1. शब्दार्थों को मिलाइए। 2. पठ् धातु लट् लकार (वर्तमान काल) लिखिए। 3. लिख धातु लट् लकार (वर्तमान काल) लिखिए। 4. पांच लाइन का श्लोक संस्कृत में लिखिए। 1. शब्दार्थों को मिलाइए। 2. पठ् धातु लट् लकार (वर्तमान काल) लिखिए। 3. लिख धातु लट् लकार (वर्तमान काल) लिखिए। 4. पांच लाइन का श्लोक संस्कृत में लिखिए।
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Understand the Problem
यह प्रश्न शब्दार्थों को मिलाने, धातुओं के लट् लकार रूप लिखने और संस्कृत में श्लोक लिखने के बारे में है। यह संभवतः एक गृहकार्य प्रश्न है जो भाषा और व्याकरण से सम्बंधित है।
Answer
5. शब्दार्थों का मिलान, 6. पठ् धातु लट् लकार, 7. लिख धातु लट् लकार, 8. पाँच लाइन का श्लोक संस्कृत में ऊपर दिया गया है।
- शब्दार्थों का मिलान:
- पठति - पढ़ता है
- बालिका: - धावन्ति
- त्वं - लिखित
- दृशः - देखना
- वद् - बोलना
-
पठ् धातु लट् लकार (वर्तमान काल): | पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | | :----- | :------- | :------- | :------- | | प्रथम | पठति | पठतः | पठन्ति | | मध्यम | पठसि | पठथः | पठथ | | उत्तम | पठामि | पठावः | पठामः |
-
लिख धातु लट् लकार (वर्तमान काल): | पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | | :----- | :------- | :------- | :------- | | प्रथम | लिखति | लिखतः | लिखन्ति | | मध्यम | लिखसि | लिखथः | लिखथ | | उत्तम | लिखामि | लिखावः | लिखामः |
-
पाँच लाइन का श्लोक संस्कृत में: नमस्ते शारदे देवी , वीणा पुस्तक धारिणी ! विद्यारम्भं करिष्यामि , प्रसन्ना भव सर्वदा !! या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निश्शेषजाड्यापहा॥
Answer for screen readers
- शब्दार्थों का मिलान:
- पठति - पढ़ता है
- बालिका: - धावन्ति
- त्वं - लिखित
- दृशः - देखना
- वद् - बोलना
-
पठ् धातु लट् लकार (वर्तमान काल): | पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | | :----- | :------- | :------- | :------- | | प्रथम | पठति | पठतः | पठन्ति | | मध्यम | पठसि | पठथः | पठथ | | उत्तम | पठामि | पठावः | पठामः |
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लिख धातु लट् लकार (वर्तमान काल): | पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन | | :----- | :------- | :------- | :------- | | प्रथम | लिखति | लिखतः | लिखन्ति | | मध्यम | लिखसि | लिखथः | लिखथ | | उत्तम | लिखामि | लिखावः | लिखामः |
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पाँच लाइन का श्लोक संस्कृत में: नमस्ते शारदे देवी , वीणा पुस्तक धारिणी ! विद्यारम्भं करिष्यामि , प्रसन्ना भव सर्वदा !! या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निश्शेषजाड्यापहा॥
More Information
संस्कृत में, धातु रूप क्रियाओं के विभिन्न रूपों को दर्शाते हैं जो काल, पुरुष और वचन के अनुसार बदलते हैं। लट् लकार वर्तमान काल को दर्शाता है।
Tips
धातु रूपों को याद करते समय, उनके पैटर्न और प्रत्ययों पर ध्यान केंद्रित करें।
Sources
- पठ् धातु रूप टेबल - पांच लकार - Path Dhatu Roop in Sanskrit - mycoaching.in
- Dhatu Roop in Sanskrit | संस्कृत धातु रुप प्रकरण - knowledgegallery.in
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