा और फास्फ रस के िािाों तरण के द्धिए आवश्यक है ।) Helps in root development, flower & pollen as well as grain formation. (जड नवकास, फूि और पराि के साथ-साथ अिाज नििाि ण िें िदद करता है ।) It is required for synthesis or development of new cells. (यह िई क द्धशकाओों के सोंश्लेषण या नवकास के द्धिए आवश्यक है ।) Zn: It is required for synthesis of IAA, Metabolism of GA3. (यह IAA के सोंश्लेषण, GA3 के चयापचय के द्धिए आवश्यक है ।) Ni It is Associated with N metabolism by the way of increasing urease activity. (यह यूररएज़ िनतनवनध क र्ढािे के िाध्यि से िाइटर जि चयापचय से जुडा हआ है ।) Nickle Supply ensure optimum dehydrogenase activity (निकि आपूनति इष्टति नडहाइडर जिेज िनतनवनध सुनिनित करती है ।) SOIL POLLUTION Definition (पररभाषा) ❖Soil pollution is defined as the build-up in soils of persistent toxic compounds, chemicals, salts, radioactive materials, or disease causing agents, which have adverse effects on plant growth and animal health. मुृदा प्रदूषण क िृदा िें ििातार र्िे रहिे वािे नवषैिे यौनिक ,ों रसायि ,ों िवण ,ों रे नडय धिी पदाथों या र ि पैदा करिे वािे कारक ों के रूप िें पररभानषत नकया जाता है , द्धजिका पौध ों की वृद्धि और पशु स्वास्थ्य पर प्रनतकूि प्रभाव पडता है । The organic portion, which is derived from the decayed remains of plants and animals, is concentrated in the dark uppermost topsoil. (कार्िनिक भाि, ज पौध ों और पशुओों के सडे हए अवशेष ों से प्राप्त ह ता है , िहरे रों ि की ऊपरी निट्टी िें केंनद्रत ह ता है ।) The inorganic portion made up of rock fragments, was formed over thousands of years by physical and chemical weathering of bedrock. (चट्टाि के टु कड ों से र्िा अकार्िनिक भाि, हजार ों वषों िें आधारद्धशिा के भौनतक और रासायनिक अपक्षय से र्िा है ।) Productive soils are necessary for agriculture to supply the world with sufficient food. (दु निया क पयाि प्त भ जि उपिब्ध करािे के द्धिए कृनष के द्धिए उत्पादक निट्टी आवश्यक है ।) There are many different ways that soil can become polluted, such as (नमुट्टी कई अिग-अिग तरीकोां से प्रदूनषत हो सकती है , जैसे): ✓Seepage from a landfill (िैंडनफि से ररसाव) ✓Discharge of industrial waste into the soil (औद्य निक अपद्धशष्ट का निट्टी िें ररसाव) ✓Percolation of contaminated water into the soil (निट्टी िें दू नषत जि का अोंतः स्राव) ✓Rupture of underground storage tanks (भूनिित भोंडारण टैं क ों का टू टिा) ✓Excess application of pesticides, herbicides or fertilizer (कीटिाशक ,ों शाकिाद्धशय ों या उविरक का अत्यनधक प्रय ि) ✓Solid waste seepage (ठ स अपद्धशष्ट का ररसाव) The most common chemicals involved in causing soil pollution are (मुृदा प्रदूषण पै दा करिे वािे सबसे आमु रसायि हैं ): ✓Petroleum hydrocarbons (पेटर द्धियि हाइडर कार्िि) ✓Heavy metals (भारी धातुएँ) ✓Pesticides Solvents (कीटिाशक नविायक) Types of Soil Pollution (मुृदा प्रदूषण के प्रकार): ❖Agricultural Soil Pollution (कृनष मुृदा प्रदूषण):- (i) Pollution of surface soil (सतही िृदा का प्रदू षण) (ii) Pollution of underground soil (भूनिित भूनि का प्रदू षण) ❖Soil pollution by industrial effluents and solid wastes (औद्योनगक अपद्धशष्ोां और ठोस अपद्धशष्ोां से मुृदा प्रदूषण):- (i) Pollution of surface soil (सतही िृदा का प्रदू षण) (ii) Disturbances in soil profile (िृदा प्र फाइि िें िडर्डी) ❖Pollution due to urban activities (शहरी गनतनवनधयोां के कारण प्रदूषण):- (i) Pollution of surface soil (सतही िृदा का प्रदू षण) (ii) Pollution of underground soil (भूनिित िृदा का प्रदू षण) Causes of Soil Pollution / मुृदा प्रदूषण के कारण ✓Soil pollution is caused by man - made activity.The most common chemicals involved are petroleum hydrocarbons, solvents, pesticides, lead and other heavy metals. This is correlated with the degree of industrialization and intensities of chemical usage. िृदा प्रदू षण िािव निनिित िनतनवनध के कारण ह ता है । इसिें शानिि सर्से आि रसायि पेटर द्धियि हाइडर कार्िि, सॉल्वैंट्स, कीटिाशक, सीसा और अन्य भारी धातुएँ हैं । यह औद्य निकीकरण की नडग्री और रासायनिक उपय ि की तीव्रता से सों र्ोंनधत है । ✓A soil pollutant is any factor which deteriorates the quality, texture and mineral content of the soil or which disturbs the biological balance of the organisms in the soil. िृदा प्रदू षक वह कारक है ज िृदा की िुणविा, र्िावट और खनिज सािग्री क खरार् करता है या िृदा िें जीव ों के जैनवक सोंतुिि क नर्िाडता है । ❖Pollution in soil is associated with (नमुट्टी मुें प्रदूषण निम्नद्धिष्क्रखत से जखड़ा है ): Indiscriminate use of fertilizers. (उविरक ों का अोंधाधुों ध उपय ि।) Indiscriminate use of pesticides, insecticides and herbicides (कीटिाशक ों और शाकिाद्धशय ों का अोंधाधुों ध उपय ि) Dumping of large quantities of solid waste (र्डी िात्रा िें ठ स अपद्धशष्ट का डों नपोंि) Deforestation and soil erosion (वि ों की कटाई और िृदा अपरदि) Indiscriminate use of fertilizers (उविरक ों का अोंधाधुों ध उपय ि) Indiscriminate use of fertilizers / उवकरकोां का अांधाधखांध उपयोग Soil nutrients are important for plant growth and development Plants obtain carbon, hydrogen and oxygen from air and water. But other necessary nutrients like nitrogen, phosphorus, potassium, calcium, magnesium, sulfur and more must be obtained from the soil. Farmers generally use fertilizers to correct soil deficiencies. Fertilizers contaminate the soil with impurities, which come from the raw materials used for their manufacture. पौध ों की वृद्धि और नवकास के द्धिए निट्टी के प षक तत्व िहत्वपूणि हैं । पौधे हवा और पािी से कार्िि, हाइडर जि और ऑक्सीजि प्राप्त करते हैं । िेनकि िाइटर जि, फास्फ रस, प टे द्धशयि, कैस्थशशयि, िैग्नीद्धशयि, सल्फर और अन्य जैसे अन्य आवश्यक प षक तत्व निट्टी से प्राप्त नकए जािे चानहए। नकसाि आितौर पर निट्टी की कनिय ों क ठीक करिे के द्धिए उविरक ों का उपय ि करते हैं । उविरक निट्टी क अशुद्धिय ों से दू नषत करते हैं , ज उिके नििाि ण के द्धिए उपय ि नकए जािे वािे क्े िाि से आती हैं । Since the metals are not degradable, their accumulation in the soil above their toxic levels due to excessive use of phosphate fertilizers, becomes an indestructible poison for crops. चूोंनक ये धातुएों नवघनटत िहीों ह तीों, इसद्धिए फॉस्फेट उविरक ों के अत्यनधक उपय ि के कारण निट्टी िें इिका जिाव, नवषाक्त स्तर से ऊपर ह जाता है , और यह फसि ों के द्धिए कभी िष्ट ि ह िे वािा जहर र्ि जाता है । The over use of NPK fertilizers reduce quantity of vegetables and crops grown on soil over the years. NPK उविरक ों के अनधक उपय ि से वषों से निट्टी पर उििे वािी सस्थिय ों और फसि ों की िात्रा कि ह जाती है । It also reduces the protein content of wheat, maize, grams, etc., grown on that soil. (इससे उस निट्टी पर उिाए जािे वािे िेहों, िक्का, चिा आनद की प्र टीि सािग्री भी कि ह जाती है ।) The carbohydrate quality of such crops also gets degraded. (ऐसी फसि ों की कार्ोहाइडरेट िुणविा भी ख़रार् ह जाती है ।) Excess potassium content in soil decreases Vitamin C and carotene content in vegetables and fruits. The vegetables and fruits grown on over- fertilized soil are more prone to attacks by insects and disease. (निट्टी िें प टे द्धशयि की अनधक िात्रा सस्थिय ों और फि ों िें नवटानिि सी और कैर टीि की िात्रा क कि कर दे ती है । अनधक उविरक वािी निट्टी पर उिाई िई सस्थियाों और फि कीट ों और र्ीिाररय ों के हिि ों के द्धिए अनधक प्रवण ह ते हैं ।) Indiscriminate use of pesticides, insecticides and herbicides / कीट्िाशकोां, पीड़किाशकोां और शाकिाद्धशयोां का अांधाधखांध उपयोग To kill unwanted populations living in or on their crops, farmers use pesticides. (अपिी फसि ों पर रहिे वािी अवाों नित प्रजानतय ों क िारिे के द्धिए नकसाि कीटिाशक ों का उपय ि करते हैं ।) The first widespread insecticide use began at the end of World War II and included DDT (dichlorodiphenyltrichloroethane) and gammaxene. (प्रथि व्यापक कीटिाशक का प्रय ि नद्वतीय नवश्व युि के अोंत िें शुरू हआ और इसिें DDT (डाइक्ल र डाइफेनििटर ाइक्ल र इथेि) और िैिेक्सीि शानिि थे।) Insects soon became resistant to DDT and as the chemical did not decompose readily, it persisted in the environment. (कीडे जल्द ही DDT के प्रनत प्रनतर धी ह िए और चूोंनक रसायि आसािी से नवघनटत िहीों ह ता था, इसद्धिए यह पयाि वरण िें र्िा रहता था।) Pesticides not only bring toxic effect on human and animals but also decrease the fertility of the soil. (कीटिाशक ि केवि ििुष् ों और पशुओों पर नवषैिे प्रभाव डािते हैं , र्स्थि निट्टी की उविरता भी कि करते हैं ।) Some of the pesticides are quite stable and their bio- degradation may take weeks and even months. (कुि कीटिाशक काफी स्थिर ह ते हैं और उिके जैव-अपघटि िें सप्ताह और िहीिे भी िि सकते हैं ।) Pesticide problems such as resistance, resurgence, and health effects have caused scientists to seek alternatives. (कीटिाशक ों के प्रनत प्रनतर ध, पुिरुत्थाि और स्वास्थ्य पर पडिे वािे प्रभाव जैसी सिस्याओों के कारण वैज्ञानिक ों क नवकल्प तिाशिे पडे हैं ।) Pheromones and hormones to attract or repel insects and using natural enemies or sterilization by radiation have been suggested. (कीट ों क आकनषित करिे या दू र भिािे के द्धिए फेर ि ि और हािोि का उपय ि करिे तथा प्राकृनतक शत्रुओों का उपय ि करिे या नवनकरण द्वारा र्ोंध्यीकरण करिे का सुझाव नदया िया है ।) Dumping of solid wastes: ❖In general, solid waste includes garbage, domestic refuse and discarded solid materials such as those from commercial, industrial and agricultural operations. (सािान्यतः , ठ स अपद्धशष्ट िें कूडा-कचरा, घरे िू कूडा-कचरा तथा वाद्धणस्थिक, औद्य निक और कृनष कायों से निकिे ठ स पदाथि शानिि ह ते हैं ।) They contain increasing amounts of paper, cardboards, plastics, glass, old construction material, packaging material and toxic or otherwise hazardous substances. (इििें कािज, काडि र् डि , प्लास्थस्टक, काों च, पुरािी नििाि ण सािग्री, पैकेद्धजोंि सािग्री और नवषाक्त या अन्यथा खतरिाक पदाथों की र्ढती िात्रा ह ती है ।) Most agricultural waste is recycled and mining waste is left on site. (अनधकाों श कृनष अपद्धशष्ट ों क पुिचिनक्रत नकया जाता है और खिि अपद्धशष्ट क साइट पर ही ि ड नदया जाता है ।) The portion of solid waste that is hazardous such as oils, battery metals, heavy metals from smelting industries and organic solvents are the reason of pollution. (ठ स अपद्धशष्ट का वह भाि ज खतरिाक है , जैसे तेि, र्ैटरी धातु, प्रििि उद्य ि ों से निकििे वािी भारी धातुएों और कार्िनिक नविायक, प्रदू षण का कारण हैं ।) These gets deposited to the soils of the surrounding area and pollute them by altering their chemical and biological properties. (ये आस-पास के क्षेत्र की निट्टी िें जिा ह जाते हैं और उिके रासायनिक और जैनवक िुण ों क र्दिकर उन्हें प्रदू नषत करते हैं ।) More than 90% of hazardous waste is produced by chemical, petroleum and metal-related industries and small businesses such as dry cleaners and gas stations as well. (90% से ज़्यादा ख़तरिाक कचरा रासायनिक, पेटर द्धियि और धातु से जुडे उद्य ि ों और डराई क्लीिर और िैस स्टे शि जैसे ि टे व्यवसाय ों से निकिता है ।) Toxic chemicals leached from oozing storage drums into the soil underneath homes, causing an unusually large number of birth defects, cancers and respiratory, nervous and kidney diseases. (भोंडारण डरि ों से निकििे वािे ज़हरीिे रसायि घर ो?

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