कूलॉम का नियम?
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Understand the Problem
यह प्रश्न कूलॉम के नियम के बारे में पूछा रहा है। कूलॉम का नियम दो स्थिर, विद्युत आवेशित कणों पर लगने वाले बल की मात्रा बताता है।
Answer
कूलॉम का नियम दो आवेशों के बीच लगने वाले बल को बताता है, जो आवेशों के परिमाण के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती और दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
कूलॉम का नियम कहता है कि दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच लगने वाला आकर्षण या प्रतिकर्षण बल दोनों आवेशों के परिमाणों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
Answer for screen readers
कूलॉम का नियम कहता है कि दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच लगने वाला आकर्षण या प्रतिकर्षण बल दोनों आवेशों के परिमाणों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
More Information
यह नियम 1785 में फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी चार्ल्स-ऑगस्टिन डी कूलॉम द्वारा प्रतिपादित किया गया था।
Tips
आवेशों की मात्रा और उनके बीच की दूरी को सही ढंग से मापना महत्वपूर्ण है।
Sources
- कूलॉम-नियम - विकिपीडिया - hi.wikipedia.org
- कूलॉम के नियम की व्याख्या कीजिए। - Doubtnut - doubtnut.com
- [Solved] कूलाॅम का नियम क्या कहता है? - Testbook - testbook.com
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