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Questions and Answers
सूरदास की कविताएं क्या करती हैं?
सूरदास की कविताएं क्या करती हैं?
- इतिहास को लिखती हैं
- भक्ति को दफ्तर करती हैं (correct)
- वैज्ञानिक अनुसंधान करती हैं
- राजनीति पर विचार करती हैं
सूरदास के किस विश्वासशाली भक्ति काव्य से हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण पहला अभिनंदन हुआ?
सूरदास के किस विश्वासशाली भक्ति काव्य से हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण पहला अभिनंदन हुआ?
- शिव भक्ति
- कृष्ण भक्ति (correct)
- राम भक्ति
- हनुमान भक्ति
सूरदास किस समय में जीवनी उल्लेखनीय हो गए?
सूरदास किस समय में जीवनी उल्लेखनीय हो गए?
- 16वीं सदी में (correct)
- 18वीं सदी में
- 15वीं सदी में
- 17वीं सदी में
सूरदास को हिंदी साहित्य के किस मुख्य कवि और संत में से माना जाता है?
सूरदास को हिंदी साहित्य के किस मुख्य कवि और संत में से माना जाता है?
सूरदास के कृतियों में किसे प्रमुखता मिलती है?
सूरदास के कृतियों में किसे प्रमुखता मिलती है?
कृष्ण भक्ति सूरदास के लिए क्यों महत्वपूर्ण थी?
कृष्ण भक्ति सूरदास के लिए क्यों महत्वपूर्ण थी?
सूरदास कहाँ उद्धरित किए गए थे?
सूरदास कहाँ उद्धरित किए गए थे?
'संत परमहंस निर्गुणानन्दजी' के किसके चरण में शिष्य बने थे सूरदास?
'संत परमहंस निर्गुणानन्दजी' के किसके चरण में शिष्य बने थे सूरदास?
सूरदास के किस के संग्रह के विशेष रूप से विश्वासशाली कविताएं सुधार दी गई थीं?
सूरदास के किस के संग्रह के विशेष रूप से विश्वासशाली कविताएं सुधार दी गई थीं?
'सूरदास' की कविताएं किसके समर्थन के रूप में प्रतिभा को प्रकट करती हैं?
'सूरदास' की कविताएं किसके समर्थन के रूप में प्रतिभा को प्रकट करती हैं?
'सूरदास' की कविताओं में प्राचीन वाक्यों के संयोजन की सहायता से किसकी कविताएं सुंदर हो गईं?
'सूरदास' की कविताओं में प्राचीन वाक्यों के संयोजन की सहायता से किसकी कविताएं सुंदर हो गईं?
'सूरमय कविताएं' में किसका हृदय प्रमुख है?
'सूरमय कविताएं' में किसका हृदय प्रमुख है?
Study Notes
सूरदास और उनके भक्ति काव्य, साहित्य एवं संत परिचय
सूरदास ने 16世紀 में उदय किये गए हमारे प्राचीन भारत के एक पहला अभिनन्दन के रूप में कृष्ण भक्ति का विश्वसित विश्वासशाली कविता सामग्री बनाए। वे हिंदी साहित्य के मुख्य कवि और संत में से एक बड़ा नाम हो गये। सूरदास की कविताएं भक्ति के हृदय को दफ्तर करते हैं और जन्मतिथि के बेहतरीन प्रकार के कविताओं में संस्कृति का अनेक शीलों को जुक देते हैं.
सूरदास के जीवन
सूरदास ने 1524 के 12 अक्टूबर के रूप में मैथिला प्रदेश के उपाधिकारण श्रीकृष्णानंदपुर (जैसे अब भी माधुरा) में उद्धरित किए गए थे। वे श्रीकृष्ण भक्ति के साथ संत परमहंस निर्गुणानन्दजी के चरण में शिष्य बने और उनके द्वारा ओशो विध्यालय में शिक्षित किए गए थे.
सूरदास के शास्त्रिय कविता
सूरदास ने कृष्ण भक्ति के साथ संग्रह के विशेष रूप से विश्वासशाली कविताएं सुधार दिये थे। पुराने आख्याएं को नए रूप में प्रस्तुत किए गए थे। उनके कविताओं में श्रीकृष्ण का भक्ति और उनके समर्थन के रूप में प्रतिभा विश्वसनीय विश्वास का प्रदर्शन किया गया है। उनके कविताओं में प्राचीन वाक्यों के संयोजन और नया स्थान प्राप्त करते हुए श्रीकृष्ण की कविताएं बर्ताव किये गये हैं.
सूरदास के संत साहित्य
सूरदास की संस्कृति में संत परिचय बनाने का काम की प्रतिभा शामिल हुई। उनके कविताओं में संतों के जीवन स्थल और उनके उपलब्धियों का प्रतिभाशाली प्रस्ताव किया गया है। उनका काव्य को प्रतिभाशाली और विश्वसित विश्वासशाली रूप में प्रस्तुत किया गया.
सूरदास की कविताएं: सूरमय कविताएँ
सूरदास की कविताएं सूरमय कविताएं के रूप में हैं। उनके कविताओं में भक्ति के हृदय को
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Description
इस क्विज़ में, सूरदास के जीवन, शास्त्रिय कविता, संत साहित्य और सूरमय कविताएं पर जानकारी प्रदान की जाएगी।