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Questions and Answers
विद्युत द्विध्रुव पर उत्पन्न बल युग्म की दिशा किस नियम द्वारा निर्धारित होती है?
विद्युत द्विध्रुव पर उत्पन्न बल युग्म की दिशा किस नियम द्वारा निर्धारित होती है?
- दक्षिण हस्त नियम (correct)
- कर्क नियम
- बायस का नियम
- हस्त घूर्णन नियम
विद्युत द्विध्रुव पर बल युग्म का आघूर्ण τ का सूत्र क्या है?
विद्युत द्विध्रुव पर बल युग्म का आघूर्ण τ का सूत्र क्या है?
- τ = -qE sin θ
- τ = 2ql E cos θ
- τ = qE sin θ
- τ = 2ql E sin θ (correct)
विद्युत द्विध्रुव पर बल Y की परिमाण किस चीज पर निर्भर करता है?
विद्युत द्विध्रुव पर बल Y की परिमाण किस चीज पर निर्भर करता है?
- क्षेत की गहराई पर
- केवल आवेश की मात्रा पर
- केवल दूरी पर
- क्षेत की तीव्रता और आवेश पर (correct)
बल युग्म τ का SI मात्रक क्या है?
बल युग्म τ का SI मात्रक क्या है?
τ का विमीय सूत्र क्या होता है?
τ का विमीय सूत्र क्या होता है?
वैद्युत द्विध्रुव के कारण बिन्दु P पर वैद्युत तीव्रता की गणना किस फॉर्मूले से की जाती है?
वैद्युत द्विध्रुव के कारण बिन्दु P पर वैद्युत तीव्रता की गणना किस फॉर्मूले से की जाती है?
बिन्दु P की स्थिति वैद्युत द्विध्रुव के संदर्भ में क्या है?
बिन्दु P की स्थिति वैद्युत द्विध्रुव के संदर्भ में क्या है?
बिन्दु P पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E2 का फार्मूला क्या है?
बिन्दु P पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E2 का फार्मूला क्या है?
परिणामी वैद्युत क्षेत्र E की गणना किस तरह की जाती है?
परिणामी वैद्युत क्षेत्र E की गणना किस तरह की जाती है?
वैद्युत द्विध्रुव के आघूर्ण P की गणना किस तरह से की जाती है?
वैद्युत द्विध्रुव के आघूर्ण P की गणना किस तरह से की जाती है?
Study Notes
वैद्युत द्विध्रुव और उसके गुण
- वैद्युत द्विध्रुव AB में दो आवेश होते हैं: -q और +q, जिनके बीच की दूरी 2l होती है।
- मध्य बिंदु को 0 के रूप में निरूपित किया गया है, जबकि बिंदु P, जो कि इस द्विध्रुव के समीप 0 से r दूरी पर स्थित है, न तो अक्षीय और न ही निरक्षीय है।
- द्विध्रुव का द्विध्रुव आघूर्ण P = 2ql होता है और रेखा OP की θ कोण के साथ स्थिति होती है।
वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
-
बिंदु P पर वैद्युत क्षेत्र की अक्षीय तीव्रता:
- ( E_1 = \frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \times \frac{2P \cos \theta}{r^3} ) (P0 दिशा में)
-
बिंदु P पर वैद्युत क्षेत्र की निरक्षीय तीव्रता:
- ( E_2 = \frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \times \frac{P \sin \theta}{r^3} ) (OA2 दिशा में)
-
परिणामी वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता:
- ( E = E_1 + E_2 )
- ( E = \sqrt{E_1^2 + E_2^2 + 2E_1E_2 \cos 90^{\circ}} ) (E1 और E2 के बीच 90° का कोण)
बल युग्म और आघूर्ण
-
एक समान वैद्युत क्षेत्र में विध्रुव पर अलग-अलग दिशाओं में कार्यरत बल होते हैं:
- -q आवेश पर बल: ( F = -qE )
- +q आवेश पर बल: ( F = +qE )
-
दोनों बल समान होते हैं (qE) लेकिन उनकी दिशा विपरीत होती है, जिससे बल युग्म का निर्माण होता है, जिसे τ द्वारा निरूपित किया गया है।
-
बल युग्म का आघूर्ण:
- ( τ = 2ql E \sin \theta )
- ( τ = PE \sin \theta ) (चूंकि P = 2ql)
-
τ की दिशा दक्षिण हस्त नियम द्वारा निर्धारित होती है।
-
τ का विमीय सूत्र [MT⁻²] और SI मात्रक N-m होता है।
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Description
इस क्विज़ में, आप वैद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिन्दु पर वैद्युत तीव्रता के विषय में ज्ञान प्राप्त करेंगे। इसमें द्विध्रुव आघूर्ण और कोणीय स्थिति आदि के बारे में प्रश्न होंगे। विभिन्न बिन्दुओं पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता को समझने के लिए तैयार रहें।