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Questions and Answers
विज्ञान में 'कार्य' शब्द का उपयोग दैनिक जीवन में उपयोग से किस प्रकार भिन्न है?
विज्ञान में 'कार्य' शब्द का उपयोग दैनिक जीवन में उपयोग से किस प्रकार भिन्न है?
- विज्ञान में 'कार्य' हमेशा ऊर्जा के उपयोग को दर्शाता है, जबकि दैनिक जीवन में यह किसी भी प्रकार के प्रयास को दर्शाता है।
- विज्ञान में, 'कार्य' हमेशा सकारात्मक होता है, जबकि दैनिक जीवन में यह नकारात्मक भी हो सकता है।
- विज्ञान में 'कार्य' तभी माना जाता है जब बल लगाने से वस्तु में विस्थापन हो, जबकि दैनिक जीवन में यह मानसिक प्रयास को भी शामिल कर सकता है। (correct)
- विज्ञान में 'कार्य' का कोई विशेष अर्थ नहीं है, यह केवल दैनिक उपयोग का समानार्थी है।
एक कुली 15 kg का भार अपने सिर पर 1.5 m ऊपर उठाता है। कुली द्वारा भार पर किया गया कार्य कितना होगा?
एक कुली 15 kg का भार अपने सिर पर 1.5 m ऊपर उठाता है। कुली द्वारा भार पर किया गया कार्य कितना होगा?
- 150 J
- 0 J
- 100 J
- 225 J (correct)
निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति विज्ञान के अनुसार 'कार्य' का उदाहरण नहीं है?
निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति विज्ञान के अनुसार 'कार्य' का उदाहरण नहीं है?
- एक व्यक्ति का दीवार को धक्का देना, लेकिन दीवार का न हिलना। (correct)
- सीढ़ियों पर चढ़कर एक व्यक्ति का ऊपर जाना।
- एक घोड़े का गाड़ी को खींचना।
- एक बच्चे का खिलौना कार को धकेलना।
एक वस्तु एक समान वेग से एक सीधी रेखा में गति कर रही है। उस पर विपरीत दिशा में एक मंदक बल (retarding force) लगाया जाता है, जिससे वह कुछ दूरी तय करने के बाद रुक जाती है। इस स्थिति में, बल और विस्थापन के बीच कोण कितना होगा?
एक वस्तु एक समान वेग से एक सीधी रेखा में गति कर रही है। उस पर विपरीत दिशा में एक मंदक बल (retarding force) लगाया जाता है, जिससे वह कुछ दूरी तय करने के बाद रुक जाती है। इस स्थिति में, बल और विस्थापन के बीच कोण कितना होगा?
निम्नलिखित में से कौन सा कथन कार्य और ऊर्जा के बीच संबंध को सबसे अच्छी तरह से दर्शाता है?
निम्नलिखित में से कौन सा कथन कार्य और ऊर्जा के बीच संबंध को सबसे अच्छी तरह से दर्शाता है?
Fdl fLFkfr esa cy }kjk fd;k x;k dk;Z _.kkRed ekuk tkrk gS?
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Fd;s x;s dk;Z dk O;atd D;k gS] tc cy oLrq osQ foLFkkiu dh fn'kk esa gks?
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1 J dk;Z dks dSls ifjHkkf"kr fd;k tkrk gS?
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Fdlh cy }kjk fd;k x;k dk;Z D;k gks ldrk gS?
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Flashcards
dk;Z (Work)
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tSo izØe (Life Processes)
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dk;Z dk lw= (Work Formula)
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dk;Z dh bdkbZ (Unit of Work)
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ऋणात्मक कार्य
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धनात्मक कार्य
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1 जूल (J) को परिभाषित करें
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कार्य: धनात्मक या ऋणात्मक
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ऊर्जा की परिभाषा
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Study Notes
अध्याय 10: कार्य तथा ऊर्जा
- कार्य एक अवधारणा है जो प्राकृतिक घटनाओं को समझने में सहायक है।
- ऊर्जा और शक्ति का कार्य से गहरा संबंध है।
10.1 कार्य
- दैनिक जीवन में 'कार्य' शब्द का अर्थ विज्ञान में इसके उपयोग से भिन्न है।
10.1.1 कठोर काम करने के बावजूद कुछ अधिक 'कार्य' नहीं!
- विज्ञान के अनुसार, यदि किसी वस्तु पर बल लगाने के बावजूद उसमें कोई विस्थापन न हो, तो कार्य नहीं किया गया।
- उदाहरण: दीवार को धक्का देना।
10.1.2 कार्य की वैज्ञानिक संकल्पना
- विज्ञान के दृष्टिकोण से कार्य होने के लिए दो शर्तें आवश्यक हैं: वस्तु पर बल लगना चाहिए, वस्तु में विस्थापन होना चाहिए।
- यदि इनमे से कोई भी शर्त पूरी नहीं होती है तो कार्य नहीं हुआ।
- उदाहरण: गुटके को धकेलना, ट्रॉली को खींचना, पुस्तक को उठाना।
10.1.3 एक नियत बल द्वारा किया गया कार्य
-
यदि कोई नियत बल (F) किसी वस्तु को अपनी दिशा में (s) दूरी तक विस्थापित करता है, तो किया गया कार्य (W) बल और विस्थापन के गुणनफल के बराबर होता है: W = F x s
-
कार्य में केवल परिमाण होता है, दिशा नहीं।
-
कार्य का मात्रक जूल (J) है: 1 J = 1 N x 1 m
-
यदि बल या विस्थापन शून्य है, तो किया गया कार्य भी शून्य होगा।
-
वस्तु पर लगने वाले बल द्वारा किया गया कार्य बल के परिमाण और बल की दिशा में चली गई दूरी के गुणनफल के बराबर होता है।
-
यदि बल विस्थापन की दिशा में है, तो कार्य धनात्मक होता है।
-
यदि बल विस्थापन की विपरीत दिशा में है, तो कार्य ऋणात्मक होता है।
10.2 ऊर्जा
- ऊर्जा के बिना जीवन असंभव है।
- सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है।
- ऊर्जा अनेक रूपों में मौजूद है: स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा, ऊष्मीय ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा, विद्युत् ऊर्जा, प्रकाश ऊर्जा।
10.2.1 ऊर्जा के रूप
- जिस वस्तु में कार्य करने की क्षमता होती है, उसमें ऊर्जा होती है।
- ऊर्जा का मात्रक वही है जो कार्य का है: जूल (J)
- 1 किलो जूल (kJ) = 1000 J
10.2.2 गतिज ऊर्जा
- किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं।
- गतिज ऊर्जा वस्तु की चाल के साथ बढ़ती है।
- m द्रव्यमान और v वेग से गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा (Ek) का सूत्र: Ek = (1/2)mv²
10.2.3 स्थितिज ऊर्जा
- किसी वस्तु द्वारा उसकी स्थिति या आकार में परिवर्तन के कारण प्राप्त ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
- किसी ऊँचाई पर वस्तु में संचित ऊर्जा को गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
- m द्रव्यमान की वस्तु को धरती से h ऊँचाई तक उठाने पर गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा (Ep) का सूत्र: Ep = mgh
10.2.4 किसी ऊँचाई पर वस्तु की स्थितिज ऊर्जा
- वस्तु को किसी ऊँचाई तक उठाने में उसकी ऊर्जा बढ़ती है क्योंकि गुरुत्व बल के विरुद्ध कार्य किया जाता है।
- गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा को धरती से उस बिंदु तक उठाने में गुरुत्वीय बल के विरूद्ध किए गए कार्य द्वारा परिभाषित किया जाता है।
- किसी ऊँचाई पर किसी वस्तु के गुरुत्वाकर्षण की स्थितिज ऊर्जा के लिए अभिव्यक्ति को खोजना आसान है।
10.2.5 क्या ऊर्जा के विभिन्न रूप परस्पर परिवर्तनीय है?
- ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है।
10.2.6 ऊर्जा संरक्षण का नियम
- ऊर्जा को केवल एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है; इसे बनाया या नष्ट नहीं किया जा सकता।
- रूपांतरण से पहले और बाद में कुल ऊर्जा हमेशा स्थिर रहती है।
- स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा = अचर
क्रियाकलाप 10.15
- m द्रव्यमान का कोई पिंड h ऊंचाई से स्वतंत्रतापूर्वक गिराया जाता है।
10.3 कार्य करने की दर
- शक्ति कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपांतरण की दर है।
- शक्ति (P) = कार्य (W) / समय (t)
- शक्ति का मात्रक वाट (W) है: 1 W = 1 J/s
- 1 किलोवाट (kW) = 1000 W
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