क्लासिकल मैकेनिक्स: अवलोकन

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Questions and Answers

यदि एक वस्तु पर कोई बाहरी बल नहीं लग रहा है, तो न्यूटन के पहले नियम के अनुसार, उसकी गति की स्थिति कैसी रहेगी?

  • वस्तु की गति धीरे-धीरे कम हो जाएगी।
  • वस्तु तुरंत रुक जाएगी।
  • वस्तु हमेशा अनियमित गति में रहेगी।
  • वस्तु स्थिर रहेगी या समान वेग से चलती रहेगी। (correct)

एक प्रणाली में, यदि कोई बाहरी बल नहीं लग रहा है, तो निम्नलिखित में से कौन सी भौतिक राशि संरक्षित रहेगी?

  • संवेग (मोमेंटम) हमेशा संरक्षित रहेगा। (correct)
  • गतिज ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहेगी।
  • कुल ऊर्जा हमेशा बढ़ेगी।
  • इनमें से कोई नहीं।

कार्य (Work) को गणितीय रूप से कैसे परिभाषित किया जाता है, जहाँ F बल है, d विस्थापन है, और θ बल और विस्थापन के बीच का कोण है?

  • $W = F \times d \times cos(\theta)$ (correct)
  • $W = F / d$
  • $W = F + d$
  • $W = F \times d \times sin(\theta)$

घूर्णी गति (Rotational motion) में, बल आघूर्ण (Torque) की गणना करने का सूत्र क्या है, जहाँ r घूर्णन अक्ष से बल की दूरी है, F बल का परिमाण है, और θ बल और लीवर आर्म के बीच का कोण है?

<p>$\tau = rFsin(\theta)$ (B)</p> Signup and view all the answers

यदि एक ग्रह सूर्य के चारों ओर एक अण्डाकार कक्षा में घूम रहा है, तो केप्लर के दूसरे नियम के अनुसार, ग्रह की गति के बारे में क्या सत्य है?

<p>ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक होने पर तेज गति से चलता है। (A)</p> Signup and view all the answers

सरल आवर्त गति (Simple Harmonic Motion) में, वेग (velocity) को समय के साथ कैसे व्यक्त किया जाता है, जहाँ A आयाम है, ω कोणीय आवृत्ति है, और φ प्रारंभिक कला है?

<p>$v(t) = -A\omega sin(\omega t + \varphi)$ (D)</p> Signup and view all the answers

अनुप्रस्थ तरंगों (Transverse waves) में दोलन की दिशा, प्रसार की दिशा से किस प्रकार संबंधित होती है?

<p>दोलन प्रसार की दिशा के लंबवत होते हैं। (D)</p> Signup and view all the answers

एक बंद प्रणाली में, यदि कोई बाहरी बल कार्य नहीं करता है, तो कुल कोणीय संवेग (angular momentum) का क्या होता है?

<p>कुल कोणीय संवेग स्थिर रहता है। (C)</p> Signup and view all the answers

लोचदार टकराव (elastic collision) में, निम्नलिखित में से कौन सी भौतिक राशि संरक्षित रहती है?

<p>संवेग और गतिज ऊर्जा दोनों। (C)</p> Signup and view all the answers

यदि एक वस्तु पर लगने वाला बल दोगुना कर दिया जाए, तो न्यूटन के दूसरे नियम के अनुसार, वस्तु के त्वरण (acceleration) पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

<p>त्वरण दोगुना हो जाएगा। (A)</p> Signup and view all the answers

गुरुत्वाकर्षण विभव ऊर्जा (Gravitational potential energy) के लिए सही सूत्र क्या है, जहाँ G गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है, m1 और m2 दो वस्तुओं के द्रव्यमान हैं, और r उनके बीच की दूरी है?

<p>$U = -Gm_1m_2/r$ (C)</p> Signup and view all the answers

सरल लोलक (simple pendulum) के आवर्तकाल (Period) का सूत्र क्या है, जहाँ L लोलक की लंबाई है और g गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण है?

<p>$T = 2\pi\sqrt{\frac{L}{g}}$ (B)</p> Signup and view all the answers

डॉपलर प्रभाव (Doppler effect) किससे संबंधित है?

<p>तरंग की आवृत्ति में परिवर्तन, जब स्रोत और पर्यवेक्षक एक दूसरे के सापेक्ष गतिमान हों। (C)</p> Signup and view all the answers

एक वस्तु पर एक बल लगाया जाता है जिससे वह 5 मीटर की दूरी तक चलती है। यदि बल और विस्थापन के बीच का कोण 60 डिग्री है और बल का परिमाण 10 न्यूटन है, तो वस्तु पर किया गया कार्य कितना होगा?

<p>25 जूल (A)</p> Signup and view all the answers

एक 2 किलोग्राम की वस्तु 3 मीटर/सेकंड की गति से चल रही है। उसकी गतिज ऊर्जा (Kinetic energy) कितनी होगी?

<p>9 जूल (D)</p> Signup and view all the answers

एक स्प्रिंग को 0.1 मीटर तक खींचने पर उसकी स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) 2 जूल है। यदि स्प्रिंग का स्प्रिंग स्थिरांक (Spring constant) k है, तो k का मान क्या होगा?

<p>400 N/m (A)</p> Signup and view all the answers

एक 5 किलोग्राम की वस्तु पर 10 न्यूटन का बल 2 सेकंड के लिए लगाया जाता है। वस्तु के संवेग (Momentum) में परिवर्तन कितना होगा?

<p>20 kg m/s (A)</p> Signup and view all the answers

पृथ्वी की सतह पर एक 1 किलोग्राम की वस्तु की गुरुत्वाकर्षण स्थितिज ऊर्जा (Gravitational potential energy) क्या होगी, यदि उसे सतह से 10 मीटर ऊपर उठाया जाए? (मान लीजिए g = 9.8 मीटर/सेकंड^2)

<p>98 जूल (A)</p> Signup and view all the answers

एक पहिया 2 रेडियन/सेकंड^2 के कोणीय त्वरण (Angular acceleration) से घूम रहा है। यदि पहिए का जड़त्व आघूर्ण (Moment of inertia) 5 किलोग्राम मीटर^2 है, तो पहिए पर लगने वाला बल आघूर्ण (Torque) क्या होगा?

<p>10 Nm (A)</p> Signup and view all the answers

दो तरंगें एक ही दिशा में यात्रा कर रही हैं और एक दूसरे के साथ व्यतिकरण (Interference) कर रही हैं। यदि एक तरंग का आयाम 3 मीटर है और दूसरी तरंग का आयाम 4 मीटर है, तो रचनात्मक व्यतिकरण (Constructive interference) की स्थिति में परिणामी आयाम (Resultant amplitude) क्या होगा?

<p>7 मीटर (A)</p> Signup and view all the answers

Flashcards

स्थिति (Position)

किसी वस्तु की स्थिति को परिभाषित करता है।

विस्थापन (Displacement)

स्थिति में परिवर्तन।

वेग (Velocity)

विस्थापन की परिवर्तन दर।

गति (Speed)

दूरी की परिवर्तन दर।

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त्वरण (Acceleration)

वेग की परिवर्तन दर।

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बल (Force)

एक क्रिया जो वस्तु की गति को बदल सकती है।

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द्रव्यमान (Mass)

बल लगाने पर, वस्तु के त्वरण का प्रतिरोध।

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जड़त्व (Inertia)

वस्तु की गति में परिवर्तन का विरोध करने की प्रवृत्ति।

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न्यूटन का पहला नियम (Law of Inertia)

विरामावस्था में वस्तु विरामावस्था में ही रहेगी, और गतिमान वस्तु उसी गति और दिशा में गतिमान रहेगी जब तक कि उस पर कोई बल न लगे।

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न्यूटन का दूसरा नियम

किसी वस्तु का त्वरण उस पर लगने वाले शुद्ध बल के सीधे आनुपातिक होता है, शुद्ध बल की दिशा में होता है, और वस्तु के द्रव्यमान के विपरीत आनुपातिक होता है।

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न्यूटन का तीसरा नियम

प्रत्येक क्रिया की एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।

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कार्य (Work)

कार्य तब होता है जब कोई बल किसी वस्तु को विस्थापित करता है।

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गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)

गति के कारण वस्तु में निहित ऊर्जा।

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स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)

वस्तु की स्थिति या विन्यास के कारण संग्रहीत ऊर्जा।

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संवेग (Momentum)

संवेग वस्तु के द्रव्यमान और वेग का गुणनफल है।

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आवेग (Impulse)

किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन।

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कोणीय विस्थापन (Angular Displacement)

कोणीय विस्थापन वह कोण है जिससे कोई वस्तु घूमती है।

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कोणीय वेग (Angular Velocity)

कोणीय विस्थापन के परिवर्तन की दर।

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कोणीय त्वरण (Angular Acceleration)

कोणीय वेग के परिवर्तन की दर।

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बल आघूर्ण (Torque)

बल की घूर्णन उत्पन्न करने की प्रवृत्ति।

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Study Notes

निश्चित रूप से, मैं मौजूदा अध्ययन नोट्स को नई जानकारी के साथ अपडेट कर सकता हूँ। चूंकि प्रदान किए गए टेक्स्ट में कोई नई जानकारी नहीं है, इसलिए मूल अध्ययन नोट्स अपरिवर्तित रहेंगे। यहां मूल नोट्स दिए गए हैं:

क्लासिकल मैकेनिक्स अवलोकन

  • क्लासिकल मैकेनिक्स स्थूल वस्तुओं की गति का वर्णन करता है, जैसे प्रक्षेप्य से लेकर मशीनरी के पुर्जे और खगोलीय वस्तुएँ, जैसे अंतरिक्ष यान, ग्रह और तारे।
  • यह आइजैक न्यूटन के गति के नियमों पर आधारित है।
  • यह गति का सटीक वर्णन करता है जब वस्तुएँ परमाणुओं से बहुत बड़ी होती हैं और प्रकाश की गति से बहुत धीमी गति से चलती हैं।

मुख्य अवधारणाएँ

  • स्थिति और विस्थापन: स्थिति किसी वस्तु के स्थान को परिभाषित करती है, जबकि विस्थापन स्थिति में परिवर्तन है।
  • वेग और गति: वेग विस्थापन के परिवर्तन की दर है (एक सदिश मात्रा), जबकि गति दूरी के परिवर्तन की दर है (एक अदिश मात्रा)।
  • त्वरण: त्वरण वेग के परिवर्तन की दर है।
  • बल: बल एक अंतःक्रिया है जो, जब विरोध नहीं किया जाता है, तो किसी वस्तु की गति को बदल देगा।
  • द्रव्यमान: द्रव्यमान एक वस्तु के त्वरण के प्रतिरोध का एक उपाय है जब एक बल लगाया जाता है।
  • जड़त्व: जड़त्व किसी वस्तु की गति की स्थिति में परिवर्तन का विरोध करने की प्रवृत्ति है।

न्यूटन के गति के नियम

  • पहला नियम (जड़त्व का नियम): विरामावस्था में एक वस्तु विरामावस्था में रहती है और गति में एक वस्तु उसी गति और उसी दिशा में गति में रहती है जब तक कि उस पर कोई बल न लगे।
  • दूसरा नियम: किसी वस्तु का त्वरण उस पर लगने वाले शुद्ध बल के सीधे आनुपातिक होता है, शुद्ध बल के समान दिशा में होता है, और वस्तु के द्रव्यमान के विपरीत आनुपातिक होता है (F = ma)।
  • तीसरा नियम: प्रत्येक क्रिया के लिए, एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।

कार्य और ऊर्जा

  • कार्य: कार्य तब किया जाता है जब कोई बल किसी वस्तु के विस्थापन का कारण बनता है। गणितीय रूप से, कार्य (W) को W = F * d * cos(θ) के रूप में परिभाषित किया गया है, जहाँ F बल है, d विस्थापन है, और θ बल और विस्थापन सदिशों के बीच का कोण है।
  • गतिज ऊर्जा: गतिज ऊर्जा (KE) वह ऊर्जा है जो किसी वस्तु के पास उसकी गति के कारण होती है, जो KE = (1/2)mv² द्वारा दी जाती है, जहाँ m द्रव्यमान है और v गति है।
  • स्थितिज ऊर्जा: संभावित ऊर्जा (PE) संचित ऊर्जा है जो किसी वस्तु की उसकी स्थिति या विन्यास के कारण होती है। उदाहरणों में गुरुत्वाकर्षण संभावित ऊर्जा (PE = mgh) और लोचदार संभावित ऊर्जा (PE = (1/2)kx²) शामिल हैं।
  • ऊर्जा का संरक्षण: एक बंद प्रणाली में, कुल ऊर्जा स्थिर रहती है; ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, लेकिन इसे एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
  • शक्ति: शक्ति वह दर है जिस पर काम किया जाता है या ऊर्जा स्थानांतरित की जाती है (P = W/t)।

संवेग और आवेग

  • संवेग: संवेग (p) किसी वस्तु के द्रव्यमान (m) और वेग (v) का गुणनफल है: p = mv।
  • आवेग: आवेग (J) किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन है। यह वस्तु पर लगने वाले बल (F) के बराबर होता है जो समय अंतराल (Δt) से गुणा किया जाता है जिसके दौरान बल कार्य करता है: J = FΔt = Δp।
  • संवेग का संरक्षण: एक बंद प्रणाली में, कुल संवेग स्थिर रहता है यदि प्रणाली पर कोई बाहरी बल नहीं लगता है।
  • टक्करें: टक्करें लोचदार (गतिज ऊर्जा संरक्षित होती है) या अलोचदार (गतिज ऊर्जा संरक्षित नहीं होती है) हो सकती हैं। सभी टक्करों में, एक बंद प्रणाली में संवेग संरक्षित रहता है।

घूर्णी गति

  • कोणीय विस्थापन: कोणीय विस्थापन (θ) वह कोण है जिसके माध्यम से कोई वस्तु घूमती है।
  • कोणीय वेग: कोणीय वेग (ω) कोणीय विस्थापन के परिवर्तन की दर है।
  • कोणीय त्वरण: कोणीय त्वरण (α) कोणीय वेग के परिवर्तन की दर है।
  • टॉर्क: टॉर्क (τ) एक बल की घूर्णन पैदा करने की प्रवृत्ति है। इसकी गणना τ = rFsin(θ) के रूप में की जाती है, जहाँ r घूर्णन की धुरी से उस बिंदु तक की दूरी है जहाँ बल लगाया जाता है, F बल का परिमाण है, और θ बल और लीवर आर्म के बीच का कोण है।
  • जड़त्व आघूर्ण: जड़त्व आघूर्ण (I) किसी वस्तु की घूर्णी गति में परिवर्तन के प्रतिरोध का एक माप है। यह वस्तु के द्रव्यमान वितरण पर निर्भर करता है।
  • घूर्णी गतिज ऊर्जा: घूर्णी गतिज ऊर्जा किसी वस्तु के घूर्णन के कारण गतिज ऊर्जा है और इसे KE_rot = (1/2)Iω² द्वारा दिया जाता है।
  • कोणीय संवेग: कोणीय संवेग (L) किसी वस्तु की घूर्णी गति की मात्रा का एक माप है: L = Iω।
  • कोणीय संवेग का संरक्षण: एक बंद प्रणाली में, कुल कोणीय संवेग स्थिर रहता है यदि प्रणाली पर कोई बाहरी टॉर्क नहीं लगता है।

गुरुत्वाकर्षण

  • न्यूटन का सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम: प्रत्येक कण ब्रह्मांड में हर दूसरे कण को ​​एक बल से आकर्षित करता है जो उनके द्रव्यमान के उत्पाद के सीधे आनुपातिक होता है और उनके केंद्रों के बीच की दूरी के वर्ग के विपरीत आनुपातिक होता है (F = Gm1m2/r²)।
  • गुरुत्वाकर्षण संभावित ऊर्जा: दो द्रव्यमानों से जुड़ी गुरुत्वाकर्षण संभावित ऊर्जा U = -Gm1m2/r है।
  • केप्लर के ग्रहों की गति के नियम:
    • पहला नियम: प्रत्येक ग्रह की कक्षा एक दीर्घवृत्त होती है जिसके एक फोकस पर सूर्य होता है।
    • दूसरा नियम: एक ग्रह और सूर्य को जोड़ने वाली एक रेखा समय के समान अंतराल के दौरान समान क्षेत्रों को पार करती है।
    • तीसरा नियम: किसी ग्रह के कक्षीय काल का वर्ग उसकी कक्षा के अर्ध-प्रमुख अक्ष के घन के सीधे आनुपातिक होता है (T² ∝ a³)।

दोलन

  • सरल आवर्त गति (SHM): SHM एक प्रकार की आवधिक गति है जहाँ प्रत्यानयन बल विस्थापन के सीधे आनुपातिक होता है।
  • SHM में विस्थापन, वेग और त्वरण: विस्थापन x(t) = Acos(ωt + φ) है, वेग v(t) = -Aωsin(ωt + φ) है, और त्वरण a(t) = -Aω²cos(ωt + φ) है, जहाँ A आयाम है, ω कोणीय आवृत्ति है, और φ कला स्थिरांक है।
  • आवर्तकाल और आवृत्ति: आवर्तकाल (T) एक पूर्ण दोलन का समय है, और आवृत्ति (f) प्रति इकाई समय दोलनों की संख्या है (f = 1/T)।
  • SHM में ऊर्जा: SHM में कुल ऊर्जा स्थिर होती है और गतिज और संभावित ऊर्जाओं का योग होती है।
  • पेंडुलम: एक साधारण पेंडुलम विस्थापन के छोटे कोणों के लिए SHM प्रदर्शित करता है, जिसका आवर्तकाल T = 2π√(L/g) होता है, जहाँ L पेंडुलम की लंबाई है और g गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण है।
  • अवमंदित दोलन: अवमंदित दोलन तब होते हैं जब प्रणाली से ऊर्जा नष्ट हो जाती है, जिससे आयाम समय के साथ कम हो जाता है।
  • मजबूर दोलन और अनुनाद: मजबूर दोलन तब होते हैं जब एक दोलक पर एक बाहरी प्रेरक बल लगाया जाता है। अनुनाद तब होता है जब प्रेरक आवृत्ति दोलक की प्राकृतिक आवृत्ति के करीब होती है, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ा आयाम होता है।

तरंगें

  • तरंगों के प्रकार: अनुप्रस्थ तरंगों (जैसे, प्रकाश) में प्रसार की दिशा के लंबवत दोलन होते हैं, जबकि अनुदैर्ध्य तरंगों (जैसे, ध्वनि) में प्रसार की दिशा के समानांतर दोलन होते हैं।
  • तरंग गुण: तरंग दैर्ध्य (λ) क्रमिक शिखरों या गर्तों के बीच की दूरी है, आवृत्ति (f) प्रति इकाई समय एक बिंदु से गुजरने वाली तरंगों की संख्या है, और गति (v) प्रति इकाई समय में एक तरंग द्वारा तय की गई दूरी है (v = fλ)।
  • अध्यारोपण और व्यतिकरण: जब दो या दो से अधिक तरंगें ओवरलैप होती हैं, तो वे व्यतिकरण करती हैं। रचनात्मक व्यतिकरण तब होता है जब तरंगें कला में होती हैं, और विनाशकारी व्यतिकरण तब होता है जब तरंगें कला से बाहर होती हैं।
  • विवर्तन: विवर्तन बाधाओं के चारों ओर या खुले स्थानों के माध्यम से तरंगों का झुकना है।
  • डॉप्लर प्रभाव: डॉप्लर प्रभाव एक तरंग स्रोत के सापेक्ष गतिमान एक पर्यवेक्षक के संबंध में एक तरंग की आवृत्ति या तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन है।

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