आज विज्ञान मनुष्यों के हाथों में अद्भुत और अतुल शक्ति दे रहा है, उसका उपयोग एक व्यक्ति और समूह के उत्कर्ष और दूसरे व्यक्ति और समूह के गिराने में होता ही रहेगा। इसलिए हमें उस भावना... आज विज्ञान मनुष्यों के हाथों में अद्भुत और अतुल शक्ति दे रहा है, उसका उपयोग एक व्यक्ति और समूह के उत्कर्ष और दूसरे व्यक्ति और समूह के गिराने में होता ही रहेगा। इसलिए हमें उस भावना को जाग्रत रखना है और उसे जाग्रत रखने के लिए कुछ ऐसे साधनों को भी हाथ में रखना होगा, जो उस अहिंसात्मक त्याग-भावना को प्रोत्साहित करें और भोग-भावना को दबाए रखें। नैतिक अंकुश के बिना शक्ति मानव के लिए हितकर नहीं होती। वह नैतिक अंकुश यह चेतना या भावना ही दे सकती है। वही उस शक्ति को परिमित भी कर सकती है और उसके उपयोग को नियन्त्रित भी।

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Understand the Problem

यह प्रश्न विज्ञान और मनुष्य के हाथों में उसकी शक्ति के बारे में एक गद्यांश प्रदान करता है। यह विज्ञान के उपयोग, नैतिक नियंत्रण और चेतना की आवश्यकता पर चर्चा करता है।

Answer

विज्ञान मनुष्यों को अद्भुत शक्ति दे रहा है, जिसका उपयोग किसी को ऊपर उठाने या गिराने के लिए किया जा सकता है। इसलिए नैतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए।

गद्यांश में कहा गया है कि विज्ञान मनुष्यों को अद्भुत शक्ति दे रहा है, जिसका उपयोग किसी को ऊपर उठाने या गिराने के लिए किया जा सकता है। इसलिए, हमें अहिंसक त्याग की भावना को प्रोत्साहित करने और भोग की भावना को दबाने के लिए नैतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए। नैतिक नियंत्रण के बिना शक्ति हानिकारक हो सकती है।

Answer for screen readers

गद्यांश में कहा गया है कि विज्ञान मनुष्यों को अद्भुत शक्ति दे रहा है, जिसका उपयोग किसी को ऊपर उठाने या गिराने के लिए किया जा सकता है। इसलिए, हमें अहिंसक त्याग की भावना को प्रोत्साहित करने और भोग की भावना को दबाने के लिए नैतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए। नैतिक नियंत्रण के बिना शक्ति हानिकारक हो सकती है।

More Information

यह गद्यांश हमें विज्ञान की शक्ति के साथ नैतिक मूल्यों के महत्व को समझाता है।

Tips

गद्यांश को ध्यान से पढ़ें और उसके मुख्य विचारों को समझने की कोशिश करें।

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