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Questions and Answers
नर से नारायण पद प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए?
नर से नारायण पद प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए?
- अपने चित्त को भट्टकने देना
- आदर्शों से दूर जाना
- सिर्फ भौतिक चीजों का संग्रह करना
- दूसरों को अच्छे संस्कार सिखाना (correct)
लोभ और मोह से छुटकारा पाने के लिए क्या करना चाहिए?
लोभ और मोह से छुटकारा पाने के लिए क्या करना चाहिए?
- इनकी ओर और ध्यान देना
- इन्हें भूल जाना
- इनसे छुटकारा पाने के लिए मेहनत करना (correct)
- इन्हें अपने जीवन में स्वीकार करना
खुशनसीब व्यक्ति कौन होता है?
खुशनसीब व्यक्ति कौन होता है?
- जो केवल धन कमाने में व्यस्त रहते हैं
- जो भगवान और प्रकृति से जुड़े होते हैं (correct)
- जो समस्याओं से भागते हैं
- जो माया में फंसा रहता है
सच्ची खुशी का क्या अर्थ है?
सच्ची खुशी का क्या अर्थ है?
जो व्यक्ति अमृतवेले से लेकर रात तक क्या करना चाहिए?
जो व्यक्ति अमृतवेले से लेकर रात तक क्या करना चाहिए?
किसी का जीवन में खुशी लाने का क्या तरीका है?
किसी का जीवन में खुशी लाने का क्या तरीका है?
खुशी को खोने का क्या कारण है?
खुशी को खोने का क्या कारण है?
अतीत के सुख का अनुभव किससे तात्पर्य है?
अतीत के सुख का अनुभव किससे तात्पर्य है?
सच्चे भक्ति में क्या होना चाहिए?
सच्चे भक्ति में क्या होना चाहिए?
गुल्लक में खुश रहने का क्या उपाय बताया गया है?
गुल्लक में खुश रहने का क्या उपाय बताया गया है?
Study Notes
आत्मा और बापदादा का घर
- बापदादा ने याद दिलाया कि घर अब बहुत नज़दीक है, इसलिए हमें अपने चरित्र में सुधार करने की मेहनत करनी चाहिए।
- कई लोग मानते हैं कि आत्मा की आयु लाखों वर्ष है, जिससे वे घर से दूर समझते हैं और मेहनत नहीं करते।
आध्यात्मिक ज्ञान और नींद
- बाप कहते हैं कि आत्मा को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि घर बहुत दूर है। यह आध्यात्मिक नींद का संकेत है।
- बाप ने बताया कि हमें अपने जीवन में पवित्रता लाने की जरूरत है ताकि हम सुखधाम में जा सकें।
मोह और लोभ का प्रभाव
- मोह और लोभ जैसे विकारों को छोड़ने की जरूरत है, क्योंकि ये मनुष्य को अशुद्ध बना देते हैं।
- विकारों से बचने के लिए मेहनत करनी चाहिए, ऐसे नहीं कि हम इन्हें खुद से अलग न कर सकें।
बाप का उपदेश और ध्यान
- बाप ने कहा कि जब तक हम जीवित हैं, हमें प्रयास करते रहना चाहिए और बाप को याद करते रहना चाहिए।
- ध्यान का महत्व है; यदि हम ध्यान में रहेंगे, तो सुख और शांति प्राप्त कर सकेंगे।
सेवा और शिक्षा का महत्व
- नर से नारायण बनने की प्रक्रिया में हमें स्वयं को सुधारना होगा और दूसरों की सेवा करनी होगी।
- शिक्षा का मतलब है कि हम दूसरों को सिखाएँ और खुद भी सीखें, ताकि हम सब समान बन सकें।
वरदान और सकारात्मक सोच
- भगवान और प्रकृति के माध्यम से दूसरों को खुशहाल बनाना और खुद को खुशहाल रखना है।
- अमृतवेले और दिव्य जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है; हमेशा खुशी की खोज में रहना चाहिए।
माया और सुख का संबंध
- माया के झूलों को छोड़कर, अतीत सुख के झूलों में झूलते रहना चाहिए।
- भौतिक सुख भले ही अंतरिक्ष में चले जाए, लेकिन खुशी का एहसास नहीं जाना चाहिए।
निष्कर्ष
- आत्मा के घर लौटने की प्रक्रिया में हमें पवित्रता, सेवा, और सही सोच पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
- यह सब मिलकर एक सुखद और संतोषजनक जीवन की ओर ले जाएगा।
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Description
इस क्विज में बापदादा के शिक्षण पर केंद्रित विचारों का परीक्षण किया गया है। यह आत्म-सुधार और पावन बनने के महत्व को समझाता है। ज्ञान की नींद से कैसे जागना है, इस पर विचार करें।