राज्य विधानमंडल - भारतीय संविधान
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Questions and Answers

राज्य विधानमंडल की संरचना में कितने प्रकार के सदन हो सकते हैं?

  • कोई भी नहीं
  • द्विसदनीय
  • दोनों A और B (correct)
  • एक सदनीय
  • राज्य विधान सभा की अधिकतम सदस्य संख्या क्या है?

  • 700
  • 400
  • 600
  • 500 (correct)
  • राज्य विधान सभा का सामान्य कार्यकाल कितना होता है?

  • 3 वर्ष
  • 5 वर्ष (correct)
  • 6 वर्ष
  • 4 वर्ष
  • राज्य विधान परिषद के सदस्यों का चुनाव किस प्रकार किया जाता है?

    <p>अप्रत्यक्ष चुनाव</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधान सभा के सदस्यों का पुनर्मूल्यांकन कब किया जाता है?

    <p>प्रत्येक जनगणना के बाद</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल के लिए सदस्यता के लिए कौन सी योग्यता जरूरी है?

    <p>कम से कम 25 वर्ष</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधान सभा में सदस्यों की संख्या किस आधार पर निर्धारित की जाती है?

    <p>राज्य की जनसंख्या के आधार पर</p> Signup and view all the answers

    राज्यपाल विधान सभा को कब भंग कर सकते हैं?

    <p>पांच वर्ष पूरा होने से पहले</p> Signup and view all the answers

    विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है?

    <p>6 वर्ष</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल को एक सदन में बदलने के लिए क्या आवश्यक है?

    <p>संविधान के तहत प्रस्ताव</p> Signup and view all the answers

    स्पीकर को किस प्रकार से चुना जाता है?

    <p>तिधानसभा द्वारा सदस्यों में से</p> Signup and view all the answers

    यदि स्पीकर का पद खाली हो जाता है, तो कौन अपने कर्तव्यों का पालन करता है?

    <p>कडप्टी स्पीकर</p> Signup and view all the answers

    सदन के स्थगन का अधिकार किसके पास होता है?

    <p>स्पीकर</p> Signup and view all the answers

    अध्यक्ष को किस स्थिति में हटाया जा सकता है?

    <p>सभी सदस्यों के बहुमत से प्रस्ताव पर</p> Signup and view all the answers

    उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में कौन सदन की बैठक की अध्यक्षता करता है?

    <p>अध्यक्ष</p> Signup and view all the answers

    यदि एक प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है, तो अध्यक्ष किस प्रकार की भूमिका निभा नहीं सकता?

    <p>उस प्रस्ताव पर मतदान करना</p> Signup and view all the answers

    एक सत्र का अंत करने की अनुमति किसके पास होती है?

    <p>स्पीकर</p> Signup and view all the answers

    कौन सा क्रिया विशेष रूप से सदन की कार्यवाही का स्थगन कहलाता है?

    <p>कनक्रदिष्ट समय के लिए स्थगन</p> Signup and view all the answers

    उपाध्यक्ष का कार्य क्या है जब अध्यक्ष अनुपस्थित होता है?

    <p>सदन की अध्यक्षता करना</p> Signup and view all the answers

    यदि एक राष्ट्रपति द्वारा उठाया गया प्रस्ताव अनुमोदित होता है, तो वह किसके द्वारा निष्पादित होता है?

    <p>अध्यक्ष</p> Signup and view all the answers

    तिधान सभा के ललए न्यूनतम आयु क्या है?

    <p>25 वर्ष</p> Signup and view all the answers

    राज्य तिधानमंडल के सदस्य बनने के ललए एक व्यक्ति को कौन सा मानदंड पूरा करना चाहिए?

    <p>राज्य का नागरिक होना</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में कोई व्यक्ति राज्य तिधानमंडल का सदस्य बनने के लिए अयोग्य ठहराया जाएगा?

    <p>राज्य सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण करना</p> Signup and view all the answers

    एससी और एसटी आरक्षित सीट पर चुनाव लडने के लिए क्या आवश्यक है?

    <p>संबंधित जाति का होना</p> Signup and view all the answers

    कौन सी बात सत्य है जब किसी व्यक्ति ने किसी विदेश में नागरिकता ली है?

    <p>उसका भारतीय नागरिकता रद्द हो जाएगा</p> Signup and view all the answers

    राज्य तिधानमंडल का सदस्य बनने के लिए आवश्यक नहीं है:

    <p>कोई राजनीतिक अनुभव होना</p> Signup and view all the answers

    न्यूनतम आयु के अनुसार तिधान पररषद का सदस्य बनने के लिए सही विकल्प क्या है?

    <p>30 वर्ष</p> Signup and view all the answers

    राज्य तिधानमंडल के लिए अयोग्यता की स्थिति में क्या नहीं आता?

    <p>आयु की बाधा</p> Signup and view all the answers

    एक व्यक्ति जब देश का नागरिक नहीं होता, तब वह क्या नहीं कर सकता?

    <p>राज्य तिधानमंडल का सदस्य बनना</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में कोई व्यक्ति तिधान सभा चुनाव लडने में अयोग्य हो सकता है?

    <p>यदि वह 25 वर्ष से कम है</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में कोरम की परिभाषा क्या है?

    <p>सदन में सदस्यों की न्यूनतम संख्या</p> Signup and view all the answers

    धन विधेयक राज्य विधानमंडल में किस प्रकार पेश किया जा सकता है?

    <p>केिल तिधान सभा में</p> Signup and view all the answers

    किसी साधारण विधेयक को पारित करने के लिए क्या आवश्यक है?

    <p>दोनों सदनों से पारित होना</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में विधेयक के पारित होने के बाद क्या होता है?

    <p>राज्यपाल के पास भेजा जाता है</p> Signup and view all the answers

    एक मंत्री का अधिकार क्या है?

    <p>सदन की कार्यवाही में भाग लेने का</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में धन विधेयक के प्रस्तुतकर्ता कौन हो सकते हैं?

    <p>केवल मंत्री</p> Signup and view all the answers

    साधारण विधेयकों का पारित होना किस पर निर्भर करता है?

    <p>दोनों सदनों के निर्णय पर</p> Signup and view all the answers

    यदि राष्ट्रपति संयुक्त बैठक नहीं बुलाते हैं, तो क्या होता है?

    <p>विधेयक स्वयं समाप्त हो जाता है</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में सभा की संरचना किस अनुच्छेद में दी गई है?

    <p>अनुच्छेद 170</p> Signup and view all the answers

    साधारण विधेयक पास होने पर क्या किया जाता है?

    <p>उसे राज्यपाल को भेजा जाता है</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में सदस्यों का पुनर्मूल्यांकन किस आधार पर किया जाता है?

    <p>हर जनगणना के बाद</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधान परिषद के सदस्यों के चुनाव में कौन सा तत्व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा होता है?

    <p>स्थानीय निकायों के सदस्यों द्वारा चुने जाने वाले सदस्य</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधान सभा का सदन कौन सा कार्यकलाप नहीं कर सकता है?

    <p>राज्यपाल को भंग करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अधिधिक उम्र क्या है?

    <p>30 वर्ष</p> Signup and view all the answers

    विधानमंडल में सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है?

    <p>पांच वर्ष</p> Signup and view all the answers

    एक राज्य विधान सभा की सदस्यों की संख्या पर क्या असर डालता है?

    <p>राज्य की जनसंख्या</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में राज्य विधान परिषद की सदस्यता से हटाया जा सकता है?

    <p>राज्यपाल के आदेश पर</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में धन विधेयक कौन पेश कर सकता है?

    <p>वित्त मंत्री</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधान परिषद के सदस्यों का कार्यकाल क्या होता है?

    <p>छह वर्ष</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल के सदस्यों की संख्या किस कारण से घटाई जा सकती है?

    <p>जनसंख्या की कमी के कारण</p> Signup and view all the answers

    स्पीकर को पद से हटाने के लिए कितने क्रदनों का नोटिस देना आवश्यक है?

    <p>14</p> Signup and view all the answers

    जब अध्यक्ष के खिलाफ हटाने का प्रस्ताव पेश होता है तो वह क्या नहीं कर सकता?

    <p>बैठक की अध्यक्षता करना</p> Signup and view all the answers

    यदि परिषद का सदस्य अपने पद से इस्तीफा दे देता है, तो उसके कर्तव्यों का क्या होता है?

    <p>उसके कर्तव्यों का पालन उपाध्यक्ष करेगा</p> Signup and view all the answers

    सदन की स्थगन की अनुमति किसके पास होती है?

    <p>स्पीकर</p> Signup and view all the answers

    यदि स्पीकर का पद खाली हो जाता है, तो कौन अपने कर्तव्यों का पालन करता है?

    <p>डडप्टी स्पीकर</p> Signup and view all the answers

    अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाने के लिए कौन सा मानदंड आवश्यक है?

    <p>पूर्ण बहुमत से पारित प्रस्ताव</p> Signup and view all the answers

    सदन में सत्र समाप्त करने का अधिकार किसके पास होता है?

    <p>अध्यक्ष</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में उपाध्यक्ष को सदन की अध्यक्षता करने का अधिकार होता है?

    <p>अध्यक्ष की अनुपस्थिति में</p> Signup and view all the answers

    राज्यपाल सदन को बुलाने के लिए अधिकतम कितने महीने का समय ले सकते हैं?

    <p>6 महीने</p> Signup and view all the answers

    अनुच्छेद 189 का संबंध किस प्रकार की स्थिति से है?

    <p>सदन के सदस्यों के अधिकारों से</p> Signup and view all the answers

    राज्य तिधानमंडल के सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु क्या है?

    <p>25 वर्ष</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में कोई व्यक्ति राज्य तिधानमंडल का सदस्य बनने के लिए अयोग्य ठहराया जाता है?

    <p>राज्य सरकार के अधीन लाभ का पद धारण करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधान सभा में चुनाव लड़ने के लिए एक व्यक्ति को सभी निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना चाहिए, सिवा:

    <p>किसी अन्य देश का नागरिक होना</p> Signup and view all the answers

    यदि कोई व्यक्ति एससी या एसटी की आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने का इच्छुक है, तो उसे कौन सी शर्त को पूरा करना होगा?

    <p>एससी या एसटी का सदस्य होना</p> Signup and view all the answers

    किस व्यक्ति को राज्य तिधानमंडल के सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य माना जाएगा?

    <p>जो भारतीय नागरिक नहीं है</p> Signup and view all the answers

    राज्य तिधानमंडल में चुनाव लड़ने के लिए व्यक्ति को निम्नलिखित में से क्या बाधित करता है?

    <p>क्रदिमागी रूप से असंविधिक होना</p> Signup and view all the answers

    राज्य तिधानमंडल के सदस्य बनने के लिए एक व्यक्ति को क्या आवश्यक नहीं है?

    <p>किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य होना</p> Signup and view all the answers

    राज्य सरकार के अधीन लाभ का पद धारण करने वाले व्यक्ति के लिए क्या स्थिति है?

    <p>वह अयोग्य है</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में कोई व्यक्ति तिधान परिषद का सदस्य नहीं बन सकता?

    <p>अन्य देश का नागरिक होना</p> Signup and view all the answers

    एक व्यक्ति की कम से कम कौन सी आयु की आवश्यकता है जिससे वह तिधान परिषद का सदस्य बन सके?

    <p>30 वर्ष</p> Signup and view all the answers

    कोरम की न्यूनतम संख्या क्या होती है?

    <p>सदन के कुल सदस्यों का 1/10</p> Signup and view all the answers

    धन विधेयक को किस सदन में पेश किया जा सकता है?

    <p>तिधान सभा</p> Signup and view all the answers

    राज्यपाल विधेयक को प्रस्तुत होने के बाद क्या कर सकते हैं?

    <p>उपरोक्त सभी</p> Signup and view all the answers

    साधारण विधेयक को पास करने के लिए किन पठन के माध्यम से पारित किया जाता है?

    <p>प्रथम, द्वितीय, और तीसरा</p> Signup and view all the answers

    यदि एक विधेयक दूसरी बार सदन में पारित नहीं होता है, तो क्या होगा?

    <p>विधेयक समाप्त हो जाएगा</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में एक मंत्री का कौन सा अधिकार है?

    <p>सदन की कार्यवाही में भाग लेना</p> Signup and view all the answers

    साधारण विधेयक को पारित होने के बाद क्या प्रक्रिया होती है?

    <p>राज्यपाल को भेजा जाता है</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में धन विधेयक का प्रस्तुतकर्ता कौन होता है?

    <p>केवल मंत्री</p> Signup and view all the answers

    विधेयक को राज्य सभा द्वारा अस्वीकार करने की स्थिति में क्या होता है?

    <p>विधेयक का प्रभाव समाप्त हो जाएगा</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल के सदन की कार्यवाही में जुड़ी कोई अनुशंसा राज्यसभा द्वारा कैसे की जा सकती है?

    <p>अस्वीकृत करके</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में एक सदन के उन्मूलन की प्रक्रिया क्या है?

    <p>राज्यपाल की स्वीकृति से हो सकता है</p> Signup and view all the answers

    यदि एक राज्य विधान सभा का कार्यकाल समाप्त हो जाता है, तो कौन उसे भंग कर सकता है?

    <p>राज्यपाल</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधान परिषद के सदस्यों को किस प्रकार से चुना जाता है?

    <p>अन्य सदनों द्वारा</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में धन विधेयक पेश करने का अधिकार किसके पास होता है?

    <p>वित्त मंत्री</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधान सभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण किस आधार पर दिया जाता है?

    <p>शिक्षा के स्तर</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल के समुचित कार्यकाल के लिए क्या आवश्यक है?

    <p>संसद की अनुमोदन</p> Signup and view all the answers

    किस परिस्थिति में राज्य विधान परिषद के सदस्य को बिना किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई के हटा सकते हैं?

    <p>अगर चुनाव में हार जाता है</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल में एक सत्र का अंत किसके द्वारा किया जाता है?

    <p>राज्यपाल द्वारा</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल की संरचना की अधिकतम और न्यूनतम सदस्यों की संख्या कौन निर्धारित करता है?

    <p>राज्य शासन</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल के सदस्य बनने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा मानदंड अयोग्यता का कारण हो सकता है?

    <p>राज्य के अधीन लाभ का पद धारण करना</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में एक व्यक्ति तिधान सभा का सदस्य बनने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है?

    <p>यदि वह भारत का नागरिक नहीं है</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानमंडल के सदस्य बनने के लिए एक व्यक्ति की न्यूनतम आयु क्या होनी चाहिए?

    <p>25 वर्ष</p> Signup and view all the answers

    नीचेम से कौन सा मानदंड एक व्यक्ति को राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने से रोकता है?

    <p>क्रदिमाागी रूप से असंयमित होना</p> Signup and view all the answers

    यदी कोई व्यक्ति एससी या एसटी आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे किसे होना चाहिए?

    <p>एससी या एसटी का सदस्य</p> Signup and view all the answers

    किसे राज्य विधानमंडल के सदस्य के रूप में चुना नहीं जा सकता?

    <p>राज्य सरकारी पदाधिकारी</p> Signup and view all the answers

    राज्य विधानसभा सदस्य बनने के लिए एक व्यक्ति को निश्चित रूप से क्या होना चाहिए?

    <p>राज्य का नागरिक होना</p> Signup and view all the answers

    राज्य तिधान परिषद के सदस्य के लिए न्यूनतम आयु क्या है?

    <p>30 वर्ष</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में कोई व्यक्ति राज्य तिधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता है?

    <p>यदि वह भारतीय नागरिक नहीं है</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में किसी व्यक्ति को राज्य विधानमंडल के सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है?

    <p>यदि वह कोई अवैध कार्य में शामिल है</p> Signup and view all the answers

    कोरम की परिभाषा क्या है?

    <p>सदन में प्रावधानित सदस्यों की न्यूनतम संख्या</p> Signup and view all the answers

    महावधिक्ता और अन्य मंत्रियों का राज्य विधानमंडल में क्या अधिकार है?

    <p>दोनों सदनों की कार्यवाही में बोलने और भाग लेने का</p> Signup and view all the answers

    धन विधेयक पेश करने के लिए सही विकल्प क्या है?

    <p>केवल तिधान सभा में पेश किया जा सकता है</p> Signup and view all the answers

    यदि एक साधारण विधेयक पारित नहीं होता, तो क्या होता है?

    <p>विधेयक को अगले सत्र में फिर से पेश किया जाता है</p> Signup and view all the answers

    राज्यपाल विधेयक की अस्वीकृति क्या कर सकते हैं?

    <p>विधेयक को विचार के लिए वापस कर सकते हैं</p> Signup and view all the answers

    संयुक्त बैठक बुलाने की स्थिति में क्या होता है?

    <p>विधेयक समाप्त हो जाता है</p> Signup and view all the answers

    धन विधेयक के संबंध में तिधान परिषद की भूमिका क्या है?

    <p>तिधान परिषद केवल धसफाररश कर सकती है</p> Signup and view all the answers

    साधारण विधेयकों के पारित होने में क्या कारक महत्वपूर्ण है?

    <p>दोनों सदनों द्वारा पारित होना</p> Signup and view all the answers

    तिधान सभा और तिधान परिषद के बीच विधायी प्रक्रिया का मुख्य अंतर क्या है?

    <p>विधेयक की प्रकृति</p> Signup and view all the answers

    संसद द्वारा विधेयकों की पारित प्रक्रिया में क्या समानता है?

    <p>तीन पठन प्रक्रिया</p> Signup and view all the answers

    स्पीकर को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए कौन सा स्थिति सटीक नहीं है?

    <p>स्पीकर अपने कायाालय को तिधानसभा भंग होने पर खाली करता है।</p> Signup and view all the answers

    यदि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव चर्चा में है, तो कौन सा तथ्य सही है?

    <p>अध्यक्ष हटाने के प्रस्ताव में उपस्थित नहीं हो सकता।</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष सदन से इस्तीफा देने पर अपने पद से हटा दिए जाएंगे?

    <p>जब वे सदस्यता से इस्तीफा देते हैं।</p> Signup and view all the answers

    स्थगन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

    <p>स्थगन एक सत्र को समाप्त करता है।</p> Signup and view all the answers

    राज्य मंडल में उपाध्यक्ष की भूमिका क्या होती है जब अध्यक्ष अनुपस्थित होता है?

    <p>उपाध्यक्ष सदन की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं।</p> Signup and view all the answers

    स्पीकर के पद को खाली करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति सही नहीं है?

    <p>स्पीकर का पद केवल तिधानसभा के भंग होने पर खाली होगा।</p> Signup and view all the answers

    राज्यपाल सदन के सदस्यों को कब बुलाता है?

    <p>विधान सत्र के बीच कब भी।</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में एक प्रस्ताव का मतदान किया जाता है?

    <p>जब चर्चा समाप्त हो गई हो।</p> Signup and view all the answers

    जब परिषद की बैठक होती है, उपाध्यक्ष और अध्यक्ष में से कौन अध्यक्षता करता है?

    <p>अध्यक्ष हमेशा।</p> Signup and view all the answers

    किस स्थिति में एक सदस्य राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने के लिए अयोग्य होता है?

    <p>यदि वह न्यूनतम आयु पूर्ण नहीं करता।</p> Signup and view all the answers

    Study Notes

    राज्य विधानमंडल

    • भारतीय संविधान के भाग VI (अनुच्छेद 168 से 212) में राज्य विधानमंडल के संगठन, संरचना, शक्तियों, अधिकारों और कार्यप्रणाली का वर्णन है।

    • राज्य विधानमंडल में एकरूपता नहीं है।

    • सभी राज्यों में राज्यपाल और विधानमंडल होता है। कुछ राज्यों में विधानमंडल में दो सदन होते हैं: विधान सभा और विधान परिषद, जबकि अन्य में केवल एक ही सदन होता है: विधान सभा।

    • संविधान एक राज्य में दूसरे सदन को समाप्त करने की सुविधा प्रदान करता है जहां यह मौजूद है या जहां पर कोई नहीं है।

    • एक राज्य विधानमंडल दो-तिहाई बहुमत से एक प्रस्ताव पारित कर सकता है, जिससे विधान परिषद का निर्माण हो सकता है (जहां पहले से कोई नहीं था) या विधान परिषद का उन्मूलन (जहां पहले से था)।

    • यह प्रस्ताव संसद को मंजूरी के लिए भेजा जाता है, और उसके द्वारा स्वीकृति मिलने पर राज्य विधानमंडल में दो सदन हो जाएँगे।

    विधान सभा

    • विधान सभा का गठन जनता द्वारा चुने गए सदस्यों से होता है और राज्य की सत्ता का वास्तविक केंद्र है।
    • विधानसभा का अधिकतम सदस्य संख्या 500 या इसके न्यूनतम सदस्य संख्या 60 है।
    • छोटे राज्यों को छोटी विधानसभाओं की अनुमति दी गई है, जैसे: सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, आदि।
    • विधान सभा की संख्या राज्य की जनसंख्या के अनुसार बदलती रहती है।
    • राज्यपाल विधान सभा में एक सदस्य को मनोनीत कर सकता है।
    • राज्य को क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है।
    • निर्वाचन क्षेत्रों का सीमांकन इस तरह से किया जाता है कि राज्य में जनसंख्या और सीट का अनुपात समान रहता है।
    • प्रत्येक जनगणना के बाद पुनर्मूल्यांकन किया जाता है, जो सीमा निर्धारण आयोग अधिनियम के तहत किया जाता है।
    • प्रत्येक विधान सभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आरक्षण प्रदान किया जाता है, जो शिक्षा के आधार पर किया जाता है।

    विधान परिषद

    • विधान परिषद के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।
    • विधान परिषद का अधिकतम सदस्य विधान सभा के कुल सदस्यों का एक-तिहाई है।

    चुनाव प्रक्रिया

    • एक-तिहाई सदस्य स्थानीय निकायों (नगरपालिका, जिला बोर्ड, आदि) के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।
    • एक-तिहाई सदस्य राज्य में रहने वाले स्नातकों (कम से कम 3 साल तक) द्वारा चुने जाते हैं
    • एक-तिहाई स्थानीय शिक्षकों (माध्यमिक विद्यालय स्तर से कम मानक नहीं) द्वारा चुने जाते हैं।
    • एक-तिहाई विधान सभा सदस्यों द्वारा विधानसभा सदस्य न हो उन लोगों में से चुने जाते हैं।
    • शेष सदस्य राज्यपाल द्वारा तज्ञान, साहित्य, सहकारी आंदोलन, कला और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष ज्नान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले लोगों द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।

    विधान सभा और विधान परिषद की अवधि

    • विधान सभा राज्य विधानमंडल का निर्वाचित सदन है। इसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
    • राज्यपाल पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही राज्य विधान सभा को भंग कर सकता है।
    • संसद एक साल में एक बार राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान विधानसभा के कार्यकाल को बढ़ा सकती है।
    • यह विस्तार आपातकाल के समाप्त होने के छह महीने बाद समाप्त हो जाता है।
    • विधान परिषद एक स्थायी निकाय है।
    • इसके सदस्यों का एक-तिहाई हर दूसरे वर्ष सेवानिवृत्त होता है, इसलिए एक सदस्य 6 वर्ष की अवधि के लिए रहता है।

    राज्य विधानमंडल की योग्यताएं

    • एक व्यक्ति राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने के लिए योग्य होता है यदि:
      • वह एक भारतीय नागरिक हो।
      • उसकी आयु कम से कम 25 वर्ष हो (विधान सभा के लिए) और 30 वर्ष हो (विधान परिषद के लिए)।
      • वह संबंधित राज्य का निवासी हो।
      • वह राज्य में विधानसभा क्षेत्र के लिए निर्वाचित होने के लिए योग्य।
      • यदि वह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का सदस्य होना चाहिए।

    अयोग्यता मानदंड

    • एक व्यक्ति को राज्य विधानमंडल के सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है यदि:
      • राज्य सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण कर रहा हो।
      • दिवालिया हो.
      • अपराधी हो.
      • भारत का नागरिक न हो, या किसी अन्य देश की नागरिकता ली हो।
      • दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित किया गया हो।

    स्पीकर और डिप्टी स्पीकर

    • स्पीकर का चुनाव विधान सभा अपने सदस्यों में से करती है।
    • स्पीकर अपना पद खाली करता है यदि वह विधान सभा का सदस्य नहीं रहता है।
    • वह कबभी भी अपने पद से इस्तीफा दे सकता है।
    • विधान सभा के सभी वर्तमान सदस्यों द्वारा बहुमत से पारित एक प्रस्ताव द्वारा, 14 दिनों के नोटिस के बाद स्पीकर को पद से हटाया जा सकता है।
    • विधान सभा के भंग होने पर स्पीकर अपना पद खाली नहीं करता है। वह विधान सभा के भंग होने के बाद पहली बैठक तक अध्यक्ष बना रहता है।
    • यदि स्पीकर का पद खाली हो जाता है, तो डिप्टी स्पीकर स्पीकर के कर्तव्यों का पालन करता है।
    • स्पीकर के कर्तव्य और शक्तियां लोकसभा स्पीकर के समान हैं।

    अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

    • विधान परिषद अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चयन करती है।
    • दोनों अपना पद खाली करते हैं यदि वे विधान परिषद के सदस्य नहीं रहते या इस्तीफा दे देते हैं।
    • विधान परिषद के सभी सदस्यों के बहुमत से पारित एक प्रस्ताव द्वारा, 14 दिनों के नोटिस के बाद उन्हें हटाया जा सकता है।
    • जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के खिलाफ हटाने का प्रस्ताव पेश किया जाता है, संबंधित व्यक्ति परिषद की बैठक
      में अध्यक्षता नहीं कर सकता है। वह बैठक में उपस्थित हो सकता है और परिषद की कार्यवाही में भाग ले सकता है और उसे बोलने का अधिकार है।
    • वह इस तरह के प्रस्ताव पर या बैठक में किसी भी अन्य मामले पर केवल पहली बार मत देने का हकदार होगा।
    • यदि मतों की समानता हो, तो वह निर्णायक मत का प्रयोग नहीं कर सकता है, जिसका वह अन्यथा अनुच्छेद 189
      के तहत हकदार है।
    • अध्यक्ष सभी परिषद बैठकों में अध्यक्षता करता है और उसकी अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष अध्यक्षता करता है।

    सदन की कामकाज

    • सम्मन: राज्यपाल समय-समय पर सदन को सम्मन करता है, दोनों सत्रों के बीच अधिकतम समय 6 महीने से अधिक नहीं हो सकता है।
    • स्थगन: किसी निर्दिष्ट समय के लिए बैठक में काम को स्थगित करना है। बैठक को स्थगित करने का अधिकार सदन के पीठासीन अधिकारी के पास होता है।
    • सत्रावसान: सदन का एक सत्र समाप्त करना है। पीठासीन अधिकारी के पास सत्रावसान करने का
      अधिकार होता है।
    • विघटन: केवल विधान सभा विघटन के अधीन है, विधान परिषद एक स्थायी सदन है।
    • कोरम: यह सदन में उपस्थित होने के लिए आवश्यक सदस्यों की न्यूनतम संख्या है। यह सदन के कुल
      सदस्यों का दसवाँ भाग है।

    महाधिवक्ता और अन्य मंत्रियों को दिए गए अधिकार

    • प्रत्येक मंत्री और महाधिवक्ता को दोनों सदनों की कार्यवाही में बोलने और भाग लेने का अधिकार
      है।
    • एक मंत्री सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है; वह इसका सदस्य नहीं है।
    • एक मंत्री जो किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग ले सकता है।

    राज्य विधानमंडल में विधेयकों का पारित होना

    साधारण विधेयक

    • विधानमंडल के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है, पहले सदन में तीन पठन के
      माध्यम से पास होता है।

    • पहले सदन से पास होने के बाद, विधेयक दूसरे सदन में भेजा जाता है। विधेयक तब पारित
      माना जाता है जब दोनों सदन इसे पारित करते हैं।

    • दोनों सदनों से पारित होने के बाद, प्रत्येक विधेयक राज्यपाल को प्रस्तुत किया जाता है।
      राज्यपाल इसके साथ निम्नलिखित में से कुछ कर सकता है:

      • उसकी असमिति
      • परख को रोकना
      • पुनर्विचार के लिए विधेयक वापस भेजना
      • राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक सुरक्षित रखना।
    • ध्यान दें: यदि राज्यपाल राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक सुरक्षित रखता है, तो इसके बाद
      राज्यपाल की उस विधेयक को पारित करने में कोई भूमिका नहीं होती है।

    धन विधेयक

    • विधान परिषद में धन विधेयक पेश नहीं किया जा सकता है।
    • इसे केवल विधान सभा में पेश किया जा सकता है और यह राज्यपाल की सिफारिश पर है।
    • इस तरह का विधेयक किसी निजी सदस्य द्वारा पेश नहीं किया जा सकता है, केवल एक
      मंत्री ही इस तरह का विधेयक पेश कर सकता है।
    • विधान सभा से पास होने के बाद धन विधेयक विधान परिषद में भेजा जाता है।
    • विधान परिषद विधेयक को अस्वीकार या संशोधित नहीं कर सकती, लेकिन सिफारिशें कर सकती है। विधान परिषद को सिफारिशें करने के लिए 14 दिनों की समयावधि के भीतर
      विधान सभा को विधेयक वापस करना होगा।
    • विधान सभा विधान परिषद द्वारा की गई सभी अनुशंसा को स्वीकार या अस्वीकार कर सकती
      है।

    संसद और राज्य विधानमंडल की विधायी प्रक्रिया की तुलना

    संसद राज्य विधानमंडल
    साधारण विधेयक: साधारण विधेयक:
    किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है
    एक मंत्री या एक निजी सदस्य द्वारा पेश किया जा सकता है एक मंत्री या एक निजी सदस्य द्वारा पेश किया जा सकता है
    पहले, दूसरे और तीसरे पठन के माध्यम से जाता है पहले, दूसरे और तीसरे पठन के माध्यम से जाता है
    यदि दोनों हाउस इसे व्यक्तिगत रूप से पास करते हैं तो ही पास किया जाता है यदि दोनों हाउस इसे व्यक्तिगत रूप से पास करते हैं तो ही पास किया जाता है
    यदि दूसरे सदन द्वारा विधेयक पारित नहीं किया जाता है तो गतिरोध होता है। यदि दूसरे सदन द्वारा विधेयक पारित नहीं किया जाता है तो गतिरोध होता है।
    गतिरोध के मामले में संयुक्त बैठक संयुक्त बैठक का कोई प्रावधान नहीं
    लोक सभा विधेयक को दूसरी बार पारित करके और राज्यसभा को रद्द नहीं कर सकती है। विधान सभा दूसरी बार विधेयक पारित करके विधान परिषद को रद्द कर सकती है।
    यदि राष्ट्रपति संयुक्त बैठक को नहीं बुलाता है, तो विधेयक ढह जाता है और मृत हो जाता है। विधेयक को दूसरी बार पारित करने का अधिकार केवल विधान सभा से उत्पन्न विधेयकों पर लगू होता है।
    धन विधेयक: धन विधेयक:
    केवल लोक सभा में पेश किया गया। केवल विधान सभा में पेश किया गया।
    राष्ट्रपति की सिफारिश पर पेश किया गया। राज्यपाल की सिफारिश पर पेश किया गया।
    केवल एक मंत्री द्वारा पेश किया गया है न कि किसी निजी सदस्य द्वारा। केवल एक मंत्री द्वारा पेश किया गया है न कि किसी निजी सदस्य द्वारा।
    राज्यसभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती, राज्यसभा केवल सिफारिशें कर सकती है विधान परिषद इसे अस्वीकार नहीं कर सकती, विधान परिषद केवल सिफारिशें कर सकती है
    राज्यसभा द्वारा की गई सिफारिश लोक सभा पर बाध्यकारी नहीं है। विधान परिषद द्वारा की गई सिफारिश विधान सभा के लिए बाध्यकारी नहीं है।
    यदि लोक सभा सिफारिश को स्वीकार कर लेती है, तो विधेयक पारित हो जाता है। यदि विधान सभा अनुशंसा को स्वीकार कर लेती है, तो विधेयक को पारित माना जाता है।
    यदि लोक सभा ने सिफारिश को स्वीकार किए बिना ही विधेयक पारित कर दिया, तो राज्यसभा को विधेयक को स्वीकार करना होगा। यदि विधान सभा ने सिफारिश को स्वीकार किए बिना ही विधेयक पारित कर दिया, तो विधान परिषद को विधेयक को स्वीकार करना होगा।
    यदि राज्यसभा 14 दिनों की अवधि के लिए विधेयक को लोक सभा को वापस नहीं करती है, तो विधेयक को पारित माना जाता है। यदि विधान परिषद 14 दिनों की अवधि के लिए विधान सभा को विधेयक वापस नहीं करती है, तो विधेयक को पारित माना जाता है।

    राज्य विधानमंडल से संबंधित महत्वपूर्ण लेख

    अनुच्छेद विषय
    अनुच्छेद 168 राज्यों में विधानमंडल का गठन
    अनुच्छेद 169 राज्यों में विधायी परिषदों का उन्मूलन और निर्माण
    अनुच्छेद 170 विधानसभाओं की संरचना
    अनुच्छेद 178 विधान सभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर
    अनुच्छेद 191 सदस्यों की अयोग्यता
    अनुच्छेद 213 विधानमंडल के अधिवेशन के दौरान अध्यादेशों को लागू करने के लिए राज्यपाल की शक्ति

    राज्य विधानमंडल का संगठन

    • भारत के संविधान का भाग VI (अनुच्छेद 168 से 212) राज्य विधानमंडल के संगठन, संरचना, शक्तियों, अधिकारों और कार्यप्रणाली से संबंधित है।

    • सभी राज्यों में एक विधानमंडल है, जिसमें राज्यपाल और राज्य विधानमंडल शामिल हैं।

    • कुछ राज्यों में एक द्विसदनीय विधानमंडल है (विधान सभा और विधान परिषद), जबकि बाकी राज्यों में केवल एक सदन है (विधान सभा)।

    • संविधान एक राज्य में दूसरे सदन को समाप्त करने की सुविधा प्रदान करता है, जहां यह पहले से मौजूद है, और एक दूसरे सदन के निर्माण के लिए भी, जहां यह पहले से मौजूद नहीं है।

    • अगर कोई राज्य विधानमंडल एक प्रस्ताव पारित करता है, जिसमें उपस्थित सभी सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से दूसरे सदन के निर्माण के पक्ष में मतदान किया जाता है, और संसद इस प्रस्ताव को स्वीकृत करती है, तो उस राज्य में द्विसदनीय विधानमंडल बन सकता है।

    विधान सभा

    • विधान सभा राज्य की जनता द्वारा चुने हुए सदस्यों से बनती है, और यह राज्य में सत्ता का वास्तविक केंद्र है।

    • एक विधान सभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 500 और न्यूनतम संख्या 60 होती है, हालांकि कुछ राज्यों, जैसे सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और गोवा, को छोटी विधानसभाओं की अनुमति है।

    • विधान सभा के सदस्यों की संख्या राज्य की जनसंख्या के आधार पर बदलती है।

    • राज्यपाल अंग्रेजी-भारतीय समुदाय के एक सदस्य को विधान सभा में मनोनीत कर सकता है।

    • प्रत्येक राज्य को चुनाव कराने के लिए क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।

    • निर्वाचन क्षेत्रों का सीमांकन इस तरह किया जाता है कि पूरे राज्य में जनसंख्या और सीटों का अनुपात समान रहे।

    • प्रत्येक जनगणना के बाद, एक पुनर्मूल्यांकन (परसीमन) किया जाता है, जो परसीमन आयोग अधिनियम के तहत किया जाता है।

    • प्रत्येक विधानसभा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आरक्षण प्रदान करती है, जो शिक्षा के आधार पर किया जाता है।

    विधान परिषद

    • विधान परिषद के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।

    • परिषद में सदस्यों की अधिकतम संख्या विधान सभा की कुल संख्या का एक तिहाई है।

    चुनाव की शैली

    • विधान परिषद के एक तिहाई सदस्य स्थानीय निकायों (नगरपालिका, जिला बोर्ड, आदि) के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।

    • एक तिहाई सदस्य राज्य में रहने वाले या काम करने वाले तीन वर्षों के स्नातकों द्वारा चुने जाते हैं।

    • एक तिहाई सदस्य राज्य में रहने वाले, कम से कम माध्यमिक विद्यालय स्तर तक पढ़ाए हुए, तीन वर्षों के शिक्षकों द्वारा चुने जाते हैं।

    • एक तिहाई सदस्य विधान सभा के सदस्यों द्वारा उन लोगों में से चुने जाते हैं जो विधानसभा सदस्य नहीं हैं।

    • बाकी सदस्य राज्यपाल द्वारा ज्ञान, साहित्य, सहकारी आंदोलन, कला और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले लोगों द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।

    विधान सभा और विधान परिषद की अवधि

    • विधान सभा राज्य विधानमंडल का निचला सदन है। इसके सामान्य कार्यकाल पांच वर्ष होते हैं।

    • राज्यपाल को पाँच वर्षों का कार्यकाल पूरा होने से पहले विधान सभा को भंग करने का अधिकार है।

    • संसद द्वारा बनाए गए कानून के तहत, राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, विधानसभा का कार्यकाल एक बार के लिए एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।

    • यह विस्तार आपातकालीन स्थिति खत्म होने के छह महीने बाद समाप्त हो जाता है।

    • विधान परिषद एक स्थायी निकाय है।

    • इसके सदस्यों का एक तिहाई हर दो वर्षों में सेवानिवृत्त होता है, इसलिए एक सदस्य 6 वर्षों के लिए रहता है।

    राज्य विधानमंडल के सदस्य होने की योग्यताएँ

    • एक व्यक्ति राज्य विधानमंडल के सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए योग्य है यदि वह:
      • एक भारतीय नागरिक है।
      • न्यूनतम 25 वर्ष की आयु (विधान सभा के लिए) और 30 वर्ष की आयु (विधान परिषद के लिए) है।
      • संबंधित राज्य का नागरिक है।
      • राज्य में एक विधानसभा क्षेत्र के लिए निर्वाचक है।
      • यदि वह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे अनु.जा. और अनु.जा. का सदस्य होना चाहिए।

    राज्य विधानमंडल के सदस्य होने की अयोग्यता

    • एक व्यक्ति को राज्य विधानमंडल के सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है यदि वह:
      • राज्य सरकार के अधीन लाभ के पद पर है।
      • दिवालिया घोषित है।
      • अपराधी है।
      • भारतीय नागरिक नहीं है, या किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त कर ली है।
      • दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित है।

    स्पीकर और उप-स्पीकर

    • स्पीकर को विधान सभा द्वारा अपने सदस्यों में से चुना जाता है।

    • एक स्पीकर अपने पद को छोड़ देता है यदि वह विधान सभा का सदस्य बन जाता है।

    • वह किसी भी समय अपने पद से इस्तीफा दे सकता है।

    • विधान सभा के सभी उपस्थित सदस्यों द्वारा पारित एक प्रस्ताव के द्वारा, हटाने के इरादे के चौदह दिनों के नोटिस के बाद, बहुमत से स्पीकर को पद से हटाया जा सकता है।

    • विधान सभा के भंग होने पर स्पीकर अपने पद को नहीं छोड़ता है।

    • वह विधान सभा की भंग के बाद पहले बैठक से ठीक पहले अध्यक्ष बना रहता है।

    • यदि स्पीकर का पद खाली हो जाता है, तो उप-स्पीकर उसके कार्यो का पालन करता है।

    • स्पीकर के कार्य और शक्तियाँ लोकसभा स्पीकर के समान हैं।

    अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

    • परिषद अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चयन करती है।

    • दोनों अपने पद खाली करते हैं यदि वे परिषद के सदस्य होना बंद कर देते हैं या इसकी सदस्यता से इस्तीफा दे देते हैं।

    • उन्हें परिषद के सभी सदस्यों के बहुमत से पारित एक प्रस्ताव के द्वारा हटाया जा सकता है, बशर्ते हटाने के ऐसे प्रस्ताव के लिए चौदह दिनों का नोटिस दिया गया हो।

    • जब हटाने का प्रस्ताव अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के खिलाफ चर्चा के लिए होता है, तो संबंधित व्यक्ति परिषद के बैठक में अध्यक्षता नहीं कर सकता है, हालाँकि वह इस तरह की बैठक में उपस्थित हो सकता है और परिषद की कार्यवाही में भाग ले सकता है, और उसे बोलने का अधिकार है।

    • वह इस तरह के प्रस्ताव पर या इस तरह की कार्यवाही के दौरान किसी भी अन्य मामले में केवल पहली बार वोट देने का हकदार होगा।

    • वोटों की समानता के मामले में, वह निर्णायक वोट का उपयोग नहीं करेगा, जिसके लिए वह अन्यथा अनुच्छेद 189 के तहत हकदार है।

    • अध्यक्ष परिषद की सभी बैठकों में अध्यक्षता करता है, और उसकी अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष अध्यक्षता करेगा।

    सम्मन, स्थगन, सत्रावसान और विघटन

    • सम्मन: राज्यपाल प्रत्येक सदन को समय-समय पर बुलाने के लिए है, दोनों सत्रों के बीच अधिकतम समय 6 महीने से अधिक नहीं हो सकता है।
    • स्थगन: एक बैठक में कार्य को निर्दिष्ट समय के लिए स्थगित करना। बैठक स्थगित करने की शक्ति सदन के पीठासीन अधिकारी के पास होती है।
    • सत्रावसान: यह सदन का एक सत्र समाप्त करना है। पीठासीन अधिकारी के पास सत्रावसान की शक्ति होती है।
    • विघटन: केवल विधान सभा विघटन के अधीन है, विधान परिषद एक स्थायी सदन है।

    कोरम

    • यह सदन में उपस्थित होने के लिए आवश्यक सदस्यों की न्यूनतम संख्या है। यह सदन के कुल सदस्यों का दसवाँ हिस्सा है।

    महाधिवक्ता और अन्य मंत्रियों को दिए गए अधिकार

    • प्रत्येक मंत्री और महाधिवक्ता को दोनों सदनों की कार्यवाही में बोलने और भाग लेने का अधिकार है।

    • एक मंत्री सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है, वह इसका सदस्य नहीं है।

    • एक मंत्री जो किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग ले सकता है।

    राज्य विधानमंडल में विधेयकों को कैसे पारित किया जाता है?

    साधारण विधेयक

    • साधारण विधेयक को विधानमंडल के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है। इसे पहले सदन में तीन पठन के माध्यम से पारित किया जाता है।

    • पहले सदन से पारित होने के बाद, इसे दूसरे सदन में भेजा जाता है। इसे तभी पूर्ण रूप से पारित माना जाता है जब दोनों सदन इसे पारित करते हैं।

    • दोनों सदनों से पारित होने के बाद, प्रत्येक विधेयक राज्यपाल को प्रस्तुत किया जाता है। राज्यपाल इसके साथ निम्नलिखित कार्रवाई कर सकता है:

      • इसे स्वीकृति देना (अस्मिति)
      • इसे पारित करने से रोकना
      • इसे पुनर्विचार के लिए विधानमंडल में वापस भेजना
      • राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक को सुरक्षित रखना
    • नोट: यदि राज्यपाल राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक को सुरक्षित रखता है, तो उसके बाद राज्यपाल की उस विधेयक को पारित करने में कोई भूमिका नहीं रहती है।

    धन विधेयक

    • धन विधेयक को विधान परिषद में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है, यह केवल विधान सभा में प्रस्तुत किया जा सकता है और यह राज्यपाल की सिफारिश पर है।

    • इस तरह का विधेयक किसी निजी सदस्य द्वारा प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है, केवल एक मंत्री ही इस तरह का विधेयक प्रस्तुत कर सकता है।

    • विधान सभा से पारित होने के बाद धन विधेयक विधान परिषद को भेजा जाता है।

    • विधान परिषद विधेयक को अस्वीकार या संशोधित नहीं कर सकती है, लेकिन सिफारिशें कर सकती है। विधान परिषद को सिफारिशों के साथ 14 दिनों की समय सीमा के भीतर विधान सभा को विधेयक वापस करना होगा।

    • विधान सभा विधान परिषद द्वारा की गई सभी सिफारिशों को स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है।

    संसद और राज्य विधानमंडल की विधायी प्रक्रिया की तुलना

    संसद राज्य विधानमंडल
    साधारण विधेयक: साधारण विधेयक:
    किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है
    एक मंत्री या एक निजी सदस्य द्वारा पेश किया जा सकता है एक मंत्री या एक निजी सदस्य द्वारा पेश किया जा सकता है
    पहले, दूसरे और तीसरे पठन के माध्यम से जाता है पहले, दूसरे और तीसरे पठन के माध्यम से जाता है
    यदि दोनों होसेस इसे व्यक्तिगत रूप से पारित करते हैं तो ही पारित किया जाता है यदि दोनों होसेस इसे व्यक्तिगत रूप से पारित करते हैं तो ही पारित किया जाता है
    यदि दूसरे सदन द्वारा विधेयक पारित नहीं किया जाता है तो गतिरोध होता है। यदि दूसरे सदन द्वारा विधेयक पारित नहीं किया जाता है तो गतिरोध होता है।
    गतिरोध के मामले में संयुक्त बैठक संयुक्त बैठक का कोई प्रावधान नहीं
    लोक सभा विधेयक को दूसरी बार पारित करके राज्य सभा को रद्द नहीं कर सकती है। विधानसभा दूसरी बार विधेयक पारित करके विधान परिषद को रद्द कर सकती है।
    यदि राष्ट्रपति संयुक्त बैठक को नहीं बुलाता है, तो विधेयक ढह जाता है और मृत हो जाता है। विधेयक को दूसरी बार पारित करने का अधिकार केवल विधानसभा से उत्पन्न विधेयकों पर लागू होता है।
    संसद राज्य विधानमंडल
    धन विधेयक: धन विधेयक:
    केवल लोकसभा में पेश किया गया। केवल विधान सभा में प्रस्तुत किया गया।
    राष्ट्रपति की सिफारिश पर पेश किया गया। राज्यपाल की सिफारिश पर पेश किया गया।
    केवल एक मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है, न कि किसी निजी सदस्य द्वारा। केवल एक मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है, न कि किसी निजी सदस्य द्वारा।
    राज्य सभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती है, राज्य सभा केवल सिफारिशें कर सकती है। विधान परिषद इसे अस्वीकार नहीं कर सकती है, विधान परिषद केवल सिफारिशें कर सकती है।
    राज्यसभा द्वारा की गई सिफारिशें लोक सभा के लिए बाध्यकारी नहीं है। विधान परिषद द्वारा की गई सिफारिशें विधान सभा के लिए बाध्यकारी नहीं है।
    यदि लोक सभा सिफारिशों को स्वीकार कर लेती है, तो विधेयक पारित हो जाता है यदि विधान सभा अनुशंसा को स्वीकार कर लेती है, तो विधेयक को पारित माना जाता है
    यदि लोक सभा ने सिफारिशों को स्वीकार किए बिना विधेयक पारित कर दिया, तो राज्य सभा को विधेयक को स्वीकार करना होगा। यदि विधान सभा ने सिफारिशों को स्वीकार किए बिना विधेयक पारित कर दिया, तो विधान परिषद को विधेयक को स्वीकार करना होगा।
    यदि राज्य सभा 14 दिनों के लिए विधेयक को लोक सभा को वापस नहीं करती है, तो विधेयक को पारित माना जाता है। यदि विधान परिषद 14 दिनों के लिए विधान सभा को विधेयक वापस नहीं करती है, तो विधेयक को पारित माना जाता है।

    राज्य विधानमंडल से संबंधित महत्वपूर्ण लेख

    • अनुच्छेद 168: राज्यों में विधानमंडल का गठन
    • अनुच्छेद 169: राज्यों में विधायी परिषदों का उन्मूलन और निर्माण
    • अनुच्छेद 170: विधान सभाओं की संरचना
    • अनुच्छेद 178: विधान सभा के स्पीकर और उप-स्पीकर
    • अनुच्छेद 191: सदस्यों की अयोग्यता
    • अनुच्छेद 213: विधानमंडल के अवकाश के दौरान अध्यादेशों को लागू करने के लिए राज्यपाल की शक्ति

    राज्य विधानमंडल

    • भारतीय संविधान के भाग VI में अनुच्छेद 168 से 212 राज्य विधानमंडल के संगठन, संरचना, शक्ति, अधिकार और प्रक्रियाओं से संबंधित हैं।

    द्विसदनीय और एकसदनीय विधानमंडल

    • सभी राज्यों में विधानमंडल का संगठन एक समान नहीं है।

    • आम तौर पर, प्रत्येक राज्य के विधानमंडल में राज्यपाल और राज्य विधानमंडल होते हैं।

    • कुछ राज्यों में विधानमंडल में दो सदन होते हैं, अर्थात् विधान सभा और विधान परिषद जबकि अन्य में केवल एक ही सदन हो सकता है, अर्थात् विधान सभा।

    • संविधान एक राज्य में दूसरे सदन को समाप्त करने की सुविधा प्रदान करता है जहां यह मौजूद है या जहां कोई नहीं है, एक राज्य में दूसरे सदन के निर्माण के लिए।

    • यदि कोई राज्य विधानमंडल एक प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से पारित करता है, जिसमें दो-तिहाई सदस्य वास्तव में मौजूद हों और दूसरे सदन के निर्माण के पक्ष में मतदान करें और यदि संसद ऐसे प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त करती है, तो संबंधित विधानमंडल में राज्य के दो सदन हो सकते हैं।

    राज्य विधानमंडल के दो सदन

    विधान सभा

    • विधान सभा, निर्वाचित सदस्यों से मिलकर बनी है और राज्य में सत्ता का वास्तविक केंद्र है।

    • विधानसभा की अधिकतम सीमा 500 या न्यूनतम सीमा 60 है।

    • हालांकि, कुछ राज्यों को छोटी विधानसभाओं की अनुमति दी गई है, जैसे, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, आदि।

    • विधान सभा की सीमा राज्य की जनसंख्या के साथ बदलती है।

    • राज्यपाल एंग्लो-भारतीय समुदाय के एक सदस्य को विधान सभा में नामित कर सकता है।

    • चुनाव कराने के लिए प्रत्येक राज्य को क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।

    • इन निर्वाचन क्षेत्रों का सीमांकन इस तरह किया जाता है कि पूरे राज्य में जनसंख्या और सीट का अनुपात समान रहे।

    • प्रत्येक जनगणना के बाद एक पुनर्मूल्यांकन किया जाता है, यह परिसीमन आयोग अधिनियम के तहत किया जाता है।

    • प्रत्येक विधान सभा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आरक्षण प्रदान करती है, यह शिक्षा के आधार पर किया जाता है।

    विधान परिषद

    • विधान परिषद के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।

    • परिषद की अधिकतम सीमा विधान सभा की कुल सीमा का एक-तिहाई है।

    चुनाव की शैली

    • एक-तिहाई स्थानीय निकायों जैसे नगरपालिका, जिला बोर्ड, आदि के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।

    • बारहवां हिस्सा राज्य में रहने या व्यवसाय करने वाले तीन वर्षों के स्नातकों द्वारा चुने जाते हैं।

    • बारहवां हिस्सा राज्य में रहने वाले तीन वर्षों के शिक्षकों (माध्यमिक विद्यालय से कम मानक नहीं) द्वारा चुने जाते हैं।

    • एक-तिहाई विधान सभा के सदस्यों द्वारा उन लोगों में से चुने जाते हैं जो विधानसभा सदस्य नहीं हैं।

    • बाकी लोगों को राज्यपाल द्वारा ज्ञान, साहित्य, सहकारी आंदोलन, कला और सामाजिक सेवा जैसे मामलों में ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव वाले लोगों द्वारा नामित किया जाता है।

    विधान सभा और विधान परिषद की अवधि

    • विधान सभा राज्य विधानमंडल का स्थायी सदन नहीं है। इसका सामान्य कार्यकाल पांच वर्ष है।

    • राज्यपाल पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही राज्य विधान सभा को भंग करने के लिए अधिकृत है।

    • संसद के कानून द्वारा, राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान विधानसभा के कार्यकाल को एक वर्ष में एक बार के लिए बढ़ाया जा सकता है।

    • यह विस्तार छह महीने के भीतर समाप्त हो गया जब आपातकालीन स्थिति में काम करना बंद हो गया।

    • दूसरी ओर, विधान परिषद एक स्थायी निकाय है।

    • इसके सदस्यों का एक-तिहाई प्रत्येक दूसरे वर्ष सेवानिवृत्त होता है, इसलिए एक सदस्य 6 वर्ष की अवधि के लिए रहता है।

    राज्य विधानमंडल की योग्यताएँ

    • एक व्यक्ति राज्य विधानमंडल के सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए योग्य है यदि वह
      • एक भारतीय नागरिक है।
      • न्यूनतम 25 वर्ष की आयु (विधान सभा के लिए) और 30 वर्ष की आयु (विधान परिषद के लिए) है।
      • संबंधित राज्य का नागरिक होना चाहिए।
      • राज्य में विधानसभा क्षेत्र के लिए निर्वाचक होना चाहिए।
      • यदि वह इन श्रेणियों के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का सदस्य होना चाहिए।

    अयोग्यता मानदंड

    • किसी व्यक्ति को राज्य विधानमंडल के सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य ठहराया जाता है, यदि वह है
      • राज्य सरकार के अधीन लाभ का पद धारण करना।
      • क्रोधमागी रूप से असंवुलित होना।
      • क्रिदिाललया होना।
      • भारतीय नागरिक नहीं है, या किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ली है।
      • दल बदल की जमीन पर अयोग्य घोषित होना।

    स्पीकर और उपाध्यक्ष

    • स्पीकर को विधानसभा द्वारा अपने सदस्यों में से चुना जाता है।

    • एक स्पीकर अपना कार्यालय खाली करता है यदि वह विधानसभा का सदस्य बन जाता है।

    • वह किसी भी समय अपने कार्यालय से इस्तीफा दे सकता है।

    • इस तरह के प्रस्ताव को हटाने के इरादे के चौदह दिनों के नोटिस के बाद विधानसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों द्वारा बहुमत से पारित विधानसभा के एक प्रस्ताव द्वारा स्पीकर को पद से हटाया जा सकता है।

    • विधानसभा के भंग होने पर स्पीकर अपना कार्यालय खाली नहीं करता है।

    • वह विघटन के बाद विधानसभा के पहले बैठने से ठीक पहले तक अध्यक्ष बना रहता है।

    • यदि स्पीकर का पद खाली हो, तो डिप्टी स्पीकर अपने कार्यों का पालन करता है।

    • स्पीकर के कार्य और शक्तियां लोकसभा स्पीकर के समान sont.

    अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

    • परिषद अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चयन करती है।

    • दोनों अपना कार्यालय खाली कर देते हैं यदि वे परिषद के सदस्य बनना बंद कर देते हैं या इसकी सदस्यता से इस्तीफा दे देते हैं।

    • उन्हें परिषद के सभी सदस्यों के बहुमत से पारित परिषद के एक प्रस्ताव द्वारा हटाया जा सकता है, बशर्ते हटाने के ऐसे प्रस्ताव को हटाने के लिए चौदह दिनों का नोटिस दिया गया हो।

    • जब हटाने का प्रस्ताव अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के खिलाफ चर्चा के लिए हो, तो संबंधित व्यक्ति परिषद की बैठक में अध्यक्षता नहीं कर सकता है, हालांकि वह इस तरह की बैठक में उपस्थित हो सकता है और परिषद की कार्यवाही में भाग ले सकता है और उसे बोलने का अधिकार है।

    • वह इस तरह के प्रस्ताव पर या इस तरह की कार्यवाही के दौरान किसी भी अन्य मामले में केवल पहली बार वोट देने का हकदार होगा।

    • वोटों की समानता के मामले में, वह निर्णायक वोट का प्रयोग नहीं करता है जिसके लिए वह अन्यथा अनुच्छेद 189 के तहत हकदार है।

    • अध्यक्ष परिषद की सभी बैठकों में और उसकी अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष की अध्यक्षता करता है।

    अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

    • सम्मन: राज्यपाल समय-समय पर तमलने के लिए प्रत्येक सदन को बुलाता है, दोनों सत्रों के बीच अधिकतम समय 6 महीने से अधिक नहीं हो सकता है।

    • स्थगन: किसी निर्दिष्ट समय अवधि के लिए एक बैठक में कार्य का निलंबन। बैठने की शक्ति सदन के पीठासीन अधिकारी के पास होती है।

    • सत्रािसान: यह सदन का एक सत्र समाप्त करना है। पीठासीन अधिकारी के पास सत्रािसान की शक्ति होती है।

    • विघटन: केवल विधान सभा विघटन के अधीन है, विधान परिषद एक स्थायी सदन है।

    • कोरम: यह सदन में उपस्थित होने के लिए आवश्यक सदस्यों की न्यूनतम संख्या है। यह सदन के कुल सदस्यों का दसवां हिस्सा है।

    महाधिवक्ता और अन्य मंत्रियों को दिए गए अधिकार

    • प्रत्येक मंत्री और महाधिवक्ता को दोनों सदनों की कार्यवाही में बोलने और भाग लेने का अधिकार है।

    • एक मंत्री सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है, वह इसका सदस्य नहीं है।

    • एक मंत्री जो किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग ले सकता है।

    राज्य विधानमंडल में विधेयकों का पारित होना

    साधारण विधेयक

    • विधानमंडल के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है, पहले सदन में तीन पठन के माध्यम से पास होता है।

    • पहले सदन से पास होने के बाद, विधेयक दूसरे सदन में भेजा जाता है। विधेयक को तब पारित माना जाता है जब दोनों सदन इसे पारित करते हैं।

    • दोनों सदनों से पारित होने के बाद, प्रत्येक विधेयक राज्यपाल को प्रस्तुत किया जाता है। राज्यपाल

      • इसकी अस्वीकृति
      • परख को रोकना
      • पुनर्विचार के लिए विधेयक लौटाएं
      • राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक को सुरक्षित रखें।
    • नोट: यदि राज्यपाल राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक को सुरक्षित रखता है, तो इसके बाद राज्यपाल की उस विधेयक को पारित करने में कोई भूमिका नहीं होती है।

    धन विधेयक

    • विधान परिषद में धन विधेयक पेश नहीं किया जा सकता है.

    • इसे केवल विधान सभा में पेश किया जा सकता है और यह राज्यपाल की सिफारिश पर है।

    • इस तरह का विधेयक किसी भी निजी सदस्य द्वारा प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है, केवल एक मंत्री ही इस तरह के विधेयक को प्रस्तुत कर सकता है।

    • विधान सभा से पास होने के बाद धन विधेयक विधान परिषद को भेजा जाता है।

    • विधान परिषद विधेयक को अस्वीकार या संशोधित नहीं कर सकती है, लेकिन सिफारिशें कर सकती है। विधान परिषद को सिफारिशों के साथ 14 दिनों की समय सीमा के भीतर विधान सभा को विधेयक वापस करना होगा।

    • विधान सभा विधान परिषद द्वारा की गई सभी सिफारिशों को स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है।

    संसद और राज्य विधानमंडल की विधायी प्रक्रिया की तुलना

    संसद राज्य विधानमंडल
    साधारण विधेयक साधारण विधेयक
    किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है
    एक मंत्री या निजी सदस्य द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है एक मंत्री या निजी सदस्य द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है
    पहले, दूसरे और तीसरे पठन के माध्यम से जाता है पहले, दूसरे और तीसरे पठन के माध्यम से जाता है
    यदि दोनों सदन इसे व्यक्तित्व रूप से पास करते हैं तो ही पारित किया जाता है यदि दोनों सदन इसे व्यक्तित्व रूप से पास करते हैं तो ही पारित किया जाता है
    यदि दूसरा सदन द्वारा विधेयक पारित नहीं किया जाता है तो गतिरोध होता है। यदि दूसरा सदन द्वारा विधेयक पारित नहीं किया जाता है तो गतिरोध होता है।
    गतिरोध के मामले में संयुक्त बैठक संयुक्त बैठक का कोई प्रावधान नहीं
    लोक सभा विधेयक को दूसरी बार पारित करके और इसके विपरीत राज्य सभा को रद्द नहीं कर सकती है। विधान सभा दूसरी बार विधेयक पारित करके विधान परिषद को रद्द कर सकती है।
    यदि राष्ट्रपति संयुक्त बैठक को नहीं बुलाता है, तो विधेयक ढह जाता है और मृत्यु हो जाती है। विधेयक को दूसरी बार पारित करने का अधिकार केवल विधान सभा से उत्पन्न विधेयकों पर लागू होता है।
    धन विधेयक धन विधेयक
    केवल लोक सभा में प्रस्तुत किया गया। केवल विधान सभा में प्रस्तुत किया गया।
    राष्ट्रपति की सिफारिश पर प्रस्तुत किया गया। राज्यपाल की सिफारिश पर प्रस्तुत किया गया।
    केवल एक मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है न कि किसी निजी सदस्य द्वारा। केवल एक मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है न कि किसी निजी सदस्य द्वारा।
    राज्य सभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती, राज्य सभा केवल सिफारिशें कर सकती है। विधान परिषद इसे अस्वीकार नहीं कर सकती, विधान परिषद केवल सिफारिशें कर सकती है।
    राज्य सभा द्वारा की गई सिफारिश लोक सभा पर बाध्यकारी नहीं है। विधान परिषद द्वारा की गई सिफारिश विधान सभा के लिए बाध्यकारी नहीं है।
    यदि लोक सभा सिफारिश को स्वीकार कर लेती है, तो विधेयक पारित हो जाता है। यदि विधान सभा अनुशंसा को स्वीकार कर लेती है, तो विधेयक को पारित माना जाता है।
    यदि लोक सभा ने सिफारिश को स्वीकार किए बिना विधेयक पारित कर दिया, तो राज्य सभा को विधेयक को स्वीकार करना होगा। यदि विधान सभा ने सिफारिश को स्वीकार किए बिना विधेयक पारित कर दिया, तो विधान परिषद को विधेयक को स्वीकार करना होगा।
    यदि राज्य सभा 14 दिनों की अवधि के लिए विधेयक को लोक सभा को वापस नहीं करती है, तो विधेयक को पारित माना जाता है। यदि विधान परिषद 14 दिनों की अवधि के लिए विधान सभा को विधेयक वापस नहीं करती है, तो विधेयक को पारित माना जाता है।

    राज्य विधानमंडल से संबंधित महत्वपूर्ण लेख

    अनुच्छेद विषय
    अनुच्छेद 168 राज्यों में विधानमंडल का गठन
    अनुच्छेद 169 राज्यों में विधायी परिषदों का उन्मूलन और निर्माण
    अनुच्छेद 170 विधानसभाओं की संरचना
    अनुच्छेद 178 विधान सभा के स्पीकर और उपाध्यक्ष
    अनुच्छेद 191 सदस्यों की अयोग्यता
    अनुच्छेद 213 विधानमंडल के अधिवेशन के दौरान अध्यादेशों को लागू करने के लिए राज्यपाल की शक्ति

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    इस क्विज में भारतीय संविधान के भाग VI के अंतर्गत राज्य विधानमंडल के संगठन, संरचना और कार्यप्रणाली पर आधारित प्रश्न हैं। यह विधान मंडल की शक्तियों और अधिकारों की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। इस क्विज के माध्यम से आप राज्य विधानमंडल की विशेषताएँ और विधान सभा की महत्वपूर्ण बातें जानेंगे।

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