बीजगणित (Algebra) : मुख्य अवधारणाएँ

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Questions and Answers

यदि एक रैखिक समीकरण $2x + 3y = 7$ है, तो $y$ को $x$ के रूप में व्यक्त करने पर $y$ का मान क्या होगा?

  • $y = \frac{7 + 2x}{3}$
  • $y = \frac{2x - 7}{3}$
  • $y = \frac{-2x - 7}{3}$
  • $y = \frac{7 - 2x}{3}$ (correct)

एक त्रिभुज ABC में, यदि कोण A = $60^\circ$ और कोण B = $80^\circ$ तो कोण C का मान क्या होगा?

  • $20^\circ$
  • $60^\circ$
  • $80^\circ$
  • $40^\circ$ (correct)

फलन $f(x) = x^3 - 6x^2 + 5$ का दूसरा अवकलज (second derivative) ज्ञात कीजिए।

  • $6x - 12$ (correct)
  • $6x - 6$
  • $3x^2 - 12x$
  • $x^2 - 4x$

यदि एक डेटा सेट का माध्य 50 है और मानक विचलन 10 है, तो विचरण (variance) क्या होगा?

<p>100 (B)</p> Signup and view all the answers

यदि $\sin(\theta) = \frac{3}{5}$ है, तो $\cos(\theta)$ का मान क्या होगा, जहाँ $\theta$ पहले चतुर्थांश में है?

<p>$\frac{4}{5}$ (A)</p> Signup and view all the answers

समीकरण $|2x - 1| = 5$ के हल क्या हैं?

<p>x = -2, x = 3 (C)</p> Signup and view all the answers

एक वृत्त, जिसकी त्रिज्या 7 सेमी है, का क्षेत्रफल क्या होगा? ($\pi = \frac{22}{7}$ लें)

<p>154 वर्ग सेमी (B)</p> Signup and view all the answers

फलन $f(x) = x^2 - 4x + 3$ का न्यूनतम मान क्या है?

<p>-1 (D)</p> Signup and view all the answers

एक कक्षा में 30 छात्रों में से 20 गणित पसंद करते हैं और 15 विज्ञान पसंद करते हैं। यदि प्रत्येक छात्र कम से कम एक विषय पसंद करता है, तो कितने छात्र दोनों विषय पसंद करते हैं?

<p>5 (A)</p> Signup and view all the answers

यदि $\tan(\theta) = 1$ है, तो $\theta$ का मान क्या होगा, जहाँ $\theta$ $0^\circ$ से $90^\circ$ के बीच है?

<p>$45^\circ$ (B)</p> Signup and view all the answers

Flashcards

बीजगणित (Algebra)

गणित की वह शाखा जो प्रतीकों और उन प्रतीकों को बदलने के नियमों से संबंधित है।

गुणांक (Coefficients)

एक पद में चर से गुणा किए गए संख्यात्मक मान।

स्थिरांक (Constants)

एक बीजीय अभिव्यक्ति या समीकरण में निश्चित संख्यात्मक मान।

समीकरण (Equations)

ऐसे कथन जो दो व्यंजकों को बराबर करते हैं, जिन्हें अक्सर चर के मानों को ज्ञात करने के लिए हल किया जाता है।

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ज्यामिति (Geometry)

ज्यामिति गणित की वह शाखा है जो बिंदुओं, रेखाओं, सतहों, ठोस पदार्थों और उच्च आयामी अनुरूपों के गुणों और संबंधों से संबंधित है।

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कोण (Angles)

दो किरणों द्वारा साझा किए गए उभयनिष्ठ अंत बिंदु (शीर्ष) से बनने वाला कोण, जिसे डिग्री या रेडियन में मापा जाता है।

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त्रिभुज योग प्रमेय (Triangle Sum Theorem)

त्रिकोण के तीनों कोणों का योग 180 डिग्री होता है।

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निर्देशांक तल (Coordinate Plane)

एक द्विविमीय तल जो दो लंबवत संख्या रेखाओं (x-अक्ष और y-अक्ष) द्वारा बनता है।

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कलन (Calculus)

कलन गणित की वह शाखा है जो निरंतर परिवर्तन से संबंधित है।

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सांख्यिकी (Statistics)

आँकड़ों को एकत्रित करने, उनका विश्लेषण करने, व्याख्या करने और प्रस्तुत करने का विज्ञान।

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Study Notes

ज़रूर, यहाँ अपडेट किए गए अध्ययन नोट्स दिए गए हैं:

  • बीजगणित (Algebra): गणित की एक शाखा जो प्रतीकों और उन प्रतीकों को हेरफेर करने के नियमों से संबंधित है।
  • यह अंकगणित का एक सामान्यीकरण है, जहाँ संख्याओं को अज्ञात मानों या चरों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों (आमतौर पर अक्षरों) से बदल दिया जाता है।
  • बीजगणितीय व्यंजकों में पद होते हैं, जो चर, गुणांक और स्थिरांक के संयोजन होते हैं।
  • बीजगणितीय समीकरण दो व्यंजकों के बीच समानता बताते हैं और समीकरण को संतुष्ट करने वाले चरों के मानों को खोजने के लिए हल किया जा सकता है।

बीजगणित में मुख्य अवधारणाएँ

  • चर (Variables): अज्ञात मात्राओं या मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतीक जो बदल सकते हैं।
  • गुणांक (Coefficients): एक पद में चरों द्वारा गुणा किए गए संख्यात्मक मान।
  • स्थिरांक (Constants): एक व्यंजक या समीकरण में निश्चित संख्यात्मक मान।
  • पद (Terms): जोड़ या घटाव द्वारा अलग किए गए बीजगणितीय व्यंजक के भाग।
  • व्यंजक (Expressions): गणितीय संक्रियाओं का उपयोग करके चर, गुणांक और स्थिरांक का संयोजन।
  • समीकरण (Equations): कथन जो दो व्यंजकों को बराबर करते हैं, अक्सर चर के मान को खोजने के लिए हल किया जाता है।

बुनियादी संक्रियाएँ

  • जोड़ और घटाव (Addition and Subtraction): समान पदों को मिलाकर (समान चर को समान शक्ति के साथ पद)।
  • गुणा (Multiplication): पदों का वितरण और घातांक नियमों को लागू करना।
  • भाग (Division): पदों को विभाजित करके और घातांक नियमों को लागू करके व्यंजकों को सरल बनाना।
  • घातांक (Exponents): आधार संख्या या चर के बार-बार गुणा का प्रतिनिधित्व करना।
  • मूल (Roots): वह मान ज्ञात करना जिसे, जब किसी शक्ति तक बढ़ाया जाता है, तो वह एक दी गई संख्या के बराबर होता है।

समीकरणों को हल करना

  • रैखिक समीकरण (Linear Equations): समीकरण जहाँ चर की उच्चतम घात 1 होती है, चर को अलग करके हल किया जाता है।
  • द्विघात समीकरण (Quadratic Equations): समीकरण जहाँ चर की उच्चतम घात 2 होती है, अक्सर गुणनखंड करके, वर्ग को पूरा करके, या द्विघात सूत्र का उपयोग करके हल किया जाता है।
  • समीकरणों की प्रणालियाँ (Systems of Equations): समान चरों वाले दो या दो से अधिक समीकरणों के समुच्चय, सभी समीकरणों को एक साथ संतुष्ट करने वाले मानों को खोजने के लिए हल किए जाते हैं।
  • असमानताएँ (Inequalities): गणितीय कथन जो <, >, ≤, या ≥ जैसे प्रतीकों का उपयोग करके दो व्यंजकों की तुलना करते हैं।

फलन (Functions)

  • परिभाषा (Definition): इनपुट के एक समुच्चय और स्वीकार्य आउटपुट के एक समुच्चय के बीच का संबंध जिसमें यह गुण होता है कि प्रत्येक इनपुट बिल्कुल एक आउटपुट से संबंधित होता है।

  • प्रकार (Types): रैखिक, द्विघात, बहुपद, घातांकीय, लघुगणकीय, त्रिकोणमितीय।

  • ग्राफिंग (Graphing): एक समन्वय तल पर फलनों को दृश्यात्मक रूप से निरूपित करना।

  • ज्यामिति (Geometry): गणित की वह शाखा जो बिंदुओं, रेखाओं, सतहों, ठोसों और उच्च आयामी अनुरूपों के गुणों और संबंधों से संबंधित है।

  • यह दो और तीन आयामों में ज्यामितीय आकृतियों के माप, गुणों और संबंधों से संबंधित है।।

ज्यामिति में मुख्य अवधारणाएँ

  • बिंदु, रेखाएँ और तल (Points, Lines, and Planes): बुनियादी अपरिभाषित पद जो ज्यामिति की नींव बनाते हैं।
  • कोण (Angles): दो किरणों द्वारा निर्मित एक सामान्य अंतिम बिंदु (शीर्ष) साझा करना, जिसे डिग्री या रेडियन में मापा जाता है।
  • त्रिभुज (Triangles): तीन-पक्षीय बहुभुज जिन्हें उनके कोणों (न्यून, समकोण, अधिक कोण) और भुजाओं (समबाहु, समद्विबाहु, विषमबाहु) द्वारा वर्गीकृत किया गया है।
  • चतुर्भुज (Quadrilaterals): चार-पक्षीय बहुभुज, जिनमें वर्ग, आयत, समानांतर चतुर्भुज, ट्रेपेज़ॉइड और समचतुर्भुज शामिल हैं।
  • वृत्त (Circles): एक केंद्र बिंदु से समान दूरी पर बिंदुओं के समुच्चय।
  • ठोस ज्यामिति (Solid Geometry): त्रि-आयामी आकृतियों जैसे घन, गोले, सिलेंडर, शंकु और पिरामिड का अध्ययन।

ज्यामितीय सूत्र (Geometric Formulas)

  • क्षेत्रफल (Area): दो-आयामी आकार के भीतर संलग्न सतह की मात्रा।
    • त्रिभुज (Triangle): 1/2 * आधार * ऊँचाई
    • वर्ग (Square): भुजा^2
    • आयत (Rectangle): लंबाई * चौड़ाई
    • वृत्त (Circle): π * त्रिज्या^2
  • परिमाप (Perimeter): दो-आयामी आकार की भुजाओं की कुल लंबाई।
    • त्रिभुज (Triangle): भुजा1 + भुजा2 + भुजा3
    • वर्ग (Square): 4 * भुजा
    • आयत (Rectangle): 2 * (लंबाई + चौड़ाई)
    • वृत्त (Circle): 2 * π * त्रिज्या (परिधि)
  • आयतन (Volume): त्रि-आयामी वस्तु द्वारा घेरी गई जगह की मात्रा।
    • घन (Cube): भुजा^3
    • गोला (Sphere): (4/3) * π * त्रिज्या^3
    • सिलेंडर (Cylinder): π * त्रिज्या^2 * ऊँचाई
  • सतह क्षेत्रफल (Surface Area): त्रि-आयामी वस्तु की सतहों का कुल क्षेत्रफल।
    • घन (Cube): 6 * भुजा^2
    • गोला (Sphere): 4 * π * त्रिज्या^2
    • सिलेंडर (Cylinder): 2 * π * त्रिज्या * ऊँचाई + 2 * π * त्रिज्या^2

प्रमेय और अभिधारणाएँ

  • पाइथागोरस प्रमेय (Pythagorean Theorem): एक समकोण त्रिभुज में, a^2 + b^2 = c^2, जहाँ a और b भुजाओं की लंबाई हैं और c कर्ण की लंबाई है।
  • त्रिभुज योग प्रमेय (Triangle Sum Theorem): एक त्रिभुज में कोणों का योग 180 डिग्री होता है।
  • समानांतर अभिधारणा (Parallel Postulate): एक रेखा पर बिंदु नहीं होने के माध्यम से, दी गई रेखा के समानांतर बिल्कुल एक रेखा होती है।

समन्वय ज्यामिति (Coordinate Geometry)

  • निर्देशांक तल (Coordinate Plane): दो लंबवत संख्या रेखाओं (x-अक्ष और y-अक्ष) द्वारा निर्मित एक दो-आयामी तल।

  • दूरी सूत्र (Distance Formula): दो बिंदुओं (x1, y1) और (x2, y2) के बीच की दूरी √((x2 - x1)^2 + (y2 - y1)^2) है।

  • मध्यबिंदु सूत्र (Midpoint Formula): अंतिम बिंदुओं (x1, y1) और (x2, y2) के साथ एक रेखा खंड का मध्यबिंदु ((x1 + x2)/2, (y1 + y2)/2) है।

  • ढलान (Slope): एक रेखा की स्थिरता का माप, जिसे x में परिवर्तन द्वारा विभाजित y में परिवर्तन के रूप में गणना की जाती है।

  • एक रेखा का समीकरण (Equation of a Line): ढलान-अवरोधन रूप (y = mx + b), बिंदु-ढलान रूप (y - y1 = m(x - x1)), या मानक रूप (Ax + By = C) में निरूपित किया जा सकता है।

  • कलन (Calculus): गणित की एक शाखा जो निरंतर परिवर्तन से संबंधित है।

  • इसे दो प्रमुख शाखाओं में विभाजित किया गया है: अवकल कलन और समाकल कलन।

अवकल कलन (Differential Calculus)

  • अवकलज (Derivatives): मापें कि इनपुट के संबंध में फ़ंक्शन का आउटपुट किस दर से बदलता है।
  • सीमाएँ (Limits): उस मान को परिभाषित करें जिस पर एक फ़ंक्शन तब पहुँचता है जब इनपुट कुछ मान तक पहुँचता है।
  • विभेदन नियम (Differentiation Rules): विभिन्न प्रकार के फलनों के अवकलज ज्ञात करने की तकनीकें (घात नियम, उत्पाद नियम, भागफल नियम, श्रृंखला नियम)।
  • अवकलजों के अनुप्रयोग (Applications of Derivatives):
    • स्पर्शरेखा रेखाओं की ढलानों को ज्ञात करना।
    • फलनों के अधिकतम और न्यूनतम मानों को निर्धारित करना।
    • परिवर्तन की दरों का विश्लेषण करना।
    • अनुकूलन समस्याएँ।

समाकल कलन (Integral Calculus)

  • समाकल (Integrals): मात्राओं के संचय का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसे एक वक्र के अंतर्गत क्षेत्र के रूप में व्याख्या किया जा सकता है।
  • प्रतिअवकलज (Antiderivatives): फलन जिनके अवकलज दिए गए फलन के बराबर होते हैं।
  • समाकलन तकनीकें (Integration Techniques): विभिन्न प्रकार के फलनों के समाकल ज्ञात करने के तरीके (प्रतिस्थापन, भागों द्वारा समाकलन, आंशिक भिन्न)।
  • समाकलों के अनुप्रयोग (Applications of Integrals):
    • वक्रों के बीच के क्षेत्रों को ज्ञात करना।
    • ठोसों के आयतनों की गणना करना।
    • फलनों के औसत मानों का निर्धारण करना।
    • अवकल समीकरणों को हल करना।

मुख्य प्रमेय

  • कलन का मौलिक प्रमेय (Fundamental Theorem of Calculus:) विभेदन और समाकलन को जोड़ता है, यह बताता है कि विभेदन और समाकलन विपरीत प्रक्रियाएँ हैं।
  • माध्य मान प्रमेय (Mean Value Theorem): बताता है कि एक अंतराल पर एक निरंतर और अवकलनीय फलन के लिए, एक बिंदु ऐसा मौजूद है जिस पर अवकलज अंतराल पर परिवर्तन की औसत दर के बराबर होता है।

उन्नत विषय

  • बहुचर कलन (Multivariable Calculus): कलन को कई चरों के फलनों तक विस्तारित करता है, जिसमें आंशिक अवकलज, बहु समाकल और सदिश कलन शामिल हैं।

  • अवकल समीकरण (Differential Equations): अज्ञात फलनों के अवकलजों से जुड़े समीकरण, जिनका उपयोग भौतिकी, इंजीनियरिंग और अर्थशास्त्र में कई घटनाओं को मॉडल करने के लिए किया जाता है।

  • सांख्यिकी (Statistics): डेटा एकत्र करने, विश्लेषण करने, व्याख्या करने और प्रस्तुत करने का विज्ञान।

  • इसमें डेटा को संक्षेप में प्रस्तुत करने और अनुमान लगाने के लिए गणितीय उपकरणों का उपयोग करना शामिल है।

सांख्यिकी में मुख्य अवधारणाएँ

  • डेटा (Data): प्रस्तुति और व्याख्या के लिए एकत्र, विश्लेषण और संक्षेपित तथ्य और आंकड़े।
  • जनसंख्या (Population): रुचि रखने वाले व्यक्तियों या वस्तुओं का संपूर्ण समूह।
  • नमूना (Sample): विश्लेषण के लिए चुनी गई जनसंख्या का एक उपसमुच्चय।
  • चर (Variables): विशेषताएँ या विशेषताएँ जो अलग-अलग मान ले सकती हैं।
    • वर्गीकृत (गुणात्मक) (Categorical (Qualitative)): चर जो श्रेणियों या लेबल का प्रतिनिधित्व करते हैं।
    • संख्यात्मक (मात्रात्मक) (Numerical (Quantitative)): चर जो मापने योग्य मात्राओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
      • असतत (Discrete): चर जो केवल विशिष्ट मान ले सकते हैं (आमतौर पर पूर्णांक)।
      • सतत (Continuous): चर जो एक सीमा के भीतर कोई भी मान ले सकते हैं।

वर्णनात्मक सांख्यिकी (Descriptive Statistics)

  • केंद्रीय प्रवृत्ति के माप (Measures of Central Tendency):
    • माध्य (Mean): डेटासेट का औसत मान।
    • मध्यिका (Median): क्रम में व्यवस्थित किए जाने पर डेटासेट का मध्य मान।
    • बहुलक (Mode): डेटासेट में सबसे अधिक बार आने वाला मान।
  • विखराव के माप (Measures of Dispersion):
    • परास (Range): डेटासेट में सबसे बड़े और सबसे छोटे मूल्यों के बीच का अंतर।
    • विचरण (Variance): माध्य से वर्गों के अंतर का औसत।
    • मानक विचलन (Standard Deviation): विचरण का वर्गमूल, जो माध्य के चारों ओर डेटा के प्रसार को मापता है।
  • ग्राफिकल डिस्प्ले (Graphical Displays):
    • हिस्टोग्राम (Histograms): संख्यात्मक डेटा के आवृत्ति वितरण का प्रतिनिधित्व करने वाले बार ग्राफ।
    • बॉक्स प्लॉट (Box Plots): डेटासेट में मध्यिका, चतुर्थक और आउटलाइनर का ग्राफिकल प्रतिनिधित्व।
    • स्कैटर प्लॉट (Scatter Plots): दो चरों के बीच संबंध दिखाने वाले ग्राफ।

अनुमानित सांख्यिकी (Inferential Statistics)

  • संभाव्यता (Probability): किसी घटना के घटित होने की संभावना।
  • परिकल्पना परीक्षण (Hypothesis Testing): नमूना डेटा के आधार पर जनसंख्या के बारे में निर्णय या अनुमान लगाने के लिए उपयोग की जाने वाली एक सांख्यिकीय विधि।
    • शून्य परिकल्पना (Null Hypothesis): एक कथन जो कोई प्रभाव या अंतर नहीं मानता है।
    • वैकल्पिक परिकल्पना (Alternative Hypothesis): एक कथन जो शून्य परिकल्पना का खंडन करता है।
    • सार्थकता स्तर (Significance Level): शून्य परिकल्पना को अस्वीकार करने की संभावना जब यह सत्य हो (टाइप I त्रुटि)।
    • p-मान (p-value): देखे गए परिणामों के समान या उससे अधिक चरम परिणाम प्राप्त करने की संभावना यदि शून्य परिकल्पना सत्य है।
  • विश्वास अंतराल (Confidence Intervals): मूल्यों की एक सीमा जिसमें आत्मविश्वास के एक निश्चित स्तर के साथ सच्चे जनसंख्या पैरामीटर होने की संभावना है।
  • प्रतिगमन विश्लेषण (Regression Analysis): एक सांख्यिकीय तकनीक जिसका उपयोग एक आश्रित चर और एक या अधिक स्वतंत्र चरों के बीच संबंध को मॉडल करने के लिए किया जाता है।

सांख्यिकीय परीक्षणों के प्रकार (Types of Statistical Tests)

  • t-परीक्षण (t-tests): दो समूहों के माध्यों की तुलना करने के लिए उपयोग किया जाता है।

  • ANOVA (विचरण का विश्लेषण) (Analysis of Variance): तीन या अधिक समूहों के माध्यों की तुलना करने के लिए उपयोग किया जाता है।

  • ची-स्क्वायर परीक्षण (Chi-Square Tests): श्रेणीबद्ध डेटा का विश्लेषण करने और यह निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है कि दो चरों के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है या नहीं।

  • त्रिकोणमिति (Trigonometry): गणित की वह शाखा जो त्रिभुजों की भुजाओं और कोणों के बीच संबंधों से संबंधित है।

  • यह विशेष रूप से त्रिकोणमितीय फलनों और उनके अनुप्रयोगों से संबंधित है।

त्रिकोणमिति में मुख्य अवधारणाएँ

  • कोण (Angles): डिग्री या रेडियन में मापा जाता है।
    • डिग्री (Degrees): कोणीय माप की एक इकाई, जिसमें एक पूर्ण घूर्णन में 360 डिग्री होती है।
    • रेडियन (Radians): कोणीय माप की एक इकाई, जिसे वृत्त की चाप लंबाई के वृत्त की त्रिज्या के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • त्रिकोणमितीय फलन (Trigonometric Functions): फलन जो एक समकोण त्रिभुज के कोणों को उसकी भुजाओं के अनुपात से संबंधित करते हैं।
    • ज्या (sin): विपरीत / कर्ण
    • कोज्या (cos): आसन्न / कर्ण
    • स्पर्शरेखा (tan): विपरीत / आसन्न
    • कोसेकेंट (csc): 1 / sin
    • सेकेंट (sec): 1 / cos
    • कोटेंजेंट (cot): 1 / tan

इकाई वृत्त (Unit Circle)

  • परिभाषा (Definition): एक समन्वय तल के मूल पर केंद्रित 1 की त्रिज्या वाला एक वृत्त।
  • उपयोग (Use): त्रिकोणमितीय फलनों को इकाई वृत्त पर बिंदुओं के निर्देशांक का उपयोग करके परिभाषित किया जा सकता है, जो विभिन्न कोणों के लिए उनके मूल्यों का दृश्य प्रतिनिधित्व प्रदान करता है।

त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ (Trigonometric Identities)

  • पाइथागोरस सर्वसमिकाएँ (Pythagorean Identities):
    • sin^2(θ) + cos^2(θ) = 1
    • 1 + tan^2(θ) = sec^2(θ)
    • 1 + cot^2(θ) = csc^2(θ)
  • कोण योग और अंतर सर्वसमिकाएँ (Angle Sum and Difference Identities):
    • sin(A ± B) = sin(A)cos(B) ± cos(A)sin(B)
    • cos(A ± B) = cos(A)cos(B) ∓ sin(A)sin(B)
    • tan(A ± B) = (tan(A) ± tan(B)) / (1 ∓ tan(A)tan(B))
  • दोहरे कोण सर्वसमिकाएँ (Double Angle Identities):
    • sin(2θ) = 2sin(θ)cos(θ)
    • cos(2θ) = cos^2(θ) - sin^2(θ) = 2cos^2(θ) - 1 = 1 - 2sin^2(θ)
    • tan(2θ) = (2tan(θ)) / (1 - tan^2(θ))

नियम (Laws):

  • ज्या का नियम (Law of Sines): a / sin(A) = b / sin(B) = c / sin(C), जहाँ a, b, और c एक त्रिभुज की भुजाएँ हैं और A, B, और C विपरीत कोण हैं।
  • कोज्या का नियम (Law of Cosines): c^2 = a^2 + b^2 - 2ab*cos(C), किसी भी त्रिभुज में भुजाओं और कोणों से संबंधित है।

त्रिकोणमिति के अनुप्रयोग (Applications of Trigonometry)

  • नेविगेशन (Navigation): कोणों और त्रिकोणमितीय फलनों का उपयोग करके दूरी और दिशाओं का निर्धारण करना।
  • भौतिकी (Physics): गति, बलों और तरंगों का विश्लेषण करना है।
  • इंजीनियरिंग (Engineering): संरचनाओं को डिजाइन करना, भार की गणना करना और प्रणालियों का विश्लेषण करना।
  • सर्वेक्षण (Surveying): भूमि मापना और मानचित्र बनाना

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