राज्य के नीति निदेशक तत्व
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राज्य के नीति निदेशक तत्व

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@TriumphalJasper1614

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Questions and Answers

राज्य के नीति ननदेशक ित्त्व (डीपीएसपी) का वर्णन किस अनुच्छेद में किया गया है?

  • अनुच्छेद 20 से 35
  • अनुच्छेद 1 से 5
  • अनुच्छेद 36 से 51 (correct)
  • अनुच्छेद 10 से 25
  • राज्य के नीति ननदेशक ित्त्वों का तवचार किस संतवधान से लिया गया है?

  • फ्रांसीसी संतवधान
  • आयरिश संतवधान (correct)
  • अमेरिकी संतवधान
  • ब्रिटिश संतवधान
  • राज्य के नीति ननदेशक ित्त्वों को कौन सी विशेषता प्रदान करता है?

  • राजनीतिक स्वतंत्रता
  • कल्याणकारी राज्य का सिद्धांत (correct)
  • अर्थशास्त्र के सिद्धांत
  • संविधान का आध्यात्मिक पक्ष
  • राज्य के नीति ननदेशक ित्त्वों की प्रकृति कैसी होती है?

    <p>गैर-न्यायिक</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक ित्त्वों का क्या उद्देश्य है?

    <p>सामाजिक और आर्थिक सुधार करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक ित्त्वों का वर्गीकरण कैसे किया जा सकता है?

    <p>राजनीतिक, सामाजिक, और आर्थिक</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक ित्त्वों का संबंध किस निर्धारित अर्थ से होता है?

    <p>संविधान की आत्मा</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक ित्त्वों में कौन सा तत्व शामिल नहीं होता?

    <p>आर्थिक आपातकालीन उपाय</p> Signup and view all the answers

    भारत के संविधान में मौलिक कर्तव्यों को कब जोड़ा गया?

    <p>1976</p> Signup and view all the answers

    कौन सा देश दुनिया का एकमात्र देश है जिसमें नागरिकों के कर्तव्यों की सूची है?

    <p>जापान</p> Signup and view all the answers

    1976 में मौलिक कर्तव्यों के बारे में सिफारिश करने के लिए कौन सी समिति गठित की गई थी?

    <p>स्वतंत्र जसिंह समिति</p> Signup and view all the answers

    संविधान में मौलिक कर्तव्यों का नया भाग किस अनुच्छेद में शामिल किया गया?

    <p>51A</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान का कौन सा भाग मौलिक कर्तव्यों का विवरण प्रस्तुत करता है?

    <p>भाग IVA</p> Signup and view all the answers

    नागरकों के मौलिक कर्तव्यों की पहली बार सूची संविधान में कब जोड़ी गई?

    <p>1976</p> Signup and view all the answers

    मौलिक कर्तव्यों के संबंध में भारतीय संविधान का संशोधन किस government द्वारा गठित किया गया था?

    <p>कांग्रेस</p> Signup and view all the answers

    संविधान में मौलिक कर्तव्यों को जोड़ने वाली समिति का नाम क्या था?

    <p>सरदार स्वर्ण जी जसिंह समिति</p> Signup and view all the answers

    कौन सी मौलिक जिम्मेदारी का संविधान में उल्लेख नहीं है?

    <p>करों का भुगतान करना</p> Signup and view all the answers

    संविधान में मौलिक कर्तव्यों की अंतर्गत कितने कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है?

    <p>10</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा किस नीति को लागू किया गया है?

    <p>समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता</p> Signup and view all the answers

    ग्राम पंचायतों के संगठन का क्या उद्देश्य है?

    <p>स्थानीय लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ाना</p> Signup and view all the answers

    श्रमिकों की भागीदारी का प्रावधान किसमें है?

    <p>उद्योगों के प्रबंधन में</p> Signup and view all the answers

    राज्य का कर्तव्य किस क्षेत्र में सुधार लाना है?

    <p>पोषण के स्तर में</p> Signup and view all the answers

    किस आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल का प्रावधान किया गया है?

    <p>छह वर्ष से कम</p> Signup and view all the answers

    अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य का क्या कर्तव्य है?

    <p>उनके आर्थिक अधिकारों को बढ़ावा देना</p> Signup and view all the answers

    श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की सुनिश्चितता किस नीति के तहत है?

    <p>श्रम नीति</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में क्या शामिल है?

    <p>सामाजिक न्याय</p> Signup and view all the answers

    पोषण के स्तर को सुधारने के लिए राज्य का क्या कर्तव्य है?

    <p>स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य की सामाजिक व्यवस्था किसके संरक्षण के लिए कार्यरत है?

    <p>कमजोर वर्ग के लिए</p> Signup and view all the answers

    किस संशोधन अधिनियम ने मौलिक कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा?

    <p>86वां संशोधन अधिनियम</p> Signup and view all the answers

    किस कानून ने राष्ट्र गौरव अपमान से संबंधित अपराधों को रोकने का प्रावधान किया है?

    <p>राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971</p> Signup and view all the answers

    मूल संरचना का सिद्धांत किस प्रकार की शक्तियों पर आधारित है?

    <p>न्यायपालिका की समीक्षा शक्तियाँ</p> Signup and view all the answers

    केशवानंद भारती मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने किस बात की पुष्टि की थी?

    <p>संविधान की मूल संरचना को नहीं बदला जा सकता</p> Signup and view all the answers

    भारीय राज्य व्यवस्था में मौलिक कर्तव्यों के अंतर्गत कौन सा कर्तव्य शामिल नहीं है?

    <p>व्यक्तिगत लाभ के लिए राजनीति में प्रवेश</p> Signup and view all the answers

    स्वतंत्रता की रक्षा के लिए राष्ट्रीय संघष्त को किस प्रकार प्रेरित किया जा सकता है?

    <p>महान आदशों का पालन करना</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत को किस प्रकार महत्व दिया जा सकता है?

    <p>कला और साहित्य के विकास पर ध्यान देकर</p> Signup and view all the answers

    देश की रक्षा करने का सही तरीका क्या है?

    <p>राष्ट्रीय सेवा में भाग लेना</p> Signup and view all the answers

    पूर्ण समानता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए क्या करना चाहिए?

    <p>धार्मिक और भाषाई भिन्नताओं को सम्मान देना</p> Signup and view all the answers

    वैज्ञानिक सोच और मानववाद को बढ़ावा देने का क्या अर्थ है?

    <p>सत्य और तर्क पर आधारित रहना</p> Signup and view all the answers

    स्वतंत्रता की रक्षा में कौन सी गतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं?

    <p>सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहना</p> Signup and view all the answers

    प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा के लिए क्या करना चाहिए?

    <p>वन्यजीवों के प्रति सहानुभूति दिखाना</p> Signup and view all the answers

    सामाजिक गतिवधियों में उत्कृष्टता की दिशा में क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

    <p>सभी क्षेत्रों में प्रयास करना</p> Signup and view all the answers

    सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने का तरीका क्या है?

    <p>सभी समुदायों के बीच संवाद स्थापित करना</p> Signup and view all the answers

    राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करने का क्या महत्व है?

    <p>राष्ट्रीय एकता का प्रतीक होना</p> Signup and view all the answers

    संविधान में मौलिक अधिकारों और व्यक्तियों की स्वतंत्रता के बीच संतुलन कैसे स्थापित किया गया है?

    <p>संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों के माध्यम से</p> Signup and view all the answers

    किस अनुच्छेद के अंतर्गत उच्च न्यायालयों की शक्तियां दी गई हैं?

    <p>अनुच्छेद 226</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में राज्यों के नीति निर्देशक तत्वों का उद्देश्य क्या है?

    <p>सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करना</p> Signup and view all the answers

    किस विशेषता को कल्याणकारी राज्य की पहचान के रूप में देखा जाता है?

    <p>सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सक्रिय हस्तक्षेप</p> Signup and view all the answers

    सर्वोच्च न्यायालय की अपील की शक्तियों में कौन सा अनुच्छेद शामिल है?

    <p>अनुच्छेद 141</p> Signup and view all the answers

    समाजवादी तत्व में कौन से अनुच्छेद शामिल हैं?

    <p>अनुच्छेद 38, 39, 42</p> Signup and view all the answers

    गांधीवादी तत्व का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>राष्ट्रीय आंदोलनों का नेतृत्व करना</p> Signup and view all the answers

    उदारवादी-बौलिक तत्व के अंतर्गत कौन से अनुच्छेद आते हैं?

    <p>अनुच्छेद 44, 45, 50</p> Signup and view all the answers

    1976 में संविधान में जोड़े गए नए निदेशक तत्व कौन से अनुच्छेद हैं?

    <p>अनुच्छेद 39 A, 43 A, 48 A</p> Signup and view all the answers

    गैर-न्यायिक निदेशक तत्वों का क्या कारण है?

    <p>राज्य के पास पर्याप्त संसाधन न होना</p> Signup and view all the answers

    गंभीर राजनीतिक जोखिमों के कारण नीतिगत तत्वों की आलोचना क्यों की गई?

    <p>कानून के तहत उनकी असंभवता</p> Signup and view all the answers

    निदेशक तत्वों को कानूनी रूप से गैर-प्रविधनीय क्यों माना जाता है?

    <p>वे कानूनी रूप से लागू नहीं हो सकते हैं</p> Signup and view all the answers

    किस संशोधन ने भारत के संविधान में सहकारी समितियों से संबंधित नया निदेशक तत्व जोड़ा?

    <p>97वां संशोधन</p> Signup and view all the answers

    देश की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता को बनाए रखने का क्या उद्देश्य है?

    <p>राष्ट्रीय एकता का समर्पण</p> Signup and view all the answers

    राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करने का क्या महत्व है?

    <p>राष्ट्र की पहचान को बनाए रखना</p> Signup and view all the answers

    महिलाओं की गरिमा के लिए अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करने का क्या उद्देश्य है?

    <p>समाज में सद्भावना और समान भाईचारे को बढ़ावा देना</p> Signup and view all the answers

    प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने का क्या उद्देश्य है?

    <p>वन्यजीवों और हम में सहानुभूति बढ़ाना</p> Signup and view all the answers

    वैज्ञानिक सोच और मानववाद को बढ़ावा देने का क्या अर्थ है?

    <p>जांच और सुधार की भावना को प्रोत्साहित करना</p> Signup and view all the answers

    सामाजिक गतिवधियों में उत्कृष्टता की दिशा में क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

    <p>व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के स्तर को ऊंचा करने का प्रयास करना</p> Signup and view all the answers

    राष्ट्रीय सेवा प्रदान करने का क्या महत्व है?

    <p>राष्ट्र की रक्षा में योगदान देना</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत को कैसे महत्व दिया जा सकता है?

    <p>पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण करना</p> Signup and view all the answers

    सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

    <p>सांस्कृतिक आयोजन करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निदेशक तत्वों का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निदेशक तत्वों का कार्यान्वयन किन क्षेत्रों में होता है?

    <p>राजनीतिक अधिकारों के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में</p> Signup and view all the answers

    किस वर्ष योजना आयोग की स्थापना की गई थी?

    <p>1950</p> Signup and view all the answers

    किस कानून ने गरीबों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए नेटवर्क की स्थापना की?

    <p>कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निदेशक तत्वों की सूची में कितने तत्व शामिल हैं?

    <p>36</p> Signup and view all the answers

    किस कानून के तहत न्यूनतम मजदूरी की सुनिश्चितता की जाती है?

    <p>मजदूरी संधि अधिनियम</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निदेशक तत्वों का कार्यान्वयन किन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है?

    <p>सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए</p> Signup and view all the answers

    किस अधिनियम ने वन्यजीवों और वनों की सुरक्षा के लिए प्रावधान किए हैं?

    <p>दोनों A और B</p> Signup and view all the answers

    किस नीति के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण प्रावधानित है?

    <p>अनुसूचित जाति और जनजाति अधिकार अधिनियम</p> Signup and view all the answers

    किस कानून ने समान पारिश्रमिक के लिए विशेष प्रावधान किए हैं?

    <p>समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया था?

    <p>1976</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान की 'मूल संरचना' के अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन सा तत्व शामिल नहीं है?

    <p>राजनीतिक दलों का गठन</p> Signup and view all the answers

    किस अधिनियम ने राष्ट्र गौरव अपमान से संबंधित अपराधों को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान किए हैं?

    <p>राष्ट्रीय गौरव अपमान निरोधक अधिनियम</p> Signup and view all the answers

    मूल संरचना के सिद्धांत के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने निम्नलिखित में से क्या कहा था?

    <p>संविधान की मूल संरचना को नहीं बदला जा सकता</p> Signup and view all the answers

    किस वर्ष में केशवानंद भारती मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने मूल संरचना का सिद्धांत स्थापित किया था?

    <p>1973</p> Signup and view all the answers

    निम्नलिखित में से कौन सा अधिनियम वन्यजीवों के संरक्षण से संबंधित है?

    <p>वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972</p> Signup and view all the answers

    कौन सा अधिनियम गैर-कानूनी संगठनों को गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित करता है?

    <p>तवजधतवरुि हक्रयाकिाप (निनवारण) अधिनियम, 1967</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को मानने वाले नागरिकों के लिए सबसे प्रमुख कर्तव्य कौन सा है?

    <p>संविधान का सम्मान करना</p> Signup and view all the answers

    किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने मूल संरचना की अधिकारिता को कम करने के प्रयास को अमान्य कर दिया?

    <p>वामन राव मामले</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का उद्देश्य किस प्रकार का होना चाहिए?

    <p>अर्थव्यवस्था में सुधार करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की प्रकृति किस प्रकार की होती है?

    <p>गैर-न्यायिक</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को किस आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है?

    <p>सामग्री और दिशा के आधार पर</p> Signup and view all the answers

    राज्य की नीति किस तरह की योजना के निर्माण में सहायक होती है?

    <p>कल्याणकारी राज्य की अवधारणा</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को किससे लिया गया है?

    <p>स्पेनिश संविधान से</p> Signup and view all the answers

    गैर-न्यायिक नीति निर्देशक तत्वों का क्या कार्य है?

    <p>कानून की वैधता की जांच करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की विशेषताएं क्या होती हैं?

    <p>राज्य को नीतियां बनाते समय ध्यान में रखने वाले तत्व</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का क्या महत्व है?

    <p>संविधान की आत्मा का प्रतिनिधित्व करना</p> Signup and view all the answers

    कल्याणकारी राज्य का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>सामाजिक और आर्थिक न्याय</p> Signup and view all the answers

    संसदीय प्रणाली की मुख्य विशेषता क्या है?

    <p>कार्यकारी और विधायी शाखाओं का मेल</p> Signup and view all the answers

    न्यायिक समीक्षा का क्या अर्थ है?

    <p>विधि की संवैधानिकता की जांच</p> Signup and view all the answers

    मौलिक अधिकारों और जिम्मेदारियों के बीच संतुलन किस प्रकार स्थापित किया गया है?

    <p>संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों के माध्यम से</p> Signup and view all the answers

    न्यायपालिका की स्वायत्यता का क्या महत्व है?

    <p>अधिकारों और स्वतंत्रताओं की रक्षा</p> Signup and view all the answers

    राज्य का मुख्य कर्तव्य क्या है?

    <p>लोगों के कल्याण का बढ़ावा</p> Signup and view all the answers

    ग्राम पंचायतों का संगठन किस उद्देश्य से किया जाता है?

    <p>स्थानीय प्रशासन को सशक्त बनाना</p> Signup and view all the answers

    अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए राज्य का क्या कर्तव्य है?

    <p>उनके अधिकारों की रक्षा करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल का प्रावधान किस आयु वर्ग के लिए है?

    <p>6 वर्ष से कम</p> Signup and view all the answers

    राज्य का कर्तव्य पोषण स्तर को ऊपर उठाना है। यह निम्न में से किसके अंतर्गत आता है?

    <p>सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में समान न्याय का क्या महत्व है?

    <p>सभी नागरिकों के लिए समान अवसर प्रदान करना</p> Signup and view all the answers

    कैसे श्रमिकों का समावेश उद्योगों के प्रबंधन में सुनिश्चित किया जाता है?

    <p>सहकारी समितियों के माध्यम से</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में से कौन सा स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान करता है?

    <p>सामाजिक न्याय</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा की जाने वाली नीतियों का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>नागरिक अधिकारों की रक्षा</p> Signup and view all the answers

    राज्य की सामाजिक व्यवस्था किनके कल्याण के लिए कार्यरत है?

    <p>कमजोर वर्ग</p> Signup and view all the answers

    समाजवादी तत्व में कौन से अनुच्छेद शामिल हैं?

    <p>अनुच्छेद 38, अनुच्छेद 39, अनुच्छेद 43</p> Signup and view all the answers

    गांधीवादी तत्व का प्रमुख अनुच्छेद कौन सा है?

    <p>अनुच्छेद 40</p> Signup and view all the answers

    उदारवादी-बौलिक तत्व में कौन से अनुच्छेद शामिल नहीं है?

    <p>अनुच्छेद 39</p> Signup and view all the answers

    नए निदेशक तत्व कौन से संशोधन द्वारा जोड़े गए थे?

    <p>1976 के 42वें संशोधन</p> Signup and view all the answers

    गैर-न्यायिक तत्वों की मुख्य वजह क्या है?

    <p>आर्थिक संसाधनों की कमी</p> Signup and view all the answers

    किस अनुच्छेद में राज्य का कर्तव्य स्पष्ट किया गया है?

    <p>अनुच्छेद 37</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को कानूनी रूप से प्रवितीय क्यों नहीं बनाया गया?

    <p>आर्थिक कठिनाइयाँ</p> Signup and view all the answers

    निदेशकों की आलोचना का मुख्य कारण क्या है?

    <p>गैर-न्यायिक विशेषताएँ</p> Signup and view all the answers

    सामाजिक व्यवस्था का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

    <p>समानता का संरक्षण</p> Signup and view all the answers

    श्रमिकों की भागीदारी का प्रावधान किस नीति में है?

    <p>राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को पहली बार किस वर्ष जोड़ा गया था?

    <p>1976</p> Signup and view all the answers

    कौन सा कानून राष्ट्र गौरव अपमान को रोकने के लिए बनाया गया है?

    <p>राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान की 'मूल संरचना' का उद्देश्य क्या है?

    <p>संविधान की मौलिक विशेषताओं की रक्षा करना</p> Signup and view all the answers

    कैसे का सुझाव दिया गया है कि संसद मौलिक अधिकारों को संशोधित कर सकती है?

    <p>संसद की शक्तियों पर कोई सीमा नहीं है</p> Signup and view all the answers

    किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 'मूल संरचना' के सिद्धांत को पुष्टि की थी?

    <p>केशवानंद भारती मामला</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों की सूची में कितने कर्तव्य शामिल हैं?

    <p>10</p> Signup and view all the answers

    कौन सा अधिनियम जाति और धर्म से संबंधित अपराधों के लिए दंड का प्रावधान करता है?

    <p>जस्टिस अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955</p> Signup and view all the answers

    संविधान की मूल संरचना में कौन सी विशेषता शामिल नहीं है?

    <p>राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की समाप्ति</p> Signup and view all the answers

    किस संशोधन अधिनियम के तहत संसद के लिए मौलिक अधिकारों में सीमा नहीं रखी जा सकती?

    <p>42वां संशोधन</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को लागू करने के लिए किस समिति का गठन किया गया था?

    <p>सिंह समिति</p> Signup and view all the answers

    कौन सा तत्व कल्याणकारी राज्य की पहचान में शामिल है?

    <p>सामाजिक-आर्थिक न्याय</p> Signup and view all the answers

    व्यक्तिगत स्व independencia का निहितार्थ क्या है?

    <p>किसी भी भेदभाव से मुक्त रहना</p> Signup and view all the answers

    न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए कौन सा तत्व महत्वपूर्ण है?

    <p>कानून के शासन का पालन</p> Signup and view all the answers

    संविधान में संशोधन करने के लिए संसद को कौन सी शक्ति दी गई है?

    <p>संविधान के किसी भी भाग को संशोधित करने की शक्ति</p> Signup and view all the answers

    न्याय के प्रभावी पहुंच का तात्पर्य क्या है?

    <p>हर व्यक्ति को न्याय प्राप्त करने का अवसर</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक तत्वों के द्वारा किस प्रकार की राज्य की अवधारणा को मूर्त रूप दिया जाता है?

    <p>कल्याणकारी राज्य</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक तत्वों का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

    <p>आर्थिक और सामाजिक न्याय की स्थापना</p> Signup and view all the answers

    राज्य का मुख्य कार्य क्या है?

    <p>लोगों के कल्याण को बढ़ावा देना</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक तत्वों की प्रकृति कैसी होती है?

    <p>गैर-न्यायिक</p> Signup and view all the answers

    किस धारा के अंतर्गत किसानों और पशुपालकों का संगठन किया गया है?

    <p>धारा 48</p> Signup and view all the answers

    1935 के भारतीय सरकार अधिनियम में राज्य के नीति ननदेशक तत्वों के लिए किस term का उल्लेख किया गया था?

    <p>निर्देशों के साधन</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक तत्वों को किस विशेषता से वर्णित किया जा सकता है?

    <p>संवैधानिक प्रयासों के लिए अनिवार्य</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा बच्चों के लिए प्रारंभिक देखभाल एवं शिक्षा का प्रावधान किस आयु वर्ग के लिए है?

    <p>6 वर्ष से कम</p> Signup and view all the answers

    श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने का प्रावधान किस नीति का हिस्सा है?

    <p>राज्य नीति</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक तत्वों का किस तरह का वर्गीकरण किया जा सकता है?

    <p>सामाजिक, आर्थिक, कल्याणकारी</p> Signup and view all the answers

    अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण को बढ़ावा देने का कर्तव्य किस धारा में निहित है?

    <p>धारा 46</p> Signup and view all the answers

    डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने राज्य के नीति ननदेशक तत्वों को किस रूप में वर्णित किया?

    <p>भारतीय संविधान की नई विशेषताओं के रूप में</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति ननदेशक तत्वों का संबंध किस प्रकार के कानूनों से होता है?

    <p>प्रशासनिक कानून</p> Signup and view all the answers

    राज्य का कार्य क्या है जो स्वास्थ्य और जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद करता है?

    <p>पोषण के स्तर को सुधारना</p> Signup and view all the answers

    किस औपचारिकता के तहत सहकारी समितियों का संवर्धन किया जाता है?

    <p>धारा 43A</p> Signup and view all the answers

    राज्य की पक्षपात रहित कानूनों की विशेषता क्या है?

    <p>मुफ्त कानूनी सहायता</p> Signup and view all the answers

    ग्राम पंचायतों के संगठन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>ग्रामीण विकास की योजना बनाना</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को कब जोड़ा गया?

    <p>1976 में</p> Signup and view all the answers

    संविधान में नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों की पहली बार सूची कौन से अनुच्छेद में शामिल की गई है?

    <p>अनुच्छेद 51A</p> Signup and view all the answers

    सरदार स्वर्णत जसमंतीफल समिति का गठन किस उद्देश्य के लिए किया गया था?

    <p>मौलिक कर्तव्यों के बारे में सिफारिश करने के लिए</p> Signup and view all the answers

    1980 के बाद भारत में मौलिक कर्तव्यों में दी गई सुविधाओं का संदर्भ किस संगठन से संबंधित है?

    <p>कांग्रेस पार्टी</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों की प्रेरणा किस राष्ट्र के संविधान से ली गई है?

    <p>संयुक्त राज्य अमेरिका</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों का नया भाग किस संशोधन के माध्यम से जोड़ा गया?

    <p>42वां संशोधन</p> Signup and view all the answers

    जापान का संविधान नागरिकों के कर्तव्यों की सूची के संदर्भ में किस प्रकार की विशेषता रखता है?

    <p>यह नागरिकों के कर्तव्यों की सूची रखता है</p> Signup and view all the answers

    1976 में मौलिक कर्तव्यों को संविधान में जोड़ने के लिए कौन सी समिति का गठन किया गया था?

    <p>स्वर्णत जसमंतीफल समिति</p> Signup and view all the answers

    भारत में मौलिक कर्तव्यों को बढ़ावा देने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>नागरिकों की जिम्मेदारी का पालन कराना</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों का संबंध किस प्रकार की वैधानिकता से है?

    <p>राज्य के नीति निदेशक तत्वों से</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का क्या मुख्य उद्देश्य है?

    <p>सामाजिक और आर्थिक अधिकारों को बढ़ावा देना</p> Signup and view all the answers

    नीति निर्देशक तत्वों के कार्यान्वयन में किस विधेयक ने गरीबों को कानूनी सहायता प्रदान की है?

    <p>कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम</p> Signup and view all the answers

    कौन सा कानून वन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है?

    <p>वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972</p> Signup and view all the answers

    श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?

    <p>श्रमिकों की जीवनस्तर में सुधार लाना</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का कार्यान्वयन किस प्रकार के वातावरण को बनाना है?

    <p>अनुकूल वातावरण</p> Signup and view all the answers

    किस योजना के तहत भारत में योजनाबद्ध विकास की शुरुआत हुई थी?

    <p>योजना आयोग की स्थापना</p> Signup and view all the answers

    गांधी जी के सपने को साकार करने के लिए किस प्रणाली की संभावना प्रस्तावित की गई है?

    <p>तीन स्तरीय पंचायती राज प्रणाली</p> Signup and view all the answers

    भारत की राष्ट्रीय नीति किसके ऊपर आधारित है?

    <p>पंचशील नीति</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशकों में से कौन सा तत्व सामाजिक और आर्थिक नीतियों में स्थिरता और निरंतरता प्रदान करता है?

    <p>राज्य के नीति निर्देशक तत्व</p> Signup and view all the answers

    किस अधिनियम ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए सेवाओं में आरक्षण को संभाला है?

    <p>अनुच्छेद 335</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की मूल प्रकृति क्या है?

    <p>यह गैर-न्यायिक प्रकृति के हैं</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का अनुसरण किस प्रकार के राज्य को प्रोत्साहित करता है?

    <p>कल्याणकारी राज्य</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को किस सदंर्भ में कानून बनाने के समय ध्यान में रखा जाना चाहिए?

    <p>आर्थिक एवं सामाजिक मामलों में</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का नियम किसमे उल्लिखित है?

    <p>संविधान के अनुच्छेद 36 से 51</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>सामाजिक व राजनीतिक कल्याण</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का संबंध किस प्रकार की नीतियों से होता है?

    <p>आर्थिक और सामाजिक नीतियों से</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की विशेषताएँ कैसे व्यक्त की जा सकती हैं?

    <p>विशेषताएँ बृहद हैं</p> Signup and view all the answers

    संविधान में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को किस विशेष दृष्टिकोण से देखा जाता है?

    <p>संविधानिक दृष्टिकोण से</p> Signup and view all the answers

    किस अनुच्छेद के अंतर्गत न्याय क्षेत्र की प्रभावी पहुंच सुनिश्चित की गई है?

    <p>अनुच्छेद 32</p> Signup and view all the answers

    किस सिद्धांत के तहत मौलिक अधिकारों और निनिष्क लड़ित तत्वों के बीच संतुलन स्थापित किया गया है?

    <p>पूर्ण संरचना का सिद्धांत</p> Signup and view all the answers

    किस अनुच्छेद के अंतर्गत सवोच्च न्यायालय की विशेष शक्तियाँ वर्णित हैं?

    <p>अनुच्छेद 142</p> Signup and view all the answers

    भारत में किस तत्व को कल्याणकारी राज्य की विशेषता माना जाता है?

    <p>सामाजिक-आर्थिक न्याय</p> Signup and view all the answers

    किस अनुच्छेद के अंतर्गत उच्च न्यायालयों की शक्तियों का वर्णन किया गया है?

    <p>अनुच्छेद 227</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को किस वर्ष जोड़ा गया था?

    <p>1976</p> Signup and view all the answers

    किस समिति ने मौलिक कर्तव्यों के बारे में सिफारिश की थी?

    <p>स्वंतत्र जसिंह समिति</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों का नया भाग किस अनुच्छेद के तहत जोड़ा गया?

    <p>अनुच्छेद 51A</p> Signup and view all the answers

    राष्ट्र के प्रति अपेक्षित जिम्मेदारी में कौन सा तत्व शामिल नहीं है?

    <p>सामाजिक व्यवस्था को भंग करना</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों का अनुसरण किन देशों की प्रेरणा से किया गया है?

    <p>संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान</p> Signup and view all the answers

    किस देश का संविधान नागरिकों के कर्तव्यों की सूची प्रदान करता है?

    <p>जापान</p> Signup and view all the answers

    42वें संविधान संशोधन के तहत संविधान में क्या जोड़ा गया?

    <p>मौलिक कर्तव्य</p> Signup and view all the answers

    स्वंतत्र जसिंह समिति के द्वारा सुझाए गए मौलिक कर्तव्यों का कितना हिस्सा कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार किया था?

    <p>कुछ</p> Signup and view all the answers

    मौलिक कर्तव्यों में दिए गए कर्तव्यों का कर्तव्य संविधान में किस प्रकार की संरचना पेश करता है?

    <p>संवैधानिक संरचना</p> Signup and view all the answers

    किस अनुच्छेद में मौलिक कर्तव्यों की पहली बार सूची दी गई है?

    <p>अनुच्छेद 51A</p> Signup and view all the answers

    राज्य का मुख्य उद्देश्य क्या है जिसमें सामाजिक व्यवस्था का संरक्षण शामिल है?

    <p>लोगों के कल्याण को बढ़ावा देना</p> Signup and view all the answers

    ग्राम पंचायतों के संगठन का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

    <p>स्थानीय स्वशासन को प्रोत्साहित करना</p> Signup and view all the answers

    किस आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल का प्रावधान किया गया है?

    <p>6 साल से कम</p> Signup and view all the answers

    अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य का क्या कर्तव्य है?

    <p>आर्थिक सहायता प्रदान करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य की नीति में किस तत्व का सटीकता से उल्लिखित किया गया है?

    <p>श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी</p> Signup and view all the answers

    राज्य के द्वारा पोषण के स्तर और जीवन स्तर को सुधारने के लिए किननी नीतियों का पालन किया जाता है?

    <p>सामाजिक नीतियाँ</p> Signup and view all the answers

    किस धारणा का प्रावधान राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में नहीं है?

    <p>व्यक्तिगत संपत्ति का संरक्षण</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निदेशक तत्वों का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य क्या है?

    <p>सामाजिक समानता को बढ़ावा देना</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा किस स्थिति में श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की जाती है?

    <p>राज्य सरकार द्वारा</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा जीवन स्तर में सुधार के लिए किस प्रकार की योजना तय की जाती है?

    <p>सामाजिक विकास योजनाएँ</p> Signup and view all the answers

    किस कानून ने राष्ट्र गौरव अपमान से संबंधित अपराधों को रोकने का प्रावधान किया है?

    <p>राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों का मौलिक संरचना से क्या संबंध है?

    <p>संसद मौलिक ढांचे को बदलने में असमर्थ है</p> Signup and view all the answers

    निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद संसद की शक्तियों को संतवधान के मौलिक संरचना से सीमित करता है?

    <p>अनुच्छेद 368</p> Signup and view all the answers

    यह कहां बताया गया है कि संसद अपने मौलिक कर्तव्यों को कम या खत्म नहीं कर सकती?

    <p>केशवानंद भारती मामले में</p> Signup and view all the answers

    किस समिति ने 1976 में मौलिक कर्तव्यों के संबंध में सिफारिश की थी?

    <p>कर्वल समिति</p> Signup and view all the answers

    किस अधिनियम के तहत जाति और धर्म से संबंधित अपराधों के लिए दंड का प्रावधान किया गया है?

    <p>जातिगत अपराध संरक्षण अधिनियम, 1955</p> Signup and view all the answers

    मूल संरचना के सिद्धांत में निम्नलिखित कौन सा तत्व शामिल नहीं है?

    <p>भ्रष्टाचार निरोधक प्रावधान</p> Signup and view all the answers

    संसद ने 42वें संशोधन विधेयक के द्वारा किस पहलू पर प्रतिक्रिया व्यक्त की?

    <p>संविधान में किसी भी संशोधन की पूर्ण स्वतंत्रता</p> Signup and view all the answers

    भारत में मौलिक कर्तव्यों का प्रस्ताव करने वाली समिति का नाम क्या था?

    <p>कर्वल समिति</p> Signup and view all the answers

    किस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने मौलिक संरचना के सिद्धांत को पहला विकल्प दिया था?

    <p>केशवानंद भारती मामले में</p> Signup and view all the answers

    न्यायपालिका की स्वतंत्रता का क्या महत्व है?

    <p>यह कानून के शासन को बनाए रखती है।</p> Signup and view all the answers

    कौन सा अनुच्छेद सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियों का उल्लेख करता है?

    <p>अनुच्छेद 32</p> Signup and view all the answers

    कानून का शासन किस सिद्धांत पर आधारित है?

    <p>शक्तियों की बंटवारे पर.</p> Signup and view all the answers

    स्वतंत्रता की रक्षा में न्यायिक समीक्षा की क्या भूमिका है?

    <p>यह संविधान के अनुसार कानूनों की वैधता की जांच करती है।</p> Signup and view all the answers

    किस तत्व को कल्याणकारी राज्य की पहचान मानते हैं?

    <p>सामाजिक न्याय का प्रवर्तन.</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का संबंध निम्नलिखित में से किस से है?

    <p>संविधान की आत्मा</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की प्रकृति क्या होती है?

    <p>गैर-न्यायिक</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों को बनाने का उद्देश्य किसका निर्माण करना है?

    <p>कल्याणकारी राज्य</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के वर्गीकरण का आधार क्या है?

    <p>सामग्री और दिशा</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्व किस प्रकार के राज्य की अवधारणा को समर्थन देते हैं?

    <p>कल्याणकारी राज्य</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का उल्लेख किस अनुच्छेद में किया गया है?

    <p>अनुच्छेद 36 से 51</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्व किस सोच को आगे बढ़ाते हैं?

    <p>सामाजिक और आर्थिक न्याय</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की कौन सी विशेषता है?

    <p>रक्षा करने योग्य</p> Signup and view all the answers

    राज्य के मुख्य कर्तव्यों में से कौन सा कर्तव्य सामाजिक स्वास्थ्य में सुधार लाने से संबंधित है?

    <p>पोषण के स्तर को सुधारना</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निदेशक तत्वों का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

    <p>सामाजिक और आर्थिक अधिकार प्रदान करके नागरिकों की आवश्यकताओं को पूरा करना</p> Signup and view all the answers

    अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए राज्य का क्या विशेष कर्तव्य है?

    <p>उनके सामाजिक शोषण की रोकथाम</p> Signup and view all the answers

    किस अधिनियम ने गरीबों को कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया है?

    <p>कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987</p> Signup and view all the answers

    ग्राम पंचायतों के संगठन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>स्थानीय प्रशासन को सशक्त करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत किस प्रकार की योजनाओं का समावेश है?

    <p>राजनीतिक और आर्थिक दोनों प्रकार की योजनाएँ</p> Signup and view all the answers

    किस श्रैणी के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल का प्रावधान है?

    <p>6 वर्ष से कम</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा किन तत्वों का अनुप्रयोग किया जाता है?

    <p>सामाजिक न्याय और आर्थिक समानता</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा किस प्रकार की नीति अपनाई जाती है ताकि समान न्याय को बढ़ावा मिल सके?

    <p>कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम का कार्यान्वयन</p> Signup and view all the answers

    न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करने के लिए कौन सा अधिनियम पारित किया गया था?

    <p>आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973</p> Signup and view all the answers

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में श्रमिकों की भागीदारी किस संदर्भ में है?

    <p>सहकारी संस्थानों में</p> Signup and view all the answers

    ग्राम पंचायतों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>गांव स्तर पर स्वशासन को स्थापित करना</p> Signup and view all the answers

    किस नीति के तहत श्रायद्रिश्यों के प्रति न्यूनतम मजदूरी अस्थापित की जाती है?

    <p>श्रमिक कल्याण नीति</p> Signup and view all the answers

    किस संदर्भ में राज्य का कर्तव्य समान नागरिक संहिता का प्रावधान करना है?

    <p>कानूनी समानता सुनिश्चित करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य नीति निदेशक तत्वों का कार्यान्वयन किस प्रकार नागरिकों के जीवन में सुधार लाने में मदद करता है?

    <p>राज्य की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं के द्वारा</p> Signup and view all the answers

    किस अधिनियम ने राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की सुरक्षा के लिए प्रावधान किए हैं?

    <p>प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1951</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा किस प्रकार के शैक्षिक सहायता का प्रावधान किया गया है?

    <p>प्रारंभिक शिक्षा</p> Signup and view all the answers

    राज्य द्वारा स्थापित की गई योजना का प्रमुख लक्ष्य क्या है?

    <p>सभी नागरिकों के लिए समान आर्थिक और सामाजिक अवसर प्रदान करना</p> Signup and view all the answers

    राज्य का कर्तव्य किस उद्देश्य से पोषण के स्तर को सुधारने का है?

    <p>जीवन स्तर में सुधार करना</p> Signup and view all the answers

    किस नीति के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कुर्टीर उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा दिया जाता है?

    <p>खादी और ग्रामोद्योग आयोग</p> Signup and view all the answers

    भारतीय नागरिकों के कर्तव्यों में से एक क्या है?

    <p>प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना</p> Signup and view all the answers

    भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने का उद्देश्य क्या है?

    <p>संस्कृति की समृद्धता को सम्मान देना</p> Signup and view all the answers

    स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लिया गया श्रेय का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    <p>देश की रक्षा करना</p> Signup and view all the answers

    भारत में भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए क्या किया जाना चाहिए?

    <p>सामाजिक एकता का समर्थन करना</p> Signup and view all the answers

    सामाजिक गतिवधियों में उत्कृष्टता की दिशा में कौन सा प्रयास होना चाहिए?

    <p>सामूहिक प्रयत्नों को महत्व देना</p> Signup and view all the answers

    भारतीय स्वतंत्रता की प्राथमिकता में तात्कालिकता को किन साधनों से संदर्भित किया जाता है?

    <p>आंतरिक शांति और संघष्त की भावना</p> Signup and view all the answers

    राष्ट्रीय सेवा प्रदान करने का क्या मुख्य कारण है?

    <p>राष्ट्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करना</p> Signup and view all the answers

    सभी लोगों के बीच सद्भाव और समानता को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक कार्यों का क्या महत्व है?

    <p>खराब प्रथाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाना</p> Signup and view all the answers

    वैज्ञानिक सोच और मानववाद को बढ़ावा देने में क्या सबसे महत्वपूर्ण है?

    <p>अन्वेषण और सुधार की भावना को प्रोत्साहित करना</p> Signup and view all the answers

    प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा के लिए कौन सी प्रथाएँ अपनाई जानी चाहिए?

    <p>संरक्षण और विकास के बीच संतुलन स्थापित करना</p> Signup and view all the answers

    Study Notes

    राज्य के नीति निदेशक तत्व

    • राज्य के नीति निदेशक तत्व (डीपीएसपी) संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक हैं।
    • डीपीएसपी का विचार 1937 के आयरिश संविधान से लिया गया है, जिसने इसे स्पेनिश संविधान से लिया था।
    • डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने इन तत्वों को भारतीय संविधान की नई विशेषताओं के रूप में वर्णित किया।
    • मौलिक अधिकारों के साथ डीपीएसपी संविधान के मूल तत्व हैं और यह संविधान का आत्मा है।

    डीपीएसपी की विशेषताएं

    • राज्य को नीतियां बनाने और कानून बनाने के समय इन विचारों को ध्यान में रखना चाहिए।
    • ये राज्य के लिए विधायी, कार्यकारी और प्रशासनिक मामलों में संवैधानिक निर्देश या सिफारिशें हैं।
    • डीपीएसपी 1935 के भारत सरकार अधिनियम में उल्लिखित 'निर्देश के साधन' से निकटता से जुड़े हैं।
    • डीपीएसपी एक आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य के लिए व्यापक आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम का गठन करते हैं।
    • वे 'कल्याणकारी राज्य' की अवधारणा को मूर्त रूप देते हैं।
    • वे देश में आर्थिक और सामाजिक न्याय स्थापित करना चाहते हैं।
    • डीपीएसपी प्रकृति में गैर-न्यायिक हैं।

    डीपीएसपी का वर्गीकरण

    • संविधान में डीपीएसपी का कोई वर्गीकरण नहीं है।
    • हालांकि, उनकी सामग्री और दिशा के आधार पर, उन्हें तीन व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

    राज्य की परिभाषा:

    • अनुच्छेद 37: इस भाग में निहित तत्वों का अनुप्रयोग
    • अनुच्छेद 38: लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक व्यवस्था को सुरक्षित करने के लिए राज्य
    • अनुच्छेद 39: राज्य द्वारा पालन किए जाने वाले नीति के कुछ तत्व
    • अनुच्छेद 39ए: समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता
    • अनुच्छेद 40: ग्राम पंचायतों का संगठन
    • अनुच्छेद 41: कुछ परिस्थितियों में कार्य, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता का अधिकार
    • अनुच्छेद 42: कार्य की न्यायिक और मानवीय परिस्थितियों और मातृत्व राहत का प्रावधान
    • अनुच्छेद 43: श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी आदि।
    • अनुच्छेद 43ए: उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी
    • अनुच्छेद 43बी: सहकारी समितियों का संगठन
    • अनुच्छेद 44: नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता
    • अनुच्छेद 45: छह वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा का प्रावधान
    • अनुच्छेद 46: अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना
    • अनुच्छेद 47: पोषण के स्तर और जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए राज्य का कर्तव्य
    • अनुच्छेद 48: कृषि और पशुपालन का संगठन
    • अनुच्छेद 48ए: पर्यावरण का संरक्षण और सुधार और वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा
    • अनुच्छेद 49: राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों और स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण
    • अनुच्छेद 50: न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करना
    • अनुच्छेद 51: अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना

    मौलिक कर्तव्य

    • मूल संविधान में केवल मौलिक अधिकार थे, मौलिक कर्तव्य नहीं।
    • बाद में 1976 में नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया।
    • 2002 में, एक और मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया।
    • भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्य तत्कालीन सोवियत संघ के संविधान से प्रेरित हैं।
    • प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के किसी भी संविधान में विशेष रूप से नागरिकों के कर्तव्यों की सूची नहीं है।
    • जापानी संविधान, शायद, दुनिया का एकमात्र लोकतांत्रिक संविधान है जिसमें नागरिकों के कर्तव्यों की एक सूची है।

    सर्वदल समिति की सिफारिशें

    • 1976 में, कांग्रेस पार्टी ने मौलिक कर्तव्यों के बारे में सिफारिशें करने के लिए सरदार स्वर्ण सिंह समिति का गठन किया।
    • समिति ने संविधान में मौलिक कर्तव्यों पर एक अलग अध्याय शामिल करने की सिफारिश की।
    • केंद्र की कांग्रेस सरकार ने इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और 1976 में 42वां संविधान संशोधन अधिनियम बनाया।
    • इस संशोधन ने संविधान में एक नया भाग, अर्थात भाग IVA जोड़ा।
    • इस नए भाग में केवल एक ही अनुच्छेद है, जो कि अनुच्छेद 51ए है, जिसमें पहली बार नागरिकों के दस मौलिक कर्तव्यों का एक सूची स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट किया गया है।
    • समिति की कुछ सिफारिशों को कांग्रेस पार्टी द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था, जैसे सावध जमा के रूप में करों का भुगतान करने के लिए शुल्क को शामिल करना।

    मौलिक कर्तव्यों की सूची

    • संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों और संस्थानों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना।
    • स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित करने वाले महान आदर्शों को संजोना और उनका पालन करना।
    • भारत की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता को बनाए रखने और उसकी रक्षा करने के लिए।
    • देश की रक्षा करने के लिए और ऐसा करने के लिए बुलाए जाने पर राष्ट्रीय सेवा प्रदान करना।
    • भारत के सभी लोगों के बीच धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या अनुभागीय विविधताओं से परे सद्भाव और समान भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना और महिलाओं की गरिमा के लिए अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करना।
    • देश की समृद्ध संस्कृति की विरासत को महत्व देना और संरक्षित करना।
    • वनों, झीलों, नदियों और वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना और जीवित प्राणियों के लिए सहानुभूति रखना।
    • वैज्ञानिक सोच, मानवतावाद और जांच और सुधार की भावना विकसित करना।
    • सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा से दूर रहना।
    • व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता की दिशा में प्रयास करना जिससे राष्ट्र निरंतर प्रयास और उपलब्धि के उच्च स्तर पर पहुंचे।
    • छह से चौदह वर्ष की आयु के बीच के अपने बच्चे या पाल्य को शिक्षा के अवसर प्रदान करना। यह कर्तव्य 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया था।

    मौलिक कर्तव्यों की विशेषताएं

    • कुछ मौलिक अधिकारों के विपरीत, जो सभी व्यक्तियों, चाहे नागरिक हों या विदेशी, के लिए हैं, मौलिक कर्तव्य केवल नागरिकों तक सीमित हैं और विदेशियों के लिए नहीं हैं।
    • डीपीएसपी की तरह मौलिक कर्तव्य भी गैर-न्यायिक हैं।

    वमात समिति के विचार

    • नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों पर वमात समिति (1999) ने कुछ मौलिक कर्तव्यों के कार्यान्वयन के लिए कानूनी प्रावधानों के अस्तित्व की पहचान की।
    • वे हैं:
    • राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम (1971) भारत के संविधान, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान के अनादर को रोकता है।
    • जाति और धर्म से संबंधित अपराधों के लिए दंड का प्रावधान करता है।
    • विध्वंसक क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 एक सांप्रदायिक संगठन को एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित करने का प्रावधान करता है।
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 दुर्लभ और विलुप्त प्रजातियों के व्यापार पर प्रतिबंध लगाता है।
    • वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 अव्यवस्थित वनों की कटाई और गैर-वन उद्देश्यों के लिए वन भूमि के हस्तांतरण को रोकता है।

    संविधान की मूल संरचना

    • केशवानंद भारती मामले (1973) में, सर्वोच्च न्यायालय ने गोलाकनाथ मामले (1967) में अपने निर्णय को खारिज किया।
    • इसने 24वें संशोधन अधिनियम (1971) की वैधता को बरकरार रखा और कहा कि संसद को किसी भी मौलिक अधिकार को कम करने या छीनने का अधिकार है।
    • साथ ही, इसने संविधान की 'मूल संरचना' (या 'मूल विशेषताएं') का एक नया सिद्धांत निर्धारित किया।
    • इसने फैसला सुनाया कि अनुच्छेद 368 के तहत संसद की शक्तियां इसे संविधान के 'मूल संरचना' को बदलने में सक्षम नहीं बनाती है।
    • इसका अर्थ है कि संसद उस मौलिक अधिकार को कम या खत्म नहीं कर सकती है जो संविधान के 'मूल संरचना' का एक हिस्सा है।

    सरकार की प्रतिक्रिया

    • संसद ने 42वें संशोधन अधिनियम (1976) को पारित करके 'मूल संरचना' के न्यायिक रूप से नवोन्मेषी सिद्धांत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
    • इस अधिनियम ने अनुच्छेद 368 में संशोधन किया और घोषित किया कि संसद की शक्ति पर कोई सीमा नहीं है और किसी भी आधार पर किसी भी संविधान संशोधन पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है, जिसमें मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी शामिल है।
    • मिनेर्वा मिल्स मामले (1980) में सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रावधान को अमान्य कर दिया क्योंकि इसने न्यायिक समीक्षा को बाहर कर दिया जो कि संविधान की एक 'मूल विशेषता' है।
    • वामन राव मामले (1981) में फिर से, सर्वोच्च न्यायालय ने 'मूल संरचना' के सिद्धांत का पालन किया और आगे स्पष्ट किया कि यह 24 अप्रैल, 1973 (यानी केशवानंद भारती मामले में निर्णय की तारीख) के बाद पारित संवैधानिक संशोधनों पर लागू होगा।

    मूल संरचना के तत्व

    • वर्तमान स्थिति यह है कि अनुच्छेद 368 के तहत संसद संविधान के किसी भी हिस्से में, मौलिक अधिकारों सहित, संशोधन कर सकती है, जब तक कि संविधान के 'मूल संरचना' को प्रभावित न करे.
    • हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने अभी तक यह परिभाषित या स्पष्ट नहीं किया है कि संविधान की 'मूल संरचना' क्या है।
    • विभिन्न निर्णयों से, निम्नलिखित संविधान की 'मूल विशेषताओं' या संविधान की 'मूल संरचना' के तत्वों के रूप में उभरे हैं:
    • संविधान की सर्वोच्चता
    • भारतीय राज्य व्यवस्था की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक और गणतांत्रिक प्रकृति
    • संविधान की धर्मनिरपेक्ष विशेषता
    • विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का पृथक्करण
    • मौलिक अधिकारों का संरक्षण
    • संविधान की मूल संरचना का संरक्षण

    राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSPs)

    • ये तत्व भारतीय संविधान के भाग IV में निहित हैं।
    • DPSPs भारत सरकार को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
    • ये तत्व न्यायसंगत नहीं हैं, यानी न्यायालयों में उनका प्रवर्तन नहीं किया जा सकता है।
    • लेकिन ये "राज्य" के लिए "मौलिक महत्व" के हैं और राज्य के नीति निर्माण के लिए "मार्गदर्शक सिद्धांत" के रूप में कार्य करते हैं।
    • इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 37 में उल्लेख किया गया है।
    • DPSPs को कोडिफाई किया गया था ताकि भारत में एक कल्याणकारी राज्य (सामाजिक कल्याणकारी राज्य) का निर्माण किया जा सके।

    DPSPs के प्रकार

    • ये समाजवादी, गांधीवादी और उदारवादी (उदारवादी मूल्यों के आधार पर) विचारधाराओं पर आधारित हैं।

    DPSPs का मुख्य उद्देश्य

    • DPSPs का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक न्याय को बढ़ावा देना, व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों को पूरक करना, एक न्यायसंगत और समावेशी समाज का निर्माण करना और सरकारी नीतियों के लिए एक मापदंड प्रदान करना है।

    DPSPs को शामिल करने वाले अनुच्छेद

    • अनुच्छेद 36 से 51 तक DPSPs को शामिल किया गया है।
    • 1976 में 42वां संशोधन DPSPs को मिलाकर संविधान में एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता है।
    • यह संशोधन DPSPs को "राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत" की संज्ञा देता है और उन्हें "मौलिक अधिकारों" के समान महत्व देता है।

    DPSPs के पीछे का तर्क

    • DPSPs को न्यायसंगत नहीं बनाया गया था क्योंकि उस समय भारत के पास उन्हें लागू करने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं थे।
    • उन्हें एक समाजवादी राज्य स्थापित करने के लिए कल्याणकारी नीतियों के लिए "मार्गदर्शक" सिद्धांत के रूप में बनाया गया था।

    DPSPs की आलोचना

    • DPSPs की मुख्य रूप से उनकी गैर-न्यायसंगत प्रकृति, आर्थिक रूप से असंगत (असंगति) और उदारवादी होने की वजह से आलोचना हुई है।
    • यह तर्क दिया गया है कि DPSPs 19 वीं शताब्दी के ब्रिटिश राजनीतिक सिद्धांतों पर आधारित हैं और वे आधुनिक भारत के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
    • DPSPs को संवैधानिक संघर्ष पैदा करने का भी आरोप लगाया गया है, खासकर केंद्र और राज्यों के बीच, राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के बीच, और राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच।

    DPSPs की भूमिका

    • DPSPs ने देश की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों में स्थिरता और निरंतरता प्रदान की है।
    • DPSPs ने नीति निर्माण के लिए एक रूपरेखा प्रदान की है और देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण रहा है।

    DPSPs का प्रभावशाली कार्यान्वयन

    • योजना आयोग (अब नीति आयोग) की स्थापना 1950 में देश के विकास की योजना बनाने के लिए की गई थी।
    • लगभग सभी राज्यों ने भूमि सुधार कानून पारित किए हैं।
    • न्यूनतम वेतन अधिनियम (1948), वेतन भुगतान अधिनियम (1936), बोनस भुगतान अधिनियम (1965), ठेका श्रम विनियमन और नियोजन अधिनियम (1970) आदि बनाए गए हैं.
    • महिला श्रमिकों की सुरक्षा के लिए प्रसूति सुविधा अधिनियम (1961) और समान पारिश्रमिक अधिनियम (1976) बने हैं।
    • राष्ट्रीयकरण (जैसे, जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण (1956), बैंकों का राष्ट्रीयकरण (1969), सामान्य बीमा का राष्ट्रीयकरण (1971)) DPSPs का एक प्रमुख उदाहरण है।
    • कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम (1987) ने देश भर में कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए एक नेटवर्क स्थापित किया है।
    • खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, लघु उद्योग बोर्ड आदि ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किए गए हैं।
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (1972) और वन (संरक्षण) अधिनियम (1980) पर्यावरण संरक्षण के प्रयास हैं।
    • तीन स्तरीय पंचायती राज प्रणाली (ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर) गांधीजी के "हर गांव का गणराज्य" के स्वप्न को साकार करने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम है।
    • शैक्षिक संस्थानों, सरकारी सेवाओं और प्रतिनिधि निकायों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण को DPSPs के तत्व के रूप में लागू किया गया है।
    • आपराधिक प्रक्रिया संहिता (1973) ने न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग किया है।
    • प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम (1951) राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों और स्थलों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था।
    • कुछ राज्यों में गाँवों, बछड़ों और बैलों के वध पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून बनाए गए हैं।
    • भारत एक गुटनिरपेक्ष और पंचशील नीति का पालन करता है।

    भाग IV के बाहर के DPSPs

    • DPSPs के अलावा, संविधान के अन्य भागों में भी कुछ अन्य निर्देश हैं, जैसे:
    • अनुच्छेद 335: पदोन्नति में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण
    • अनुच्छेद 350A: मातृभाषा में शिक्षा
    • अनुच्छेद 351: हिंदी भाषा का विकास

    मौलिक कर्तव्य

    • मौलिक कर्तव्य संविधान के भाग IV A में शामिल किए गए हैं।
    • ये कर्तव्य सभी भारतीय नागरिकों पर बाध्यकारी हैं।
    • ये भारतीय समाज के लिए प्रगति और विकास को बढ़ावा देने, राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने - और नागरिकों की जिम्मेदारियों को पहचान करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।

    मूल संरचना (Basic Structure)

    • केशवानंद भारती मामले (1973) ने संविधान की "मूल संरचना" का सिद्धांत स्थापित किया।
    • यह सिद्धांत बताता है कि संसद किसी भी संवैधानिक संशोधन के माध्यम से सक्षम नहीं है संविधान की "मूल संरचना" को बदले।
    • यह सिध्दांत भारत के राजनीतिक प्रणाली की स्थिरता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

    मूल संरचना के तत्व

    • संसद के पास संविधान में संशोधन करने की शक्ति है लेकिन संविधान की "मूल संरचना" को नहीं बदल सकती।
    • यह स्पष्ट नहीं है कि "मूल संरचना" में क्या शामिल है।
    • लेकिन न्यायालयों के विभिन्न निर्णयों से कुछ महत्वपूर्ण तत्व उभरे हैं, जैसे, संसद की सर्वोच्चता, भारतीय राज्य व्यवस्था की संघीय प्रकृति, संविधान की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्ति का पृथक्करण, संविधान की संघीय प्रकृति, देश की एकता और अखंडता, कल्याणकारी राज्य (सामाजिक-आर्थिक न्याय), न्यायिक समीक्षा, व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा, संसदीय प्रणाली, कानून का शासन,
    • मौलिक अधिकारों और नीति निदेशक सिद्धांतों के बीच समन्वय, समानता का सिद्धांत, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, संविधान में संशोधन करने के लिए संसद की सीमित शक्ति, न्याय की प्रभावी पहुंच, मौलिक अधिकारों का सार (या सार),
      - अनुच्छेद 32, 136, 141 और 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियाँ, अनुच्छेद 226 और 227 के अंतर्गत उच्च न्यायालयों की शक्तियाँ, आदि

    राज्य के नीति निर्देशक तत्व

    • राज्य के नीति निर्देशक तत्व (डीपीएसपी) संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक उल्लिखित हैं।
    • ये तत्व 1937 के आयरिश संविधान से लिए गए हैं, जिसने स्वयं इन्हें स्पेनिश संविधान से लिया था।
    • डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने इन तत्वों को भारतीय संविधान की नयी विशेषताओं के रूप में वर्णित किया।
    • मौलिक अधिकारों के साथ, ये तत्व संविधान की आत्मा का निर्माण करते हैं।

    डीपीएसपी की विशेषताएं

    • ये तत्व राज्य को नीतियाँ और कानून बनाते समय ध्यान में रखने चाहिए।
    • ये तत्व विधायी, कार्यकारी और प्रशासनिक मामलों में राज्य को संवैधानिक निर्देश या सिफारिशें देते हैं।
    • डीपीएसपी 1935 के भारत सरकार अधिनियम में वर्णित "निर्देश के साधन" से जुड़े हैं।
    • डीपीएसपी एक आधुनिक कल्याणकारी राज्य के लिए व्यापक आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम का निर्माण करते हैं।
    • ये तत्व 'कल्याणकारी राज्य' की अवधारणा को वास्तविक रूप प्रदान करते हैं।
    • डीपीएसपी देश में आर्थिक और सामाजिक न्याय स्थापित करना चाहते हैं।
    • डीपीएसपी गैर-न्यायिक प्रकृति के हैं।
    • डीपीएसपी, गैर-न्यायिक प्रकृति के होते हुए भी, कानून की संवैधानिक वैधता को जांचने और निर्धारण में न्यायालयों की सहायता करते हैं।

    डीपीएसपी का वर्गीकरण

    • डीपीएसपी का कोई भी वर्गीकरण संविधान में नहीं है।
    • हालांकि, उनकी सामग्री और दिशा के आधार पर इन्हें तीन व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
      • समाजवादी
      • गांधीवादी
      • उदारवादी-बौद्धिक

    समाजवादी तत्व

    • ये तत्व समाजवाद की विचारधारा को दर्शाते हैं।
    • संबंधित अनुच्छेद:
      • अनुच्छेद 38
      • अनुच्छेद 39
      • अनुच्छेद 39A
      • अनुच्छेद 41
      • अनुच्छेद 42
      • अनुच्छेद 43

    गांधीवादी तत्व

    • ये तत्व राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान गांधी द्वारा प्रस्तावित पुनर्निर्माण कार्यक्रम का प्रतिनिधित्व करते हैं।
    • संबंधित अनुच्छेद:
      • अनुच्छेद 40
      • अनुच्छेद 43
      • अनुच्छेद 46
      • अनुच्छेद 47

    उदारवादी-बौद्धिक तत्व

    • संबंधित अनुच्छेद:
      • अनुच्छेद 44
      • अनुच्छेद 45
      • अनुच्छेद 48
      • अनुच्छेद 49
      • अनुच्छेद 50
      • अनुच्छेद 51

    नए डीपीएसपी

    • 1976 के 42वें संशोधन अधिनियम ने मूल सूची में चार नये डीपीएसपी जोड़े:
      • अनुच्छेद 39
      • अनुच्छेद 39A
      • अनुच्छेद 43A
      • अनुच्छेद 48A
    • 1978 के 44वें संशोधन अधिनियम में अनुच्छेद 38 को जोड़ा गया।
    • 2002 के 86वें संशोधन अधिनियम ने अनुच्छेद 45 की विषय-वस्तु को बदला।
    • 2011 के 97वें संशोधन अधिनियम ने सहकारी समितियों से संबंधित एक नया डीपीएसपी जोड़ा - अनुच्छेद 43B

    डीपीएसपी के पीछे मंशा

    • मौलिक अधिकार, जो प्रकृति में न्यायिक हैं, भाग III में शामिल हैं और डीपीएसपी, जो प्रकृति में गैर-न्यायिक हैं, संविधान के भाग IV में शामिल हैं।
    • डीपीएसपी गैर-न्यायिक हैं, संविधान (अनुच्छेद 37) स्पष्ट करता है कि 'ये तत्व देश के शासन में मौलिक हैं और कानून बनाने में इन तत्वों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा'
    • संविधान निर्माताओं ने डीपीएसपी को गैर-न्यायिक और कानूनी रूप से गैर-प्रवर्तनीय बनाया क्योंकि:
      • उन्हें लागू करने के लिए देश के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं थे।
      • देश में वित्तीय विविधता और पिछड़ेपन की उपस्थिति उनके कार्यान्वयन में बाधक होगी।
      • देश उस समय, स्थान और उन्हें पूरा करने के तरीके को निर्धारित करने के लिए स्वयं सक्षम नहीं था, जब कि नवजात भारतीय राज्य अपनी कई ज़िम्मेदारियों के साथ बोझ से दबाया जा सकता है।

    डीपीएसपी की आलोचना

    • कानूनी बल नहीं: डीपीएसपी का उनकी गैर-न्यायिक विशेषता के कारण मुख्य रूप से आलोचना की गई है।
    • बौद्धिक रूप से असंगठित: आलोचकों का मानना है कि डीपीएसपी को एक सुसंगत दिशानिर्देश के आधार पर बौद्धिक रूप से व्यवस्थित नहीं किया गया है।
    • अनुदारवादी: सर इवोर जेनिं ग्स के अनुसार, निर्देश 19वीं सदी के इंग्लैंड के राजनीतिक दिशानिर्देशों पर आधारित हैं।
    • संवैधानिक संघर्ष: डीपीएसपी और मौलिक अधिकारों के बीच संघर्ष के बारे में चिंताएँ व्यक्त की गई हैं, विशेष रूप से जहां ये दो एक-दूसरे से टकराते हैं या विरोधाभास पैदा करते हैं।

    मौलिक कर्तव्य

    • मौलिक कर्तव्य संविधान के भाग IV-A (अनुच्छेद 51A) में शामिल किए गए हैं।
    • ये कर्तव्य 42वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान में जोड़े गए थे।
    • मौलिक कर्तव्य नागरिकों को उनके राष्ट्र और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाते हैं।

    मौलिक कर्तव्यों की विशेषताएं

    • कुछ मौलिक अधिकारों के विपरीत, जो सभी व्यक्तियों, चाहे नागरिक हों या विदेशी, के लिए हैं, मौलिक कर्तव्य केवल नागरिकों के लिए सीमित हैं और विदेशी कर्तव्यों के अधीन नहीं हैं।
    • डीपीएसपी की तरह मौलिक कर्तव्य भी गैर-न्यायिक हैं।

    मौलिक कर्तव्यों का कायतन्वयन

    • सर्वोच्च न्यायालय ने वमात सतमति केस (1999) में कुछ मौलिक कर्तव्यों के कार्यान्वयन के लिए कानूनी प्रावधानों के अस्तित्व की पहचान की।

    समाजवादी, गांधीवादी और उदारवादी तत्वों के संदर्भ में कुछ डीपीएसपी

    • अनुच्छेद 38: सामाजिक व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए राज्य का कर्तव्य
    • अनुच्छेद 39: राज्य द्वारा पालन किए जाने वाले कुछ सिद्धांत
    • अनुच्छेद 39A: समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता
    • अनुच्छेद 40: ग्राम पंचायतों का संगठन
    • अनुच्छेद 41: कुछ परिस्थितियों में काम, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता का अधिकार
    • अनुच्छेद 42: कार्य के न्यायिक और मानवीय परिस्थितियों और मातृत्व सहायता का प्रावधान
    • अनुच्छेद 43: श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी आदि
    • अनुच्छेद 43A: उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी
    • अनुच्छेद 43B: सहकारी समितियों का संगठन
    • अनुच्छेद 44: नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता
    • अनुच्छेद 45: छह वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा का प्रावधान
    • अनुच्छेद 46: अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना
    • अनुच्छेद 47: पोषण के स्तर और जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए राज्य का कर्तव्य
    • अनुच्छेद 48: कृषि और पशुपालन का संगठन
    • अनुच्छेद 48A: छह से चौदह वर्ष की आयु के बीच के अपने बच्चे या प्रतिपाल्य को शिक्षा के अवसर प्रदान करना।

    मौलिक अधिकार और डीपीएसपी के बीच संबंध

    • मौलिक अधिकारों का लक्ष्य व्यक्तियों को राज्य के अत्याचार से बचाना है, जबकि डीपीएसपी का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक न्याय प्रदान करना है।
    • ये दोनों बुनियादी अधिकार एक दूसरे के पूरक हैं और समाज में संतुलन स्थापित करते हैं।

    संविधान की मूल संरचना

    • केशवानंद भारती केस (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने गोलाकनाथ केस (1967) में अपने फैसले को खारिज कर दिया।
    • इसने 24वें संशोधन अधिनियम (1971) की वैधता को बरकरार रखा और कहा कि संसद को किसी भी मौलिक अधिकार को कम करने या छीनने का अधिकार है।
    • साथ ही, इसने संविधान की 'मूल संरचना' (या 'मूल विशेषताएँ ') का एक नया सिद्धांत स्थापित किया।

    संविधान की 'मूल संरचना'

    • संसद की शक्ति में सीमा: संसद संविधान के 'मूल संरचना' को बदलने में सक्षम नहीं है, भले ही इसका अनुच्छेद 368 के तहत संशोधन करने का अधिकार हो।

    • ज्यांचा समावेश होतो: संविधान की मूल संरचना में निम्न तत्व शामिल हैं:

      • संविधान की सर्वोच्चता
      • भारतीय राज्य व्यवस्था की स्वायत्तता, लोकतांत्रिक और गणतांत्रिक प्रकृति
      • संविधान की धर्मनिरपेक्ष विशेषता
      • विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का पृथक्करण
      • संविधान की संघीय विशेषता
      • देश की एकता और अखंडता
      • कल्याणकारी राज्य (सामाजिक-आर्थिक न्याय)
      • न्यायिक समीक्षा
      • व्यक्ति की स्वायत्तता और गरिमा
      • संसदीय    प्रणाली
        
      • कानून    का    शासन   
        
      • मौलिक अधिकारों और डीपीएसपी के बीच सामंजस्य और संतुलन
      • समानता का सिद्धांत
      • स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
      • न्यायपालिका की स्वायत्तता
      • संविधान में संशोधन करने के लिए संसद की सीमित शक्ति
      • न्याय तक प्रभावी पहुंच
      • मौलिक अधिकारों के सार
      • अनुच्छेद 32, 136, 141 और 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियाँ
      • अनुच्छेद 226 और
    • संघर्ष निराकरण: सर्वोच्च न्यायालय नियमित रूप से 'मूल संरचना' के सिद्धांत का उपयोग करके संविधान में संशोधन की वैधता की जांच करता है।

    • चुनौती: 'मूल संरचना' का सिद्धांत विवादस्पद है, क्योंकि यह अस्पष्ट है कि संविधान की 'मूल संरचना' क्या है और किस हद तक संसद को संविधान में संशोधन करने की अनुमति है।

    राज्य के नीति निर्देशक तत्व

    • राज्य के नीति निर्देशक तत्व (डीपीएसपी) भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल हैं।
    • डीपीएसपी का विचार 1937 के आयरिश संविधान से लिया गया है, जिसने इसे स्पेनिश संविधान से ग्रहण किया था।
    • डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने इन तत्वों को भारतीय संविधान की नई विशेषताओं के रूप में चित्रित किया।
    • मौलिक अधिकारों के साथ डीपीएसपी में समान महत्व है, और यह संविधान की आत्मा का अभिन्न अंग है।
    • ये तत्व राज्य के लिए नीतियां बनाने और कानून बनाने के दौरान मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
    • ये तत्व विधायी, कार्यकारी और प्रशासनिक मामलों में राज्य को संवैधानिक निर्देश या सिफारिशें प्रदान करते हैं।
    • डीपीएसपी, 1935 के भारत सरकार अधिनियम में उल्लिखित "निर्देश के साधन" से निकटता से जुड़े हैं.
    • डीपीएसपी एक आधुनिक कल्याणकारी राज्य के लिए एक व्यापक आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम का निर्माण करते हैं।
    • डीपीएसपी 'कल्याणकारी राज्य' की अवधारणा को मूर्त रूप देते हैं।
    • वे देश में आर्थिक और सामाजिक न्याय स्थापित करने का लक्ष्य रखते हैं।
    • डीपीएसपी अपनी प्रकृति में गैर-न्यायिक हैं।
    • हालांकि गैर-न्यायिक, डीपीएसपी कानून की संवैधानिक वैधता की जांच और निर्धारण में न्यायालयों की सहायता करते हैं।

    डीपीएसपी का वर्गीकरण

    • संविधान में डीपीएसपी का कोई विशिष्ट वर्गीकरण नहीं है।
    • हालांकि, उनकी सामग्री और दिशा के आधार पर, उन्हें तीन व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
    • संबंधन ने बताया है कि निर्देश एक संवैधानिक संघर्ष की ओर ले जाते हैं
      • केंद्र और राज्यों के बीच
      • राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के बीच
      • राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच

    डीपीएसपी द्वारा निभाई गई भूमिकाएं

    • वे सत्ता में पार्टी के परिवर्तनों के बावजूद राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में घरेलू और विदेशी नीतियों में स्थिरता और निरंतरता प्रदान करते हैं।
    • वे नागरिकों के मौलिक अधिकारों के पूरक हैं। उनका उद्देश्य भाग III में रिक्त स्थान को भरना है, सामाजिक और आर्थिक अधिकार प्रदान करके।
    • उनका कार्यान्वयन नागरिकों द्वारा मौलिक अधिकारों का पूर्ण और उच्चतम आनंद के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है।
    • वे विपक्ष को सरकार के संचालन पर प्रभाव और नियंत्रण बनाने में सक्षम बनाते हैं।
    • वे सरकार के प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा के रूप में कार्य करते हैं।
    • वे आम राजनीतिक घोषणा पत्र के रूप में काम करते हैं।

    डीपीएसपी का कार्यान्वयन

    • योजना आयोग की स्थापना 1950 में देश के विकास को योजनाबद्ध तरीके से करने के लिए की गई थी।
    • कृषि समाज में बदलाव लाने और ग्रामीण जनता की स्थिति में सुधार लाने के लिए लगभग सभी राज्यों ने भूमि सुधार कानून पारित किए हैं।
    • न्यूनतम मजदूरी अधिनियम (1948), मजदूरी संदाय अधिनियम (1936), बोनस संदाय अधिनियम (1965), ठेका श्रम विनियमन और उत्पादन अधिनियम (1970)
    • महिला श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रसूति सुविधा अधिनियम (1961) और समान पारिश्रमिक अधिनियम (1976) बनाया गया है।
    • सार्वजनिक वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय संसाधनों के उपयोग के लिए कई उपाय किए गए हैं।
      • इनमें जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण (1956), चौदह प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण (1969), सामान्य बीमा का राष्ट्रीयकरण (1971) शामिल हैं।
    • कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम (1987) ने गरीबों को मुफ्त और सक्षम कानूनी सहायता प्रदान करने और समान न्याय को बढ़ावा देने के लिए लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क की स्थापना की है।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों के विकास के लिए खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, लघु उद्योग बोर्ड आदि का गठन किया गया है।
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980, क्रमशः वन्यजीवों और वनों की सुरक्षा के लिए अधिनियम बनाए गए हैं।
    • तीन स्तरीय पंचायती राज प्रणाली (गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर) गांधीजी के हर गांव के गणराज्य होने के स्वप्न को हकीकत में बदलने के लिए प्रस्तुत की गई है ।
    • शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी सेवाओं और प्रतिनिधि निकायों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य कमजोर वर्गों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
    • आपराधिक प्रक्रिया संहिता (1973) ने राज्य की सार्वजनिक सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग हटाया।
    • राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों, स्थानों और वस्तुओं की सुरक्षा के लिए प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक तथा पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम (1951) अधिनियमित किया गया है।
    • कुछ राज्यों में गायों, बछड़ों और बैलों के वध पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून बनाए गए हैं।
    • भारत अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए गुटनिरपेक्ष और पंचशील की नीति का पालन करता रहा है।

    भाग IV के बाहर के निर्देश

    • भाग IV में शामिल निर्देशों के अलावा, संविधान के अन्य भागों में भी कुछ अन्य निर्देश हैं.
    • ये हैं:
      • सेवाओं के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के दावे: भाग XVI में अनुच्छेद 335
      • मातृभाषा में निर्देश - भाग XVII में अनुच्छेद 350-A
      • हिंदी भाषा का विकास - भाग XVII में अनुच्छेद 351
    • उपरोक्त निर्देश भी प्रकृति में गैर-न्यायिक हैं।

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की सूची

      1. राज्य की परिभाषा
      1. इस भाग में निहित तत्वों का अनुप्रयोग
      1. लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक व्यवस्था को सुरक्षित करने के लिए राज्य
      1. राज्य द्वारा पालन किए जाने वाले नीति के कुछ तत्व
    • 39ए. समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता
      1. ग्राम पंचायतों का संगठन
      1. कुछ स्थितियों में कार्य, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता का अधिकार
      1. कार्य की न्यायिक और मानवीय परिस्थितियों और मातृत्व राहत का प्रावधान
      1. श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी आदि
    • 43A. उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी
    • 43B. सहकारी समितियों का संगठन
      1. नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता
      1. छह वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा का प्रावधान
      1. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना
      1. पोषण के स्तर और जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए राज्य का कर्तव्य
      1. कृषि और पशुपालन का संगठन
    • 48A. पर्यावरण का संरक्षण और सुधार और वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा
      1. राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों और स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण
      1. न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करना
      1. अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना

    मौलिक कर्तव्य

    • मूल संविधान में केवल मौलिक अधिकार थे, मौलिक कर्तव्य नहीं।
    • बाद में 1976 में नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया।
      • 2002 में, एक और मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया।
    • भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्य सोवियत संघ के संविधान से प्रेरित हैं।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया आदि जैसे प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के किसी भी संविधान में विशेष रूप से नागरिकों के कर्तव्यों की सूची नहीं है।
      • जापानी संविधान, शायद, दुनिया का एकमात्र लोकतांत्रिक संविधान है जिसमें नागरिकों के कर्तव्यों की एक सूची है।

    स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशें

    • 1976 में, कांग्रेस पार्टी ने मौलिक कर्तव्यों के बारे में सिफारिशें करने के लिए सरदार स्वर्ण सिंह समिति का गठन किया।
    • समिति ने संविधान में मौलिक कर्तव्यों पर एक अलग अध्याय शामिल करने की सिफारिश की।
    • केंद्र की कांग्रेस सरकार ने इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और 1976 में 42वां संविधान संशोधन अधिनियम बनाया।
    • इस संशोधन ने संविधान में एक नया भाग, अर्थात भाग IVA जोड़ा।
      • इस नए भाग में केवल एक ही अनुच्छेद है, जो अनुच्छेद 51A है जिसमें पहली बार नागरिकों के दस मौलिक कर्तव्यों का एक सूची निर्दिष्ट किया गया है।
    • समिति की कुछ सिफारिशों को कांग्रेस पार्टी द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था जैसे सावधानी जमा के रूप में करों का भुगतान करने के लिए शुल्क को शामिल करना।

    मौलिक कर्तव्यों की सूची

    • संतवधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना
    • संतवधान की संघीय विशेषता
    • देश की एकता और अखंडता
    • देश की रक्षा करना और राष्ट्रीय सेवा के लिए तैयार रहना
    • देश के लिए सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करना और हिंसा से बचना
    • कल्याणकारी राज्य (सामाजिक-आर्थिक न्याय)
    • न्यायिक समीक्षा
    • व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा
    • संसदीय प्रणाली
    • कानून का शासन
    • मौलिक अधिकारों और निर्देशक तत्वों के बीच सामंजस्य और संतुलन
    • समानता का कर्तव्य
    • स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
    • न्यायपालिका की स्वतंत्रता
    • भारतीय संविधान में संशोधन करने के लिए संसद की सीमित शक्ति
    • न्याय तक प्रभावी पहुंच
    • मौलिक अधिकारों, निहित तत्व (या सार)
    • अनुच्छेद 32, 136, 141 और 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियाँ
    • अनुच्छेद 226 और 227 के अंतर्गत उच्च न्यायालयों की शक्तियां

    राज्य के नीति निर्देशक तत्व

    • राज्य के नीति निर्देशक तत्व (डीपीएसपी) संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं।
    • डीपीएसपी का विचार 1937 के आयरिश संविधान से लिया गया, जिसने इसे स्पेनिश संविधान से लिया था।
    • डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने इन तत्वों को भारतीय संविधान की नई विशेषताओं के रूप में वर्णित किया था।
    • मूल अधिकारों के साथ निर्देशक तत्वों में संविधान का संतुलन है और यह संविधान की आत्मा है।

    डीपीएसपी की विशेषताएं

    • ये विचार हैं जिन्हें राज्य को नीतियां बनाने और कानून बनाने के समय ध्यान में रखना चाहिए।
    • ये विधायी, कार्यकारी और प्रशासनिक मामलों में राज्य को संवैधानिक निर्देश या सिफारिशें हैं।
    • निर्देशक तत्व 1935 के भारत सरकार अधिनियम में उल्लिखित 'निर्देश के साधन' से निकटता से जुड़े हैं।
    • निर्देशक तत्व एक आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य के लिए एक व्यापक आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक कार्यक्रम का गठन करते हैं।
      • ये 'कल्याणकारी राज्य' की अवधारणा को मूर्त रूप देते हैं।
    • वे देश में आर्थिक और सामाजिक न्याय स्थापित करना चाहते हैं।
    • निर्देशक तत्व प्रकृति में गैर-न्यायिक हैं।
    • निर्देशक तत्व, हालांकि प्रकृति में गैर-न्यायिक हैं, कानून की संवैधानिक वैधता की जांच और निर्धारण में अदालतों की मदद करते हैं।

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का वर्गीकरण

    • संविधान में निर्देशक तत्वों का कोई वर्गीकरण नहीं है।
    • हालांकि उनकी सामग्री और दिशा के आधार पर, उन्हें तीन व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
      • राज्य की परिभाषा
      • सामाजिक न्याय और आर्थिक विकास
      • अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा

    मौलिक कर्तव्य

    • मूल रूप से संविधान में केवल मूल अधिकार थे, मौलिक कर्तव्य नहीं थे।
    • बाद में 1976 में नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया।
      • 2002 में, एक और मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया।
    • भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्य सोवियत संघ के संविधान से प्रेरित हैं।
    • प्रमुख लोकतांत्रिक देशों, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया आदि ने अपने संविधानों में नागरिकों के कर्तव्यों की सूची विशेष रूप से शामिल नहीं की है।
      • जापानी संविधान, शायद, दुनिया का एकमात्र लोकतांत्रिक संविधान है जिसमें नागरिकों के कर्तव्यों की एक सूची है।

    स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशें

    • 1976 में, कांग्रेस पार्टी ने मौलिक कर्तव्यों के बारे में सिफारिशें करने के लिए सरदार स्वर्ण सिंह समिति का गठन किया।
    • समिति ने संविधान में मौलिक कर्तव्यों पर एक अलग अध्याय शामिल करने की सिफारिश की।
    • केंद्र की कांग्रेस सरकार ने इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और 1976 में 42वां संविधान संशोधन अधिनियम बनाया।
    • इस संशोधन ने संविधान में एक नया भाग, अर्थात् भाग IVA जोड़ा।
      • इस नए भाग में केवल एक ही अनुच्छेद है, जो कि अनुच्छेद 51A है जहाँ नागरिकों के दस मौलिक कर्तव्यों की एक सूची पहली बार निर्दिष्ट की गई।
    • समिति की कुछ सिफारिशों को कांग्रेस पार्टी द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था जैसे सावधानीपूर्वक जमा के रूप में करों का भुगतान करने के लिए शुल्क को शामिल करना।

    मौलिक कर्तव्यों की सूची

    • छह से चौदह वर्ष की आयु के बीच के अपने बच्चे या प्रतिपाल्य को शिक्षा के अवसर प्रदान करना। यह कर्तव्य 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा जोड़ा गया था।

    मौलिक कर्तव्यों की विशेषताएं

    • कुछ मूल अधिकारों के विपरीत, जो सभी व्यक्तियों, चाहे नागरिक हों या विदेशी, के लिए हैं, मौलिक कर्तव्य केवल नागरिकों तक सीमित हैं और विदेशियों के लिए नहीं हैं।
    • निर्देशक तत्वों की तरह, मौलिक कर्तव्य भी गैर-न्यायिक हैं।

    वर्मा समिति के विचार

    • नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों पर वर्मा समिति (1999) ने कुछ मौलिक कर्तव्यों के कार्यान्वयन के लिए कानूनी प्रावधानों के अस्तित्व की पहचान की।
    • वह हैं:
      • राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम (1971) भारत के संविधान, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान के अनादर को रोका है।
      • जाति और धर्म से संबंधित अपराधों के लिए दंड का प्रावधान करता है जो दंड का प्रावधान करता है।
      • विध्वंसक क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 सांप्रदायिक संगठन को एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित करने का प्रावधान करता है।
      • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के व्यापार पर प्रतिबंध लगा ता है।
      • वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 अव्यवस्थित वनों की कटाई और गैर-वन उद्देश्यों के लिए वन भूमि के दुरुपयोग को रोकता है।

    सर्वोच्च न्यायालय और संविधान की मूल संरचना

    • केशवानन्द भारती मामले (1973) में, सर्वोच्च न्यायालय ने गोलाखनाथ मामले (1967) में अपने निर्णय को खारिज कर दिया।
    • इसने 24वें संशोधन अधिनियम (1971) की वैधता को बरकरार रखा और कहा कि संसद को किसी भी मौलिक अधिकार को कम करने या छीनने का अधिकार है।
    • साथ ही, इसने संविधान की 'मूल संरचना' (या 'मूल विशेषताएं') का एक नया सिद्धांत स्थापित किया।
      • इसने फैसला सुनाया कि अनुच्छेद 368 के तहत संसद की संशोधन शक्ति इसे संविधान के 'मूल संरचना' को बदलने में सक्षम नहीं बनाती है।
      • इसका अर्थ यह है कि संसद उस मूल अधिकार को कम या खत्म नहीं कर सकती है जो संविधान के 'मूल संरचना' का हिस्सा है।

    42वाँ संशोधन अधिनियम

    • सरकार ने 42वें संशोधन अधिनियम (1976) को अधिनियमित करके 'मूल संरचना' के न्यायिक रूप से नवोन्मेषी सिद्धांत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
    • इस अधिनियम ने अनुच्छेद 368 में संशोधन किया और घोषित किया कि संसद की संशोधन शक्ति पर कोई सीमा नहीं है और किसी भी मामले में किसी भी संशोधन पर, किसी भी मूल अधिकारों के उल्लंघन सहित, कोई वादी नहीं उठाया जा सकता है।
    • तमिलनाडु केस (1980) में सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रावधान को अमान्य कर दिया क्योंकि इसने न्यायिक समीक्षा को समाप्त कर दिया जो कि संविधान की 'मूल विशेषता' है।
    • वामन राव मामले (1981) में सर्वोच्च न्यायालय ने 'मूल संरचना' के सिद्धांत का पालन किया और आगे स्पष्ट किया कि यह 24 अप्रैल, 1973 (यानी केशवानन्द भारती मामले में निर्णय की तारीख) के बाद अधिनियमित संवैधानिक संशोधनों पर लागू होगा।

    मूल संरचना के तत्व

    • वर्तमान स्थिति यह है कि अनुच्छेद 368 के तहत संसद मूल अधिकारों सहित संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान के 'मूल संरचना' को प्रभावित नहीं कर सकती।
    • हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने अभी तक यह परिभाषित या स्पष्ट नहीं किया है कि संविधान की 'मूल संरचना' क्या है।
    • विभिन्न निर्णयों से, निम्नलिखित संविधान की 'मूल विशेषताओं' या संविधान की 'मूल संरचना' के तत्वों के रूप में उभरे हैं:
      • संविधान की सर्वोच्चता
      • भारतीय राज्य व्यवस्था की स्वरूपित, लोकतांत्रिक और गणतांत्रिक प्रकृति
      • संविधान की धर्मनिरपेक्ष विशेषता
      • विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का पृथक्करण
      • संविधान की संघीय विशेषता
      • देश की एकता और अखंडता
      • कल्याणकारी राज्य (सामाजिक-आर्थिक न्याय)
      • न्यायिक समीक्षा
      • व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा
      • संसदीय प्रणाली
      • कानून का शासन
      • मूल अधिकारों और निर्देशक तत्वों के बीच सामंजस्य और संतुलन
      • समानता का सिद्धांत
      • स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
      • न्यायपालिका की स्वतंत्रता
      • संविधान में संशोधन करने के लिए संसद की सीमित शक्ति
      • न्याय की प्रभावी पहुंच
      • मूल अधिकार अंतर्निहित तत्व (या सार)
      • अनुच्छेद 32, 136, 141 और 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियाँ
      • अनुच्छेद 226 और 227 के अंतर्गत उच्च न्यायालयों की शक्तियाँ

    राज्य के नीति निर्देशक तत्व

    • राज्य के नीति निर्देशक तत्व (डीपीएसपी) भारत के संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक शामिल हैं।
    • डीपीएसपी का विचार 1937 के आयरिश संविधान से लिया गया है, जिसने इसे स्पैनिश संविधान से लिया था।
    • डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने इन तत्वों को भारतीय संविधान की नई विशेषताओं के रूप में वर्णित किया।
    • मौलिक अधिकारों के साथ निर्देशक तत्वों में संविधान का समन्वय नहीं है, लेकिन यह संविधान की आत्मा है।

    डीपीएसपी की विशेषताएँ

    • ये विचार हैं जिन्हें राज्य को नीतियाँ बनाने और कानून बनाने के समय ध्यान में रखना चाहिए।
    • ये विधायी, कार्यकारी और प्रशासनिक मामलों में राज्य को संवैधानिक निर्देश या सिफारिशें हैं।
    • निर्देशक तत्व 1935 के भारत सरकार अधिनियम में उल्लिखित 'निर्देश के साधन' से निकट रूप से जुड़े हैं।
    • निर्देशक तत्व एक आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य के लिए व्यापक आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम का गठन करते हैं।
    • ये 'कल्याणकारी राज्य' की अवधारणा को मूर्त रूप देते हैं।

    डीपीएसपी का वर्गीकरण

    • संविधान में निर्देशक तत्वों का कोई वर्गीकरण नहीं है।
    • हालांकि, उनकी सामग्री और दिशा के आधार पर, उन्हें तीन व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
      • सामाजिक न्याय (अनुच्छेद 38-40, 41-43, 46, 47, 49)
      • आर्थिक नीति (अनुच्छेद 39, 43, 43A, 43B, 48)
      • सांस्कृतिक और शैक्षिक नीति (अनुच्छेद 44, 45, 46, 48A, 50, 51A)

    डीपीएसपी द्वारा निभाई गई भूमिकाएँ

    • ये सत्ता में पार्टी के परिवर्तनों के बावजूद राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में घरेलू और विदेशी नीतियों में स्थिरता और निरंतरता प्रदान करते हैं।
    • वे नागरिकों के मौलिक अधिकारों के पूरक हैं। उनका उद्देश्य भाग III में रिक्त स्थान को भरना है, सामाजिक और आर्थिक अधिकार प्रदान करके।
    • उनका कार्यान्वयन नागरिकों द्वारा मौलिक अधिकारों के पूर्ण और उच्च आनंद के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है।
    • ये विपक्ष को सरकार के संचालन पर प्रभाव और नियंत्रण करने में सक्षम बनाते हैं।
    • ये सरकार के प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा के रूप में कार्य करते हैं।
    • ये आम राजनीतिक घोषणा पत्र के रूप में काम करते हैं।

    निर्देशक तत्वों का कार्यान्वयन

    • योजना आयोग की स्थापना 1950 में देश के विकास को योजनाबद्ध तरीके से करने के लिए की गई थी।
    • कृषि समाज में बदलाव लाने और ग्रामीण जनता की स्थिति में सुधार लाने के लिए लगभग सभी राज्यों ने भूमि सुधार कानून पारित किए हैं।
    • न्यूनतम मजदूरी अधिनियम (1948), मजदूरी संदाय अधिनियम (1936), बोनस संदाय अधिनियम (1965), ठेका श्रम विनियमन और उत्पादन अधिनियम (1970), महिला श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रसूति सुविधा अधिनियम (1961) और समान पारिश्रमिक अधिनियम (1976) बनाया गया है।
    • आम वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय संसाधनों के उपयोग के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिनमें जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण (1956), चौदह प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण (1969), सामान्य बीमा का राष्ट्रीयकरण (1971) शामिल हैं।
    • कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम (1987) ने गरीबों को मुफ्त और सक्षम कानूनी सहायता प्रदान करने और समान न्याय को बढ़ावा देने के लिए लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क की स्थापना की है।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों के विकास के लिए खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, लघु उद्योग बोर्ड आदि का गठन किया गया है।
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980, क्रमशः वन्यजीवों और वनों की सुरक्षा के लिए अधिनियमित किए गए हैं।
    • तीन स्तरीय पंचायती राज प्रणाली (गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर) गांधीजी के हर गांव के स्वशासन के सपने को हकीकत में बदलने के लिए पेश की गई है।
    • शैक्षिक संस्थानों, सरकारी सेवाओं और प्रतिनिधि निकायों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य कमजोर वर्गों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
    • आपराधिक प्रक्रिया संहिता (1973) ने राज्य की सार्वजनिक सेवाओं में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग कर दिया।
    • राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों, स्थानों और वस्तुओं की सुरक्षा के लिए प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक तथा पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम (1951) अधिनियमित किया गया है।
    • कुछ राज्यों में गायों, बछड़ों और बैलों के वध पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून बनाए गए हैं।
    • भारत अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए गुटनिरपेक्ष और पंचशील की नीति का पालन कर रहा है।

    भाग IV के बाहर के निर्देश

    • भाग IV में शामिल निर्देशों के अलावा, संविधान के अन्य भागों में कुछ अन्य निर्देश भी हैं, जैसे:
      • सेवाओं के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के दावे: भाग XVI में अनुच्छेद 335
      • मातृभाषा में निर्देश - भाग XVII में अनुच्छेद 350-A
      • हिंदी भाषा का विकास - भाग XVII में अनुच्छेद 351
    • उपरोक्त निर्देश भी प्रकृति में गैर-न्यायिक हैं।

    राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की सूची

      1. राज्य की परिभाषा
      1. इस भाग में निहित तत्वों का अनुप्रयोग
      1. लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक व्यवस्था को सुरक्षित करने के लिए राज्य
      1. राज्य द्वारा पालन किए जाने वाले नीति के कुछ तत्व
    • 39ए. समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता
      1. ग्राम पंचायतों का संगठन
      1. कुछ स्थितियों में कार्य, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता का अधिकार
      1. कार्य की न्यायिक और मानवीय परिस्थितियाँ और मातृत्व राहत का प्रावधान
      1. श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी आदि
    • 43A. उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी
    • 43B. सहकारी समितियों का संवर्धन
      1. नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता
      1. छह वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा का प्रावधान
      1. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना
      1. पोषण के स्तर और जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए राज्य का कर्तव्य
      1. कृषि और पशुपालन का संगठन
    • 48A. संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों और संस्थानों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना; स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित करने वाले महान आदर्शों को संजोना और उनका पालन करना; भारत की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता को बनाए रखने और उसकी रक्षा करने के लिए; देश की रक्षा करने के लिए और ऐसा करने के लिए बुलाए जाने पर राष्ट्रीय सेवा प्रदान करना; भारत के सभी लोगों के बीच धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या अनुभागीय विविधताओं से परे सद्भाव और समान भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना और महिलाओं की गरिमा के लिए अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करना; देश की समृद्ध संस्कृति की विरासत को महत्व देना और संरक्षित करना; वनों, झीलों, नदियों और वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना और जीवित प्राणियों के लिए सहानुभूति रखना; वैज्ञानिक सोच, मानवतावाद और जांच और सुधार की भावना विकसित करना; सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा से दूर रहना; व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता की दिशा में प्रयास करना ताकि राष्ट्र निरंतर प्रयास और उच्च स्तर के प्रदर्शन तक पहुंचे.
      1. राज्य द्वारा प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों और स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण करना।
      1. राज्य के कार्यपालिका का न्यायपालिका से अलग होना चाहिए।
      1. राज्य द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना।

    महत्वपूर्ण संवैधानिक बिंदु

    • संविधान की संघीय विशेषता
    • देश की एकता और अखंडता
    • कल्याणकारी राज्य (सामाजिक-आर्थिक न्याय)
    • न्यायिक समीक्षा
    • व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा
    • संसदीय प्रणाली
    • कानून का शासन
    • मौलिक अधिकारों और निर्देशक तत्वों के बीच सामंजस्य और संतुलन
    • समानता का तत्व
    • स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
    • न्यायपालिका की स्वतंत्रता
    • संविधान में संशोधन करने के लिए संसद की सीमित शक्ति
    • न्याय तक प्रभावी पहुंच
    • मौलिक अधिकारों में निहित तत्व (या सार)
    • अनुच्छेद 32, 136, 141 और 142 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय की शक्तियां
    • अनुच्छेद 226 और 227 के अंतर्गत उच्च न्यायालयों की शक्तियां

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    Quiz Team

    Description

    इस क्विज़ में राज्य के नीति निदेशक तत्व (डीपीएसपी) के बारे में जानें। जानिए डीपीएसपी के महत्व, विशेषताएँ और भारतीय संविधान में उनकी भूमिका। यह क्विज़ संविधान के उस भाग की अवधारणा को समझाने में मदद करेगा।

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