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Questions and Answers
दर्शन शब्द की व्युत्पत्ति किस धातु से हुई है?
दर्शन शब्द की व्युत्पत्ति किस धातु से हुई है?
- दृष् उपासने
- दृशिर प्रेक्षणे (correct)
- दृशि उपेक्षणे
- द्रष्टि अवलोकनं
आस्तिक दर्शन में क्या शामिल है?
आस्तिक दर्शन में क्या शामिल है?
- आत्मा का अभाव
- परलोक को नकारना
- कर्मफल का ज्ञान (correct)
- ईश्वर की अनास्था
भारतीय दर्शन का मूल स्रोत क्या है?
भारतीय दर्शन का मूल स्रोत क्या है?
- उपनिषद
- जोतिष
- सृजित
- वेद (correct)
सांख्य दर्शन का प्रवर्तक कौन है?
सांख्य दर्शन का प्रवर्तक कौन है?
योग दर्शन में किसकी परिकल्पना की जाती है?
योग दर्शन में किसकी परिकल्पना की जाती है?
दर्शन की विषय शाखाओं में निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प शुद्ध नहीं है?
दर्शन की विषय शाखाओं में निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प शुद्ध नहीं है?
वैशेषिक दर्शन का प्रवर्तक कौन है?
वैशेषिक दर्शन का प्रवर्तक कौन है?
न्याय दर्शन में कौन सा प्रमुख सिद्धान्त है?
न्याय दर्शन में कौन सा प्रमुख सिद्धान्त है?
भारतीय दर्शन के कितने प्रकार हैं?
भारतीय दर्शन के कितने प्रकार हैं?
कौन सा दर्शन निरिश्वर दर्शन के रूप में जाना जाता है?
कौन सा दर्शन निरिश्वर दर्शन के रूप में जाना जाता है?
आधिभौतिक दुःख का क्या अर्थ है?
आधिभौतिक दुःख का क्या अर्थ है?
सांख्य दर्शन के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन सा तत्त्व नहीं है?
सांख्य दर्शन के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन सा तत्त्व नहीं है?
केवल विकृति के तत्व क्या होते हैं?
केवल विकृति के तत्व क्या होते हैं?
आधिदैविक दुःख किसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है?
आधिदैविक दुःख किसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है?
सांख्य दर्शन के अनुसार कितने तत्वों को माना गया है?
सांख्य दर्शन के अनुसार कितने तत्वों को माना गया है?
न प्रकृति, न विकृति कौन से तत्व होते हैं?
न प्रकृति, न विकृति कौन से तत्व होते हैं?
आध्यात्मिक दुःख किस कारण से उत्पन्न होता है?
आध्यात्मिक दुःख किस कारण से उत्पन्न होता है?
प्रकृति और विकृति के तत्व किन्हें प्रदर्शित करते हैं?
प्रकृति और विकृति के तत्व किन्हें प्रदर्शित करते हैं?
सांख्य दर्शन के अनुसार सृष्टि की उत्पत्ति का क्या मानना है?
सांख्य दर्शन के अनुसार सृष्टि की उत्पत्ति का क्या मानना है?
'सांख्य' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
'सांख्य' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
सेश्वर सांख्य के अनुसार ईश्वर की आवश्यकता क्यों है?
सेश्वर सांख्य के अनुसार ईश्वर की आवश्यकता क्यों है?
सांख्य अपनी सिद्धि किस सूत्र द्वारा स्पष्ट करता है?
सांख्य अपनी सिद्धि किस सूत्र द्वारा स्पष्ट करता है?
सांख्य दर्शन और योग दर्शन के बीच का प्रमुख भेद क्या है?
सांख्य दर्शन और योग दर्शन के बीच का प्रमुख भेद क्या है?
'ईश्वरासिद्धः' सूत्र का क्या अर्थ है?
'ईश्वरासिद्धः' सूत्र का क्या अर्थ है?
कपिलमुनि को कई विद्वान क्यों अनिश्वरवादी मानते हैं?
कपिलमुनि को कई विद्वान क्यों अनिश्वरवादी मानते हैं?
सांख्यकारिका में किसे अंतिम तत्त्व मानकर विवेचन किया गया है?
सांख्यकारिका में किसे अंतिम तत्त्व मानकर विवेचन किया गया है?
सांख्य दर्शन में मोक्ष का कारण क्या बताया गया है?
सांख्य दर्शन में मोक्ष का कारण क्या बताया गया है?
सांख्य और योग में मुख्यतः कौन सा अंतर है?
सांख्य और योग में मुख्यतः कौन सा अंतर है?
क्या 'ईश्वरासिद्धः' सूत्र यह निष्कर्ष देता है कि ईश्वर का अस्तित्व नहीं है?
क्या 'ईश्वरासिद्धः' सूत्र यह निष्कर्ष देता है कि ईश्वर का अस्तित्व नहीं है?
संख्या शब्द का अर्थ क्या है?
संख्या शब्द का अर्थ क्या है?
सांख्य दर्शन की क्या आवश्यकता है?
सांख्य दर्शन की क्या आवश्यकता है?
किसके अनुसार चेतन पुरूष निरीह है?
किसके अनुसार चेतन पुरूष निरीह है?
सांख्य दर्शन में किसकी गणना यदि नहीं की गई तो क्या परिणाम होगा?
सांख्य दर्शन में किसकी गणना यदि नहीं की गई तो क्या परिणाम होगा?
Study Notes
दर्शन निरुपण
- 'दर्शन' शब्द 'दृशिर प्रेक्षणे' धातु में 'ल्यु' प्रत्यय से व्युत्पन्न।
- दर्शन का अर्थ: 'जिसके द्वारा देखा जाए'।
दर्शन का लक्षण
- 'दृश्यते यथार्थ तत्त्वं अनेन इति दर्शनम्'।
- भारतीय दर्शनों का मूल स्रोत वेद।
- भारतीय दर्शनों की दो प्रमुख श्रेणियाँ: आस्तिक और नास्तिक।
आस्तिक दर्शन
- वेदों को प्रमाण मानने वाले, परलोक और ईश्वर पर श्रद्धा रखने वाले।
- कर्मफल और आत्मा द्वारा सत् और असत् ज्ञान का विवेचन।
दर्शन की शाखाएँ
- ज्ञानमीमांसा (Epistemology)
- तत्वमीमांसा (Metaphysics)
- नीतिमीमांसा (Ethics)
- तर्कशाख (Logic)
- सौंदर्यशाख (Aesthetics)
भारतीय दर्शनों की संख्या
- 'सर्वदर्शन संग्रह' ग्रंथ में 16 भारतीय दर्शनों का उल्लेख:
- चार्वाक, जैन, बौद्ध, सांख्य, योग, वैशेषिक, न्याय, पूर्व मीमांसा, उत्तर मीमांसा, रामानुज, पूर्णत्रज्ञा, नाकुलिश पाशुपत्य, प्रत्यभिज्ञा, मेश्वर, पाणिनी।
सांख्य दर्शन
- प्रवर्तक: कपिल मुनि
- सिद्धांत: सत्कार्यवाद, परिणामवाद।
- पर्याय: निरिश्वर दर्शन।
- प्रमाण: प्रत्यक्ष, अनुमान, शब्द।
'सांख्य' शब्द का अर्थ
- 'सांख्य' शब्द की निष्पत्ति 'संख्या' शब्द से हुई।
- सृष्टि के तत्व: प्रकृति और पुरूष।
सेश्वर सांख्य
- प्रकृति और पुरूष के संयोग में ईश्वर को कारण माना जाता है।
- ईश्वर की सिद्धि सांख्य सूत्रों में स्पष्ट रूप से दर्शाई गई है।
त्रिविध दुःख निवारण
- आधिभौतिक दुःख: भौतिक दुष्यों से उत्पन्न।
- आधिदैविक दुःख: दैवी प्रकोप से उत्पन्न।
- आध्यात्मिक दुःख: शारीरिक और मानसिक कारणों से उत्पन्न।
सृष्टि उत्पत्ति एवं तत्व विवेचन
- सांख्य दर्शन में 25 तत्वों का उल्लेख:
- पुरुष, प्रकृति, महत्, अहंकार, मन, पंचज्ञानेन्द्रियाँ, पंचकर्मेन्द्रियाँ, पंचतन्मात्रायें, पंचमहाभूत।
सांख्य तत्वों का विभाजन
- 'केवल प्रकृति': केवल प्रकृति के तत्व।
- 'केवल विकृति': जो अन्य से उत्पन्न होते हैं, किंतु स्वयं उत्पन्न नहीं करते।
- 'प्रकृति और विकृति': दोनों प्रकार के तत्व।
- 'न प्रकृति, न विकृति': न कोई उत्पन्न करते, न उत्पन्न होते हैं।
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Description
इस प्रश्नोत्तरी में 'दर्शन' शब्द की व्युत्पत्ति और इसके लक्षण के बारे में जानकारी दी जाएगी। भारतीय दर्शन का उल्लिखित मूल स्रोत वेद है। दर्शनों की विभिन्न विभागों की चर्चा भी इस प्रश्नोत्तरी का हिस्सा होगी।