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Questions and Answers
इंदस घाटी सभ्यता की प्रमुख नगर कौन से हैं?
इंदस घाटी सभ्यता की प्रमुख नगर कौन से हैं?
- दिल्ली, लाहौर, अजमेर
- मोहनजोदड़ो, गड़ियाना, लोटल (correct)
- कांची, धौलावीरा, पारास्नाथ
- वाराणसी, तक्षशिला, हड़प्पा
इंदस घाटी सभ्यता में प्रमुख कृषि फसलें कौन सी थीं?
इंदस घाटी सभ्यता में प्रमुख कृषि फसलें कौन सी थीं?
- गेहूँ, जौ, और दलहन (correct)
- रागी, बाजरा, और अनार
- मक्का, चावल, और मूँगफली
- तिल, नारियल, और तोरई
इंदस घाटी सभ्यता का अवसान मुख्यतः किस कारण से हुआ?
इंदस घाटी सभ्यता का अवसान मुख्यतः किस कारण से हुआ?
- प्रौद्योगिकी में कमी और जनसंख्या वृद्धि
- धार्मिक विवाद और आंतरिक संघर्ष
- आर्थिक मंदी और व्यापार में कमी
- जलवायु परिवर्तन, नदी की बाढ़, और बाहरी आक्रमण (correct)
इंदस लिपि के बारे में क्या सही है?
इंदस लिपि के बारे में क्या सही है?
इंदस घाटी सभ्यता की किस विशेषता को आधुनिक जल प्रबंधन कहा जा सकता है?
इंदस घाटी सभ्यता की किस विशेषता को आधुनिक जल प्रबंधन कहा जा सकता है?
इंदस घाटी सभ्यता के लोगों का प्रमुख उद्योग क्या था?
इंदस घाटी सभ्यता के लोगों का प्रमुख उद्योग क्या था?
इंदस घाटी सभ्यता की सामाजिक संरचना में कौन से वर्ग संभवतः शामिल थे?
इंदस घाटी सभ्यता की सामाजिक संरचना में कौन से वर्ग संभवतः शामिल थे?
इंदस घाटी सभ्यता का प्रमुख कला क्या थी?
इंदस घाटी सभ्यता का प्रमुख कला क्या थी?
इंदस घाटी सभ्यता को किस प्रकार की सभ्यता माना जाता है?
इंदस घाटी सभ्यता को किस प्रकार की सभ्यता माना जाता है?
इंदस घाटी सभ्यता में खेलों के बारे में क्या प्रमाण हैं?
इंदस घाटी सभ्यता में खेलों के बारे में क्या प्रमाण हैं?
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Study Notes
इंदस घाटी सभ्यता
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परिभाषा: इंदस घाटी सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है, एक प्राचीन सभ्यता है जो लगभग 2500 से 1900 ई.पू. तक फैली हुई थी।
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भौगोलिक क्षेत्र:
- वर्तमान पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत
- प्रमुख नगर: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, गड़ियाना, लोटल
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विशेषताएँ:
- शहरी योजना: नगरों का व्यवस्थित निर्माण, सड़कें और नालियाँ
- आधुनिक जल प्रबंधन: स्नानागार, जलाशय और नालियों की व्यवस्था
- निर्माण सामग्री: ईंटें, जो मानक आकार में बनाई गई थीं
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आर्थिक गतिविधियाँ:
- कृषि: मुख्य फसलें - गेहूँ, जौ, और दलहन
- व्यापार: वस्त्र, कृषि उत्पाद, और अन्यों के साथ व्यापार
- उद्योग: वस्त्र, मूर्तिकला, और धातुकर्म
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सामाजिक संरचना:
- वर्ग विभाजन: विभिन्न सामाजिक श्रेणियाँ, संभवतः व्यापारी, किसान, और शासक वर्ग
- धार्मिक मान्यताएँ: पूजनीय वस्तुएँ, जैसे कि मातृ देवी की मूर्तियाँ
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लिपि और लेखन:
- इंदस लिपि, जो अभी तक पढ़ी नहीं जा सकी
- पुरातात्त्विक अवशेषों पर अंकित प्रतीक
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संस्कृति:
- कला: मिट्टी के बर्तन, मूर्तियाँ, और अन्य कलात्मक वस्तुएँ
- खेल: साक्ष्य खेलों के होने का, जैसे कि पासा
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अवसान:
- कारण: जलवायु परिवर्तन, नदी की बाढ़, और बाहरी आक्रमण
- अंतिम चरण: सभ्यता का धीरे-धीरे पतन और विभिन्न क्षेत्रों में बिखराव
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महत्व:
- विश्व की पहली शहरी सभ्यताओं में से एक
- सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी विकास का उदाहरण
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अन्वेषण:
- 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश पुरातत्वविद् द्वारा खोजे गए अवशेष
- अनुसंधान में निरंतर प्रगति, नई खोजें और सिद्धांत
इन बिंदुओं के माध्यम से इंदस घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण पहलुओं का संक्षेप में परिचय मिलता है।
इंदस घाटी सभ्यता
- इंदस घाटी सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहते हैं, लगभग 2500 से 1900 ई.पू. तक विद्यमान रही।
- यह सभ्यता मुख्य रूप से वर्तमान पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत के क्षेत्र में फैली हुई थी।
- प्रमुख नगरों में हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, गड़ियाना और लोटल शामिल हैं।
विशेषताएँ
- नगरों का शहरीकरण अत्यंत व्यवस्थित था, जिसमें चौड़ी सड़कें और नालियाँ बनाई गई थीं।
- जल प्रबंधन की आधुनिकतम प्रणाली का विकास किया गया, जिसमें स्नानागार, जलाशय और सफाई नालियाँ शामिल थीं।
- निर्माण में मानकीकृत आकार की ईंटों का उपयोग किया गया।
आर्थिक गतिविधियाँ
- कृषि के क्षेत्र में गेहूँ, जौ और दलहन मुख्य फसलें थीं।
- व्यापार में वस्त्र, कृषि उत्पादों और अन्य सामग्रियों का आदान-प्रदान किया जाता था।
- उद्योगों में वस्त्र निर्माण, मूर्तिकला, और धातुकर्म का समावेश था।
सामाजिक संरचना
- समाज विभिन्न सामाजिक श्रेणियों में विभाजित था, जिसमें व्यापारी, किसान, और शासक वर्ग शामिल थे।
- धार्मिक मान्यताओं में मातृ देवी की मूर्तियाँ और अन्य पूजनीय वस्तुएँ प्रमुख थीं।
लिपि और लेखन
- इंदस लिपि अभी तक पढ़ी नहीं जा सकी है, जो पुरातात्त्विक अवशेषों पर अंकित प्रतीकों के रूप में मौजूद है।
संस्कृति
- कला के क्षेत्र में मिट्टी के बर्तन, मूर्तियाँ, और अन्य कलात्मक वस्तुएँ प्रमुखता से निर्मित की गई थीं।
- खेलों का प्रमाण मिलता है, जैसे कि पासा के उपयोग का साक्ष्य।
अवसान
- सभ्यता का अवसान जलवायु परिवर्तन, नदी की बाढ़, और बाह्य आक्रमणों के कारण हुआ।
- यह सभ्यता धीरे-धीरे पतित हुई और विभिन्न क्षेत्रों में बिखर गई।
महत्व
- इंदस घाटी सभ्यता विश्व की पहली शहरी सभ्यताओं में से एक मानी जाती है, जो सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी विकास का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
अन्वेषण
- 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश पुरातत्वविदों द्वारा इस सभ्यता के अवशेषों की खोज की गई।
- अनुसंधान में निरंतर प्रगति हो रही है, जिससे नई खोजें और सिद्धांत सामने आ रहे हैं।
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