महावीर स्वामी: जीवन और उपदेश
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Questions and Answers

महावीर स्वामी का बचपन का नाम क्या था?

वर्धमान

महावीर स्वामी ने कितने साल तक कठिन तपस्या की?

22 वर्ष

महावीर स्वामी को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई?

ऋनुपालिका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे

महावीर स्वामी ने किन नियमों को पंचायन धर्म कहा?

<p>संपति न रखना</p> Signup and view all the answers

महावीर स्वामी ने अंतिम उपदेश कहाँ दिया?

<p>पावापुरी</p> Signup and view all the answers

महावीर स्वामी के प्रमुख अनुयायी कौन-कौन थे?

<p>भद्रबाहु</p> Signup and view all the answers

महावीर स्वामी ने मूर्ति पूजा का समर्थन किया।

<p>False</p> Signup and view all the answers

महावीर स्वामी की मृत्यु कब और कहाँ हुई?

<p>468 ई. पू. में बिहार राज्य के पावापुरी में</p> Signup and view all the answers

महावीर स्वामी के पहले भिक्षु का नाम क्या था?

<p>दामाद जमालि</p> Signup and view all the answers

Study Notes

महावीर स्वामी का जीवन परिचय

  • महावीर स्वामी के पिता कुंडग्राम के लान्त्रिक वंश के राजा थे।
  • महावीर का बचपन का नाम वर्धमान था।
  • माता-पिता की मृत्यु के बाद 10 वर्ष की आयु में अपने बड़े भाई नंदीवर्धन से अनुमति लेकर संन्यास जीवन का स्वीकार किया।

ज्ञान की प्राप्ति

  • 22 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद ऋनुपालिका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति की।
  • ज्ञान की प्राप्ति को "कैवल्य" कहा जाता है।
  • इस समय से महावीर स्वामी अर्हत (पूज्य) और जिन (विजेता) कहलाए।

उपदेश और नियम

  • महावीर स्वामी ने अपने उपदेश प्राकृत भाषा में दिए।
  • पहला उपदेश राजगीर में और अंतिम उपदेश पावापुरी में दिया।
  • उनके पहले भिक्षु दामाद जमालि थे।
  • ज्ञान प्राप्ति के बाद महावीर स्वामी ने कुल 5 नियम बताए, जिन्हें पंचायन धर्म कहा जाता है:
    • हिंसा न करना
    • सदा सत्य बोलना
    • चोरी न करना
    • सम्पत्ति न रखना
    • ब्रह्मचर्य का पालन करना

त्रिरत्न और मान्यताएँ

  • महावीर स्वामी ने त्रिरत्न दिए:
    • सम्यक दर्शन
    • सम्यक ज्ञान
    • सम्यक आचरण
  • जैन धर्म में ईश्वर की बजाय आत्मा की मान्यता है।
  • मूर्ति पूजा और कर्मकांड का विरोध किया गया।
  • पुनर्जन्म को माना गया, आत्मा को सबसे बड़ा कारण बताया गया।

महावीर स्वामी का निधन

  • महावीर स्वामी का निधन (निर्वाण) 468 ई.पूर्व में 72 वर्ष की आयु में बिहार राज्य के पावापुरी में हुआ।

अनुयायी और जैन धर्म का प्रचार

  • दो प्रमुख अनुयायी:
    • स्थूलभद्र (श्वेतांबर - श्वेत वस्त्र धारण करने वाले)
    • भद्रबाहु (दिगंबर - नग्न रहने वाले)
  • मौर्य काल में 72 वर्ष का भीषण अकाल पड़ा, जिसके कारण भद्रबाहु अपने अनुयायियों के साथ कर्नाटक चले गए, जिसमें चंद्रगुप्त मौर्य भी शामिल थे, जिन्होंने श्रवणबेलगोला में "संलेखना" विधि से प्राण त्याग दिए।
  • जैन धर्म के प्रचार के लिए दो जैन संगीतिया हुईं।

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Description

महावीर स्वामी जी के जीवन, उनके तप और ज्ञान प्राप्ति की यात्रा पर आधारित यह क्विज आपको उनके अद्भुत कार्यों और उपदेशों के बारे में बताएगा। यह क्विज महावीर स्वामी के आध्यात्मिक जीवन और उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करता है।

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