विश्वस्य स्रष्टा ईश्वर एक एव

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यह प्रश्न भारतीय संस्कृति के बारे में एक उद्धरण प्रस्तुत करता है, जिसमें 'विश्वस्य स्त्रष्टा ईश्वर एक एव' वाक्यांश शामिल है। यह बताता है कि कैसे विभिन्न धर्मों के लोग एक ही ईश्वर की विभिन्न नामों से पूजा करते हैं, जैसे अग्नि, इंद्र, कृष्ण, करीम, राम, रहीम, जिन, बुद्ध, ख्रिस्त और अल्लाह। यह बताता है कि सभी धर्मों के प्रति सम्मान हमारी संस्कृति का संदेश है।

Answer

"विश्वस्य स्रष्टा ईश्वर एक एव" का अर्थ है "विश्व का रचयिता ईश्वर एक ही है।"

"विश्वस्य स्रष्टा ईश्वर एक एव" का अर्थ है "विश्व का रचयिता ईश्वर एक ही है।" यह भारतीय संस्कृति का मूल है।

Answer for screen readers

"विश्वस्य स्रष्टा ईश्वर एक एव" का अर्थ है "विश्व का रचयिता ईश्वर एक ही है।" यह भारतीय संस्कृति का मूल है।

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यह वाक्य भारतीय संस्कृति के मूल सिद्धांतों में से एक को दर्शाता है, जो एकेश्वरवाद और धार्मिक सहिष्णुता पर जोर देता है।

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