एकक 1 ठोस अवस्था
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Questions and Answers

ठोस अवस्था के सामान्य अभिलक्षण क्या होते हैं?

ठोस अवस्था के सामान्य अभिलक्षण कठोरता और अवययी कणों की नियत स्थिति होते हैं।

अक्रिस्टलीय और क्रिस्टलीय ठोसों में क्या अलग होता है?

अक्रिस्टलीय ठोसों में कणों की अनियमित व्यवस्था होती है जबकि क्रिस्टलीय ठोसों में कणों की नियमित और सुसंगत व्यवस्था होती है।

कणों की निविड संकुलन की क्या व्याख्या है?

कणों की निविड संकुलन में कणों को इतनी निकटता से भरते हैं कि रिक्त स्थान न्यूनतम होता है।

विभिन्न प्रकार की घनीय एकक कोष्ठिकाओं की संकुलन क्षमता का परिकलन कैसे होता है?

<p>विभिन्न प्रकार की घनीय एकक कोष्ठिकाओं की संकुलन क्षमता को उनके अपरिपूर्ण या परिपूर्ण संकुलन के मान के आधार पर परिकलन किया जाता है।</p> Signup and view all the answers

प्राथमिक परिपूर्णता और द्वितीयक परिपूर्णता में क्या अंतर होता है?

<p>प्राथमिक परिपूर्णता में केवल एक परत में कणों का संकुलन होता है, जबकि द्वितीयक परिपूर्णता में अनेक परतों में संकुलन होता है।</p> Signup and view all the answers

क्रिस्टल जालक और एकक कोष्ठिका में क्या भिन्नता है?

<p>क्रिस्टल जालक ठोस का विस्तृत रूप है जबकि एकक कोष्ठिका इसकी छोटी इकाई है।</p> Signup and view all the answers

ठोस पदार्थ का घनत्व किस पर निर्भर करता है?

<p>ठोस पदार्थ का घनत्व उसकी एकक कोष्ठिका के आयतन और उसमें व्यवस्थित कणों की संख्या पर निर्भर करता है।</p> Signup and view all the answers

ठोसों में अपूर्णताओं का उनमें कौन सा प्रभाव होता है?

<p>ठोसों में अपूर्णताओं से उनके यांत्रिक, थर्मल और विद्युत गुणों में परिवर्तन होता है।</p> Signup and view all the answers

नए ठोस पदार्थों की खोज क्यों महत्वपूर्ण है?

<p>नए ठोस पदार्थों की खोज से विज्ञान एवं समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है।</p> Signup and view all the answers

जैव सुसंगत ठोसों का शल्यक रोपण में उपयोग क्यों होता है?

<p>जैव सुसंगत ठोस शरीर के साथ अनुकूलित होते हैं और शल्यक रोपण में उपयोगी होते हैं।</p> Signup and view all the answers

Study Notes

ठोस अवस्था के सामान्य अभिलक्षण

  • ठोसों में अवययी कणों की स्थितियाँ नियत होती हैं और वे केवल अपनी माध्य स्थितियों के चारों ओर दोलन करते हैं।
  • ठोसों की कठोरता अवययी कणों की प्रकृति और उनके मध्य परिचालित बंधन बलों पर निर्भर करती है।

क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय ठोस

  • क्रिस्टलीय ठोसों में कणों की व्यवस्था नियमित और_periodic होती है।
  • अक्रिस्टलीय ठोसों में कणों की व्यवस्था अनियमित और अराजिक होती है।

क्रिस्टल जालक और एकक कोष्ठिका

  • क्रिस्टल जालक कणों की नियमित व्यवस्था होती है।
  • एकक कोष्ठिका क्रिस्टल जालक की संकुलन इकाई होती है।

कणों के निविड संकुलन

  • कणों के निविड संकुलन में कण एक दूसरे से सटे हुए होते हैं।
  • निविड संकुलन की व्याख्या कणों के मध्य बंधन बलों द्वारा होती है।

रिक्तियों और निविड संकुलित संरचनाएं

  • रिक्तियों में कणों की व्यवस्था में खाली जगह होती है।
  • निविड संकुलित संरचनाओं में कणों की व्यवस्था में कोई खाली जगह नहीं होती है।

घनत्व और एकक कोष्ठिका के गुण

  • पदार्थ के घनत्व और उसकी एकक कोष्ठिका के गुणों में सहसंबंध होता है।
  • घनत्व पदार्थ के ठोस अवस्था का एक महत्वपूर्ण गुण होता है।

ठोसों में अपूर्णताएं

  • ठोसों में अपूर्णताएं उनके गुणों पर प्रभाव डालती हैं।
  • अपूर्णताओं के कारण ठोसों के गुण बदल सकते हैं।

ठोसों के विद्युतीय व चुंबकीय गुण

  • ठोसों के विद्युतीय व चुंबकीय गुण उनकी संरचना पर निर्भर करते हैं।
  • संरचना एवं गुणों के मध्य सहसंबंध वांछनीय गुणों वाले नये ठोस पदार्थों की खोज में सहायता करता है।

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Description

इस एकक के अध्ययन के पश्चात् आप ठोस अवस्था के सामान्य अभिलक्षणों का वर्णन कर सकेंगे और क्रिस्टल जालक और एकक कोष्ठिका को परिभाषित कर सकेंगे।

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