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Questions and Answers
सन् 1872 में भारत में पहली जनगणना किस संदर्भ में अद्वितीय थी, जब इसे बाद की संपूर्ण जनगणनाओं से अलग किया गया था?
सन् 1872 में भारत में पहली जनगणना किस संदर्भ में अद्वितीय थी, जब इसे बाद की संपूर्ण जनगणनाओं से अलग किया गया था?
- इसने डेटा संग्रह के लिए आधुनिक सांख्यिकीय तरीकों का उपयोग किया, जिससे यह बाद की जनगणनाओं की तुलना में अधिक सटीक हो गया।
- यह एक सिंक्रोनस अखिल भारतीय अभ्यास नहीं था, जो बाद की जनगणनाओं के विपरीत था जो एक ही समय सीमा में आयोजित किए गए थे। (correct)
- यह देश के केवल कुछ चयनित क्षेत्रों में आयोजित किया गया था, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या के आंकड़ों का प्रतिनिधित्व कम हो गया।
- इस जनगणना में एकत्रित किए गए जनसांख्यिकीय चर आधुनिक जनगणनाओं की तुलना में अधिक विस्तृत और व्यापक थे।
जनसंख्या वितरण को समझने से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
(i) भारत में जनसंख्या का वितरण अपेक्षाकृत समान है।
(ii) उत्तरी प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या है, इसके बाद महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल आते हैं।
(iii) जनसंख्या वितरण को समझने के लिए केंद्रीय शासित प्रदेशों के जनसंख्या प्रतिशत को शामिल करना आवश्यक है।
जनसंख्या वितरण को समझने से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
(i) भारत में जनसंख्या का वितरण अपेक्षाकृत समान है। (ii) उत्तरी प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या है, इसके बाद महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल आते हैं। (iii) जनसंख्या वितरण को समझने के लिए केंद्रीय शासित प्रदेशों के जनसंख्या प्रतिशत को शामिल करना आवश्यक है।
- (i), (ii), और (iii) सभी सही हैं
- केवल (i) सही है
- केवल (ii) और (iii) सही हैं (correct)
- केवल (i) और (iii) सही हैं
भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आकार और जनसंख्या के घटते क्रम में व्यवस्थित करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा कार्यप्रणाली सबसे सटीक है?
भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आकार और जनसंख्या के घटते क्रम में व्यवस्थित करने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा कार्यप्रणाली सबसे सटीक है?
- आकार और जनसंख्या दोनों के लिए अलग-अलग रैंक तैयार करना, फिर समग्र रैंकिंग निर्धारित करने के लिए उन रैंकों को औसत करना।
- संयुक्त मीट्रिक बनाने के लिए आकार और जनसंख्या डेटा को सामान्यीकृत करना, फिर उस मीट्रिक के अनुसार क्रमबद्ध करना।
- प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को उनके भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार रैंक करना, फिर उन्हें उनकी जनसंख्या के आकार के अनुसार उस रैंकिंग के भीतर क्रमबद्ध करना। (correct)
- जनसंख्या रैंकिंग को प्राथमिकता देना और आकार के माध्यम से क्रमबद्ध केवल उन राज्यों को जो जनसंख्या रैंक के भीतर महत्वपूर्ण सांख्यिकीय टाई दिखाते हैं।
भौतिक घनत्व और कृषि घनत्व के बीच अंतर भारत जैसे कृषि प्रधान देश में जनसंख्या विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण क्यों है?
भौतिक घनत्व और कृषि घनत्व के बीच अंतर भारत जैसे कृषि प्रधान देश में जनसंख्या विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण क्यों है?
भारत में जनसंख्या वितरण को आकार देने वाले सामाजिक-आर्थिक कारकों की सापेक्ष भूमिका को देखते हुए, उन कारकों के बीच परस्पर क्रिया को समझने के लिए सबसे सूक्ष्म दृष्टिकोण क्या है?
भारत में जनसंख्या वितरण को आकार देने वाले सामाजिक-आर्थिक कारकों की सापेक्ष भूमिका को देखते हुए, उन कारकों के बीच परस्पर क्रिया को समझने के लिए सबसे सूक्ष्म दृष्टिकोण क्या है?
परिच्छेद के अनुसार, भारत ने असमान जनसंख्या वितरण के क्षेत्रीय निहितार्थों को कम करने के लिए क्या रणनीतिक उपाय लागू किए हैं?
परिच्छेद के अनुसार, भारत ने असमान जनसंख्या वितरण के क्षेत्रीय निहितार्थों को कम करने के लिए क्या रणनीतिक उपाय लागू किए हैं?
ऐतिहासिक रूप से, भारत के नदी के मैदानों और तटीय क्षेत्रों ने हमेशा उच्च जनसंख्या सांद्रता का समर्थन किया है। हालांकि, आधुनिक युग में, इन समान क्षेत्रों में पर्यावरणीय तनाव और संसाधन की कमी ने जनसांख्यिकीय पैटर्न को कैसे बदल दिया है?
ऐतिहासिक रूप से, भारत के नदी के मैदानों और तटीय क्षेत्रों ने हमेशा उच्च जनसंख्या सांद्रता का समर्थन किया है। हालांकि, आधुनिक युग में, इन समान क्षेत्रों में पर्यावरणीय तनाव और संसाधन की कमी ने जनसांख्यिकीय पैटर्न को कैसे बदल दिया है?
भारत में, सकल फसलों वाले क्षेत्र पर जनसंख्या के दबाव के संबंध में भूमि-मानव अनुपात की जांच के लिए शारीरिक और कृषि घनत्व की गणना करने की सिफारिश की जाती है। भारत के कृषि परिदृश्य की अधिक सूक्ष्म समझ के लिए इन अनुपातों का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
भारत में, सकल फसलों वाले क्षेत्र पर जनसंख्या के दबाव के संबंध में भूमि-मानव अनुपात की जांच के लिए शारीरिक और कृषि घनत्व की गणना करने की सिफारिश की जाती है। भारत के कृषि परिदृश्य की अधिक सूक्ष्म समझ के लिए इन अनुपातों का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
यदि किसी क्षेत्र का शारीरिक घनत्व अधिक है लेकिन कृषि घनत्व कम है, तो इस जनसांख्यिकीय अंतर का क्या अर्थ है?
यदि किसी क्षेत्र का शारीरिक घनत्व अधिक है लेकिन कृषि घनत्व कम है, तो इस जनसांख्यिकीय अंतर का क्या अर्थ है?
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Study Notes
ज़रूर, यहां आपके अध्ययन के लिए नोट्स हैं:
जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि, और संघटन
- जनसंख्या किसी भी देश का एक बहुत महत्वपूर्ण घटक होती है।
- 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या 121.0 करोड़ थी, जो इसे चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे घनी आबादी वाला देश बनाती है।
- भारत की आबादी उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी से भी ज़्यादा है।
- इतनी बड़ी आबादी देश के सीमित संसाधनों पर दबाव डालती है, जिससे कई सामाजिक और आर्थिक समस्याएं पैदा होती हैं।
- इस अध्याय में भारत की जनसंख्या के वितरण पैटर्न, घनत्व, वृद्धि और संघटन के बारे में चर्चा है।
जनसंख्या आँकड़ों के स्रोत
- भारत में जनसंख्या के आंकड़े हर दस साल में होने वाली जनगणना से जुटाए जाते हैं।
- भारत की पहली जनगणना 1872 में हुई थी।
- भारत की पहली संपूर्ण जनगणना 1881 में हुई थी।
जनसंख्या का वितरण
- भारत में जनसंख्या का वितरण पैटर्न असमान है।
- उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा जनसंख्या है, उसके बाद महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल का स्थान है।
- तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात के साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश की जनसंख्या मिलकर देश की कुल जनसंख्या का 76% भाग है।
- जम्मू और कश्मीर (1.04%), अरुणाचल प्रदेश (0.84%) और उत्तराखंड (0.83%) जैसे राज्यों की जनसंख्या इनके विशाल भौगोलिक क्षेत्रों के बावजूद बहुत कम है।
- भारत की जनसंख्या का असमान स्थानिक वितरण देश के भौतिक, सामाजिक, आर्थिक और ऐतिहासिक कारकों के बीच घनिष्ठ संबंध दर्शाता है।
- भारत के नदीय मैदानों और तटीय क्षेत्रों में स्थित प्रदेश सदैव ही विशाल जनसंख्या सांद्रण वाले प्रदेश रहे हैं।
- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलूरु, पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई और जयपुर के नगरीय क्षेत्र औद्योगिक विकास और नगरीकरण के कारण बड़ी संख्या में ग्रामीण-नगरीय प्रवासियों को आकर्षित करते हैं।
जनसंख्या का घनत्व
- जनसंख्या घनत्व को प्रति इकाई क्षेत्र में व्यक्तियों की संख्या द्वारा व्यक्त किया जाता है।
- भारत का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (2011) है।
- 1951 में जनसंख्या का घनत्व 117 व्यक्ति/प्रति वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 2011 में 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर हो गया है, यानी विगत 50 वर्षों में 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक की उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है।
- अरुणाचल प्रदेश में जनसंख्या घनत्व कम से कम 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से लेकर दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 11297 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर तक है।
- उत्तरी भारत के राज्यों बिहार (1102), पश्चिम बंगाल (1029) तथा उत्तर प्रदेश (829) में जनसंख्या घनत्व उच्चतर है जबकि प्रायद्वीपीय भारत के राज्यों में केरल (859) और तमिलनाडु (555) में उच्चतर घनत्व पाया जाता है।
- असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, ओडिशा में मध्यम घनत्व पाया जाता है।
- हिमालय प्रदेश के पर्वतीय राज्यों और असम को छोड़कर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अपेक्षाकृत निम्न घनत्व हैं जबकि अंडमान और निकोबार द्वीपों को छोड़कर केंद्र-शासित प्रदेशों में जनसंख्या के उच्च घनत्व पाए जाते हैं।
जनसंख्या की वृद्धि
- जनसंख्या वृद्धि दो समय बिंदुओं के बीच किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की संख्या में परिवर्तन को कहते हैं। इसकी दर को प्रतिशत में अभिव्यक्त किया जाता है।
- जनसंख्या वृद्धि के दो घटक होते हैं: प्राकृतिक (Natural) और अभिप्रेरित (Induced)।
- भारत की जनसंख्या के दोनों दशकीय और वार्षिक वृद्धि दर बहुत ऊँचे हैं और समय के साथ नित्य बढ़ रहे हैं। भारत की जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर 1.64% है।
जनसंख्या के दुगुना होने का समय
- जनसंख्या के दुगुना होने का समय वर्तमान वार्षिक वृद्धि दर पर किसी भी जनसंख्या के दुगुना होने में लगने वाला समय है।
जनसंख्या वृद्धि में क्षेत्रीय भिन्नताएँ
1991-2001 के दौरान भारत के राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में जनसंख्या की वृद्धि दर सुस्पष्ट प्रतिरूप दर्शाती है:
- केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पुदुच्चेरी और गोआ जैसे राज्यों में निम्न वृद्धि दर पाई जाती है जो दशक में 20% से अधिक नहीं हुई।
- देश के उत्तर-पश्चिमी, उत्तरी और उत्तर-मध्य भागों में पश्चिम से पूर्व स्थित राज्यों की एक सतत पेटी में दक्षिणी राज्यों की अपेक्षा उच्च वृद्धि दर पाई जाती है।
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Description
जनसंख्या किसी भी देश का एक महत्वपूर्ण घटक है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या 121.0 करोड़ थी। भारत की आबादी दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी है और देश के संसाधनों पर दबाव डालती है।