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Questions and Answers
भारतीय संविधान के अनुसार, मौलिक अधिकार केवल राज्य के विरुद्ध नागरिकों की रक्षा करते हैं, निजी व्यक्तियों के विरुद्ध नहीं।
भारतीय संविधान के अनुसार, मौलिक अधिकार केवल राज्य के विरुद्ध नागरिकों की रक्षा करते हैं, निजी व्यक्तियों के विरुद्ध नहीं।
True (A)
अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता (Untouchability) को समाप्त करता है और किसी भी रूप में इसके अभ्यास को कानूनी रूप से प्रतिबंधित करता है।
अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता (Untouchability) को समाप्त करता है और किसी भी रूप में इसके अभ्यास को कानूनी रूप से प्रतिबंधित करता है।
True (A)
भारत के संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों को संसद द्वारा साधारण बहुमत से संशोधित किया जा सकता है।
भारत के संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों को संसद द्वारा साधारण बहुमत से संशोधित किया जा सकता है।
False (B)
अनुच्छेद 21, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है, को किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं किया जा सकता, यहां तक कि आपातकाल के दौरान भी।
अनुच्छेद 21, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा से संबंधित है, को किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं किया जा सकता, यहां तक कि आपातकाल के दौरान भी।
संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार, सिखों को कृपाण धारण करने और रखने का अधिकार उनके धार्मिक अभ्यास का हिस्सा नहीं माना जाता है।
संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार, सिखों को कृपाण धारण करने और रखने का अधिकार उनके धार्मिक अभ्यास का हिस्सा नहीं माना जाता है।
संपत्ति का अधिकार अब एक मौलिक अधिकार नहीं है, बल्कि इसे संविधान के अनुच्छेद 300A के तहत एक कानूनी अधिकार बना दिया गया है।
संपत्ति का अधिकार अब एक मौलिक अधिकार नहीं है, बल्कि इसे संविधान के अनुच्छेद 300A के तहत एक कानूनी अधिकार बना दिया गया है।
अनुच्छेद 19 के तहत वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में प्रेस की स्वतंत्रता शामिल नहीं है, यह केवल व्यक्तिगत नागरिकों तक सीमित है।
अनुच्छेद 19 के तहत वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में प्रेस की स्वतंत्रता शामिल नहीं है, यह केवल व्यक्तिगत नागरिकों तक सीमित है।
अनुच्छेद 32 के तहत, मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में केवल उच्च न्यायालयों (High Courts) को ही रिट जारी करने का अधिकार है, सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) को नहीं।
अनुच्छेद 32 के तहत, मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले में केवल उच्च न्यायालयों (High Courts) को ही रिट जारी करने का अधिकार है, सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) को नहीं।
शिक्षा का अधिकार (Right to Education) अनुच्छेद 21A के तहत 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करता है।
शिक्षा का अधिकार (Right to Education) अनुच्छेद 21A के तहत 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करता है।
अनुच्छेद 14 केवल भारतीय नागरिकों को उपलब्ध है, विदेशियों को नहीं, क्योंकि यह कानून के समक्ष समानता की बात करता है।
अनुच्छेद 14 केवल भारतीय नागरिकों को उपलब्ध है, विदेशियों को नहीं, क्योंकि यह कानून के समक्ष समानता की बात करता है।
Flashcards
मौलिक अधिकारों का महत्व
मौलिक अधिकारों का महत्व
ये अधिकार नागरिकों को राज्य की मनमानी और अत्याचार से बचाते हैं।
कानून के समक्ष समानता
कानून के समक्ष समानता
राज्य सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समान रूप से मानेगा।
वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
सभी नागरिकों को वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है।
जीवन और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
जीवन और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
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मानव के दुर्व्यापार का प्रतिषेध
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धर्म की स्वतंत्रता
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अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
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संवैधानिक उपचारों का अधिकार
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मौलिक अधिकारों का निलंबन
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मौलिक अधिकार
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Study Notes
- मौलिक अधिकार भारतीय संविधान द्वारा भारत के नागरिकों को प्रदत्त वे अधिकार हैं जो देश के कानून द्वारा भी संरक्षित हैं
मौलिक अधिकारों का महत्व
- ये अधिकार नागरिकों को राज्य की मनमानी और अत्याचार से बचाते हैं
- मौलिक अधिकार नागरिकों के व्यक्तिगत विकास और सामाजिक प्रगति के लिए आवश्यक हैं
- ये अधिकार न्यायपालिका द्वारा प्रवर्तनीय हैं, जिसका अर्थ है कि यदि इनका उल्लंघन होता है तो नागरिक अदालत में जा सकते हैं
मौलिक अधिकारों का वर्गीकरण
- भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों को छह श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:
समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
- कानून के समक्ष समानता: राज्य सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समान रूप से मानेगा
- धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध: राज्य किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा
- सार्वजनिक रोजगार में अवसर की समानता: राज्य सभी नागरिकों को सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर प्रदान करेगा
- अस्पृश्यता का अंत: अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया है और इसका किसी भी रूप में अभ्यास करना निषिद्ध है
- उपाधियों का अंत: राज्य सैन्य या शैक्षणिक विशिष्टताओं को छोड़कर कोई भी उपाधि प्रदान नहीं करेगा
स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
- वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: सभी नागरिकों को वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, जिसमें विचार व्यक्त करने, भाषण देने और जानकारी प्राप्त करने की स्वतंत्रता शामिल है
- शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के इकट्ठा होने की स्वतंत्रता: सभी नागरिकों को शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के इकट्ठा होने का अधिकार है
- संघ या सहकारी समितियाँ बनाने की स्वतंत्रता: सभी नागरिकों को संघ या सहकारी समितियाँ बनाने का अधिकार है
- भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र अबाध रूप से घूमने की स्वतंत्रता: सभी नागरिकों को भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र अबाध रूप से घूमने का अधिकार है
- भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भी भाग में निवास करने और बस जाने की स्वतंत्रता: सभी नागरिकों को भारत के राज्यक्षेत्र में किसी भी भाग में निवास करने और बस जाने का अधिकार है
- कोई भी वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता: सभी नागरिकों को कोई भी वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता है
- अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण: किसी भी व्यक्ति को अपराध के लिए तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता जब तक कि उसने किसी कानून का उल्लंघन न किया हो और उसे अपने खिलाफ गवाही देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है
- जीवन और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण: किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही उसके जीवन या दैहिक स्वतंत्रता से वंचित किया जा सकता है
- कुछ मामलों में गिरफ्तारी और नजरबंदी के खिलाफ संरक्षण: किसी भी व्यक्ति को बिना बताए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और उसे अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने और बचाव करने का अधिकार है
शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
- मानव के दुर्व्यापार और बलात् श्रम का प्रतिषेध: मानव के दुर्व्यापार और बलात् श्रम को निषिद्ध किया गया है
- बालकों के नियोजन का प्रतिषेध: 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को किसी कारखाने या खदान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जा सकता है
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
- अंतःकरण की और धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता: सभी नागरिकों को अंतःकरण की और धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता का अधिकार है
- धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता: सभी धार्मिक समुदायों को अपने धार्मिक कार्यों का प्रबंधन करने का अधिकार है
- किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय से स्वतंत्रता: किसी भी व्यक्ति को किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है
- कुछ शिक्षा संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने से स्वतंत्रता: किसी भी व्यक्ति को उसकी सहमति के बिना किसी भी शिक्षा संस्थान में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29-30)
- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण: अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार है
- शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार: अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी पसंद के शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का अधिकार है
संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
- इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार: यदि किसी नागरिक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो वह सीधे सर्वोच्च न्यायालय में जा सकता है
मौलिक अधिकारों का निलंबन
- आपातकाल की स्थिति में, राष्ट्रपति मौलिक अधिकारों को निलंबित कर सकते हैं, लेकिन अनुच्छेद 20 और 21 को निलंबित नहीं किया जा सकता है
मौलिक अधिकारों की आलोचना
- मौलिक अधिकारों की आलोचना इस आधार पर की जाती है कि वे सीमित हैं और उन पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं
- कुछ आलोचकों का यह भी मानना है कि मौलिक अधिकार सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त नहीं हैं
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