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Questions and Answers
फार्म अवशिष्टों से तैयार कम्पोस्ट में कौन-कौन सी सामग्री शामिल होती है?
फार्म अवशिष्टों से तैयार कम्पोस्ट में कौन-कौन सी सामग्री शामिल होती है?
- खरपतवार और फसल अवशेष (correct)
- ताजे फल और सब्जियाँ
- कृषि रसायन और भूसंरक्षण
- पानी और मिट्टी
नाडेप विधि में कितने दिन का समय कम्पोस्ट तैयार होने में लगता है?
नाडेप विधि में कितने दिन का समय कम्पोस्ट तैयार होने में लगता है?
- 90-120 दिन (correct)
- 30-60 दिन
- 120-150 दिन
- 60-90 दिन
शहर व कस्बों के अवशिष्टों से तैयार कम्पोस्ट में क्या शामिल होता है?
शहर व कस्बों के अवशिष्टों से तैयार कम्पोस्ट में क्या शामिल होता है?
- पशु चारा
- फसल अवशेष
- कार्बनिक कचरा (correct)
- विभिन्न प्रकार के खरपतवार
नाडेप कम्पोस्ट बनाने के लिए मुख्य सामग्री में से एक क्या है?
नाडेप कम्पोस्ट बनाने के लिए मुख्य सामग्री में से एक क्या है?
कम्पोस्ट बनाने के लिए नाडेप विधि में वायु का क्या महत्व है?
कम्पोस्ट बनाने के लिए नाडेप विधि में वायु का क्या महत्व है?
नाडेप कम्पोस्ट टैंक का आकार कैसा होता है?
नाडेप कम्पोस्ट टैंक का आकार कैसा होता है?
नाडेप कम्पोस्ट में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन पाया जाता है?
नाडेप कम्पोस्ट में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन पाया जाता है?
कम्पोस्ट बनाने की कौन सी विधि महाराष्ट्र के कृषक 'नाडेप काका' द्वारा विकसित की गई थी?
कम्पोस्ट बनाने की कौन सी विधि महाराष्ट्र के कृषक 'नाडेप काका' द्वारा विकसित की गई थी?
कम्पोस्ट टैंक की दीवारों में हवा के आवागमन के लिए क्या होना चाहिए?
कम्पोस्ट टैंक की दीवारों में हवा के आवागमन के लिए क्या होना चाहिए?
कम्पोस्ट बनाने की इन्दौर विधि में क्या विशेष है?
कम्पोस्ट बनाने की इन्दौर विधि में क्या विशेष है?
Study Notes
कम्पोस्ट के प्रकार
- कम्पोस्ट दो मुख्य प्रकार के होते हैं: फार्म अवशिष्टों से तैयार कम्पोस्ट और शहर व कस्बों के अवशिष्ट से तैयार कम्पोस्ट।
- फार्म अवशिष्टों से तैयार कम्पोस्ट में खरपतवार, फसल अवशेष, पशुओं का बचा हुआ चारा, पेड़-पौधों की पत्तियाँ आदि शामिल होते हैं।
- शहर व कस्बों के अवशिष्ट से तैयार कम्पोस्ट में शहर का मल, कूड़ा-करकट व अन्य कार्बनिक कचरा आदि शामिल होते हैं।
कम्पोस्ट बनाने की विधियाँ
- कम्पोस्ट बनाने के लिए कई विधियाँ हैं, जिनमें से इन्दौर विधि, बैंगलौर विधि और नाडेप विधि प्रमुख हैं।
नाडेप कम्पोस्ट
- नाडेप कम्पोस्ट, महाराष्ट्र के कृषक 'नाडेप काका' द्वारा विकसित की गई एक विधि है।
- इस विधि में कपास और अरहर के डंठल, गन्ने की पत्तियाँ (करीब 1400-1500 किलो), पशुओं का गोबर (90-100 किलो), सूखी छनी मृदा (1750 किलो) और पानी (मौसम के अनुसार) का उपयोग होता है।
- इस विधि में पशुओं के गोबर का कम प्रयोग होता है।
- कम्पोस्ट तैयार होने में 90-120 दिन का समय लगता है।
- नाडेप कम्पोस्ट में 0.5-1.5 प्रतिशत नाइट्रोजन, 0.5-0.9 प्रतिशत फॉस्फोरस और 1.2-1.4 प्रतिशत पौटेशियम होता है।
नाडेप कम्पोस्ट टैंक
- नाडेप कम्पोस्ट के लिए टैंक ईंट या पत्थर से बनाया जाता है, जमीन के ऊपर रखा जाता है।
- टैंक आयताकार होता है, जिसकी लंबाई 10 फीट, चौड़ाई 6 फीट और ऊँचाई 3 फीट होती है।
- टैंक की दीवार 9 इंच मोटी होती है और ऊपरी ईंटें सीमेन्ट से जोड़ी जाती हैं।
- हवा के आवागमन के लिए टैंक की चारों दीवारों में 7 इंच चौड़े छेद छोड़े जाते हैं, जो एकान्तर में रखे जाते हैं।
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Description
इस क्विज़ में आप कम्पोस्ट के विभिन्न प्रकारों और बनाने की विधियों के बारे में जानेंगे। कम्पोस्ट, जो कृषि में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, फार्म अवशिष्टों और शहरी कचरे से तैयार किया जा सकता है। यहाँ नाडेप कम्पोस्ट की विशेषताओं और अन्य विधियों का भी उल्लेख किया गया है।