Podcast
Questions and Answers
बहुभाषी संदर्भ में जो सबसे बड़ा चुनौती होती है, वह क्या है?
बहुभाषी संदर्भ में जो सबसे बड़ा चुनौती होती है, वह क्या है?
- भाषा सीखने का समय।
- सिर्फ एक भाषा का प्रयोग करना।
- पूरे समुदाय में संवाद का अभाव। (correct)
- भाषायी विविधता का मूल्यांकन करना।
मानक भाषा की सबसे प्रमुख विशेषता क्या है?
मानक भाषा की सबसे प्रमुख विशेषता क्या है?
- यह केवल एक क्षेत्र में उपयोग होती है।
- यह हमेशा बोलने की भाषा होती है।
- यह सब भाषाओं के लिए समान होती है।
- यह सामाजिक मानकों और क्रियाओं पर आधारित होती है। (correct)
भाषा संचार में किस प्रकार की भूमिका निभाती है?
भाषा संचार में किस प्रकार की भूमिका निभाती है?
- संवेदनाओं को दबाने की।
- केवल विचारों को व्यक्त करने की।
- सिर्फ सूचना देने की।
- समझ और सहानुभूति की। (correct)
लेखन की प्रक्रिया में कौन सा चरण प्राथमिक है?
लेखन की प्रक्रिया में कौन सा चरण प्राथमिक है?
लेखन के उद्देश्य में से कौन सा सबसे सामान्य नहीं है?
लेखन के उद्देश्य में से कौन सा सबसे सामान्य नहीं है?
किस स्थिति में मानक भाषा का प्रयोग करना अनिवार्य है?
किस स्थिति में मानक भाषा का प्रयोग करना अनिवार्य है?
बहुभाषी संदर्भ में किस प्रकार की रणनीति महत्वपूर्ण होती है?
बहुभाषी संदर्भ में किस प्रकार की रणनीति महत्वपूर्ण होती है?
कक्षा प्रबंधन का क्या अर्थ है?
कक्षा प्रबंधन का क्या अर्थ है?
अभिवेचन किस प्रकार की प्रेरणा को संदर्भित करता है?
अभिवेचन किस प्रकार की प्रेरणा को संदर्भित करता है?
व्यक्तित्व की अवधारणा में निम्नलिखित में से कौन सा कारक प्रभावित करता है?
व्यक्तित्व की अवधारणा में निम्नलिखित में से कौन सा कारक प्रभावित करता है?
मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा तरीका प्रभावी है?
मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा तरीका प्रभावी है?
कक्षा प्रबंधन में शिक्षक की भूमिका क्या है?
कक्षा प्रबंधन में शिक्षक की भूमिका क्या है?
आंतरिक प्रेरणा का एक उदाहरण क्या हो सकता है?
आंतरिक प्रेरणा का एक उदाहरण क्या हो सकता है?
व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख बाह्य कारक क्या है?
व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख बाह्य कारक क्या है?
मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका क्या है?
मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका क्या है?
इन्द्रिय ज्ञान क्या होता है?
इन्द्रिय ज्ञान क्या होता है?
प्रातिभ ज्ञान किस प्रकार का ज्ञान है?
प्रातिभ ज्ञान किस प्रकार का ज्ञान है?
यथार्थ अस्तित्व का क्या अर्थ है?
यथार्थ अस्तित्व का क्या अर्थ है?
अभेद और भेद के बीच मुख्य अंतर क्या है?
अभेद और भेद के बीच मुख्य अंतर क्या है?
डेकार्ट के दर्शन के अनुसार, प्रतिभान किस प्रकार का ज्ञान है?
डेकार्ट के दर्शन के अनुसार, प्रतिभान किस प्रकार का ज्ञान है?
सह अस्तित्व का क्या तात्पर्य है?
सह अस्तित्व का क्या तात्पर्य है?
संवेदनात्मक ज्ञान के उदाहरण क्या हो सकते हैं?
संवेदनात्मक ज्ञान के उदाहरण क्या हो सकते हैं?
प्रातिभ ज्ञान में क्या नहीं होता?
प्रातिभ ज्ञान में क्या नहीं होता?
इन्द्रिय ज्ञान और प्रातिभ ज्ञान में मुख्य भेद क्या है?
इन्द्रिय ज्ञान और प्रातिभ ज्ञान में मुख्य भेद क्या है?
किस ज्ञान को आत्मा का ज्ञान कहा जाता है?
किस ज्ञान को आत्मा का ज्ञान कहा जाता है?
लॉक की ज्ञानमीमांसा के दो प्रमुख पक्ष कौन से हैं?
लॉक की ज्ञानमीमांसा के दो प्रमुख पक्ष कौन से हैं?
लॉक के अनुसार ज्ञान का एकमात्र स्त्रोत क्या है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का एकमात्र स्त्रोत क्या है?
लॉक के अनुभव के पहले मस्तिष्क की स्थिति को किस रूप में दर्शाया गया है?
लॉक के अनुभव के पहले मस्तिष्क की स्थिति को किस रूप में दर्शाया गया है?
संवेदन और स्वसंवेदन के माध्यम से ज्ञान प्राप्ति का अर्थ क्या है?
संवेदन और स्वसंवेदन के माध्यम से ज्ञान प्राप्ति का अर्थ क्या है?
लॉक का खंडनात्मक पक्ष किस धारणा का खंडन करता है?
लॉक का खंडनात्मक पक्ष किस धारणा का खंडन करता है?
लॉक की मंडनात्मक पक्ष में ज्ञान प्राप्ति के साधन किसमें शामिल हैं?
लॉक की मंडनात्मक पक्ष में ज्ञान प्राप्ति के साधन किसमें शामिल हैं?
लॉक द्वारा वर्णित 'Tabula Rasa' का क्या अर्थ है?
लॉक द्वारा वर्णित 'Tabula Rasa' का क्या अर्थ है?
लॉक का मानना है कि समस्त ज्ञान किस माध्यम से किया जाता है?
लॉक का मानना है कि समस्त ज्ञान किस माध्यम से किया जाता है?
किस प्रकार का ज्ञान लॉक के अनुसार अनुभव से प्राप्त होता है?
किस प्रकार का ज्ञान लॉक के अनुसार अनुभव से प्राप्त होता है?
लॉक का अनुभववाद किस धारणा का खंडन करता है?
लॉक का अनुभववाद किस धारणा का खंडन करता है?
संवेदन और स्वसंवेदन में क्या अंतर है?
संवेदन और स्वसंवेदन में क्या अंतर है?
लॉक के अनुसार ज्ञान किससे निर्मित होता है?
लॉक के अनुसार ज्ञान किससे निर्मित होता है?
लॉक के सिद्धांत में सरल प्रत्यय का क्या महत्व है?
लॉक के सिद्धांत में सरल प्रत्यय का क्या महत्व है?
ज्ञान की परिभाषा के अनुसार, इसे किस प्रकार समझा जा सकता है?
ज्ञान की परिभाषा के अनुसार, इसे किस प्रकार समझा जा सकता है?
क्या सरल प्रत्यय जटिल प्रत्यय के निर्माण में योगदान करते हैं?
क्या सरल प्रत्यय जटिल प्रत्यय के निर्माण में योगदान करते हैं?
लॉक के सिद्धांत अनुसार, ज्ञान में किन चीजों का समावेश होता है?
लॉक के सिद्धांत अनुसार, ज्ञान में किन चीजों का समावेश होता है?
किस दार्शनिक के अनुसार प्रत्यय जन्मजात होते हैं?
किस दार्शनिक के अनुसार प्रत्यय जन्मजात होते हैं?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या है?
जटिल प्रत्यय किस प्रकार के होते हैं?
जटिल प्रत्यय किस प्रकार के होते हैं?
प्रत्ययों के बारे में प्लेटो का क्या मानना है?
प्रत्ययों के बारे में प्लेटो का क्या मानना है?
निदर्शनात्मक ज्ञान क्या है?
निदर्शनात्मक ज्ञान क्या है?
ज्ञान की श्रेणी में लॉक के अनुसार क्या सीमित है?
ज्ञान की श्रेणी में लॉक के अनुसार क्या सीमित है?
लॉक के संवादिता सिद्धांत के अनुसार ज्ञान कब सत्य होता है?
लॉक के संवादिता सिद्धांत के अनुसार ज्ञान कब सत्य होता है?
लॉक के अनुसार प्रत्यय का क्या महत्व है?
लॉक के अनुसार प्रत्यय का क्या महत्व है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद किस सिद्धांत को स्वीकार करता है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद किस सिद्धांत को स्वीकार करता है?
लॉक के अनुसार, जब इन्द्रिय का किसी वस्तु से संपर्क होता है, तो क्या होता है?
लॉक के अनुसार, जब इन्द्रिय का किसी वस्तु से संपर्क होता है, तो क्या होता है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की प्रामाणिकता किन स्थितियों में जांची जाती है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की प्रामाणिकता किन स्थितियों में जांची जाती है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद को किस आधार पर समझा जाता है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद को किस आधार पर समझा जाता है?
किस दृष्टिकोण से लॉक वस्तुवाद का समर्थन करते हैं?
किस दृष्टिकोण से लॉक वस्तुवाद का समर्थन करते हैं?
लॉक के अनुभववाद में 'Tabula Rasa' का क्या अर्थ है?
लॉक के अनुभववाद में 'Tabula Rasa' का क्या अर्थ है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की प्राप्ति के मुख्य स्रोत क्या हैं?
लॉक के अनुसार ज्ञान की प्राप्ति के मुख्य स्रोत क्या हैं?
लॉक के खण्डनात्मक पक्ष का मुख्य उद्देश्य क्या है?
लॉक के खण्डनात्मक पक्ष का मुख्य उद्देश्य क्या है?
लॉक के अनुभववाद के अनुसार ज्ञान का एकमात्र अधार क्या है?
लॉक के अनुभववाद के अनुसार ज्ञान का एकमात्र अधार क्या है?
लॉक के अनुसार स्वसंवेदन का अर्थ क्या है?
लॉक के अनुसार स्वसंवेदन का अर्थ क्या है?
लॉक की ज्ञानमीमांसा में मंडनात्मक पक्ष किसका वर्णन करता है?
लॉक की ज्ञानमीमांसा में मंडनात्मक पक्ष किसका वर्णन करता है?
अनुभव से ज्ञान प्राप्ति के लिए 'संवेदन' का क्या अर्थ है?
अनुभव से ज्ञान प्राप्ति के लिए 'संवेदन' का क्या अर्थ है?
लॉक के ज्ञानमीमांसा में खण्डनात्मक पक्ष का क्या महत्व है?
लॉक के ज्ञानमीमांसा में खण्डनात्मक पक्ष का क्या महत्व है?
लॉक के अनुसार अनुभव के पहले मस्तिष्क की स्थिति कैसी होती है?
लॉक के अनुसार अनुभव के पहले मस्तिष्क की स्थिति कैसी होती है?
लॉक ने ज्ञान की प्राप्ति में निम्न में से किसका वर्णन किया है?
लॉक ने ज्ञान की प्राप्ति में निम्न में से किसका वर्णन किया है?
इन्द्रिय ज्ञान को किस प्रकार का ज्ञान माना जाता है?
इन्द्रिय ज्ञान को किस प्रकार का ज्ञान माना जाता है?
प्रातिभ ज्ञान किसे दर्शाता है?
प्रातिभ ज्ञान किसे दर्शाता है?
सह अस्तित्व का तात्पर्य किससे है?
सह अस्तित्व का तात्पर्य किससे है?
डेकार्ट के अनुसार 'प्रतिभान' किस प्रकार का ज्ञान है?
डेकार्ट के अनुसार 'प्रतिभान' किस प्रकार का ज्ञान है?
अभेद और भेद के बीच क्या अंतर है?
अभेद और भेद के बीच क्या अंतर है?
लॉक के ज्ञानमीमांसा में ज्ञान के मुख्य स्रोत क्या हैं?
लॉक के ज्ञानमीमांसा में ज्ञान के मुख्य स्रोत क्या हैं?
लॉक के अनुसार अनुभव से किस प्रकार का ज्ञान प्राप्त होता है?
लॉक के अनुसार अनुभव से किस प्रकार का ज्ञान प्राप्त होता है?
क्या प्रातिभ ज्ञान में किसी प्रकार का संदेह होता है?
क्या प्रातिभ ज्ञान में किसी प्रकार का संदेह होता है?
लॉक के सिद्धांत में साधारण ज्ञान का क्या महत्व है?
लॉक के सिद्धांत में साधारण ज्ञान का क्या महत्व है?
यथार्थ अस्तित्व का क्या तात्पर्य है?
यथार्थ अस्तित्व का क्या तात्पर्य है?
संवेदन और स्वसंवेदन के बीच मुख्य अंतर क्या है?
संवेदन और स्वसंवेदन के बीच मुख्य अंतर क्या है?
जटिल प्रत्यय किस प्रकार से निर्मित होते हैं?
जटिल प्रत्यय किस प्रकार से निर्मित होते हैं?
लॉक के अनुसार ज्ञान का निर्माण किससे होता है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का निर्माण किससे होता है?
ज्ञान की परिभाषा के अनुसार, ज्ञान क्या होता है?
ज्ञान की परिभाषा के अनुसार, ज्ञान क्या होता है?
लॉक के अनुसार सरल प्रत्यय क्या होते हैं?
लॉक के अनुसार सरल प्रत्यय क्या होते हैं?
डेकार्ट के अनुसार प्रत्यय का क्या महत्व है?
डेकार्ट के अनुसार प्रत्यय का क्या महत्व है?
संगति या विसंगति का ज्ञान किसके माध्यम से होता है?
संगति या विसंगति का ज्ञान किसके माध्यम से होता है?
प्लेटो के अनुसार प्रत्यय की क्या स्थिति है?
प्लेटो के अनुसार प्रत्यय की क्या स्थिति है?
लॉक के ज्ञान सिद्धांत में 'टैबुला रासा' का क्या अर्थ है?
लॉक के ज्ञान सिद्धांत में 'टैबुला रासा' का क्या अर्थ है?
लॉक के अनुसार ज्ञान किसके माध्यम से किया जाता है?
लॉक के अनुसार ज्ञान किसके माध्यम से किया जाता है?
निदर्शनात्मक ज्ञान किस प्रकार का ज्ञान है?
निदर्शनात्मक ज्ञान किस प्रकार का ज्ञान है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की सीमा क्या निर्धारित करती है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की सीमा क्या निर्धारित करती है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद का क्या आधार है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद का क्या आधार है?
लॉक के संवादिता सिद्धांत के अनुसार ज्ञान कब असत्य होता है?
लॉक के संवादिता सिद्धांत के अनुसार ज्ञान कब असत्य होता है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की प्रामाणिकता किस पर निर्भर करती है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की प्रामाणिकता किस पर निर्भर करती है?
लॉक के ज्ञानमीमांसीय दृष्टिकोण के अनुसार, ज्ञान को कैसे प्राप्त किया जाता है?
लॉक के ज्ञानमीमांसीय दृष्टिकोण के अनुसार, ज्ञान को कैसे प्राप्त किया जाता है?
किस ज्ञान को लॉक के सिद्धांत में अनुभवजनित कहा जाता है?
किस ज्ञान को लॉक के सिद्धांत में अनुभवजनित कहा जाता है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद के अनुसार, किस से वस्तु की सत्ता के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद के अनुसार, किस से वस्तु की सत्ता के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है?
लॉक के कौन से सिद्धांत का समर्थन अनुभववाद करता है?
लॉक के कौन से सिद्धांत का समर्थन अनुभववाद करता है?
किस सिद्धांत के अनुसार, अनुभव से संबंधित वस्तु की सत्ता ही स्वीकार्य है?
किस सिद्धांत के अनुसार, अनुभव से संबंधित वस्तु की सत्ता ही स्वीकार्य है?
लॉक के अनुभववादी सिद्धांत में ज्ञान की प्राप्ति के लिए कौन सा विकल्प सही है?
लॉक के अनुभववादी सिद्धांत में ज्ञान की प्राप्ति के लिए कौन सा विकल्प सही है?
लॉक का 'Tabula Rasa' सिद्धांत किस स्थिति को दर्शाता है?
लॉक का 'Tabula Rasa' सिद्धांत किस स्थिति को दर्शाता है?
लॉक के खंडनात्मक पक्ष में क्या सिद्ध किया जाता है?
लॉक के खंडनात्मक पक्ष में क्या सिद्ध किया जाता है?
लॉक के ज्ञानमीमांसा के कौन से पक्ष में ज्ञान की साधन, स्वरूप, सीमा इत्यादि का वर्णन होता है?
लॉक के ज्ञानमीमांसा के कौन से पक्ष में ज्ञान की साधन, स्वरूप, सीमा इत्यादि का वर्णन होता है?
लॉक के अनुसार स्वसंवेदन का क्या अर्थ है?
लॉक के अनुसार स्वसंवेदन का क्या अर्थ है?
ज्ञान की प्राप्ति के लिए किस प्रकार के अनुभव लॉक द्वारा वर्णित किए जाते हैं?
ज्ञान की प्राप्ति के लिए किस प्रकार के अनुभव लॉक द्वारा वर्णित किए जाते हैं?
लॉक अनुभव का अर्थ किस प्रकार से लेते हैं?
लॉक अनुभव का अर्थ किस प्रकार से लेते हैं?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतर्निहित क्या है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतर्निहित क्या है?
लॉक की विचारधारा में खंडनात्मक पक्ष का मुख्य लक्ष्य क्या है?
लॉक की विचारधारा में खंडनात्मक पक्ष का मुख्य लक्ष्य क्या है?
लॉक के ज्ञानमीमांसा में प्रातिभ ज्ञान के उदाहरण क्या हैं?
लॉक के ज्ञानमीमांसा में प्रातिभ ज्ञान के उदाहरण क्या हैं?
इन्द्रिय ज्ञान और प्रातिभ ज्ञान के बीच का मुख्य भेद क्या है?
इन्द्रिय ज्ञान और प्रातिभ ज्ञान के बीच का मुख्य भेद क्या है?
लॉक के अनुसार संवेदन का क्या महत्व है?
लॉक के अनुसार संवेदन का क्या महत्व है?
स्वसंवेदन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
स्वसंवेदन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सह अस्तित्व का तात्पर्य किस प्रकार की स्थिति से है?
सह अस्तित्व का तात्पर्य किस प्रकार की स्थिति से है?
अभेद और भेद के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
अभेद और भेद के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
लॉक के अनुसार ज्ञान के निर्माण में कौन सा तत्व शामिल नहीं है?
लॉक के अनुसार ज्ञान के निर्माण में कौन सा तत्व शामिल नहीं है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या है?
लॉक के सिद्धांत में सरल प्रत्यय का क्या स्थान है?
लॉक के सिद्धांत में सरल प्रत्यय का क्या स्थान है?
प्रत्ययों के बीच संगति या असंगति का ज्ञान किसके द्वारा होता है?
प्रत्ययों के बीच संगति या असंगति का ज्ञान किसके द्वारा होता है?
यथार्थ अस्तित्व के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा विचार सही है?
यथार्थ अस्तित्व के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा विचार सही है?
जटिल प्रत्यय का निर्माण कैसे होता है?
जटिल प्रत्यय का निर्माण कैसे होता है?
लॉक के सिद्धांत में सरल प्रत्ययों का महत्व क्या है?
लॉक के सिद्धांत में सरल प्रत्ययों का महत्व क्या है?
प्रतिभान के संबंध में लॉक की धारणा क्या है?
प्रतिभान के संबंध में लॉक की धारणा क्या है?
लॉक के ज्ञान की परिभाषा में क्या नहीं शामिल है?
लॉक के ज्ञान की परिभाषा में क्या नहीं शामिल है?
प्लेटो के अनुसार प्रत्ययों की सत्ता किससे पृथक है?
प्लेटो के अनुसार प्रत्ययों की सत्ता किससे पृथक है?
लॉक के अनुसार ज्ञान में निम्नलिखित में से क्या नहीं होता?
लॉक के अनुसार ज्ञान में निम्नलिखित में से क्या नहीं होता?
इन्द्रिय ज्ञान का प्रमुख पहलू क्या है?
इन्द्रिय ज्ञान का प्रमुख पहलू क्या है?
डेकार्ट के अनुसार प्रत्यय किस प्रकार के होते हैं?
डेकार्ट के अनुसार प्रत्यय किस प्रकार के होते हैं?
विशिष्ट ज्ञान के अभाव में किस प्रकार का ज्ञान संभव है?
विशिष्ट ज्ञान के अभाव में किस प्रकार का ज्ञान संभव है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की सीमा किस पर निर्भर करती है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की सीमा किस पर निर्भर करती है?
निदर्शनात्मक ज्ञान किस प्रकार की जानकारी को दर्शाता है?
निदर्शनात्मक ज्ञान किस प्रकार की जानकारी को दर्शाता है?
लॉक का संवादिता सिद्धांत ज्ञान की प्रामाणिकता का निर्धारण कैसे करता है?
लॉक का संवादिता सिद्धांत ज्ञान की प्रामाणिकता का निर्धारण कैसे करता है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद के अनुसार ज्ञान किस आधार पर प्राप्त होता है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद के अनुसार ज्ञान किस आधार पर प्राप्त होता है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की पुष्टि के लिए आवश्यक तत्व क्या है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की पुष्टि के लिए आवश्यक तत्व क्या है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या है?
किस सिद्धांत के अनुसार वस्तु की सत्ता स्वतंत्र होती है?
किस सिद्धांत के अनुसार वस्तु की सत्ता स्वतंत्र होती है?
लॉक का मानना है कि हम ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते हैं जब क्या अनुपस्थित हो?
लॉक का मानना है कि हम ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते हैं जब क्या अनुपस्थित हो?
लॉक का दृष्टिकोण किस प्रकार का है जब वह ज्ञान की परिभाषा देते हैं?
लॉक का दृष्टिकोण किस प्रकार का है जब वह ज्ञान की परिभाषा देते हैं?
इन्द्रिय के संपर्क में आने पर क्या होता है?
इन्द्रिय के संपर्क में आने पर क्या होता है?
लॉक के खंडनात्मक पक्ष में किस धारणा का खंडन किया गया है?
लॉक के खंडनात्मक पक्ष में किस धारणा का खंडन किया गया है?
लॉक की ज्ञानमीमांसा के मंडनात्मक पक्ष में निम्न में से क्या शामिल है?
लॉक की ज्ञानमीमांसा के मंडनात्मक पक्ष में निम्न में से क्या शामिल है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की प्राप्ति दो रूपों में होती है। निम्न में से कौन सा सही नहीं है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की प्राप्ति दो रूपों में होती है। निम्न में से कौन सा सही नहीं है?
लॉक के अनुभववाद में समस्या का मुख्य केंद्र क्या है?
लॉक के अनुभववाद में समस्या का मुख्य केंद्र क्या है?
लॉक के अनुसार, अनुभव के पहले मस्तिष्क की स्थिति को किस रूप में दर्शाया गया है?
लॉक के अनुसार, अनुभव के पहले मस्तिष्क की स्थिति को किस रूप में दर्शाया गया है?
लॉक के सिद्धांत में 'संवेदन' और 'स्वसंवेदन' के बीच क्या अंतर है?
लॉक के सिद्धांत में 'संवेदन' और 'स्वसंवेदन' के बीच क्या अंतर है?
लॉक के अनुसार, ज्ञान की संरचना में निम्नलिखित में से किसका समावेश नहीं होता?
लॉक के अनुसार, ज्ञान की संरचना में निम्नलिखित में से किसका समावेश नहीं होता?
लॉक के सिद्धांत के अनुसार, 'जटिल प्रत्यय' किस प्रकार के होते हैं?
लॉक के सिद्धांत के अनुसार, 'जटिल प्रत्यय' किस प्रकार के होते हैं?
लॉक के अनुसार, ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या है?
लॉक के अनुसार, ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या है?
लॉक किस धारणा का खंडन करते हैं?
लॉक किस धारणा का खंडन करते हैं?
स्वसंवेदन का क्या अर्थ है?
स्वसंवेदन का क्या अर्थ है?
लॉक के अनुसार ज्ञान के निर्माण का मुख्य स्रोत क्या है?
लॉक के अनुसार ज्ञान के निर्माण का मुख्य स्रोत क्या है?
लॉक के सिद्धांत में सरल प्रत्यय किस प्रकार के होते हैं?
लॉक के सिद्धांत में सरल प्रत्यय किस प्रकार के होते हैं?
ज्ञान की परिभाषा के अनुसार, ज्ञान का अनुभव कैसे प्राप्त होता है?
ज्ञान की परिभाषा के अनुसार, ज्ञान का अनुभव कैसे प्राप्त होता है?
प्लेटो के दृष्टिकोण के अनुसार, प्रत्ययों की सत्ता किससे मुक्त है?
प्लेटो के दृष्टिकोण के अनुसार, प्रत्ययों की सत्ता किससे मुक्त है?
जटिल प्रत्ययों के निर्माण में किस तत्व का योगदान होता है?
जटिल प्रत्ययों के निर्माण में किस तत्व का योगदान होता है?
ज्ञान के निर्माण की प्रक्रिया में 'संगति या असंगति' का क्या महत्व है?
ज्ञान के निर्माण की प्रक्रिया में 'संगति या असंगति' का क्या महत्व है?
डेकार्ट के अनुसार, प्रत्यय किस प्रकार के होते हैं?
डेकार्ट के अनुसार, प्रत्यय किस प्रकार के होते हैं?
ज्ञान का स्रोत किसे कहा गया है?
ज्ञान का स्रोत किसे कहा गया है?
लॉक के अनुसार ज्ञान के पहले चरण में क्या होता है?
लॉक के अनुसार ज्ञान के पहले चरण में क्या होता है?
इन्द्रिय-ज्ञान की मुख्य विशेषता क्या है?
इन्द्रिय-ज्ञान की मुख्य विशेषता क्या है?
प्रातिभ ज्ञान के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा विवरण सही है?
प्रातिभ ज्ञान के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा विवरण सही है?
किस प्रकार का ज्ञान आत्मा का ज्ञान कहा जाता है?
किस प्रकार का ज्ञान आत्मा का ज्ञान कहा जाता है?
सह अस्तित्व का तात्पर्य क्या है?
सह अस्तित्व का तात्पर्य क्या है?
यथार्थ अस्तित्व का अर्थ क्या है?
यथार्थ अस्तित्व का अर्थ क्या है?
लॉक की ज्ञानमीमांसा में ज्ञान का एकमात्र स्त्रोत क्या है?
लॉक की ज्ञानमीमांसा में ज्ञान का एकमात्र स्त्रोत क्या है?
इन्द्रिय ज्ञान और प्रातिभ ज्ञान के बीच मुख्य भेद क्या है?
इन्द्रिय ज्ञान और प्रातिभ ज्ञान के बीच मुख्य भेद क्या है?
लॉक के अनुसार ज्ञान कब सत्य होता है?
लॉक के अनुसार ज्ञान कब सत्य होता है?
डेकार्ट के दर्शन में 'प्रतिभान' को कौन सा ज्ञान कहा गया है?
डेकार्ट के दर्शन में 'प्रतिभान' को कौन सा ज्ञान कहा गया है?
इन्द्रिय ज्ञान के उच्च स्तर क्या हैं?
इन्द्रिय ज्ञान के उच्च स्तर क्या हैं?
लॉक के अनुसार ज्ञान की क्या सीमा है?
लॉक के अनुसार ज्ञान की क्या सीमा है?
निदर्शनात्मक ज्ञान का क्या उदहारण हो सकता है?
निदर्शनात्मक ज्ञान का क्या उदहारण हो सकता है?
लॉक के संवादिता सिद्धांत के अनुसार ज्ञान कब सत्य होता है?
लॉक के संवादिता सिद्धांत के अनुसार ज्ञान कब सत्य होता है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद का क्या मूल तात्पर्य है?
प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद का क्या मूल तात्पर्य है?
लॉक के अनुसार प्रत्यय का क्या महत्व है?
लॉक के अनुसार प्रत्यय का क्या महत्व है?
वस्तुवाद के सिद्धांत के अनुसार वस्तुओं की क्या स्थिति मानी जाती है?
वस्तुवाद के सिद्धांत के अनुसार वस्तुओं की क्या स्थिति मानी जाती है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या माना जाता है?
लॉक के अनुसार ज्ञान का अंतिम स्रोत क्या माना जाता है?
ज्ञान की प्रामाणिकता का निर्धारण किस सिद्धांत के अनुसार होता है?
ज्ञान की प्रामाणिकता का निर्धारण किस सिद्धांत के अनुसार होता है?
लॉक के अनुभववादी दृष्टिकोण का मुख्य आधार क्या है?
लॉक के अनुभववादी दृष्टिकोण का मुख्य आधार क्या है?
लॉक के अनुसार, ज्ञान का विस्तार किस प्रकार किया जा सकता है?
लॉक के अनुसार, ज्ञान का विस्तार किस प्रकार किया जा सकता है?
Study Notes
कक्षा प्रबंधन (Classroom Management)
- कक्षा प्रबंधन, छात्रों को सीखने के लिए अनुकूल माहौल बनाने की कला है, जहाँ शांति, अनुशासन और सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा दिया जाता है।
- शिक्षक, कक्षा प्रबंधन के मूलभूत अंग हैं क्योंकि वे शांत और उत्पादक वातावरण बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- शिक्षक को छात्रों की रुचि को समझ कर पढ़ाने की योजना बनानी चाहिए, शिक्षण प्रक्रियाओं को रुचिकर बनाना चाहिए, और छात्रों को उचित निर्देश देना चाहिए।
- कक्षा में शांत और नियमित वातावरण बनाकर, समय पर कार्य पूरा करने के लिए प्रोत्साहन देकर, छात्रों को स्वतंत्र रूप से सोचने और काम करने के लिए अवसर देकर शिक्षक कक्षा को बेहतर बना सकते हैं।
- कक्षा प्रबंधन में सामाजिक-भावनात्मक सीखने (SEL) के तत्वों को शामिल करना, जैसे सहानुभूति, संबंध निर्माण और संघर्ष समाधान, महत्वपूर्ण है।
अभिप्रेरणा (Motivation)
- अभिप्रेरणा, व्यक्ति को किसी लक्ष्य की ओर लगातार प्रयास करने के लिए प्रेरित करने वाली शक्ति होती है।
- आंतरिक अभिप्रेरणा, स्वयं की संतुष्टि और उपलब्धि के लिए प्रेरणा से सम्बंधित होता है।
- उदाहरण के लिए, एक छात्र खेल में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होता है क्योंकि उसे खेल खेलने में आनंद मिलता है।
- बाहरी अभिप्रेरणा, बाहरी पुरस्कारों, पहचान या दंड द्वारा प्रकाशित होती है।
- उदाहरण के लिए, एक छात्र अच्छे ग्रेड के लिए लंबे समय तक पढ़ाई करता है।
व्यक्तित्व (Personality)
- व्यक्तित्व, किसी व्यक्ति की स्थिर और विशिष्ट मनोवैज्ञानिक विशेषताओं का समूह होता है, जो उसके व्यवहार के ढंग को प्रभावित करते हैं।
- व्यक्तित्व पर वंशाणुगत कारक (जैसे, शारीरिक गुण, प्रतिभा), पर्यावरणीय कारक (जैसे, परिवार, समाज, संस्कृति), और व्यक्तित्व पर सुधार (जैसे, अध्ययन, अनुभव) का प्रभाव होता है।
मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)
- मानसिक स्वास्थ्य, एक व्यक्ति की भावनात्मक, मानसिक, और सामाजिक कल्याण की स्थिति को बताता है।
- मानसिक स्वास्थ्य को घर और स्कूल both में बढ़ावा दिया जा सकता है।
- घर में, परिवार को आपसी संपर्क को मजबूत करना, नकारात्मक सोच से बचना, और स्वस्थ जीवनशैली को अंगीकार करना चाहिए।
- स्कूल में, शिक्षकों को छात्रों की भावनाओं को समझने के लिए खुले रचनात्मक और सहानुभूति से व्यवहार करना चाहिए। शिक्षक, छात्रों को मानसिक तनाव से निपटने के लिए तकनीक भी सिखा सकते हैं।
लॉक की ज्ञानमीमांसा
- लॉक ने पश्चिमी दर्शन में ज्ञानमीमांसा को प्राथमिकता दी।
- लॉक का मानना था कि तत्वमीमांसा से पहले ज्ञानमीमांसा का अध्ययन आवश्यक है।
- लॉक की ज्ञानमीमांसा के दो पक्ष थे - खण्डनात्मक और मंडनात्मक।
- लॉक ने जन्मजात प्रत्ययों के सिद्धांत का खंडन किया और अनुभववाद को स्थापित किया।
- लॉक ने कहा कि ज्ञान अनुभव के माध्यम से प्राप्त होता है।
ज्ञान का स्रोत
- लॉक ने अनुभव को ज्ञान का मुख्य स्रोत माना।
- लॉक ने दो प्रकार के अनुभव बताए - संवेदन और स्वसंवेदन।
- संवेदन बाहरी दुनिया से प्राप्त होता है, जैसे इंद्रियों के माध्यम से।
- स्वसंवेदन आंतरिक मन की क्रियाओं से प्राप्त होता है, जैसे विचार, भावनाएं।
ज्ञान का स्वरूप
- लॉक के अनुसार ज्ञान "प्रत्ययों" (ideas) से निर्मित होता है।
- प्रत्यय संवेदन और स्वसंवेदन से प्राप्त होते हैं।
- प्रत्ययों के बीच संबंधों के जरिए ज्ञान प्राप्त होता है - संगति, असंगति या विरोधाभास।
- लॉक ने दो प्रकार के प्रत्यय बताए - सरल प्रत्यय और जटिल प्रत्यय।
- सरल प्रत्यय संवेदन या स्वसंवेदन से सीधे आते हैं।
- जटिल प्रत्यय सरल प्रत्ययों के मिश्रण से बनते हैं।
ज्ञान की परिभाषा
- लॉक ने ज्ञान को "प्रत्ययों के आपसी संबंधों" का ज्ञान बताया, उनकी संगति या असंगति का ज्ञान।
- लॉक ने चार प्रकार के प्रत्ययों के बीच संबंधों को बताया -
- अभेद या भेद
- अमूर्त संबंध
- सह अस्तित्व
- यथार्थ अस्तित्व
ज्ञान के प्रकार
- लॉक ने तीन प्रकार के ज्ञानों का वर्णन किया है -
- इन्द्रिय-ज्ञान (संवेदना ज्ञान)
- प्रातिभ ज्ञान या अन्तः प्रज्ञात्मक ज्ञान
- निदर्शनात्मक ज्ञान
ज्ञान की सीमा एवं प्रामाणिकता
- लॉक ने कहा कि "प्रत्यय" ही ज्ञान की सीमा हैं।
- हम उन वस्तुओं के बारे में ज्ञान नहीं प्राप्त कर सकते जिनके प्रत्यय हमारे पास नहीं हैं।
- लॉक ने ज्ञान की प्रामाणिकता के लिए "संगति सिद्धांत" का समर्थन किया।
- लॉक ने कहा कि प्रत्यय के अनुरूप वस्तु होने पर ज्ञान सत्य होता है और प्रत्यय के अनुरूप वस्तु न होने पर ज्ञान असत्य होता है।
ज्ञान-ज्ञेय-संबंध : प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद
- लॉक वस्तुवाद के समर्थक थे, जिसके अनुसार वस्तुओं की सत्ता मानव मन से स्वतंत्र है।
- लॉक के अनुसार वस्तुओं का ज्ञान हमें वस्तुओं में निहित "प्राथमिक गुणों" के माध्यम से होता है।
- लॉक ने कहा कि इन्द्रिय किसी वस्तु के संपर्क में आने पर वस्तु के मूल गुणों की छाप मन में डाल देती है।
- लॉक ने कहा कि यह "छाप" या "प्रत्यय" वस्तु का प्रतिनिधित्व करता है।
- लॉक के इस वस्तुवाद को "प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद" कहा जाता है क्योंकि ज्ञान प्राप्ति के लिए वस्तुओं के प्रतिनिधियों (प्रत्ययों) के माध्यम से ही ज्ञान प्राप्त होता है।
लॉक की ज्ञानमीमांसा
- लॉक एक प्रसिद्ध पश्चिमी दार्शनिक थे जिन्होंने अपने दर्शन का प्रारंभ ज्ञानमीमांसा से किया, तत्वमीमांसा से पहले।
- ज्ञानमीमांसा लॉक के दर्शन में प्रमुख है।
- लॉक ने अपनी ज्ञानमीमांसा में बुद्धिवादियों द्वारा स्वीकृत जन्मजात प्रत्ययों की धारणा का खंडन किया और कहा कि समस्त ज्ञान अनुभव से ही आता है।
- उन्होंने अनुभव को ज्ञान का एकमात्र स्त्रोत बताया।
- लॉक ने मानव मन की प्रारंभिक स्थिति को Tabula Rasa, Empty Pot, clean slate के रूप में वर्णित किया, जो अनुभव के माध्यम से ज्ञान से भरता है।
ज्ञान का स्त्रोत
- लॉक ने अनुभव को ज्ञान प्राप्ति के लिए एकमात्र स्त्रोत बताया।
- उन्होंने अनुभव के दो रूपों का वर्णन किया- संवेदन और स्वसंवेदन।
- संवेदन बाह्य जगत की वस्तुओं के प्रत्ययों को मन में लाता है, जो बाह्य ज्ञान है।
- संवेदन ज्ञान का प्राथमिक स्त्रोत है।
- स्वसंवेदन मन की आंतरिक क्रियाओं का प्रत्यीकरण है, जो आंतरिक भावों या संवेगों जैसे, संशय, स्मरण, आदि का ज्ञान देता है।
- लॉक ने माना कि संवेदन, स्वसंवेदन से पहले होता है।
ज्ञान का स्वरूप
- लॉक ने बताया कि हमारा ज्ञान प्रत्ययों (Ideas) से निर्मित होता है।
- संवेदन एवं स्वसंवेदन से हमें प्रत्यय प्राप्त होते हैं।
- प्रत्ययों के अतिरिक्त हमें किसी पदार्थ का साक्षात ज्ञान नहीं होता।
- लॉक ने यह भी कहा कि प्रत्यय ज्ञान नहीं हैं, बल्कि ज्ञान के निर्मायक तत्व हैं।
- लॉक ने प्रत्ययों के दो प्रकारों का वर्णन किया:
- सरल प्रत्यय, जो संवेदन या स्वसंवेदन से या दोनों से प्राप्त होते हैं।
- मिश्र या जटिल प्रत्यय, जो सरल प्रत्ययों के मिश्रण से बनते हैं।
- ये प्रत्यय हमारे समस्त ज्ञान की सामग्री हैं।
ज्ञान की परिभाषा
- लॉक के अनुसार ज्ञान हमारे प्रत्ययों के पारस्परिक संबंध का, उनकी संगति या असंगति का प्रत्यक्ष मात्र है।
- उन्होंने प्रत्ययों के बीच संगति या असंगति के चार प्रकार बताएं:
- अभेद या भेद
- अमूर्त सम्बन्ध
- सह अस्तित्व
- यथार्थ अस्तित्व
ज्ञान के प्रकार
- लॉक की ज्ञानमीमांसा में तीन प्रकार के ज्ञानों का वर्णन है:
- इंद्रिय-ज्ञान: यह संवेदना ज्ञान द्वारा वाध्य वस्तुओं का ज्ञान है।
- प्रातिभ ज्ञान या अन्तः प्रज्ञात्मक ज्ञान: यह सबसे अधिक असंदिग्ध ज्ञान है, जैसे "दिन रात नहीं हैं", "काली सफेद नहीं है"।
- निदर्शनात्मक ज्ञान: दो विज्ञानों की संगति या असंगति तिसरे विज्ञान के माध्यम से होती है।
ज्ञान की सीमा एवं प्रामाणिकता
- लॉक ने बताया कि चूंकि अनुभव में प्रत्यय मिलते हैं, अतः प्रत्यय ही हमारे ज्ञान की सीमा है।
- जिन पदार्थों का प्रत्यय नहीं हो सकता उनका ज्ञान भी संभव नहीं हो सकता।
- ज्ञान की प्रामाणिकता के लिए लॉक ने संवादिता सिद्धांत को स्वीकार किया: अगर प्रत्यय के अनुरूप वस्तु है, तो ज्ञान सत्य है, वरना असत्य।
ज्ञान-ज्ञेय-संबंध : प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद
- लॉक, वस्तुवाद के समर्थक थे।
- लॉक के अनुसार, वस्तुओं का ज्ञान हमें वस्तुओं में निहित प्राथमिक गुणों के माध्यम से होता है।
- इंद्रिय का किसी वस्तु से संपर्क होने पर, वस्तु अपने मूल गुण की छाप चेतन मन में डाल देती है।
- यही छाप या प्रत्यय वस्तु का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- लॉक ने द्रव्य की सत्ता को स्वीकार किया, हालांकि वह साक्षात रूप से नहीं जानी जा सकती।
- यहां प्रत्ययों के माध्यम से द्रव्य की सत्ता को स्वीकार किया जाता है, इसलिए इसे प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद कहा जाता है।
लॉक की ज्ञानमीमांसा
- लॉक के दर्शन में ज्ञानमीमांसा प्रमुख है
- लॉक का मानना है कि तत्वमीमांसा विवेचन से पूर्व ज्ञानमीमांसा का विवेचन आवश्यक है।
लॉक की ज्ञानमीमांसा के दो पक्ष:
- खंडनात्मक पक्ष: लॉक बुद्धिवादियों द्वारा स्वीकृत जन्मजात प्रत्ययों की धारणा का खंडन करते हैं।
- मंडनात्मक पक्ष: वे ज्ञान प्राप्ति की साधन, स्वरूप, सीमा इत्यादि का वर्णन करते हैं।
जन्मजात प्रत्ययों का खंडन
- लॉक अनुभववाद की स्थापना के लिए बुद्धिवाद की आधारभूत मान्यता का सभी संभव तर्कों का खंडन करते हैं।
- लॉक का मानना है कि सभी ज्ञान अनुभव से प्राप्त होता है।
- अनुभव से पहले मस्तिष्क एक Tabula Rasa, Empty Pot, या clean slate के समान होता है, जहां अनुभव के माध्यम से ज्ञान अंकित किया जाता है।
ज्ञान का स्त्रोत
- लॉक के अनुसार यथार्थ ज्ञान प्राप्ति का एकमात्र स्त्रोत अनुभव है।
- अनुभव से ज्ञानप्राप्ति दो रूपों में होती है:
- संवेदन (Sensation): बाह्य जगत से ज्ञान
- स्वसंवेदन (Reflection): मन की आंतरिक क्रियाओं का प्रत्यीकरण
- दोनों संवेदन और स्वसंवेदन हमारे समस्त ज्ञान का निर्माण करते हैं।
- संवेदन स्वसंवेदन से पहले होता है।
ज्ञान का स्वरूप
- लॉक के अनुसार हमारा ज्ञान प्रत्ययों (Ideas) से निर्मित होता है।
- संवेदन एवं स्वसंवेदन से हमें ज्ञान प्रत्ययों के रूप में प्राप्त होते हैं।
- प्रत्ययों के अतिरिक्त किसी पदार्थ का साक्षात ज्ञान हमें नहीं होता।
- प्रत्यय ज्ञान नहीं है बल्कि ज्ञान के निर्मायक तत्व हैं।
- प्रत्ययों के बीच संगति एवं या विसंगति या विरोधिता के सम्बन्ध के प्रत्यक्ष को ही ज्ञान कहते हैं।
- लॉक के अनुसार प्रत्यय के दो प्रकार हैं:
- सरल प्रत्यय: संवेदन से या स्वसंवेदन से या दोनों से आते हैं।
- मिश्र या जटिल प्रत्यय: सरल प्रत्ययों से जटिल प्रत्ययों का निर्माण होता है।
- मन सक्रिय रूप से सरल प्रत्ययों के मिश्रण से जटिल प्रत्ययों का निर्माण करता है।
- ये प्रत्यय ही हमारे समस्त ज्ञान की सामग्री हैं।
ज्ञान की परिभाषा
- लॉक ज्ञान को परिभाषित करते हुए कहते हैं कि ज्ञान हमारे प्रत्ययों के पारस्परिक सम्बन्ध का, उनकी संगति या असंगति का प्रत्यक्ष मात्र है।
- प्रत्ययों के बीच संगति या असंगति चार प्रकार की होती है:
- अभेद या भेद
- अमूर्त सम्बन्ध
- सह अस्तित्व
- यथार्थ अस्तित्व
ज्ञान के प्रकार
- लॉक की ज्ञानमीमांसा में तीन प्रकार के ज्ञानों की विवेचना की गई है:
- इन्द्रिय-ज्ञान: वाध्य वस्तुओं का ज्ञान। यह अन्य की की अपेक्षा कम प्रमाणिक जान है।
- प्रातिभ ज्ञान या अन्तः प्रज्ञात्मक ज्ञान: सबसे अधिक असंदिग्ध जान। निश्चयात्मक एवं स्वयंसिद्ध ज्ञान।
- निदर्शनात्मक ज्ञान: दो विज्ञानों की संगति या असंगति का जान तीसरे विज्ञान के माध्यम से होता है।
ज्ञान की सीमा एवं प्रामाणिकता
- चूँकि अनुभव में प्रत्यय मिलते हैं, अतः प्रत्यय ही हमारे जान की सीमा है।
- हम ऐसे किसी वस्तु का ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते जिसका हमें कोई प्रत्यय न मिलता हो।
- लॉक संवादिता सिद्धांत को स्वीकार करते हैं।
- प्रत्यय के अनुरूप वस्तु के रहने पर ज्ञान सत्य होता है, प्रत्यय के अनुरूप वस्तु के नहीं रहने पर ज्ञान असत्य होता है।
ज्ञान-ज्ञेय-संबंध : प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद
- लॉक वस्तुवाद का समर्थन करते हैं।
- लॉक के अनुसार वस्तुओं का ज्ञान हमें वस्तुओं में निहित प्राथमिक गुणों के माध्यम से होता है।
- लॉक के अनुसार प्रत्यय हमारे ज्ञान के साक्षात् विषय हैं।
- प्रत्ययों से हमें वस्तुओं के गुणों का ज्ञान प्राप्त होता है।
- लॉक के अनुसार जब इन्द्रिय का किसी वस्तु से संपर्क होता है तो वस्तु अपने मूल गुण की छाप उस इन्द्रिय के माध्यम से चेतन मन में डाल देती है।
- यह छाप या प्रत्यय वस्तु का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- यहाँ प्रत्यक्ष रूपी प्रतिनिधि के प्रत्यक्ष ज्ञान के आधार पर इसके अधिष्ठान स्वरूप दुव्य की सत्ता को स्वीकार किया गया है।
- इसे प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद कहा जाता है।
### जॉन लॉक की ज्ञानमीमांसा
- जॉन लॉक, पश्चिमी दर्शनशास्त्र के प्रथम विचारकों में से एक थे, जिन्होंने अपने दर्शन का प्रारंभ ज्ञानमीमांसा से किया।
- लॉक का मानना था कि तत्वमीमांसा का विचार करने से पहले ज्ञानमीमांसा पर विचार करना आवश्यक है।
- लॉक की ज्ञानमीमांसा में दो पक्ष हैं: खण्डनात्मक पक्ष और मंडनात्मक पक्ष।
- लॉक ने बुद्धिवादियों द्वारा स्वीकृत जन्मजात प्रत्ययों की धारणा का खण्डन किया।
- लॉक ने तर्क दिया कि सभी ज्ञान अनुभव के माध्यम से प्राप्त होता है।
- उन्होंने तर्क दिया कि जन्म से पहले मस्तिष्क Tabula Rasa (खाली पट्टी), Empty Pot (खाली घड़ा), clean slate (कोरी स्लेट) जैसा होता है।
- अनुभवों के माध्यम से ज्ञान मस्तिष्क पर अंकित होता है।
ज्ञान का स्रोत
- लॉक के अनुसार, यथार्थ ज्ञान प्राप्ति का एकमात्र स्रोत अनुभव है।
- अनुभव से ज्ञान प्राप्ति दो रूपों में होती है:
- संवेदन (Sensation): बाह्य ज्ञान जो ज्ञानेन्द्रियों के माध्यम से प्राप्त होता है।
- स्वसंवेदन (Reflection): मन की आंतरिक क्रियाओं का प्रत्यीकरण। यह मन के विचार, भावनाओं और स्मृतियों को समझता है।
- संवेदन और स्वसंवेदन दोनों ही हमारे समस्त ज्ञान का निर्माण करते हैं।
- लॉक का तर्क है कि संवेदन स्वसंवेदन से पहले होता है।
ज्ञान का स्वरूप
- लॉक ने तर्क दिया कि हमारा सभी ज्ञान प्रत्ययों (Ideas) से निर्मित होता है।
- प्रत्यय संवेदन और स्वसंवेदन के माध्यम से प्राप्त होते हैं।
- प्रत्यय ही ज्ञान के वास्तविक विषय हैं, किसी पदार्थ का सीधा ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता।
- लॉक के अनुसार, दो प्रत्ययों के बीच संबंध, संगति या विरोधाभास ही ज्ञान है।
- प्रत्यय ज्ञान नहीं हैं, बल्कि ज्ञान निर्माण के तत्व हैं।
- लॉक के अनुसार प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं: सरल प्रत्यय और मिश्र या जटिल प्रत्यय।
- सरल प्रत्यय संवेदन या स्वसंवेदन से आते हैं।
- जटिल प्रत्यय सरल प्रत्ययों के मिलाने से बनते हैं।
ज्ञान की परिभाषा
- लॉक ने ज्ञान को हमारे प्रत्ययों के पारस्परिक सम्बन्ध का, उनकी संगति या असंगति का प्रत्यक्ष मात्र बताया है।
- प्रत्ययों के बीच संगति या असंगति चार प्रकार की होती है:
- अभेद या भेद
- अमूर्त सम्बन्ध
- सह अस्तित्व
- यथार्थ अस्तित्व
ज्ञान के प्रकार
- लॉक ने ज्ञान का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया है:
- इन्द्रिय-ज्ञान: इन्द्रिय ज्ञान या संवेदना ज्ञान द्वारा वाध्य वस्तुओं का ज्ञान होता है।
- प्रातिभ ज्ञान या अन्तः प्रज्ञात्मक ज्ञान: यह सबसे अधिक असंदिग्ध जान है।
- निदर्शनात्मक ज्ञान: जब दो विज्ञानों की संगति या असंगति का जान तीसरे विज्ञान के माध्यम से होता है तो उसे निदर्शनात्मक ज्ञान कहते हैं।
ज्ञान की सीमा और प्रामाणिकता
- लॉक के अनुसार, चूँकि अनुभव में प्रत्यय मिलते हैं, अतः प्रत्यय ही हमारे जान की सीमा है।
- हम ऐसे किसी वस्तु का ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते जिसका हमें कोई प्रत्यय न मिलता हो।
- लॉक संवादिता सिद्धांत को स्वीकार करते हैं। इनके अनुसार प्रत्यय के अनुरूप वस्तु के रहने पर ज्ञान सत्य होता है, प्रत्यय के अनुरूप वस्तु के नहीं रहने पर ज्ञान असत्य होता है।
ज्ञान-ज्ञेय-संबंध: प्रतिनिधिमूलक वस्तुवाद
- लॉक ने तर्क दिया कि प्रत्यय हमारे ज्ञान के वास्तविक विषय हैं।
- जब इन्द्रिय का किसी वस्तु से संपर्क होता है तो वस्तु अपने मूल गुण की छाप उस इन्द्रिय के माध्यम से चेतन मन में डाल देती है। यही छाप या प्रत्यय वस्तु का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- लॉक प्रत्यक्षीत गुणों के आधार रूप में बाह्य वस्तु की सत्ता को स्वीकार करते हैं।
Studying That Suits You
Use AI to generate personalized quizzes and flashcards to suit your learning preferences.
Related Documents
Description
इस क्विज में भाषाई अध्ययन और लेखन की प्रक्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न शामिल हैं। इसे बहुभाषी संदर्भ में मानक भाषा की उपयोगिता और लेखन के उद्देश्यों को समझने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यहाँ पर भाषा की भूमिकाओं और लेखन के मुख्य चरणों पर भी ध्यान दिया गया है।