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Questions and Answers
कूलम्ब का बल का नियम क्या है?
कूलम्ब का बल का नियम क्या है?
कूलम्ब का नियम यह बताता है कि दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच का बल आवेशों के गुणनफल के समानुपाती और उनके बीच की दूरी के वर्ग के विपरीत समानुपाती होता है।
कूलम्ब के नियम का सूत्र क्या है?
कूलम्ब के नियम का सूत्र क्या है?
F = k $rac{q_1 q_2}{r^2}$
एक विद्युतीय द्विध्रुव में काम करने के लिए किया गया कार्य का सूत्र क्या है?
एक विद्युतीय द्विध्रुव में काम करने के लिए किया गया कार्य का सूत्र क्या है?
W = pE [cosθ₁ - cosθ₂]
द्विध्रुव पर लगने वाली टॉर्क क्या होती है?
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निम्नलिखित में से कौन सा कूलम्ब का नियम को परिभाषित करता है?
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द्विध्रुव में टॉर्क के लिए सही सूत्र क्या है?
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Study Notes
कूलम्ब का नियम और स्थिर वैद्युत बल
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दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच लगने वाला बल, आवेशों के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
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दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच लगने वाले बल F = k * (q₁ * q₂) / r²
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जहाँ k एक स्थिरांक है, q₁ और q₂ आवेश हैं और r उनके बीच की दूरी है।
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k का मान 1 / (4π ε₀) है, जहाँ ε₀ मुक्त स्थान की परावैद्युतता है।
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k का मान 9 x 10⁹ न्यूटन-मीटर²/कूलाम² होता है।
एकसमान विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विध्रुव को घुमाने पर किया गया कार्य
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विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण p वाले एक द्विध्रुव पर लगने वाला बल आघूर्ण T = pE sinθ होता है , जहाँ E विद्युत क्षेत्र की तीव्रता है और θ द्विध्रुव आघूर्ण और विद्युत क्षेत्र के बीच का कोण है।
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एक छोटे कोण dθ से द्विध्रुव को घुमाने पर किया गया कार्य dW = T dθ होता है।
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द्विध्रुव को θ₁ से θ₂ तक घुमाने के लिए कुल कार्य W = ∫θ₁θ₂ pE sinθ dθ होता है
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∫θ₁θ₂ pE sinθ dθ = pE [-cosθ]θ₁θ₂ = pE [cosθ₁ - cosθ₂]
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यदि प्रारंभिक कोण θ₁ = 0° और अंतिम कोण θ₂ = θ है, तो कार्य W = p E [1 - cosθ] होगा।
विद्युत क्षेत्र में द्विध्रुव पर द्विध्रुवीय बल आघूर्ण
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एकसमान विद्युत क्षेत्र E में रखे गए द्विध्रुव AB पर लगने वाला बल आघूर्ण, T = pE sinθ होता है।
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द्विध्रुव एक समान दूरी l के दो विपरीत आवेशों, +q और -q से बना होता है; इन आवेशों पर समान और विपरीत बल कार्य करते हैं।
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ये बल द्विध्रुव को घुमाने का प्रयास करते हैं।
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बल आघूर्ण = बल x लंबवत दूरी
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T = qE x 2l sinθ
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T = (q x 2l) E sinθ = pE sinθ
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिजली के विषय
- विद्युत आवेश और आवेश के प्रकार
- कूलम्ब का नियम
- विद्युत द्विध्रुव
- विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण
- एक विद्युत द्विध्रुव के अक्षीय रेखा पर किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
- एक विद्युत द्विध्रुव की विषुवतीय रेखा पर किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
- गॉस का नियम
- आवेश के एक अनंत चादर के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
- विद्युत विभव और विभवांतर
- विद्युत क्षेत्र की तीव्रता, विद्युत विभव और अनंत प्लेट के आसपास विभवांतर।
- विद्युत विभव, विद्युत विभवान्तर
- इलेक्ट्रॉन वोल्ट
- किसी बिंदु पर एक विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
- धारिता
साधन गुण
- फोकल लंबाई: मैस की फोकल लंबाई के लिएन्युटन
- नेत्रिका: मानन नेत्र
- सूक्ष्मदर्शी: सूम्मदशी
- दूरदर्शी: उनकी गा दूरदर्शक
- तरंगाग्र पृथक्करण: द्वखर्गी की विशेकन ममता से सीमा
- हाइगेंस का तरंग सिद्धांत: हाइगेंस का नरे, हाब्गेस के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिल्वांन्त
- हाइगेंस द्वारा तरंग परावर्तन का स्पष्टीकरण: हाङ्गेंस के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धांत के आधार पर तरंगों ...
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Description
इस प्रश्नोत्तरी में कूलम्ब के नियम और एकसमान विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विध्रुव पर कार्य को समझाया गया है। इसमें आवेशों के बीच लगने वाले बल और विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। महत्वपूर्ण सूत्रों और उनके अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है।