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Questions and Answers
'लोक' शब्द किस धातु से बना है?
'लोक' शब्द किस धातु से बना है?
- वद्
- पठ्
- दृश्य
- लोक (correct)
'लोक' शब्द का अर्थ 'सुनने वाला' होता है।
'लोक' शब्द का अर्थ 'सुनने वाला' होता है।
False (B)
डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल के अनुसार, लोक किसका अमर स्वरूप है?
डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल के अनुसार, लोक किसका अमर स्वरूप है?
राष्ट्र
डॉ. सत्येन्द्र के अनुसार, लोक मनुष्य समाज का वह वर्ग है जो अभिजात्य संस्कार, शास्त्रीयता और _________ की चेतना से शून्य है।
डॉ. सत्येन्द्र के अनुसार, लोक मनुष्य समाज का वह वर्ग है जो अभिजात्य संस्कार, शास्त्रीयता और _________ की चेतना से शून्य है।
संस्कृत में 'लोक' धातु से 'घञ्' प्रत्यय लगने पर लट् लकार, अन्य पुरुष, एक वचन में क्या रूप बनता है?
संस्कृत में 'लोक' धातु से 'घञ्' प्रत्यय लगने पर लट् लकार, अन्य पुरुष, एक वचन में क्या रूप बनता है?
त्रिलोचन पाण्डेय के अनुसार जन साहित्य में क्या समाहित है?
त्रिलोचन पाण्डेय के अनुसार जन साहित्य में क्या समाहित है?
डा. विद्या चौहान के अनुसार, लोक साहित्य में प्राणियों के जीवन का व्यापार शामिल नहीं है।
डा. विद्या चौहान के अनुसार, लोक साहित्य में प्राणियों के जीवन का व्यापार शामिल नहीं है।
डा. देव सिंह पोखरिया के अनुसार, लोक साहित्य किस रूप में प्रचलित है?
डा. देव सिंह पोखरिया के अनुसार, लोक साहित्य किस रूप में प्रचलित है?
डा. देव सिंह पोखरिया के अनुसार, लोक साहित्य लोक मानस की ________ अभिव्यक्ति है।
डा. देव सिंह पोखरिया के अनुसार, लोक साहित्य लोक मानस की ________ अभिव्यक्ति है।
किसके अनुसार लोक साहित्य में क्षण-क्षण की अनुभूतियाँ शामिल हैं?
किसके अनुसार लोक साहित्य में क्षण-क्षण की अनुभूतियाँ शामिल हैं?
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार, 'लोक' शब्द का क्या अर्थ है?
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार, 'लोक' शब्द का क्या अर्थ है?
'लोक साहित्य' शब्द केवल एक शब्द से बना है।
'लोक साहित्य' शब्द केवल एक शब्द से बना है।
अंग्रेजी में 'लोक साहित्य' के पर्याय के रूप में किस शब्द का प्रयोग होता है?
अंग्रेजी में 'लोक साहित्य' के पर्याय के रूप में किस शब्द का प्रयोग होता है?
लिटरेचर शब्द '______' से निकला है।
लिटरेचर शब्द '______' से निकला है।
डॉ. पोखरिया के अनुसार साहित्य की आत्मा किसमें संकुचित नहीं हो सकती?
डॉ. पोखरिया के अनुसार साहित्य की आत्मा किसमें संकुचित नहीं हो सकती?
मौखिक साहित्य को साहित्य में शामिल नहीं किया जा सकता।
मौखिक साहित्य को साहित्य में शामिल नहीं किया जा सकता।
डॉ. धीरेन्द्र वर्मा के अनुसार, लोक साहित्य क्या है?
डॉ. धीरेन्द्र वर्मा के अनुसार, लोक साहित्य क्या है?
डॉ. धीरेन्द्र वर्मा के अनुसार, किसमें लोक-मानस प्रतिबिम्बित रहता है?
डॉ. धीरेन्द्र वर्मा के अनुसार, किसमें लोक-मानस प्रतिबिम्बित रहता है?
कृष्णदेव उपाध्याय के अनुसार लोक साहित्य में किसकी अभिव्यंजना होती है?
कृष्णदेव उपाध्याय के अनुसार लोक साहित्य में किसकी अभिव्यंजना होती है?
लोक साहित्य केवल शहरी लोगों का साहित्य है।
लोक साहित्य केवल शहरी लोगों का साहित्य है।
लोक साहित्य किस रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता है?
लोक साहित्य किस रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता है?
लोक साहित्य में किसकी तरह साहित्य शास्त्र के नियमों का बंधन नहीं रहता?
लोक साहित्य में किसकी तरह साहित्य शास्त्र के नियमों का बंधन नहीं रहता?
लोक साहित्य का विषय क्षेत्र कैसा है?
लोक साहित्य का विषय क्षेत्र कैसा है?
लोक साहित्य, लोक संस्कृति का अभिन्न अंग नहीं है।
लोक साहित्य, लोक संस्कृति का अभिन्न अंग नहीं है।
लोक साहित्य का मुख्य सौंदर्य किसमें है?
लोक साहित्य का मुख्य सौंदर्य किसमें है?
सामाजिक परिवर्तन के साथ-साथ लोक साहित्य की ______ बदल जाती है।
सामाजिक परिवर्तन के साथ-साथ लोक साहित्य की ______ बदल जाती है।
लोक साहित्य में रचनाकार का नाम ज्ञात रहता है या अज्ञात?
लोक साहित्य में रचनाकार का नाम ज्ञात रहता है या अज्ञात?
लोक साहित्य में कला और सौंदर्य का बंधन हमेशा रहता है।
लोक साहित्य में कला और सौंदर्य का बंधन हमेशा रहता है।
शिष्ट साहित्य का उद्भव और विकास किससे होता है?
शिष्ट साहित्य का उद्भव और विकास किससे होता है?
लोक साहित्य की अभिव्यक्ति _______, सहज, स्वच्छंद एवं प्रवाहमयी होती है।
लोक साहित्य की अभिव्यक्ति _______, सहज, स्वच्छंद एवं प्रवाहमयी होती है।
लोक साहित्य में कौन सी चीज़ पीढ़ी दर पीढ़ी परिवर्तित होती रहती है?
लोक साहित्य में कौन सी चीज़ पीढ़ी दर पीढ़ी परिवर्तित होती रहती है?
लोक साहित्य केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है, भविष्य के लिए नहीं।
लोक साहित्य केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है, भविष्य के लिए नहीं।
राम और कृष्ण को लेकर शिष्ट साहित्य की रचनाएँ किस आधार पर रची गई हैं?
राम और कृष्ण को लेकर शिष्ट साहित्य की रचनाएँ किस आधार पर रची गई हैं?
Flashcards
लोक शब्द का अर्थ
लोक शब्द का अर्थ
'लोक' शब्द का अर्थ 'देखने वाला' है।
लोक का महासमुद्र
लोक का महासमुद्र
डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल के अनुसार, लोक हमारे जीवन का महासमुद्र है जिसमें भूत, भविष्य, वर्तमान सब कुछ संचित है।
लोक का अमर स्वरूप
लोक का अमर स्वरूप
लोक का अमर स्वरूप राष्ट्र का आकार है।
लोक और संस्कार
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लोक की परम्परा
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आचार्य हजारा प्रसाद द्विवेदी
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लोक
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लोक साहित्य
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मौखिक साहित्य
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साहित्य की आत्मा
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डा. पोखरिया
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डॉ. धीरेन्द्र वर्मा
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लोक-मानस
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जन साहित्य
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लोक साहित्य के तत्व
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प्राणियों के जीवन का व्यापार
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मौखिक और पारंपरिक अभिव्यक्ति
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निर्वैयक्तिक भावावेग
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मौखिक परंपरा
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परिवर्तनशीलता
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शिष्ट साहित्य
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सामाजिक परिवर्तन
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सहज अभिव्यक्ति
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अज्ञात रचनाकार
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व्यापक विषय क्षेत्र
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संस्कृति
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जन्म से ही चलते रहना
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भावनात्मक अभिव्यक्ति
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प्राकृतिक अवस्था
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स्वच्छंदता
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संवर्धन का महत्व
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Study Notes
लोक शब्द की उत्पत्ति और अर्थ
- 'लोक' शब्द संस्कृत की 'लोक' (दर्शन) धातु से 'घञ्' प्रत्यय से बना है।
- लट् लकार, अन्य पुरुष, एकवचन में इसका रूप 'लोकते' बनता है।
- 'लोक' का अर्थ है 'देखने वाला'।
- 'लोक' शब्द समस्त जन समुदाय को दर्शाता है।
लोक शब्द की विभिन्न परिभाषाएँ
- डा. वासुदेवशरण अग्रवाल: लोक जीवन का महासमुद्र है, जिसमें भूत, भविष्य, वर्तमान सब शामिल हैं। यह राष्ट्र का अमर स्वरूप है, जिसमें सभी शास्त्रों का पर्यवसान होता है।
- डा. सत्येन्द्र: लोक, समाज का वह वर्ग है, जो अभिजात्य संस्कार, शास्त्रीयता और पाण्डित्य से मुक्त है, और एक परंपरा में जीवित रहता है।
- आचार्य हजारा प्रसाद द्विवेदी: लोक शब्द का अर्थ 'जन-पद' या 'ग्राम्य' नहीं है, बल्कि नगरों और गांवों की समूची आबादी है, जिनके ज्ञान का आधार पोथियाँ नहीं हैं, बल्कि ये सरल और अकृत्रिम जीवन जीते हैं।
लोक साहित्य की परिभाषा और विशेषताएँ
-
लोक साहित्य 'लोक' और 'साहित्य' के योग से बना शब्द है, जो 'फोक लिटरेचर' का पर्याय है।
-
'लिटरेचर' शब्द 'लैटर्स' से बना है, इसका अर्थ लिखित साहित्य है।
-
लोक साहित्य मौखिक रूप से पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होता है।
-
डा. धीरेन्द्र वर्मा: लोक साहित्य मौखिक अभिव्यक्ति है, जो आम लोगों द्वारा बनाई जाती है जिसमें युग-युगीन वाणी-साधना समाहित होती है।
-
डा. त्रिलोचन पाण्डेय: लोक साहित्य उन परंपरागत, मौखिक और लिखित रचनाओं का समूह है, जो सामान्य जन द्वारा निर्मित होते हैं, जिसमें विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों की परंपराएँ और आदर्श शामिल होते हैं।
-
डा. विद्या चौहान: लोक साहित्य लोगों के जीवन के क्षण-क्षण, विचार, भावना, और क्रियाकलापों का सजीव साकार रूप है।
-
डा. देव सिंह पोखरिया: लोक की भाषा अथवा बोली में मौखिक और परंपरागत रूप से प्रचलित, भावनापूर्ण, समग्र जीवन अनुभूतियों की अभिव्यक्ति है।
-
डा. कृष्णदेव उपाध्याय: लोक साहित्य उस जनता की आशा, निराशा, हर्ष, विषाद, जीवन-मरण, लाभ-हानि, सुख-दुख की अभिव्यक्ति है जो सभ्यता में रूचि नहीं लेती।
लोक साहित्य की विशेषताएँ
- लोक साहित्य श्रुति-परंपरा पर आधारित होता है।
- लोक साहित्य में निर्वैयक्तिकता होती है।
- इसमें द्विरुक्ति और आवृति होती है।
- इसमें नाम परिगणनात्मकता होती है।
- यह स्वाभाविक, सहज, और अकृत्रिम होती है।
- इसमें गेयता और रसात्मकता का महत्व होता है।
- इसमें शिल्पगत शास्त्रीयता का अभाव होता है।
- लोक साहित्य सम-सामयिकता की सटीक, गतिशील अभिव्यक्ति होती है।
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Description
लोक साहित्य की परिभाषा और अर्थ के बारे में प्रश्नोत्तरी। इसमें 'लोक' शब्द की व्युत्पत्ति, विभिन्न विद्वानों के अनुसार इसका अर्थ, और लोक साहित्य के तत्वों को शामिल किया गया है।