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Questions and Answers
गुप्ता काल के दौरान निम्नलिखित में से कौन सा एक महत्वपूर्ण समुद्री बंदरगाह नहीं था?
गुप्ता काल के दौरान निम्नलिखित में से कौन सा एक महत्वपूर्ण समुद्री बंदरगाह नहीं था?
- ताम्रलिप्ति
- सोपारा
- कावेरीपट्टनम
- नागालैंड (correct)
फाहा-एन के अनुसार, 'मध्य साम्राज्य' के लोग किस प्रकार के जीवन जीते थे?
फाहा-एन के अनुसार, 'मध्य साम्राज्य' के लोग किस प्रकार के जीवन जीते थे?
- सादा और विनम्र
- कंगाली और अशांति
- समृद्धि और खुशहाली (correct)
- संसार से कटे हुए
गुप्ता कला और आर्किटेक्चर की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
गुप्ता कला और आर्किटेक्चर की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
- रौशनी के प्रयोग
- आधुनिक शैली के मंदिर
- सामान्य बहुलता
- नागरा और द्रविड़ शैली (correct)
गुप्ता काल के रॉक-कट गुफाओं में से कौन सी गुफाएं प्रसिद्ध हैं?
गुप्ता काल के रॉक-कट गुफाओं में से कौन सी गुफाएं प्रसिद्ध हैं?
गुप्ता काल में भूमि पुरस्कार किसके लिए लिए जाते थे?
गुप्ता काल में भूमि पुरस्कार किसके लिए लिए जाते थे?
गुप्ता काल के चतुर्थ मंदिरों में क्या प्रमुख विशेषता है?
गुप्ता काल के चतुर्थ मंदिरों में क्या प्रमुख विशेषता है?
गुप्त साम्राज्य की स्थापना किस वर्ष हुई?
गुप्त साम्राज्य की स्थापना किस वर्ष हुई?
चंद्र गुप्त I ने कौन सा महत्वपूर्ण टाइटल अपनाया?
चंद्र गुप्त I ने कौन सा महत्वपूर्ण टाइटल अपनाया?
गुप्त साम्राज्य के प्रारंभिक शासक किस कुल से संबंधित थे?
गुप्त साम्राज्य के प्रारंभिक शासक किस कुल से संबंधित थे?
चंद्र गुप्त I का विवाह किस राजकुमारी से हुआ था?
चंद्र गुप्त I का विवाह किस राजकुमारी से हुआ था?
समुद्रगुप्त ने किस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की थी?
समुद्रगुप्त ने किस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की थी?
गुप्त साम्राज्य का मुख्यालय कहाँ था?
गुप्त साम्राज्य का मुख्यालय कहाँ था?
गुप्त साम्राज्य की स्थापना के समय का प्रमुख क्षेत्र क्या था?
गुप्त साम्राज्य की स्थापना के समय का प्रमुख क्षेत्र क्या था?
गुप्त साम्राज्य की प्रारंभिक जानकारी किस प्रकार उपलब्ध है?
गुप्त साम्राज्य की प्रारंभिक जानकारी किस प्रकार उपलब्ध है?
समुद्रगुप्त का उपनाम क्या था?
समुद्रगुप्त का उपनाम क्या था?
चंद्रगुप्त द्वितीय को किस उपनाम से जाना जाता है?
चंद्रगुप्त द्वितीय को किस उपनाम से जाना जाता है?
चंद्रगुप्त द्वितीय ने किस धर्म को अपनाया?
चंद्रगुप्त द्वितीय ने किस धर्म को अपनाया?
चंद्रगुप्त द्वितीय का कौन-सा कवि था?
चंद्रगुप्त द्वितीय का कौन-सा कवि था?
चंद्रगुप्त द्वितीय ने कौन-सा सम्राज्य पर आक्रमण किया?
चंद्रगुप्त द्वितीय ने कौन-सा सम्राज्य पर आक्रमण किया?
किस चीनी यात्री ने चंद्रगुप्त द्वितीय के काल में भारत का दौरा किया?
किस चीनी यात्री ने चंद्रगुप्त द्वितीय के काल में भारत का दौरा किया?
किस सम्राट ने 'अश्वमेध यज्ञ' का आयोजन किया?
किस सम्राट ने 'अश्वमेध यज्ञ' का आयोजन किया?
किस राजा ने उज्जैन को अपनी दूसरी राजधानी बनायी?
किस राजा ने उज्जैन को अपनी दूसरी राजधानी बनायी?
किस सम्राट का शिलालेख 'प्रयाग-प्रसस्ति' कहा जाता है?
किस सम्राट का शिलालेख 'प्रयाग-प्रसस्ति' कहा जाता है?
किसे 'भारतीय नापोलियन' कहा गया है?
किसे 'भारतीय नापोलियन' कहा गया है?
किसने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की?
किसने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की?
गुप्त काल में राजाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले शीर्षकों में से कौन सा शीर्षक सर्वोच्च था?
गुप्त काल में राजाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले शीर्षकों में से कौन सा शीर्षक सर्वोच्च था?
कौन सा पद गुप्त काल के उच्च अधिकारियों में से एक माना जाता था?
कौन सा पद गुप्त काल के उच्च अधिकारियों में से एक माना जाता था?
गुप्त शासकों के अधीन युद्ध और शांति के लिए कौन सा मंत्री जिम्मेदार था?
गुप्त शासकों के अधीन युद्ध और शांति के लिए कौन सा मंत्री जिम्मेदार था?
गुप्त काल में दंडनायकों की भूमिका क्या थी?
गुप्त काल में दंडनायकों की भूमिका क्या थी?
कुमारामत्य का पद किस क्षेत्र से संबंधित था?
कुमारामत्य का पद किस क्षेत्र से संबंधित था?
गुप्त काल के पर्चों में
गुप्त काल के पर्चों में
गуп्त काल के किस अधिकारी को अधिकतर धार्मिक समारोहों के लिए जिम्मेदार माना जाता था?
गуп्त काल के किस अधिकारी को अधिकतर धार्मिक समारोहों के लिए जिम्मेदार माना जाता था?
गुप्त काल का कौन सा पद उच्च राजनीतिक संरचना में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त था?
गुप्त काल का कौन सा पद उच्च राजनीतिक संरचना में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त था?
गुप्त काल में
गुप्त काल में
गुप्त काल में विभिन्न उच्च पदस्थ अधिकारियों को क्या कहा जाता था?
गुप्त काल में विभिन्न उच्च पदस्थ अधिकारियों को क्या कहा जाता था?
बाली कर का क्या महत्व था?
बाली कर का क्या महत्व था?
उपरिकर किस चीज के लिए एक अतिरिक्त कर माना जाता है?
उपरिकर किस चीज के लिए एक अतिरिक्त कर माना जाता है?
हिरण्य कर का वास्तविक अर्थ क्या था?
हिरण्य कर का वास्तविक अर्थ क्या था?
वाता-भूत कर किसके रखरखाव के लिए था?
वाता-भूत कर किसके रखरखाव के लिए था?
हलिवकर किसके लिए लगाया जाता था?
हलिवकर किसके लिए लगाया जाता था?
सुल्का कर किस गतिविधि से संबंधित है?
सुल्का कर किस गतिविधि से संबंधित है?
क्लिप्ता कर का उपयोग किस संदर्भ में किया गया था?
क्लिप्ता कर का उपयोग किस संदर्भ में किया गया था?
व्यापार के संबंध में भारत के किस देश के साथ संपर्क बढ़ा हुआ था?
व्यापार के संबंध में भारत के किस देश के साथ संपर्क बढ़ा हुआ था?
भारत के किन देशों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित हुए?
भारत के किन देशों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित हुए?
भारत द्वारा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण वस्त्र क्या थे?
भारत द्वारा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण वस्त्र क्या थे?
Study Notes
गुप्त साम्राज्य का उद्गम
- गुप्त साम्राज्य 320 ईस्वी में उदित हुआ और उत्तरी भारत के बड़े, मध्य भारत के और दक्षिणी भारत के कुछ छोटे भागों में फैला।
- गुप्त वंश के संस्थापक श्रीगुप्त थे।
- गुप्तों की मूल भूमि निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है, परंतु संभवतः बंगाल से थे।
- कुछ विद्वान मानते हैं कि वे प्रयाग (आज का इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश) से थे।
- माना जाता है कि वे ब्राह्मण या वैश्य थे।
- गुप्त शासकों का उदय साधारण पृष्ठभूमि से हुआ।
- चंद्रगुप्त प्रथम ने एक लिच्छवी राजकुमारी कुमारदेवी से विवाह किया, जिससे गुप्तों के उदय में मदद मिली।
- लिच्छवी गणसंगह गंगा और नेपाल तराई के बीच स्थित था।
- इलाहाबाद स्तंभ लेख के अनुसार, समुद्रगुप्त ने प्रयाग से पश्चिम में मथुरा तक के उपजाऊ मैदानों पर विजय प्राप्त की और कलिंग होते हुए दक्षिण में कंचीपुरम (पल्लव राजधानी) तक आक्रमण किया।
- पुराणों में मगध, इलाहाबाद और अवध को गुप्त साम्राज्य के भाग के रूप में बताया गया है।
गुप्त वंश के महत्वपूर्ण राजा
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चंद्रगुप्त प्रथम (320-335 ई.): गुप्त वंश के पहले स्वतंत्र शासक, "महाराजाधिराज" की उपाधि धारण की, 319 ई. में गुप्त संवत की शुरुआत की, लिच्छवी राजकुमारी कुमारदेवी से विवाह किया और "राजा और रानी" प्रकार के नए सोने के सिक्के चलाए।
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समुद्रगुप्त (335-380 ई.): "लिच्छवि दुहिता" (लिच्छवियों की नातिन) कहलाते थे, वी.ए. स्मिथ ने उन्हें "भारतीय नेपोलियन" कहा; दक्षिण भारत पर आक्रमण करने वाले पहले शासक (सेनापति वीरसेन); हरिषेण द्वारा रचित "प्रयाग प्रशस्ति" (इलाहाबाद स्तंभ लेख) चम्पू काव्य शैली में है; अश्वमेध यज्ञ किया और "अश्वमेध पराक्रम" की उपाधि धारण की; कला के महान संरक्षक, "कविराज" की उपाधि प्राप्त की; सिक्कों में वीणा बजाते हुए दिखाया गया है।
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चंद्रगुप्त द्वितीय (380-414 ई.): देवराज या देवगुप्त (महौली लोहे के स्तंभ, दिल्ली) भी कहलाते थे; दो पत्नियां थीं - ध्रुवदेवी (कुमारगुप्त प्रथम की माता) और कुबेरानागा (प्रभाबती की माता); शकों की विजय उनके शासनकाल की सबसे महत्वपूर्ण घटना; शक शासक रुद्रसेन तृतीय को मारकर उनके राज्य को अपने में मिलाया; "विक्रमादित्य" की उपाधि धारण की; उज्जैन को अपनी दूसरी राजधानी बनाया; वैष्णव धर्म (माध्वाचार्य) के अनुयायी, "परम भगवत" की उपाधि धारण की; चीनी यात्री फाह्यान उनके शासनकाल में भारत आए थे; दरबारी चिकित्सक धन्वंतरि; दरबारी कवि कालिदास ("भारतीय शेक्सपियर")।
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कुमारगुप्त द्वितीय (380-414 ई.): "महेन्द्रादित्य" की उपाधि धारण की; अश्वमेध यज्ञ करने वाले दूसरे गुप्त राजा; नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना।
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स्कंदगुप्त द्वितीय (455-467 ई.): उत्तर-पश्चिम से आक्रमण करने वाले हूणों का सामना किया; हूणों को पराजित किया; "क्रमादित्य" की उपाधि धारण की; उनके बाद पुरुगुप्त (468-473 ई.) ने शासन किया; विष्णुगुप्त इस वंश के अंतिम शासक थे।
गुप्तों की प्रशासनिक व्यवस्था
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राजा: महाराजाधिराज, परमभट्टारक, परमेश्वर जैसी उपाधियां धारण करते थे; परमादित्य (देवताओं के प्रमुख उपासक) और परमभगवत (वासुदेव कृष्ण के प्रमुख उपासक) जैसी उपाधियों से देवताओं से जुड़े थे; कुछ इतिहासकारों का मानना है कि गुप्त राजाओं ने दैवीय दर्जा प्राप्त किया था (जैसे समुद्रगुप्त की तुलना इलाहाबाद लेख में पुरुष (परमेश्वर) से की गई है)।
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मंत्री और अन्य अधिकारी: मुहरों और लेखों में विभिन्न पदों और नियुक्तियों का उल्लेख है; "कुमारामत्या" एक उच्च पद का अधिकारी था जिसका अपना कार्यालय (अधिकरण) था; "अमात्या" भी एक उच्च पद था; कुमारामत्या अक्सर राजा, युवराज, राजस्व विभाग या किसी क्षेत्र से जुड़े होते थे; कुमारामत्या के पद वंशानुगत भी होते थे।
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मंत्रिपरिषद: गुप्त शासक मंत्रियों की सभा से सहायता प्राप्त करते थे; इलाहाबाद प्रशस्ति में सभा का उल्लेख है; उच्च पद के अधिकारियों में संधिविग्रहीक या महासंधिविग्रहीक (शांति और युद्ध मंत्री), दंडनायक और महादंडनायक (न्यायिक या सैन्य अधिकारी) शामिल थे।
कर प्रणाली
- कर: भूमि कर (भाग), बलि (स्वैच्छिक दान, बाद में अनिवार्य हो गया), उडियांग (पुलिस या जल कर), उपरिकर (अतिरिक्त कर), हिरण्य (सोने के सिक्कों पर कर, वास्तव में फसल का राजा का हिस्सा), वातभूत (विशेष अनुष्ठानों के लिए कर), हलिवकार (हल पर कर), शुल्क (शुल्क और कर), क्लिप्त और उपक्लिप्त (भूमि के विक्रय और क्रय से संबंधित)।
व्यापार और वाणिज्य
- स्थल और समुद्री मार्गों से व्यापार होता था; भारत के पूर्वी और पश्चिमी देशों के साथ व्यापारिक संबंध थे; श्रीलंका, फारस, अरब, बीजान्टिन साम्राज्य, अफ्रीका और अन्य देशों से व्यापारिक संपर्क; चीन, बर्मा और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ व्यापारिक संबंध; रेशम, मसाले, वस्त्र, धातु, हाथी दांत, समुद्री उत्पाद आदि महत्वपूर्ण व्यापारिक वस्तुएं थीं; महत्वपूर्ण बंदरगाह: तम्रलिप्ति, अरिकामेडु, कावेरीपट्टणम, बारबारिकम, मुजीरिस, प्रतिष्ठान, सोपारा, और भृगुकाच्छ।
- फाह्यान के अनुसार, पाँचवीं शताब्दी की शुरुआत में भारत के लोग समृद्ध और खुशहाल थे; उच्च जीवन स्तर और शहरी जीवन की विलासिता थी; भूमिदान ब्राह्मणों, मंदिरों, विहारों और मठों को शिक्षण संस्थानों और अन्य सामाजिक कल्याण कार्यों के लिए दिए जाते थे; भूमिदान की प्रथा मध्यकाल में भी जारी रही (जैसे मदद-ए-माश, सुयारघल)।
कला और स्थापत्य कला
- गुप्त कला ने नागर और द्रविड़ शैलियों को आगे बढ़ाया; यह भारतीय स्थापत्य कला का एक विकासात्मक और नवीन युग था; भविष्य के विकास के लिए व्यापक गुंजाइश; शैलकट: अजंता और एलोरा (महाराष्ट्र) और बाघ (मध्य प्रदेश) में चट्टानों से बनी गुफाएँ; उदयगिरि गुफाएँ (उड़ीसा) भी इसी श्रेणी में आती हैं।
- संरचनात्मक मंदिर: 1. समतल छत वाले वर्गाकार मंदिर; 2. समतल छत वाले वर्गाकार मंदिर, जिसमें विमान (दूसरी मंजिल); 3. वर्गाकार मंदिर, जिसपर वक्राकार शिखर (शिखर); 4. आयताकार मंदिर; और 5. गोल मंदिर; दूसरे प्रकार के मंदिर द्रविड़ शैली की कई विशेषताओं को दर्शाते हैं; तीसरे प्रकार का महत्व यह है कि इसमें गर्भगृह के ऊपर शिखर का विकास हुआ, जो नागर शैली की मुख्य विशेषता है।
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इस क्विज़ में गुप्ता साम्राज्य के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। आप गुप्ता काल के कला, आर्किटेक्चर, और प्रमुख शासकों के बारे में अपने ज्ञान का परीक्षण कर सकते हैं। यह परीक्षा आपको गुप्ता साम्राज्य के इतिहास को और बेहतर समझने में मदद करेगी।