मुरली का महत्व - बापदादा
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मुरली का महत्व - बापदादा

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Questions and Answers

नर से नारायण पद पाने के लिए क्या करना चाहिए?

  • भगवान को भुलाना
  • लोभ-मोह को स्वीकार करना
  • भूत-प्रेत से डरना
  • दूसरों को पढ़ाना (correct)
  • अवस्थाओं में खुशी बनाए रखने के लिए क्या चाहिए?

  • आध्यात्मिक ज्ञान (correct)
  • सामाजिक प्रतिष्ठा
  • धन की अधिकता
  • शारीरिक सुख
  • जो लोग भगवान और प्रकृति में रहते हैं, वे किसे प्रभावित कर सकते हैं?

  • केवल स्वयं को
  • सभी लोगों को (correct)
  • केवल अपने परिवार को
  • अपने दोस्तों को
  • खुश रहने का मुख्य रहस्य क्या है?

    <p>आध्यात्मिकता का विकास</p> Signup and view all the answers

    भूत, भविष्य और वर्तमान में क्या नहीं होना चाहिए?

    <p>लोभ और मोह</p> Signup and view all the answers

    माया के झूले को छोड़ने का क्या लाभ है?

    <p>आध्यात्मिक उत्थान</p> Signup and view all the answers

    खुशनसीब होने का अर्थ क्या है?

    <p>खुश रहना</p> Signup and view all the answers

    व्यक्ति को किस प्रकार की मेहनत करनी चाहिए?

    <p>अपने चारित्रिक सुधार की</p> Signup and view all the answers

    सच्चे सुख की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को क्या स्वीकारना चाहिए?

    <p>आध्यात्मिक साधना</p> Signup and view all the answers

    खुशी का जानना किन्हें अस्थायी माना जाता है?

    <p>मनोरंजन की तलाश करने वालों को</p> Signup and view all the answers

    Study Notes

    घर की याद

    • "मीठे बें" का संदेश है कि घर लौटने के लिए बाप को याद करना और अपने चरित्र में सुधार करना महत्वपूर्ण है।
    • ज्ञान का अहंकार, विशेषकर "लाखों वर्ष" का दावा, आत्मज्ञान में कमी लाता है और जीवन के उद्देश्य को दूर कर देता है।
    • ध्यान रखना आवश्यक है कि घर (निर्मल अवस्था) हमारे बेहद नजदीक है और हमें मेहनत करके पुण्यात्मा बनना है।

    बाप का आह्वान

    • बाप लगातार याद दिलाते हैं कि घर (मोक्ष) बहुत नजदीक है और हमें इसे पुनः प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
    • जब लोग लाखों वर्षों के अनुभव का उल्लेख करते हैं, तो वे वास्तविकता से दूर हो जाते हैं और अपने सुख-दुख का पैमाना भूल जाते हैं।
    • बाप का कहना है कि सभी को पावन बनने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए ताकि सुखधाम (स्वर्ग) में जाकर जीवन का पुनः प्रारंभ किया जा सके।

    विचार और भूतों का परिष्कार

    • बाप उल्लेख करते हैं कि मोह, लोभ, और अन्य विकार व्यक्ति को केवल दुःख की ओर ले जाते हैं।
    • इन विकारों को त्यागने के लिए सच्ची मेहनत करने की आवश्यकता है, क्योंकि ये भूत व्यक्ति के मार्ग पर बाधा उत्पन्न करते हैं।
    • उचित ध्यान और अध्यात्मिक आचरण से ही बुराइयों को छोड़ा जा सकता है।

    शिक्षाप्रद बातें

    • बाप द्वारा दी गई शिक्षाओं में दृढ़ता रखनी होती है और हर दिन एक नई दिशा में प्रयासरत रहना चाहिए।
    • पावन दुनियाओं में जाने के लिए हमें अपने भीतर के पापों को पहचान कर सही कदम उठाने होंगे।
    • बाप ने स्पष्ट किया कि, अगर हम पवित्र बनते हैं, तो मुक्ता धाम में प्रवेश की प्रक्रिया सरल हो जाती है।

    सेवा और उद्देश्य

    • दूसरों को समानता का पाठ पढ़ाने के लिए स्वयं को पहले सुधारना आवश्यक है।
    • बुराइयों (लोभ, मोह) को निकालकर अपने चरित्र में सुधार करने का उद्देश्य होना चाहिए।
    • जीवन की वास्तविकता समझने में समय लग सकता है लेकिन ध्यान केंद्रित रहने से सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं।

    वरदान और आशा

    • भगवान और ब्रह्मा का संबंध केवल अपने जीवन को सुंदर बनाने में नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी भक्ति का निर्माण करने में है।
    • जीवन में खुशी का होना आवश्यक है; भले ही कोई बाहरी कमी हो।
    • माया के आकर्षण से दूर रहकर सच्चे सुख का अनुभव करना चाहिए।

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    Description

    इस क्विज में हम मुरली की गहराईयों की जांच करेंगे और बापदादा के सन्देशों को समझने का प्रयास करेंगे। यह मुरली हमें अपने चरित्र सुधारने और घर वापसी की प्रेरणा देती है। आइए, इस ज्ञान को आत्मसात करते हुए अपने अंदर की कमी को पहचानें।

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